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Testimonails

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bina operation chronic pancreas ka ilaaj
बिना सर्जरी "क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस " का इलाज कैसे होता हैं ? इस वीडियो में बताये गए दर्दी क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस की समस्या से ग्रस्त था। उसे अचानक तेज दर्द का दौरा पड़ा और वह कमजोरी के कारण गिरने लगा। जब उसने एक एलोपैथिक डॉक्टर से संपर्क किया, तो डॉक्टर ने उसे एलोपैथी दवाई दी, जिससे उसकी दर्द में थोड़ी राहत मिली, लेकिन उसकी समस्या का स्थायी समाधान नहीं मिला। कुछ समय बाद उसकी फिर से दर्द की शिकायत हो गई।इस बार, उसने एक अन्य डॉक्टर से परामर्श किया, लेकिन वह डॉक्टर उसके असली रोग का निदान करने में असमर्थ रहा। उसे न तो पैंक्रियास के बारे में पता था और न ही इस ग्रंथि की समस्याओं के बारे में। उसकी स्थिति लगातार खराब हो रही थी क्योंकि उसे बार-बार दर्द के दौरे पड़ते थे। उसने इस बीमारी से स्थायी राहत पाने की उम्मीद की। इसके अलावा, उसे बाईं ओर के पेट में बहुत गंभीर दर्द हो रहा था और उसकी पाचन क्षमता भी बहुत कमजोर थी।  एक दिन, उसने एक वीडियो देखा जिसमें एक होम्योपैथी डॉक्टर पैंक्रियाटाइटिस के इलाज के लिए बेहतरीन समाधानों की बात कर रहे थे। डॉक्टर ने कहा कि अगर आपको तीव्र पैंक्रियाटाइटिस है, तो आपको इससे बचने के लिए दवा लेनी चाहिए। वहीं, अगर आपको पुरानी पैंक्रियाटाइटिस है, तो आपको होम्योपैथी दवा लेनी चाहिए ताकि बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सके।इस वीडियो को देखने के बाद, उसने इस डॉक्टर से मिलने का फैसला किया। डॉ. प्रदीप, जो पैंक्रियाटाइटिस के विशेष जानकार थे, के बारे में उसने बहुत सी सकारात्मक समीक्षाएं सुनी थीं। उस मरीज ने डॉ. प्रदीप के सभी वीडियो देखे और उन्हें मिलने का बड़ा उत्साह था।  जब वह अंततः डॉ. प्रदीप से मिला, तो उसका अनुभव बहुत यादगार और सुखद था। डॉ. प्रदीप ने उसे बताया कि इस बीमारी को ठीक होने में कुछ समय लगता है, और यह मरीज के शरीर की स्थिति पर निर्भर करता है। उपचार शुरू करने के बाद, उस मरीज ने महसूस किया कि वह बहुत आराम और प्रेरित हुआ है। उसने अपने व्यक्तिगत जीवन को संभालना शुरू किया और स्वस्थ जीवन जीने का प्रयास किया। उसने अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया और डॉ. प्रदीप से नियमित अपॉइंटमेंट लेने लगा। डॉक्टर ने उसे बहुत सारे निर्देश और डाइट दिए, जो उसकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुए। डॉक्टर का व्यवहार भी उसके प्रति बहुत शांत और सहानुभूतिपूर्ण था। धीरे-धीरे, उसकी सेहत में सुधार होने लगा और उसे अपने स्वास्थ्य में बड़े बदलाव देखने को मिले। अब वह सामान्य भोजन करने में सक्षम था, और उसकी पाचन प्रणाली भी सामान्य हो गई। वह लंबे समय तक चलने और दौड़ने में सक्षम हो गया।  उसने देखा कि उसका वजन भी बढ़ने लगा, जो उसके लिए एक महत्वपूर्ण सकारात्मक बदलाव था। धन्यवाद डॉ. प्रदीप का, जिन्होंने इतनी मेहनत की। और उसने सभी चिकित्सा स्टाफ और टीम का भी धन्यवाद किया, जो बहुत सहायक और दयालु थीं। इस होम्योपैथी के अनुभव ने उसे प्राकृतिक उपचार का एक नया रास्ता दिखाया और वह अपनी सेहत को बेहतर बनाने में सफल रहा। यह उसकी कहानी है—एक मरीज की जो बीमारी को मात देकर नई जिंदगी जीने लगा। होमियोपैथी में "क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस" का इलाज क्या हैं ? यदि आपकी पैंक्रियाटाइटिस पुरानी अवस्था में विकसित हो गई है, तो इसका इलाज करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है, लेकिन यह संभव है। सबसे पहले, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आप एक योग्य स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें, जो इस क्षेत्र में विशेषज्ञ हो। विशेषकर होम्योपैथी जैसे प्राकृतिक उपचार, पैंक्रियाटाइटिस में राहत का एक सुरक्षित और प्रभावी साधन हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक मरीज, जो पहले तेज पैंक्रियाटाइटिस से पीड़ित था, ने अंततः डॉक्टर प्रदीप कुशवाहा से होम्योपैथिक उपचार लिया। उन्होंने देखा कि डॉक्टर ने उनकी संपूर्ण स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत रूप से चिकित्सा योजना बनाई।
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crohns ka ilaaj
यह 10 होम्योपैथी लाभ से क्रोहन रोग का प्रभावी उपचार क्रोन की बीमारी एक जटिल और गंभीर आंतों की बीमारी है, जो समय के साथ बिगड़ सकती है। इस रोग के मरीज अक्सर अत्यधिक वजन घटाने, भूख में कमी, और तीव्र दर्द का सामना करते हैं। वहीं, सर्जरी का विकल्प भी कभी-कभी सुझाया जाता है। लेकिन होम्योपैथी इस स्थिति के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार का विकल्प प्रस्तुत करती है, जो बिना सर्जरी के भी रोग का इलाज कर सकती है। यहाँ हम होम्योपैथी के 10 फ़ायदे पर चर्चा करेंगे, जो क्रोन की बीमारी के उपचार में मददगार साबित हो सकते हैं। क्रोनह रोग के लिए सबसे अच्छा इलाज कौनसा हैं ? 1) सही लक्षणों और कारणों का निदान: होम्योपैथी के पहले लाभ के रूप में, यह सही लक्षणों और रोग के कारणों का गहराई से निदान करती है। यह एक महत्वपूर्ण पहलू है, क्योंकि सही निदान उपचार के लिए आधार तैयार करता है। यदि मरीज को शरीर में बहुत दर्द हो रहा हो, तो होम्योपैथी व्यक्तिगत लक्षणों के अनुसार इलाज करती है। यह रोग की जड़ तक पहुँचने में मदद करती है, जो किसी भी उपचार प्रक्रिया के लिए अनिवार्य है।  2) शरीर के दर्द के लिए उपयुक्त उपचार: यदि मरीज को शरीर में अत्यधिक दर्द हो रहा है, तो होम्योपैथी उस दर्द के अनुसार उपचार तय करती है। इससे मरीज को तत्काल राहत मिलती है।  3) भोजन की रूचि बढ़ाना: कई मरीज भूख के नुकसान का सामना करते हैं। होम्योपैथी न केवल उचित आहार में मदद करती है, जब मरीज की भूख में कमी आ जाती है, तो होम्योपैथी भोजन के स्वाद को संतुलित करने में सहायक हो सकती है। यह उपचार ज़्यादा मात्रा में औषधियों की अपेक्षा नहीं करता, बल्कि लक्षणों को कम करने में सहायक होता है। जिससे मरीज को खाना खाने में रुचि लौटती है।  4) स्वास्थ्य में सुधार और लक्षणों में कमी: होम्योपैथी की दूसरी सहायता यह है कि यह मरीज के स्वास्थ्य को सुधारने और लक्षणों के प्रभाव को कम करने में क्षमता रखती है, जिससे वह सामान्य जीवन जी सकता है।होम्योपैथी गहन निरीक्षण के माध्यम से सही उपचार प्रदान करती है, जो लंबे समय में क्रोन रोग के दर्द से स्थायी राहत दिला सकती है।  5) समग्र चिकित्सीय समझ: कई मरीज विभिन्न डॉक्टरों के पास जाते हैं, लेकिन कभी-कभी सही निदान नहीं कर पाते। होम्योपैथी एक गहन दृष्टिकोण अपनाती है, और केवल रिपोर्ट पर निर्भर न रहकर मरीज के लक्षणों के गहन अवलोकन पर जोर देती है।होम्योपैथी केवल रिपोर्ट पर विचार नहीं करती; यह मरीज के लक्षणों का गहराई से निरीक्षण करती है। यह दृष्टिकोण मरीज को राहत और बेहतर स्वास्थ्य की आशा प्रदान करता है। 6) इम्यूनिटी में सुधार: जब मरीज उचित भोजन नहीं कर पाता और उसकी इम्युनिटी कम हो जाती है, तो होम्योपैथी उसके इम्यून सिस्टम को सुधारने में मदद कर सकती है। इससे मरीज का वजन बढ़ने में मदद मिलती है, जो क्रोन रोग के दौरान बहुत महत्वपूर्ण है। यह उपचार रोगी की वजन की समस्या को भी संबोधित करता है। 7) सर्जरी का विकल्प: कुछ मरीजों को स्थिति की गंभीरता के कारण सर्जरी की सलाह दी जाती है। होम्योपैथी ऐसे मामलों में एक सुरक्षित और संभावित विकल्प प्रस्तुत करती है, जिससे बिना किसी सर्जरी के लक्षणों में राहत मिल सकती है।होम्योपैथी ऐसे मरीजों के लिए एक जोखिम-मुक्त उपचार प्रदान करती है, जिससे वे चिंताओं से मुक्त हो सकते हैं।  8) मनोबल बढ़ाना: बहुत से मरीजों को अपने रोग के लिए सही निदान नहीं मिलता, जिससे उनके मनोबल में कमी आती है। होम्योपैथी एक आशा का संचार करती है और रोग को समझकर उपचार करती है।कई लोग अनावश्यक वजन को घटाने के लिए संघर्ष करते हैं, जो उनके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। होम्योपैथी ऐसे मरीजों को अपने शरीर की संरचना को सुधारने में मदद करती है। 9)वित्तीय सहायता: कुछ कुछ मरीजों के पास आवश्यक संजीवनी उपचार के लिए वित्तीय साधन नहीं होते। डॉ. प्रदीप जैसे होम्योपैथिक विशेषज्ञ, अपने कम खर्च में प्रभावशाली परिणाम प्रदान करते हैं, जिससे मरीज को मदद मिलती है। 10) जोखिम मुक्त उपचार: कई मरीज सर्जिकल हस्तक्षेप से डरते हैं, इसलिए होम्योपैथी को ऐसे मरीजों के लिए जोखिम मुक्त उपाय के रूप में माना जा सकता है। इससे मरीज को क्रोन की बीमारी के लक्षणों से राहत मिलती है बिना किसी जोखिम के।  11) होम्योपैथी पर विश्वास:- अंत में, जब मरीज होम्योपैथी को एक उपयुक्त विकल्प मानने लगते हैं, तो उनका विश्वास होम्योपैथिक डॉक्टरों पर बढ़ता है। वे जानते हैं कि होम्योपैथी में मरीज की प्राथमिकता सबसे पहले आती है, जो मरीजों को मानसिक शांति और स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में मदद करती है। क्रोन रोग के मरीजों के लिए होम्योपैथी एक संतोषजनक और सुरक्षित विकल्प है, जो विख्यात दो तत्वों — निर्दिष्ट लक्षणों के समुचित उपचार और व्यक्तिगत देखभाल — के माध्यम से रोगियों को आंतरिक संतुलन और स्वास्थ्य पुनर्प्राप्त करने में सहायता करती है। यह उपचार न केवल लक्षणों को कम करता है, बल्कि स्वास्थ्य के समग्र स्तर में भी सुधार लाता है। होम्योपैथी क्रोन रोग के उपचार में एक सहायक और सुरक्षित विकल्प प्रस्तुत करती है। यह एक व्यक्ति-केन्द्रित चिकित्सा पद्धति है, जिसमें मरीज के लक्षणों, वरीयताओं और स्वास्थ्य स्थितियों का गहन अध्ययन किया जाता है। होम्योपैथिक उपचार में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को ध्यान में रखा जाता है, जिससे रोगी की समग्र भलाई में सुधार होता है। यह न केवल बीमारी के लक्षणों को कम करने पर केंद्रित होता है, बल्कि रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी सुदृढ़ करता है, जिससे वजन बढ़ाने और भूख में वृद्धि संभव होती है।
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pancreatitis hone ke karan kya hai
पैंक्रियाटाइटिस होने के कारण (Reason) क्या हैं ? पैंक्रियाटाइटिस के मुख्य कारण क्या हैं ? 1. अधिक शराब का सेवन 2. पित्ताशय की पथरी 3. मधुमेह 4. उत्तेजक दवाओं का सेवन 5. जीन संबंधी कारण 6. अत्यधिक वसा वाले भोजन का सेवन 7. वज़न का बढ़ना (ओबेसिटी) 8. पेट की चोटें 9. धूम्रपान  1. अधिक शराब का सेवन अधिक मात्रा में शराब का सेवन पैंक्रियास के लिए सबसे सामान्य जोखिम कारकों में से एक है। शराब के अत्यधिक सेवन से पैंक्रियास में एंजाइम उत्पादन बढ़ जाता है, जो पित्त नली में रुकावट पैदा कर सकता है। इससे अग्नाशय में सूजन और दर्द होता है, जिसे पैंक्रियाटाइटिस कहा जाता है। यदि शराब का सेवन लंबे समय तक जारी रहता है, तो यह स्थिति क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस (दीर्घकालिक सूजन) में विकसित हो सकती है।  2. पित्ताशय की पथरी पित्ताशय की पथरी बौहत दुखदायी होती है, जो किसी भी समय हो सकती है। यदि ये पत्थर पित्त नली में फंस जाते हैं, तो वे पैंक्रियास तक पहुंच सकते हैं और एंजाइम के प्रवाह को बाधित कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में, पैंक्रियास सूज जाता है और सूजन के कारण बायोलॉजिकल क्रियाएं प्रभावित होती हैं। 3. मधुमेह मधुमेह एक अंतःस्रावी विकार है जो पैंक्रियास की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है। पैंक्रियास वे कोशिकाएं या एंजाइम बनाने में असमर्थ हो सकता है जो इंसुलिन और अन्य आवश्यक रसायनों का उत्पादन करते हैं। यह स्थिति पैंक्रियाटाइटिस के विकास का कारण बन सकती है, विशेषकर टाइप 2 मधुमेह वाले व्यक्तियों में। 4. उत्तेजक दवाओं का सेवन कई दवाएं, खासकर जिनमें स्टेरॉयड, एंटीबायोटिक्स और दर्द निवारक शामिल हैं, पैंक्रियास को प्रभावित कर सकती हैं। इन दवाओं का उपयोग करते समय शरीर की रसायनिक प्रतिक्रियाएं असामान्य रूप से बढ़ सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप पैंक्रियाटाइटिस हो सकता है।  5. जीन संबंधी कारण कुछ लोग आनुवंशिक कारणों से पैंक्रियाटाइटिस के प्रति प्रवृत्ति रख सकते हैं। यदि परिवार में किसी सदस्य को यह बीमारी है, तो अन्य सदस्यों में भी इसका खतरा बढ़ जाता है। जीन संबंधी मुद्दों, जैसे कि पैंक्रियाटाइटिस से जुड़ी जटिल आनुवंशिकी, इसे और भी बढ़ा सकती है।  6. अत्यधिक वसा वाले भोजन का सेवन अत्यधिक मात्रा में फैट और जंक फूड का सेवन पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है और पैंक्रियास पर अत्यधिक दबाव डाल सकता है। जब शरीर को अत्यधिक वसा वाले भोजन का पाचन करना पड़ता है, तो यह पैंक्रियास को ज्यादा एंजाइम बनाने के लिए प्रेरित करता है, जिससे सूजन हो सकती है।  7. वज़न का बढ़ना (ओबेसिटी) मोटापा भी पैंक्रियाटाइटिस का एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है। जो लोग अधिक वजन के होते हैं, उनमें पैंक्रियास पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे सूजन और संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मोटापे के कारण शरीर में सूजन की प्रक्रियाएं भी बढ़ जाती हैं, जिससे पैंक्रियाटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है। 8. पेट की चोटें पेट की चोटें, विशेष रूप से यांत्रिक दुर्घटनाओं के दौरान, पैंक्रियास को प्रभावित कर सकती हैं। ऐसी चोटें पैंक्रियास के आकार और स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे सूजन का खतरा बढ़ जाता है। 9. धूम्रपान धूम्रपान न केवल फेफड़ों के लिए हानिकारक है, बल्कि यह पैंक्रियास पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। धूम्रपान करने वालों में पैंक्रियाटाइटिस का खतरा अधिक होता है, क्‍योंकि धूम्रपान से संबंधित रसायन पैंक्रियास की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं। पैंक्रियाटाइटिस एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें अग्न्याशय (पैंक्रियास) में सूजन आ जाती है। इसके मुख्य कारणों में शराब का सेवन, पित्त की पथरी, उच्च कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, और कुछ दवाओं का उपयोग शामिल हैं। इसके अलावा, आनुवंशिकता और संक्रमण भी पैंक्रियाटाइटिस का कारण बन सकते हैं। इस बीमारी का उपचार बहुत महत्वपूर्ण है, और यहाँ होम्योपैथी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। होम्योपैथिक उपचार न केवल सूजन को कम करता है, बल्कि इसे सुधारने में भी मदद करता है। होम्योपैथी के द्वारा, रोगी के संपूर्ण स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, उचित दवाओं का चयन किया जाता है, जिससे पैंक्रियास की कार्यप्रणाली में सुधार होता है। इसके अलावा, होम्योपैथिक दवाएं बिना किसी हानिकारक दुष्प्रभाव के रोग के लक्षणों को कम करने में सहायक होती हैं। इसलिए, पैंक्रियाटाइटिस के उपचार में होम्योपैथी एक प्रभावी और सुरक्षित विकल्प बन सकती है।qqq
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psoriasis ke 10 upay
कोनसे 10 उपाय करने से सोरायसिस से मिलेगा आराम सोरायसिस के लिए घर पर किया जाने वाला इलाज ! सोरायसिस एक पुरानी और जटिल त्वचा से संबंधित बीमारी है, जो अक्सर जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। इसमें त्वचा की कोशिकाएं सामान्य से तेजी से बढ़ने लगती हैं, जिससे खुजली, जलन, और लाल चकत्ते उत्पन्न होते हैं। यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली असामान्य रूप से सक्रिय हो जाती है। ऐसे में डिजिटल युग में जब लोग सुंदरता और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हैं, सोरायसिस से जूझना एक बड़ी चुनौती बन जाती है।होमियोपैथी सोरायसिस जैसे जटिल रोगों का संपूर्णता से उपचार करती है। इस पद्धति में दवा का चयन मरीज के व्यक्तिगत लक्षणों और समग्र स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर किया जाता है। होमियोपैथिक दवाएं न केवल त्वचा के लक्षणों को कम करती हैं, बल्कि प्रतिरक्षा तंत्र को संतुलित भी करती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात, ये दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित होती हैं, जिससे कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।  1. एलोवेरा (Aloe Vera) एलोवेरा, जिसे भारतीय घरों में औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है, सोरायसिस के उपचार में अत्यंत लाभकारी है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं, जो त्वचा को ठंडक और आराम प्रदान करते हैं। नियमित रूप से एलोवेरा का जेल प्रभावित क्षेत्रों पर लगाने से सोरायसिस के खुजली और जलन में राहत मिलती है।  2. हल्दी (Turmeric) हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है, जो सोरायसिस के लक्षणों को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। इसे दूध में मिलाकर पीने या सीधे त्वचा पर लगाने से सूजन और लालिमा को कम किया जा सकता है। यह प्राकृतिक तत्व सोरायसिस से जुड़े तनाव को भी कम करता है।  3. कॉफी ( Coffee ) सोरायसिस के रोगियों के लिए कॉफी लाभकारी हो सकती है, खासकर जब इसे इस्किन पर उपयोग किया जाता है। कॉफी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। कॉफी का स्क्रब बनाने से त्वचा की स्फूर्ति बढ़ती है और सोरायसिस के क्षेत्रों में सुधार होता है। 4. नारियल का तेल (Coconut Oil) नारियल का तेल प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र के रूप में काम करता है, जो त्वचा को हाइड्रेटेड रखता है। सोरायसिस के कारण सूखी और फटी त्वचा में राहत पाने के लिए नियमित रूप से इसे प्रभावित क्षेत्रों पर लगाना एक अच्छा उपाय है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो किसी भी संक्रमण को रोक सकते हैं।  5. ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acids) ओमेगा-3 फैटी एसिड, जो मछली जैसे सैल्मन और अलसी के बीजों में पाया जाता है, सोरायसिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। ये फैटी एसिड सूजन को कम करते हैं और त्वचा की सेहत में सुधार करते हैं। नियमित रूप से ओमेगा-3 युक्त आहार से सोरायसिस पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।  6. जैतून का तेल (Olive Oil) जैतून का तेल उच्च गुणवत्ता वाला संतृप्त वसा प्रदान करता है, जो सोरायसिस से प्रभावित त्वचा को नरम और मॉइस्चराइज करता है। यह प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है और नियमित रूप से इसे लगाने से खुरदरी त्वचा में सुधार आता है। 7. शहद- Honey शहद में नैचुरल एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सोरायसिस के क्षेत्रों को संक्रमण से सुरक्षित रखता है। इसे सीधे प्रभावित क्षेत्रों पर लगाने से न केवल सूखी त्वचा को राहत मिलती है, बल्कि यह त्वचा की टोन में भी सुधार लाता है।  8. हिबिस्कस - Hibiscus हिबिस्कस एक औषधीय फूल है, जिसका उपयोग सोरायसिस के उपचार में किया जा सकता है। इसके पत्तों को उबालकर लगाया जाने वाला काढ़ा त्वचा को ठंडक पहुंचाता है और सूजन को कम करता है। यह प्राकृतिक तत्व त्वचा की नवीनीकरण प्रक्रिया को भी बढ़ावा देता है।  9. जीरा (Cumin) जीरा का सेवन सोरायसिस के उपचार में फायदेमंद हो सकता है। इसे अपने भोजन में शामिल करने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, जिससे सोरायसिस जैसी समस्याओं के साथ निपटने में मदद मिलती है। जीरे का एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इसे एक आदर्श प्राकृतिक उपचार बनाता है।  10. गेहूं के चोकर (Wheat Germ) गेहूं के चोकर में विटामिन ई और आवश्यक फैटी एसिड होते हैं, जो त्वचा के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। इसे भोजन में शामिल करने से सोरायसिस के साथ-साथ त्वचा की अन्य समस्याओं को भी दूर करने में मदद मिलती है। यह स्वस्थ त्वचा की वृद्धि और नवीनीकरण को बढ़ावा देता है। होमियोपैथी द्वारा दिए गए सचोट उपाय बना देंगे आपके जीवन को सोरायसिस मुक्त होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। सोरियासिस पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं।
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psoriasis ka ilaaj homeopathy se
16 साल पुरानी सोरायसिस का होमियोपैथी "जड़ से ख़तम " इलाज 16 साल पुरानी सोरायसिस को कैसे मिटाया होमियोपैथी से ? सोरायसिस एक दीर्घकालिक त्वचा रोग है, जिसमें त्वचा की कोशिकाएं सामान्य से अधिक तेजी से बढ़ने लगती हैं। यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही त्वचा की कोशिकाओं पर हमला करती है। इसके परिणामस्वरूप त्वचा पर लाल, खुरदुरी और त्वचा की परतें बनती हैं, जो बहुत से लोगों के लिए असुविधाजनक और तनावपूर्ण हो सकती हैं। इस वीडियो में बताये गया वयक्ति जो पिछले 16 सालों से सोरायसिस नामक एक गंभीर बीमारी से ग्रसित था। उसे इस बीमारी के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। उसने अनगिनत डॉक्टरों से परामर्श किया और कई दवाइयाँ लीं, लेकिन रोग में सुधार की अपेक्षा नहीं मिली। साल दर साल, उसकी स्थिति और भी खराब होती गई। उसकी त्वचा पर लाल ताजे धब्बे हो जाते थे, साथ ही छोटे, चांदी जैसे चकत्ते भी निकलते थे। प्रभावित क्षेत्रों में खुजली, जलन और दर्द रहता था। उसकी त्वचा में सूखापन बढ़ता गया, और कई बार तो त्वचा फटने लगती थी। दवाइयों के सेवन के साथ-साथ, अन्य अंगों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा, जिससे उसकी चिंता और भी बढ़ गई। वह निराश और हताश हो चुका था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसे क्या करना चाहिए। अंततः, एक दोस्त ने उसे होमियोपैथी डॉक्टर से मिलने की सलाह दी, जो उसे उसके रोग के लिए एक स्थायी समाधान प्रदान कर सकता था। जब उसने डॉ. प्रदीप से संपर्क किया, तो उस मुलाकात ने उसकी जिंदगी बदल दी। डॉ. प्रदीप ने उसे समझाया कि सोरायसिस का उपचार थोड़े समय ले सकता है, और यह पूरी तरह से मरीज के शरीर की स्थिति पर निर्भर करता है। डॉ. प्रदीप की देखभाल और ज्ञान ने उसे विश्वास दिलाया कि वह सही रास्ते पर है। डॉ. प्रदीप ने उसे सलाह दी कि उसे शराब और धूम्रपान से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये सूजन को बढ़ा सकते हैं। उसने होमियोपैथी उपचार शुरू किया और धीरे-धीरे उसकी सेहत में सुधार होने लगा। उसकी त्वचा की स्थिति में सुधार हुआ, और वह फिर से सामान्य भोजन कर सका। कुछ समय बाद, उसने अपनी त्वचा में अद्भुत बदलाव देखे। उसकी सोरायसिस में काफी सुधार हुआ, और वह अब अपने जीवन में खुशी और स्वास्थ्य का अनुभव करने लगा। डॉ. प्रदीप के प्रति उसकी कृतज्ञता असीमित थी, क्योंकि उन्होंने बिना किसी सर्जरी के उसे उसके दाग से आज़ाद कर दिया।इस यात्रा ने उसे एक नया विश्वास और जीवन का उत्साह दिया। अब वह न केवल स्वयं को स्वस्थ महसूस करता था, बल्कि उसने अपने जीवन में एक नई शुरुआत की, जहाँ उसने उम्मीद और आशा की रौशनी देखी। सोरायसिस का १०० % "सचोट इलाज " होमियोपैथी में होमियोपैथी में सोरायसिस जैसे जटिल त्वचाजनित रोगों के उपचार के लिए एक संपूर्ण और सुरक्षित दृष्टिकोण अपनाया जाता है। होमियोपैथी का मुख्य सिद्धांत 'समानता का सिद्धांत' है, जिसका अर्थ है कि रोग की स्थिति को ठीक करने के लिए उसी प्रकार के लक्षण पैदा करने वाली दवा का उपयोग किया जाता है। उपचार में व्यक्तिगत मरीज की संपूर्ण स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखा जाता है, जिसमें उनके मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक पहलू शामिल होते हैं। सोरेयसिस के प्रारंभिक लक्षणों में अक्सर प्रभावित क्षेत्रों पर लाल या गुलाबी रंग के दाग दिखाई देते हैं। इन दागों के ऊपर सफेद या सिल्वर रंग की परत हो सकती है। इसके अलावा, प्रभावित स्थानों पर खुजली, जलन या सूजन हो सकती है। आमतौर पर ये दाग कोहनी, घुटनों, scalp (त्वचा), और पीठ के निचले हिस्से में होते हैं। सोरायसिस के लिए होमियोपैथी में मुख्यत: कुछ महत्वपूर्ण तत्व होते हैं, जैसे कि संवेदनशीलता, दवा का चयन, और लगातार चिकित्सात्मक निगरानी। होमियोपैथिक दवाएँ न केवल त्वचा के लक्षणों को कम करती हैं, बल्कि शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को भी संतुलित करती हैं, जिससे स्थायी सुधार संभव हो पाता है। इसके अलावा, होमियोपैथी पूरी तरह से सुरक्षित है, यानी इसके सेवन से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। इस दौरान, आप अपनी स्वास्थ्य स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अन्य उपचारों का सहारा भी ले सकते हैं। होमियोपैथी एक अद्वितीय चिकित्सा पद्धति है, जो आपके शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालती है और आपको निरंतर स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। सोरायसिस (Psoriasis) के लिए कोनसी दवा खाये ? सोरेयसिस (Psoriasis) के इलाज के लिए कई प्रकार की चिकित्सा उपलब्ध हैं, जिनमें से होम्योपैथी एक सुरक्षित और प्रभावशील विकल्प हो सकता है। होम्योपैथी में ऐसे दवाओं का चयन किया जाता है जो व्यक्ति की समग्र स्वास्थ्य स्थिति और लक्षणों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की जाती हैं। होम्योपैथिक दवाएं त्वचा की खुजली, लालिमा और सूजन को कम करने में मदद करती हैं। हालाँकि, सोरेयसिस की स्थिति के लिए हमेशा एक योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है ताकि सही दवा और डोज़ का चयन किया जा सके। यह ध्यान रखें कि होम्योपैथी में सुधार धीरे-धीरे होता है, इसलिए धैर्य रखना महत्वपूर्ण है।होम्योपैथिक दवा सोरेयसिस के लाल और सूजे हुए दागों के लिए उपयोगी है, जो खुजली के साथ होते हैं।अगर किसी की त्वचा की स्थिति मौसम से प्रभावित होती है, तो यह दवा फायदेमंद हो सकती है।
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hemorrhoid ka homeopathy me ilaaj
