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chronic calcific pancreas best treatment
१)क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस का असरकारक इलाज ? क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस एक लंम्बे समय की स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें पैंक्रियास में स्थायी रूप से सूजन और कैल्सिफिकेशन हो जाता है। यह स्थिति शराब के ज्यादा सेवन, आनुवंशिक कारणों, या कुछ चयापचय विकारों के कारण से विकसित होती है।  - इस रोग में पैंक्रियास अच्छे से एंजाइम और इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है , जिससे पाचन और रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में कठिनाई होती है। २) क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस के लक्षण ? * पेट के ऊपरी हिस्से में ज्यादा दर्द का होना , कब्ज या डायरिया,  * वजन घट जाना , * डायबिटीज    ३) क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस का निदान ? क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस का निदान करने के लिए डॉक्टर कई प्रकार के जाँच का सहारा लेते हैं। इनमें अल्ट्रासाउंड, -सी.टी. स्कैन, - एम.आर.आई., -रक्त परीक्षण प्रमुख हैं। इन जाँच के माध्यम से अग्न्याशय के कैल्सिफिकेशन और सूजन का पता लगाया जा सकता है
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pancreatitis se pareshan logo ko diabetes kyu hota hai
1) पैंक्रियाटाइटिस से पीड़ित लोगों को डायबिटीज़ क्यों होता है? पैंक्रियाटाइटिस और डायबिटीज़ दोनों ही स्वास्थ्य के लिए गंभीर स्थितियाँ हैं, जिनका उपचार समय पर होना ज़रूरी है। जहाँ पैंक्रियाटाइटिस मुख्य रूप से अग्न्याशय की सूजन से जुडा है, और डायबिटीज़ शरीर में इंसुलिन की कमी से संबंधित होती है। हालांकि ये दोनों स्थितियाँ अलग-अलग स्वास्थ्य के मुद्दे हैं, परंतु इनका एक-दूसरे के साथ गहरा संबंध है। 2) पैंक्रियाटाइटिस और ग्लूकोज मेटाबॉलिज़्म? अग्न्याशय का प्रमुख कार्य शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करना है। यह इंसुलिन और ग्लूकागोन जैसे हार्मोन बनाता है जो की ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित बनाये रखते हैं। जब पैंक्रियाटाइटिस की वजह से अग्न्याशय की कोशिका को नुकसान होता हैं, तो इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है। - इंसुलिन की कमी से हमारे शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करते है, जिससे ब्लड शुगर लेवल अधिक हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप डायबिटीज़ का खतरा बढ़ सकता है। 3 ) पैंक्रियाटाइटिस से डायबिटीज़ के कुछ जोखिम कारक ? * पारिवारिक इतिहास :- जिन लोगों के परिवार में पैंक्रियाटाइटिस या डायबिटीज़ का इतिहास होता है, उनमें इस बीमारी के विकसित होने की संभावना अधिक होती है।  * अधिक वजन और मोटापा  * अधिक शराब का सेवन करना
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bacho me pancreas ka ilaaj kse kre
१) बच्चो में पैंक्रियास का इलाज कैसे करे? पैंक्रियास यह गंभीर बीमारी है, जिसमें पैन्क्रियास में सूजन देखने को मिलती है यह समस्या बच्चों में कम देखने को मिलती है, लेकिन जब यह होता है , तो इसके इलाज की गंभीरता को समझना जरुरी है। - बच्चों में पैंक्रियास का कारण, लक्षण, और उपचार जानना बहुत जरूरी है ताकि माता-पिता सही समय पर उपचार करा सकें। २) बच्चो में पैंक्रियास के कारण क्या है ? बच्चो में पैंक्रियास के कई कारण हो सकते हैं। इनमें प्रभावशाली कारण देखने को मिलते है जैसे की , -जनेटिक म्यूटेशन, -वायरल इंफेक्शन, -दवा के दुष्प्रभाव, -पित्ताशय की पथरी कुछ मामलों में, कारण का पता लगाना मुश्किल होता है, और इसे इडियोपैथिक पैंक्रियास कहा जाता है। ३)बच्चो में पैंक्रियास के लक्षण की पहचान कैसे होती है ? बच्चों में पैंक्रियास के लक्षण बड़ों मरीज से अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण देखने को भी मिलते है जैसे की -पेट में तेज दर्द का होना , -उल्टी,  -भूख में कमी होना  ४) पैंक्रियास के उपचार की विधि? -पैंक्रियास वाले बच्चों के लिए लंबे समय तक देखभाल, उचित आहार पालन, और नियमित चिकित्सा जांच आवश्यक होती है। अग्न्याशय के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ये कदम जरूरी होते हैं:  * फॉलो-अप : डॉक्टर के साथ डेली जांच से किसी भी जटिलता को जाना जा सकता है * आहार का ध्यान रखना : कठिनाई से पचने वाले खाद्य पदार्थों से बचें, और संतुलित आहार ले । * शारीरिक गतिविधि : स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करना जरुरी है
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pancreatitis me kon se exercise kar sakte hai
१ ) पैंक्रियाटाइटिस में कौन से एक्सरसाइज कर सकते है? पैंक्रियाटाइटिस एक गंभीर बीमारी है, जिसमें पैंक्रियास में सूजन होती है। यह स्थिति अचानक से अक्यूट पैंक्रियास भी हो सकती है या लम्बे समय के बाद क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस के रूप में भी हो सकती है। -पैंक्रियाटाइटिस से ग्रस्त मरीज को अपने स्वास्थ्य का बहुत ही ध्यान रखना पड़ता है, जिसमें सही चिकित्सा, सही आहार और नियमित व्यायाम शामिल हैं। - पैंक्रियाटाइटिस के होने पर कौन से व्यायाम करना अच्छा है ,जो हम इस आर्टिकल के बारे में चर्चा करेंगे २) पैंक्रियाटाइटिस के लिए योग्य व्यायाम कौन सा है ? -भुजंगासन (Cobra Pose): यह आसन पेट के अंगों की मालिश करता है और सहनशक्ति को बढ़ाता है। -वज्रासन (Thunderbolt Pose):यह आसन पाचन क्रिया को सुधारता है और रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। - पैदल चलना ३) पैंक्रियाटाइटिस में योग्य करने से पहले कौन कौन से बातो का ध्यान रखना चाहिए ? - डॉक्टर से परामर्श : किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना जरुरी है। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि व्यायाम आपके स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति के अनुकूल है या नहीं  -नियंत्रित आहार: यह शरीर की ऊर्जा को सही बनाए रखने में मदद भी करेगा।  -हाइड्रेशन पर ध्यान: सही मात्रा में पानी पीने से शरीर में लिक्विड का संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है,जो व्यायाम के दौरान आवश्यक होता है।
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pancreatitis ka chamatkari ilaaj
१ ) पैंक्रियाटाइटिस का चमत्कारी इलाज ? पैंक्रियाटाइटिस यह शब्द सुनते ही लोगों के मन में एक भय हो सकता है । यह एक ऐसी स्थिति है, जो पैंक्रियाज के सूजन से जुड़ी होती है, अग्न्याशय जो हमारे पेट के पीछे स्थित होता है और यह पाचन में अहम रोल निभाता है। - यह इंसुलिन और ग्लूकागॉन जैसे हार्मोन्स का उत्पादन भी करता है, जो की शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करते हैं। जब अग्न्याशय में सूजन आ जाती है, तो यह उसके कार्य करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है और इससे पाचन और हार्मोनल संतुलन बाधित हो सकता है। २) पैंक्रियाटाइटिस होने पर कौन-कौन से लक्षण देखने को मिलते है ? पैंक्रिअटिटिस के लक्षण हल्के से गंभीर भी हो सकते हैं, आमतौर पर पैंक्रियाटाइटिस में पाए जाने वाले लक्षण निम्नलिखित हैं:  -पेट में सूजन और कोमलता -भूख भी कम लगना और अपच होना -वजन का घट जाना -आँतों की गति में कमी ३) पैंक्रियाटाइटिस से बचने के उपाय? पैंक्रियाटाइटिस से बचने के लिए कुछ उपाय बताये गए है ,जिसे की  -संतुलित आहार का सेवन करें, जिसमें फल, सब्जियाँ, और अनाज शामिल हों। - कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करें। -नियमित व्यायाम करें जिससे वजन नियंत्रित रहे।
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ovarian cyst fatne se kya hota hai?
१) ओवरी सिस्ट फटने से क्या होता है? महिलाओं के प्रजनन तंत्र का एक महत्वपूर्ण भाग हैं और यह हानिरहित होता हैं। हालांकि, कभी-कभी यह सिस्ट फट भी सकता हैं, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता हैं। इस आर्टिकल में, हम ओवरी सिस्ट के फटने के परिणाम स्वरूप होने वाली जटिलताओं, उनके लक्षणों और उपचार के तरीकों को विस्तार से समझेंगे। २) ओवरी सिस्ट क्या है? ओवरी सिस्ट (अंडाशय की पुटिका) तरल पदार्थ से भरी थैली होती हैं, जो अक्सर महिला के अंडाशय में बनती हैं। अधिकांश ओवरी सिस्ट हानिरहित होती हैं और समय के साथ ही गायब हो जाती हैं। -फॉलिक्रुलर सिस्ट: यह तब बनती है जब अंडाशय फॉलिकल टूटने में विफल रहता है और सीरम तरल पदार्थ से भर जाता है। -कॉर्पस ल्युटेम सिस्ट: यह तब बनती है जब फॉलिकल टूटने के बाद अंडाणु छोड़ता है और वह फॉलिकल तरल पदार्थ से भर जाता है। ३)ओवरी सिस्ट के फटने के कारण क्या है? ओवरी सिस्ट फटने के कई कारण हो सकते हैं, जोकि निचे बताये अनुसार है , -सिस्ट का आकार: बड़ी सिस्ट के फटने की संभावना अधिक होती है। -शारीरिक गतिविधि: भारी शारीरिक गतिविधि, व्यायाम, या संभोग के दौरान सिस्ट फट सकती हैं। -हार्मोनल परिवर्तन: मासिक धर्म चक्र के विभिन्न चरणों में हार्मोनल उतार-चढ़ाव भी इसे प्रभावित कर सकते हैं। ४) फटी हुई ओवरी सिस्ट के लक्षण क्या है ? जब एक ओवरी सिस्ट फटती है, तो यह निम्नलिखित लक्षण उत्पन्न कर सकती है: -तीव्र पेट दर्द: निचले पेट में अचानक और गंभीर दर्द महसूस हो सकता है। -सूजन और क्लेम्पिंग: पेट की सूजन या ऐंठन हो सकती है। -रक्तस्राव: योनि से असामान्य रक्तस्राव देखा जा सकता है।
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acute pancreatic pancreas treatment in hindi
१) तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ का असरकारक इलाज? -तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो पैंक्रियास के सूजन का ही परिणाम होता है। इस स्थिति में अग्नाशय के ऊतक नुकसान पहुंचते हैं और वे मरने लगते हैं (नेक्रोटाइज़िंग प्रक्रिया), जिससे मरीज को गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। यदि समय पर उचित इलाज इलाज न हो तो यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। २) तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ का परिक्षण और निदान? तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ कुछ टेस्ट को पहले प्राथमिकता दी जाती है जिसमे MRI या CT स्कैन द्वारा अंगों की स्थिति का पता लगया जाए। - रक्त परीक्षण और लिपेज या अमिलेस एंजाइम के स्तर की जांच भी करना आवश्यक होता है। यह निदान की प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण होती है ३) तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ के कारण ? - अनुवांशिक कारण -गॉलस्टोन्स -उच्च वसा वाले आहार -बहुत ही शराब का सेवन
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pancreas ke dard ko kse pata laga sakte hai
1) पैंक्रियास के दर्द को कैसे पहचाने ? अग्नाशयशोथ का दर्द आमतौर पर हमारे पेट के ऊपरी मध्य या बाएं हिस्से से शुरू होता है, और यह आपकी पीठ या बाएं कंधे की हड्डी तक फैल सकता है। यह आमतौर पर मरीज को अचानक से ही दर्द आता है और फिर लगातार बढ़ता जाता है, और यह कई दिनों तक दर्द रह भी सकता है। 2) अग्नाशयशोथ होने का कारण क्या -क्या हो सकता है ? अग्नाशयशोथ होने का कारण बताये अनुसार हो सकते है ,जैसे की  -अधिक दवा का सेवन करना- गैल्स्टोन-बहुत ज़्यादा शराब पीना 3) अग्नाशयशोथ के लक्षण कौन-कौन से है? अग्नाशयशोथ होने का लक्षण बताये अनुसार हो सकते है ,जैसे की-मतली और उल्टी- वजन कम होना -पेट में कोमलता-अधिक पेट में दर्द का होना 4 )अग्नाशयशोथ का होमियोपैथी में सही इलाज क्या है ? क्या अग्नाशयशोथ दर्द का कारण बनता है? और अगर ऐसा है, तो इसे दर्द के रूप में कैसे पहचाना जाए? यह सवाल आम तौर पर कई रोगियों द्वारा पूछा जाता है। तो, अगर आप विस्तार से समझें, तो अग्नाशयशोथ दो प्रकार का होता है, तीव्र और जीर्ण। और रोगी या तो तीव्र चरण या जीर्ण चरण में होता है।और यह दो तरह से जुड़ा हुआ है। ज्यादातर मामलों में, यह जीर्ण और तीव्र चरण में विकसित होता है। यह मानक तरीका है जिससे रोगी हमेशा दर्द से जुड़ा होता है। दर्द ज्यादातर अग्न्याशय के बाईं ओर होता है। यह केंद्र में भी हो सकता है। और यह यहाँ से शुरू होता है और पीछे की तरफ फैलता है।बाद उल्टी होती है। यह एक विशिष्ट प्रस्तुति है। पेट में दर्द और यह पीछे की तरफ फैलता है।और इसके बाद उल्टी होती है। आप तीव्र अग्नाशयशोथ के लगभग सभी मामलों में यह तस्वीर देख सकते हैं। और जीर्ण अग्नाशयशोथ के कुछ मामले हैं। मामलों में, रोगी कभी भी दर्द से जुड़ा नहीं होता है। लेकिन समय बीतने के साथ पता चलता है कि मरीज को क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस, एट्रोफी, डायबिटीज़ आदि है। यह एक ऐसा मामला है जिसमें पैन्क्रियाज़ एंजाइम नहीं बनाता है।और इसे एक्सोक्राइन इनसफीशिएंसी कहते हैं। और इसी वजह से क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस विकसित होता है। यह समूह बहुत कम लोगों में देखा जाता है।और ज़्यादातर मामलों में यह दर्द से जुड़ा नहीं होता है। वरना अगर आप ओवरऑल देखेंगे तो 90 में से 100 यानी 95% मामलों में मामला एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस से शुरू होता है। और यह हमेशा दर्द से जुड़ा होता है। और मैंने आपको इसके खास लक्षण भी बताए। और यह खास लक्षण पैन्क्रियाटाइटिस समूह में देखा जा सकता है।
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acute necrotizing pancreas hone ka karan kya hai
१) एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस होने का क्या कारण है ? नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस तब होता है जब आपके अग्न्याशय में सूजन या चोट लगती है, और अग्नाशयी एंजाइम लीक होने लग जाते हैं। यह अग्न्याशय के ऊतक को नुकसान पहुंचाते है। इस क्षति को उलटा नहीं किया जा सकता है, तो यह नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस का कारण बनते है। कुछ मामलों में, ऊतक संक्रमित हो सकते हैं। यह बैक्टीरिया से होता है जो की मृत ऊतक में फैल जाते हैं। *** एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस होने का कारण निचे बताये अनुसार हो सकता है जैसे की  -अधिक दवा का सेवन करना --खून में कैल्सियम का अधिक स्तर , पित्ताशय की पथरी होना ,और बहुत ज़्यादा शराब पीना २) एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस का खतरा किसे है?- यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है जो की अग्नाशयशोथ का कारण बन सकती है, तो आपको एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस का जोखिम अधिक हो सकता है। इसमें पित्त पथरी शामिल है। आप अपनी स्वास्थ्य स्थिति का इलाज करके एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस के जोखिम को कम भी कर सकते हैं। जिसमे कम शराब पीने से भी आपका जोखिम कम हो सकता है। 3) एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस में वजन न बढ़ने का कारण क्या है ? *** एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस में वजन न बढ़ने का कारण निचे अनुसार हो सकते है ,जैसे की , -पोषण की कमी-विटामिन अवशोषण में कमी संक्रमण और सूजन  ४) होमियोपैथी में एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस का सही इलाज ? यह कोलकाता का एक 35 वर्षीय पुरुष रोगी है, जिसे तीव्र नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस अटैक हुआ है।अटैक के बाद उसे 15 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।मलबे का भी निर्माण हुआ था।इसे WOPN वियर-आउट पैंक्रियाटिक नेक्रोसिस जैसा संग्रह कहा जाता है।उसका ड्रेनेज किया गया है और ड्रेनेज ट्यूब भी लगाई गई है। यह कहानी 3 महीने से चल रही है।3 महीने पहले हुआ था और ड्रेनेज ट्यूब 3 महीने से लगी हुई है।वियर-आउट पैंक्रियाटिक नेक्रोसिस को भी निकाल दिया गया है।ड्रेनेज ट्यूब में अभी भी कुछ संग्रह है।अब, हमें उसके परिवार ने पूछा है कि उसका वजन नहीं बढ़ रहा है।कृपया हमें उसका वजन बढ़ाने का कोई उपाय बताएं।तो, यहाँ आपको बहुत गहरी समझ की आवश्यकता है। अगर मामला एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस का है, घिसा हुआ संग्रह है, ड्रेनेज है, तो सबसे पहले आप समझिए कि आप खतरे से बाहर हैं।अब एक साल तक अपना वजन बढ़ाना भूल जाइए।वजन पर ध्यान मत दीजिए।किसी मरीज को एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस अटैक होता है, तो मृत्यु दर होती है।लोगों में से करीब 10% लोगों की मृत्यु दर होती है।इस मामले को बहुत हल्के में मत लीजिए। अगर आप यहां से पार करने के बाद ड्रेनेज ट्यूब के चरण में हैं, और वजन नहीं बढ़ रहा है, तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।अगले साल वजन के पीछे मत जाइए।वजन पर ध्यान मत दीजिए। आप सही इलाज लीजिए।अगर आप ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर से जुड़े हैं,तो इसकी दवा लीजिए। खान-पान का सही तरीके से पालन कीजिए। आराम कीजिए।मानसिक रूप से तनावमुक्त रहिए। किसी भी नकारात्मक चीज़ के संपर्क में न रहें या ऐसी चीज़ों को पसंद न करें जो आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।धैर्य रखें। क्योंकि इस चरण से बाहर आना पहली प्राथमिकता है।वजन बढ़ाना पहली प्राथमिकता नहीं है।अगले साल वजन बढ़ेगा।इसलिए, इस बात पर ध्यान दें कि क्या खाना है, कैसे जीना है, जीवन की गुणवत्ता कैसे सुधारनी है, अपने जीवन की देखभाल कैसे करनी है, कैसे आराम करना है।अब, जब आप सही दवाओं के साथ ऐसा करेंगे, तो धीरे-धीरे आपके मामले में सुधार होगा।4-6 महीने तक चलेगाइसके बाद, आपका स्वास्थ्य थोड़ा बेहतर दिखने लगेगा। और लगभग एक साल बाद, आपका वजन फिर से बढ़ना शुरू हो जाएगा। लेकिन मैं आपको इस वीडियो में यह ज़रूर बताऊँगा कि अगर एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस अटैक है, संग्रह है, और एक ड्रेनेज ट्यूब है, और आप इस बात को लेकर चिंतित हैं कि वजन कैसे बढ़ाया जाए, तो इस बिंदु के बारे में सोचें भी नहीं।आपको लग सकता है कि वजन बढ़ना स्वास्थ्य के बराबर है।तो, इस समय यह एक गलत गणना है। आप ऐसा तैलीय, वसायुक्त आहार देंगे जिससे दूसरा अटैक या ट्रिगर होगा, तो आप ज़्यादा ख़तरे में होंगे।तो, ऐसा मत करो। आराम से रहो।तुम्हारा वज़न बढ़ेगा।एक साल बाद, तुम्हारा वज़न बढ़ेगा।लेकिन इंसान हमारे साथ हैं।तो, सबसे पहले, ठीक हो जाओ।अग्नाशय को स्वस्थ होने दो।सिस्टम को ठीक होने दो। धीरे-धीरे, तुम्हारा वज़न बढ़ेगा।
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pancreas ka sarir me kya karya hota hai
१) पैंक्रियास का शरीर में क्या कार्य होता है ? पैंक्रियास हमारे शरीर पाचन तंत्र का मुख्या हिस्सा है। जो की इंसुलिन का उत्पादन करता है और तरल पदार्थ स्रावित करता है जो भोजन को पचाने में मदद करता है। २) एक्यूट पैंक्रियास क्यों होता है? -एक्यूट पैंक्रियास मरीज को अचानक से होने वाली सूजन है जो थोड़े समय तक तो रहती है। ज़्यादातर मरीज जो इससे पीड़ित होते हैं, यदि सही उपचार मिलने के बाद पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। गंभीर मामलों में, एक्यूट अग्नाशयशोथ रक्तस्राव, गंभीर ऊतक क्षति, संक्रमण और सिस्ट का कारण बन सकता है । 3) Acute Pancreas के लक्षण ? *** एक्यूट पैंक्रियास के लक्षण निचे बताये अनुसार हो सकते है जिसे की , -ऊंचे ब्लड शुगर का स्तर  -पेट दर्द, -उल्टी, ४) होमियोपैथी में एक्यूट पैंक्रियास का सही इलाज ? मुझे 23 मार्च, 2020 को पहला तीव्र अग्नाशयी दौरा पड़ा। मैं 6 दिनों तक आईसीयू में रहा। फिर मुझे एंजाइम और फैटी एसिड के लिए एलोपैथी दवाएँ दी गईं।एलोपैथी अग्नाशय की बीमारी का इलाज नहीं है। मुझे ये दवाएँ सहायता के लिए दी गईं। फिर मुझे ब्रह्म होम्योपैथी के बारे में पता चला।मैंने डॉक्टर प्रदीप से बात की। उन्होंने मुझे बताया कि यह एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है। हमने इसे शुरू किया।आज 1 अप्रैल, 2024 है। पिछले हफ़्ते मेरा MRI एक साल बाद किया गया था। अब मैं ऐसी स्थिति में हूँ जहाँ मेरा अग्न्याशय पूरी तरह से सामान्य है।मेरी सभी एलोपैथी दवाएँ बंद हैं। डॉक्टर प्रदीप का शुक्रिया, मुझे अपनी सभी होम्योपैथी दवाओं से मुक्ति मिल गई है। मैं कह सकता हूँ कि मुझे कभी दिल का दौरा नहीं पड़ा।लेकिन जहाँ तक मैंने देखा है, यह दिल के दौरे जैसा ही है। मुझे बहुत दर्द हो रहा था। मैं गाड़ी चला रहा था और अचानक मुझे यह दर्द हुआ।मुझे रास्ते में कार रोकनी पड़ी। मुझे एम्बुलेंस बुलानी पड़ी। मैं एम्बुलेंस में अस्पताल गया। मैं इतना चिल्ला रहा था कि मुझे कुछ भी याद नहीं था। मैं बहुत दर्द में था। उन्होंने मुझे दो दिन तक कुछ भी खाने को नहीं दिया।फिर मेरा अग्न्याशय फिर से सक्रिय हो गया। एक लक्षण यह था कि यह बहुत दर्दनाक था। उसके बाद भी, जब भी मैं खाता था, तो थोड़ा दर्द होता था।फिर आपने मुझे एक आपातकालीन दवा दी। जब भी मुझे थोड़ा दर्द महसूस होता था, मैं इसे ले लेता था। मैंने इसे पिछले 5-6 महीनों से नहीं लिया है।ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। लेकिन पहले, मुझे इसे महीने में दो बार लेना पड़ता था। अब, पिछले 5-6 महीनों से, कोई दर्द नहीं है। मैं पूरी तरह से सामान्य महसूस करता हूँ। हर कोई बहुत सहयोगी था। खासकर आप, प्रदीप कुशवाहा। जब भी मैं यहाँ से 3 घंटे के लिए बाहर रहता हूँ, तो आम तौर पर, मैं उनसे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बात करता था। और दवा मेल में आती थी। मुझे हमेशा समय पर दवा मिली है। जब भी मैं वीडियो कॉन्फ्रेंस में जल्दी में होता था, तो वे मेरी बात नहीं सुनते थे। चलो दवा जारी रखते हैं। उन्होंने मेरी बात सुनी। वो मेरे सारे सवालों के जवाब देते थे. वो मुझसे कहते थे कि धैर्य रखो. ये हो जाएगा. और ये हो रहा है. मेरी यात्रा बहुत सहज रही है. मुझे कभी कोई परेशानी नहीं हुई. मैं यहाँ दो बार व्यक्तिगत रूप से आ चुका हूँ. जब भी मुझे रिपोर्ट मिलती थी. पहली बार तब जब मैंने दवाई शुरू की थी. फिर 6 महीने बाद मुझे रिपोर्ट मिली. फिर मैं डॉक्टर को दिखाने आया. आज मैं एक साल बाद वापस आया हूँ. और हर बार मैंने आपसे वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए बात की है. मैं कहूँगा, आराम के स्तर पर, यानी दर्द का स्तर, अगर आप 1 से 10 तक पर विचार करें, पहले मेरा दर्द और असहजता का स्तर, ये 8 हुआ करता था. अब ये 2 पर आ गया है. मुझे अब ऐसा नहीं लगता कि मैं बीमार हूँ. मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं बीमार हूँ. आप मुझे दवाई शुरू करने के लिए कह रहे हैं. मैं कर रहा हूँ. मैं इस स्थिति में हूँ. मैं आपको इतना बता सकता हूँ. यानी, अभी मैं बिल्कुल सामान्य महसूस कर रहा हूँ. सामाजिक जीवन से, ईमानदारी से, सेक्स जीवन से, सब कुछ प्रभावित हुआ है. आज एक साल बाद मैं वही इंसान हूँ जो इस अटैक से पहले था। सब कुछ फिर से सामान्य हो गया है। मैं दो चीजों से सलाह लेता हूँ। पहली, एलोपैथी में पैंक्रियाटाइटिस की कोई दवा नहीं है। जहाँ तक, मैं जितने भी एलोपैथिक डॉक्टर से मिला, उनसे मुझे पता चला कि वे आपको एंजाइम देंगे, जो पैंक्रियाज को सपोर्ट करेंगे, एंजाइम बनाने के लिए। लेकिन, ऐसा नहीं है कि एक्टिव पैंक्रियाटाइटिस कभी नहीं होगा। मैं उस हिस्से को बहुत अच्छी तरह समझता हूँ कि अटैक कभी भी आ सकता है। इसके लिए मुझे डाइट, शराब से दूर रहना होगा। मैं यह सब जानता हूँ। और मुझे यह खुद ही करना होगा। लेकिन, साथ ही, होम्योपैथी जो मुझे सपोर्ट दे रही है, जो एलोपैथी नहीं दे पा रही है, वह बहुत मददगार है। अगर, 1 अच्छा स्वास्थ्य है, और 10 खराब स्वास्थ्य है, तो 2, नहीं, नहीं, 10 सबसे अच्छा स्वास्थ्य है। अगर 10 सबसे बढ़िया स्वास्थ्य है, तो मैं 8 हूँ। सबसे पहला श्रेय मैं खुद को दूँगा, कि मैं हर उस चीज़ को नियंत्रित करने में सक्षम था, जिसे नियंत्रित करने की ज़रूरत थी। मैंने पिछले एक साल से, और अब एक हफ़्ते से, शराब का एक घूँट भी नहीं पिया है। दूसरा, मैं अब बहुत जिद्दी हो गया हूँ, कि मुझे खाना है, घी, तेल, दूध, जो भी वसायुक्त है, मुझे उसे ध्यान से खाना है या नहीं। एक साल हो गया है, कि मैंने तला हुआ खाना खाया है। एक साल हो गया है। अगर मेरा मन करता है, तो मैं खा लेता हूँ।लेकिन, दूसरा, मैं कहूँगा, होम्योपैथी ने मुझे उस 8 तक पहुँचने में बहुत मदद की है। जैसा कि मैंने कई बार कहा है, इस साक्षात्कार के दौरान, और मैं इसे फिर से कहूँगा, कि ब्रह्मा होम्योपैथी, और डॉ. प्रदीप  ने, मेरे लेवल 2 स्वास्थ्य से, लेवल 8 स्वास्थ्य तक, यह बदलाव बहुत सहजता से किया है। और वे बहुत सहायक हैं। और उन्होंने न केवल होम्योपैथी के लाभों के बारे में बताया है, बल्कि यह भी बताया है कि मुझे कहाँ काम करना है, अपने आप से। कि सिर्फ़ दवाइयाँ मुझे नहीं बचा सकती, मुझे क्या करना है। उन्होंने साफ़-साफ़ समझाया है। और, इस वजह से, मैं उनका बहुत-बहुत शुक्रगुज़ार हूँ। आपकी टीम बहुत सहयोगी है। जब भी मैंने फ़ोन किया है, जब भी मुझे वीडियो कॉन्फ़्रेंस से बात करनी है, जब भी उन्होंने कहा है, कि आपको 1 से 2 बजे तक फ़ोन आएगा, उन्होंने कभी भी असभ्य व्यवहार नहीं किया है। आपकी टीम हमेशा सहयोगी रही है। मैं अपनी बात समाप्त करना चाहूँगा, एक हद तक कि, मेरी पत्नी होम्योपैथी में विश्वास नहीं करती है, और आज वो होम्योपैथी की मरीज़ है, मैं उसे यहाँ लाया हूँ। तो, मुझे लगता है कि कोई, अगर मैं अपनी पत्नी को लाऊँ, तो मुझे लगता है कि वो, सबसे ज़्यादा, मैं आपको इसके बारे में बता सकता हूँ।
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acute pancreas & necrotizing pancreas kyu hota hai
१) एक्यूट पैंक्रियास & नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास क्यों होता है ? -एक्यूट अग्नाशयशोथ अचानक से होने वाली सूजन है जो थोड़े समय तक रहती है। लेकर गंभीर, जानलेवा यह हल्की असुविधा सेबीमारी तक हो सकती है। ज़्यादातर लोग जो इससे पीड़ित होते हैं, सही उपचार मिलने के बाद पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। गंभीर मामलों में, एक्यूट अग्नाशयशोथ रक्तस्राव, गंभीर ऊतक क्षति, संक्रमण और सिस्ट का कारण बन सकता है ।  नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास - अल्कोहोल पीने से या अजीर्ण समस्याओं के कारण पैंक्रियास की शक्ति कमजोर हो जाती है, जो कि नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, अन्य विषाणुजन्य इंफेक्शन भी शरीर को कमजोर बना सकते हैं और पैंक्रियास को संक्रमण होने की संभावना बढ़ा सकते हैं। त्रैमात्मक चोटों के कारण भी पैंक्रियास पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास की संभावना बढ़ जाती है। २) एक्यूट पैंक्रियास & नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास होने के लक्षण क्या - क्या है ? अचानक से उत्पन्न हुई पेट की पित्ताशय समस्याएं अक्सर असहनीय होती हैं और सही समय पर इनका पता नहीं लगता है  -- एक्यूट पैंक्रिएटाइटिस के लक्षणों में -पेट का दर्द, -उल्टी,  -अधिक शराब पीना और दवाओं के अवयव में मिश्रण के कारण -तेजी से बढ़ता बुखार, -ऊंचे ब्लड शुगर का स्तर नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास के लक्षणों में -अल्कोहोल, -गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल इंफेक्शन -कैल्शियम का उच्च स्तर -कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर ४) होमियोपैथी में एक्यूट पैंक्रियास और नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास का इलाज ? एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस और एक्यूट नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाटाइटिस में क्या अंतर है? एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस में, इस स्थिति में, अग्न्याशय के सिर, शरीर या पूंछ में, या एक से अधिक स्थानों पर, सूजन संबंधी परिवर्तन होंगे। यह सूजन और सूजन की स्थिति है, और इस स्थिति को एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस कहा जाता है। लेकिन नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाटाइटिस एक बहुत ही खतरनाक और जानलेवा स्थिति है। और इस स्थिति में, अग्न्याशय में, ऊतकों में, कोशिकाओं में सूजन के साथ-साथ नेक्रोसिस भी शुरू हो जाता है। और वहाँ, रक्तस्राव, रक्त वाहिका से रक्तस्राव के कारण, वहाँ रक्त के थक्के दिखाई देंगे। और यह एक जानलेवा स्थिति है। अगर आप इसकी गहराई को देखें, तो इस स्थिति में लगभग 10% लोग मर सकते हैं। यह एक तरह का ऐसा मामला है जहाँ मृत्यु दर बहुत अधिक है। तो, अगर आप दोनों चीजों की तुलना करें, तो एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस एक्यूट नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाटाइटिस से ज्यादा खतरनाक, जानलेवा और बुरी स्थिति है।
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pancreas cysts kya hai?
