पैंक्रियास एक महत्वपूर्ण भाग है, जो पाचन तंत्र का हिस्सा होता है और इंसुलिन तथा अन्य एंजाइमों का उत्पादन करता है। जब यह अंग सूजन का शिकार हो जाता है, तो इसे पैंक्रियाटाइटिस कहते है।
यह दो प्रकार की होती है
- एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस और क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस।
* एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस अचानक से शुरू होता है और आमतौर पर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, जबकि क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस एक दीर्घकालिक स्थिति होती है, जो धीरे-धीरे अग्न्याशय को नुकसान पहुंचाती है। दोनों स्थितियों के इलाज के लिए सही समय पर निदान और उचित चिकित्सा आवश्यक होती है।
२) एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस का इलाज क्या है ?
1. अस्पताल में उपचार एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस के गंभीर मामले में मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरुरत होती है। अस्पताल में निम्नलिखित उपचार किए जाते हैं:
*IV फ्लूइड्स: शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए नसों के माध्यम से तरल पदार्थ दिया जाता है। * दर्द निवारक दवाएं: दर्द को कम करने के लिए पेरासिटामोल दवाएं दी जाती हैं।
ऑक्सीजन सपोर्ट: यदि मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है, तो ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जाता है।
2. आहार प्रबंधन
-पहले कुछ दिनों तक मरीज को कोई भोजन नहीं दिया जाता, जिससे अग्न्याशय को आराम मिल सके। -जब स्थिति सुधरने लगती है, तो स्पष्ट तरल पदार्थ (जैसे नारियल पानी, सूप) दिया जाता है
3. संक्रमण रोकथाम और सर्जरी
यदि पैंक्रियास में संक्रमण हो जाता है, तो एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं।
गंभीर मामलों में, सर्जरी (नेक्रेक्टोमी) की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें क्षतिग्रस्त ऊतक को हटाया जाता है।
यदि पित्ताशय की पथरी के कारण एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस हुआ है, तो गॉलब्लैडर (पित्ताशय) को हटाने की सर्जरी (कोलेसिस्टेक्टॉमी) की जा सकती है।
२) क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस का इलाज क्या है ?
क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस एक दीर्घकालिक स्थिति है, जिसके इलाज के लिए जीवनशैली में बदलाव, दवाओं और कुछ मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है।
1. दर्द प्रबंधन
क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस में लगातार दर्द बना रहता है। इसे कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाते हैं: - दर्द निवारक दवाएं: पेरासिटामोल, इबुप्रोफेन या ओपिऑइड आधारित दवाएं दी जाती हैं।
2. एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी
पैंक्रियास द्वारा एंजाइम का उत्पादन कम होने पर, पैंक्रियाटिक एंजाइम सप्लीमेंट्स (जैसे पैनक्रिएलिपेज) दिए जाते हैं, जिससे पाचन क्रिया सुचारू हो सके।
3. आहार और जीवनशैली में बदलाव
-शराब का सेवन पूरी तरह बंद करें,
-वसायुक्त और मसालेदार भोजन से बचें,
-छोटे और हल्के भोजन दिनभर में कई बार लें, जिससे पाचन तंत्र पर अधिक दबाव न पड़े।
4. सर्जरी और अन्य प्रक्रियाएं
जब दवा और जीवनशैली परिवर्तन से सुधार नहीं होता, तो निम्नलिखित सर्जिकल प्रक्रियाओं की आवश्यकता हो सकती है: - एंडोस्कोपिक ट्रीटमेंट: यदि पैंक्रियाज की नलियों में(ब्लॉकेज) है, तो एंडोस्कोपिक प्रक्रिया द्वारा उसे हटाया जाता है।
-पैंक्रियाटिक डक्ट डिब्राइडमेंट: यदि पैंक्रियास की नलियों में कैल्सियम जमा हो गया हो, तो इसे हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।
-पैंक्रियाटिक रिसेक्शन : यदि पैंक्रियास का एक बड़ा भाग क्षतिग्रस्त हो गया है, तो उसे हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।
इंसुलिन थेरेपी: यदि पैंक्रियास पूरी तरह से खराब हो जाता है और शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, तो डायबिटीज होने का खतरा रहता है। ऐसे में इंसुलिन इंजेक्शन दिए जाते हैं।
५) घरेलू उपचार और देखभाल
-पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, जिससे शरीर हाइड्रेटेड रहे। -हर्बल चाय (कैमोमाइल या अदरक की चाय) पाचन में सहायक होती है और सूजन को कम कर सकती है। - योग और ध्यान से दर्द प्रबंधन और मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिलती है। -फाइबर युक्त आहार (फल, हरी सब्जियां) को शामिल करें, जिससे पाचन क्रिया बेहतर हो।