बवासीर (Hemorrhoid)का होमियोपैथी रामबाण इलाज ! बवासीर के कारण गुदा क्षेत्र में तेज दर्द और असुविधा हो सकती है, विशेषकर तब जब व्यक्ति शौच करने की कोशिश करता है।प्रभावित क्षेत्र में खुजली और जलन भी हो सकती है, जो व्यक्ति के लिए काफी परेशान करने वाली होती है।बवासीर के दौरान मलत्याग करते समय रक्तस्राव हो सकता है, जो कि एक गंभीर संकेत हो सकता है।बवासीर के लक्षण व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों, जैसे कि बैठे रहना, दौड़ना या अन्य शारीरिक कामकाज करने में भी बाधा डाल सकते हैं। बवासीर (Piles)को जड़ से ख़तम करे होमियोपैथी इलाज से ! वीडियो मैं बता गए व्यक्ति को बवासीर की समस्या का सामना करना पड़ा। उसे टॉयलेट जाने में काफी दिक्कत होती थी, और उसके खाने को पचाने में भी परेशानी होती थी। उसके पेट में बहुत तेज दर्द रहता था। जब उसे एहसास हुआ कि उसे बवासीर की बीमारी है, तो उसने कई डॉक्टरों से सलाह ली। विभिन्न डॉक्टरों ने उसे विभिन्न दवाइयाँ और उपचार दिए, लेकिन उसे किसी भी तरह का स्थायी राहत नहीं मिला। वह सोचने लगा कि उसके साथ एक गंभीर समस्या है और वह चाहता था कि उसकी बीमारी जल्द से जल्द ठीक हो जाए। एक दिन, उसने एक होम्योपैथी डॉक्टर का वीडियो देखा, जिसमें डॉक्टर ने बवासीर के लिए स्थायी राहत के उपाय बताए। उसने इस डॉक्टर से मिलने का निर्णय लिया और डॉक्टर प्रदीप से परामर्श लेने के लिए अस्पताल की टीम से संपर्क किया। जब उसने डॉक्टर से मिला, तो उसने अपने समस्याओं का खुलासा किया, जिसमें उसने बताया कि उसे विशेष रूप से शौच के समय या बैठने के दौरान दर्द या असुविधा महसूस होती है। वह अनुभव करता था कि उसके गुदा के चारों ओर खुजली या जलन होती है और शौच के बाद म्यूकस का स्राव होता है। डॉक्टर ने समझाया कि उसे मसालेदार भोजन, लाल मांस, तली हुई चीजें, शराब और कैफीन युक्त पेय से बचना चाहिए, क्योंकि ये सभी बवासीर और कब्ज के लिए जोखिम पैदा करते हैं। डॉक्टर ने मरीज की पूरी केस स्टडी की और उसकी रिपोर्ट बनाई, जिसमें पता चला कि उसके गुदा के चारों ओर गाठें और म्यूकस है। उसे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे कि उसे शौच के लिए फिर से जाना है, जबकि उसने पहले ही शौच किया था। डॉक्टर ने एक अनोखा उपचार शुरू किया और बीमारी को ठीक करने के लिए एक विशेष तरीके से इलाज किया। उन्होंने मरीज को कई सलाह और सावधानियों के बारे में बताया, साथ ही एक नियमित आहार चार्ट और दवाइयों की सूची रखी। उन्होंने नियमित व्यायाम और उपचार की प्रक्रिया भी समझाई। मरीज ने देखा कि डॉक्टर का व्यवहार उसके प्रति बहुत अच्छा था।जब मरीज ने ब्रह्म होमियोपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर में अपना उपचार शुरू किया, तो वह आर्थिक स्थिति से बहुत चिंतित था। डॉक्टर ने कहा कि आपको हमेशा अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए, पैसे पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हम प्राकृतिक उपचार प्रदान करते हैं जिसमें हम प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग करते हैं। हम मरीज की बॉडी के लिए सबसे अच्छा दृष्टिकोण अपनाते हैं और यह तय करते हैं कि कौन सी दवा सबसे अधिक मदद करेगी। उनका उपचार किसी भी साइड इफेक्ट नहीं करता। डॉक्टर प्रदीप ने बताया कि इस बीमारी को ठीक होने में कुछ समय लग सकता है, और यह पूरी तरह से मरीज के शरीर पर निर्भर करता है। जब मरीज ने अपना उपचार शुरू किया, तो वह बहुत आराम और प्रेरित महसूस कर रहा था। धीरे-धीरे, उसकी सेहत में सुधार हुआ और उसे अपने स्वास्थ्य में कई सकारात्मक परिवर्तन दिखने लगे। वह सामान्य भोजन कर पा रहा था और अब उसे पेट की कोई समस्या नहीं थी। उसने डॉक्टर प्रदीप का दिल से धन्यवाद किया और सभी मेडिकल स्टाफ तथा टीम का भी आभार व्यक्त किया, जो बहुत दयालु और सहायक थे। उसके लिए होम्योपैथी का अनुभव बहुत अच्छा रहा और उसने प्राकृतिक उपचार की एक नई राह भी पाई। बवासीर के लिए होमियोपैथी को क्यों चुने ? बवासीर (पाइल्स) के उपचार में होम्योपैथी एक प्रभावी और सुरक्षित विकल्प है।वासीर के मामलों में, होम्योपैथी व्यक्तिगत लक्षणों और रोगी की संपूर्ण स्थिति को देखते हुए उपचार प्रदान करती है। हर रोगी की समस्या अलग होती है, इसलिए होम्योपैथी में व्यक्तिगत लक्षणों के आधार पर दवा चुनी जाती है।होम्योपैथी में प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग होता है, जिससे साइड इफेक्ट्स की संभावना कम होती है। होम्योपैथी न केवल लक्षणों को नियंत्रित करती है, बल्कि बीमारी की जड़ को भी ठीक करने का प्रयास करती है।यह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उपचार प्रदान करती है।यह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उपचार प्रदान करती है।  बवासीर का एकमात्र सचोट इलाज क्या हैं ?बवासीर (पाइल्स) के उपचार के लिए होम्योपैथी एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है। होम्योपैथिक उपचार में रोगी की पूरी स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखा जाता है, और व्यक्तिगत लक्षणों के आधार पर दवा निर्धारित की जाती है। बवासीर के मामलों में, होम्योपैथी कई प्रमुख तत्वों पर ध्यान केंद्रित करती है, जैसे कि दर्द, खुजली, स्राव, और शौच के दौरान असुविधा। होम्योपैथी में अनेक ऐसे प्राकृतिक घटक होते हैं, जो बवासीर के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं ,यह दवाएँ न केवल लक्षणों को नियंत्रित करती हैं, बल्कि बीमारी की जड़ तक पहुँचने का प्रयास भी करती हैं।एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि होम्योपैथी पूरी तरह से सुरक्षित है और इसके द्वारा उपचार लेने के दौरान आपको किसी अन्य चिकित्सा का सहारा लेने की आवश्यकता नहीं होती है।जिससे यह चिकित्सा पद्धति पेट की समस्याओं से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए एक व्यापक समाधान प्रस्तुत करती है। इस प्रकार, बवासीर के लिए होम्योपैथी न केवल प्रभावी है, बल्कि यह एक सुरक्षित और नैतिक विकल्प भी है, जिसमें रोगी को दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
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ankylosing spondylitis ka ilaaj
क्या होमियोपैथी से एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस का फ्यूज़न मिटा सकते हैं ? हाँ, होमियोपैथी उपचार के माध्यम से एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के फ्यूज़न को कम करने और उसे नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। होमियोपैथी एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है, जो शरीर के अंदरूनी संतुलन को सुधारने, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और लक्षणों को कम करने का प्रयास करती है। यदि एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के शुरुआती चरण में होमियोपैथी उपचार शुरू किया जाए, तो यह फ्यूज़न की प्रक्रिया को धीमा करने और दर्द को कम करने में अत्यधिक प्रभावी हो सकता है। सही होमियोपैथिक दवाएं, जो आपके विशेष लक्षणों और स्थिति के अनुसार निर्धारित की जाती हैं, आपकी मांसपेशियों और जोड़ों की स्थिति को सुधार सकती हैं। महत्वपूर्ण यह है कि होमियोपैथी उपचार में निरंतरता बहुत आवश्यक है। नियमित रूप से दवाओं का सेवन करने और डॉक्टर की सलाह का पालन करने से ही आप अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस का दर्द बढ़ जाये तो क्या करना चाहिए ? अगर एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस का दर्द बढ़ गया है और यह दर्द पैरों के सभी हिस्सों में फैला हुआ है, तो सबसे पहले आपको अपने शरीर का ध्यान रखना चाहिए। इस स्थिति में, आपको एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए जो इस बीमारी के बारे में जानकार हो। होम्योपैथी एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जो आपको इस स्थिति से राहत देने में मदद कर सकती है। होम्योपैथी दवाएं आपके शरीर के दर्द और जोड़ों के संतुलन को सुधारने में मदद करती हैं। ये दवाएं बिना किसी दुष्प्रभाव के आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होती हैं, खासकर जब दर्द बढ़ता है।आपको रोजाना हल्का व्यायाम करना चाहिए, लेकिन इस दौरान सावधान रहना बेहद जरूरी है। व्यायाम करने से आपकी मांसपेशियों की ताकत बढ़ेगी और लचीलापन भी आएगा, जिससे दर्द में कमी आ सकती है। इस स्थिति में, डॉक्टर से सलाह लेना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि आप सही तरह के व्यायाम और होम्योपैथी उपचार अपना सकें।  क्या एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस को केवल दवाई से मिटा सकते हैं? एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस एक जटिल बीमारी है! यदि आप इस बीमारी के शुरुआती चरण में हैं, तो होम्योपैथी उपचार आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। होम्योपैथी एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है जो शरीर के संतुलन को पुनर्स्थापित करने, दर्द को कम करने, और एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस की फ्यूजन को रोकने में मदद कर सकती है। यदि बीमारी का शुरुआती दौर है, तो होम्योपैथी उपचार आपको आपकी स्थिति से राहत दिलाने में काफी मदद कर सकता है। सर्जिकल हस्तक्षेप से पहले, आपको एक अनुभवी होम्योपैथी डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। अपने लक्षणों और स्थिति का सही विवरण दें ताकि वे आपको उचित दवा और उपचार योजना के माध्यम से बिना किसी जोखिम के आपकी बीमारी को ठीक करने का मौका दे सकें। एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस का होमियोपैथी " बिना सर्जरी " इलाज इस वीडियो में बताये गए मरीज को एंक्लोजिंग स्पॉंडिलाइटिस की बीमारी हो गई थी। 2022 में उसे पैरों में सूजन होने लगी थी, और वह दूर चलने में असमर्थ था। शुरुआत में एक पैर में सूजन थी, लेकिन धीरे-धीरे उसके दोनों पैरों में सूजन बढ़ गई। एक साल के अंदर उसकी हालत बहुत खराब हो गई। उसने कई अस्पतालों में भर्ती कराया, लेकिन उसे कोई स्थायी समाधान नहीं मिला।बहुत से डॉक्टरों से परामर्श करने के बाद भी उसकी समस्या का सही निदान नहीं हो पाया। डॉक्टरों ने उसे विभिन्न दर्द निवारक दवाएं और इंजेक्शन दिए, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। परेशान होकर, वह और डॉक्टरों के पास गया, लेकिन उसकी समस्या जस की तस बनी रही। एक दिन, उसने एक वीडियो देखा जिसमें एक होम्योपैथी डॉक्टर ने एंक्लोजिंग स्पॉंडिलाइटिस के लिए बेहतरीन समाधान बताया। उसमे डॉक्टर ने कहा कि वह न्यूनतम खर्च में और "बिना सर्जरी" के मरीज की बीमारी को ठीक कर सकता है। यह सुनकर, मरीज ने उस डॉक्टर से मिलने का निर्णय लिया और "ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर" पहुंचा। वहां उसे डॉ. प्रदीप मिले, जो अपने क्षेत्र में 25 वर्षों का अनुभव रखते थे। डॉ. प्रदीप ने मरीज के द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट और उसके दर्द को सुनकर कहा, "आप तनाव न लें, तथा शांत रहें। होम्योपैथी में बिना किसी दुष्प्रभाव के और "न्यूनतम खर्च" में एंक्लोजिंग स्पॉंडिलाइटिस का उपचार किया जा सकता है । "डॉ. प्रदीप ने यह स्पष्ट किया कि अगर मरीज को होम्योपैथी अन्य दवाओं के साथ ली जा सकती है। उन्होंने कहा, "आपका उपचार जारी रहेगा जब तक आप पूरी तरह से स्वस्थ न हो जाएं। अपने आहार का भी ध्यान रखें, तली-भुनी और फास्ट फूड से दूर रहें।" पेशेंट ने डॉक्टर की सलाह पर अपना इलाज शुरू किया। डॉ. प्रदीप की अनोखी उपचार शैली ने उसे बहुत प्रेरित किया। वह हर वीडियो देखता रहा और डॉ. प्रदीप से मिलने का अनुभव उसके लिए बहुत खास था। मरीज को डॉ. प्रदीप ने बताया कि उपचार में समय लगेगा, यह पूरी तरह से उसकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। डॉ. प्रदीप का मरीजों के प्रति व्यवहार बहुत शांत और मददगार था। धीरे-धीरे, मरीज की सेहत में सुधार होने लगा, और उसने अपनी स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार देखा। कुछ समय बाद, वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। उसकी पैरों की सूजन समाप्त हो गई, और वह आसानी से चलने-फिरने और दौड़ने में सक्षम हो गया। इस प्रकार, मरीज ने एंक्लोजिंग स्पॉंडिलाइटिस से न केवल राहत पाई, बल्कि एक नई जिंदगी जीने का हौसला भी पाया। क्या होम्योपैथी के माध्यम से एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस का इलाज संभव है? होम्योपैथिक दवाएं प्राकृतिक तत्वों से तैयार की जाती हैं, जो शरीर के प्राकृतिक संतुलन को फिर से स्थापित करने का प्रयास करती हैं। इसलिए, जब हम एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस जैसे जटिल रोग के इलाज की बात करते हैं, तो होम्योपैथी एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हो सकता है। एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि होम्योपैथिक उपचार से सिर्फ दर्द में राहत नहीं मिलती, बल्कि यह रोग के मूल कारणों को भी समझने और उस पर काम करने का प्रयास करता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे शरीर अपने आप की मरम्मत कर सकता है और फ्यूज़न की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। इसका यह लाभ होता है कि मरीज अपने मानसिक तनाव और चिंताओं को कम कर सकता है, जो अक्सर किसी भी पुरानी बीमारी के साथ जुड़े होते हैं। इसलिए, यदि आप एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित हैं, तो होम्योपैथी न केवल एक विकल्प है, बल्कि यह एक विकल्प है जो आपकी संपूर्ण भलाई का ख्याल रखता है।
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acute or chronic pancreatitis treatment
होमियोपैथी इलाज "पैंक्रियाटाइटिस" के लिए कैसे श्रेष्ठ हैं ? Best Treatment for pancreatitis in India 1. प्राकृतिक उपचार के सिद्धांत होम्योपैथी का आधार प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित है। यह सिद्धांत मानता है कि "समान का उपचार समान से किया जाता है"। इसका मतलब है कि किसी रोग के लक्षणों को पैदा करने वाली दवा, उसी लक्षणों को ठीक करने की क्षमता रखती है। यह दृष्टिकोण वैकल्पिक चिकित्सा के अन्य तरीकों से भिन्न है, जो आमतौर पर केवल लक्षणों को दबाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। 2. व्यक्तिगतकरण की विशेषता होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी के लिए व्यक्तिगत इलाज किया जाता है। चिकित्सक रोगी की शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उपचार प्रदान करते हैं। यह व्यापक दृष्टिकोण अन्य चिकित्सा पद्धतियों से भिन्न है, जहां सामान्य औषधियों का उपयोग किया जाता है।  3. कोई दुष्प्रभाव नहीं अधिकांश उपचारों में साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं, लेकिन होम्योपैथी में दवाओं का निर्माण ऐसे तत्वों से किया जाता है जो माइल्ड और सुरक्षित होते हैं। इसका अर्थ है कि दवा लेते समय रोगियों को अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।  4. सर्जरी की आवश्यकता को कम करना कई बार पैंक्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सर्जिकल इंटरवेंशन की आवश्यकता पड़ती है। जबकि होम्योपैथी के माध्यम से कई रोगियों को बिना सर्जरी के लक्षणों से राहत मिलती है। यह एक बड़ा लाभ है जहां मरीज को अनावश्यक शल्य प्रक्रियाओं और उनकी जटिलताओं से दूर रखा जाता है। 5. दीर्घकालिक समाधान होम्योपैथी में दीर्घकालिक उपचार का ध्यान रखा जाता है। यह रोग के मूल कारणों पर काम करता है और रोग की पुनरावृत्ति की संभावना को कम करता है। इसलिए, यह अन्य उपचारों की तुलना में एक उत्कृष्ट विकल्प है जो केवल क्षणिक राहत प्रदान करते हैं।  6. समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा होम्योपैथी केवल रोग के लक्षणों पर ध्यान नहीं देती, बल्कि रोगी के समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। यह शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है और अन्य संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों को भी दूर करती है। यह पहलू इसे अन्य उपचार विकल्पों से अलग बनाता है। होमियोपैथी इलाज का प्रभाव "बिना किसी सर्जरी" होम्योपैथी का कार्यप्रणाली: मरीज के शरीर पर प्रभाव आरंभिक चरण: पहचान और प्राथमिक उपचार लक्षणों की पहचान: उपचार की शुरुआत रोग के लक्षणों को समझने और उपचार के लिए उचित होम्योपैथिक दवा की पहचान से होती है। यह सांकेतिक, दर्द, और पाचन की समस्याओं को समझने में मदद करता है। प्रारंभिक राहत: दवा लेने के बाद, मरीज को पहले कुछ दिनों में हल्की राहत मिल सकती है, जैसे दर्द में कमी और भूख में सुधार। मध्यम चरण: लक्षणों में सुधार सूजन में कमी: लगातार होम्योपैथी डोज से सूजन में कमी आना शुरू होती है, जिससे मरीज का सामान्य स्वास्थ्य बेहतर होता है। पाचन में सुधार: पाचन क्रिया में सुधार होता है, जिससे मरीज को खाना पचाने में आसानी होती है और वह सामान्य भोजन ले सकता है।  अंतिम चरण: दीर्घकालिक सुधार ऊर्जा और जीवितता: मरीज अपने शरीर में ऊर्जा और सक्रियता का अनुभव करता है, जिससे आमदनी और शारीरिक गतिविधियों में वृद्धि होती है। स्वास्थ्य में स्थिरता: रोग का पुनरागमन कम होता है। होम्योपैथी लंबे समय तक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है और मरीज को स्वास्थ्य समस्याओं से बचाती है।
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acute pancreatitis ke liye surgery kyu nahi karvani chahiye
एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस के लिए "सर्जरी" क्यों नहीं करवानी चाहिए ? पैन्क्रिएटाइटिस एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जिसमें पित्तग्रंथि (पैंक्रियास) की सूजन होती है।हाँ, कई लोग पैंक्रियाटाइटिस के इलाज के लिए सर्जरी के विकल्प को अपनाते हैं, विशेषकर जब स्थिति गंभीर होती है या जब चिकित्सा उपचार प्रभावी नहीं होते।लेकिन जब आप पहले से इस बीमारी के लिए जागरूक हैं तो इसमें कुछ लोग होमियोपैथी के उपचार विकल्पों की तलाश करते हैं पैन्क्रिएटाइटिस की सर्जरी करने के कुछ प्रतिकूल प्रभाव (एडवर्स इफेक्ट्स) हो सकते हैं। ज्यादातर केस में पैन्क्रिएटाइटिस की सर्जरी करने के कुछ प्रतिकूल प्रभाव (एडवर्स इफेक्ट्स) हो सकते हैं। सर्जरी के बाद संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जो पैंक्रियाटिक क्षेत्र या अन्य अंगों में हो सकता है।होमियोपैथी एक समग्र चिकित्सा प्रणाली है, जो बीमारी को केवल लक्षणों के आधार पर नहीं, बल्कि व्यक्ति की समग्र स्वास्थ्य स्थिति और जीवनशैली के आधार पर देखती है। पैन्क्रियाटाइटिस के लिए होम्योपैथिक उपचार सबसे अच्छा इलाज है। होम्योपैथिक उपचार के कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं।  Best Homoeopathy Treatment for Pancreatitis यहां हम होमियोपैथी के दृष्टिकोण पर चर्चा करेंगे और यह समझेंगे कि कैसे यह पैन्क्रिएटाइटिस के प्रबंधन में सहायक हो सकता है। 1) स्वास्थ्य का समग्र दृष्टिकोण: होमियोपैथी एक समग्र चिकित्सा प्रणाली है, जो बीमारी को केवल लक्षणों के आधार पर नहीं, बल्कि व्यक्ति की समग्र स्वास्थ्य स्थिति और जीवनशैली के आधार पर देखती है। होमियोपैथी का मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति अद्वितीय है, और इसलिए उपचार भी व्यक्तिगत होना चाहिए। 2) लक्षणों के आधार पर उपचार: होमियोपैथी में रोगी के लक्षणों, भावनाओं और मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक विशेष दवा निर्धारित की जाती है। पैन्क्रिएटाइटिस में आमतौर पर दर्द, सूजन, और अपच जैसी समस्याएँ होती हैं, और होमियोपैथिक दवाएं इन लक्षणों को राहत देने में मदद कर सकती हैं। 3) प्राकृतिक और बिना दुष्प्रभाव के उपचार: होमियोपैथिक दवाएँ प्राकृतिक संघटकों से बनी होती हैं, जो आमतौर पर सुरक्षित होती हैं और दुष्प्रभावों की संभावना कम होती है। यह पैन्क्रिएटाइटिस के कारण होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में सहायक हो सकती हैं।  4) रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार: होमियोपैथी का एक मुख्य लाभ यह है कि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देती है। इससे मरीज का शरीर बीमारी से लड़ने में सक्षम होता है और रिकवरी की प्रक्रिया को तेज करता है।  5) दीर्घकालिक प्रबंधन: पैन्क्रिएटाइटिस को अक्सर दीर्घकालिक देखभाल और प्रबंधन की आवश्यकता होती है। होमियोपैथी एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका हो सकता है जो दीर्घकालिक स्वास्थ्य में योगदान करता है। ध्यान देने योग्य बातें :- चिकित्सकीय परामर्श: होमियोपैथी को अपनाने से पहले हमेशा एक योग्य होमियोपैथी चिकित्सक से परामर्श लें। पैन्क्रिएटाइटिस गंभीर बीमारी है, इसलिए पारंपरिक चिकित्सा और होमियोपैथी का समुचित संयोजन आवश्यक है। आहार में बदलाव: पैन्क्रिएटाइटिस में आहार में बदलाव भी महत्वपूर्ण होता है। तले-भुने और भारी भोजन से परहेज करना चाहिए। प्रशिक्षित डॉक्टर से सलाह लें: यदि कोई सामर्थ्यपूर्ण होमियोपैथिक उपचार शुरू किया जाता है, तो इसे किसी अनुभवशील होमियोपैथी चिकित्सक की निगरानी में लेना चाहिए। पैंक्रियाटाइटिस ( PANCREATITIS)के लिए आहार सुझाव (DIETPLAN):- कम वसा वाला आहार: वसा का सेवन सीमित करें, क्योंकि उच्च वसा वाला भोजन पित्तग्रंथि की गतिविधि को प्रभावित कर सकता है। सलाद, उबली सब्जियाँ और सूखे मेवे अच्छे विकल्प हैं।  फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ: फलों, सब्जियों और साबुत अनाज में फाइबर अधिक होता है, जो पाचन को सुधारने में मदद करता है। प्रोटीन स्रोत: कम वसा वाले प्रोटीन जैसे चिकन, मछली और दाल का सेवन करें। दालें और सोया प्रोटीन भी अच्छे विकल्प हैं।  हाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी है। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है और पाचन प्रक्रिया को सुगम बनाता है। छोटे और नियमित भोजन: दिन में छोटे छोटे भोजन करें। यह पित्तग्रंथि पर दबाव को कम करने में मदद करता है।  कैफीन और अल्कोहल से परहेज: कैफीन और अल्कोहल का सेवन कम करें या पूरी तरह से रोक दें, क्योंकि ये पित्तग्रंथि की स्थिति को बिगाड़ सकते हैं। पैंक्रियाटाइटिस के उपचार में सर्जरी विभिन्न प्रतिकूल प्रभावों के साथ आ सकती है, जैसे संक्रमण, रक्तस्राव, और पाचन संबंधी समस्याएं। ऐसे में होम्योपैथी एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हो सकता है। भारत में "ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर" एक प्रमुख होम्योपैथी केंद्र है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टर प्रदीप पैंक्रियाटाइटिस के लिए विशेषीकृत उपचार प्रदान करते हैं। डॉ. प्रदीप, जो कि एक अनुभवी होम्योपैथी चिकित्सक हैं, रोगियों के लिए व्यक्तिगत उपचार योजनाएं तैयार करते हैं, जो न केवल लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं, बल्कि रोग के दीर्घकालिक प्रबंधन में भी सहायक होती हैं। उनका अनुभव और विज्ञान पर आधारित दृष्टिकोण मरीजों को दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों से बचने में मदद करता है, और उन्हें प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ होने का अवसर प्रदान करता है। इस प्रकार, ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर पैंक्रियाटाइटिस जैसे जटिल रोगों के लिए एक प्रभावी समग्र समाधान प्रस्तुत करता है।
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homeopathic me thyroid ka ilaj
महिलाओ में थायरॉयड का इलाज बिना सर्जरी के होम्योपैथी में  महिलाओ में थायरॉयड का कारण क्या हैं ? जिसे थायराइड रोग की समस्या थी। उसे थकान, वजन बढ़ने, बालों का झड़ना, और शारीरिक कार्यों में कमी जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। दूसरी ओर, उसके वजन में कमी, तेजी से दिल की धड़कन, और बेचैनी जैसे लक्षण भी थे। उसके जीवन में यह समस्याएं बहुत अधिक तनाव का कारण बन गई थीं।महिला ने कई डॉक्टरों से संपर्क किया और कई तरह के उपचार अपनाए, लेकिन कोई भी उपाय उसे राहत नहीं दे सका। जितना उसने इलाज कराया, डॉक्टरों ने उसे सर्जरी कराने की सलाह दी। यह सुनकर वह और भी चिंतित और असहज हो गई। एक बार फिर उसने एक डॉक्टर से सलाह ली, लेकिन वह उसके असली समस्या का निदान नहीं कर सके। कई डॉक्टरों ने कहा कि उसकी बीमारी का कोई निश्चित निदान नहीं है। एक दिन, जब वह इंटरनेट पर थी, उसने एक वीडियो देखा जिसमें एक होम्योपैथी डॉक्टर ने थायराइड विकार का बेहतरीन समाधान बताया। उसे एहसास हुआ कि उसकी समस्या का एक समाधान है जो बिना सर्जरी के भी संभव है, और उसने डॉ. प्रदीप से मिलने का निर्णय लिया। जब वह डॉ. प्रदीप से मिली, तो उसकी पूरी अनुभव बेहद यादगार और शानदार था। डॉ. प्रदीप ने उसकी स्थिति का गहराई से अध्ययन किया और उसकी गर्दन की जांच की कि क्या थायराइड ग्रंथी सूजी हुई है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से राहत पाने में थोड़ा समय लगेगा, जिससे यह पता चलता है कि हर मरीज के शरीर की स्थिति अलग होती है। डॉ. प्रदीप ने उसे कई उपयोगी निर्देश और आहार की सलाह दी, जो उसकी सेहत के लिए बहुत मददगार साबित हुए। डॉ. प्रदीप का व्यवहार अपने मरीजों के प्रति बहुत स्नेहपूर्ण और शांत था। धीरे-धीरे, उसने अपनी सेहत में सुधार देखा और कई सकारात्मक परिवर्तन अनुभव किए। उसने देखा कि उसका वजन सामान्य हो रहा है और उसके पेट से जुड़ी कोई समस्या नहीं रही। उसकी सेहत में एक महत्वपूर्ण बदलाव वजन बढ़ने के रूप में था, जो उसने अपनी इलाज के दौरान और समय के साथ पाया। उसने डॉ. प्रदीप का धन्यवाद किया और उनकी मेहनत की सराहना की। थायरॉयड की समस्या का निदान क्या हैं ? होम्योपैथी एक अनूठी चिकित्सा पद्धति है जो न केवल रोग के लक्षणों को ध्यान में रखती है, बल्कि व्यक्तियों की संपूर्णता को समझने का प्रयास करती है। यह प्राकृतिक उपचार पद्धति थायराइड जैसी जटिल बीमारियों के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प प्रदान करती है। जब एक महिला ने थायराइड रोग के कारण थकान, वजन बढ़ने, और बेचैनी का सामना किया, तो उसने कई डॉक्टरों से सलाह ली, लेकिन उसे कोई ठोस समाधान नहीं मिला। अंततः, होम्योपैथी के माध्यम से डॉ. प्रदीप से मिलने पर, उन्होंने उसकी समस्याओं का गहराई से अध्ययन किया और उसे प्राकृतिक उपचार व आहार संबंधी निर्देश दिए। डॉ. प्रदीप का स्नेहपूर्ण और शांत व्यवहार उसे मानसिक शांति प्रदान करता था। धीरे-धीरे, उसने अपनी सेहत में सुधार देखा, उसका वजन संतुलित हुआ और उसके जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि हुई। हाइपोथायरायडिज्म के लिए होमेओपथी रामबाण इलाज हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) एक चिकित्सा स्थिति है जिसमें थायराइड ग्रंथि शरीर में आवश्यक थायराइड हार्मोनों का उत्पादन कम कर देती है। यह स्थिति तब होती है जब ग्रंथि को सही तरीके से काम करने के लिए पर्याप्त उत्तेजना नहीं मिलती है, जिससे शरीर के मेटाबॉलिज्म की गति धीमी हो जाती है।हाइपोथायरायडिज्म का होम्योपैथी से उपचार एक विकल्प हो सकता है जो व्यक्ति की संपूर्ण स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखता है। होम्योपैथी में, हर मरीज को उसकी विशेष लक्षणों के आधार पर एक व्यक्तिगत उपचार योजना दी जाती है। होम्योपैथी में कई ऐसे चिकित्सकीय उपाय हैं जो हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों को सुधारने में सहायक हो सकते हैं। हालांकि, होम्योपैथी उपचार को अपनाने से पहले, एक योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है। वे आपके लक्षणों का उचित मूल्यांकन करेंगे और एक व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करेंगे, जिससे आप अपनी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार देख सकें। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि होम्योपैथी को पारंपरिक चिकित्सा के साथ संयोजन में उपयोग करना आवश्यक हो सकता है, ताकि संपूर्णता में स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जा सके। एक सकारात्मक मानसिकता और नियमित अनुशासन के साथ, होम्योपैथी हाइपोथायरायडिज्म के समग्र प्रबंधन में सहायता कर सकती है।
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liver cirrhosis ka bina surgery ilaj