१) पैंक्रियास सिस्ट क्या है ? पैंक्रियास आपके शरीर को रक्त शर्करा को नियंत्रित और भोजन को पचाने में मदद करता है। कभी-कभी अग्न्याशय के अंदर सिस्ट विकसित होने लगते हैं। ये छोटी, तरल पदार्थ से भरी थैलियाँ आमतौर पर कोई लक्षण पैदा नहीं करती हैं, और ज़्यादातर लोगों को पता भी नहीं चलता कि उनमें ये हैं। "60 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 10% से 20% लोगों में अग्न्याशय सिस्ट होते हैं।" इनमें से अधिकांश सौम्य होते हैं और कभी समस्या उत्पन्न नहीं करते। लेकिन अगर आपको अग्न्याशय सिस्ट है, तो आपको अग्नाशय कैंसर होने की अधिक संभावना है । २) पैंक्रियास सिस्ट के लक्षण क्या है ? ज़्यादातर सिस्ट के कारण कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन कुछ ऐसे संकेत हैं जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है। इनमें मतली , उल्टी, पेट में सूजन और पेट में दर्द शामिल हैं। -यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दो सप्ताह से अधिक समय तक महसूस हो रहा है और उसमें कोई आराम नहीं मिल रहा है, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। ३) पैंक्रियाज के एट्रोफी का क्या अर्थ है? - एट्रोफी का मतलब है कि कोई चीज छोटी हो रही है, जैसे कोई खिलौना आकार में सिकुड़ रहा है। एट्रोफिक क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस तब होता है जब पैंक्रियाज छोटा हो जाता है क्योंकि यह लंबे समय तक बीमार रहता है। यदि इस स्थिति वाला कोई व्यक्ति बहुत पतला दिखता है, तो यह इस बात का संकेत है कि स्थिति बिगड़ने से पहले उन्हें मदद की आवश्यकता है। ४) होमियोपैथी में पैंक्रियास सिस्ट और एट्रोफी पैंक्रियास का इलाज ? आज, इस वीडियो में, हम आपको एट्रोफी केस के साथ क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस दिखाएंगे, जहां स्यूडोसिस्ट की एक बड़ी साइट भी है। और जब उनका इलाज ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में किया गया, तो एक आश्चर्यजनक परिणाम सामने आया। आइए इसे विस्तार से देखें. मरीज का नाम श्रीमान है. पंकज कुमार. और वह गुजरात के एक जिले महेसाणा से हैं. उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा और ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में इलाज शुरू किया।इलाज के समय सोनोग्राफी करायी गयी. सोनोग्राफी की रिपोर्ट से पता चलता है कि अग्न्याशय का सिर और शरीर हल्का शोष दिखाता है। एट्रोफिक परिवर्तन दिखाया गया है।यह शोष का एक बहुत प्रारंभिक मामला है, अर्थात। हल्का शोष और थोड़ा शोष। और पुरानी अग्नाशयशोथ का परिवर्तन. इसका मतलब है कि पुरानी अग्नाशयशोथ के साथ हल्का शोष होता है।56 गुणा 39 मिमी का एक अच्छी तरह से परिभाषित सिस्टिक घाव। यह मध्यम से बड़े आकार में आएगा। शरीर और पूंछ क्षेत्र में 56 गुणा 39 मिमी का एक स्यूडोसिस्ट दिखाया गया है। शरीर और पूंछ क्षेत्र में 56 गुणा 39 मिमी का एक स्यूडोसिस्ट दिखाया गया है। यानी आप पूरा मामला समझ जाएंगे. 27 जनवरी 2023 को श्री. पंकज कुमार, जो महेसाणा से हैं और 31 साल के हैं, उनकी रिपोर्ट में पुरानी अग्नाशयशोथ के साथ हल्का शोष दिखाया गया है।और मध्यम से बड़े आकार का स्यूडोसिस्ट भी होता है और इसका आकार 56 गुणा 49 मिमी होता है। जब उनका इलाज शुरू हुआ तो ये उस वक्त की रिपोर्ट है. और इलाज लेने के बाद कुछ ही दिनों में उन्हें बेहतर महसूस होने लगा।और उन्होंने करीब एक या डेढ़ महीने तक इलाज करवाया. इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं क्रॉस करके देखना चाहता हूं कि उनके इलाज का क्या रिस्पॉन्स आया है. हैरानी की बात यह है कि उन्होंने वहां महेसाणा में रिपोर्टिंग की।और जब उन्होंने अपनी रिपोर्ट भेजी तो उन्हें खुद पर यकीन नहीं हुआ. श्री। पंकज कुमार जो महेसाणा से हैं और 31 साल के हैं और करीब डेढ़ महीने बाद 1-3-2023 की रिपोर्ट है. आप रिपोर्ट देखेंगे. अग्न्याशय अग्नाशयशोथ का अनुवर्ती मामला है। अग्न्याशय न्यूनतम हाइपो-इकोइक इको पैटर्न दिखाता है। यानि क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस में परिवर्तन न्यूनतम स्तर पर दिखाई देते हैं।बहुत ही हल्का असर दिख रहा है. तीव्र अग्नाशयशोथ की कोई समस्या नहीं. कोई तरल पदार्थ नहीं, कोई फोड़ा नहीं.और एनबीएम के साथ अनुवर्ती कार्रवाई मददगार है। और वर्तमान में बड़े अग्न्याशय स्यूडोसिस्ट की कोई प्रस्तुति नहीं देखी गई है। कोई बड़ा स्यूडोसिस्ट दिखाई नहीं देता।जो पहले एक स्यूडोसिस्ट था। यानी पूरा मामला समझेंगे तो समझ जायेंगे. करीब डेढ़ माह तक इलाज चला। और जब रिपोर्ट हुई तो रिपोर्ट में शोष बिल्कुल सामान्य निकला. क्रोनिक अग्नाशयशोथ में भी कई प्रतिवर्ती परिवर्तन हुए। और हल्का असर दिखा रहा है. और तीसरा, जो मध्यम से बड़े आकार का 56x49 मिमी का एक स्यूडोसिस्ट था। वह पूरी तरह से हल हो गया। बस एक महीने में. तो यह जादुई रिपोर्ट ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर के इलाज से दिखाई देती है। यही कारण है कि आज दुनिया भर से मरीज यहां जुड़ रहे हैं। और लोगों का भरोसा बहुत है. उन्हें बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं. और हम उनकी रिपोर्ट में परिणाम दिखाते हैं। साथ ही साथ मरीज़ शारीरिक, मानसिक और जीवन में भी अच्छा महसूस करते हैं। और बिल्कुल सामान्य जीवन जीना शुरू करें। मैंने यह रिपोर्ट उन लोगों के लिए प्रस्तुत की है जो क्रोनिक पैंक्रिएटाइटिस, शोष, बड़े स्यूडोसिस्ट, सर्जरी की राय से पीड़ित हैं, या अपने जीवन से निराश हैं। इन सभी लोगों के लिए ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में आशा की किरण है। इस बीमारी से आप सिर्फ दवा से ही छुटकारा पा सकते हैं। धन्यवाद
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kidney failure kya hai?
१) किडनी फेलियर क्या है ? किडनी फेलियर ऐसी स्थिति है जिसमे हमारी एक या दोनों किडनी में से अपने आप ही कार्य करना बंद कर देती हैं। किडनी फेलियर कभी-कभी अस्थायी होता है और जल्दी विकसित होता है। पर कई बार यह एक पुरानी (दीर्घकालिक) स्थिति होती है जो धीरे-धीरे खराब होती जाती है। २) गुर्दा क्या कार्य करते हैं? शरीर में से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। किडनी आपके रक्त को फ़िल्टर करती है और अपशिष्ट उत्पादों को मूत्र (पेशाब) के ज़रिए आपके शरीर से बाहर निकालती है।  -जब गुर्दा ठीक से काम नहीं करता है , तो आपके शरीर में अपशिष्ट पदार्थ जमा हो जाते हैं। अगर ऐसा हो रहा है, तो आप बीमार महसूस करेंगे  ३) किडनी फेलियर के सबसे आम कारण क्या हैं? - मधुमेह और उच्च रक्तचाप क्रोनिक किडनी रोग के सबसे आम कारण हैं। - (Diabetes): मधुमेह से मरीजों में किडनी फेलियर का खतरा बढ़ने की मात्रा अधिक होती है.  -उच्च रक्तचाप(High blood pressure ):उच्च रक्तचाप प्रभावित कर सकता है GFR यह गुर्दे के ऊतक जो गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकते हैं  ४) होमियोपैथी में किडनी फेलियर का बिना ऑपरेशन इलाज ? सी.के.डी. केस का मतलब है क्रोनिक किडनी डिजीज, संक्षेप में कहें तो किडनी फेलियर के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं।इसके कई कारण हैं, जिन पर हम दूसरे वीडियो में चर्चा करेंगे।लेकिन अभी मैं आपको इस वीडियो में यह बताने जा रहा हूं कि ऐसे मामलों में भी होम्योपैथिक दवाओं से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।और जब भी किसी मरीज का एस क्रिएटिनिन लेवल सामान्य रेंज से बढ़ने लगता है और फिर धीरे-धीरे बढ़कर 2, 3, 4, 5, 6, 7 और इसी तरह बढ़ता जाता है, तो आखिर में डायलिसिस होता है।अगर आपके केस में कम रेंज दिखती है, 2, 3, 4, 5 इस रेंज में है, तो ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में होम्योपैथिक दवाओं से इस रेंज को नियंत्रित और रिवर्स किया जा सकता है। मैं आपको एक ऐसा केस बताने जा रहा हूं, जहां मरीज का एस क्रिएटिनिन बहुत ज्यादा है और वह इस लेवल पर था कि उसे डायलिसिस प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी।वह ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में आया।आइए इस रिपोर्ट को देखते हैं और फिर क्या हुआ, हम इस वीडियो में समय के साथ देखेंगे।यह सुरेश भाई जी का केस हैऔर जब आप क्रिएटिनिन देखते हैं, तो यह 12.37 है। EGFR 4.2 है।इसका मतलब है कि क्रिएटिनिन 12.37 दिखा रहा है।इसे बहुत ज़्यादा कहा जाएगा।यहाँ मरीज़ को डायलिसिस की ज़रूरत है।और यह रिपोर्ट 15 अगस्त, 2024 की है।इस समय, डायलिसिस का संकेत है और इस मरीज़ का डायलिसिस होना है।उनके केस में, उनका डायलिसिस भी होना था।लेकिन वे ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर आए।उनका इलाज शुरू हुआ।केस का सही से अध्ययन किया गया।उन्हें खान-पान, जीवनशैली और सुधार के बारे में बताया गया।और 1.5 महीने बाद, उन्हें फिर से फ़ॉलो-अप में रिपोर्ट किया गया। यह रिपोर्ट 28 सितंबर, 2024 की है। लगभग 1.5 महीने बाद।और जब आप एस क्रिएटिनिन का लेवल देखते हैं, तो यह 8.97 है। 12.37 8.97 दिखा रहा था। यह पहले से कम था। अब इस लेवल पर उसे डायलिसिस की जरूरत नहीं है। समय के साथ जैसे-जैसे उसका केस सुधरेगा और एस क्रिएटिनिन का लेवल कम होता जाएगा, डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ेगी। और अगर केस पूरी तरह से ठीक हो जाता है, तो डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ती। किडनी फिर से अच्छे से काम करने लगेगी। तो इस लेवल पर जहां डायलिसिस की जरूरत है, वहां भी होम्योपैथिक कारगर है। और केस में अच्छे नतीजे देता है। लेकिन अगर आपका केस शुरुआती केस है, जहां क्रिएटिनिन इतना बढ़ा हुआ नहीं है, बल्कि 5 से कम या 5 के आसपास है, तो उस केस में आपको बहुत अच्छे नतीजे मिलते हैं। आप डायलिसिस को रोक सकते हैं। यह किडनी को फिर से सामान्य करने में मदद करेगा। और जो बीमारी आप देख रहे हैं वह समय के साथ बढ़ रही है, यह उसकी प्रगति को भी बहुत अच्छे से रोकता है। कुछ लोगों को डर है कि अगर वे होम्योपैथिक लेंगे तो एलोपैथी बंद कर देंगे। या फिर एलोपैथी बंद कर देंगे। या फिर कोई और इलाज बंद कर देंगे। फिर हालत खराब हो जाएगी। निगेटिव हो जाएगी। ऐसा नहीं है। जब हम फेलियर के केस लेते हैं, खास तौर पर किडनी फेलियर के केस, तो उस केस में एलोपैथी दवा से जो सपोर्ट मिलता है, हम उस सपोर्ट को बंद नहीं करते। यह अपने तरीके से सबसे अच्छा काम करता है। होम्योपैथिक दवा अपने तरीके से सबसे अच्छा काम करती है। इसलिए अगर आप कोई इलाज शुरू भी करते हैं तो हम उसे बंद नहीं करते। हम उसे साथ-साथ चलने देते हैं। क्योंकि आपका स्वास्थ्य प्राथमिकता है। आपकी किडनी अच्छी होनी चाहिए। आपकी जिंदगी अच्छी होनी चाहिए। आपकी उम्र लंबी होनी चाहिए। आपकी जिंदगी अच्छी होनी चाहिए। यही प्राथमिकता है। ऐसा नहीं है कि आप होम्योपैथी या एलोपैथी से ठीक हो जाते हैं। दोनों ही विज्ञान अपने तरीके से अच्छे हैं। दोनों की अपनी-अपनी भूमिका है। इसलिए आप निडर होकर होम्योपैथी शुरू कर सकते हैं। आपकी एलोपैथी भी शुरू हो जाएगी। होम्योपैथी भी शुरू हो जाएगी। और आपको अपने मामले में बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे।
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ibs kya bimari hai
१) IBS क्या है? हमारे आंतो के दीवार मांसपेशियों के पर्त से मिल कर बने होते है। जब भी हम भोजन करते हैं, तो भोजन को पाचन तंत्र में भेजने की क्रिया के दौरान ये मांसपेशियां सिकुड़ने लगते हैं, लेकिन जब मांसपेशियां सामान्य से अधिक सिकुड़ने लग जाते हैं, तो पेट में गैस बन जाती है और सूजन भी आ जाती है जिसके कारण आंत भी कमजोर हो जाती है और भोजन को पाचन तंत्र में भेज नहीं पाती है। जिस से ibs हो जाता है। २) IBS में क्या नहीं खाना चाहिए? -IBS के लिए सबसे खराब खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ डेयरी, तले हुए खाद्य पदार्थ, कैफीन और शराब चार प्रकार के खाद्य पदार्थ हैं - जो आम तौर पर IBS के गंभीर लक्षणों को ट्रिगर करते हैं। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम वाले लोगों को इन खाद्य पदार्थों से बचने की कोशिश करनी चाहिए  ३) IBS होने के क्या लक्षण होते हैं? IBS होने के लक्षण नियमानुसार हो सकते है, जैसे की  - निचले पेट में दर्द या ऐंठन का होना , - पेट का फूला या सूजा हुआ होना -कब्ज ४) IBS होमियोपैथी में का बिना ऑपरेशन इलाज क्या है? यदि किसी मरीज को आईबीएस है, तो किस प्रकार की रिपोर्ट से यह पता लगाया जा सकता है कि मरीज को आईबीएस है या नहीं? देखिए, रिपोर्ट में आईबीएस एक ऐसी बीमारी है जिसकी पहचान आसानी से नहीं हो पाती है। यदि आप अल्ट्रासोनोग्राफी करवाते हैं, सीटी स्कैन कराते हैं, एमआरआई कराते हैं, कोलोनोस्कोपी या एंडोस्कोपी कराते हैं, या किसी भी प्रकार का रक्त परीक्षण कराते हैं, एलएफटी कराते हैं, केएफटी कराते हैं, या कोई भी रक्त जांच कराते हैं, तो रिपोर्ट में आईबीएस की पहचान आसानी से नहीं होती है। रिपोर्ट में आईबीएस का निदान नहीं किया गया है। आईबीएस का निदान करने के लिए, नैदानिक तस्वीर मुख्य मौलिक भूमिका निभाती है। जब आप एक अनुभवी डॉक्टर के अधीन होते हैं, तो आपकी विशिष्ट प्रस्तुति में मल पैटर्न में बदलाव, दस्त, कब्ज, भोजन कणों की मिश्रित प्रस्तुति, सूजन, पेट में ऐंठन, गैस की परेशानी, असुविधा, पाचन समस्याएं शामिल होती हैं। इन समस्याओं को देखकर और उन्हें चिंता या अवसाद से जोड़कर, आपका डॉक्टर निदान करेगा कि आपको आईबीएस है। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि आप बेवजह अपने विचारों में न फंसे रहें, कुछ रिपोर्ट ऐसी होती हैं जो मुझे बताती हैं कि यह क्या है, कैसी है और उन रिपोर्ट को करने में आप खर्च पर खर्च कर रहे हैं, इसलिए आप ऐसा करते हैं. ऐसा नहीं करना पड़ेगा. आपको किसी अच्छे अनुभवी डॉक्टर के अधीन रहना होगा और यह समझना होगा कि आपका डॉक्टर आपको इस बीमारी के बारे में सही मार्गदर्शन देगा और इस बीमारी से बाहर निकलने का तरीका भी बताएगा।
