psoriasis ka ilaaj homeopathy se
16 साल पुरानी सोरायसिस का होमियोपैथी "जड़ से ख़तम " इलाज
16 साल पुरानी सोरायसिस को कैसे मिटाया होमियोपैथी से ?
सोरायसिस एक दीर्घकालिक त्वचा रोग है, जिसमें त्वचा की कोशिकाएं सामान्य से अधिक तेजी से बढ़ने लगती हैं। यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही त्वचा की कोशिकाओं पर हमला करती है। इसके परिणामस्वरूप त्वचा पर लाल, खुरदुरी और त्वचा की परतें बनती हैं, जो बहुत से लोगों के लिए असुविधाजनक और तनावपूर्ण हो सकती हैं।
इस वीडियो में बताये गया वयक्ति जो पिछले 16 सालों से सोरायसिस नामक एक गंभीर बीमारी से ग्रसित था। उसे इस बीमारी के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। उसने अनगिनत डॉक्टरों से परामर्श किया और कई दवाइयाँ लीं, लेकिन रोग में सुधार की अपेक्षा नहीं मिली।
साल दर साल, उसकी स्थिति और भी खराब होती गई। उसकी त्वचा पर लाल ताजे धब्बे हो जाते थे, साथ ही छोटे, चांदी जैसे चकत्ते भी निकलते थे। प्रभावित क्षेत्रों में खुजली, जलन और दर्द रहता था। उसकी त्वचा में सूखापन बढ़ता गया, और कई बार तो त्वचा फटने लगती थी। दवाइयों के सेवन के साथ-साथ, अन्य अंगों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा, जिससे उसकी चिंता और भी बढ़ गई।
वह निराश और हताश हो चुका था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसे क्या करना चाहिए। अंततः, एक दोस्त ने उसे होमियोपैथी डॉक्टर से मिलने की सलाह दी, जो उसे उसके रोग के लिए एक स्थायी समाधान प्रदान कर सकता था। जब उसने डॉ. प्रदीप से संपर्क किया, तो उस मुलाकात ने उसकी जिंदगी बदल दी। डॉ. प्रदीप ने उसे समझाया कि सोरायसिस का उपचार थोड़े समय ले सकता है, और यह पूरी तरह से मरीज के शरीर की स्थिति पर निर्भर करता है। डॉ. प्रदीप की देखभाल और ज्ञान ने उसे विश्वास दिलाया कि वह सही रास्ते पर है।
डॉ. प्रदीप ने उसे सलाह दी कि उसे शराब और धूम्रपान से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये सूजन को बढ़ा सकते हैं। उसने होमियोपैथी उपचार शुरू किया और धीरे-धीरे उसकी सेहत में सुधार होने लगा। उसकी त्वचा की स्थिति में सुधार हुआ, और वह फिर से सामान्य भोजन कर सका।
कुछ समय बाद, उसने अपनी त्वचा में अद्भुत बदलाव देखे। उसकी सोरायसिस में काफी सुधार हुआ, और वह अब अपने जीवन में खुशी और स्वास्थ्य का अनुभव करने लगा। डॉ. प्रदीप के प्रति उसकी कृतज्ञता असीमित थी, क्योंकि उन्होंने बिना किसी सर्जरी के उसे उसके दाग से आज़ाद कर दिया।इस यात्रा ने उसे एक नया विश्वास और जीवन का उत्साह दिया। अब वह न केवल स्वयं को स्वस्थ महसूस करता था, बल्कि उसने अपने जीवन में एक नई शुरुआत की, जहाँ उसने उम्मीद और आशा की रौशनी देखी।
सोरायसिस का १०० % "सचोट इलाज " होमियोपैथी में
होमियोपैथी में सोरायसिस जैसे जटिल त्वचाजनित रोगों के उपचार के लिए एक संपूर्ण और सुरक्षित दृष्टिकोण अपनाया जाता है। होमियोपैथी का मुख्य सिद्धांत 'समानता का सिद्धांत' है, जिसका अर्थ है कि रोग की स्थिति को ठीक करने के लिए उसी प्रकार के लक्षण पैदा करने वाली दवा का उपयोग किया जाता है। उपचार में व्यक्तिगत मरीज की संपूर्ण स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखा जाता है, जिसमें उनके मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक पहलू शामिल होते हैं। सोरेयसिस के प्रारंभिक लक्षणों में अक्सर प्रभावित क्षेत्रों पर लाल या गुलाबी रंग के दाग दिखाई देते हैं। इन दागों के ऊपर सफेद या सिल्वर रंग की परत हो सकती है। इसके अलावा, प्रभावित स्थानों पर खुजली, जलन या सूजन हो सकती है। आमतौर पर ये दाग कोहनी, घुटनों, scalp (त्वचा), और पीठ के निचले हिस्से में होते हैं। सोरायसिस के लिए होमियोपैथी में मुख्यत: कुछ महत्वपूर्ण तत्व होते हैं, जैसे कि संवेदनशीलता, दवा का चयन, और लगातार चिकित्सात्मक निगरानी। होमियोपैथिक दवाएँ न केवल त्वचा के लक्षणों को कम करती हैं, बल्कि शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को भी संतुलित करती हैं, जिससे स्थायी सुधार संभव हो पाता है। इसके अलावा, होमियोपैथी पूरी तरह से सुरक्षित है, यानी इसके सेवन से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। इस दौरान, आप अपनी स्वास्थ्य स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अन्य उपचारों का सहारा भी ले सकते हैं। होमियोपैथी एक अद्वितीय चिकित्सा पद्धति है, जो आपके शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालती है और आपको निरंतर स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है।
सोरायसिस (Psoriasis) के लिए कोनसी दवा खाये ?
सोरेयसिस (Psoriasis) के इलाज के लिए कई प्रकार की चिकित्सा उपलब्ध हैं, जिनमें से होम्योपैथी एक सुरक्षित और प्रभावशील विकल्प हो सकता है। होम्योपैथी में ऐसे दवाओं का चयन किया जाता है जो व्यक्ति की समग्र स्वास्थ्य स्थिति और लक्षणों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की जाती हैं। होम्योपैथिक दवाएं त्वचा की खुजली, लालिमा और सूजन को कम करने में मदद करती हैं। हालाँकि, सोरेयसिस की स्थिति के लिए हमेशा एक योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है ताकि सही दवा और डोज़ का चयन किया जा सके। यह ध्यान रखें कि होम्योपैथी में सुधार धीरे-धीरे होता है, इसलिए धैर्य रखना महत्वपूर्ण है।होम्योपैथिक दवा सोरेयसिस के लाल और सूजे हुए दागों के लिए उपयोगी है, जो खुजली के साथ होते हैं।अगर किसी की त्वचा की स्थिति मौसम से प्रभावित होती है, तो यह दवा फायदेमंद हो सकती है।