लिवर सिरोसिस (LIVER CIRRHOSIS)"बिना सर्जरी" का इलाज ! लिवर सिरोसिस का होमियोपैथी कारगर इलाज Patient case study:- जो यकृत सिरोसिस से पीड़ित था, ने अपने स्वास्थ्य के लिए एक कठिन यात्रा शुरू की।। जब वह यकृत सिरोसिस के साथ अपने संघर्ष को शुरू कर रहा था, तो उसे कई डॉक्टरों से यह सुनने को मिला कि उसकी बीमारी स्थायी है और दवाइयों से ठीक नहीं होगी। वह बेहद निराश हो गया और कई डॉक्टरों के पास गया, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। फिर एक दिन, उसने एक होम्योपैथी डॉक्टर के बारे में सुना, जिनके पास उपचार और प्राकृतिक इलाज का अच्छा ज्ञान था। उसने डॉ. प्रदीप से मिलने का निर्णय लिया। जब उसने डॉक्टर के सामने अपनी पूरी स्थिति बताई, तो उसके तकलीफों में सांस लेने में कठिनाई, कम प्रतिरोधक क्षमता, और शरीर के काले रंग की समस्याएँ शामिल थीं। एक साल से उसकी हालत बेतरतीब थी, और उसे उम्मीद थी कि उसकी बीमारी बढ़ी जा रही है। डॉ. प्रदीप ने उसे सुनकर कहा, "आपका रोग होम्योपैथी उपचार से लगभग ठीक हो जाएगा, अगर आप अपने शरीर का ख्याल रखेंगे और नियमित रूप से इलाज कराएंगे।" उन्होंने पाया कि मरीज को अग्न्याशय से जुड़ी कई समस्याएँ थीं और उसका पेट भी एसाइटिस से भर गया था। मरीज ने सोच लिया था कि उसकी बीमारी का कोई ठोस निदान नहीं है, लेकिन डॉ. प्रदीप ने उसे विश्वास दिलाया कि वह अपनी बीमारी को मात दे सकता है। डॉ. प्रदीप ने जब उसका इलाज शुरू किया, तो मरीज ने महसूस किया कि वह अपनी बीमारी को धीरे-धीरे मात देने में सक्षम हो रहा है। उसने अपनी पिछली दवाए छोड़ दीं और ब्रह्म होमेओपैथी चिकित्सा एवं शोध केंद्र से एक नई शुरुआत की। डॉ. प्रदीप के पास एक अनोखा उपचार और अपनी बीमारी के इलाज का विशेष तरीका था। समय के साथ, मरीज ने अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना शुरू किया, और जल्द ही उसने अपनी व्यक्तिगत जिंदगी को संभालना शुरू कर दिया। कुछ महीनों बाद, मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। उसे अपने अच्छे स्वास्थ्य पर गर्व था और उसने महसूस किया कि यह सब होम्योपैथी उपचार की वजह से हुआ। उसने डॉ. प्रदीप की ज्ञान और पेशेवरता की सराहना की और कहा, "मैं कभी भी इस उपचार को नहीं भूलूंगा।" वह अब अपनी यात्रा को दूसरों के साथ साझा करना चाहता है और यकृत सिरोसिस के अन्य मरीजों को जागरूक करना चाहता है। होमियोपैथी से लिवर सिरोसिस को कैसे मिटाये ? यकृत सिरोसिस एक गंभीर स्थिति है जो समय के साथ यकृत के कार्य में बाधा डालती है। होम्योपैथी इस रोग के उपचार में एक प्रभावी विकल्प हो सकती है, क्योंकि यह प्राकृतिक उपचार पद्धति है जो शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करती है। होम्योपैथी में रोगी के लक्षणों और उसके मानसिक-भावनात्मक स्थिति को समझकर व्यक्तिगत उपचार निर्धारित किया जाता है। यह रोग की गहराई में जाकर उपचार करती है और शरीर के भीतर संतुलन स्थापित करने पर ध्यान देती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि होम्योपैथी पूरी तरह से सुरक्षित होती है और इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। इसके साथ ही, होम्योपैथी उपचार के दौरान यदि आप अन्य उपचार भी ले रहे हैं, तो यह आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभदायक रहेगा। होम्योपैथी आपके शरीर को प्राकृतिक तरीके से सुधारने का अवसर प्रदान करती है, जिससे न केवल यकृत की सेहत में सुधार होता है बल्कि आपकी जीवनशैली भी बेहतर होती है। इसलिए, यदि आप यकृत सिरोसिस के उपचार के लिए होम्योपैथी का चयन करते हैं, तो आपको एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार की उम्मीद कर सकते हैं।
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pancreatitis attack ko kse rok sakte hai
पैंक्रियाटिक अटैक ( Pain attacks)को कैसे रोक सकते हैं ? पैंक्रियास में दर्द के हमले को कैसे नियंत्रित करे ? यदि आप बार बार आने वाले पैंक्रिअटिक अटैक्स से परेशान हैं तो यह वीडियो आपके लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकता हैं। इस वीडियो में बताया गया पेशेंट पैंक्रिअटिक अटैक्स से पीड़ित था। जिसे 2009 में पहली बार पैनक्रियाटिक अटैक आया। उस समय उसे नहीं पता था कि पैनक्रियाटाइटिस क्या होता है और यह उस पर कौन-सी मुसीबत ला रहा है। डॉक्टरों ने उसे सिर्फ कुछ दर्द निवारक दवाइयाँ दीं, लेकिन असल में उस बीमारी का कोई स्थायी समाधान नहीं मिला। समय बीतता गया, लेकिन वो उस दर्द को नजरअंदाज करते रहा। कुछ सालों बाद, 2019 में उसे फिर से वही समस्या हुई, लेकिन इस बार उसे बताया गया कि उसे "पैनक्रियाटिक डिविज़म" हो गया है। उसकी मुश्किलें और भी बढ़ गईं और उसने फैसला किया कि अब वह इस बीमारी को जड़ से समाप्त करना चाहता है। उसने पैनक्रियाटाइटिस का स्थायी समाधान खोजने की ठानी। इसी खोज में, उसने एक दिन YouTube पर एक वीडियो देखा, जिसमें एक डॉक्टर ने पैनक्रियाटाइटिस से संबंधित कई महत्वपूर्ण बातें साझा की थीं। उस वीडियो को देखने के बाद, उसके मन में एक नई उम्मीद जगी। उसने होम्योपैथी की दवाओं के बारे में और जानने की इच्छा प्रकट की। अगले दिन, वह ब्रह्म होम्योपैथी सेंटर गया और वहां डॉक्टर से मिला। डॉक्टर ने उसकी समस्याओं को सुनते हुए उसे एक भाई की तरह समझाया और मार्गदर्शन किया। उसने अपने दिल की हर बात डॉक्टर के सामने रखी, और डॉक्टर ने न सिर्फ एक मरीज की तरह उसे सुना, बल्कि उसका हौसला भी बढ़ाया। डॉक्टर के मार्गदर्शन में उसने होम्योपैथी का इलाज लेना शुरू किया। महज एक महीने में, उसे अपने स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिला। उसने महसूस किया कि होम्योपैथी सिर्फ दवा नहीं देती, बल्कि यह मरीज के मन और शरीर को भी ठंडक और शांति प्रदान करती है। कुछ समय बाद, वह सामान्य भोजन करने लगा और उसकी जिंदगी में फिर से उम्मीद की किरण चमकने लगी। उसने महसूस किया कि अब वह फिर से एक सामान्य जीवन जी सकता है। रोग को मिला जड़ से आराम :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। पैंक्रियाटिक अटैक का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। पैंक्रियाटिक अटैक के लिए होम्योपैथी में क्या उपचार हैं ? होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक अग्न्याशय में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है और होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से अग्नाशयशोथ के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और अग्नाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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non hodgkins lymphoma ka safal ilaaj
कैंसरयुक्त " नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा " का मिला असाधारण इलाज शरीर में बढे कैंसर को मिटाया होमियोपैथी दवाई से। पेशेंट को मिला नया जीवन। इस वीडियो में बताये पेशेंट को Non-Hodgkin lymphoma (NHL) की समस्या थी। एक बार की बात है, उसे गर्दन के पास एक ट्यूमर हो गया था। जब उसने पहली बार अपने घर के सरकारी अस्पताल में जांच करवाई, तो उसके शरीर में कई समस्याएँ थीं। दर्द और कमजोरी से परेशान होकर, उसने अपनी बीमारी का पता लगाने की कोशिश की। जाँच रिपोर्ट मिली, और उसे बताया गया कि उसे कैंसर है। इस सुनकर उसके सारे सपने बिखर गए; उसने अपनी उम्मीद और आत्मविश्वास खो दिया। कैंसर का नाम सुनते ही उसके मन में डर और तनाव भर गया। उस समय उसे जीवन में कोई समर्थन नहीं था। उसने सर्जरी के लिए कई सुझाव प्राप्त किए, लेकिन वह हिम्मत और सहयोग की कमी महसूस कर रहा था। उसकी फैमिली उस समय उसके साथ नहीं थी। उसका जीवन संघर्ष से भरा हुआ था क्योंकि उसकी नौकरी भी ख़राब हो रही थी और उसके पास कोई विकल्प नहीं था। मगर कुछ समय बाद, उसने इस समस्या का हल निकालने का निर्णय लिया। किस्मत से, एक दिन उसने इंटरनेट पर एक वीडियो देखा, जिसमें एक होमियोपैथी डॉक्टर " नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा " के बारे में चर्चा कर रहे थे। उस वीडियो में डॉक्टर ने एक मामले का अध्ययन साझा किया था, जिसमें एक मरीज ने होमियोपैथिक उपचार के बाद सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए थे। उस वीडियो को देखकर उसे नई उम्मीद मिली और उसने तय किया कि उसे भी होमियोपैथी से इलाज करवाना चाहिए। उसने Brahm Homeopathic Healing and Research Center से अपना उपचार शुरू करने का निर्णय लिया। वहाँ उसे एक विशेष और शोध-आधारित इलाज और दवाएं मिलीं। डॉक्टर प्रदीप ने उसे सलाह दी कि उसे तुरंत दवाएं लेनी चाहिए, भले ही बीमारी अभी पूरी तरह विकसित न हुई हो। अस्पताल के सभी डॉक्टर और स्टाफ ने जो समर्थन दिया, उसके लिए वह बहुत आभारी था।  जब वह अस्पताल नहीं जा पाता था, तो अस्पताल के प्रबंधन ने उसकी दवाएं उसके घर पर पहुंचाने का व्यवस्था किया। इस सभी से उसे आत्मविश्वास मिला और उसने धीरे-धीरे अपने स्वास्थ्य में सुधार देखा। उसने अप्रैल महीने से उपचार शुरू किया। कुछ महीनों के बाद, वह देखने लगा कि उसकी कैंसर की समस्या धीरे-धीरे समाप्त हो रही है। यह सबकुछ सही समय पर सही उपचार के कारण संभव हुआ। उसने अपनी कहानी से सीखा कि कष्ट और संघर्षों के बावजूद, उम्मीद कभी नहीं छोड़नी चाहिए। होमियोपैथी ने उसे फिर से जीवन जीने का मौका दिया। अब वह अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रहा था, नए सपनों के साथ। उसकी इस यात्रा ने उसे यह सिखाया कि कठिनाइयों को पार करने का मार्ग हमेशा खुला होता है, बस विश्वास और सही उपचार का होना जरूरी है। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। " नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा " का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं।]  " नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा " के लिए होम्योपैथी सर्वश्रेष्ठ इलाज :- होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। "नॉन-हॉजकिंस लिंफोमा" में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के "नॉन-हॉजकिंस लिंफोमा" को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से "नॉन-हॉजकिंस लिंफोमा" का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से एक्यूट के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको "नॉन-हॉजकिंस लिंफोमा" के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और "नॉन-हॉजकिंस लिंफोमा" की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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chronic calcific & pseudocyst pancreatitis treatment in homeopathic
कैल्किफिकेशन ऑफ़ पैंक्रियाटाइटिस का बिना सर्जरी के होमियोपैथी उपचार स्यूडोसिस्ट ऑफ़ पैंक्रियास के लिए अच्छा इलाज क्या हैं ? होमियोपैथी में पैंक्रियाटाइटिस के साथ स्यूडोसिस्ट और कैल्किफिकेशन का असरकारक इलाज हैं। इस वीडियो में बताये गए पेशेंट को पेट में तेज़ दर्द का सामना करना पड़ा। यह दर्द उसके लिए नया नहीं था, क्योंकि उसे अपने पेट में कई बार इसी तरह के दर्द का अनुभव हो चुका था। साल 2019 में, उसने एक जांच करवाई थी जिसमें उसे पता चला कि उसे पैंक्रियाटाइटिस (अग्नाशय की सूजन) के साथ स्यूडोसिस्ट (एक तरल भरा दाद) और कैल्किफिकेशन (पत्थरी का निर्माण) हो गया था। इस दर्द के कारण वो बहुत परेशान था। न केवल उसे दर्द हो रहा था, बल्कि उसे वजन घटने और उल्टी की भी समस्या थी। उसका पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा था और वो भारी भोजन का सहारा नहीं ले पा रहा था। वो हमेशा आशा करता था कि कहीं ना कहीं उसका ये रोग ठीक होगा, लेकिन असल में, उसका रोग धीरे-धीरे बढ़ रहा था। एक दिन, उसने इंटरनेट पर एक वीडियो देखा, जिसमें होम्योपैथी के डॉक्टर एक मरीज का केस स्टडी ले रहे थे। उस मरीज ने बताया कि किस तरह होम्योपैथी ने उसकी पैंक्रियाटाइटिस और प्सेडोसिस्‍ट को ठीक करने में मदद की। मरीज के अनुभवों ने उसे बहुत प्रभावित किया। उसने सोचा, "क्या होगा अगर मैं भी इस डॉक्टर से मिल कर अपना इलाज करवाऊं?" फोन उठाकर उसने डॉ. प्रदीप से अपॉइंटमेंट लिया और "ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर" में पहुँच गया। जब उसने डॉ. प्रदीप से मुलाकात की, तो वह महसूस करने लगा कि शायद यह उसकी बीमारी का समाधान हो सकता है।डॉक्टर ने उसकी पूरी जांच की और उसे उपचार की प्रक्रिया शुरू करने का सुझाव दिया। पहले कुछ हफ्तों में उसने कुछ सकारात्मक बदलाव अनुभव किए। उसने डॉक्टर की सलाहों का पालन किया और अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहा। समय के साथ, उसका दर्द कम होता गया और उसकी सेहत में सुधार होने लगा। उपचार के अंत में, उसने महसूस किया कि अब उसे कोई समस्या नहीं थी। रोग को जड़ से ठीक कैसे करे :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। अग्नाशयशोथ का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। क्रोनिक कैल्सिफिकेशन ऑफ़ पैन्क्रियाटाइटिस के लिए होम्योपैथी उपचार होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक कैल्सिफिकेशन जैसी बीमारी का होम्योपैथी में बिना किसी सर्जरी के असरकारक उपचार हैं । होम्योपैथी उपचार के माध्यम से अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से एक्यूट के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको कैल्सिफिकेशन ऑफ़ पैन्क्रियाटाइटिस के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और अग्नाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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pancreas me sujan ka kya ilaaj hai
अग्न्याशय (Pancreas)में सूजन का क्या इलाज हैं ? अग्न्याशय की सूजन को कैसे ठीक करे ? 4 महीने के अंदर अग्नाशयशोथ का इलाज- Patient case study जुलाई 2022 की बात है, इस वीडियो में बताये गए व्यक्ति को अचानक तेज दर्द का सामना करना पड़ा। उसे पता चला कि उसे पैंक्रियाटाइटिस यानी अग्नाशय सूजन की समस्या है। इस दर्द ने उसकी ज़िंदगी को मुश्किल बना दिया। पहले उसने पंजाब में इलाज कराया, फिर इलाज के लिए लखनऊ गया। हालांकि, उसे दर्द से थोड़ी राहत मिली, लेकिन सोचने लगा कि वास्तव में इस दर्द से स्थायी छुटकारा कैसे पाए।तब उसने ब्रह्म होमियोपैथी हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर के बारे में सुना और डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लिया। जब वह डॉक्टर से मिला, तो उसने अपनी स्थिति के बारे में सभी समस्याएँ बताई। उसने कहा कि वह बहुत सारी दवाइयाँ ले चुका है, लेकिन उसका दर्द समय के साथ बढ़ता ही गया। डॉक्टर प्रदीप ने उसकी पूरी जाँच की। उन्होंने सही से इसकी तहकीकात की और अंततः उसके शरीर में मुख्य समस्या को पहचाना। डॉक्टर प्रदीप ने उसका उपचार शुरू किया। थोड़े समय बाद, उस व्यक्ति ने अपने शरीर में कोई दर्द महसूस नहीं किया। चार महीने में, उसे इलाज से बड़ा सुधार मिला। अब वह सही भोजन कर सकता था और लंबी दूरी पर चल भी सकता था। साथ ही, उसने अपने मोटापे और पाचन समस्याओं को भी कम कर दिया।  उसने फिर से स्वास्थ्य रिपोर्ट करवाई, जिसमें उसकी अग्नाशय की सामान्य स्थिति देखने को मिली। हर डॉक्टर ने कहा कि उसके रोग का कोई निश्चित निदान नहीं है, लेकिन जब उसने डॉक्टर प्रदीप से परामर्श लिया, तो उसे पता चला कि होमियोपैथी ने उसके अग्नाशय के रोग का सबसे अच्छा समाधान दिया।उसने बिना किसी सर्जरी के अपनी बीमारी को ठीक कर लिया और सभी पैंक्रियाटाइटिस के मरीजों को सलाह दी कि जब और कोई विकल्प न हो, तो होमियोपैथी पर नज़र डाले। वह डॉक्टर प्रदीप के प्रति बहुत आभारी रहा।  उसने महसूस किया कि होमियोपैथी के उपचार की प्रक्रिया अद्वितीय थी और यह बीमारी को स्वाभाविक रूप से ठीक करने का एक विशेष तरीका था। फिर उसने अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना शुरू कर दिया। उसने डॉक्टर प्रदीप के सभी वीडियो देखना शुरू किया, जो पैंक्रियाटाइटिस के विशेषज्ञ थे। डॉक्टर प्रदीप ने उसे बताया कि इस बीमारी से राहत पाने में समय लगता है, यह सब मरीज के शरीर पर निर्भर करता है। जब उसने इलाज शुरू किया, तो वह बहुत शांत और प्रेरित महसूस करता था। उसने अपनी व्यक्तिगत ज़िंदगी को संभालना शुरू किया और एक स्वस्थ जीवन जीने की कोशिश की। डॉक्टर का व्यवहार उनके प्रति बहुत अच्छा और शांतिपूर्ण था।  होम्योपैथी से अग्न्याशय (Pancreas)की सूजन को मिटाना संभव हैं ? होम्योपैथी एक प्रभावशाली और सुरक्षित उपचार पद्धति है, जो अग्न्याशय की सूजन और दर्द को मिटने के लिए सर्वश्रेष्ठ समाधान प्रदान कर सकती है। यह चिकित्सा बिना किसी सर्जिकल प्रक्रिया के दर्द से राहत दिलाने में सक्षम होती है। होम्योपैथी दवाएं शरीर की प्राकृतिक क्षमता को उत्तेजित करती हैं, जिससे रोगी जल्दी ठीक होता है। " अग्नाशयशोथ को होम्योपैथी से मिटाएं!" इस सिद्धांत के तहत, होम्योपैथी दर्द की मूल कारण को समझते हुए एक व्यक्तिगत उपचार योजना बनाती है। इसके माध्यम से ना केवल दर्द में कमी आती है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है। पेशेंट को ये साफ-सुथरी, नैतिक और सरल उपचार प्रणाली के फायदे मिलते हैं, जिससे वह बिना किसी भय के अपनी जिंदगी का आनंद ले सकता है। होम्योपैथी एक अद्भुत विकल्प है जो अग्न्याशय की सूजन और दर्द को दूर करने के लिए सभी के लिए खुला है।
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lichen planus ka homeopathic ilaaj
लाइकेन प्लानस ( Lichen planus)के लिए होम्योपैथी इलाज ! ओरल लाइकेन प्लेनस का परमेनन्ट इलाज क्या हैं ? इस वीडियो में बताये गया मरीज ऑस्ट्रेलिया में रहता था, जो मौखिक लाइकेन प्लानस (Lichen planus) की बीमारी से परेशान था। लाइकेन प्लानस की बीमारी में रोगी अत्यधिक खुजली और जलन का अहसास होता है, जो न केवल शारीरिक discomfort पैदा करता है, बल्कि मानसिक तनाव भी उत्पन्न करता है।उसकी बेचैनी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जाती है। यह बीमारी मुंह के अंदर दर्दनाक घावों और जलन का कारण बनती है। जिससे पेशेंट खाना खाने, बातें करने और सामान्य जीवन जीने में भी कठिनाई महसूस करता है। उसकी बीमारी के कारण उसे भारत आकर इलाज करवाना पड़ा। जब उसने देखा कि पूर्व में किए गए उपचारों से उसे कोई राहत नहीं मिली, तो उसने निर्णय लिया कि वह अपने रोग को जड़ से ठीक करना चाहता है। जब वह एक डॉक्टर के पास गया, तो डॉक्टर ने उसे कई प्रकार की दवाएँ और टैबलेट्स दी। उसने कई डॉक्टरों से सलाह ली, लेकिन हर बार राहत की जगह निराशा ही मिली। एक बार फिर वह डॉक्टर से मिला, जिसने उसे अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी। हर 2 से 3 महीने में उसे मौखिक लाइकेन प्लानस के दौरे पड़ते रहते थे। फिर उसे होम्योपैथी का एक अनोखा इलाज मिला। उसने सोचा कि यह एक सुरक्षित और प्राकृतिक उपाय है, और उसे यकीन था कि वह अपनी बीमारी का समाधान पा सकेगा। सबसे अच्छी बात यह थी कि वह ऑस्ट्रेलिया में रहते हुए भारत से दवाई मंगा सकता था। अस्पताल ने उसकी दवाई उसके पते पर भेज दी, जिसके कारण वह बहुत सहज और शांत महसूस करने लगा। सबसे पहले, डॉक्टर प्रदीप ने मरीज की चिकित्सा इतिहास, लक्षण, और जीवनशैली का गहराई से अध्ययन किया । इसके बाद, मरीज की विशेष स्थिति के अनुसार व्यक्तिगत दवा का चयन किया  जब भी उसे डॉक्टर से बात करनी होती, तो वह वीडियो कॉल के माध्यम से बातचीत करता। डॉ. प्रदीप, जो पैंक्रियाटाइटिस के विशेषज्ञ थे, अपने व्यस्त शेड्यूल के बावजूद, अपने मरीजों के लिए समय निकालते थे। उनका व्यवहार बहुत अच्छा था, और वे बहुत प्यारे स्वर में मरीज से बात करते थे। उन्होंने मरीज को कई समाधान और डाइट की सलाह भी दी। डॉ. प्रदीप ने कहा, "बीमारी आपके शरीर का एक हिस्सा है। हम आपकी बीमारी को ठीक कर सकते हैं, लेकिन आपका शरीर तब बेहतर हो सकता है जब आप अपने शरीर को 100% ध्यान देंगे। आपको अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहिए।" जब उन्होंने इस डॉक्टर से मुलाकात की, तो उन्हें लगा कि वे सही विकल्प चुन रहे हैं। जब उन्होंने ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में अपना उपचार शुरू किया, तो उन्हें धीरे-धीरे सुधार दिखने लगा। आखिरकार, इलाज के बाद वह सामान्य जीवन जीने लगा, और सबसे अच्छी बात यह थी कि वह बिना किसी सर्जरी के अपनी बीमारी को ठीक करने में सफल हुआ। लाइकेन प्लानस के लिए होमियोपैथी सर्वश्रेष्ठ उपचार ! होम्योपैथी एक अद्वितीय और प्रभावी उपचार प्रणाली है, जो मौखिक लाइकेन प्लानस जैसी जटिल बीमारियों के उपचार में विशेष रूप से सहायक साबित होती है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते और इसके लिए सर्जिकल इंटरवेंशन की आवश्यकता नहीं होती। होम्योपैथी का उपचार पूरी तरह से प्राकृतिक और वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है, जिससे यह रोगियों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनता है। यह न केवल रोग के लक्षणों को कम करता है, बल्कि इसके जड़ में जाकर बीमारी को समाप्त करने में भी मदद करता है। इसके द्वारा, मरीज को एक सम्पूर्ण और संतुलित स्वास्थ्य प्राप्त होता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। होम्योपैथी एक संतुलित और स्वस्थ जीवन जीने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जो शरीर की स्वाभाविक उपचार प्रक्रिया को प्रोत्साहित करती है।
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acute necrotizing pancreatic ka ilaaj
अक्यूट नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाटाइटिस को "बिना सर्जरी" परमानेंट मिटाये अक्यूट नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाटाइटिस के लिए नेचुरल इलाज कोनसा हैं ? इस वीडियो में बताये गए बच्चे को तीव्र अग्न्याशयशोथ (acute necrotizing pancreatitis) हो गया था। बच्चा रोज़ की दिनचर्या में दर्द से परेशान रहता था। उसका दिल टूट जाता जब उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ता। उसने कई प्रसिद्ध अस्पतालों का दौरा किया, लेकिन हर जगह सिर्फ दर्द निवारक दवाइयां ही दी जाती थीं, और जब दवा का असर खत्म होता, तो दर्द लौट आता। उसने महंगे अस्पतालों में जाकर उच्च मात्रा में दवाइयां लीं, लेकिन दर्द ठीक होने का नाम ही नहीं ले रहा था। एक अस्पताल में 15 दिनों तक भर्ती रहने के बाद बच्चों ने राहत की थोड़ी सी उम्मीद पाई । लेकिन एक हफ्ते बाद ही दर्द ने फिर से उसे जकड़ लिया। दर्द की वजह से उसकी शारीरिक शक्ति कम होती गई। माता-पिता पूरी तरह से चिंतित थे, क्योंकि डॉक्टरों ने बताया कि कोई स्थायी निदान नहीं है और बच्चे को सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। उन्होंने कई डॉक्टरों से सलाह ली, लेकिन हर बार यही बताया जाता था कि कोई निश्चित निदान नहीं है। कुछ डॉक्टरों ने कहा कि ऑपरेशन करना एकमात्र समाधान है। सर्जरी का विचार बच्चे के लिए बहुत डरावना था, और वह इसे लेने का साहस नहीं जुटा सका। उसके माता-पिता परेशान थे, क्योंकि दवाओं का सेवन भी उसके शरीर पर बुरा असर डाल रहा था। एक दिन, जब वे इंटरनेट पर बैठे थे, तब उन्हें एक वीडियो मिला, जिसमें डॉ. प्रदीप, एक होम्योपैथी के विशेषज्ञ, ने अग्न्याशय के विकारों के बिना सर्जरी के उपचार का चर्चा की थी। यह देखकर उन्होंने सोचा कि शायद यह उनकी समस्या का हल हो सकता है। उसके माता-पिता ने डॉ. प्रदीप से मिलने का निर्णय लिया। जब वे डॉ. प्रदीप के पास पहुंचे ।उन्होंने बताया कि उनका बच्चा पिछले एक साल से दर्द में है और उन्हें सर्जरी से डर लगता है। डॉक्टर ने मुस्कुराते हुए कहा, "आपका डर समझ में आता है, लेकिन होम्योपैथी एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है। उन्होंने बताया, "होम्योपैथी एक शोध आधारित विज्ञान है, जो पूरी तरह से प्राकृतिक है।डॉक्टर ने उन्हें बताया कि होम्योपैथी एक अनुसंधान पर आधारित विज्ञान है, और यह शरीर के लिए हानिकारक नहीं होती।डॉ. प्रदीप ने माता-पिता को एक विस्तृत उपचार योजना दी। "अगर आप कुछ महीनों तक उपचार पर ध्यान केंद्रित करें और आप सुधार महसूस करें, तो आप इसे जारी रख सकते हैं।" उनके शब्दों ने माता-पिता को आशा दी। डॉ. प्रदीप ने उन्हें एक विशेष उपचार योजना के बारे में जानकारी दी। बच्चा डॉक्टर की बात सुनकर बहुत आशावादी हो गया और उसने ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर में इलाज शुरू किया।आखिरकार, बच्चे ने होम्योपैथी उपचार शुरू किया। धीरे-धीरे उसे डॉक्टर की देखभाल और सही आहार से बहुत राहत मिलने लगी। उसकी हालत में सुधार होता गया, और उसे दर्द से राहत मिली। पहले की तरह दर्द नहीं हो रहा था, और वह आसानी से सामान्य खाना खा पा रहा था। उसका वजन भी बढ़ने लगा और उसकी सेहत में सुधार हो रहा था।डॉ. प्रदीप ने उसे पोषण संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जिससे उसका स्वास्थ्य और भी बेहतर होने लगा। जब बच्चा दोबारा स्वस्थ हुआ, तो उसने डॉ. प्रदीप को धन्यवाद दिया। उसके माता-पिता की आंखों में आंसू थे, लेकिन ये आंसू खुशी के थे। उन्होंने सोचा कि कैसे एक सही मार्गदर्शन और चिकित्सा ने उनके बच्चे को नए जीवन का दिशा दिखाई।जब बच्चा और उसके माता-पिता अपनी निराशा और दर्द से जूझ रहे थे। डॉक्टर प्रदीप ने होम्योपैथी उपचार को एक प्रभावी और सुरक्षित विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने नियमित उपचार विधियों को समझाते हुए बताया कि कैसे प्राकृतिक दवाओं का प्रयोग न केवल बीमारी को ठीक कर सकता है बल्कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाने में मदद करता है। होम्योपैथी की विशेषता यह है कि यह व्यक्ति की समग्र स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखकर उपचार करती है, न कि सिर्फ बीमारी के लक्षणों को। डॉक्टर प्रदीप ने बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा, जिससे बच्चे ने जल्दी ही अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस करना शुरू किया। उपचार के माध्यम से बच्चे को न केवल दर्द में राहत मिली, बल्कि उसकी जीवनशैली भी सुधर गई। अक्यूट नेक्रोटाइजिंग पैनक्रिएटाइटिस के लिए संतुलित आहार योजना क्या हैं ? डॉक्टर प्रदीप, होम्योपैथी विशेषज्ञ, ने अक्यूट नेक्रोटाइजिंग पैनक्रिएटाइटिस से ग्रसित बच्चे के लिए एक विशेष आहार योजना बनाई, जो उसके स्वास्थ्य को तेजी से ठीक करने और पैनक्रियास पर किसी भी प्रकार के दबाव को कम करने में सहायक थी। उन्होंने सलाह दी कि रोगी को उच्च कैलोरी और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जिसमें कार्बोहाइड्रेट्स, स्वस्थ वसा और प्रोटीन शामिल हों, जिससे उसकी ऊर्जा स्तर बढ़ सके। उन्होंने यह भी कहा कि पालतू भोजन जैसे दही, दलिया, उबली सब्जियाँ और हल्का लिक्विड आहार जैसे सूप और जूस इसे पचाने में मदद करेंगे। डॉक्टर ने मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थों, अल्कोहल, और उच्च चीनी वाले खाद्य पदार्थों से पूरी तरह बचने की सलाह दी, क्योंकि ये पैनक्रियास पर अतिरिक्त दबाव डाल सकते हैं। इसके अलावा, उन्होंने नियमित अंतराल पर छोटे-छोटे भोजन लेने, पर्याप्त पानी पीने और तनावमुक्त रहने की सलाह दी। Acute Necrotizing Pancreatitis का होमियोपैथी उपचार In Hindi रोगों का इलाज केवल औषधीय दृष्टिकोण से नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी आवश्यक है। डॉक्टर प्रदीप का होम्योपैथी उपचार और उसके साथ एक संतुलित आहार योजना का समावेश दर्शाता है कि एक संयोजन दृष्टिकोण कैसे रोगियों की स्वास्थ्य स्थितियों में सुधार कर सकता है। इस केस का मुख्य सिद्धांत यह है कि अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना और संतुलित आहार का सेवन करना सफल उपचार की कुंजी है। इसके माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि सही उपचार विधियां और उचित आहार न केवल बीमारी को मिटा सकते हैं, बल्कि शरीर की ताकत को भी बढ़ा सकते हैं। उद्देश्य है कि पाठकों को यह प्रेरणा मिले कि वे स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को समझदारी से हल करें, और प्राकृतिक और चिकित्सीय प्रक्रियाओं के समुचित संतुलन से लाभ उठाएं।