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pancreatitis ka kya arth hota hai
१) पैन्क्रियाटाइटिस का क्या अर्थ होता है ? हमारे शरीर में पैन्क्रियाटाइटिस एक महत्वपूर्ण अंग है ,जोकि पेट के ऊपरी हिस्से में होता है,जिसका कार्य रस बनाना और जो भोजन को पचाने में हमारी मदद करता है। पैंक्रियास इंसुलिन बनाता है, जो आपकी रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। पैन्क्रियाटाइटिस कितने तरह के होते है ?पैन्क्रियाटाइटिस मुख्य २ तरह के होते है , - एक्यूट पैंक्रियास  - क्रोनिक पैंक्रियास  - क्रोनिक पैंक्रियास यह दीर्घकालिन स्थिति है।जो की अग्नाशय में स्कार ऊतक बनते हैं और समस्याएं पैदा करते रहते हैं। एक्यूट पैंक्रियास जो व्यक्ति को अचानक शुरू होता है, पैंक्रियाटाइटिस कहलाता है। बार-बार एक्यूट पैंक्रियास के अटैक होने से वो क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस भी हो सकता है। २) अग्नाशय खराब क्यों होता है? पैंक्रियास का सबसे आम कारण पित्त में पथरी होना है। अग्न्याशय में सूजन का कारण बनती है क्योंकि पत्थर पित्त या अग्नाशयी नली से होकर गुजरते हैं और उसमें फंस जाते हैं। इसे पित्ताशय की पथरी अग्नाशयशोथ कहते है ३) अग्नाशयशोथ का क्या कारण है? अग्नाशयशोथ का कारण निचे बताये अनुसार हो सकते है जैसे की , - खून में उच्च कैल्सियम का स्तर - अधिक शराब पीना  - मोटापा  - पित के थैली में पथरी का होना ४) पैंक्रियास का होमियोपैथी में रामबाण इलाज क्या है ? इस वीडियो में मैं आपको दिल्ली के एक मरीज की केस स्टडी के बारे में बताने जा रहा हूँ।वह 40 साल का पुरुष है।उसका केस क्रॉनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस का सीसीपी है।इस केस में उसे कोई दर्द नहीं है।उसका केस 7 से 8 साल पुराना है।पहले उसे दर्द होता था।उसे दर्द नहीं हो रहा हैलेकिन, उसे मल में तेल है और अपच है।अब उसका इलाज एंजाइम और एंटासिड के कैप्सूल से हो रहा है।एंजाइम और एंटासिड लेने से उसकी ज़िंदगी अच्छी चल रही है।उसे मल में तेल और थोड़ी सी अपच के अलावा कोई परेशानी नहीं है।जिसे कैप्सूल लेने से ठीक किया जा रहा है। वह अपने जीवन में सब कुछ खाता है।वह जंक फ़ूड खाता है। वह तला हुआ खाना खाता है।कभी-कभी, वह शराब भी पीता है।अब, उसकी बीमारी को 7 से 8 साल हो चुके हैं।अब, उसने ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में अपना इलाज शुरू कर दिया है।अब आप देख सकते हैं.अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है. आप नोटिस कर रहे हैं.और, एंटासिड और एंजाइम के कैप्सूल लेने से आपका काम ठीक चल रहा है.और, आपको लग रहा है कि आपकी बीमारी ठीक हो गई है.या, आपका जीवन इस तरह खत्म होने वाला है.तो, आप गलत सोच रहे हैं.यह चरण 2 से 5 साल तक चल सकता है. लेकिन, उसके बाद का चरण.आपका अग्न्याशय पूरी तरह से शोषित हो जाएगा.पूरे अग्न्याशय में कैल्सीफिकेशन हो जाएगा.और, मधुमेह आ जाएगा.इंसुलिन का स्राव लगभग शून्य हो जाएगा.एंडोक्राइन और एक्सोक्राइन अपर्याप्तता. जिसे कहा जाता है. दोनों दिखाई देंगे.इंसुलिन पर भी आएगा.और, धीरे-धीरे आपका वजन भी कम हो जाएगा.और, यहाँ से उबरना मुश्किल है. यह अब चुनौतीपूर्ण मामला है.यहाँ से केस को कैसे आगे बढ़ाया जाए.तो, अगर आपका केस इस चरण में है.तो, मैंने यह केस सिर्फ़ समझने के लिए बताया है.मैंने यह जागरूकता बढ़ाने के लिए कहा है।कि, यहाँ असहाय मत बनो।जब भी कोई मामला क्रोनिक कैल्सीफाइड पैंक्रियाटाइटिस के एक बिंदु से आगे चला जाता है।तो, तीव्र हमले कम हो जाते हैं।कैल्सीफिकेशन की वजह से।अग्नाशय में मौजूद दर्द संवेदक।वे काम कम कर देते हैं।तो, इस मामले में।दर्द उनका मुख्य लक्षण नहीं है। प्रारंभिक चरण।प्रारंभिक 3-4 साल।5 साल में। दर्द मुख्य लक्षण होगा।जहाँ रोगी को बार-बार दर्द होगा।आपने अस्थायी दर्द को मैनेज कर लिया है। वह भी ठीक नहीं हुआ है।आपकी बीमारी भी अंदर से ठीक हो जानी चाहिए।लेकिन, जब मामला इस स्तर पर पहुँच जाएगा। तो, इस स्तर पर।उस स्थिति में।आपका दर्द मुख्य लक्षण नहीं होगा।आपका तैलीय मल और अपच मुख्य लक्षण होगा।और, अगर आप यहाँ से होश में नहीं हैं।जागरूक नहीं हैं। तो, यह बीमारी और बढ़ेगी। और, फिर आपको मधुमेह हो जाएगा, वजन कम हो जाएगा, आपकी ऊर्जा का स्तर, कमजोरी चरम स्तर पर होगी। और, अब यह एक बदतर स्थिति है। तो, वहाँ मत जाओ। इसे उलटने के बारे में सोचो। क्योंकि, अग्नाशयशोथ एक प्रगतिशील बीमारी है। यह आगे बढ़ेगी। सही रास्ता। सही उपाय। सही दवा। सही आहार। और, सही जीवनशैली। इन चीजों को मिलाकर। सामूहिक रूप से। यह आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेगा। यह आपके जीवन को बेहतर बनाएगा। यह आपको मामले को उलटने में मदद करेगा। और, यह आपके जीवन को बेहतर बनाने में आपकी मदद करेगा। इसलिए, सतर्क रहें। सतर्क रहें। जागरूक रहें। वास्तविकता क्या है? और, उस वास्तविकता के साथ चलें। आप निश्चित रूप से एक अच्छा जीवन जीएंगे।
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chronic pancreas kya bimari hai
१) क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस क्या बीमारी है ? मानव शरीर में पैंक्रियास मुख्य भाग माना जाता है ,अग्नाशय हमारे पेट के ऊपरी हिस्से में होता है,जिसका काम रस बनाता है और जो भोजन को पचाने में हमारी मदद भी करता है। अग्नाशय इंसुलिन बनाता है, जो आपकी रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है। - क्रोनिक पैंक्रियास यह दीर्घकालिन स्थिति है।जो की अग्नाशय में स्कार ऊतक बनते हैं और समस्याएं पैदा करते रहते हैं। एक्यूट पैंक्रियास जो व्यक्ति को अचानक शुरू होता है, पैंक्रियाटाइटिस कहलाता है। बार-बार एक्यूट पैंक्रियास के अटैक होने से वो क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस भी हो सकता है। २) क्रोनिक पैंक्रियास किन कारण से होता है ? क्रोनिक पैंक्रियास होने के कारण निमानुसार हो सकते है जैसे की , -खून में कैल्शियम का उच्च स्तर होना -पित्ताशय की पथरी -भारी मात्रा में शराब का उपयोग करना -बहुत सिगरेट का सेवन ३) पैंक्रियास में इन्फेक्शन कैसे होता है? chronic pancreas ऐसी स्थिति है,जो एक्यूट पैंक्रियास के बाद ही होती है। इस स्थिति में पैंक्रियास मे पर सूजन लंबे टाइम तक व्यक्ति को परेशान करती है। इस स्थिति के उत्पन्न होने का मुख्य कारण लंबे समय तक शराब को पीना या अधिक धूम्रपान करना भी होता है। 4)क्रोनिक पैंक्रियास का होमियोपैथी में रामबाण इलाज ? मेरा नाम चंद्रेश बंदेरे है। मैं अहमदाबाद से हूँ। शुरू में मुझे एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस था। जब मैं चार बार भर्ती हुआ तो डॉक्टर ने मुझे बताया कि मुझे गैस्ट्रिक की समस्या है। लेकिन जब मुझे पता चला कि यह गैस्ट्रिक की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस है, तो मुझे पता चला कि यह एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस है।  डॉक्टर ने मुझे एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस की कोई दवा नहीं दी। मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। मैं कुछ भी नहीं खा सकता था। मैं केवल तरल भोजन ही खा सकता था। मैं कुछ और नहीं खा सकता था। मुझे चार बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। एक साल में, मैं 16 बार अस्पताल में भर्ती हुआ। जब मैं चौथी और पाँचवीं बार भर्ती हुआ, तो मुझे पता चला कि मुझे क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस हो गया है। क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस इतना भयंकर दर्द है। इसकी कोई सीमा नहीं है। मैं इसका वर्णन भी नहीं कर सकता। यह इतना भयानक दर्द था। शायद मैंने जीने की उम्मीद छोड़ दी थी। मुझे इसके बारे में सोचना पड़ा। यह इतना भयानक दर्द था। फिर मुझे ऑनलाइन डॉ. प्रदीप खुरवाहा मिले. मैंने डॉ. प्रदीप खुरवाहा से मुलाकात की. मैंने दवाइयां लेना शुरू किया. मैंने 23 अप्रैल को दवाइयां लेना शुरू किया. मैंने 23 अप्रैल, 2021 को दवाइयां लेना शुरू किया. मैं अब नौ महीने से दवाइयां ले रहा हूं. मैं अब नौ महीने से दवाइयां ले रहा हूं.मुझे नौ महीने में एक बार भी अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ा. मैं अब पूरी तरह स्वस्थ हूं. मैं बहुत घबराया हुआ था.मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी. मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी. मैं कोशिश करता रहा.मैं कोशिश करता रहा. मैं डॉ. प्रदीप खुरवाहा से मिला. उन्होंने मुझे जीवन की उम्मीद दी है. मैं अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित था. मैं अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित था. मैंने दवाएं लीं और मैं ठीक हूं. मैंने दवाएं लीं और मैं ठीक हूं. बहुत अच्छा. बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया जब हम 10 प्रश्न पूछते हैं, 10 प्रश्न हमें बहुत सारे उत्तर देते हैं बहुत सारे उत्तर अनुशासन के साथ देते हैं यदि हम कोई भी प्रश्न पूछते हैं तो वह हमें समझाते हैं यदि हम एक प्रश्न दो बार पूछते हैं तो वह हमें समझाते हैं वह बहुत प्यार और अनुशासन देते हैं प्रदीप सर मेरे लिए ईश्वर का उपहार हैं संक्षेप में ईश्वर का उपहार प्रदीप सर, आपने मुझे एक नया जीवन दिया है और अब मेरे क्लिनिक में 150 से अधिक मरीज हैं और वे सभी शुद्ध अवस्था में हैं और सभी स्वस्थ हैं। प्रदीप सर, मैं आपको बार-बार धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं भारत और विदेश में सभी को सलाह देना चाहता हूं कि वे आयुर्वेदिक दवाएं लेना बंद कर दें और प्रदीप सर से जरूर मिलें। प्रदीप सर आप सभी से मिलेंगे और आपके साथ सभी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे। मेरी कहानी यह है कि यह मेरे जीवन में पहली बार है कि मैंने होम्योपैथिक दवाइयां ली मुझे नहीं पता था कि होम्योपैथिक दवाओं का इतना बड़ा केंद्र है और होमियोपैथी दवाई से मुझे बहुत फरक पड़ा हैं। मुझे दवाई से बहुत आराम मिला।
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ibs ka ilaaj kya hai
1)इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम क्या है? IBS यह आम बीमारी है , जो की हमारे आंत की दीवार मांसपेशियों के परत से मिल कर बने होते है। जब भोजन करते हैं ,तब भोजन को पाचन तंत्र में भेजने की क्रिया के दौरान मांसपेशियां सिकुड़ती हैं, पर जब मांसपेशियां ज्यादा सिकुड़ जाती हैं तब पेट में गैस बनने लगती है जिसके कारण से सूजन भी आ जाती है और आंत कमजोर हो जाते है और भोजन को पाचन तंत्र में भेज भी नहीं पाते है ,जिस से IBS की समस्या हो जाती है। 2) आईबीएस के लक्षण क्या हैं?-पेट दर्द होना, -गैस और पेट फूलना  -दस्त या कब्ज़  -खाने-से पहले या खाने के बाद में दर्द ३) IBS क्यों होता है? IBS का कोई भी कारण स्पष्ट नहीं है। IBS वाले कई लोगों में, पाचन तंत्र विशेष रूप से उत्तेजना के प्रति संवेदनशील होता है। लोगों को गैस या संकुचनों के कारण होने वाली असुविधा का अनुभव हो सकता है जो अन्य लोगों को परेशान करने वाला नहीं लगता है। ४) IBS का होमियोपैथी में इलाज क्या है ? अगर किसी मरीज को IBS है और वो ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में आता है तो इस केस में सबसे पहले उसके लक्षण और उसके सभी लक्षणों के आधार पर सही निदान किया जाता है कि हाँ, मरीज को IBS है। और उसके बाद उसकी गंभीरता, उसकी तीव्रता, मरीज उस बीमारी की चपेट में कितना है, किस स्टेज पर है, क्या वो शुरुआती चरण है, मध्य चरण है या चरम स्तर का मामला है, जहाँ मरीज शारीरिक बीमारी के साथ मानसिक रूप से उदास है, तो उसका विश्लेषण किया जाता है।  विश्लेषण के बाद, उसकी बीमारी के अनुसार, मरीज के आहार की योजना बनाई जाती है, उसकी जीवन स्थिति को समझते हुए, उसे मार्गदर्शन दिया जाता है। और अंत में, उसके लिए सटीक उपाय, उसके मामले के लिए उपयुक्त दवा निर्धारित की जाती है। उसके लिए आगे की योजना बताई जाती है कि आपको उसका कैसे और कब ख्याल रखना है, आहार में कब बदलाव करना है, इसलिए जब भी आप ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर से जुड़ते हैं, तो आपकी बीमारी के अनुसार आपकी योजना बनाई जाती है, और हर महीने आपका आकलन किया जाता है, और आपको उचित मार्गदर्शन दिया जाता है, जिसके साथ, समय के साथ, आप धीरे-धीरे अपनी बीमारी से बाहर आते हैं।
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liver cirrhosis kya hai
