anxiety treatment
एंग्जायटी को कैसे खत्म करें?
चिंता को कम करने के 5 आसान तरीके (चिंता के हमलों को शांत करने के तरीके) चिंता से बचने के लिए व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। , डर को खत्म करने के लिए ध्यान करना शुरू करें। , खान-पान का असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है, इसलिए अपने खान-पान में सुधार करें। , चिंता से बचने के लिए अपना स्क्रीन समय कम करें।
एंग्जायटी अटैक क्यों आते हैं?
एंग्जायटी अटैक तब होता है जब कोई व्यक्ति अपने मन में किसी बात को लेकर बहुत डरा हुआ या चिंतित महसूस करता है। यह कई अलग-अलग चीजों के कारण हो सकता है, जैसे नया स्कूल या नौकरी शुरू करना, या अन्य लोगों के आसपास घबराहट महसूस करना।
एंग्जायटी में क्या नहीं खाना चाहिए?
एंग्जायटी या एंजाइन एट्रोफी या क्रोमोसोम 15 का विकृति एक गंभीर जन्मांग रोग है, और इसके लिए स्पष्ट आहार गाइडलाइन्स नहीं हैं। हालांकि, कुछ लोग इस बीमारी के लिए विशेष आहार चुनने की सलाह देते हैं, जो स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है। यह आमतौर पर इस बीमारी के लिए अनुशंसित खाद्य पदार्थ होते हैं:
1. अनाज: अनाज जैसे कि चावल, गेहूं, और अन्य पूरे अनाज क्रोमोसोम 15 का विकृति के मरीजों के लिए सही हो सकता है।
2. फल और सब्जियां: ताजे और पूरे फल और सब्जियां को सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।
3. प्रोटीन: प्रोटीन युक्त आहार जैसे कि दूध, दही, पनीर, अंडे, दालें, आदि को भी शामिल किया जा सकता है।
4. पोषक तत्व: लवजी, जिनसे प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, और अन्य पोषक तत्व मिलते हैं, भी अच्छे हो सकते हैं।
इसके अलावा, किसी भी निश्चित खाद्य पदार्थ का सेवन से पहले, एंजायटी के मरीजों को अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए, ताकि उन्हें उनकी व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार सही आहार सेलेक्ट करने में मदद मिल सके।
डिप्रेशन और एंजाइटी में क्या अंतर है?
डिप्रेशन और एंजाइटी दो अलग-अलग मानसिक स्थितियाँ हैं, लेकिन ये दोनों मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को संदर्भित करते हैं। निम्नलिखित हैं इन दोनों के बीच कुछ मुख्य अंतर:
1. स्वाभाविक समय: डिप्रेशन आमतौर पर अधिकांश समय के लिए मूड की गिरावट के साथ जुड़ा होता है, जबकि एंजाइटी आमतौर पर तनाव, चिंता, और अत्यधिक चिंता की स्थिति होती है।
2. संदर्भ: डिप्रेशन आमतौर पर व्यक्ति के भविष्य की और उनके अपने अंतरंग मन की असन्तुष्टि के संदर्भ में होता है, जबकि एंजाइटी आमतौर पर बाहरी घटनाओं, सामाजिक परिस्थितियों, और भविष्य की चिंता के संदर्भ में होती है।
3. शारीरिक लक्षण: डिप्रेशन के दौरान शारीरिक लक्षण जैसे कि नींद की बाधा, भूख की कमी, और थकान महसूस की जाती है, जबकि एंजाइटी के दौरान शारीरिक लक्षण जैसे कि तेज धड़कन, पसीना आना, और मुँह सूखना होता है।
4. प्रतिक्रियाएँ: डिप्रेशन के दौरान व्यक्ति अक्सर अप्रतिस्पर्धी, निष्क्रिय, और आलसी होते हैं, जबकि एंजाइटी के दौरान व्यक्ति अक्सर चिंतित, अस्तित्व से संबंधित और बेचैन होते हैं।
यहाँ अवस्थाओं के बीच अंतर है, लेकिन कुछ लोग डिप्रेशन और एंजाइटी को साथ में भी अनुभव कर सकते हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति जानकारी प्राप्त करे और अपने लक्षणों को ठीक से आकलन करें, ताकि उन्हें सही उपचार और समर्थन प्राप्त हो सके।