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ulcerative colitis ka ilaaj
अल्‍सरेटिव कोलाइटिस का त्वरित और अच्छा "Homeopathy इलाज" अल्‍सरेटिव कोलाइटिस के लिए असरकारक इलाज क्या हैं ? एक मरीज को दो साल पहले उल्सरेटिव कोलाइटिस का पता चला था। लगातार पेट में दर्द, बार-बार दस्त और अकारण वजन में कमी के बाद, उसने कई डॉक्टरों से परामर्श किया। लेकिन उसे किसी भी डॉक्टर से राहत नहीं मिली, सभी ने उसे पहले से दी गई दवाओं के सेवन की सलाह दी। वह यह समझ नहीं पाया कि उसे कितनी बार दवा लेनी चाहिए। इन दवाओं को लेने से उसे शरीर में कई दुष्प्रभाव महसूस हुए। उसकी स्थिति बहुत असहज थी; जैसे ही वह नाश्ते के बाद बाथरूम जाने की अचानक इच्छा महसूस करता था, या जब वह दोपहर के भोजन के बाद फिर से असहजता का अनुभव करता था, इस बार यह दर्दनाक मरोड़ के साथ था।वह अपनी सेहत को लेकर बहुत चिंतित और परेशान था। एक दिन, उसने YouTube पर एक वीडियो देखा, जिसमें एक होम्योपैथी डॉक्टर ने बिना किसी हानिकारक दवा या सर्जिकल हस्तक्षेप के प्राकृतिक उपचार की चर्चा की। उसने निर्णय लिया कि वह इस डॉक्टर से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेगा।जब उसने डॉक्टर से मिलने का समय तय किया, तो उसे पता चला कि डॉक्टर की व्यक्तित्व बहुत अच्छी थी। डॉक्टर ने अपनी पेशेवर बातें करने के बजाय साधारणता से पूछा कि आपकी स्थिति क्या है और कौन-सी बीमारी आपको इतना प्रभावित कर रही है। उनकी सामान्य प्रकृति ने उसे बहुत प्रभावित किया।जब मरीज ने अपनी असल समस्या डॉक्टर को बताई, तो डॉक्टर ने उसकी स्थिति और बीमारी की पुष्टि की और एक उपचार योजना बनाई जिसमें सही आहार योजना भी शामिल थी। डॉक्टर ने यह कहा, "आपको इस बीमारी के बारे में अधिक चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मैंने अपने चिकित्सा करियर में कई उल्सरेटिव कोलाइटिस के मामलों का इलाज किया है। आपके स्वास्थ्य के लिए मेरे पास बेहतरीन उपचार है।" जब मरीज ने ये शब्द सुने, तो उसमें आत्मविश्वास जागृत हुआ और उसने ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर से अपना इलाज शुरू किया। उपचार के दौरान उसे अपने स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव महसूस होने लगे। उसने मेडिकल स्टाफ के प्रयासों की सराहना की जो हमेशा उसकी मदद के लिए तैयार थे। छह महीने बाद जब उसने रिपोर्ट ली, तो उसकी रिपोर्ट सामान्य आई और उसे नाड़, सूजन और एसिडिटी की कोई समस्या नहीं रही। उसे यह भी लाभ मिला कि उसके शरीर की प्रतिकारक क्षमता बढ़ गई और वह एक स्थिर जीवन जीने लगा। जब उसने डॉक्टर प्रदीप से मुलाकात की, तो वह डॉक्टर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बोला, "जब मैंने सर्जरी के बिना इलाज का एक तरीका खोज लिया था, तब मैं डॉ. प्रदीप से मिला।"डॉक्टर की यह अनूठी उपचार पद्धति उसके लिए एक विशेष रास्ता बन गई। वह अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने लगा और डॉ. प्रदीप के द्वारा दी गई हर सलाह का पालन करने लगा। उसने डॉ. प्रदीप द्वारा शेयर किए गए सभी वीडियो देखे। उसके अनुभव यादगार और महान रहे। जब उसने डॉ. प्रदीप से बातचीत की, तो उन्होंने कहा, "इस बीमारी में आराम पाने में समय लगेगा। यह सब मरीज के शरीर पर निर्भर करता है।" धीरे-धीरे उसके स्वास्थ्य में सुधार आने लगा। वह अब सामान्य और नियमित भोजन कर सकता था। वह दिल से डॉ. प्रदीप का आभार मानता था और कहता था, "मेरा होम्योपैथी के साथ अनुभव बहुत अच्छा रहा और मुझे प्राकृतिक उपचार का भी एक रास्ता मिला।" अल्‍सरेटिव कोलाइटिस का होमियोपैथी इलाज (Ulcerative colitis In Hindi ) अल्सरेटिव कोलाइटिस एक गंभीर पाचन तंत्र की समस्या है, जिसमें आंतों की सूजन और अल्सर का निर्माण होता है। होम्योपैथी एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है जो इस स्थिति का उपचार बिना किसी हानिकारक दवाओं के करती है। अल्सरेटिव कोलाइटिस के इलाज में पहला कदम एक उचित आहार योजना बनाना है। आपको अपने भोजन में ताजे फल और सब्जियाँ शामिल करनी चाहिए, और वसा और मसालेदार भोजन से बचना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि आप छोटे और नियमित भोजन का सेवन करें ताकि आंतों पर दबाव कम हो सके।होम्योपैथी दवा दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती है। होम्योपैथी दवा पुरानी सूजन को ठीक करने और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में सहायक होती है।अल्सरेटिव कोलाइटिस के साथ कई बार मानसिक तनाव भी बढ़ जाता है। होम्योपैथी में, मानसिक स्वास्थ्य प्रबंधन भी महत्वपूर्ण है। योग, ध्यान और प्राणायाम जैसी तकनीकें आपके मानसिक तनाव को कम कर सकती हैं और शरीर की प्रतिकृतियों को संतुलित कर सकती हैं। हालांकि होम्योपैथी के उपचार में समय लग सकता है, लेकिन ये दीर्घकालिक स्वास्थ्य और भलाई के लिए सहायक होते हैं। नियमित चिकित्सकीय जांच और प्रगति का मूल्यांकन भी आवश्यक है ताकि आपके उपचार को समय-समय पर समायोजित किया जा सके।
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chronic pancreatitis ka bina surgery homeopathic upchar
क्रोनिक कैल्सिफाइड पैंक्रियाटाइटिस (CCP)का "बिना सर्जरी" का होमियोपैथी उपचार क्रोनिक कैल्सिफाइड (Pancreatitis)के लिए मजबूत इलाज क्या हैं ? पुरानी कैल्सीफाइड पैंक्रियाटाइटिस किसे कहते हैं ? पुरानी कैल्सीफाइड पैंक्रियाटाइटिस एक गंभीर पाचन तंत्र की बीमारी है जिसमें रोगी की पैंक्रियास, जो अग्नाशय के रूप में भी जानी जाती है, अनियंत्रित रूप से सूज जाती है। यह सूजन समय के साथ पुरानी हो जाती है और अंततः रोगी की पैंक्रियास में कैल्शियम जमा होने लगते हैं, जिससे वह कठोर और कमजोर हो जाती है।जब दर्दी दर्द में होता हैं ,तब उसे महसूस होता हैं कि यह बीमारी केवल शारीरिक समस्या नहीं है, बल्कि यह अपनी गहरी भावनाओं और जीवनशैली को भी प्रभावित करती है। उसके शरीर में, अक्सर उसे अघातक पेट और पीठ के दर्द का सामना करना पड़ता था, साथ ही पाचन संबंधी परेशानियाँ भी। वह खा नहीं पाता था, और खाना और पानी पीने के बाद तुरंत दर्द शुरू हो जाता था। Patient case study:-इस वीडियो में बताये गए मरीज को पुरानी कैल्सीफाइड पैंक्रियाटाइटिस से समस्या थी , उसने देखा कि दवाइयाँ लेने के बावजूद उसे स्थायी राहत नहीं मिल रही थी। उसने कई बार दर्द को कम करने के लिए डॉक्टरों के पास गए, लेकिन हर बार उसे केवल अस्थायी राहत मिली। दर्द की अत्यधिक परेशानियों के दौरान, जब उसने अपने डॉक्टर से पूछा कि यह रोग उसे कितनी देर तक परेशान करेगा, तो डॉक्टर ने उसे सर्जरी कराने की सलाह दी।उसका जीवन कठिनाईयों से भरा हुआ था। कई रिपोर्टों और विशेषज्ञ डॉक्टरों के मत जानने के बाद, उसे पता चला कि उसकी पैंक्रियास में कुछ समस्याएँ थीं, लेकिन कोई भी डॉक्टर उसे सही Diagnoseनहीं कर पाया। वह न तो सही खान-पान कर पा रहा था और न ही लंबी दूरी तक चल सकता था। उसकी मोटापे और पाचन संबंधी समस्याएं भी उसकी स्थिति को और गंभीर बना रही थीं। मरीज को लगातार, अत्यधिक पेट में दर्द हो रहा था, जो कई बार उसके पीठ तक फैल जाता था। यह दर्द अक्सर भोजन के बाद और खासकर जब वह वसा से भरा खाना खाता, तब बढ़ जाता था। इसके अलावा, उसे मतली और कभी-कभी उल्टी भी महसूस होती थी। मरीज को अक्सर खाने के बाद शरीर में पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती थीं, जिससे उसको बहुत असुविधा होती थी। उसने अपने वजन में कमी भी देखी, जो उसको चिंतित कर रहा था। एक दिन, उसने एक वीडियो देखा जिसमें एक होम्योपैथी डॉक्टर ने पैंक्रियास संबंधी विकारों के लिए सर्वश्रेष्ठ समाधान बताया। उसके मन में यह विचार आया कि क्यों न उस डॉक्टर से मिलने की कोशिश की जाए। डॉ. प्रदीप, जो पैंक्रियाटाइटिस के विशेषज्ञ थे, की वीडियो देखकर उसने उनके उपचार पद्धति के बारे में जानकारी प्राप्त की। उसने निश्चय किया कि उसे डॉ. प्रदीप से मिलना है।जब वह डॉ. प्रदीप से मिला, तो उसका अनुभव अद्वितीय और यादगार था। डॉक्टर ने उसे समझाया कि इस बीमारी से राहत पाने में समय लगता है और यह सभी मरीजों के शरीर पर निर्भर करता है। आपके लिए यह महत्वपूर्ण है कि आप उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों से बचें। मुख्य रूप से हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज, और कम वसा वाले दुग्ध उत्पाद शामिल करें।दिनभर में छोटे-छोटे भोजन लेना प्रभावी हो सकता है। यह आपके पाचन में मदद करेगा और दर्द की संभावना को कम करेगा। यह आपके पाचन तंत्र पर बोझ को कम करेगा। पानी का पर्याप्त सेवन करें, जिससे आपके शरीर में डिहाइड्रेशन न हो। उसने बताया कि उसने अपने उपचार की शुरुआत बहुत ही आराम से और सकारात्मकता के साथ की। इसे जारी रखते हुए, उसने अपने व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाना शुरू किया और स्वस्थ जीवन जीने का प्रयास किया।डॉ. प्रदीप ने उसे नियमित रूप से मिलने के लिए कहा और बहुत सारे निर्देश और आहार की सलाह दी, जो उसकी स्थिति के लिए अत्यंत सहायक साबित हुए। डॉक्टर का व्यवहार शांत और सहानुभूतिपूर्ण था। समय के साथ, उसकी सेहत में धीरे-धीरे सुधार होने लगा। वह सामान्य भोजन लेने में सक्षम हुआ और उसके पेट से संबंधित समस्याएँ समाप्त हो गईं। सबसे बड़ा परिवर्तन जो उसने देखा, वह यह था कि उसे वजन बढ़ाने में सक्षम हुए। अब उसे दर्द और पाचन संबंधी कोई समस्या नहीं थी। उसकी गुणवत्ता में सुधार हुआ और उसने स्वाभाविक रूप से स्वस्थ जीवन जीना शुरू कर दिया।उसने डॉ. प्रदीप को अपने प्रयासों के लिए दिल से धन्यवाद दिया और होम्योपैथी के उपचार का अनुभव उसके लिए अद्भुत रहा। इस पूरी यात्रा ने उसे प्राकृतिक चिकित्सा के एक नए रास्ते से अवगत कराया, जो उसे स्थायी राहत दिलाने में सफल रहा। उसकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि सही उपचार और सकारात्मक दृष्टिकोण से कठिनाइयों को पार किया जा सकता है। Chronic Pancreatitis के लिए होमियोपैथी इलाज क्या हैं ?मैं आपको यह भी बताना चाहूंगा कि होम्योपैथी एक प्रभावी उपचार विधि हो सकती है, जो आपकी स्थिति को प्राकृतिक तरीके से संभालने में सहायता कर सकती है। इसे उपचार के अन्य विकल्पों के रूप में गहनता से विचार करें। होम्योपैथिक दवाएं आपके शरीर की स्वाभाविक उपचार प्रक्रिया को स्टिम्युलेट करने में मदद कर सकती हैं और लंबे समय में आपके लक्षणों को कम कर सकती हैं।इस प्रकार, एक होम्योपैथिक डॉक्टर आपको व्यक्तिगत रूप से समझकर एक उपयुक्त भोजन और जीवनशैली के साथ-साथ दवाओं को निर्धारित करेगा।होम्योपैथिक दवाएं आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती हैं। यह आपके पैंक्रियास के कार्यों को सुधारने में मदद कर सकती हैं, जिससे कैल्सीफिकेशन और सूजन दोनों को नियंत्रित किया जा सकता है।होम्योपैथिक दवाएं ना केवल दर्द, मतली और अपच जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं, बल्कि ये शरीर की आंतरिक संतुलन को भी बहाल करती हैं। इससे आपको अधिक आराम और बेहतर पाचन क्षमता प्राप्त होती है।होम्योपैथी में उपयोग की जाने वाली दवाएं अत्यधिक सूक्ष्म होती हैं और प्राकृतिक स्रोतों से तैयार की जाती हैं, जिससे इनके सेवन में आमतौर पर कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं होते हैं। होम्योपैथी का उपयोग एक दीर्घकालिक समाधान प्रदान कर सकता है, जो आपकी पुरानी स्थिति को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
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chronic pancreatic ka bina operation ilaaj
क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस के लिए अंतिम इलाज (Final Cure)क्या हैं ? पुराने अग्नाशयशोथ का सबसे पुराना होम्योपैथी कारगर इलाज इस वीडियो में बताये गए पेशेंट को क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस की समस्या थी | जो जीने की खुशी को खो चुका था। उसे 2 नवंबर 2023 को अचानक पेट में तेज दर्द का अनुभव हुआ और वह कुछ भी खाया हुआ पचा नहीं पा रहा था। यह दर्द उसके लिए ऐसे था जैसे जीवन का सबसे खराब सपना, धीरे धीरे उसकी भूख भी कम होती चली गयी और इसके बाद से वह खाना खाने में कतराने लगा। उसका वजन घटने लगा और बीच-बीच में उसे पाचन में भी समस्या होने लगी। वह डॉक्टर के पास गया, जहां उसे कई दवाइयाँ दी गईं, लेकिन उसके दर्द में कोई विशेष कमी नहीं आई। धीरे-धीरे, उसकी भूख भी कम होने लगी। साधारण खाना भी उसे पचाने में कठिनाई होती थी। बार-बार दर्द के दौरे उसे परेशान करते रहे, और हर बार डॉक्टर से मिलने के बाद भी उसे सही निदान नहीं मिला। वह असमंजस में पड़ गया और उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी। फिर एक दिन, उसने एक वीडियो देखा जिसमें एक होम्योपैथी डॉक्टर, डॉ. प्रदीप, ने क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस के उपचार के बारे में बात की। उस वीडियो ने उसके अंदर फिर से उम्मीद जगा दी। उसने तय किया कि उसे इस डॉक्टर से मिलना चाहिए। उसने डॉ. प्रदीप की सभी वीडियो देखीं और अंत में, उन पर भरोसा करते हुए, वह ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर गया। डॉ. प्रदीप से मिलने का अनुभव उसके लिए बहुत खास था। उन्होंने उसे बताया, "यह बीमारी समय लेती है, लेकिन अगर आप मेरे साथ रहेंगे, तो हम इसे बेहतर बनाते हैं।" उस व्यक्ति ने डॉ. प्रदीप की सलाह और उपचार में उम्मीद देखी। उसने अपनी सेहत का ध्यान रखना शुरू किया। पहले तो धैर्य रखना आसान नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे उसके स्वास्थ्य में सुधार होने लगा। वह फिर से सामान्य खाना खाने लगा, और उसके पाचन में भी सुधार हुआ। वह लंबे समय तक चलने और दौड़ने में सक्षम हो गया। सबसे अच्छी बात यह थी कि उसकी बढ़ती हुई भूख ने उसे धीरे-धीरे अपना वजन बढ़ाने में मदद की।इस प्रकार, उस व्यक्ति ने अपनी जिदंगी के कठिन चरण को पार किया। उसने सीखा कि बीमारी के पीछे केवल उपचार नहीं, बल्कि सही मानसिकता भी जरूरी है। उसके जीवन में एक नई आशा की किरण जग गई थी, और उसने अपने अनुभव से यह समझा कि कभी-कभी हमें सही समाधान के लिए थोड़ी देर इंतजार करना पड़ता है। उसने अब जीवन को पूरी तरह से अपनाया और हर एक दिन की महत्वपूर्णता को समझा। वह डॉ. प्रदीप का दिल से आभार मानता था, जिन्होंने न केवल उसकी बीमारी को ठीक किया, बल्कि उसे जीवन जीने का नया तरीका भी सिखाया। क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस के लिए १००% सुरक्षित उपचार क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस का उपचार एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता करता है, जिसमें आहार, चिकित्सा और जीवनशैली में बदलाव शामिल होते हैं। सबसे पहले, मरीज को एक संतुलित आहार अपनाना चाहिए जिसमें कम फैट वाले खाद्य पदार्थ शामिल हों, जैसे सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज और नीचतम वसा वाले डेयरी उत्पाद। नियमित छोटे भोजन खाने से पाचन में सहायता मिलती है। इसके अलावा, डॉक्टर द्वारा निर्धारित होम्योपैथिक उपचार, जैसे कि डॉ. प्रदीप की सुझाई दवाएँ, इस रोग के दीर्घकालिक समाधान में मदद कर सकती हैं। तनाव प्रबंधन, योग, और ध्यान जैसी तकनीकें भी मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होती हैं। शराब और धूम्रपान से परहेज करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये पैंक्रियास को अधिक नुकसान पहुँचा सकते हैं। नियमित व्यायाम और hydration यानी पानी पीना भी इसकी रोकथाम में सहायक होते हैं। इस प्रकार, एक सुसंगत उपचार कार्यक्रम अपनाकर और डॉक्टर के मार्गदर्शन में चलकर, मरीज अपनी स्थिति में सुधार कर सकता है। क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस में क्या नहीं खाना चाहिए ? क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस के मरीजों को अपनी सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए कुछ विशेष चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए। सबसे पहले, शराब का सेवन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए, क्योंकि यह पैंक्रियास पर भारी दबाव डालता है और सूजन को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, उच्च फैट वाले खाद्य पदार्थों, जैसे तले-भुने चिप्स, फास्ट फूड, तथा प्रॉसेस्ड मीट से भी दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये पाचन में कठिनाई पैदा कर सकते हैं। जीरो-फैट और शुगर-फ्री खाद्य उत्पाद भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं होते हैं। मिठाइयाँ और अत्यधिक चीनी वाले पेय पदार्थों का सेवन भी कम करना चाहिए, क्योंकि यह पाचन तंत्र पर अतिरिक्त बोझ डाल सकते हैं। धूम्रपान भी एक बड़ा जोखिम कारक है और इसे तुरंत छोड़ देना चाहिए। इस तरह के परहेज़ के साथ, मरीज अपनी स्थिति को सुधारने और दीर्घकालिक राहत पाने में सक्षम हो सकते हैं।
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pancreatitis ka 100% bina operation ilaaj
अग्नाशयशोथ को १००% कैसे ठीक किया जाता हैं ? -PANCREATITIS(एक्यूट और क्रोनिक ) के लिए मिला सही इलाज | पेशेंट को मिले सर्वश्रेष्ठ परिणाम Patient case study :- जिसे अग्न्याशय (पैंक्रियास) के रोग से जूझना पड़ा। उसे बार-बार कमजोरी के कारण गिरने की समस्या थी और कई महीनों तक वह दर्द में रहा। जब उसने डॉक्टर सेconsult किया, तो डॉक्टर ने उसे दर्द निवारक चिकित्साएँ दीं, जिससे उसे तात्कालिक राहत मिली, लेकिन स्थायी राहत नहीं मिली। समय-समय पर उसे फिर से दर्द के दौरे होने लगे। अग्न्याशय की स्थिति को ठीक से पहचानने के लिए उसने कई डॉक्टरों से सलाह ली, लेकिन किसी को भी उसकी असली समस्या का पता नहीं चला। उसे यह भी नहीं पता था कि अग्न्याशय क्या है और यह कैसे काम करता है। उसकी मुश्किल बढ़ती गई, और वह लगातार दर्द के हमलों का सामना कर रहा था। इसके अलावा, उसके पास मोटापे और पाचन संबंधी समस्याएँ भी थीं। फिर, एक दिन उसने एक वीडियो देखा, जिसमें एक होम्योपैथी डॉक्टर ने अग्न्याशय के रोग के लिए बेहतरीन उपाय बताए। उसने यह तय किया कि वह इस डॉक्टर से मिलकर बिना सर्जरी के इलाज के विकल्प की तलाश करेगा। उसे पता चला कि डॉ. प्रदीप ने इस बीमारी का एक अनोखा उपचार और इलाज का विशेष तरीका अपनाया है। डॉ. प्रदीप से मिलने का अनुभव उसके लिए बहुत यादगार और अद्भुत था। जब वह डॉ. प्रदीप के पास गया, तो उसने पाया कि वह इलाज के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुन चुका है। डॉक्टर ने उसे बताया कि इस बीमारी को ठीक होने में समय लग सकता है, और यह पूरी तरह से मरीज के शरीर के ऊपर निर्भर करता है।  उसने डॉ. प्रदीप के साथ नियमित रूप से अपॉइंटमेंट्स तय किए और डॉक्टर के द्वारा बताई गई कई निर्देशों और आहार का पालन करना शुरू किया। डॉक्टर का व्यवहार बहुत अच्छा और शांत था। धीरे-धीरे उसकी सेहत में सुधार आने लगा और उसने अपने स्वास्थ्य में कई सकारात्मक बदलाव देखे। वह सामान्य भोजन और दैनिक जीवन में सामान्य गतिविधियाँ करने लगा। उसे अब पेट से जुड़ी कोई समस्या नहीं थी और वह लंबे समय तक चलने और दौड़ने में सक्षम हो गया। उसके स्वास्थ्य का सबसे बड़ा परिवर्तन था उसका वजन बढ़ना, और वह अपने इलाज के दौरान धीरे-धीरे वजन बढ़ाने में सफल रहा। उसने डॉ. प्रदीप के प्रति आभार व्यक्त किया और सभी चिकित्सा स्टाफ और टीम का भी धन्यवाद किया, जो बहुत दयालु और सहायक थे। उसके लिए होम्योपैथी का अनुभव बहुत अच्छा रहा और उसने प्राकृतिक उपचार का मार्ग खोज लिया था।अग्नाशयशोथ के लिए कोनसा इलाज़ करवा सकते हैं ? अग्नाशयशोथ एक गंभीर स्थिति है जो प्रभावित लोगों के लिए बहुत दर्द और परेशानी का कारण बन सकती है। एक मरीज जो 1 से 1.5 साल से अग्नाशयशोथ से पीड़ित था, उसे पारंपरिक उपचारों से थोड़ी राहत मिली। हालाँकि, होम्योपैथी आज़माने के बाद, उसने अपने स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार देखा। अग्नाशयशोथ के साथ रोगी की यात्रा कठिन थी, बार-बार अस्पताल जाना और दवाएँ लेना, जो केवल अस्थायी राहत प्रदान करती थीं। प्रगति की कमी से निराश होकर, उसने अंतिम उपाय के रूप में होम्योपैथी की ओर रुख किया।होम्योपैथिक उपचार शुरू करने के बाद, रोगी को अपने लक्षणों में उल्लेखनीय बदलाव का अनुभव होने लगा। उसके पेट में दर्द कम हो गया, और वह खुद को फिर से भड़कने के डर के बिना खाने में सक्षम पाया। धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से, वह फिर से खुद जैसा महसूस करने लगा। हालाँकि ठीक होने का रास्ता लंबा और चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही उपचार खोजने के लिए रोगी की दृढ़ता और प्रतिबद्धता ने अंततः भुगतान किया। होम्योपैथी ने उसे वह राहत प्रदान की, जिसकी उसे सख्त तलाश थी, जिससे उसे आखिरकार अपने स्वास्थ्य और भलाई पर नियंत्रण पाने में मदद मिली।  पैन्क्रियाटाइटिस का होम्योपैथी उपचार कैसे होता हैं ? पैंक्रियाटाइटिस के इलाज के लिए विशेष होम्योपैथी उपचार में नियमित रूप से पेशेंट के लक्षणों और उनके शरीर की स्थिति के अनुसार दवाओं को दिया जाता हैं | इसके साथ ही, मरीज को एक संतुलित और पाचन में सहायक आहार अपनाने की सलाह दी जाती है, जिसमें अधिक फाइबर, ताजे फल व सब्जियाँ शामिल हों। पानी की उचित मात्रा लेना और नियमित रूप से हल्की एक्सरसाइज करना भी महत्वपूर्ण होता है। मनोवैज्ञानिक स्थिति का ध्यान रखते हुए होम्योपैथी दवा के साथ ही मानसिक संतुलन बनाए रखने वाली तकनीकें भी अपनाई जा सकती हैं। हर मरीज की स्थिति अलग होती है, इसलिए किसी योग्य होम्योपैथी चिकित्सक के मार्गदर्शन में ही उपचार शुरू करना सबसे अच्छा रहेगा।
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necrotizing pancreatitis treatment in hindi
नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस के लिए कोनसा इलाज श्रेष्ठ हैं ? पैंक्रियाटाइटिस के लिए सबसे अच्छा उपचार वह होता है जो स्थायी राहत प्रदान करे। होम्योपैथी का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह दवाएं प्राकृतिक होती हैं और इनके किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। इसलिए, यह एक सुरक्षित विकल्प है जो मरीज को धीरे-धीरे स्वस्थ बनाता है। ध्यान दें कि होम्योपैथी उपचार के साथ उचित आहार, नियमित व्यायाम, और अनुशासित जीवनशैली का पालन करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह सब मिलकर व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद करते हैं।  क्या पैंक्रियाटाइटिस से वजन नहीं बढ़ रहा हैं ? Patient case study:- इस वीडियो में जो युवक हैं उसको हर महीने पैन्क्रिएटिस के हमलों का सामना करना पड़ रहा था। उसने कई डॉक्टरों से सलाह ली और असंख्य दवाइयाँ और इंजेक्शन लिए, लेकिन उसे राहत नहीं मिल रही थी। उसका पैंक्रियास सिकुड़ गया था और एन्जाइम सही ढंग से उत्पन्न नहीं हो रहे थे। जब उसने डॉक्टर को बताया तब डॉक्टर ने रिपोर्ट कराया जिसमे उनको Necrotizing pancreatitis हैं। डॉक्टर उनको हर बार अंग्रेजी दवाई और इन्सुलिन का डोज़ देते रहते थे क्योंकि उनका सुगर लेवल बढ़ा हुआ था।वह अपनी बीमारी का स्थायी इलाज ढूंढ रहा था और गंभीरता से अपनी बीमारी पर विचार करता रहा और एक दिन उसने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा। वह वीडियो एक होम्योपैथिक डॉक्टर का था, जिसने अग्नाशयशोथ पर एक केस स्टडी प्रस्तुत की थी। वीडियो देखने के बाद, उसने निर्णय लिया कि वह इस डॉक्टर से मिलेगा और स्थायी समाधान पूछेगा। जब वह डॉक्टर से मिला, तो उसने अपनी गंभीर स्थिति को समझाया। उसने बताया कि उसे सामान्य भोजन नहीं मिल पाता और उसका पेट भारी भोजन को पचा नहीं पाता। उसे भोजन के बाद अत्यधिक दर्द होता था। उसने कई दवाएं ली, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। डॉक्टर ने बताया कि यदि वह स्थायी राहत चाहता है, तो उसे सर्जरी करवानी होगी। यह सुनकर वह घबरा गया, क्योंकि उसने पहले कभी सर्जरी नहीं करवाई थी और वह बहुत निराश महसूस कर रहा था। इस स्थिति में, डॉक्टर ने उसे आश्वासन दिया कि वह उसका केस ले सकते हैं और होम्योपैथी उपचार के माध्यम से उसकी बीमारी का समाधान कर सकते हैं। डॉक्टर ने उसे बताया कि उसे भोजन धीरे-धीरे और अच्छे से चबाकर खाना चाहिए। इसके साथ ही उसने सही एक्सरसाइज करने और नियमित रूप से होम्योपैथी दवाइयाँ लेने की सलाह दी। डॉक्टर ने कहा कि दवाई, व्यायाम, और उचित आहार के साथ उसका स्वास्थ्य बेहतर होगा। इस चर्चा के बाद, मरीज ने न सिर्फ राहत महसूस की बल्कि उसने होम्योपैथी उपचार के साथ यात्रा शुरू की। कुछ महीनों के उपचार के बाद, उसे बदलाव दिखाई देने लगे। उसका वजन पहले 80 किलोग्राम से घटकर 35 किलोग्राम हो गया था, लेकिन अब वह 55 किलोग्राम बढ़ चुका था। वह बहुत खुश था। एक साल और दो महीने तक सही दवाएं लेने के बाद, उसने अपने शरीर की स्थिति की जांच करवाई। रिपोर्ट में पता चला कि उसके पैंक्रियास का कार्य सामान्य हो चुका था। उसने महसूस किया कि उसकी पाचन शक्ति में सुधार हुआ है और अब वह सामान्य भोजन कर पा रहा था। उसे पैंक्रियास में कोई समस्या नहीं रह गई थी। उसने डॉक्टर प्रदीप के प्रति आभार व्यक्त किया, जो उसके इलाज में महत्वपूर्ण थे।जब वह डॉक्टर प्रदीप से मिला, तो उसका अनुभव अद्भुत था। उसने बताया कि उसने पैन्क्रिएटिस के लिए सर्वोत्तम अस्पताल, ब्रह्महोम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर, को चुना। डॉक्टर प्रदीप ने उसे बताया कि इस बीमारी को ठीक होने में कुछ समय लगता है, लेकिन धैर्य रखने की आवश्यकता है। धीरे-धीरे, उसकी सेहत में सुधार होता गया।  कैसे होमियोपैथी से पैंक्रियाटाइटिस से मिला आराम ? पैन्क्रिएटिस (Pancreatitis) के लिए होम्योपैथी उपचार एक सुरक्षित और प्रभावी चिकित्सा पद्धति है। होम्योपैथी में उपचार हमेशा व्यक्ति की संपूर्ण स्वास्थ्य स्थिति और लक्षणों के आधार पर किया जाता है। इस उपचार का मुख्य तत्व यह है कि इसे प्राकृतिक सामग्री से बनाया जाता है, जो शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमता को जागरूक करता है। इसके अलावा, होम्योपैथी उपचार में संवैधानिक दृष्टिकोण अपनाना भी महत्वपूर्ण है, जिसका मतलब है कि डॉक्टर रोगी की सामान्य स्वास्थ्य स्थिति, मानसिक अवस्था, और जीवनशैली को ध्यान में रखते हुए उपाय करते हैं। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि होम्योपैथी पूरी तरह से सुरक्षित है और इसके उपचार के दौरान आपको किसी अन्य चिकित्सा पद्धति का पालन करने की भी सलाह दी जाती है, ताकि आपकी स्वास्थ्य संबंधी स्थिति में सुधार हो सके। होम्योपैथी का एक महत्वपूर्ण कारक यह है कि यह शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं डालती, जिससे यह एक विश्वसनीय विकल्प बनती है।
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pancreas bimari kya hai?