१) लिवर सिरोसिस क्या है? - लीवर शरीर का ऐसा अंग है जो फुटबॉल के आकार का होता है, जिसका महत्वपूर्ण काम यह होता है की हमारे खून से विषाक्त पदार्थों को छानता है, भोजन को पचाने में भी मदद करने वाला एंजाइम बनाता है, शर्करा और पोषक तत्वों को संग्रहीत भी करता है संक्रमण से लड़ने में भी मदद करता है। - बार जब आपका लीवर जब चोटिल होता है, तो वह खुद को ठीक करता है और सख्त निशान ऊतक भी बन जाता है। जब बहुत ज़्यादा निशान ऊतक बन जाता है, तो अंग उस तरह से काम नहीं कर पाता है इस स्थिति को लीवर सिरोसिस कहते है। 2) लिवर सिरोसिस के प्रथम लक्षण क्या हैं? -पेट,या पैरों में सूजन का होना -बहुत कमज़ोर महसूस होना -भूख भी काम लगना -मांसपेशियों में कमज़ोरी या ऐंठन का होना 3) लिवर सिरोसिस का क्या कारण हो सकता है? -हेपेटाइटिस का भयानक संक्रमण.  - पुटीय तंतुशोथ  -पित्त नलिकाओं का खराब विकसित होना। -शर्करा चयापचय का आनुवंशिक संक्रमण। -विरासत में मिली पाचन संबंधी समस्याएं. -शराब का अत्यधिक अनुचित सेवन। -लिवर में फैट का बढ़ना. 4) होमियोपैथी में लिवर सिरोसिस का इलाज क्या है? अगर किसी मरीज को शराब की वजह से लिवर सिरोसिस है, जिसे एल्कोहॉलिक लिवर सिरोसिस कहते हैं, तो यह लार, रक्त संक्रमण या संभोग से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। अब यहां आपको मूल रूप से यह समझने की जरूरत है कि अगर लिवर सिरोसिस के पीछे मुख्य कारण शराब और एल्कोहॉलिक लिवर सिरोसिस है, तो यह लार, संभोग या रक्त संक्रमण से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलेगा। लेकिन लिवर सिरोसिस के पीछे दूसरे कारण भी हैं।  अगर किसी मरीज को हेपेटाइटिस बी या सी पॉजिटिव होने की वजह से है और यह भी लिवर सिरोसिस पैदा करने का एक संबद्ध या मौलिक कारण है, तो यह संभोग या दूसरे व्यक्ति में रक्त संक्रमण के कारण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह संक्रमण उस व्यक्ति में फैल सकता है और लंबे समय के साथ उस व्यक्ति को भी लिवर सिरोसिस हो सकता है। लेकिन लार के संदर्भ से ऐसा नहीं होता है। इसलिए, यह हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि मौलिक कारण क्या है। हेपेटाइटिस बी और सी बहुत संवेदनशील मामले हैं और यह संक्रमण फैल सकता है। धन्यवाद।
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ige test kya hai
१) IGE टेस्ट क्या है? - IGE रक्त परीक्षण है, जिसका उपयोग शरीर के इम्युन सिस्टम की एक विशेष प्रकार की प्रोटीन, जिसे को IGE के रूप में जाना जाता है, यह टेस्ट अलर्जी और विभिन्न इम्युन संबंधी विकारों के टेस्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। २) आईजीई लेवल क्यों बढ़ता है? -खून में सामान्य रूप से IgE एंटीबॉडी की थोड़ी मात्रा होती है। अधिक मात्रा इस बात का संकेत दे सकती है कि, शरीर एलर्जी के प्रति अत्यधिक प्रतिक्रिया कर रहा है , जिससे एलर्जी प्रतिक्रिया हो सकती है। जब हमारा शरीर किसी भी परजीवी से होने वाले संक्रमण प्रतिरक्षा प्रणाली स्थितियों से लड़ रहा होता है, तो IgE का स्तर भी अधिक हो सकता है।  ३) उच्च IgE स्तर के लक्षण क्या हैं? -उच्च IgE स्तर के लक्षण निचे बताये गए अनुसार हो सकते है जैसे की, -लगातार छींक आना, - आंखों में खुजली, पानी का आना,  -त्वचा पर छोटे -छोटे दाने , - चेहरे या गले में सूजन का होना  4) IGE का होमियोपैथी में इलाज क्या है ? यह श्री किरण का मामला है। IgE का कुल स्तर 4750 है। यह काफी अधिक है। और एलर्जी के स्तर की जाँच के लिए IgE का स्तर मापा जाता है। कुछ लोगों में, हमें 5000, 7000, 10,000, 12,000, 15,000 की रिपोर्ट मिलती है। जहाँ IgE इतना अधिक होता है। और रोगी को उपचार से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है। रोगी किसी भी एलर्जी की स्थिति से ठीक हो जाता है। इसके साथ ही, IgE का स्तर भी रिपोर्ट के अनुसार कम हो जाता है। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में उनका उपचार भी शुरू हुआ। और उपचार के बाद, जब हमने IgE के स्तर की जाँच के लिए फॉलो-अप के लिए उनकी रिपोर्ट प्राप्त की, तो उनकी रिपोर्ट बहुत अच्छी थी। रिपोर्ट में देखें तो श्री किरण, IgE का कुल स्तर 459 है। पहले यह सीमा 4750 थी।और अब यह 459 दिखा रही है।यह लगभग 450 है।तो, अगर आप देखें तो इस स्तर में बहुत बड़ा बदलाव आया है।और हमें उनकी स्थिति में बहुत अच्छा सुधार देखने को मिला।तो, एलर्जी के मामले में होम्योपैथी से हमें बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में दिन-प्रतिदिन एलर्जी की अलग-अलग स्थितियों वाले लोग जुड़ रहे हैं। उनका IgE स्तर भी बहुत अच्छा है। और उन्हें स्वास्थ्य के लिहाज से भी बहुत लाभ मिल रहा है।आपके मामले में भी, अगर IgE बढ़ा हुआ है, और अगर इससे संबंधित कोई बीमारी है,अगर आप सालों से इससे पीड़ित हैं, तो इस मामले में रिकवरी संभव है।आप अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। आप बीमारी को ठीक कर सकते हैं।आप एक अच्छा जीवन जी सकते हैं। होम्योपैथी में यह संभव है।
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chronic calcified pancreas kya hai
१) क्रोनिक कैल्सीफाइड पैंक्रियास क्या है? - क्रोनिक कैल्सीफिकेशन पैंक्रियास सूजन की स्थिति है जिसमें पैंक्रियास में सूजन, घाव और संभावित नुकसान महसूस हो सकता हैं। पुरानी स्थिति में आपको पैंक्रियास के विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए आप सर्जरी के स्थान पर सही उपचार पा सकते हैं। २) क्रोनिक कैल्सिफिकेशन पैंक्रियास के क्या क्या लक्षण हो सकते है ? - क्रोनिक कैल्सिफिकेशन पैंक्रियास के लक्षण निचे बताये गए अनुसार हो सकते है जैसे की, १) लम्बे टाइम तक होने वाले सूजन २) मधुमेय  ३) पेट में दर्द का होना ४) भूख में कमी होना ३) क्रोनिक कैल्सिफिएड पैंक्रियाज के क्या कारण होते है? -क्रोनिक कैल्सिफिकेशन पैंक्रियास के कारण निचे बताये गए अनुसार हो सकते है जैसे की, १)पित्ताशय में पथरी का होना २) अलकोहल का अधिक सेवन करना ३) बार - बार होने वाला पैंक्रियास 4) क्रोनिक कैल्सिफिएड पैंक्रियाज का होमियोपैथी में इलाज क्या है ? क्रोनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस एक एडवांस स्टेज है, जिसमें मरीज को पहले तीव्र अटैक आते हैं और फिर यह क्रोनिक में बदल जाता है। और फिर जटिलताओं की तरह, क्रोनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस का चरण आता है, जहां रिपोर्ट में कैल्सीफिकेशन भी दिखाया जाता है। तो, आपके मामले में, यदि क्रोनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस का चरण दिखाया गया है, तो आम तौर पर इस चरण को आने में 2 से 3 साल लगते हैं। उसके बाद, इस तरह के कैल्सीफिकेशन शुरू होते हैं। हमारे पास कुछ मरीज़ 15 साल, 20 साल, 30 साल के हैं जो इतने सालों से इस स्टेज में हैं। तो, अगर आपके मामले में यह स्थिति दिखाई दे रही है, तो ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर की दवा की मदद से इस केस का इलाज संभव है। और इसका इलाज बिना सर्जरी के किया जा सकता है। खासकर, जो केस शुरुआती स्टेज में है, जिसका निदान शुरुआत में ही हो गया है, ऐसे मामलों में सबसे अच्छे परिणाम मिलते हैं। पुराने मामले बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं, लेकिन उन मामलों में भी परिणाम मिलते हैं। आइए यहां एक मामला देखें। ये CT स्कैन की रिपोर्ट है. ये दर्शन पटेल की रिपोर्ट है जो 24 साल के हैं. ये 12-08-2023 की रिपोर्ट है. जब आप CT स्कैन की रिपोर्ट देखेंगे, तो निष्कर्षों में, पूरे अग्न्याशय में हल्का एट्रोफिक नोट किया गया है. इसका मतलब है, पूरे अग्न्याशय में एट्रोफिक परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं. फैला हुआ MPD है. और MPD 6 mm है. 6 mm MPD फैला हुआ है. और कई अग्नाशयी पैरेन्काइमल कैल्सीफिकेशन दिखाई दे रहा है. इसका मतलब है, अग्न्याशय के पैरेन्काइमा में कई कैल्सीफिकेशन दिखाई दे रहे हैं. कुछ इंट्राडक्टल कैलकुली नोट किए गए हैं. और नली के अंदर पत्थर दिखाई दे रहे हैं जो 9 गुणा 5 mm तक के हैं. तो, कुल मिलाकर, जब आप स्थिति को समझते हैं, तो यह मामला क्रोनिक कैल्सीफाइड पैंक्रियाटाइटिस का है. जहां क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस है. पूरे अग्न्याशय में शोष है. पूरे अग्न्याशय के पैरेन्काइमा में कई पत्थर हैं. और नली के अन्दर पथरी है जो 9 गुणा 5 mm तक की है। मतलब 9 mm तक की पथरी है। तो इस लेवल तक की पथरी निकल सकती है। तो जब उसका इलाज शुरू हुआ तो रिपोर्ट के हिसाब से ये हालत थी। और शारीरिक बीमारी, जैसा कि आप सब जानते हैं, पेट में दर्द है, पाचन में गड़बड़ी है, मल तैलीय है, पीठ में दर्द है, भूख नहीं लगती, वजन कम होना, ये सारी परेशानियाँ उसके केस में थी। और जैसे ही इलाज शुरू हुआ, एक महीने के अन्दर ही हमने उसके केस में सुधार देखा। और धीरे-धीरे उसकी हालत में सुधार होने लगा।फिर से फॉलो अप की तरह हमने MRCP किया। अगस्त में उसका इलाज शुरू हुआ। और करीब 9-10 महीने के इलाज के बाद मई 2024 में फिर से दर्शन पटेल ने रिपोर्ट की। 25 साल। और ये MRCP की रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में आप देखेंगे, तो, अग्नाशयी नली आर्सेनिक प्रक्रिया में और अग्नाशय की पूंछ में प्रमुख है। जब आप इंप्रेशन देखते हैं, तो अग्नाशयी नली का हल्का अनियमित फैलाव, जो पहले 6 मिमी का था, अब आर्सेनिक प्रक्रिया और पूंछ वाले हिस्से में हल्का प्रमुख दिख रहा है। और अग्नाशय की पूंछ में हल्का शोष। पहले, पूरे अग्नाशय में शोष परिवर्तन थे। अब, हल्का शोष केवल पूंछ वाले हिस्से में दिख रहा है। इसका मतलब है, उनके इलाज के 9-10 महीने बाद, और कई पैरेन्काइमल कैल्सीफिकेशन साफ हो गए। नली के अंदर के पत्थर साफ हो गए। और सामान्यीकृत शोष जो सिर, शरीर और पूंछ में दिख रहा था, अब साफ हो गया है। केवल पूंछ वाले हिस्से में हल्का शोष दिख रहा है। इसलिए, यह अभी भी उपचार पर है। मामला पूरी तरह से साफ नहीं हुआ है। लेकिन, अगर आप रिपोर्ट के दृष्टिकोण से देखें, तो 70% मामला साफ हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वह शारीरिक रूप से बहुत अच्छा है। और यह अभी भी उपचार पर है। समय के साथ, उसकी पूरी रिपोर्ट सामान्य हो जाएगी। तो, ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में ऐसी दवाइयाँ हैं, जिनका हमने हज़ारों मरीज़ों पर इस्तेमाल किया है।और, हमें सबसे अच्छे नतीजे मिले हैं। और, यह चिकित्सकीय रूप से सत्यापित है। हमने कई लोगों की रिपोर्ट अलग-अलग स्रोतों पर रखी है। यूट्यूब पर, या अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्म पर। और, कई मरीज़ ऐसे हैं जो पहले से ही ठीक हो चुके हैं। तो, अगर आपका मामला प्राथमिक स्तर से ऊपर चला जाता है, और क्रॉनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस के चरण में चला जाता है, तो, यहाँ से उलटफेर भी संभव है। आपको निराश होने की ज़रूरत नहीं है। या, जीवन खत्म हो गया है। या, मैं बच नहीं पाऊँगा।या, मेरा जीवन बर्बाद हो गया है। आपको ये सब सोचने की ज़रूरत नहीं है। बस, आप ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर से जुड़ें।आपको अपने मामले में सबसे अच्छे नतीजे मिलेंगे। और, आप इससे बाहर निकल जाएँगे।
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bar bar pancreatitis ke attack aane se kse bache
१) पैंक्रियाज क्या है और उसका क्या कार्य है? पैंक्रियास एक लंबा, चपटा अंग है जो पेट के ऊपरी भाग में स्थित होता है। पैंक्रियास को हम दूसरे अग्न्याशय के नाम से भी जाना जाता है जो कि एक एंजाइम का उत्पादन करते है , जिससे खाने को पचाने भी में मदद मिलती है। - पैन्क्रियाटाइटिस यह पैंक्रियास में सूजन है। ये ऐसी समस्या है, जो एक व्यक्ति को अचानक से परेशान कर सकती है और कुछ दिनों तक लगातार भी परेशान कर सकती है। २) पैंक्रियास में सूजन के क्या - क्या कारण हो सकते है ? पैंक्रियास में सूजन के कारण निचे बताये अनुसार हो सकते है जैसे की , - पित्त की थैली में पथरी - शराब का ज्यादा सेवन करना - रक्त में उच्च कैल्शियम का स्तर  - कुछ दवाओं का अधिक सेवन करना  - मोटापा ३) पैंक्रियाज में इन्फेक्शन क्यों होते है? जब पाचन एंजाइम अग्नाशय की कोशिकाओं को परेशान करते है , और उसमे सूजन होने से अग्नाशय के संक्रमण का कारण भी बनते है अग्नाशय की सूजन के बार-बार तीव्र हमलों से ही क्रोनिक पैंक्रियास विकसित होता है। ऊतक के विकास से अग्नाशय के कार्य में भी कमी हो जाने लगती है । खराब पैंक्रियाज कार्य पाचन संबंधी समस्याओं से मधुमेह का कारण भी बन सकता है। 4) पैंक्रियाज का होमियोपैथी में इलाज क्या है ? हमारे पास पुणे का एक केस है, 25 साल का एक युवा पुरुष मरीज। वह आईटी क्षेत्र में काम करता है और घर से दूर अकेला रहता है।वह हाल ही में हमारे साथ जुड़ा है।तीन साल पहले, उसे अपना पहला तीव्र अग्नाशयशोथ का दौरा पड़ा था। उसे हर 6 महीने में अग्नाशयशोथ का दौरा पड़ता था।अग्नाशयशोथ के दौरे के बाद उसे 2-3 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।उसके बाद, उसका मामला ठीक हो गया। वह अपनी नियमित ज़िंदगी में वापस आ गया। वह शराब का सेवन करता था।जब वह अकेला होता था तो जंक फ़ूड खाता था।इस तरह से उसकी ज़िंदगी चल रही थी।पिछले 3 सालों में उसे 6-8 बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।उसकी कोई रिपोर्ट नहीं आई। पहली रिपोर्ट में उसे तीव्र अग्नाशयशोथ था। उसने इस बीमारी पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। 3 साल बाद, वह मेरे पास आया।उसकी रिपोर्ट से ठीक पहले, उसे क्रोनिक कैल्सीफाइड अग्नाशयशोथ था।उसे क्रोनिक अग्नाशयशोथ और कैल्सीफिकेशन था। उसे तीव्र दौरा पड़ा था।इसे तीव्र और जीर्ण अग्नाशयशोथ कहते हैं।उसे अपनी बीमारी समझ में आने लगी।आपको यह समझने की ज़रूरत हैउसे 3 साल तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली।अग्नाशयशोथ के हमले के बाद उसे 2-3 दिन अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। उसके बाद, वह ठीक हो गया। उसने बीमारी को बहुत हल्के में लिया।अग्नाशयशोथ एक प्रगतिशील बीमारी है।