गर्भाशय में रसौली को गर्भाशय में गांठ, गर्भाशय में फाइब्रॉइड्स, बच्चेदानी में रसौली, बच्चेदानी में गांठ, बच्चेदानी में फाइब्रॉइड्स और यूटेराइन फाइब्रॉइड्स के नाम भी जाना जाता है। गर्भाशय में रसौली को मेडिकल की भाषा में लियोमायोमा या मायोमा कहते हैं। रसौली गर्भाशय की मांसपेशियों में होने वाला एक ट्यूमर है जिसकी संख्या एक या एक से अधिक हो सकती है। गर्भाशय में रसौली का आकार एक अनार के दाने इतना छोटा और एक अंगूर के आकार इतना बड़ा हो सकता है। जैसे-जैसे रसौली का आकार बढ़ता है इसके लक्षणों की गंभीरता भी बढ़ती है। गर्भाशय में रसौली होने पर एक महिला को अनेको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे कि पेट में दर्द और पीरियड्स के दौरान असामान्य रक्स्राव आदि। विशेषज्ञ का कहना है कि वजन अधिक होने यानी मोटापे के कारण इस समस्या का खतरा बढ़ जाता है। जीवन में सकारात्मक बदलाव लाकर बचाया जा सकता है।
गर्भाशय में रसौली के लक्षण?
-एनीमिया होना
-थकावट होना
-पैरों में दर्द होना
-पेट में सूजन होना
-ब्लैडर पर दबाव होना
-योनि से ब्लीडिंग होना
-बार-बार पेशाब लगना
-कमजोरी महसूस होना
-कब्ज की शिकायत होना
-मल त्याग करते समय तेज दर्द होना
-यौन संबंध बनाते समय योनि में दर्द होना
-कभी-कभी पीरियड्स में खून के थक्के आना
-पेट के निचले हिस्से में दबाव और भारीपन होना
गर्भाशय में रसौली के कारण?
आमतौर पर तो यह पाया गया है की गर्भाशय में रसौली के कारण कोई निश्चित नहीं हैं। लेकिन इसके होने के कुछ सामान्य कारण निचे दिए गए हैं।
यह पाया गया हैं की जेनेटिक्स (genetics) भी गर्भाशय में रसौली के कारण हो सकते हैं यानि अगर आपके परिवार में किसी यह बीमारी हुई हो तो यह आपको होने का खतरा भी हो सकता है।
कई बार यह भी पाया गया है की हार्मोन के बदलाव होने पर भी इसका खतरा पैदा हो सकता है।
गर्भावस्था, बुढ़ापा या मोटापा भी गर्भाशय में रसौली के कारण हो सकते है।
गर्भाशय में बिना ऑपरेशन रसौली का इलाज?
ब्रह्म होमियोपैथी आपको गर्भाशय में रसौली का इलाज बिना ऑपरेशन प्रदान करते है। डॉक्टर प्रदीप कुशवाहा के द्वारा गर्भाशय में रसौली का सफल इलाज कर रहे है । जहा कई लोगो ने अपना इलाज करवा के गर्भाशय में रसौली के छुटकारा पाया है।
अगर आप भी दिए गए लक्षणों को महसूस कर रहे हो तो आपको इसकी तुरंत जाँच करवा लेनी चाहिए। इसके लिए आपको सबसे पहले टेस्टिंग करवा लेनी चाहिए जिससे की यह निश्चित होगा की कितने रसोली हैं और कहा पर है। रसोली के इलाज के लिए होमियोपैथी मेडिसिन को सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। जिससे की इसका इलाज सफलतापूर्ण और सरलता से हो जाता है ब्रह्म होमियोपैथी में डॉक्टर प्रदीप कुशवाहा द्वारा इलाज प्रदान की जाती है और इससे कई लोगों ने गर्भाशय में रसौली से मुक्ति पायी है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न?
गर्भाशय में रसौली का नार्मल साइज क्या है?
गर्भाशय में रसौली का आकार एक अनार के दाने इतना छोटा और एक अंगूर के आकार इतना बड़ा हो सकता है। दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान महिलाओं में 5 सेंटीमीटर से बड़ी रसौली देखी जा सकती है।
- छोटे फाइब्रॉइड्स का आकार 1-5 सेंटीमीटर - मध्य फाइब्रॉइड्स का आकार 5-10 सेंटीमीटर - बड़े फाइब्रॉइड्स का आकार 10+ सेंटीमीटर
फाइब्रॉएड का कौन सा आकार खतरनाक है?
डॉक्टर का कहना है कि गर्भाशय में रसौली का आकार 5-10 सेंटीमीटर होने पर उसे तुरंत इलाज कराना चाहिए, क्योंकि यह खतरनाक माना जाता है।
फाइब्रॉइड्स में क्या नहीं खाना चाहिए?
गर्भाशय में रसौली होने पर आपको अपनी जीवनशैली और खान-पान पर ख़ास ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इससे पीड़ित होने पर आपको जंक फूड्स, कोल्ड ड्रिंक्स, सिगरेट, शराब, सैचुरेटेड वसायुक्त भोजन, कृत्रिम मिठास, लाल मांस, पशु वसा, सोया उत्पाद और प्लास्टिक में पैक चीजों को नहीं खाना चाहिए।