अग्नाशयशोथ रोग का इलाज ! बिना सर्जरी केवल होम्योपैथिक दवाई का उपचार इस वीडियो में बताये गए वयक्ति को तेज पेट दर्द और उच्च रक्त शर्करा की समस्या थी , एक दिन अचानक महसूस करता है कि उसकी स्थिति बहुत अधिक खराब हो गई है। उसे दर्द के हमले हुए और उसकी चिंताएँ बढ़ने लगीं। डाक्टर से परामर्श करने पर, उसे कई दर्द निवारक इंजेक्शन और दवाईयां दी गईं। वह 21 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहा, जहां उसकी सेहत पर काफी खर्च हुआ। जब उसे दर्द से राहत मिली, तो उसने थोड़ी बहुत सुधार देखा, लेकिन यह राहत स्थायी नहीं थी। कुछ समय के बाद, उसे फिर दर्द का दौरा पड़ा।  एक बार फिर, उसने डाक्टर से संपर्क किया, लेकिन कोई भी सही निदान नहीं कर पाया। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह अपने पैनक्रियास की समस्या के बारे में क्या करे। जैसे-जैसे उसकी बीमारी बढ़ने लगी, वह असुरक्षित महसूस करने लगा और उसे बार-बार दर्द के दौरे आने लगे। वह कई जांचें कराता है और विभिन्न डॉक्टरों के पास जाता है, लेकिन उसकी समस्या का समाधान नहीं मिल पाता। उसे डॉक्टरों द्वारा सुझाव दिया जाता है कि उसे सर्जरी करानी होगी। "सर्जरी" शब्द सुनकर वह टूट जाता है और चिंतित हो जाता है। एक दिन, उसने एक वीडियो देखी जिसमें एक होम्योपैथी डॉक्टर, डॉ. प्रदीप, ने पैनक्रियाटिक विकारों का समाधान दिया। डॉ. प्रदीप ने अपने मरीजों को कई सलाहें दीं और बताया कि होम्योपैथी में एक निश्चित उपचार है जो सर्जरी के बिना संभव है।  उसने तय किया कि उसे इस डॉक्टर से मिलना चाहिए। जब वह डॉ. प्रदीप से मिला, तो उसे एहसास हुआ कि यह उसके स्वास्थ्य के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। डॉ. प्रदीप का व्यवहार बहुत शांत और स्नेहपूर्ण था।  डॉक्टर ने उसे बताया, "यह बीमारी ठीक होने में समय ले सकती है, और यह सब आपके शरीर पर निर्भर करता है।" व्यक्ति ने बृह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर में अपना उपचार शुरू किया। धीरे-धीरे, उसने अपने स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव देखना शुरू किया। उसके अंदर एक नई ऊर्जा भर गई। वह डॉ. प्रदीप के द्वारा दिए गए प्रत्येक उपचार की विधि का पालन करने लगा। उसने अपनी खान-पान की आदतों में सुधार किया और रोजाना टहलने लगा। अपने अनुभव के दौरान, उसने न केवल अपने स्वास्थ्य में सुधार देखा, बल्कि डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की देखभाल के लिए भी अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।  "पैनक्रियाटाइटिस का होम्योपैथी में सुरक्षित और प्रभावी उपचार" पैनक्रियाटाइटिस एक गंभीर स्थिति है जिसमें अग्न्याशय में सूजन होती है, जिससे दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। होम्योपैथी, जो एक वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली है, पैनक्रियाटाइटिस के उपचार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। होम्योपैथी का मुख्य सिद्धांत है कि "समानता का उपचार "like is cured by like" - जिसका अर्थ है कि जो चीज़ एक स्वस्थ व्यक्ति को बीमार कर सकती है, वह एक बीमार व्यक्ति को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी में कई महत्वपूर्ण घटक होते हैं, जैसे कि व्यक्तिगत आहार की आदतें, मानसिक स्थिति और समग्र स्वास्थ्य। होम्योपैथिक दवाएँ ऐसे तत्वों से बनी होती हैं जो शरीर के प्राकृतिक उपचार तंत्र को सक्रिय करती हैं और दीर्घकालिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं। पैनक्रियाटाइटिस के उपचार में लक्षणों के आधार पर, जैसे कि दर्द, सूजन और पाचन समस्याएँ, होम्योपैथिक दवाएँ चयनित की जाती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि होम्योपैथी उपचार को अन्य पारंपरिक उपचारों के साथ समन्वयित किया जाए, ताकि मरीज की सेहत में सुधार हो सके। होम्योपैथी पूरी तरह से सुरक्षित है और इसके उपचार में कोई दुष्प्रभाव नहीं होते, जिससे मरीज को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। इस प्रकार, यदि आप पैनक्रियाटाइटिस से पीड़ित हैं, तो होम्योपैथी आपके लिए एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हो सकता है। निष्कर्ष :- इस प्रकार, होम्योपैथी पैनक्रियाटाइटिस के उपचार में एक प्रभावी और सुरक्षित विकल्प के रूप में उभरती है। इसकी अनूठी विधियों और प्राकृतिक घटकों के माध्यम से, यह न केवल लक्षणों को कम करती है, बल्कि शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है। होम्योपैथी का सिद्धांत व्यक्तिगत स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण अपनाता है, जिससे मरीज के मानसिक और शारीरिक पहलुओं का ध्यान रखा जा सके। हालांकि, किसी भी उपचार से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है, ताकि उचित प्रबंधन और देखभाल सुनिश्चित की जा सके। इसलिए, पैनक्रियाटाइटिस जैसी जटिल स्थितियों में होम्योपैथी एक आशाजनक सहायक चिकित्सा हो सकती है, जो दुष्प्रभावों के बिना मरीज को निरंतर स्वास्थ्य और समर्पित निवारण प्रदान करती है।
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mastoiditis ka bina operation ilaaj kya hai?
मैस्टोइडाइटिस(एक्यूट और क्रोनिक) का बिना सर्जरी इलाज होमियोपैथी में मैस्टोइडाइटिस एक संक्रमण है जो कान के पास के मैस्टॉइड हड्डी (mastoid bone) को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर कान की भीतरी संक्रमण (Otitis media) के जटिल परिणाम के रूप में विकसित होता है। जब मध्य कान का संक्रमण फैलकर मैस्टॉइड हड्डी तक पहुँचता है, तो वह सूजन और संक्रमण का कारण बनता है, जिससे मैस्टोइडाइटिस होता है। Patient case study:- इस वीडियो में बताये गए वयक्ति को Mastoid air cells sclerosis की समस्या थी। जिससे उसको कान में दर्द, कमजोरी और सुनने में कठिनाई का सामना करना पड़ता था। उसे ये समस्याएं काफी लंबे समय से परेशान कर रही थीं। उसने कई डॉक्टरों से संपर्क किया, लेकिन दुख की बात यह थी कि कोई भी उसे राहत नहीं दे सका। अंततः एक डॉक्टर ने उसे सर्जरी की सलाह दी।युवक को सर्जरी से डर लग रहा था और वह प्राकृतिक चिकित्सा की तलाश में निकल पड़ा। वह स्वस्थ रहने और अपने कान के दर्द से छुटकारा पाने के लिए नए उपायों की खोज में जुट गया। इसी तलाश में, उसे होमियोपैथी के बारे में जानकारी मिली और डॉ. प्रदीप का नाम बार-बार सुनाई दिया। एक दिन, उसकी नजर एक वीडियो पर पड़ी, जिसमें डॉ. प्रदीप ने कान के दर्द के लिए एक प्रभावशाली होमियोपैथिक इलाज के बारे में बात की। युवक को यह सुनकर बेहद राहत मिली और उसने तय किया कि वह डॉ. प्रदीप से मिलकर अपने उपचार की प्रक्रिया शुरू करेगा।जब वह डॉ. प्रदीप के पास पहुंचा, तो उसके मन में उम्मीद की किरण जगमगा उठी। डॉ. प्रदीप ने उसे समझाया कि हर रोगी की स्थिति अलग होती है और सुधार में समय लग सकता है। युवक को महसूस हुआ कि यह सही निर्णय था। डॉ. प्रदीप ने उसे विशेष निर्देश दिए और एक विशेष आहार योजना का पालन करने के लिए कहा। युवक ने डॉक्टर की सलाह का पालन किया, और धीरे-धीरे उसकी स्थिति में सुधार होने लगा। उसके कान का दर्द खत्म होने लगा और उसका आत्मविश्वास वापस लौट आया। वक्त के साथ, उसने देखा कि उसे अब कान से संबंधित कोई समस्या नहीं थी। उसकी सेहत में बड़े बदलाव आए और वह जीवन की नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने लगा। युवक को यह महसूस हुआ कि होमियोपैथी ने उसे न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार दिया, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बनाया। मैस्टोइडाइटिस एक गंभीर स्थिति हो सकती है, लेकिन होमियोपैथी इसके उपचार में सहायक हो सकती है।होमियोपैथी दवाएं शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करती हैं, जिससे संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।होमियोपैथी मरीज की पूरी स्थिति का ध्यान रखती है। डॉक्टर मरीज के लक्षणों और स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत दवाइयां निर्धारित करते हैं।यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से कान के संक्रमण का शिकार होता है, तो होमियोपैथी द्वारा लंबे समय तक इलाज करना और इम्यून सिस्टम को मजबूत करना महत्वपूर्ण होता है। मैस्टोइडाइटिस को होमियोपैथी से कैसे मिटाये ? मैस्टोइडाइटिस के लिए होमियोपैथी उपचार एक सुरक्षित और प्राकृतिक विकल्प है, जो बिना किसी सर्जरी के लक्षणों को नियंत्रित और रोग को ठीक करने में मदद कर सकता है। होमियोपैथी में हर मरीज की लक्षणों के आधार पर दवा दी जाती है। चिकित्सक मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री लेते हैं।मरीज को पहले कुछ शुरुआती परीक्षणों और उचित एंटीबायोटिक्स का उपयोग करने की सलाह दी जा सकती है, विशेष तौर पर यदि संक्रमण गंभीर हो।: कान की स्वच्छता बनाए रखना, लेकिन ध्यान रखें कि कान में कोई सामग्री न जाए।
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chronic pancreas ka permanent ilaaj
क्रोनिक अग्नाशयशोथ के लिए दीर्घकालीन (Permanent)इलाज क्या हैं ? क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पैंक्रियास (अग्नाशय) धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होता है। प्रारंभिक चरणों में, इस बीमारी का अनुभव करने वाले मरीजों को कई प्रकार के लक्षण महसूस हो सकते हैं। शुरुआत में, मरीजों को अचानक पेट में तेज दर्द का अनुभव होता है, जो सामान्यत: ऊपरी पेट के मध्य में होता है। यह दर्द अक्सर समय-समय पर हो सकता है और कुछ समय के लिए स्थायी भी हो सकता है। इसके अलावा, मरीजों को पाचन में कठिनाई, जैसे खाने के बाद सूजन, गैस, और मतली की समस्या भी हो सकती है। Patient case study :- इस वीडियो में बातये गए मरीज को नियमित पेट दर्द और जलन की समस्या रहती थी | इस व्यक्ति को 2021 में तीव्र पेट दर्द के साथ अस्पताल जाना पड़ा। शुरुआती दिनों में दर्द इतना था कि उसने सोचा कि यह सामान्य दर्द है। लेकिन जब दर्द हर 2-3 महीने में लगातार बढ़ता गया, तो उसे समझ में आया कि कुछ गंभीर समस्या है। डॉक्टरों ने उसके दर्द को दूर करने के लिए कई बार दर्द निवारक इंजेक्शन दिए, लेकिन उसे नियमित भोजन करने में कठिनाई हो रही थी और उसका पाचन भी बिगड़ गया था। इस स्थिति ने उसे यह महसूस कराया कि उसे किसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ रहा है। जब उसने अपनी बीमारी की जांच कराई और अपने पेट की रिपोर्ट करवाई तब उसे पता चला कि उसे “क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस” है। इस रिपोर्ट के बाद वह बेहद निराश हो गया क्योंकि उसे बहुत देर से अपनी बीमारी का पता चला। पहला आक्रमण होने पर उसने दवा ली और बीमारी को भुला दिया, लेकिन यह विकार केवल बढ़ता गया। उसने कई डॉक्टरों से संपर्क किया, लेकिन उसे दर्द से स्थायी राहत नहीं मिली। एक दिन, उसने एक वीडियो देखा जिसमें डॉ. प्रदीप नामक होम्योपैथी डॉक्टर ने पैन्क्रियास संबंधी समस्याओं के लिए बेहतरीन समाधान पेश किया। उसने बिना सर्जरी के इलाज की उम्मीद की और तुरंत डॉ. प्रदीप से मिलने का निर्णय लिया। जब वह डॉ. प्रदीप से मिला, तो उसे उनके अद्भुत उपचार पद्धति का पता चला। डॉ. प्रदीप ने उसे बताया कि इस बीमारी का उपचार करने में कुछ समय लग सकता है, जो मरीज के शरीर की प्रकृति पर निर्भर करता है। उपचार शुरू करने के बाद, वह बहुत ही शांति महसूस करने लगा। डॉ. प्रदीप ने उसे कई निर्देश दिए और एक उचित आहार योजना बनाई, जिसने उसकी बहुत मदद की। डॉक्टर की व्यवहारिकता और दयालुता ने उसे और भी अधिक प्रेरित किया। समय के साथ, उसने देखा कि उसे दर्द के हमले नहीं हो रहे थे। वह अपने स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार देखने लगा, उसकी वजन बढ़ने लगा और पाचन क्रिया ठीक होने लगी। अंत में, उसने डॉ. प्रदीप का धन्यवाद किया और अनुभव किया कि होम्योपैथी ने उसे प्राकृतिक उपचार का एक नया रास्ता दिखाया है। होमियोपैथी इलाज क्रोनिक पैंक्रिअटिटिस के लिए केसा हैं ? होम्योपैथी उपचार क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस जैसे जटिल रोग के लिए एक प्रभावी और समर्पित दृष्टिकोण प्रदान करता है। इस विधि में रोगी की संपूर्ण स्वास्थ्य स्थिति, लक्षणों और व्यक्तिगत आवश्यकताओं का गहन शोध किया जाता है। होम्योपैथिक दवाएं ऐसे प्राकृतिक तत्‍वों से तैयार की जाती हैं जो शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देती हैं और पैंक्रियास की कार्यप्रणाली को सुधारने में मदद करती हैं। सही लक्षणों के आधार पर चुनाव किए जाने वाले होम्योपैथिक उपचार, जैसे कि जलन, दर्द, और पाचन संबंधित समस्याओं का सटीक समाधान निकालने में सहायक होते हैं। उपचार के दौरान डॉक्टर रोगी को आवश्यक लाइफस्टाइल बदलाव और उचित आहार की भी सलाह देते हैं, जिससे रोगी को लंबे समय तक लाभ मिलता है। होम्योपैथी का यह समग्र दृष्टिकोण न केवल लक्षणों को ठीक करता है, बल्कि रोग के मूल कारणों पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जिससे स्थायी स्वास्थ्य में सुधार संभव हो पाता है।   पैन्क्रियाटाइटिस का स्थायी होमियोपैथी इलाज ! होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक अग्न्याशय में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से क्रोनिक अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से अग्नाशयशोथ के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और अग्नाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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bina surgery pancreas ka ilaaj kya hai?