यह आगे बढ़ेगी। आपको यहाँ स्पष्टता की ज़रूरत है।जब भी आपको तीव्र अग्नाशयशोथ का दौरा पड़े, तो इसे हल्के में न लें।यह एक प्रगतिशील बीमारी है। यह फिर से आएगी।यह आगे बढ़ेगी।यह नुकसान पहुँचाती रहेगी। इस स्थिति में, अगर आप समझते हैं, जब उसे 3 साल पहले तीव्र दौरा पड़ा था, उसके बाद जो 2 से 4 हमले आए, वे पहले से ही जीर्ण में बदल चुके थे।उसके बाद, कैल्सीफिकेशन भी हुआ।अगर यह मामला तीव्र होता, और इसे प्रबंधित और ठीक करना होता, तो यह जीर्ण चरण की तुलना में आसान था।अगर इसे जीर्ण में प्रबंधित करना होता, तो यह जीर्ण कैल्सीफिकेशन की तुलना में आसान है। यह क्रॉनिक कैल्सीफाइड पैंक्रियाटाइटिस की स्थिति है। तो, जितना आप जागरूक होंगे, उतना ही आप अपनी बीमारी के बारे में जागरूक होंगे, और जितनी जल्दी आप इसका प्रबंधन करेंगे, ठीक होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी। उनके मामले में, उन्होंने 3 साल तक कोई जांच नहीं कराई। वे सीधे यहां आए, जहां क्रॉनिक कैल्सीफाइड पैंक्रियाटाइटिस है। अब, इसे ठीक करना, एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस को ठीक करने जितना आसान नहीं है।अब, उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाएगी, उनका आहार बढ़ जाएगा, और उपचार की अवधि बढ़ जाएगी।तो, आपके मामले में, यदि आपको एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस है, तो आपको जागरूक होना चाहिए।तो, कहानी का नैतिक, इस मामले की पूरी कहानी, यह है कि इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।अगर आपको एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस है, तो बस इसके बारे में जागरूक रहें, इसके तथ्यों को समझें, और उपचार शुरू करें। यहाँ इसका इलाज करना बहुत आसान है।यह क्रॉनिक कैल्सीफाइड पैंक्रियाटाइटिस को ठीक करने से कहीं ज़्यादा आसान है। इसलिए, उचित उपचार लें, अपनी स्थिति से उबरें, इसका इलाज करें, एक अच्छा जीवन जियें, और जो भी कारक इसे ट्रिगर करते हैं, या इसे बढ़ाते हैं, उन सभी चीजों को समझें और उनसे दूर रहें।आपको जीवन एक बार मिलता है, और इसे कैसे जीना है, यह भी एक कला है।उस कला को सीखें, और जीवन और स्वास्थ्य को एक अच्छे स्तर पर ले जाएँ।
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ibs kya hai
१) IBS क्या है ? IBS यह एक आम बीमारी है , हमारे आंत की दीवार मांसपेशियों की परत से मिल कर बने होते है। हम जब भोजन करते हैं तब भोजन को पाचन तंत्र में भेजने की क्रिया के दौरान मांसपेशियां सिकुड़ती हैं, पर जब मांसपेशियां अधिक सिकुड़ (Contract) जाती हैं तो पेट में गैस बनने लगती है और सूजन भी आ जाती है जिसके कारण आंत कमजोर हो जाते है और भोजन को पाचन तंत्र में भेज भी नहीं पाते है ,इसके कारण व्यक्ति को डायरिया होने लगता है और IBS की समस्या हो जाती है। २) IBS होने के क्या क्या लक्षण हो सकते है ? IBS के लक्षण निचे बताये अनुसार हो सकते है जैसे की ,  -कब्ज या दस्त होना  - भूख में कमी होना  -वजन कम हो जाना ३) IBS में क्या-क्या दिक्कत होती है?IBS से परेशान मरीज पेट की अलग अलग तकलीफ़ तरीकों से बता सकते हैं, जैसे कि  तेज़ दर्द, ऐंठन, सूजन, फैलाव, पेट भरा होना या यहाँ तक कि जलन। दर्द कुछ खास खाद्य पदार्थ खाने, भोजन के बाद, भावनात्मक तनाव, कब्ज या दस्त के कारण हो सकता है। 4) IBS का होमियोपैथी में इलाज क्या है ? मेरा नाम Avinash verma है। मैं उत्तर प्रदेश से हूँ। मुझे IBS की समस्या थी और मेरे पेट में कार्ब-जेसीबीटी गैस की समस्या थी। इसलिए, मैंने ब्रह्म होमियोपैथी में खोज की और आकर दवा दी। मैं 100% राहत महसूस कर रहा हूँ।अब मैं 100% खुश महसूस करता हूँ। मैं ब्रह्म होमियोपैथी को धन्यवाद देता हूँ। मुझे यह समस्या बहुत समय से थी। मुझे पेट में दर्द, गैस आदि की समस्या रहती थी। कभी-कभी मैं लैटिन की परीक्षा पास कर लेता था, कभी नहीं। मुझे बहुत सारी समस्याएँ होती थीं। इस वजह से मेरे दिमाग में बहुत ज़्यादा सोचने की आदत थी। इसलिए, मैंने ब्रह्म होमियोपैथी से दवा ली। मुझे इससे राहत मिली। फिर मैं फिर आया। फिर मैं इस समस्या से 100% ठीक हो गया।मैं यहाँ आता था। मैं यहाँ ईएनटी विभाग में काम करता था। मैं अपने कानों की जाँच के लिए यहाँ आता था। तो, मैं ब्रह्म होमियोपैथी के बारे में पहले से ही जानता था। तो मैंने यहीं से अपनी दवा शुरू की। सर का स्वभाव बहुत सरल है। वो बहुत अच्छे हैं। उनका बात करने का तरीका। मुझे उनकी हर बात अच्छी लगती है। यहाँ स्टाफ का स्वभाव भी अच्छा है। सर्विस भी अच्छी है। यहाँ इलाज भी अच्छा है। मैं ये कहना चाहता हूँ। अगर आपको कोई परेशानी है तो एक बार ब्रह्म होमियोपैथी में आइये। अपनी परेशानी बताइये और दवाई शुरू कर दीजिये।मैं ये बात सभी से कहूँगा।
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pancreas me frey procedure kab karvana chahiye
1) What is the Frey procedure in pancreas? Frey is a surgical procedure used to treat chronic pancreas. During the procedure: Our surgeon opens the head of the pancreas. He then removes the diseased portion of the pancreatic duct inside the head of the pancreas. This allows the pancreatic juice to drain evenly, while the pancreas and the first part of the small intestine are protected. 2) What are the complications of the Frey procedure? There are many complications that can occur in the Frey procedure, including: - bleeding, infection,  - pancreatic fistula and intra-abdominal abscess, - alterations in digestion or absorption of nutrients,  - and the patient may experience severe to severe pain.  After performing the Frey surgery, we do not feel any pain for up to 2 months. Frey procedure gives us immediate relief but there is a possibility of transition of pain in 5-6 months. 3) What is the treatment of Pancreas Frey procedure in Homeopathy? There is a surgery of pancreas in which pancreas is cut and joined to jejunum. Also called pancreaticoduodenectomy and jejunostomy. And this procedure is called Frey procedure. Now you have been asked to get this surgery done. When should it be done? What is the indication? When should it be done? So this is a common question which people ask us or comes in people's mind. Now you need to understand what is Frey procedure? In this, the duct of the pancreas is cut and that tubular system is connected directly to the jejunum, which is a part of the intestine. This will allow the drainage system, whatever enzymes are produced in it, to go directly to the small intestine, which will help in digestion. Now you are having attacks of pain due to chronic pancreatitis. Would you get it done? No. Would you get it done if you had inflammatory changes? No, this is not an indication of it. The indication of this is that if the ductal system in which your enzyme is draining and there is a problem in that drainage, say there is a narrowing at many places, that is, the duct has become narrow and the enzyme is not able to come forward. This is not at one or two places, but at many places. Because of this you will have to stand at many places many times to open it. You will have to do this again and again. If you do not do this, then you are getting attacks of pain again and again. Secondly, if there are large sized stones in the duct, there are many stones of 15 mm, 20 mm, 25 mm, the whole duct is filled with stones. And because of this you are getting repeated attacks of pancreatitis. And you are currently managing your case. All this is happening again and again. It has been six months, one year, two years. And there has been no response to the treatment. In this case, you have to remove that stone. And in this case, if you get Frey's procedure done, it is appropriate.  And the third situation is if there is a case of pancreatitis, there is a large sized tumor in the pancreas. And that tumor is also pressing your MPD somewhere. And due to that, repeated attacks are happening. And many complications are arising. In this situation also, you will remove the tumor. And if your doctor is indicating you, you will do Frey's procedure here too. You will connect your pancreatic duct system directly to the jejunum. By doing this, your case will be managed for the time being. So, there is an acute attack of pancreatitis. Due to the structure and stone formation, multiple stones and large size of stones, the episodes of pain will stop. But here you need clarity that your pancreatitis case, the disease which is progressing step by step, that progression will not stop. The progression should also stop. Stone formation should stop. And the drainage system should be properly maintained. To recover from the disease, you need the right homeopathic medicine. And with this medicine, the progression can be stopped. It can also be reversed.
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agnashay kya hota hai
१)अग्नाशय क्या है ? पैंक्रियास को हम दूसरे अग्नाशय के नाम से भी जानते है , यह एक एंजाइम का उत्पादन करते है, जिससे भोजन को पचाने में सहायता मिल सकती है। पैन्क्रियाटाइटिस एक ऐसी विकट समस्या है, जो व्यक्ति को अचानक से परेशान करती है, और कुछ दिन तक तो लगातार परेशान करती है।  २)पैंक्रियास की बीमारी कितने तरह के होते है ? - पैंक्रियास की बीमारी २ तरह के होते है, १)एक्यूट पैंक्रियास २) क्रोनिक पैंक्रियास 1. एक्यूट अग्नाशय :: एक्यूट अग्नाशय से परेशान मरीज को अचानक से पैंक्रियास में सूजन आ जाती है यदि समय से मरीज का इलाज न हो सके तो रोगी को जान का खतरा भी हो सकता है 2.क्रोनिक अग्नाशय :: क्रोनिक अग्नाशय ऐसी समस्या है जो की एक्यूट अग्नाशय के बाद ही होती है। इस स्थिति में अग्नाशय पर सूजन लंबे समय तक व्यक्ति को परेशान कर सकते है।  ३) पैंक्रियास होने के कौन कौन से कारण हो सकते है? १)पित्ताशय में पथरी का होना  २) अल्कोहल का अधिक उपयोग करना ३)चयापचयी विकार  ४) होमियोपैथी में पैंक्रियास का बिना ऑपरेशन इलाज? मेरा नाम वासुदेव है. मैं उत्तर प्रदेश, बिजनौर जिले, मोरना गाँव से हूँ. सबसे पहले जून 2021 में मुझे सुबह पहली बार अचानक दर्द हुआ.मैंने उसके लिए कुछ गोलियाँ लीं, तो मुझे लगा कि पेट में दर्द है, यह सामान्य है. लेकिन मुझे उससे आराम नहीं मिला. फिर मैं डॉक्टर के पास गया और उसने मुझे एक पेनकिलर इंजेक्शन दिया.लेकिन मुझे उस इंजेक्शन से आराम नहीं मिला. उसके बाद मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. और करीब 15 दिन तक मैं लखनऊ में रहता था. तो मैं लखनऊ में 15 दिन के लिए अस्पताल में भर्ती रहा. उसके बाद मुझे कुछ तकलीफ़ महसूस हुई. और उस समय तक यह ठीक हो गया.तब तक मुझे नहीं पता था कि पैन्क्रियाटाइटिस इतनी बड़ी बीमारी है. यह ठीक होगी या नहीं? इसके कारण जीवन में क्या बदलाव आते हैं? तब तक मुझे उन चीज़ों के बारे में पता नहीं था. इसलिए जैसे ही मैं ठीक हुआ, उसके बाद मैंने फिर से सामान्य जीवन जीना शुरू कर दिया. और फिर, जून के बाद, फरवरी में, मुझे फिर से यह हुआ। और अचानक, मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ कि मैं ट्रेन में यात्रा कर रहा था। इसलिए, मुझे ट्रेन के बीच में उतरना पड़ा और हरिद्वार शहर के अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।मैं अपनी यात्रा पूरी नहीं कर पाया। मुझे लगभग 5-6 दिनों तक वहाँ भर्ती रहना पड़ा। और उस समय से, मैंने कुछ जानकारी एकत्र करना शुरू कर दिया। यह कौन सी बीमारी है कि मुझे फिर से वही हुआ? तो, मुझे पता चला कि यह अग्नाशयशोथ है। और अग्नाशयशोथ कितना खतरनाक हो सकता है या है। कि यह बार-बार होता है।यह तीव्र से जीर्ण में बदल जाता है। तो, मैंने ये सारी चीजें फिर से देखीं। मैंने इसका इलाज खोजने की कोशिश की।तो, तब तक, मैंने कुछ स्थायी एलोपैथिक उपचार लिया। मैंने कोई स्थायी होम्योपैथिक उपचार या ऐसा कुछ नहीं किया। फिर जब मुझे कुछ राहत मिली, तो मैंने सोचा कि अब सब ठीक है। फिर, अगले साल, मुझे फिर से यह दर्द फरवरी में हुआ। मेरा मतलब इस साल। मार्च, 2013 में, मुझे यह फिर से हुआ।और मुझे फिर से 5-6 दिन के लिए एडमिट होना पड़ा. फिर मैं थोड़ा टेंशन में आ गया. कि ये तो अब बहुत हो रहा है, कभी भी हो रहा है. इस बीच मुझे कोई परमानेंट इलाज नहीं दिख रहा था. 2 महीने बाद अप्रैल या मई में मुझे फिर से हो गया. फिर मैंने रिसर्च करना शुरू किया कि अब मुझे इसका परमानेंट इलाज ढूँढना है. फिर मैंने यूट्यूब, गूगल पर बहुत सारी चीजें देखीं, जहाँ होम्योपैथिक इलाज हो सकता है, जहाँ इलाज संभव है. इसी तरह मैंने मि. प्रदीप को देखा. मि. प्रदीप का भी एक रिसर्च सेंटर है. मैंने यूट्यूब पर उनका वीडियो देखा. कि वो होम्योपैथी नाम के रिसर्च सेंटर के ज़रिए पैन्क्रियाटाइटिस का इलाज करते हैं. पहले तो मुझे लगा कि मैं अहमदाबाद कैसे जाऊँगा. क्योंकि मैं दिल्ली एनसीआर में रहता था. फिर मुझे पता चला कि आप ऑनलाइन भी कंसल्ट कर सकते हैं. और आपकी सारी दवाइयाँ ऑनलाइन ही डिस्चार्ज और पैच की जाएँगी. फिर मैंने होम्योपैथिक में मि. प्रदीप से अपना शेड्यूल बनवाया. और फिर उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने मुझसे सारी रिपोर्ट्स ले लीं, जो मेरी पुरानी रिपोर्ट्स थीं. और केस का अध्ययन किया.  