G6PD ka ilaaj kya hai
जी6पीडी की कमी (G6PD Deficiency): कारण, लक्षण, उपचार और बचाव
G6PD की कमी एक अनुवांशिक बीमारी है, जो शरीर में ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (G6PD) एंजाइम की कमी के कारण से होता है। यह एंजाइम लाल रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है और उन्हें ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाता है।
इस रोग से प्रभावित व्यक्ति की लाल रक्त कोशिकाएं कुछ दवाओं, खाद्य पदार्थों संक्रमण के संपर्क में आने से नष्ट हो सकती हैं, जिससे हीमोलाइटिक एनीमिया हो सकता है।
1) G6PD की कमी का क्या कारण है?
G6PD की कमी एक अनुवांशिक बीमारी है जो माता-पिता से बच्चों में आती है। यह समस्या X-क्रोमोसोम से जुड़ी है, इसलिए यह पुरुषों में अधिक होती है। महिलाओं में यह स्थिति तभी उत्पन्न होती है जब दोनों X-क्रोमोसोम में दोषपूर्ण जीन हो। यदि केवल एक X-क्रोमोसोम प्रभावित हो, तो महिला वाहक (Carrier) बन सकती है, लेकिन उसे गंभीर लक्षण नहीं होते।

2)G6PD के क्या लक्षण है?
G6PD की कमी के लक्षण तब दिखाई देते हैं जब लाल रक्त कोशिकाएं तेजी से टूटने लगती हैं। यह समस्या कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि संक्रमण, कुछ दवाएं, और खाद्य पदार्थ। लक्षण इस प्रकार हैं:
* हीमोलाइटिक एनीमिया –: लाल रक्त कोशिकाओं के नष्ट होने से खून की कमी हो सकती है।
* पीलिया –: बिलीरुबिन बढ़ने से त्वचा और आंखों में पीलापन आ जाता है।
* थकान और कमजोरी –: शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण व्यक्ति जल्दी थक जाता है।
*सांस लेने में परेशानी –: शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने से सांस भी फूल सकती है।
*तेज दिल की धड़कन –: शरीर में खून की कमी से हृदय तेजी से धड़कने लगता है।
3)G6PD की कमी से बचने के उपाय क्या है?
G6PD की कमी वाले पेशेंट्स को कुछ विशेष दवाओं, खाद्य पदार्थों और संक्रमण से बचने की सलाह दी जाती है। इससे लाल रक्त कोशिकाओं की क्षति को रोका जा सकता है।
1. दवाओं से बचाव
G6PD की कमी वाले लोगों को निम्नलिखित दवाओं से बचना चाहिए:
-Aspirin
-Primaquine , Chloroquine
2. खाद्य पदार्थों से बचाव
G6PD की कमी वाले लोगों के लिए हानिकारक हो सकते हैं:
-फवा बीन्स –: यह शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ा सकते हैं, जिससे लाल रक्त कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं।
-ब्लू बैरी और सोया उत्पाद –: इनमें ऐसे तत्व होते हैं जो RBCs को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
3. संक्रमण से बचाव
G6PD की कमी वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए, कुछ बाते का ध्यान रखना चाहिए ,
- साफ-सफाई का डेली ध्यान रखें।
- संक्रमण से बचने के लिए टीकाकरण लगाना चाहिए
४) निदान
G6PD की कमी का निदान रक्त परीक्षण से किया जाता है। डॉक्टर हीमोलाइटिक एनीमिया के लक्षणों को देखते हुए यह टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।
- G6PD एंजाइम टेस्ट
– शरीर में इस एंजाइम की कितनी मात्रा है। यह जांच करता है
- बिलीरुबिन टेस्ट – यह टेस्ट खून में बिलीरुबिन के स्तर को नापता है।
५) उपचार (Treatment)
G6PD की कमी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कण्ट्रोल किया जा सकता है। उपचार इस प्रकार हैं:
- यदि किसी दवा, भोजन, या संक्रमण के कारण समस्या हो रही है, तो उसे तुरंत रोकना चाहिए।
- एनीमिया गंभीर है, तो डॉक्टर ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सलाह दे सकते है।
– डॉक्टर आवश्यकतानुसार फोलिक एसिड सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं, जिससे शरीर नई लाल रक्त कोशिकाएं बना सके।
-जल्द से जल्द चिकित्सा सहायता लेना
निष्कर्ष
G6PD की कमी एक आनुवंशिक विकार है, लेकिन यदि सही तरीके से प्रबंधन किया जाए तो इससे होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है। जिन लोगों को यह समस्या होती है, उन्हें अपने आहार, दवाओं और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।