कैसे बिना सर्जरी अग्नाशयशोथ (Pancreatitis)को मिटा सकते हैं ? अग्नाशयशोथ (Pancreatitis) में खाना कैसे बढ़ाये ? इस वीडियो में बताये गए आदमी को लगभग तीन साल से अग्न्याशय (पैंक्रियास) में समस्या थी। उसकी ज़िंदगी में दर्द और अकेलापन छाया हुआ था। वह रोज़-रोज़ महंगे दर्द निवारक दवाइयां लेता था, जो उसे 200 रुपये प्रति दिन की दर पर पड़ती थीं। लेकिन इन दवाइयों के बावजूद, उसकी पीड़ा कम होने का नाम नहीं ले रही थी।एक दिन, उसने होम्योपैथी इलाज के बारे में सुना। उसने एक विशेषज्ञ डॉक्टर, डॉ. प्रदीप, से परामर्श लेने का निर्णय लिया, जो अग्न्याशय की समस्याओं में माहिर थे। डॉक्टर से चर्चा करने के बाद, पुरुष ने अपने पुराने दवाइयों को जारी रखने का फैसला किया। डॉ. प्रदीप ने उसकी स्थिति को ध्यान से समझा और उसे अनुमति दी कि वह अपनी पहले की दवाइयों के साथ होम्योपैथी का इलाज शुरू कर सकता है। यही होम्योपैथी की एक खूबी है - इसे अन्य उपचारों के साथ लिया जा सकता है। हालाँकि, उसकी स्थिति में लगातार दर्द के हमले जारी रहे। समय बीतने के साथ, एक-दो महीने बाद, उसने अपने पुराने उपचार को बंद कर दिया और होम्योपैथी उपचार का पूरी तरह से पालन किया। उसे आश्चर्य हुआ कि वह अपनी पीड़ा और बीमारी के बारे में डर को पीछे छोड़ने में सक्षम हो गया। जब उसने फिर से डॉ. प्रदीप से परामर्श किया, तो वह उनकी मदद के लिए बहुत आभारी था। उसकी जिंदगी में नई रोशनी आई थी। पहले, जब उसकी बीमारी थी, तब वह न सही से खाना खा पाता था और न ही लम्बी दूरी तक चल पाता था। लेकिन होम्योपैथी के उपचार को अपनाने के बाद, उसकी स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होने लगा। उसने महसूस किया कि होम्योपैथी उसके समस्याओं का एक सबसे बेहतरीन समाधान है। छह महीने बाद, जब उसने फिर से डॉ. प्रदीप से रिपोर्ट साझा की, तो वह खुश था। उसके 60% बीमारी में सुधार हो चुका था। बहुत से डॉक्टरों ने उसे कहा था कि उसकी बीमारी का कोई निश्चित निदान नहीं है और कई सर्जरी की सलाह भी दी थी, लेकिन उसने सर्जरी के बिना ही मानसिक रूप से अपने उपचार पर भरोसा किया।जब वह डॉ. प्रदीप से मिला, तो उसका अनुभव बहुत यादगार और महान था। डॉ. प्रदीप ने उसे बताया कि इस बीमारी से राहत पाने में समय लगेगा, क्योंकि यह सब मरीज की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। जब उसने अपना इलाज शुरू किया, तो वह बहुत ही आराम और उत्साह महसूस करता था। डॉक्टर का व्यवहार भी उसके प्रति बहुत अच्छा और शांति से भरा था। धीरे-धीरे, उसकी सेहत में सुधार होने लगा और उसने अपने स्वास्थ्य में उल्लेखनीय बदलाव पाया। अंत में, उसने डॉ. प्रदीप को धन्यवाद दिया और खुद पर गर्व किया कि उसने सर्जरी का सामना करने का साहस किया। अग्नाशयशोथ के लिए कोनसा श्रेष्ठ (100%) इलाज हैं ? होम्योपैथी एक प्रभावशाली उपचार पद्धति है, जो दीर्घकालिक रोगों जैसे पैंक्रियाटाइटिस के लिए गहन समाधान प्रदान करती है। यह रोग के सही लक्षणों का अवलोकन करके व्यक्तिगत और समग्र उपचार देती है, जिससे रोगी को उनकी समस्या का स्थायी समाधान मिल सके। होम्योपैथी का एक बड़ा लाभ यह है कि इसके उपचार में कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं होते, और यह सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता को समाप्त करती है। यह एक प्रकृति-आधारित उपचार है, जिसे वैज्ञानिक रूप से सिद्ध किया गया है, और यह शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमता को प्रोत्साहित करती है। इसलिए, होम्योपैथी एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है, जो Pancreatitis जैसे क्रोनिक रोगों की बेहतर स्थिति के लिए आवश्यकताओं को पूरा करती है।
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chronic pancreas bimari kya hai
पुराने से पुराने क्रोनिक अग्नाशयशोथ को बिना सर्जरी कैसे मिटाये ? क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस बीमारी क्या हैं ? Chronic Pancreatitisएक दीर्घकालिक स्थिति है जिसमें अग्न्याशय (पैंक्रियास) धीरे-धीरे संक्रमित हो जाता है, जिससे पैंक्रियाज की कार्यक्षमता में कमी आती है। सही निदान के लिए डॉक्टर विभिन्न परीक्षण जैसे रक्त परीक्षण, इमेजिंग (जैसे अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन) और लक्षणों की गहन जांच करते हैं। इसके मुख्य लक्षणों में पेट में लगातार दर्द, वजन घटाना, डायरिया (दस्त), और पाचन में कठिनाई शामिल हैं। होम्योपैथी उपचार इस स्थिति से विशेष रूप से लाभकारी हो सकता है, क्योंकि यह रोग के लक्षणों और व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करके रोगी के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करती है। होम्योपैथी न केवल दर्द को कम करती है, बल्कि पाचन प्रक्रिया को भी सुधारती है, जिससे मरीज खाना बेहतर तरीके से पचा पाते हैं। इसके उपचार में कोई साइड इफेक्ट नहीं होते और यह शरीर की स्वाभाविक चिकित्सा क्षमताओं को प्रोत्साहित करती है। इसके अलावा, होम्योपैथी की मदद से रोगी अपने जीवन को सामान्य बना सकते हैं और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में सक्षम होते हैं।  PATIENT CASE STUDY:-इस वीडियो में बताये गए वयक्ति को पुरानी पैंक्रियाटाइटिस का सामना करना पड़ रहा था। उसे हर महीने 2 से 3 बार तेज़ दर्द के दौरे पड़ते थे, जिससे उसका जीवन व्यथित था। उसने कई होम्योपैथी डॉक्टरों से परामर्श किया, लेकिन कोई भी उपचार उसकी बीमारी का जड़ से समाधान नहीं कर सका। निराश होकर, उसने घर पर एक वीडियो देखा, जिसमें एक होम्योपैथी डॉक्टर इस बीमारी के बारे में जानकारी दे रहे थे। उसे यकीन नहीं हुआ क्योंकि उसे बाजार में कई नकली इलाज और दवा मिलने की चिंता थी। लेकिन उसकी जिज्ञासा ने उसे डॉक्टर प्रदीप से मिलने के लिए प्रेरित किया। जब वह डॉक्टर प्रदीप से मिले, तो उन्हें एक हल मिला, जिससे उन्हें स्थायी राहत मिली। डॉक्टर प्रदीप ने उनकी जीवनशैली, भोजन की आदतों और उन समस्याओं पर चर्चा की, जो उन्हें परेशान कर रही थीं। उन्होंने बताया कि उनके पास एक अद्वितीय उपचार और विशिष्ट उपायों का संयोजन है, जो उनकी बीमारी को ठीक कर सकता है। डॉक्टर प्रदीप ने उन्हें समझाया कि यह बीमारी थोड़ा समय ले सकती है, और इसका संबंध मरीज के शरीर से होता है। उस दिन से, उन्होंने अपने स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया। उन्होंने डॉक्टर प्रदीप की दी गई सलाह अनुसार नियमित अपॉइंटमेंट्स लेना शुरू कर दिया और अपने आहार को भी सुधार लिया। डॉक्टर का व्यवहार बहुत अच्छा, शांति और सहयोगी था, जिससे मरीज को आत्मविश्वास मिला। कुछ समय बाद, उनका स्वास्थ्य धीरे-धीरे बेहतर होने लगा। उन्होंने सामान्य भोजन खाना शुरू किया और पेट से संबंधित कोई समस्या नहीं रही। उनकी फिटनेस में भी सुधार हुआ, और उन्होंने लंबे समय तक चलने और दौड़ने में सक्षम हो गए। इससे भी बड़ी बात यह थी कि उनकी वजन में भी सुधार हुआ। क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस के लिए होमियोपैथी क्या इलाज हैं ? होम्योपैथी एक प्रभावशाली उपचार पद्धति है, जो दीर्घकालिक रोगों जैसे पैंक्रियाटाइटिस के लिए गहन समाधान प्रदान करती है। यह रोग के सही लक्षणों का अवलोकन करके व्यक्तिगत और समग्र उपचार देती है, जिससे रोगी को उनकी समस्या का स्थायी समाधान मिल सके। होम्योपैथी का एक बड़ा लाभ यह है कि इसके उपचार में कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं होते, और यह सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता को समाप्त करती है। यह एक प्रकृति-आधारित उपचार है, जिसे वैज्ञानिक रूप से सिद्ध किया गया है, और यह शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमता को प्रोत्साहित करती है। इसलिए, होम्योपैथी एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है, जो Chronic Pancreatitis जैसे क्रोनिक रोगों की बेहतर स्थिति के लिए आवश्यकताओं को पूरा करती है। पुरानेअग्नाशयशोथ का सबसे सचोट इलाज " होमियोपैथी " पुराने अग्नाशयशोथ के लिए होमियोपैथी में सचोट इलाज प्रस्तुत है। इस दृष्टिकोण में रोगी के लक्षणों, व्यक्तिगत इतिहास और भावनात्मक स्थिति का गहन अवलोकन किया जाता है, जिससे एक सही और समग्र निदान संभव होता है। सही निदान के लिए, मरीज के दर्द का स्थान, लक्षणों की प्रकृति, आहार संबंधी आदतें, तनाव स्तर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संज्ञान लिया जाता है। होम्योपैथी में विभिन्न औषधियों का उपयोग किया जाता है, जो रोग के मूल कारणों पर काम करती हैं और शरीर की स्वाभाविक उपचार क्षमताओं को प्रोत्साहित करती हैं। इस प्रकार, होम्योपैथी न केवल लक्षणों को कम करने में मदद करती है, बल्कि रोग के जड़ तक पहुँचने और इसे स्थायी रूप से ठीक करने की दिशा में भी काम कर सकती है।
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pancreatic divism ka homeopathic ilaaj
पैंक्रिअटिक डिविसम (DIVISM)के लिए होमेओपथी उपचार ! बच्चे में हुए पैंक्रिअटिक डिविसम का क्या इलाज हैं ? वीडियो में बताये गए बच्चे को पेट में तेज दर्द का सामना करना पड़ता था। वह हर 2 से 3 महीने में तेज दर्द के आघात से पीड़ित रहता था । उस दर्द और सूजन से उसे अक्सर हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ता था और कमजोरी महसूस करता था। जब बच्चा डॉक्टर के पास गया, तो डॉक्टर ने उसे दर्द निवारक दवा दी और कुछ समय के लिए उसे राहत मिली। लेकिन, कुछ समय बाद, उसे फिर से दर्द का सामना करना पड़ा। हर बार जब ये दर्द attacks होते, बच्चे के माता-पिता बहुत चिंतित हो जाते और कई डॉक्टरों से सलाह लेते। कुछ डॉक्टरों ने सर्जरी का सुझाव दिया, जिसने उनके मन में और भी अधिक चिंता और तनाव भर दिया। बच्चा खेल नहीं पा रहा था और सही से भोजन भी नहीं कर पा रहा था। एक दिन, माता-पिता ने एक वीडियो देखी जिसमें एक होम्योपैथी डॉक्टर ने पैंक्रियाज से संबंधित बीमारियों का बेहतरीन समाधान बताया। उन्होंने निर्णय लिया कि वह इस डॉक्टर से मिलेंगे। जब वे डॉक्टर से मिले, तो उन्होंने पाया कि डॉ. प्रदीप ने एक अनोखा इलाज और एक विशेष विधि प्रदान की है जिससे उनके बच्चे की बीमारी का उपचार संभव है। डॉ. प्रदीप ने उन्हें बताया कि यह बीमारी ठीक होने में समय ले सकती है, और यह पूरी तरह से मरीज के शरीर पर निर्भर करता है। जब बच्चे ने उपचार शुरू किया, तो वह बहुत आरामदायक और प्रेरित महसूस करने लगा। वह नियमित दवा लेता रहा, और धीरे-धीरे, 6 महीने के बाद, उसे अपने पैंक्रियाज के विकार से राहत मिली। अब वह सामान्य जीवन जीने लगा। सबसे अच्छी बात यह थी कि उसने बिना किसी सर्जरी के ही अपनी बीमारी को ठीक किया। बच्चा और उसके माता-पिता, डॉ. प्रदीप के प्रयासों और समर्पण के लिए आभारी थे। उन्होंने मेडिकल स्टाफ और टीम का भी धन्यवाद किया, जो बहुत दयालु और सहायक थे। इस अनुभव ने माता-पिता को यह सिखाया कि होम्योपैथी के द्वारा बच्चे का स्वास्थ्य सुरक्षित किया जा सकता है। पैंक्रिअटिक डिविसम (Pancreatitis)के लिए होम्योपैथी सर्वश्रेष्ठ इलाज :- होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। पैंक्रिअटिक डिविसम जैसी बीमारी है तो होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के सूजन को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से पैंक्रिअटिक डिविसम का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से पैंक्रिअटिक डिविसम के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको पैंक्रिअटिक डिविसम के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और पैंक्रिअटिक डिविसम की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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acute pancreatic ka bina operation ilaaj
तीव्र अग्नाशयशोथ (Acute Pancreatitis)का सचोट इलाज होमियोपैथी में तीव्र अग्नाशयशोथ का बिना सर्जरी इलाज ? हा ,होमियोपैथी में एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस का बिना सर्जरी इलाज संभव हैं | इस वीडियो में बताये गए मरीज को बार-बार तीव्र अग्न्याशयशोथ (Acute Pancreatitis)के दर्द की परेशानी थी । पिछले एक साल में, वह तीन बार अस्पताल में भर्ती हो चुका था। उसकी ज़िंदगी में कई समस्याएँ थीं, जैसे व्यक्तिगत जीवन में तनाव, नौकरी की चिंता, और वित्तीय मुश्किलें। वह दवाओं के बिना एक पल भी नहीं रह सकता था, क्योंकि जब भी वह दवा लेना भूल जाता, उसे फिर से तीव्र दर्द का सामना करना पड़ता। जब उसने डॉक्टर से सलाह ली, तो वो उसे दर्द निवारक दवाएं देते थे, जो उसे थोड़ी राहत देती थीं, लेकिन स्थायी समाधान नहीं मिल रहा था। वह बार-बार डॉक्टर से मिलता था, जब उसे फिर से दर्द होता। डॉक्टर ने उसे फिर से भर्ती होने की सलाह दी, लेकिन वह जानता था कि इसके पीछे की वजह क्या है। उसकी स्थिति इतनी गंभीर और असहनीय हो गई थी कि उसने कई डॉक्टरों से परामर्श किया और ढेर सारी टेस्ट करवाई। वह अपनी समस्या का एक प्राकृतिक समाधान चाहता था और एक स्थायी इलाज की तलाश में था। एक दिन, उसने इंटरनेट पर एक होम्योपैथी डॉक्टर की वीडियो देखी जो अग्न्याशयशोथ के मामलों में विशेषज्ञ थे। उसे विश्वास हुआ कि इस डॉक्टर की मदद से उसका इलाज संभव है और उसकी बीमारी ठीक हो सकती है। उसने डॉक्टर से मिलने का निर्णय लिया क्योंकि उसे कई सवाल थे। जैसे उसे सही भोजन का सेवन नहीं हो पाता था, लंबी दूरी पर चलने में कठिनाई होती थी, उसकी मोटापा और पाचन संबंधी समस्याएँ भी थीं। तीव्र अग्नाशयशोथ के लिए कोन-सा उपचार सही हैं ? तीव्र ग्नाशयशोथ का सबसे अच्छा बिना सर्जरी का होमेओपथी उपचार हैं। डॉक्टर से मिलने पर, उसके जांच रिपोर्ट में पाया गया कि उसे अग्न्याशयशोथ के साथ अग्न्याशय में एक नली की समस्या थी। उसने डॉक्टर से पूछा, “क्या अग्न्याशयशोथ का कोई निश्चित निदान नहीं है?” डॉक्टर ने उत्तर दिया, “होम्योपैथी में अग्न्याशयशोथ का समाधान है, लेकिन यह मरीज के शरीर पर निर्भर करता है कि दवा कितनी जल्दी काम करेगी। इसमें सुधार में 1 से 4 साल का समय लग सकता है। मैं आपका इलाज करूंगा, लेकिन आपको अपने स्वास्थ्य के लिए कुछ सावधानियाँ बरतनी होंगी। आपको उचित आहार और स्वास्थ्य के निर्देशों का पालन करना होगा।" डॉक्टर की विशेष चिकित्सा पद्धति और उसके प्रति समर्पण से व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने का प्रेरणा मिली। उसने डॉक्टर प्रवीण की सभी वीडियो देखी और पाया कि उन्हें अग्न्याशयशोथ के बारे में गहरी जानकारी है। धीरे-धीरे, वह ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर में अपने इलाज की शुरुआत करता है।कुछ समय बाद, उसने अपने व्यक्तिगत जीवन को संभालना शुरू किया और एक अच्छी नौकरी पाई। उसने कहा, “डॉक्टर प्रवीण मेरे लिए भगवान हैं। उनका आचरण रोगियों के प्रति बहुत अच्छा और शांति भरा है।” उनकी स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हुआ। अब वह सामान्य खान-पान करने लगा और अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी को खुशहाल बनाने में लगा। होम्योपैथी के साथ उसका अनुभव बहुत अच्छा रहा और उसने प्राकृतिक चिकित्सा के रास्ते को खोज लिया। तीव्र अग्नाशयशोथ को जड़ से कैसे मिटाये ? होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं।तीव्र अग्नाशयशोथ का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। तीव्र अग्नाशयशोथ के लिए कोनसी दवा खाये ? होम्योपैथी दवाएं शरीर की प्राकृतिक क्षमता को उत्तेजित करती हैं, जिससे रोगी जल्दी ठीक होता है । होम्योपैथी एक प्रभावशाली और सुरक्षित उपचार पद्धति है, जो तीव्र अग्नाशयशोथ और अन्य घुटने संबंधी विकारों के लिए सर्वश्रेष्ठ समाधान प्रदान कर सकती है। यह चिकित्सा बिना किसी सर्जिकल प्रक्रिया के दर्द से राहत दिलाने में सक्षम होती है। " तीव्र अग्नाशयशोथ के दर्द को होम्योपैथी से मिटाएं!" इस सिद्धांत के तहत, होम्योपैथी दर्द की मूल कारण को समझते हुए एक व्यक्तिगत उपचार योजना बनाती है। इसके माध्यम से ना केवल दर्द में कमी आती है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है। पेशेंट को ये साफ-सुथरी, नैतिक और सरल उपचार प्रणाली के फायदे मिलते हैं, जिससे वह बिना किसी भय के अपनी जिंदगी का आनंद ले सकता है। होम्योपैथी एक अद्भुत विकल्प है जो तीव्र अग्नाशयशोथ को दूर करने के लिए सभी के लिए खुला है।
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knee pain ka homeopathy ilaaj
घुटने दर्द (Knee Pain)के लिए होमियोपैथी उपचार घुटनो का दर्द कैसे मिटा सकते हैं ? Patient case study : वीडियो में बताये गए व्यक्ति को घुटने दर्द की तकलीफ थी । मरीज को अपने घुटने में जबर्दस्त दर्द की समस्या थी। पहले वह दौड़ने में माहिर था, लेकिन अचानक उसके घुटने में बहुत सारे समस्याएं आ गईं। जब उसने डॉक्टर से सलाह ली, तो डॉक्टर ने उसे दर्द निवारक दवाइयां दीं, जिससे उसे थोड़ी राहत मिली। लेकिन यह राहत स्थायी नहीं थी। जैसे ही वो चलने लगा या भारी सामान उठाने की कोशिश करने लगा, उसे फिर से दर्द महसूस होने लगा। कुछ समय बाद, उसने फिर से डॉक्टर से संपर्क किया, लेकिन इस बार भी डॉक्टर के पास कोई स्थायी समाधान नहीं था। मरीज थक गया था और अपने दर्द से परेशान था। जब वह फर्श पर बैठता, तो खुद से खड़ा होना उसके लिए मुश्किल हो जाता था। उसे दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था, और उसकी स्थिति बहुत असुरक्षित हो गई थी, क्योंकि दर्द की तीव्रता असहनीय थी। जब उसने कई रिपोर्ट्स कराई और कई डॉक्टरों से परामर्श किया, तब उसने अपने दर्द से स्थायी राहत पाने का एक रास्ता खोज लिया। उसने महसूस किया कि वह अपने पैरों को सही तरीके से नहीं चला पा रहा था और उसे कहीं से मदद की जरूरत थी। फिर उसने एक रिपोर्ट कराई जिससे उसे अपने पैरों के दर्द के मुख्य स्थान का पता चला। डॉक्टर ने उसे बताया कि उसके घुटने की कंडीशन बहुत कमजोर है और उसे सर्जरी की सलाह दी। जब मरीज ने सर्जरी के बारे में सोचा, तो उसे यह कदम उठाने में हिचकिचाहट महसूस हुई। वह एक जैविक तरीके से अपने दर्द का इलाज करना चाहता था। एक दिन उसने एक वीडियो देखा, जिसमें एक होम्योपैथी डॉक्टर ने घुटने की समस्याओं के लिए बेहतरीन समाधान बताया। उन्होंने बिना सर्जरी के इलाज का एक अनोखा तरीका बताया। मरीज ने इस डॉक्टर से मिलने की ठान ली। जब वह डॉ. प्रदीप से मिला, तो उसका अनुभव बहुत यादगार और अद्भुत रहा। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से ठीक होने में समय लगेगा और यह पूरी तरह से मरीज के शरीर पर निर्भर करता है। जब उसने अपनी उपचार शुरू किया, तो उसे बहुत राहत महसूस होने लगा और वह अपने व्यक्तिगत जीवन को सही तरीके से संभालने में सक्षम हुआ। मरीज ने डॉ. प्रदीप के साथ नियमित अपॉइंटमेंट फिक्स किए और डॉक्टर ने उसे कई तरह के निर्देश और व्यायाम दिए, जो उसके लिए बहुत सहायक साबित हुए। डॉक्टर का व्यवहार अपने मरीजों के प्रति बहुत अच्छा और शांतिपूर्ण था। धीरे-धीरे उसके स्वास्थ्य में सुधार हुआ और दर्द में भी कमी आई। वह लंबे फासले तक चलने और दौड़ने में सक्षम हो गया। एक सबसे अच्छी बात जो उसने देखी, वह थी उसका वजन बढ़ना। उसने डॉ. प्रदीप का धन्यवाद किया और सभी मेडिकल स्टाफ का भी आभार प्रकट किया, जो बहुत दयालु और सहायक थे।उसका होम्योपैथी के साथ अनुभव बहुत अच्छा रहा और उसने प्राकृतिक उपचार का रास्ता खोज लिया। घुटने दर्द के लिए होम्योपैथिक दवा क्यों चुने ? होम्योपैथी दवाएं शरीर की प्राकृतिक क्षमता को उत्तेजित करती हैं, जिससे रोगी जल्दी ठीक होता है । होम्योपैथी एक प्रभावशाली और सुरक्षित उपचार पद्धति है, जो घुटने के दर्द और अन्य घुटने संबंधी विकारों के लिए सर्वश्रेष्ठ समाधान प्रदान कर सकती है। यह चिकित्सा बिना किसी सर्जिकल प्रक्रिया के दर्द से राहत दिलाने में सक्षम होती है। "जोड़ों के दर्द को होम्योपैथी से मिटाएं!" इस सिद्धांत के तहत, होम्योपैथी दर्द की मूल कारण को समझते हुए एक व्यक्तिगत उपचार योजना बनाती है। इसके माध्यम से ना केवल दर्द में कमी आती है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है। पेशेंट को ये साफ-सुथरी, नैतिक और सरल उपचार प्रणाली के फायदे मिलते हैं, जिससे वह बिना किसी भय के अपनी जिंदगी का आनंद ले सकता है। होम्योपैथी एक अद्भुत विकल्प है जो घुटने के दर्द को दूर करने के लिए सभी के लिए खुला है।
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chronic pancreatitis ka ilaaj
क्रोनिक एट्रोफिक अग्नाशयशोथ" का बिना सर्जरी इलाज क्या हैं ? क्रोनिक एट्रोफिक अग्नाशयशोथ से क्या समस्या होती हैं ? गॉलब्लेडर में पत्थऱ का क्या इलाज होता हैं ? Patient Case Study : 2016 में, पेशेंट एक भयानक दर्द के हमले से गुजरा। उस समय उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे उसकी दुनिया खत्म हो गई हो। पिछले कुछ वर्षों से, उसे हर 6 से 8 महीने में जैसे खाद्य विषाक्तता ( Food poisoning) का हमला झेलना पड़ता था। जब उसने डॉक्टर से संपर्क किया, तो उसे कुछ दवाइयाँ मिलीं और उस दर्द से थोड़ी राहत मिली। लेकिन दो साल बाद, उसे फिर से तेज दर्द का सामना करना पड़ा, और यह इस बार अधिक गंभीर था—एक तीव्र अग्न्याशयशोथ (Acute Pancreatitis) का दौरा था। उसकी हालत अप्रत्याशित थी, और यह उसे बहुत परेशान कर रही थी। उसने डॉक्टरों से कई बार सलाह ली, लेकिन कोई सही निदान नहीं मिल पाया। उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। उसकी स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी, और अंततः उसे एक वर्ष तक घर पर रहना पड़ा। इस दौरान, उसने न तो सही खाना खाया और न ही वह लंबे सफर पर जा सका। उसकी घटते वजन और पाचन संबंधी समस्याओं ने उसकी स्थिति को और भी गंभीर बना दिया। 2022 में, अचानक से उसे फिर से दर्द का सामना करना पड़ा। इस बार, तब उसे पता चला कि उसके पित्ताशय में तीन मिलीमीटर के छोटे-छोटे पत्थर (Stones) हैं, जो उसके अग्न्याशय को प्रभावित कर रहे थे। ।गॉलब्लेडर में पथरी होने के कारण डॉक्टर ने उनको सलाह दी के वह गॉलब्लेडर को निकलवा दें। नवंबर 2022 में, उसने पित्ताशय की सर्जरी करवाई।यह सर्जरी से उसको कई दर्द का सामना करना पड़ा। जब उसने ठाना के उसे बीमारी छुटकारा चाहिए तो उसने फिरसे रिपोर्ट्स करवाई। लेकिन सर्जरी के बाद, जब उसने अपनी अग्न्याशय की कार्यक्षमता की जांच करवाने के लिए रिपोर्टें करवाईं, तो उसे पता चला कि उसके अग्न्याशय में पुरानी पीड़ा का प्रभाव है। उसे यह जानकर सदमा लगा कि इसके लिए कोई फिक्स्ड इलाज नहीं है। निराशा में, उसने दिल्ली जाकर एक एमआरसीपी रिपोर्ट करवाई, जिसमें उसे पता चला कि उसका अग्न्याशय सिकुड़ गया है। फिर एक दिन उसने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा, जिसमें एक होम्योपैथिक डॉक्टर का केस स्टडी पेश की गई थी। उस डॉक्टर ने पुरानी सिकुड़न वाले अग्न्याशय के रोगी के बारे में बात की। उसने यह वीडियो पूरा देखा और इस डॉक्टर, डॉ. प्रदीप से मिलने की इच्छा जताई।आखिरकार, उसने डॉ. प्रदीप से संपर्क किया, जो एक अनुभवी होम्योपैथी डॉक्टर थे और अग्न्याशय संबंधी समस्याओं का विशेषज्ञ थे। उनके साथ मिलने पर, उसने पाया कि उसे बेहतर विकल्प मिला है। डॉ. प्रदीप ने समझाया कि इस बीमारी का इलाज होने में समय लगेगा—एक साल, दो साल, या तीन साल, यह सब मरीज के शरीर पर निर्भर करेगा। जब उसने अपना इलाज शुरू किया, तो वह बहुत अधिक आरामदायक और प्रेरित महसूस कर रहा था। उसने अपनी दिनचर्या को संभाला और स्वस्थ जीवन के लिए प्रयास करने की ठानी। डॉ. प्रदीप ने उसे बहुत सी उपयोगी सलाह और आहार दिए, जो उसके लिए बेहद लाभकारी साबित हुए।धीरे-धीरे, उसकी सेहत में सुधार होने लगा। उसने अपनी सेहत में सकारात्मक परिवर्तन देखे। वह डॉ. प्रदीप के प्रयासों के लिए और पूरे चिकित्सा स्टाफ के प्रति आभार व्यक्त करता है, जिन्होंने उसे समर्थन और दया दिखाई। उसके अनुभव ने उसे होम्योपैथी के प्राकृतिक उपचार का महत्व समझने में मदद की। पैनक्रियाटाइटिस को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। क्रोनिक एट्रोफिक अग्नाशयशोथ का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। क्रोनिक एट्रोफिक पैनक्रियाटाइटिस के लिए कनौसी दवाई लेनी चाहिए ? होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक एट्रोफिक पैनक्रियाटाइटिस जैसी बीमारी का एकमात्र होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी का इलाज होता हैं । होम्योपैथी उपचार के माध्यम से क्रोनिक एट्रोफिक पैनक्रियाटाइटिस का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से क्रोनिक के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको क्रोनिक एट्रोफिक पैनक्रियाटाइटिस के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और क्रोनिक एट्रोफिक पैनक्रियाटाइटिस की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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acute necrotizing pancreatic ka bina operation ilaaj
तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ का बिना सर्जरी इलाज in Homoeopathy तीव्र नेक्रोटाइज़िंग (Acute necrotizing)असरकारक इलाज इन हिंदी तीव्र नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस पेशेंट Case Study इन हिंदी इस वीडियो में बताये गए वयक्ति को एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रिअटिटिस की समस्या थी । जिसके साथ 2023 की शुरुआत में एक गंभीर समस्या हुई - उसे तेज पेट दर्द का सामना करना पड़ा। शुरुआत में उसे पता नहीं था कि यह लिवर से संबंधित दर्द था, लेकिन जब उसने डॉक्टर से संपर्क किया, तो उसे पता चला कि उसे अग्न्याशय से संबंधित दर्द है। दर्द से बेहाल, वह एकदम असहाय महसूस कर रहा था और उसने कभी भी अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेतता नहीं दिखाई। जब उसे थोड़ी राहत मिली, तो वह बीमारी की गंभीरता को समझ नहीं पाया और न कोई एहतियात बरती। लेकिन जब दर्द फिर से शुरू हुआ, तो उसने कई जगहों पर इलाज कराया, आगरा और दिल्ली जैसे शहरों में भी गया, लेकिन कहीं कोई राहत नहीं मिली। उसने एलोपैथी और अन्य कई उपचार विकल्पों को भी अपनाया, लेकिन हर बार वह निराश होकर लौटता। फिर एक दिन उसके चाचा ने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा। उस वीडियो में एक डॉक्टर ने एक मरीज की कहानी बताई जिसने इसी तरह की कई समस्याओं का सामना किया। उस मरीज ने होमियोपैथी का उपचार लिया और उसकी सेहत में सुधार हुआ। इस वीडियो ने उसके चाचा को प्रेरित किया, और उन्होंने मुझे ब्रह्म होमियोपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर ले जाने का फैसला किया। शुरुआत में, मैं होमियोपैथी के उपचार से बहुत ही उलझन में था। लेकिन जब मैंने डॉक्टर प्रदीप से बात की, तो मुझे उनके ज्ञान और विशेषज्ञता का एहसास हुआ। उन्होंने मेरी रिपोर्ट और केस को ध्यान से देखा और मुझे आराम करने का सुझाव दिया। डॉ. प्रदीप ने अपनी पूरी कोशिश की कि वह मेरी अग्न्याशय की बीमारी को ठीक करे। उन्होंने मेरा इलाज शुरू किया और मेरे लिए एक विशेष डाइट चार्ट भी बनाया। डॉ. प्रदीप ने कहा, "हमारे लिए यह एक बड़ा सम्मान है जब मरीज हम पर विश्वास करते हैं। ऐसे मामलों को दिखाते हुए हमें यह एहसास होता है कि हम लोगों की ज़िंदगी को बेहतर बनाने का अवसर प्राप्त कर रहे हैं।" मैंने मार्च 2023 में इस उपचार को शुरू किया। डिसेम्बर की अंत तक मैंने अपनी स्वास्थ्य में 90% बदलाव देखा। इस दौरान, मुझे कोई दर्द नहीं हुआ। मेरे लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी। मुझे होमियोपैथी पर विश्वाश हो गया था क्योंकि इस इलाज ने मेरे अन्य अंगों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डाला। अंततः, मैं अपनी बीमारी से पूरी तरह ठीक हो गया। मेरा होमियोपैथी के साथ एक अद्भुत अनुभव रहा। मैं अग्न्याशय की समस्याओं से जूझ रहे कई लोगों को डॉ. प्रदीप से उपचार कराने की सलाह देता हूँ। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैनक्रियाटाइटिस के लिए कोनसा इलाज श्रेष्ठ हैं ? होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के तीव्र अंगाशयशोथ को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से एक्यूट के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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acidity ka ilaaj in hindi