फिर मैंने देखा, बात की, कब से हो रहा है, क्या हो रहा है। बहुत दर्द होता था। एसिडिक, पेट में सूजन, लीवर के पास। ये सब चीजें रहती थीं। फिर रविवार को उन्होंने पहली बार दवाई भेजी। फिर मैंने एक महीने तक ली। फिर मुझे थोड़ी राहत महसूस हुई। कि वो चीजें दोबारा नहीं हुईं। जो मेरे साथ बार-बार हो रही थीं। दो महीने, तीन महीने। और अब करीब छह महीने हो गए हैं। मेरी दवाई अभी भी चल रही है। लेकिन दवाईयों का चार्ज बहुत कम है। मेरा मतलब है, ये सही रेंज है। अगर मैं देखूं तो एलोपैथिक में है। एलोपैथिक में मैंने अपने कई लाख रुपए बर्बाद किए थे। लेकिन हां, आम दिनों में आमतौर पर मैं बिल्कुल ठीक हूं। मैं घर की सारी नॉर्मल चीजें खाता हूं। शुरुआत में मैं भी इससे परहेज करता था। लेकिन अब मैं घर में बनी हुई चीजें खाता हूं। हां, मैं बाहर की चीजों से परहेज करता हूं। मैं बाहर की चीजें ज्यादा नहीं खाता। मैं बाहर की किसी चीज से परहेज नहीं करता। यही मैं आपको बताना चाहता हूं। बहुत से लोग इस बात से डरते हैं. ऑनलाइन इलाज होगा या नहीं. दवाइयाँ आएंगी या नहीं? ये भी मेरे मन में पहली बार सवाल था. तो मैं उन लोगों को बताना चाहता हूँ कि नहीं. दवाइयाँ समय पर आती हैं. और ये हर महीने होता है. हाँ, अगर मैं आपको अस्पताल का कुल खर्च बताऊँ. अब तक, मान लीजिए मैंने एलोपैथिक पर 5 लाख खर्च कर दिए हैं. जिससे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है. हाँ, मैं अस्पताल में भर्ती हुआ हूँ. पूरा दिन मेरी छाती जलती रही. मैं पूरा दिन पानी पीता रहा. कभी-कभी मैं अपने बैग में डाइजीन की बोतल रखता था. ताकि मैं पी सकूँ. तो ये जलन आमतौर पर होती थी. और जब अटैक आता था, तो पेट में बहुत तेज़ दर्द होता था. उल्टी होती थी. चक्कर आना, उल्टी. तो आम दिनों में मैं काम से छुट्टी ले रहा था. कमजोरी होती थी. इतनी कमजोरी होती थी कि 7 दिन में ही मेरा 15-20 किलो वजन कम हो गया. तो ये सब एक साथ हुआ. तो अब सीने में जलन या पेट में दर्द नहीं है। अभी तक मैं बेहतर महसूस कर रहा हूँ।और मेरी दवाएँ अभी भी चल रही हैं। तो मैं तब तक दवाएँ करने की कोशिश करूँगा। तब तक सब मुझे पूरा इलाज बता देंगे।अभी तक मेरी जो भी दवाएँ चल रही हैं। मैं यही कहना चाहूँगा कि वो बहुत अच्छी हैं।
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Enlarged cervical Lymph Nodes treatment in homeopathy
१) गर्दन पर सूजे हुए लिम्फ नोड्स क्या होते हैं? गर्दन पर होने वाली सूजन लिम्फ नोड्स बच्चों और वयस्कों में आम बात हैं। अधिक तर ये , सर्दी या फ्लू जैसे संक्रमण जिम्मेदार होते हैं। पर कभी-कभी, गंभीर स्थितियाँ आपकी गर्दन में ऐसी गांठ अलग अलग जगह पर होती है ,जिसको छूने से दर्द हो सकता है. २)गले की नसों में सूजन क्यों आती है? गले में सूजन आमतौर पर वायरल संक्रमण जैसे कि -सर्दी, या मोनोन्यूक्लिओसिस के कारण होता है। वायरल संक्रमण ये एंटीबयोटिक दवा पर असर नहीं कर पाते है ३)गर्दन पर सूजे हुए लिम्फ नोड्स का होमियोपैथी इलाज ? बच्चों में, आप आमतौर पर गर्दन के आस-पास सूजन देखेंगे जिसे बढ़े हुए सर्वाइकल लिम्फ नोड कहा जाता है। यह एक बहुत ही आम समस्या है। और माता-पिता इसे देखकर डर जाते हैं कि यह किसी तरह का ट्यूमर या कोई गंभीर समस्या है। तो यहाँ आपको कुछ स्पष्टता की आवश्यकता है कि ज़्यादातर ऐसी सूजन तीन कारणों से होती है।  1. संक्रामक उत्पत्ति जिन बच्चों को बार-बार सर्दी, बुखार या संक्रमण होता है, उनमें सर्वाइकल लिम्फ नोड का बढ़ना आम बात है।  2. टीबी जिसे ट्यूबरकुलर लिम्फ नोड भी कहा जाता है।  3. कैंसर की उत्पत्ति यह कैंसर के कारण भी होता है। हालाँकि इसे चिकित्सकीय रूप से समझना बहुत आसान है लेकिन आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।  किसी ऐसे डॉक्टर से मिलें जो आपके नज़दीक हो और जिसे अच्छी समझ हो। और उसके क्लीनिकल अनुभव और रिपोर्ट की मदद से आप समस्या का निदान कर सकते हैं। आम तौर पर, ऐसी सूजन गर्दन के आगे के त्रिभुज में या गर्दन के पीछे के त्रिभुज में देखी जा सकती है। आइए इस रिपोर्ट को देखें। यह ADARS की रिपोर्ट है। बदले हुए इको पैटर्न के साथ आगे के त्रिभुज में बढ़े हुए लिम्फ नोड। ट्यूबरकुलर। सभी लार ग्रंथियों में कुछ हाइपोइकोइक नोड्यूल हैं। यह जनवरी 2024 की रिपोर्ट है। यह सर्वाइकल लिम्फ नोड ट्यूबरकुलोसिस मूल का है। यह ट्यूबरकुलोसिस के कारण होता है। और यह लार ग्रंथियों में नोड्यूल दिखा रहा है। जनवरी 2024 में इलाज शुरू हुआ। जैसा कि मैंने आपको बताया, माता-पिता चिंतित हो जाते हैं। इसलिए, उनके माता-पिता ने भी उसी तरह से इलाज शुरू किया। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में इलाज शुरू हुआ। और फिर जब यूएसजी किया गया। यह यूएसजी 30 मई, 2024 एडीएआरएस है। और जब आप यूएसजी में उनकी टिप्पणियाँ देखेंगे तो स्कैनिंग सामान्य दिखा रही है। इसका मतलब है कि ट्यूबरकुलोसिस मूल सर्वाइकल लिम्फ नोड उपचार के 4 महीने के भीतर पूरा स्कैन सामान्य आया। और बच्चे को भी कोई समस्या नहीं हुई। तो, अगर आपके मामले में भी आपके पास इस प्रकार का बढ़ा हुआ सर्वाइकल लिम्फ नोड है और उसकी वजह से बच्चे को कोई समस्या या संक्रमण हो रहा है। तो, इसका सबसे आम कारण है 1. संक्रामक उत्पत्ति। 2. क्षय रोग। शायद ही कभी कैंसर से उत्पन्न होता है। लेकिन इसका इलाज संभव है और बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।
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pancreas or fatty liver treatment
1) पैंक्रियास क्या है? पैंक्रियास शरीर का मुख़्य भाग होता है ,जो पेट के पीछे एक बड़ी ग्रंथि है ,जिसका कार्य पाचन और रक्त शर्करा विनियमन में महत्वपूर्ण होता है २)पैंक्रियास के प्रकार कितने है? -पैंक्रियास के २ प्रकार है  १) एक्यूट पैंक्रियास २) क्रोनिक पैंक्रियास ३) पैंक्रियास रोग होने के क्या - क्या लक्षण हो सकते है ? पैंक्रियास रोग के लक्षण निचे बताये गए निमानुसार हो सकते है , जैसे की १) पेट के ऊपरी भाग में दर्द  २) पित्ताश्य में पथरी  ३) अलकोहल का अधिक सेवन करना  ४) फैटी लिवर क्या है? हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग लीवर है। लीवर का मुख्य कार्य विषाक्त पदार्थों को निकालना और भोजन के पोषक तत्वों को संसाधित करना। लीवर में कुछ चर्बी का होना सामान्य है, पर लीवर के वजन का १०% से अधिक चर्बी है, तो आपको फैटी लीवर हो सकता है । ५)फैटी लीवर होने के कारण क्या है? जब अधिक कैलोरी खाने से लीवर में चर्बी जमने लगती है , तब लीवर चर्बी को सामान्य रूप से पचा नहीं सकता है, तो बहुत अधिक चर्बी जम जाती है। जिस के कारण से मोटापा , मधुमेह , जैसे कुछ स्थितियों से परेशान लोगों में फैटी लीवर होने की संभावना होती है ।  ६) होमियोपैथी में पैंक्रियास और फैटी लिवर का बिना ऑपरेशन इलाज ? यह रिपोर्ट श्रीमती अनामिका पाल की है।वह 28 वर्ष की हैं और जब आप रिपोर्ट देखते हैं, तो यकृत का आकार सामान्य रूप से 14.9 सेमी है,चिकनी रूपरेखा के साथ बढ़ी हुई इको बनावट दिखाई देती है और जब आप अग्न्याशय देखते हैं,अग्न्याशय की दृश्यमान सीमा इको बनावट और छोटे विषम संग्रह 2.1 गुणा 1.4 सेमी में न्यूनतम रूप से परिवर्तित दिखाई देती है। इसलिए, जब रिपोर्ट देखते हैं, ग्रेड 1 और ग्रेड 2 के बीच फैटी लीवर दिखाई देता है और अग्न्याशय में 21 गुणा 14 मिमी या 2.1 गुणा 1.4 सेमी के छोटे संग्रह के साथ इको बनावट में न्यूनतम रूप से परिवर्तन होता है।और ये अक्टूबर 2023 की रिपोर्ट है, करीब 10 महीने के इलाज के बाद फिर से उनके फॉलो-अप के लिए अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट की गई और जब आप रिपोर्ट देखेंगे तो इसमें अनामिका पाल का लिवर बड़ा हुआ है और उनका पैनक्रियाज सामान्य आकार में है, आकार और इको पैटर्न, सब कुछ सामान्य है। जब आप इंप्रेशन देखेंगे तो सिर्फ हेपेटोमेगाली दिख रही है, ग्रेड 1 और ग्रेड 2 के बीच फैटी लिवर साफ दिख रहा है, पैनक्रियाज की मिनिमल इको टेक्सचर में बदलाव दिख रहा था, वो भी सही है और उसके साथ ही छोटा कलेक्शन भी सही था। अब सिर्फ हेपेटोमेगाली लिवर में थोड़ी सूजन दिख रही है, बाकी चीजें साफ हैं। तो अगर आप केस देखेंगे तो ये वो केस था जहां मिनिमलली चेंज्ड इको टेक्सचर था और छोटा कलेक्शन था। ये शुरुआती केस हैं। अब अगर किसी मरीज को इस लेवल पर कोई परेशानी है तो ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में लगभग सभी मरीजों का इलाज इसी लेवल पर किया जाता है। तो अगर आप अपने केस में ऐसा नजारा देखते हैं तो इस बात का इंतजार न करें कि यह क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस में बदल जाए और उसके बाद यह कैल्सीफिकेशन, एट्रोफी बन जाए तो आप जॉइन करने के बारे में सोचें, इससे बेहतर है कि आप समझदार बनें, आप जो भी इलाज ले रहे हैं, उसे जारी रखें, आप अपने गैस्ट्रो डॉक्टर से जुड़ सकते हैं, आप राय ले सकते हैं, लेकिन आपको ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में इलाज शुरू करना चाहिए। जब आप इस लेवल पर जुड़ते हैं तो आपकी बीमारी बढ़ना बंद हो जाएगी, होम्योपैथी में ऐसी दवाइयां हैं। और आपके केस में ठीक होने की संभावना, जो कि संभावनाओं से लगभग पूरी है, इसलिए एक समझदार व्यक्ति की तरह इसे हल्के में न लें, बार-बार अटैक न आने दें, सही समय पर इलाज शुरू करें और एक अच्छी जिंदगी जिएं।
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frey's process treatment homeopathy
1. What is Frey's process? This is a newer operation that combines drainage and removal of pancreatic tissue, which also has fewer side effects. During this procedure, our surgeon opens the head of the pancreas. The diseased portion of the pancreatic duct inside the head of the pancreas is then removed. This allows pancreatic juice to drain evenly while preserving the pancreas and the first part of the small intestine. Frey's procedure can usually be performed in patients in whom the blockage is in the head of the pancreas. 2) What result do we get from Frey's process? There can be many types of risks in the procedure of Fry such as, -bleeding infection, changes in digestion or absorption of nutrients And the patient may experience severe pain.  After doing Frey's surgery, we do not feel any pain for 2 months. We get immediate relief from Frey's procedure but there is a possibility of infection of pain in 5-6 months.  3) What is the treatment of Frey's process in homeopathy? You have been told about Frey's procedure. But what are the circumstances where you should not have this surgery? - In case of pancreatitis, the pancreas is connected to the jejunum, its duct system and this is a surgery called Frey's procedure.  Usually, the patient is advised to do so, but what are the circumstances where you should not get it done? For clarity, I have made this video. If you can see in your case that you are having frequent acute attacks and the reason behind it is autoimmune disease or your genetic background tests positive on chronic pancreatitis or acute pancreatitis.  You have chronic pancreatitis but are having acute attacks. In the pancreas, one or two strictures are visible. So, if stenting is done once or twice or the right medicine is given, this condition can also be cured.In small size duct system, there are stones of 3 mm, 4 mm and 5 mm. Or some stones or calcifications in parenchyma are seen in small size. And due to all these conditions you are having frequent pancreatitis attacks and it is advisable to get the procedure done.  This is not an indication. Do not get it done in this situation. Here, getting it done will have no effect. Your disease is progressing and the pathology is not so much that you need to connect the ductal system of the pancreas to the jejunum. You Can manage. The medicine is very effective. With the use of this medicine, if one or two narrowings are seen in MPD, then it can also be balanced. In this case, stenting is required once or twice. In MPD, there are small sized stones in the duct, this can also be treated with the medicine. Can be removed from.Small parenchymal calcification is visible, this can also be managed. Due to autoimmune or genetic background, acute attacks are coming again and again. This can also be managed with homeopathy. So, if you are looking at all these criteria and you are advised to undergo pancreas surgery, then do not get it done in this situation.All these conditions can be managed with the medicine from Brahma Homeopathic Healing & Research Center and can bring good recovery in the case.
