पैंक्रियास शरीर का मुख़्य भाग होता है ,जो पेट के पीछे एक बड़ी ग्रंथि है ,जिसका कार्य पाचन और रक्त शर्करा विनियमन में महत्वपूर्ण होता है
२)पैंक्रियास के प्रकार कितने है?
-पैंक्रियास के २ प्रकार है
१) एक्यूट पैंक्रियास २) क्रोनिक पैंक्रियास
३) पैंक्रियास रोग होने के क्या - क्या लक्षण हो सकते है ?
पैंक्रियास रोग के लक्षण निचे बताये गए निमानुसार हो सकते है , जैसे की
१) पेट के ऊपरी भाग में दर्द २) पित्ताश्य में पथरी ३) अलकोहल का अधिक सेवन करना
४) फैटी लिवर क्या है?
हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग लीवर है। लीवर का मुख्य कार्य विषाक्त पदार्थों को निकालना और भोजन के पोषक तत्वों को संसाधित करना। लीवर में कुछ चर्बी का होना सामान्य है, पर लीवर के वजन का १०% से अधिक चर्बी है, तो आपको फैटी लीवर हो सकता है ।
५)फैटी लीवर होने के कारण क्या है?
जब अधिक कैलोरी खाने से लीवर में चर्बी जमने लगती है , तब लीवर चर्बी को सामान्य रूप से पचा नहीं सकता है, तो बहुत अधिक चर्बी जम जाती है। जिस के कारण से मोटापा , मधुमेह , जैसे कुछ स्थितियों से परेशान लोगों में फैटी लीवर होने की संभावना होती है ।
६) होमियोपैथी में पैंक्रियास और फैटी लिवर का बिना ऑपरेशन इलाज ?
यह रिपोर्ट श्रीमती अनामिका पाल की है।वह 28 वर्ष की हैं और जब आप रिपोर्ट देखते हैं, तो यकृत का आकार सामान्य रूप से 14.9 सेमी है,चिकनी रूपरेखा के साथ बढ़ी हुई इको बनावट दिखाई देती है और जब आप अग्न्याशय देखते हैं,अग्न्याशय की दृश्यमान सीमा इको बनावट और छोटे विषम संग्रह 2.1 गुणा 1.4 सेमी में न्यूनतम रूप से परिवर्तित दिखाई देती है।
इसलिए, जब रिपोर्ट देखते हैं, ग्रेड 1 और ग्रेड 2 के बीच फैटी लीवर दिखाई देता है और अग्न्याशय में 21 गुणा 14 मिमी या 2.1 गुणा 1.4 सेमी के छोटे संग्रह के साथ इको बनावट में न्यूनतम रूप से परिवर्तन होता है।और ये अक्टूबर 2023 की रिपोर्ट है, करीब 10 महीने के इलाज के बाद फिर से उनके फॉलो-अप के लिए अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट की गई और जब आप रिपोर्ट देखेंगे तो इसमें अनामिका पाल का लिवर बड़ा हुआ है और उनका पैनक्रियाज सामान्य आकार में है, आकार और इको पैटर्न, सब कुछ सामान्य है।
जब आप इंप्रेशन देखेंगे तो सिर्फ हेपेटोमेगाली दिख रही है, ग्रेड 1 और ग्रेड 2 के बीच फैटी लिवर साफ दिख रहा है, पैनक्रियाज की मिनिमल इको टेक्सचर में बदलाव दिख रहा था, वो भी सही है और उसके साथ ही छोटा कलेक्शन भी सही था। अब सिर्फ हेपेटोमेगाली लिवर में थोड़ी सूजन दिख रही है, बाकी चीजें साफ हैं। तो अगर आप केस देखेंगे तो ये वो केस था जहां मिनिमलली चेंज्ड इको टेक्सचर था और छोटा कलेक्शन था। ये शुरुआती केस हैं। अब अगर किसी मरीज को इस लेवल पर कोई परेशानी है तो ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में लगभग सभी मरीजों का इलाज इसी लेवल पर किया जाता है।
तो अगर आप अपने केस में ऐसा नजारा देखते हैं तो इस बात का इंतजार न करें कि यह क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस में बदल जाए और उसके बाद यह कैल्सीफिकेशन, एट्रोफी बन जाए तो आप जॉइन करने के बारे में सोचें, इससे बेहतर है कि आप समझदार बनें, आप जो भी इलाज ले रहे हैं, उसे जारी रखें, आप अपने गैस्ट्रो डॉक्टर से जुड़ सकते हैं, आप राय ले सकते हैं, लेकिन आपको ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में इलाज शुरू करना चाहिए। जब आप इस लेवल पर जुड़ते हैं तो आपकी बीमारी बढ़ना बंद हो जाएगी, होम्योपैथी में ऐसी दवाइयां हैं। और आपके केस में ठीक होने की संभावना, जो कि संभावनाओं से लगभग पूरी है, इसलिए एक समझदार व्यक्ति की तरह इसे हल्के में न लें, बार-बार अटैक न आने दें, सही समय पर इलाज शुरू करें और एक अच्छी जिंदगी जिएं।