एंडोमेट्रियल पॉलीप्स (गर्भाशय पॉलीप्स) का बिना सर्जरी के उपचार ।
एंडोमेट्रियल पॉलीप्स (गर्भाशय पॉलीप्स) की समस्या गर्भाशय की आंतरिक परत (एंडोमेट्रियम) पर होती हैं। इसके कारण महिलाओ को कई परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं जैसी की अनियमित मासिक धर्म, भारी मासिक धर्म या मासिक धर्म के बीच स्पॉटिंग जैसी परेशानी।
एंडोमेट्रियल पॉलीप्स (गर्भाशय पॉलीप्स) के लिए होमियोपैथी उपचार और द्रष्टिकोण :-
होम्योपैथी में, उपचार अत्यधिक व्यक्तिगत होते हैं। होम्योपैथ एंडोमेट्रियल पॉलीप से संबंधित लक्षणों का मूल्यांकन करेगा । होम्योपैथी अक्सर स्वास्थ्य के लिए एक समग्र दृष्टिकोण पर जोर देती है, जिसमें न केवल दवाएं शामिल हैं, बल्कि जीवनशैली में बदलाव, आहार संबंधी सिफारिशें और भावनात्मक समर्थन भी शामिल हैं जो समग्र कल्याण को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
Endometrial Polyp Treatment-Without surgery
1.जीवनशैली और आहार में बदलाव :
- एंडोमेट्रियल पॉलीप से स्वस्थ होने के लिए आपको स्वस्थ वजन बनाए रखना, संतुलित आहार खाना और नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होना जैसी हार्मोनल संतुलन की क्रिया का अपनी दैनिक जीवन में समावेश करना चाहिए। जिससे आपके पॉलीप्स के विकास को घटाने में मदद मिल सकती हैं। हालाँकि जीवनशैली में बदलाव पॉलीप्स को खत्म नहीं कर सकते हैं, लेकिन आपके स्वास्थय को अच्छा बनाने में मदद कर सकेगा।
2.नियमित निगरानी:-
एंडोमेट्रियल पॉलीप के सहित किसी और भी रोग की प्रगति हो रही हो या चिकित्सक उपचार को ट्रैक करने के लिए नियमित चिकित्सा मूल्यांकन और रेगुलर परीक्षण महत्वपूर्ण होता हैं। होम्योपैथिक उपचार को करने से आपके कई असाधरण दुखाव और परेशानीया नियंत्रण में आ जाएगी। होमियोपैथी एक रिसर्च हैं जिसमे रोग की जड़ तक पंहुचा जाता हैं। रोगी को कई बीमारी से छुटकारा पाने में सहायक बनती हैं।
3.हार्मोनल परिवर्तन :-
हार्मोनल परिवर्तन करना आपके प्रजनन स्वास्थ्य को अच्छी ऊर्जा प्राप्त होगी। होमियोपैथी में हम रोगी की हार्मोनल सकती को विकसित करते हैं जिससे रोगी की रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ावा मिलता हैं। हार्मोन स्तरों में उतार-चढ़ाव से एंडोमेट्रियल अस्तर में परिवर्तन हो सकता है। जिससे बीमारी और बढ़ने का खतरा रहता हैं। होमियोपैथी से दर्दी को सुविधा पूर्व इलाज प्राप्त हो सकता हैं।
4. होमियोपैथी दवाई :-
होमियोपैथी दवाई आपको एंडोमेट्रियल पोलिप्स से छुटकारा दिला सकती हैं। होमियोपैथी दवाई से आपको कई लाभ मिल सकते हैं जैसे की जीवनशैली में बदलाव, आहार संबंधी सिफारिशें और भावनात्मक समर्थन और कई अन्य जरुरी बदलाव जो समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
5. डाइट आहार की सलाह:-
एंडोमेट्रियल पोलिप को नियंत्रित करने के लिए आपको योग्य मात्रा में खुराक और पानी लेना चाहिए। आपकी शरीर की प्रजनन तंत्र को नियमित रूप से चलाने के लिए आपको अधिक मात्रा में omega-3 फैटी एसिड को लेना चाहिए। आपका दैनिक खान पान आपके प्रजनन शक्ति पर प्रभाव दाल सकता हैं. इसलिए रोजाना सब्जी और फलो का सेवन करते रहिये। आपको तुरंत ही आराम मिल पायेगा।
6.साइट्रिक एसिड का सेवन :-
निम्बू में सबसे ज्यादा साइट्रिक एसिड पाया जाता हैं। एंडोमेट्रियल पोलिप गर्भाशय को अधिकतर हानि पहुंचाता हैं। इसलिए स्वस्थ गर्भा अवस्था के लिए साइट्रिक एसिड युक्त खाना खाना चाहिए। यह एंडोमेट्रियल पोलिप को रोकने में भी सहायरूप साबित होगा।
7.स्वछता और सुरक्षा :-
आपको बीमारी से बचने के लिए कई प्रकार के कदम लेना आवश्यक हैं। आप एंडोमेट्रियल पोलिप को रोक नहीं पर उसको पकड़ने का प्रयाश आपको उससे सुरक्षा दिलवा सकता हैं। आपको कई इलाज कारवाना आवश्यक नहीं हैं परन्तु सही इलाज करवाना ही सहायमंद कदम हैं। महिला को अपने मासिक धर्म के दौरान कई सफाई रखने की जरूरत हैं। आपको नियमित बॉडी वाश और बॉडी हायड्रेसशन करना चाहिए। जिससे आपको इन्फेक्शन होने का खतरा न रहे।
8. धूम्रपान और शराब छोड़े :-
ध्रूमपान और शराब का कम सेवन करना ही एक बेहतर जीवन की प्रति आपका सहयोग होगा। धूमप्रान से शरीर में कई प्रकार के विषैले और कैंसर जैसे तत्व निर्माण होते हैं। होमियोपैथी नेचुरल एवं सुयोग्य इलाज का समर्थन करता हैं। होमियोपैथी दवाई रिसर्च के अनुशंधान पे बनाई गयी दवाई हैं जो दर्दी को अपने अच्छे स्वास्थ्य की और बढाती हैं।
9.विटामिन सी से भरपूर फल ले :-
आपके गर्भाशय की अच्छे स्वास्थय के लिए विटामिन C से भरपूर फल या सब्जी कहानी चाहिए जिससे गर्भशय संक्रमण को रोकने में मदद मिले।आप नींबू, संतरे, गोभी, कीवी, अमरूद, ब्रोकोली ,अनार और शिमला मिर्च खा सकते हैं। यह सारे खाधपर्दाथ आपको प्रजनन प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।
10.बहुत देर तक न बैठें :-
अगरआपको लंबे समय तक बैठने की स्थिति हैं , तो आपको सावचेती रखने की ज़रूरत है। बहुत देर तक बैठने की आदत से श्रोणि क्षेत्र में रक्त संचार प्रभावित हो सकता है। इससे गर्भाशय की दीवार मोटी होने का खतरा हैंऔर एंडोमेट्रियल पॉलीप (गर्भाशय पॉलीप्स) होने का खतरा हैं।
इसलिए होमियोपैथी डॉक्टर यह निर्देश करते हैं की आपको लगातार बैठने की अवधि को कम करना चाहिए। आपकी मांसपेशियों की गति और शरीर में अच्छे रक्त संचार के लिए हर घंटे थोड़ा-थोड़ा चलना आपके लिए प्रतिकूल रहेगा । आप इस प्रकार एंडोमेट्रियल पॉलीप (गर्भाशय पॉलीप्स) के खतरे से बच सकते हैं।