कब्ज (Constipation)को कैसे दूर करे ? Acidity ka इलाज in hindi एक साल की कब्ज (Constipation)की परेशानी से छुटकारा। इस वीडियो में बताये मरीज पेट की समस्या से परेशान थे। उन्हें अक्सर गैस और एसिडिटी की शिकायत रहती थी, जिससे उनकी ज़िंदगी काफी खराब हो गई थी। उन्होंने पहले कई एलोपैथिक दवाएँ आजमाईं, लेकिन कोई भी उन्हें स्थायी राहत नहीं दे पाई। इसके अलावा, उन्हें माइग्रेन की समस्या भी थी, जो कभी-कभी असह्य हो जाती थी। एक दिन, जब मरीज अपने दर्द से तंग आ चुके थे, एक बार जब वे अपना फ़ोन चला रहे थे तब उन्होने एक वीडियो देखा जिसमे डॉक्टर एक केस की बात कर रहे थे और उसमे एक पीड़ित अपने रोग के बारे में अपने विचार वय्कत कर रहे थे। पूरा वीडियो देखने के बाद अंत में डॉक्टर ट्रीटमेंट की बाद की रिपोर्ट दिखाते हैं जो नार्मल होती हैं। इससे मुझे अच्छे संकेत मिले की में होमियोपैथी इलाज को शुरू करू। उन्होंने तय किया कि अब यह उनकी समस्या का सही हल हो सकता है। मरीज ने डॉ. प्रदीप से मिलकर अपनी सारी समस्याएँ बताईं। डॉक्टर ने उनकी जाँच की और उनके टेस्ट रिपोर्ट्स देखे।  डॉ. प्रदीप ने समझाया कि एसिडिटी और गैस की समस्या का समाधान केवल दवाओं से नहीं होता बल्कि इसके लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम भी आवश्यक है। उन्होंने मरीज के लिए एक खास आहार योजना बनाई और नियमित व्यायाम करने की सलाह दी। पुनः इलाज शुरू होते ही मरीज को अपने स्वास्थ्य में बड़े बदलाव देखने को मिले। पहले जो छोटी-छोटी चीजें उन्हें परेशानी देती थीं, अब वे उन्हें परेशान नहीं करती थीं। धीरे-धीरे उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार आया और एक साल के भीतर उन्हें अपनी बीमारी का स्थायी समाधान मिल गया। मरीज अब खुश थे और उन्होंने डॉ. प्रदीप के साथ अपनी अनुभव साझा करने की इच्छा जताई। डॉक्टर ने उनके अनुभव को एक केस स्टडी के माध्यम से रिकॉर्ड करने का निर्णय लिया। मरीज ने बताया कि होम्योपैथी उनके लिए एक आशा की किरण साबित हुई है और उन्होंने इसे अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बना लिया है। डॉ. प्रदीप ने कहा, "हमारे लिए यह एक बड़ा सम्मान है जब मरीज हम पर विश्वास करते हैं। ऐसे मामलों को दिखाते हुए हमें यह एहसास होता है कि हम लोगों की ज़िंदगी को बेहतर बनाने का अवसर प्राप्त कर रहे हैं।"  इस प्रकार, मरीज ने न केवल अपनी बीमारी को मात दी, बल्कि उन्होंने अपने जीवन में एक नई शुरुआत की। वे हमेशा के लिए डॉ. प्रदीप और होम्योपैथी के प्रति आभारी रहे।  रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। एसिडिटी और कब्ज़ियात के लिए होमेओपथी का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह एसिडिटी से सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं।  एसिडिटी के लिए बेस्ट दवाई क्या हैं ? एसिडिटी के लिए होमेओपथी दवाई। होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। एसिडिटी और कब्ज़ियात जैसी बीमारी के लिए होम्योपैथी एक रिसर्च बेस्ड उपचार का समर्थन करती हैं। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से एसिडिटी का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल कब्ज़ियात को तत्काल मिटने का दावा भी करती हैं। होमोपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से एसिडिटी के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको एसिडिटी और कब्ज़ियात के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और उसी स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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pancreas ka sahi ilaaj kya hai
पैंक्रियाटाइटिस के लिए सही इलाज क्या हैं ? पैंक्रियाटाइटिस से क्या समस्या होती हैं ? इस वीडियो में बताये गए पेशेंट को अचानक पेट में तेज दर्द हो गया था । उसे नहीं पता था कि यह दर्द उसके पैंक्रियास से जुड़ा हुआ है। जब उसने अपनी जांच कराई, तो उसे बताया गया कि उसे पैंक्रियाटाइटिस है। डॉक्टर ने उसे सलाह दी कि उसे अस्पताल में भर्ती होना चाहिए। वह अस्पताल में 5 से 6 दिनों तक रहा। वहां उसकी दर्द की समस्या ठीक हो गई और जब वह घर लौटा, तो उसे लगा कि अब सब कुछ ठीक है। लेकिन यह उसका बीमारी के सफर की शुरुआत थी। कुछ समय बाद, उसे फिर से दर्द के दौरे पड़ने लगे। उसने महसूस किया कि उसका वजन 15 से 20 किलोग्राम कम हो गया है। उसका पाचन ठीक से काम नहीं कर रहा था और उसका शरीर उचित एंजाइम बनाने में असमर्थ था। वह भारी भोजन करने से भी कतराने लगा और केवल सभी उपायों से इलाज लेने लगा। लेकिन, सामान्य चिकित्सा (एलोपैथी) केवल लक्षणों को कम करने का काम कर रही थी, बीमारी का स्थायी समाधान नहीं थी। उसे निराशा होने लगी।  एक दिन, उसने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा, जिसमें डॉ. प्रदीप नामक एक होम्योपैथिक डॉक्टर पैंक्रियाटाइटिस के मरीज़ का केस स्टडी साझा कर रहे थे। उस वीडियो ने उसे प्रेरित किया, क्योंकि डॉ. प्रदीप ने ऐसे मामलों में प्रभावी उपचार की बात की। उसने फैसला किया कि उसे डॉ. प्रदीप से मिलने का समय बनाना चाहिए। जब वह डॉ. प्रदीप से मिला, तो उसे एहसास हुआ कि वह एक महान समाधान पा चुका है। डॉ. प्रदीप ने उसे होम्योपैथिक उपचार की प्रक्रिया समझाई, और धीरे-धीरे उसके स्वास्थ्य में सुधार होने लगा। 1.3 वर्षों के उपचार के बाद, वह बिना किसी शारीरिक परेशानी के जीवन जीने लगा। उसने अपनी बीमारी पर काबू पा लिया और अब उसे अपनी सेहत की चिंता नहीं थी।  रोग को जड़ से कैसे मिटाये :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। अग्नाशयशोथ का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं।  पैन्क्रियाटाइटिस का स्थायी होमियोपैथी इलाज ! होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक अग्न्याशय में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से अग्नाशयशोथ के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और अग्नाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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bina operation pancreas ka treatment
पैंक्रियाटाइटिस के लिए महत्वपूर्ण होमियोपैथी उपचार ! PANCREATITIS TREATMENT इस वीडियो में बताये गए वयक्ति को पैंक्रियाटाइटिस की बीमारी थी। इससे उसको कई भयानक दर्द का सामना करना पड़ता था। जिसे अक्सर पेट में तेज दर्द महसूस होता था। यह दर्द इतना गंभीर था कि वह न चल सकता था और न ही दौड़ सकता था। उसे हर दो से तीन महीने में पेट के दर्द के दौरे पड़ते थे, जो उसे सोचने पर मजबूर कर देते थे कि उसके जीवन में कोई गंभीर समस्या है। जब दर्द अत्यधिक बढ़ गया, तो उसने डॉक्टर से सलाह लेने का निश्चय किया। वह एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हुआ और वहाँ अपना इलाज कराने लगा। लेकिन इस इलाज में उसे 30,000 से 40,000 रुपये खर्च करने पड़े। जब वह डिस्चार्ज हुआ, तो उसे फिर से वही दर्द सहन करना पड़ा। उसे समझ में आया कि समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं था, और इस वजह से उसे दोबारा दर्द के दौरे पड़े। उसने अब एक स्थायी इलाज के लिए खोज करने का निर्णय लिया। उसने बिना सर्जरी के उपचार के बारे में जानने की कोशिश की। एक दिन वह यूट्यूब पर एक वीडियो देख रहा था जिसमें एक होम्योपैथी डॉक्टर का एक प्रोग्राम था। उसने पहले कभी इस तरह के इलाज के बारे में नहीं सुना था। उसने पूरा वीडियो देखा और महसूस किया कि यही इलाज उसके लिए सही हो सकता है।  उसने मन बनाकर उस अस्पताल में जाने का निर्णय लिया जहाँ उस डॉक्टर का इलाज हो रहा था। जब वह वहाँ पहुँचा, तो उसने डॉक्टर से कई सवाल पूछे, जैसे "क्या पैंक्रियाटाइटिस का स्थायी इलाज हो सकता है?" और "क्या मैं इस बीमारी से राहत पा सकता हूँ?"  डॉक्टर जो पैंक्रियाटाइटिस और लिवर रोगों के विशेषज्ञ थे, ने महसूस किया कि वह व्यक्ति इलाज को लेकर भ्रमित था। डॉक्टर ने उसकी शंकाओं को समझा और उसके मन में स्पष्टता लाने की कोशिश की। जब उस व्यक्ति को समझ में आया कि उसने सही डॉक्टर खोज लिया है, तो वह अपने इलाज के लिए तैयार हो गया। कुछ महीने तक इलाज लेने के बाद, उसने अपनी सेहत में सुधार महसूस करना शुरू किया। जब उसने अपनी रिपोर्ट कराई, तो उसे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि उसकी पैनक्रियाटाइटिस की रिपोर्ट सामान्य आ गई थी। उसे लगा कि वह सच में भाग्यशाली था कि उसे सही समय पर सही इलाज मिला।  रोग को जड़ से कैसे मिटाये :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। अग्नाशयशोथ का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं।  पैन्क्रियाटाइटिस का स्थायी (परमेनन्ट क्योर ) होम्योपैथी उपचार । होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक अग्न्याशय में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से अग्नाशयशोथ के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और अग्नाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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pancreas ka bina surgery ilaaj kya hai
" पैन्क्रियाटाइटिस " का बिना सर्जरी का स्थायी इलाज इन हिंदी ! पैन्क्रियाटाइटिस पेशेंट को दर्द से कैसे रिकवरी मिली ! इस वीडियो में बताये गई महिला को पैनक्रियाटाइटिस की बीमारी थी। उसे अचानक से पैनक्रियाटाइटिस नामक बीमारी ने घेर लिया। उसे पता ही नहीं था कि यह बीमारी क्या है, और इसने उसकी रोजमर्रा की जिंदगी को एकदम बदल दिया। उस बीमारी के कारण वह अब सामान्य आहार भी नहीं ले पाती थी। पेशेंट को रोटी-चावल खाना भी मुश्किल हो गया।  कई डॉक्टरों से मिलने के बाद, पेशेंट को यह बताया गया कि उसे सर्जरी करानी होगी। सर्जरी का नाम सुनकर वह सहम गई, क्योंकि उसे समझ आ गया था कि यह एक अस्थायी समाधान होगा। धीरे-धीरे वह यह सोचने लगी कि उसे अपनी बीमारी का स्थायी समाधान खोजना है। हिम्मत नहीं हारकर, उसने इंटरनेट पर खोजबीन करना शुरू किया।  एक दिन, उसे एक वीडियो मिला जिसमें एक होम्योपैथी डॉक्टर अपने अनुभव साझा कर रहे थे, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे एक मरीज ने अपनी पैनक्रियाटाइटिस की बीमारी को बिना सर्जरी के ठीक किया। यह सुनकर, उसके मन में आशा की किरण जगी। उसने निर्णय लिया कि उसे इस होम्योपैथी डॉक्टर से मिलना चाहिए।  वह ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर गई। वहां उसकी मुलाकात डॉ. प्रदीप से हुई, जो पैनक्रियाटाइटिस के विशेषज्ञ थे। डॉक्टर से मिलने के बाद, उसके मन में निराशा का अंधेरा कुछ हद तक छंट गया। उन्होंने उसे उम्मीद दी और कहा कि होम्योपैथी में उसके लिए एक रास्ता है। डॉक्टर के इलाज के बाद महिला में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले। वह अब धीरे-धीरे सामान्य आहार लेने लगी, ज्यादा दूरी तक चलने लगी और उसका वजन भी बढ़ने लगा। उसने खुद पर विश्वास किया और अपने स्वास्थ्य में सुधार पाया। कुछ महीनों के भीतर, उसने निर्णय लिया कि वह ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर से जीवनभर इलाज लेना चाहती है। उसकी सफलता की कहानी अब ना केवल उसकी, बल्कि और भी कई मरीजों के लिए प्रेरणा बन गई। उसने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कैसे डॉ. प्रदीप और उनके इलाज ने उसकी जिंदगी बदल दी। वह अब उन सभी मरीजों को सलाह देती है जो पैनक्रियाटाइटिस से जूझ रहे हैं, कि वे डॉ. प्रदीप से सलाह लें और इलाज शुरू करें।  रोग को किया जड़ से ठीक :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। अग्नाशयशोथ का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं।  पैन्क्रियाटाइटिस का सरल और असरकारक होम्योपैथी उपचार :- होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक अग्न्याशय में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से अग्नाशयशोथ के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और अग्नाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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appendix without operation homeopathy treatment
बिना सर्जरी के अपेंडिक्स (Appendix) का होमियोपैथी उपचार  इस वीडियो में बताई गई महिला अपेंडिक्स की समस्या से परेशान थी। उसे कई बार पेट में हल्का सा दर्द होता था। उसने सोचा कि ये साधारण दर्द है, लेकिन दर्द बढ़ते हुए असहनीय हो गया। जब उसने डॉक्टर से परामर्श किया, तो उन्होंने बताया कि उसके appendix का आकार 6.5 मिमी है, और उसे सर्जरी कराने की सलाह दी। यह सुनकर वह बहुत दुखी और निराश हो गई। उसे सर्जरी कराना बिल्कुल गवारा नहीं था। हालांकि, उसकी निराशा उसकी बीमारी को रोकने वाली नहीं थी। उसने YouTube पर अपनी बीमारी के इलाज के लिए अन्य विकल्प तलाशना शुरू किया। कुछ समय बाद, उसे एक होम्योपैथी डॉक्टर का वीडियो मिला, जिसमें डॉक्टर ने एक अपेंडिक्स के मरीज का केस स्टडी साझा किया था। उस वीडियो में मरीज के पहले और बाद की रिपोर्ट भी दिखाई गई थी। उसने देखा कि होम्योपैथी दवाइयों से मरीज को कितना आराम मिला। महिला को लगा कि ये सटीक इलाज उसे भी मिल सकता है। उसी दिन, वह ओढव में स्तिथ एक होम्योपैथी क्लीनिक, "ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर" गई। डॉक्टर से मिलकर उसने अपनी बीमारी के बारे में बताया। डॉक्टर की बातों में एक विशेष आकर्षण था, जिसने उसे यह विश्वास दिलाया कि वह सही डॉक्टर से मिली है। उन्होंने उसके इलाज की शुरुआत की। पहले महीने की दवा लेते ही उसे अपने पेट में कोई दर्द नहीं हुआ। उसकी ज़िंदगी धीरे-धीरे सामान्य होने लगी और सबसे अच्छी बात यह थी कि उसका इलाज इतना महंगा भी नहीं था। अब वह मानसिक और आर्थिक रूप से भी राहत महसूस कर रही थी। वह डॉक्टर प्रदीप के प्रति दिल से आभारी थी। एक दिन उसने डॉक्टर्स से पूछा कि क्या उसे अब इलाज रोक देना चाहिए। डॉक्टर ने उसे सलाह दी कि उसे अभी और इलाज जारी रखना चाहिए, क्योंकि उसकी बीमारी पूरी तरह से ठीक नहीं हुई थी। उसने चार और महीने का इलाज जारी रखा। चार महीने के अंत में, जब उसने फिर से रिपोर्ट करवाई, तो उसे मिली एक सामान्य रिपोर्ट। इस तरह, उस महिला ने सर्जरी के डर को पार करते हुए, होम्योपैथी के माध्यम से न केवल अपनी बीमारी को मात दी, बल्कि नए विश्वास और आशा की किरण भी पाई। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। अपेंडिक्स का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। होमेओपेथी दवाई से अपेंडिक्स को कैसे मिटा सकते हैं ? होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। अपेंडिक्स जैसी बीमारी का होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से " अपेंडिक्स " का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से एक्यूट के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको अपेंडिक्स के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और " अपेंडिक्स " की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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chronic calcified pancreatitis treatment in homeopathic
क्रोनिक कैल्सिफिएड पैनक्रियाटाइटिस का होमियोपैथी इलाज ! पैनक्रियाटाइटिस पेशेंट को मिला बीमारी से जड़ से आराम। इस वीडियो में बताये गए दर्दी को "क्रोनिक कैल्सीफाइड पैनक्रियाटाइटिस" की बीमारी थी। मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर में एक व्यक्ति रहता था । उसे 2019 से पेट में तेज दर्द की समस्या का सामना करना पड़ रहा था। उसने कई डॉक्टरों के पास जाकर अपना उपचार कराया, लेकिन किसी को भी उसकी बीमारी की सही पहचान नहीं हो पाई। समय बीतता गया और उसकी स्थिति बिगड़ती गई। अंततः उसने इंदौर के एक अस्पताल में जाकर अपनी जांच करवाई, जहाँ डॉक्टर ने उसे बताया कि उसे "क्रोनिक कैल्सीफाइड पैनक्रियाटाइटिस" है। बातचीत करते-करते, व्यक्ति ने डॉक्टर से सुना कि यह बीमारी कितनी कठिनाई पैदा करती है। उसे लगातार पेट में दर्द रहता था और सीमित आहार के चलते उसकी जीवनशैली भी प्रभावित हो गई थी। उसने बहुत सारे इलाज किए, लेकिन कुछ खास राहत नहीं मिली। अंततः एक दिन उसने YOUTUBE पर एक वीडियो देखा, जिसमें एक डॉक्टर प्रदीप का जिक्र था, जिसने इस बीमारी का इलाज बताया। वो वीडियो सुनकर उसमें आशा की किरण की जगी। उसने तुरंत तय किया कि उसे अहमदाबाद जाकर डॉ. प्रदीप से मिलना चाहिए। Brahm Homeopathic Healing and Research Center में पहुँचकर, उसने डॉक्टर से मुलाकात की। वहाँ का माहौल बहुत ही सुखद और सहायक था। अस्पताल के सभी सदस्य और स्टाफ बेहद दयालु और जिम्मेदार थे। वहाँ की सेवा और देखभाल ने उसे राहत दी। डॉक्टर ने उसकी पूरी मेडिकल स्थिति को समझा और उसे होमियोपैथिक उपचार के लिए एक योजना दी। समय के साथ, उसने देखा कि उसके स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। उसने लगभग 6 महीने तक नियमित रूप से दवाई ली। दिन-ब-दिन उस दर्द में कमी आई और उसकी जीवनशैली वापस सामान्य होने लगी। छह महीने बाद, उसकी बीमारी में बदलाव दिखने शुरू हो गए । उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि इस मुश्किल समय में होमियोपैथी ने उसकी कैसे मदद की। उसने डॉक्टर प्रदीप का धन्यवाद किया, साथ ही अपने ईश्वर का भी आभार व्यक्त किया कि उसने उसे इस चमत्कारी उपचार का रास्ता दिखाया।इस तरह, उस व्यक्ति ने न केवल अपनी बीमारी पर विजय प्राप्त की, बल्कि एक नई जिंदगी शुरू की, जहाँ वो फिर से अपनी पसंदीदा चीजें कर सकता था। यह कहानी एक विश्वास की तरह है कि सही उपचार समय पर मिलने से कितनी बड़ी बदलाव ला सकता है।  रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। क्रोनिक कैल्सिफिएड पैनक्रियाटाइटिस का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं।  " क्रोनिक कैल्सिफिएड पैनक्रियाटाइटिस " के लिए होम्योपैथी सर्वश्रेष्ठ इलाज :- होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक कैल्सिफिएड पैनक्रियाटाइटिस जैसी बीमारी का होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से " क्रोनिक कैल्सिफिएड पैनक्रियाटाइटिस" का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से एक्यूट के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको " क्रोनिक कैल्सिफिएड पैनक्रियाटाइटिस" के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और " क्रोनिक कैल्सिफिएड पैनक्रियाटाइटिस" की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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acute necrotizing pancreatitis treatment
कैसे एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग ( पैनक्रियाटाइटिस ) को मिटाया बिना सर्जरी ? एक्यूट नेक्रोटाइजिंग पैनक्रियाटाइटिस का बिना सर्जरी का इलाज। एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग को कैसे ख़तम किया होमियोपैथी से ? इस वीडियो में बताये गए बच्चे को पैनक्रियाटाइटिस की बीमारी थी। उसको कई दिनों से पेट का दर्द हो रहा था। वह बहुत ही helpless और चिंतित था अपनी दर्द की वजह से। पहले उसे भावनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां, वह एक महीने तक भर्ती रहा। लेकिन उसे इलाज से कोई राहत नहीं मिली। फिर डॉक्टरों ने एक सीटी स्कैन किया, जिसमें पता चला कि उसे पैनक्रियाटाइटिस है। इसके बाद, उसने कई डॉक्टरों को दिखाया, जिन्होंने उसे अहमदाबाद जाने का सुझाव दिया। वहां, उसे सर्जरी का सलाह दिया गया। लेकिन उसके लिए सर्जरी करना और भी मुश्किल हो गया, और उसकी स्थिति और बिगड़ गई। फिर उसे कई विकल्प मिले, और उसने एक वीडियो ऑनलाइन देखा। उस वीडियो में एक पैनक्रियाटाइटिस के विशेषज्ञ डॉक्टर थे, जो होम्योपैथी दवा से पैनक्रियाटाइटिस के इलाज के तरीके के बारे में बता रहे थे। उस वीडियो को देखने के बाद, उसने अंततः उस डॉक्टर से मिलने का फैसला किया और वहां से दवा लेनी शुरू की। डॉक्टर प्रदीप बहुत ही आभारी और संवेदनशील थे। उन्होंने हमें बहुत सारी चिकित्सा और शोध आधारित चिकित्सा के बारे में समझाया। उन्होंने मुझे 15-20 दिनों के लिए दवा दी। 15 दिन बाद, वह फिर से सामान्य खाद्य पदार्थ खा सका और उसकी दिनचर्या में बदलाव आया। उसने होम्योपैथी दवा से बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किए। जब उसने दवा लेना तय किया, तो डॉक्टर ने कहा कि जब तक बीमारी पूरी तरह से ठीक नहीं होती, तब तक दवा लेते रहना चाहिए। तो हमने अपनी दवा का सेवन जारी रखा और अपनी सेहत में बदलाव देखा। हमने अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ पर भरोसा किया। उस वीडियो में उस बच्चे की स्थिति का भी जिक्र था। आखिर में, वह इलाज के बाद पूरी तरह से आराम और स्वस्थ महसूस करने लगा। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग (Pancreatitis)के लिए होम्योपैथी सर्वश्रेष्ठ इलाज :- होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के तीव्र अंगाशयशोथ को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से एक्यूट के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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acute pancreas ka bina operation ilaaj
तीव्र अग्नाशयशोथ का मिला रामबाण इलाज ! (ACUTE PANCREATITIS) से जुड़े पेशेंट की गाथा। । इस वीडियो में बताये गए पेशेंट को acute pancreatitis की बीमारी हुई थी। जिसके बाद उसने कई Allopathy दवाई लेना शुरू कर दिया। 23 मार्च 2023 को मुझे एक तीव्र पैंक्रियाटाइटिस का हमला हुआ। उस दिन ने मेरे जीवन को एक नया मोड़ दे दिया। पैंक्रियाटाइटिस ने मेरी सेहत को बुरी तरह से प्रभावित किया, और मैं बहुत डर गया था। उस समय, मुझे समझ नहीं आया कि मेरी सेहत को सही करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए। मैंने कई दवाएं लीं और थेरेपी का सहारा भी लिया, लेकिन राहत नहीं मिली। पैंक्रियाटाइटिस की वजह से मैं मानसिक तनाव में भी चला गया। एक दिन, जब मैं इंटरनेट पर जानकारी खोज रहा था, अचानक मुझे एक वीडियो मिला जिसमें एक डॉक्टर सलाह दे रहे थे कि होम्योपैथी की मदद से पैंक्रियाटाइटिस का उपचार संभव है। मुझे होम्योपैथी के बारे में सुनकर थोड़ी उम्मीद हुई। मैंने डॉक्टर प्रदीप कुशवाहा से मिलने का फैसला किया। होम्योपैथी की जानकारी सुनकर मुझे आत्मविश्वास मिला और मैंने उनके द्वारा बताई गई होम्योपैथी की दवा लेना शुरू किया। पैसों की चिंता, परिवार के भविष्य की सोच और अपनी सेहत का ख्याल रखने की जिम्मेदारी, सबके बीच मैं होम्योपैथी के माध्यम से अपने स्वास्थ्य को सुधारने में जुट गया। एक साल की मेहनत और डॉक्टर प्रदीप की देखरेख में, मैंने अपनी सेहत में बड़े बदलाव देखे। जब मैंने एक साल बाद एमआरआई करा, तो रिपोर्ट निश्चित रूप से सकारात्मक निकली। होम्योपैथी ने मुझे नई जिंदगी दी। अब मैं डॉक्टर प्रदीप का तह दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं। उनकी होम्योपैथी ने मेरे जीवन को एक नई दिशा दी। मैंने फिर से अपने परिवार के भविष्य की कल्पना करना शुरू किया, और मुझे यकीन है कि हम सब मिलकर एक खुशहाल जीवन जिएंगे। इस अनुभव ने मेरे अंदर उम्मीद की एक नई किरण जगा दी है। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :-होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। तीव्र अंगाशयशोथ का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। तीव्र अग्नाशयशोथ (Acute Pancreatitis)के लिए होम्योपैथी उपचार होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। तीव्र अंगाशयशोथ में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के तीव्र अंगाशयशोथ को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से एक्यूट के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और तीव्र अंगाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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ibs ka ilaaj
IBS का सबसे सरल और सार्थक इलाज होमियोपैथी में। IBSका सबसे अच्छा इलाज होमियोपैथी में। पेशेंट को मिला परेशानियों से आराम इस वीडियो में बताये गए पेशेंट को IBS की बीमारी थी। उसे अपने पेट से जुडी कई दिक्कते सत्ता रही थी. इसलिए उसने अपनी अच्छी स्वास्थ के लिए अपना इलाज करवाना शुरू कर दिया। उसकी tummy हमेशा खराब रहती थी। उसे गैस, खांसी, और acidity की समस्याएं थी। उसने कुछ दवा ली, लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली। उसको किसीने होमियोपैथी के बारे में सुझाव दिया जिसमे उसे अधिक जानकारी नहीं थी। उसने सोचा कि क्यों न इस विषय पर कुछ जानकारी हासिल की जाए? उसने YouTube पर एक वीडियो देखा जिसमें डॉक्टर प्रदीप कुशवाह, एक होम्योपैथी डॉक्टर, IBS के इलाज के बारे में बात कर रहे थे। उस वीडियो में एक अन्य मरीज की कहानी थी, जो उन्हीं समस्याओं का सामना कर रहा था, और कैसे डॉक्टर ने उसकी मदद की। डॉक्टर ने मरीज के सामान्य रिपोर्ट भी दिखाए और कहा कि उसे स्वास्थ्य में सुधार मिला। इस वीडियो को देखकर मरीज को उम्मीद मिली और उसने डॉक्टर से मिलने का फैसला किया। कुछ दिनों बाद, वह ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर गया। वहां उसने डॉक्टर से अपॉइंटमेंट फिक्स किया। डॉक्टर से मिलकर उसे बहुत अच्छा लगा; उसे विश्वास हुआ कि डॉक्टर उसके लिए मेहनत करेंगे। इसलिए, उसने ब्रह्म अस्पताल में अपना उपचार शुरू किया। उसने लगभग तीन महीने तक दवाइयां लीं। जैसे-जैसे समय बीतता गया, उसने अपनी दैनिक जीवन में आराम महसूस किया। आखिरकार, उसकी सेहत में बहुत सुधार हुआ। उसे ब्रह्म अस्पताल में बेहतरीन इलाज और सत्कार मिला। इस तरह, उस मरीज ने न केवल अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान पाया, बल्कि एक नई उम्मीद भी। यह यात्रा थी एक ऐसे रास्ते की, जहां उसे स्वास्थ्य के साथ-साथ आत्मविश्वास और खुशियों की प्राप्ति हुई। और इस तरह, मरीज ने अपने नए जीवन की शुरुआत की, पूरी खुशी और राहत के साथ। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। IBS का सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। IBS का नेचुरल इलाज होमियोपैथी में। होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। IBS जैसी बीमारी का होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से IBS का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से IBS के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको IBS के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और IBS की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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acute pancreas treatment in hindi
एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस (Acute Pancreatitis)का जबरजस्त इलाज  एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस को जड़ से ख़तम किया पेशेंट को मिले अच्छे परिणाम इस वीडियो में बताये गए मरीज को तीव्र अग्नाशयशोथ (Acute Pancreatitis) की बीमारी थी। वह कई दिनों से परेशान रहता था। उसने थान लिया था की वह तीव्र अग्नाशयशोथ (Acute Pancreatitis) का सामना करेगा। एक दिन, उसे अचानक असहजता हुई। कई डॉक्टरों ने उसे बताया कि उसे गैस्ट्रिक समस्या है। लेकिन अंततः उसने सच्चाई जानी कि उसे वास्तव में तीव्र अग्नाशयशोथ है। यह जानकर वह बहुत चिंतित और बेचैन हो गया। उसने सभी उम्मीदें छोड़ दीं, लेकिन उसके परिवार ने उसे थोड़ी उम्मीद दी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में भर्ती होने के दौरान, उसके लिए चिकनाई वाला खाना या सामान्य भोजन खाना मना था। उसे केवल फलों और पेय पदार्थों पर निर्भर रहना पड़ा। इस बीमारी का सामना करते समय, उसने बहुत सारी समस्याओं का सामना किया। उसे बीमारी की प्रगति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, और उसकी बीमारी धीरे-धीरे पुरानी अग्नाशयशोथ (Chronic Pancreatitis) में बदल गई। उस स्थिति में उसे बहुत दर्द का सामना करना पड़ा। जब वह helpless महसूस करने लगा, तो उसने इस बीमारी का सही समाधान खोजने का फैसला किया। एक दिन, गूगल पर उसे डॉ. प्रदीप की एक वीडियो मिली, जिसमें उन्होंने अग्नाशयशोथ के प्रभावों, कठिन परिस्थितियों, सही उपचार और लक्षणों के बारे में बताया। उसे महसूस हुआ कि वह अपनी सेहत के लिए एक नई यात्रा शुरू कर सकता है। यदि एक्यूट पैनक्रियाटाइटिस बढ़के क्रोनिक पैनक्रियाटाइटिस हो चूका हैं तो यह वीडियो आपके लिए सर्वश्रेष्ठ होगा। उसने ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर से उपचार शुरू किया। आज को नौ महीने पूरे हो चुके हैं, और वह एक बार भी अस्पताल में भर्ती नहीं हुआ। यह उसके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। उसने अपने अग्नाशयशोथ के सफर में यह सीखा कि इस बीमारी में दर्द का समाधान तो हो सकता है, लेकिन यह एक प्रगतिशील बीमारी है। इसलिए, उसने निरंतर दवा लेना जारी रखा। आखिरकार, उसने अपनी मेहनत और होम्योपैथी के प्रयासों से अपने अग्नाशयशोथ को हल कर दिया। डॉ. प्रदीप एक बहुत अच्छे डॉक्टर हैं। उसने उन पर बहुत आशा रखी और उनके व्यवहार को भी बहुत सराहा। उसे विश्वास हो गया कि उसने एक बेहतरीन डॉक्टर पाया है। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। अग्नाशयशोथ का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। पैन्क्रियाटाइटिस (Chronic Pancreatitis)के लिए होम्योपैथी उपचार । होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक अग्न्याशय में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से एक्यूट के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और अग्नाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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pancreatitis ka bina surgery ilaaj in homeopathic
पैंक्रियाटाइटिस का बिना सर्जरी इलाज लगातार दर्द से परेशान पेशेंट को मिली राहत |पैंक्रियाटाइटिस से मिला आराम | इस वीडियो में बताये गए व्यक्ति का नाम वासुदेव हैं इनको बहुत गंभीर बीमारी ने जकड लिया था। । उसे 2021 में अचानक पेट में तेज़ दर्द महसूस हुआ। वह समझ नहीं पाया कि यह दर्द क्यों हो रहा है, लेकिन दर्द इतना भयानक था कि उसने तुरंत दर्द निवारक टेबलेट लेना शुरू कर दिया। जब भी वह दवा लेता, उसे कुछ समय के लिए आराम मिलता, लेकिन दर्द फिर से लौट आता। दर्द के लगातार दौरे से परेशान होकर वह डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर ने उसे इलाज के लिए एक इंजेक्शन दिया। हालांकि, उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। जब उसे 15 दिन तक अस्पताल में भर्ती किया गया, तब उसे थोड़ी राहत मिली। लेकिन जैसे ही उसे अस्पताल से छुट्टी मिली, दर्द फिर से लौट आया। वह भावना में बहुत निराश और हताश हो गया था। एक दिन उसे इंटरनेट पर एक वीडियो मिला जिसमें बताया गया था कि होम्योपैथी से पैंक्रियाटाइटिस का इलाज बिना सर्जरी के हो सकता है। इस वीडियो ने उसके दिल में उम्मीद की एक नई किरण जगा दी। उसे पता चला कि भारत में होम्योपैथी में बहुत अच्छे डॉक्टर हैं, इसलिए उसने एक प्रसिद्ध डॉक्टर से संपर्क करने का निर्णय लिया। उसने ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग और रिसर्च सेंटर में सलाह ली। वहां, उसने डॉ. प्रदीप से मुलाकात की, जो होम्योपैथी के बेहतरीन डॉक्टरों में से एक थे। डॉ. प्रदीप ने उसे एक डाइट चार्ट और नियमित दवाओं की सलाह दी। कुछ महीनों के उपचार के बाद, उसने अपनी जांचें करवाईं और उसे काफी राहत मिली। लगातार 6 महीने के उपचार के बाद, उसकी स्थिति में काफी सुधार हुआ। जब उसने पैंक्रियाटाइटिस के लिए रिपोर्ट करवाए तब उसके सारे रिपोर्ट्स नार्मल आये। अब वह नियमित रूप से दवाएं ले रहा था और डॉ. प्रदीप के साथ नियमित परामर्श कर रहा था। उसकी मेहनत और संयम ने उसे सफलता दिलाई। अब वह काफी खुश और तनावमुक्त था। उसने ठान लिया कि जब भी उसे कोई ऐसा व्यक्ति मिलता जो इसी बीमारी से ग्रस्त होता, तो वह उसे डॉ. प्रदीप के बारे में बताएगा। इस तरह, उसकी खुद की यात्रा ने उसे दूसरों की मदद करने का एक नया उद्देश्य दिया।  आज वह व्यक्ति अपनी नई जिंदगी का आनंद ले रहा है, और उसने अपने दर्द को पीछे छोड़ दिया है। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। अग्नाशयशोथ का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। पैन्क्रियाटाइटिस के लिए होम्योपैथी उपचार । होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक अग्न्याशय में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से अग्नाशयशोथ के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और अग्नाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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pancreas ka bina operation ilaaj
पैन्क्रियाटाइटिस का बिना सर्जरी इलाज कैसे होता हैं ? पैन्क्रियाटाइटिस पेशेंट को मिला सही इलाज इस वीडियो में बताये गए व्यक्ति को पैनक्रियाटाइटिस की बीमारी थी। इस व्यक्ति को मिलने के बाद उसका क्या अनुभव और क्या सलाह हैं वो यहाँ बताया गया हैं। । लेकिन मई 2022 में उसे अचानक पेट में तेज दर्द होने लगा। उसने कई डॉक्टरों से सलाह ली और कई अस्पतालों का चक्कर लगाया। कई दिनों तक उसे दर्द से बहुत परेशानी हुई, लेकिन जब दर्द हुआ, तो उसने खाने-पीने की आदतें लगभग छोड़ दीं। वह कई दिनों तक लगभग कुछ नहीं खा-पीया। उसने कई तरह की दवाइयाँ लीं, लेकिन दर्द बार-बार वापस लौटता रहा। धीरे-धीरे उसका वजन घटकर 33 किलोग्राम रह गया, जो कि उसके सामान्य वजन 58 किलोग्राम से बहुत कम था। उसे हमेशा यह चिंता सताती थी कि अब उसे सामान्य जीवन जीना संभव नहीं होगा। फिर एक दिन, उसने डॉ. प्रदीप का वीडियो देखा, जिसमें होम्योपैथी के जरिए स्वस्थ रहने के उपाय बताए गए थे। उसने निर्णय लिया कि वह ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर से उपचार लेना शुरू करेगा। उसने ऑनलाइन दवाइयाँ मंगवाईं, और चमत्कारिक रूप से उसे तुरंत राहत मिलनी शुरू हुई। कुछ हफ्तों में ही उसकी स्थिति में सुधार होने लगा। उसके शरीर में नई ऊर्जा आ गई और उसने अपने नियमित जीवन में वापस लौटने की कोशिश शुरू की। एक समय था जब वह बिस्तर से उठने के बाद शौचालय भी नहीं जा पाता था, लेकिन अब उसकी हालत पहले से कहीं बेहतर हो गई थी। ब्रह्म होम्योपैथी के उपचार के बाद, उसने न केवल अपना वजन 53 किलोग्राम तक बढ़ा लिया, बल्कि उसकी सेहत में भी आश्चर्यजनक सुधार आया। अब वह पहले से ज्यादा खुश और आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस कर रहा था। इस अनुभव ने उसे यह सिखाया कि कभी-कभी सही उपचार के लिए सही जानकारी और धैर्य की आवश्यकता होती है। अस्पतालों में खर्च किए गए पैसे को लेकर वह पहले बहुत परेशान था, लेकिन अब वह समझ चुका था कि कम खर्च में भी प्रभावी उपचार संभव है। उसने मन में तय किया कि वह अपने अनुभवों को दूसरों के साथ साझा करेगा, ताकि वे भी उन कठिनाइयों से गुजरने से बच सकें, जिनसे वह खुद गुजरा था। उसने सीखा कि स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है, और सही उपचार से हर नई शुरुआत संभव है। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। अग्नाशयशोथ का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। पैन्क्रियाटाइटिस के लिए होम्योपैथी उपचार । होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक अग्न्याशय में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से अग्नाशयशोथ के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और अग्नाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है। 
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blood allergy treatment in hindi
खून की एलर्जी  (Blood allergy) का समाधान। "खून की एलेर्जी का सही इलाज " खून की एलर्जी से ग्रसित व्यक्ति के अनुभव ! इस वीडियो में जो रोगी बताये गए हैं उन्हें खून की एलर्जी थी। वह व्यक्ति पिछले चार वर्षों से इस बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने कई अस्पतालों में जाकर डॉक्टरों से सलाह ली, लेकिन उन्हें कहीं से भी राहत नहीं मिली। इस निराशा के बीच, उनके परिवार के डॉक्टर ने उन्हें होम्योपैथी डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी। वह व्यक्ति ने अहमदाबाद में एक प्रसिद्ध होम्योपैथी डॉक्टर से मिलते हैं। इस डॉक्टर का नाम था डॉ. प्रदीप, और वह ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर में काम करते थे। जब उन्होंने अपनी बीमारी का इलाज शुरू किया, तो उन्होंने सुना था कि होम्योपैथी में समय लगता है, लेकिन केवल कुछ हफ्तों में ही उन्हें चमत्कारिक बदलाव महसूस हुआ। पहले, वह व्यक्ति खाने, पीने, और प्रकृति में टहलने का आनंद नहीं ले पाते थे। उन्होंने कई तरह की समस्याओं का सामना किया था और उनके मन में निराशा का गहरा काला बादल छा गया था। लेकिन जैसे-जैसे उन्होंने डॉ. प्रदीप की सलाह के अनुसार उपचार जारी रखा, उनकी सेहत में सुधार आने लगा। केवल 2-3 सप्ताह के बाद, उन्होंने देखा कि उनकी एलर्जी के लक्षण कम होने लगे थे। उन्हें अब विश्वास हो गया था कि होम्योपैथी किसी भी बीमारी का सर्वोत्तम समाधान है, क्योंकि इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। वह डॉ. प्रदीप की मेहनत और अस्पताल के स्टाफ के समर्पण के लिए बहुत आभारी थे। इस अनुभव ने उन्हें न केवल अपनी बीमारी से उबारा, बल्कि जीवन के प्रति एक नया दृष्टिकोण भी दिया। उन्होंने महसूस किया कि अगर हम सही दिशा में प्रयास करते हैं, तो जीवन में हर समस्या का समाधान मिल सकता है। इस तरह, उस व्यक्ति ने न केवल अपनी स्वास्थ्य समस्याओं से मुक्ति पाई, बल्कि होम्योपैथी के प्रति एक गहरा विश्वास भी स्थापित किया, और अपने जीवन को फिर से जीने लगे। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। खून की एलेर्जी का ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। खून की एलेर्जी (Blood allergy)के लिए होम्योपैथी त्वरित उपचार होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। खून की एलेर्जी जैसी बीमारी को होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से खून की एलेर्जी का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से खून की एलेर्जी के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको खून की एलेर्जी के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और खून की एलेर्जी की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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pancreatitis ka safal illaj
पैनक्रियाटाइटिस का सफल और असरकारक इलाज पैनक्रियाटाइटिस से मिला छुटकारा आइये जानते हैं पैनक्रियाटाइटिस से पीड़ित रोगी की यात्रा। कैसे पैनक्रियाटाइटिस पेशेंट को मिली राहत ? यह एक गंभीर चिकित्सकीय स्थिति का मामला है, जिसमें एक मरीज ने पैंक्रियाटाइटिस से जूझा है। मरीज का नाम प्रेमचंद हैं और उसकी कहानी बहुत प्रेरणादायक है। यह मरीज कई स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित था, और उसके एमाइलेस और लाइपेज के स्तर लगभग 2800-3500 थे। मरीज ने कई प्रसिद्ध डॉक्टरों से परामर्श लिया, लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली। 2017 में उसने पैंक्रियाटाइटिस का सामना किया और दो वर्षों तक अस्पताल में भर्ती रहा। इस दौरान, उसने कई अंग्रेजी दवाइयाँ लीं, जिनका उसके शरीर पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा।  एक दिन, मरीज ने होमियोपैथी के बारे में खोजबीन शुरू की और उसकी नजर डॉ. प्रदीप कुशवाहा के एक वीडियो पर पड़ी। उन्होंने अहमदाबाद में ब्रह्म होमियोपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर जाने का निर्णय लिया। वहां जाकर, उन्होंने डॉक्टर से परामर्श किया और उन्हें बहुत आशा मिली। डॉ. प्रदीप एक होमियोपैथी के विशेषज्ञ हैं, जो पैंक्रियाटाइटिस जैसे जटिल मामलों को संभालने का अनुभव रखते हैं। उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर मरीज का इलाज शुरू किया और उसे सही दिशा में इलाज के लिए प्रेरित किया। मरीज ने उनके निर्देशों का पालन करने का फैसला किया।दवाओं का एक नया कोर्स शुरू हुआ, देखते ही देखते उसकी सेहत में सुधार नजर आने लगा। धीरे-धीरे, मरीज ने महसूस किया कि उसका दर्द कम हो रहा है और उसकी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।कुछ महीनों बाद, वह स्वस्थ हो गया और उसकी जिंदगी में एक नई रोशनी आई। उपचार समाप्त होने के बाद, उसने डॉ. प्रदीप से स्वस्थ जीवन जीने के तरीके सीखे। ब्रह्म होमियोपैथी सेंटर में मिली देखभाल और उपचार के परिणामस्वरूप, मरीज ने नए सिरे से जीवन जीने की उम्मीद जगी। कभी-कभी, हमें सही दिशा में बढ़ने के लिए थोड़ा समय और खोज करनी पड़ती है। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। अग्नाशयशोथ का पुराना सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। पैन्क्रियाटाइटिस के लिए होम्योपैथी उपचार । होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक अग्न्याशय में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से अग्नाशयशोथ के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और अग्नाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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pancreatitis stone ka ilaaj in homeopathy
पैंक्रियास का स्टोन का इलाज | स्टोन की पीड़ा से छुटकारा पैंक्रियास में स्टोन से पीड़ित पेशेंट रिव्यु ! इस वीडियो में बताये गए दर्दी जिनका नाम बबलू भाई हैं उनको 2014 में पेट में तेज दर्द की समस्या शुरू हुई। उसने शुरुआत में इस दर्द को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन धीरे-धीरे यह दर्द बढ़ता गया और उसकी पीठ तक पहुँच गया। उसने कई डॉक्टरों से संपर्क किया और कई प्रकार के इलाज करवाए, लेकिन हर बार कुछ महीनों के लिए ही उसे राहत मिलती। जिस समय वह अपने करियर की शुरुआत कर रहा था, उसी समय उसके पेट और पीठ में फिर से दर्द उठने लगा। उसने एक बार फिर से सीटी स्कैन कराया, जिसमें पैंक्रियाज में पत्थर पाया गया। डॉक्टरों ने उसे बताया कि दवाइयां मिलेंगी, लेकिन असली समस्या का समाधान इस दर्द को खत्म नहीं कर पाएगा। इस दर्द और इलाज के चलते उसने लगभग 20-25 लाख रुपए खो दिए। जब उसे सभी उपायों से निराशा हो गई, उसने गूगल पर सबसे अच्छे इलाज के बारे में खोज शुरू की। यहां उसे डॉ. प्रदीप कुशवाहा का एक वीडियो मिला। उन्होंने हिम्मत जुटाई और अहमदाबाद जाकर डॉ. कुशवाहा से मिले। जब उन्होंने डॉक्टर को अपनी समस्या बताई, तो डॉ. कुशवाहा ने उसे पूरा विश्वास दिलाया और सफल इलाज की प्रक्रिया को समझाया। जब उन्होंने डॉक्टर द्वारा निर्धारित इलाज शुरू किया, तो उन्हें एहसास हुआ कि डॉ. कुशवाहा का उपचार करने का तरीका बहुत ही विशेष था। मरीज ने डॉक्टर की मेहनत और आत्मविश्वास को बहुत सराहा। अंततः, उन्होंने सफल उपचार के लिए डॉ. कुशवाहा का आभार माना, जो कि बहुत कम खर्च में हुआ था।  इस अनुभव के बाद, उन्होंने अपने जैसे अनगिनत पैंक्रियाटाइटिस के रोगियों को ब्रह्म हीलिंग और रिसर्च सेंटर में इलाज लेने की सलाह दी । रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। पेरो की सूजन का होमियोपैथी में सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। पैंक्रियास स्टोन की तकलीफ का होमियोपैथी में सचोट उपाय :- होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। अग्न्याशय में स्टोन की बीमारी या अग्न्याशय में खराबी है तो होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के पैंक्रियास के स्टोन को ठीक करती हैं। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से स्टोन का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से पैंक्रियास के स्टोन के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र पीड़ा के संकेत महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और पैंक्रियास में स्टोन की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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pair dard ka ilaaj
पैर में दर्द या सूजन की परेशानी | पैर दर्द का इलाज पैर दर्द से बच्चे की पीड़ित अवस्था :- इस वीडियो में जो बच्चा बताया गया हैं उसके पैरों में बहुत दर्द होता था। उसका दर्द इतना तेज था कि वह न तो ठीक से चल पाता था, न ही खेल सकता था। एक बार जब दर्द सहन न हुआ, तो उसके माता-पिता उसे एक डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने उसकी जाँच की और उसके पैर में प्लास्टर चढ़ा दिया। लेकिन दर्द कम होने के बजाय और बढ़ गया। बच्चा रोज़ दर्द से दुष्कर स्थिति में रहता था और खेल के मैदान में अपने दोस्तों के साथ नहीं जा पाता था। एक दिन, बच्चा और उसके माता-पिता इंटरनेट पर एक होम्योपैथी इलाज के बारे में जानकारी खोजने लगे। वहाँ उन्हें एक प्रसिद्ध होमियोपैथी डॉक्टर प्रदीप कुशवाहा के बारे में पता चला, जो होम्योपैथी उपचार में माहिर थे। डॉक्टर ने एक ऐसा केंद्र खोला था, जिसका नाम "ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर" था। बच्चे के माता-पिता ने सोचा कि होम्योपैथी एक बार जरूर आजमाई जानी चाहिए। उन्होंने जल्द ही डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लिया और बच्चे को वहाँ लेकर गए। डॉक्टर ने बहुत ध्यान से उसकी स्थिति को समझा और बताया कि उनका उपचार धीरे-धीरे होगा, लेकिन वह दर्द को जड़ से समाप्त कर देंगे। दिन और हफ्ते बीतते गए, और बच्चा नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाने लगा। हर बार जब वह वहाँ जाता, उसे थोड़ा बेहतर अनुभव होता। धीरे-धीरे, उसका दर्द कम हुआ और उसे फिर से अपने पैरों में जीवन का अनुभव होने लगा। कुछ समय बाद, बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। अब वह दौड़ सकते, कूद सकते और अपने दोस्तों के साथ खेल सकते थे। वह समझ गया था कि कठिनाइयों का सामना कैसे किया जाता है। उसने डॉक्टर के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की और अपने इलाज के इस अनुभव को हमेशा याद रखा। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। पेरो की सूजन का होमियोपैथी में सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। पैर की तकलीफ का होमियोपैथी में सचोट उपाय :- होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। पेरो की सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के क्रोनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से अग्नाशयशोथ के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और क्रोनिक अग्नाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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acute necrotizing pancreatic treatment in hindi
तीव्र नेक्टरोटाइजिंग अग्नाशयशोथ ठीक रोगी की समीक्षा | Acute necrotizing pancreatitis cured patient review रंजीश कुमार पांडे की संघर्ष यात्रा एक बार की बात है, अहमदाबाद में एक ईमानदार और मेहनती व्यक्ति थे जिनका नाम रंजीश कुमार पांडे था। रंजीश अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करते थे। लेकिन एक दिन, जनवरी 2022 में, उन्हें असहनीय पेट दर्द हुआ। यह दर्द इतना तेज था कि उन्होंने तुरंत डॉक्टर से संपर्क किया। डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उन्हें 'एक्यूट नेक्रोटाइजिंग पैनक्रियाटाइटिस' है, जो कि अग्न्याशय की गंभीर स्थिति थी। रंजीश ने कई इलाज किए, ढेर सारे दवाइयां और इंजेक्शन लिए, लेकिन उन्हें कुछ भी राहत नहीं मिली। हर बार जब दर्द वापस आता, उनका हौंसला भी टूट जाता। एक दिन, रंजीश ने एक वीडियो देखा जिसमें डॉ. प्रदीप, एक होम्योपैथी डॉक्टर, अपने मरीजों को किस तरह से राहत पहुंचाते हैं, इस पर चर्चा कर रहे थे। रंजीश ने कुछ सोचा और निर्णय लिया कि वह ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग और रिसर्च सेंटर जाएंगे, क्योंकि वह इस नए उपचार पद्धति के प्रति संदेह बनाने पर मजबूर हो रहे थे। ब्रह्म होम्योपैथी में प्रवेश करने के बाद, उन्हें सभी डॉक्टरों और तकनीकों पर विश्वास हुआ। धीरे-धीरे, रंजीश के स्वास्थ्य में सुधार होने लगा। उन्होंने अपने उपचार के दौरान धैर्य रखा, और न केवल उन्होंने दर्द से राहत पाई, बल्कि उनकी जीवनशैली में भी बदलाव आया। यह चमत्कारिक अनुभव उनके लिए एक नई शुरुआत थी! वास्तव में, रंजीश ने अपनी स्वास्थ्य यात्रा पर 35 से 40 लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन अब वह समझ गए थे कि सच्चा उपचार केवल धन में नहीं, बल्कि सही चिकित्सा पद्धति और धैर्य में है। ब्रह्म होमियोपैथी में उनको सही इलाज प्राप्त हुआ। आज, रंजीश न केवल स्वस्थ हैं, बल्कि दूसरों को भी इस अद्भुत उपचार के बारे में बताने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यह मरीज़ की समीक्षा हमें सिखाती है कि कभी-कभी सही रास्ते की खोज में हमें बहुत संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन जब हम सही दिशा में कदम बढ़ाते हैं, तो अच्छे परिणाम निश्चित रूप से हमारे सामने आते हैं। रंजीश की यात्रा ने हमें यह भी दिखाया कि स्वास्थय सबसे महत्वपूर्ण है, और हमें अपने प्रति हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। अग्नाशयशोथ का पुराना कैल्सीफाइड सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस के लिए होम्योपैथी उपचार । होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक कैल्सीफिकेशन अग्न्याशय में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के क्रोनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से अग्नाशयशोथ के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और क्रोनिक अग्नाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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freys procedure treatment in homeopathic
फ्रे की सर्जरी के बाद दर्दी का अनुभव संघर्ष की कहानी:- यहाँ हम दीपक नामके क्रोनिक अग्नाशयशोथ से पीड़ित रोगी से मिलें। उसे क्रोनिक अग्नाशय से बहुत समस्या है। वह अग्नाशय में सूजन, पेट दर्द जैसी कई बीमारियों से भी ग्रसित था । कई डॉक्टरों ने बताया कि उसकी स्थिति गंभीर थी और अक्सर आहार विकल्पों, तनाव और अन्य जीवनशैली कारकों के कारण होती थी। जब होम्योपैथी ही एकमात्र समाधान देती है। उसको क्रोनिक अग्नाशयशोथ से वजह से गंभीर पीड़ा का सामना करना पड़ा। उसको 2 और 3 महीने में दर्द का सामना करना पड़ रहा था। इसलिए उसने फे की सर्जरी का रास्ता अपनाया। यह सर्जरी का सुझाव मिलने के बाद तुरंत दीपक ने वह सर्जेरी करवाई जिससे उसको 2 से 3 महीना आराम मिला लेकिन बीमारी से उसको छुटकारा नहीं मिला । डॉ. प्रदीप ने उसे सख्त आहार अपनाने की सलाह दी और प्रभावी उपचार विकल्प सुझाए। जैसे-जैसे महीने बीतते गए, उसने अपने उपचार योजना और अपने नए आहार का लगन से पालन किया। उसे 6 से 7 महीने दवाई लेनी पड़ी। । समय बीतने के साथ-साथ वह मजबूत महसूस करने लगा, उसकी ऊर्जा का स्तर बढ़ गया और उसका दर्द धीरे-धीरे कम हो गया। रोगी की संघर्ष की कहानी कई ऐसे लोगों से जुड़ी है जो अग्नाशयशोथ और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। फ्रे की प्रक्रिया से पीड़ित अग्नाशयशोथ रोगी :- दीपक को फे की सर्जरी में कितना दर्द हुआ उसके संघर्ष को समझने वाले अन्य लोगों के साथ कहानियाँ साझा करना अमूल्य हो गया। वह इस ब्लॉग के माध्यम से दूसरों की मदद करने के लिए अपने अनुभव का उपयोग करना चाहता था। कई महीनों के अनुशासित प्रयास और उपचार पर ध्यान केंद्रित करने के बाद, मेरे स्वास्थ्य में उल्लेखनीय बदलाव दिखाई देने लगे। मेरे डॉक्टर ने मेरे अनुवर्ती दौरों के दौरान मेरी प्रगति की प्रशंसा की, रिकवरी प्रक्रिया के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए आभारी थे। अपनी होमियोपैथी यात्रा की समीक्षा में, रोगी आभार व्यक्त करने से खुद को रोक नहीं सका। अब वह केवल एक रोगी नहीं रहा, वह एक मार्गदर्शक बन गया था, जो अग्नाशयशोथ से पीड़ित अन्य लोगों को आशा प्रदान कर रहा था। मैं शरीर और आत्मा दोनों में उपचार के इस मार्ग को अपनाऊँगा। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें :- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। अग्नाशयशोथ का पुराना कैल्सीफाइड सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं।  क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के लिए होम्योपैथी उपचार । होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक अग्न्याशय में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से अग्नाशयशोथ के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और क्रोनिक अग्नाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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chronic calcified pancreatitis ka ilaaj
क्रोनिक कैल्सीफाइड अग्नाशयशोथ रोगी की समीक्षा संघर्ष की कहानी:- 2020 में क्रोनिक कैल्सीफाइड अग्नाशयशोथ से पीड़ित रोगी से मिलें। उसे अग्नाशय में बहुत समस्या है। वह अग्नाशय में पथरी, सूजन, पेट दर्द जैसी कई बीमारियों से भी पीड़ित है। कई डॉक्टरों ने बताया कि उसकी स्थिति गंभीर थी और अक्सर आहार विकल्पों, तनाव और अन्य जीवनशैली कारकों के कारण होती थी। जब होम्योपैथी ही एकमात्र समाधान देती है। डॉ. प्रदीप ने उसे सख्त आहार अपनाने की सलाह दी और प्रभावी उपचार विकल्प सुझाए। जैसे-जैसे महीने बीतते गए, उसने अपने उपचार योजना और अपने नए आहार का लगन से पालन किया। मुझे 1.5 से 2 साल तक दवा लेनी पड़ी। समय बीतने के साथ-साथ वह मजबूत महसूस करने लगा, उसकी ऊर्जा का स्तर बढ़ गया और उसका दर्द धीरे-धीरे कम हो गया। रोगी की संघर्ष की कहानी कई ऐसे लोगों से जुड़ी है जो अग्नाशयशोथ और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। पुरानी बीमारी पर रोगी की समीक्षा:- रोगी ने अपने संघर्ष को समझने वाले अन्य लोगों के साथ कहानियाँ साझा करना अमूल्य हो गया। वह इस ब्लॉग के माध्यम से दूसरों की मदद करने के लिए अपने अनुभव का उपयोग करना चाहता था। कई महीनों के अनुशासित प्रयास और उपचार पर ध्यान केंद्रित करने के बाद, मेरे स्वास्थ्य में उल्लेखनीय बदलाव दिखाई देने लगे। मेरे डॉक्टर ने मेरे अनुवर्ती दौरों के दौरान मेरी प्रगति की प्रशंसा की, रिकवरी प्रक्रिया के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए आभारी थे। अपनी यात्रा की समीक्षा में, रोगी आभार व्यक्त करने से खुद को रोक नहीं सका। अब वह केवल एक रोगी नहीं रहा, वह एक मार्गदर्शक बन गया था, जो अग्नाशयशोथ से पीड़ित अन्य लोगों को आशा प्रदान कर रहा था। मैं शरीर और आत्मा दोनों में उपचार के इस मार्ग को अपनाऊँगा। रोग को जड़ से कैसे ठीक करें:- होम्योपैथी अनुसंधान आधारित विज्ञान है जिसमें हम रोगी को सर्वोत्तम दवा देते हैं। अग्नाशयशोथ का पुराना कैल्सीफाइड सही ऊर्जा आधारित उपचार है। मुझे समझ में आने लगा कि उपचार केवल मेरे द्वारा खाए गए भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि मेरी आत्मा को पोषित करने के बारे में भी है। मैंने सीखा कि किसी भी बीमारी से ठीक होने के लिए, व्यक्ति को केवल शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी पोषित करना चाहिए। रोगी ने अपनी कहानी दूसरों के साथ साझा की, उन्हें याद दिलाया कि आशा और सद्भाव शरीर को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं। उपचार के लिए होम्योपैथी की यात्रा एक सुंदर मार्ग है, और आशा आपका मार्ग रोशन करेगी। यदि आप खुद को रोगी की तरह चुनौतियों का सामना करते हुए पाते हैं, तो याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। क्रोनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस के लिए होम्योपैथी उपचार होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जो शरीर की स्व-उपचार प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए अत्यधिक पतला पदार्थों का उपयोग करती है। यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके। क्रोनिक कैल्सीफिकेशन अग्न्याशय में सूजन जैसी बीमारी है। होम्योपैथी बिना किसी सर्जरी के क्रोनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी उपचार के माध्यम से अग्नाशयशोथ का सबसे अधिक इलाज किया जाता है, कुछ मामलों में - विशेष रूप से सरल अपेंडिसाइटिस - को तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित किया जा सकता है। होम्योपैथी अपनी प्रभावी दवा और थैरेपी से अग्नाशयशोथ के जोखिम को हल कर सकती है। होम्योपैथी प्राकृतिक और जैविक उपचार विकल्प द्वारा आपकी बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको तीव्र अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए और क्रोनिक अग्नाशयशोथ की स्थिति में आपको जल्द से जल्द उपचार लेना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।
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