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pancreas me vajan kab badh sakta hai
१) पैंक्रियास क्या होता है ? पैंक्रियास मानव शरीर का एक मुख़्य भाग होता है ,जो की पेट के पीछे एक बड़ी ग्रंथि है ,जिसका काम पाचन और रक्त शर्करा विनियमन में महत्वपूर्ण रोल निभाता है। २) अग्नाशयशोथ बीमारी होने के क्या - क्या लक्षण हो सकते है ? अग्नाशयशोथ बीमारी के लक्षण निचे दिए गए निमानुसार हो सकते है , जैसे की - पेट के ऊपरी बाये हिस्से में दर्द का होना  - पित्ताश्य की पथरी होना - अधिक शराब का सेवन करना  - अधिक धूम्रपान करना     ३) क्या अग्नाशयशोथ से वजन बढ़ता है? अग्नाशयशोथ होने पर हमारा वजन बढ़ सकता है, क्योंकि हमारे खून में चर्बी का उच्च स्तर, शराब का सेवन, तथा अन्य आदत से भी वजन बढ़ाने में योगदान देते है वे भी एक्यूट पैंक्रियास अग्नाशयशो के लिए जोखिम कारक हैं। ४) क्या पैंक्रियाज का इलाज संभव है? पैंक्रियाज का इलाज ज्यादा तर 80% - सही उपचार से ठीक हो सकते हैं। अगर सही उपचार न कराया जाए, तो बीमारी जानलेवा का कारण भी बन सकती है, होमियोपैथी में बिना सर्जरी पैंक्रियास का इलाज ? - चेन्नई का एक मरीज है जो 6 महीने से हमारे पास है। 6 महीने के इलाज के बाद, उसने एक सच्चा सवाल पूछा कि मेरा वजन क्यों नहीं बढ़ रहा है? अब इस केस को समझते हैं। यह क्रोनिक कैल्सीफाइड पैंक्रियाटाइटिस का बहुत एडवांस स्टेज है। मरीज के केस में, क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस है, शोष दिख रहा है, नली में पत्थर है, और नली के बाहर पैरेन्काइमल सिस्टम में कई पत्थर दिख रहे हैं। और यह केस 20-25 साल पुराना है। वह लंबे समय से इस स्थिति से पीड़ित है और एंजाइम पर निर्भर है। इसके साथ ही, मधुमेह है और इंसुलिन भी चल रहा है। और यह भी कई सालों से चल रहा है। इसका मतलब यह एक जटिल मामला है और यह बहुत पुराना और एडवांस केस है। उसे इलाज लिए 6 महीने हो चुके हैं। अब अगर आप इसे अच्छी तरह से समझ गए हैं, तो आप समझ जाएंगे कि आपका सिस्टम, आपका पैंक्रियाज 70-80% क्षतिग्रस्त हो चुका है। और बचा हुआ हिस्सा काम कर रहा है। और अधिकतम मामले में, आप देखेंगे, अगर यह स्तर है, तो रोगी वर्षों से एंजाइम ले रहा है। अब आपका सिस्टम एंजाइम के लिए बाहरी स्रोत पर भी निर्भर करता है। अगर एंजाइम बाहरी स्रोत से जाता है, तो आपका भोजन पच जाता है। इसका मतलब है कि आपका अग्न्याशय एंजाइम नहीं बना रहा है। आपके एंजाइम, यानी एक्सोक्राइन और एंडोक्राइन, अग्न्याशय के दोनों कार्य काम नहीं कर रहे हैं। अपर्याप्तता है, जिसे हम अग्नाशयी एक्सोक्राइन और एंडोक्राइन अपर्याप्तता कहते हैं। अब अगर हमें होम्योपैथी से इस मामले को मैनेज करना है, तो यहां आपको यह भी समझना होगा कि मामला 20-25 साल पुराना है। अब मैं इसे शुरू करूंगा। तो हमारा पहला लक्ष्य यह होगा कि अग्न्याशय में कार्य फिर से शुरू हो जाना चाहिए, जो भी हो, 30%, 40%, 50%। और समय के साथ, जैसे-जैसे इसमें रिकवरी होगी, हम धीरे-धीरे आपके एंजाइम प्रवाह को कम करेंगे। वजन का सवाल, पहले 6 महीने में, ऐसे एडवांस स्टेज केस में आपका वजन बढ़ना शुरू नहीं होगा। अगर आप एक साल तक दवाई लेते हैं, तो पहले साल में आपका एंजाइमेटिक फंक्शन बेहतर होगा।हम धीरे-धीरे आपकी खुराक कम करना शुरू करेंगे।जब आप दूसरे साल में प्रवेश करेंगे, तो आपका वजन थोड़ा बढ़ने लगेगा।और जो बदलाव पिछले 15-20 सालों में शरीर में नहीं आए हैं, वो सकारात्मक बदलाव आने लगेंगे।जब आप तीसरे साल के इलाज के लिए जाएंगे, तो आपको अपने ब्लड शुगर में भी सपोर्ट मिलेगा,और जो इंसुलिन की खुराक चल रही है, वो भी थोड़ी कम हो जाएगी।लेकिन आपका केस यहीं ठीक नहीं होगा। ये केस लॉन्ग टर्म ट्रीटमेंट में जाता है, आपको 4 साल, 5 साल और 7 साल तक इलाज पर रहना पड़ता है।जिससे आपकी क्वालिटी ऑफ लाइफ सुधरेगी, आपका एक्सोक्राइन फंक्शन, एंडोक्राइन फंक्शन, यानी एंजाइम बनने की प्रक्रिया और शुगर बैलेंस में सुधार होगा, क्वालिटी ऑफ लाइफ सुधरेगी, आपकी पाचन क्षमता सुधरेगी और आप सामान्य जीवन जीने लगेंगे।लेकिन यहाँ, इस मामले में, आपको धैर्य रखने की आवश्यकता है। अगर आपको लगता है कि तीव्र अग्नाशयशोथ का मामला 2 साल पुराना है, और यह जल्दी ठीक हो गया, क्रोनिक अग्नाशयशोथ का मामला 3-4 साल पुराना है, यह एक साल में ठीक हो गया।वैसे, अगर आपका मामला भी ठीक हो जाता है, तो इस मामले में ऐसा नहीं होगा।क्योंकि यह एक ऐसा मामला है जहाँ क्रोनिक अग्नाशयशोथ और शोष गंभीर है, अग्नाशयी नली में कई पत्थर हैं, बाहरी प्रणाली में कई पत्थर हैं, मधुमेह है, और आप इंसुलिन पर निर्भर हैं, यह एक जटिल मामला बन गया है।अब यह अन्य मामलों की तरह 1-2 साल में ठीक नहीं होगा। तो जब आप इस स्पष्टता से जुड़ेंगे, तो आपका मस्तिष्क स्पष्ट होगा, आपका मन स्पष्ट होगा, और धीरे-धीरे, धीरे-धीरे, आपका स्वास्थ्य बेहतर होगा, आपकी जीवन की गुणवत्ता बेहतर होगी, आप अपने जीवन को अच्छे स्तर पर जीएँगे, आप अपने स्वास्थ्य को भी अच्छे स्तर पर जीएँगे।
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brain tumor treatment bina surgery ilaaj
१) ब्रेन ट्यूमर क्या होता है? मस्तिष्क में होने वाले असामान्य कोशिका के वृद्धि और गांठ को मस्तिष्क का ट्यूमर कहते हैं।  २)ब्रेन ट्यूमर कितने प्रकार के होते है ? -ब्रेन ट्यूमर २ तरह के हो सकते हैं। १) कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर  २) बिना कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर  १) कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर : इससे मस्तिष्क के प्राइमरी ट्यूमर के नाम से भी जाना जाता है, ऐसे ट्यूमर जो की मस्तिष्क से शुरू होते है , और धीरे-धीरे शरीर के अन्य भाग में फैलते है।  २) बिना कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर :ये वाले ट्यूमर का विकास धीमे-धीमे होता है। इसके दोबारा होने की संभावना बहुत ही कम होती है। ३) ब्रेन ट्यूमर होने के क्या क्या लक्षण हो सकते है? ब्रेन ट्यूमर के लक्षण निचे दिए गए निमानुसार हो सकते है , जिसे की - सर में बार-बार दर्द का होना -आँखों से कम दिखना  -सोचने में कमी होना  - नींद में कमी आना ४) होमियोपैथी में ब्रेन ट्यूमर का बिना ऑपरेशन इलाज क्या है? नमस्कार, यह ब्रेन ट्यूमर का मामला है और आइए इसे इस रिपोर्ट के माध्यम से समझते हैं। मरीज का नाम चंद्रावती जी है और यह 2008-2023 की एमआरआई ब्रेन की रिपोर्ट है। जब आप रिपोर्ट देखते हैं, तो मास लेज़न अध्ययन से दाएं सेरिबैलोपोंटीन कोण प्रणाली में परिवर्तित सिग्नल तीव्रता अतिरिक्त अक्षीय मास लेज़न का पता चलता है।  घाव पोस्ट-कंट्रास्ट अध्ययन पर तीव्र वृद्धि दिखाता है। घाव छिद्रपूर्ण ध्वनिकी को चौड़ा करने का कारण बनता है और इसके परिणामस्वरूप चौड़ीकरण के साथ आंतरिक श्रवण नहर में फैलता है। दाएं 7-8 तंत्रिका परिसर घाव से अलग नहीं दिखाई देते हैं। जब आप छाप देखते हैं, तो एमआर इमेजिंग आंतरिक श्रवण नहर में फैले दाएं सेरिबैलोपोंटीन कोण के साथ अतिरिक्त अक्षीय मास लेज़न को तीव्रता से बढ़ाता हुआ दिखाता है और इस वजह से, रोगी को न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, मिर्गी और कई अन्य समस्याएं हैं। इसलिए, ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में उनका इलाज शुरू हुआ। इलाज के बाद, फिर से फॉलो-अप के लिए, जब रिपोर्ट की गई, तो मरीज का नाम चंद्रावती जी है, और यह 12 जनवरी, 2024 है, जो कि MRI मस्तिष्क की पुनरावृत्ति के लगभग 4-5 महीने बाद है। सेरेब्रल पैरेन्काइमा सामान्य ग्रे-व्हाइट मैटर दिखाता है, कोई फोकल या डिफ्यूज पैरेन्काइमा असामान्यता नहीं देखी गई। वेंट्रिकुलर सिस्टम सामान्य दिखाई देता है, ऑप्टिक अब सामान्य है, सेरिबेलर गोलार्ध सामान्य है, सीपी कोण 7-8 अब जटिल सामान्य दिखाई देता है, कोई एमआर सबूत महत्वपूर्ण असामान्यता का पता नहीं चला, फोकल पैरेन्काइमल घाव या रोधगलन का कोई सबूत नहीं है। इसलिए, कोई समस्या नहीं है। ब्रह्म होम्योपैथी में इलाज 4-5 महीने तक चला। ब्रेन ट्यूमर छोटे आकार का था और 5 महीने में ठीक हो गया था। इसका अभी भी इलाज चल रहा है। लेकिन इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जब भी छोटे आकार का ब्रेन ट्यूमर होता है, तो होम्योपैथी में रिकवरी रेट बहुत अच्छा होता है।इस बात की संभावना बहुत अधिक होती है कि ट्यूमर बिना सर्जरी के ठीक हो जाए। इसलिए, अगर आपके या आपके किसी रिश्तेदार के केस में छोटे आकार का ब्रेन ट्यूमर है, तो ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर बहुत अच्छे नतीजे देता है। और बिना सर्जरी के ठीक होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
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teevr agnaashayashoth kya hai
१) एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस क्या है? पैंक्रियास हमारे पेट के ऊपरी हिस्से में एक अंग है जो रस बनाता है और भोजन को पचाने में भी मदद करता है। एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस से पीड़ित मरीज को जो अचानक दर्द शुरू होता है और आमतौर पर कम हो जाता है। ,यदि समय से मरीज का इलाज न हो सके तो रोगी को जान का खतरा भी होता है। २)एक्यूट पैंक्रियास क्यों होता है? एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस होने के कई सामान्य कारण हो सकते है ,जो निचे बताये गए है -आपके खून में चर्भी का उच्च स्तर का होना - कुछ वायरस का संक्रमण होना - अधिक दवाइयाँ का सेवन करना ३)एक्यूट पैंक्रियास होने के क्या कारण हैं? -पित्ताशय की पथरी -अल्कोहल -स्टेरॉइड -कण्ठमाला रोग ४)होमियोपैथी में एक्यूट पैंक्रियास का बिना ऑपरेशन इलाज ? -अगर तीव्र अग्नाशयशोथ का दौरा पड़ा है और दर्द बहुत तीव्र है, तो इस अवस्था में इसका प्रबंधन कैसे करें? -इसका प्रबंधन करने के लिए क्या कदम हैं? - दो तरह के लोग इस वीडियो को देख रहे होंगे। एक वे हैं जो पहले से ही ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर के मरीज हैं, और दूसरे वे हैं जो अभी तक ब्रह्म होम्योपैथी से जुड़े नहीं हैं, लेकिन कहीं अपना इलाज करा रहे हैं या इलाज नहीं करा रहे हैं। अब, अगर किसी भी मामले में तीव्र अग्नाशयशोथ का दौरा पड़ता है और पेट में दर्द होता है, तो दो तरह का दर्द होगा।एक, दर्द इतना तीव्र होगा कि मरीज़ रुक नहीं पाएगा।वह दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाएगा। मैं आपको अंत में बताऊंगा कि इस स्थिति का प्रबंधन कैसे करें।लेकिन दूसरा, अगर दर्द की तीव्रता इतनी तीव्र है कि आप इसे इस हद तक मैनेज कर सकते हैं कि अनुपात से ज़्यादा दर्द न हो और आपको पता है कि आपको पैंक्रियाटाइटिस का अटैक है क्योंकि यह पहले भी बार-बार हो चुका है, तो इस मामले में आपको क्या करना होगा? अगर आप ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर के मरीज हैं, तो आपको तुरंत हमारी टीम से संपर्क करना चाहिए। आपको आपातकालीन दवा दी गई है। उस दवा को कैसे लेना है? कितनी बार लेना है? आपको हमारी टीम से पूछना चाहिए।डाइट प्लान भी वहीं सेट किया जाएगा।वे आपसे जुड़े रहेंगे।धीरे-धीरे आपका केस मैनेज हो जाएगा। लेकिन अगर आप हमारे मरीज नहीं हैं और यह वीडियो देख रहे हैं, तो सबसे पहले आपको यह समझने की ज़रूरत है कि जब भी पैंक्रियाटाइटिस का अटैक होता है, तो पैंक्रियाज़ में सूजन संबंधी बदलाव शुरू हो जाते हैं।और इस स्थिति में अगर आप कोई भी खाना या अनाज खाते हैं, तो आपका दर्द और बढ़ जाएगा। तो सबसे पहले आपको खाना बंद करना होगा। जितना हो सके अपने खान-पान पर नियंत्रण रखें। खाना जितना हल्का होगा, आपके लिए उतना ही अच्छा रहेगा।अगर आपको बहुत भूख लगती है, तो आपको 2-4 चम्मच दाल, चावल, खिचड़ी पीसकर लेनी है। आपको बहुत सारा पानी पीना है।अगर आपको भूख या प्यास लगती है, तो आपको बाहर का सारा खाना बंद कर देना है। आपको 24 घंटे के लिए घर का खाना भी बंद कर देना है। आपको अपने डॉक्टर द्वारा दी गई सभी दर्द निवारक दवाएँ लेनी हैं। 72 घंटे तक पूरी तरह आराम करें। आपको 72 घंटे तक कोई शारीरिक व्यायाम नहीं करना है।और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप घबराएँ नहीं।आप जितना घबराएँगे, उतना ही डरेंगे।आपके मामले को सही तरीके से मैनेज नहीं किया जाएगा। इसलिए, आप जितना ज़्यादा आराम करेंगे और जो कदम उठाएँगे, उन्हें उतना ही ज़्यादा ध्यान से सुनेंगे। कुछ मामलों में, हॉट बैग लगाने से भी मदद मिलती है।अगर आप इसे उस जगह पर लगाते हैं, तो आपको आराम भी मिलेग इसलिए, आप अपने खान-पान को सीमित कर सकते हैं और हॉट बैग एप्लीकेशन लगा सकते हैं।और अगर आपका दर्द अनुपात से बाहर है और आप इसे नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं, और यह पहली बार है और आप कुछ भी समझ नहीं पा रहे हैं, तो आपको इसे अनावश्यक रूप से मैनेज करने की आवश्यकता नहीं है। आपको किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि आपको इस स्तर के केस को अस्पताल में भर्ती करके मैनेज करना होगा। जब केस अनुपात से बाहर हो और आप इसे नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं, और मरीज को लगता है कि मेरा क्या होगा? मैं बचूंगा या नहीं?मेरा क्या होगा? इसलिए, डॉक्टर के मार्गदर्शन में इस स्थिति को मैनेज करना बेहतर है।तो, अगर आपके साथ ऐसा होता है, तो ये वो कदम हैं जिनका आप चरण दर चरण पालन करेंगे।तो, यह धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा।24 से 48 घंटे का चरण आपके दर्द को थोड़ा और कम कर देगा। ठीक होने के बाद, आप थोड़ी डाइट प्लस कर सकते हैं। लेकिन आप खाने में हल्का आहार रखें। और आपका केस 48 से 72 घंटे में और अधिक मैनेज हो जाता है।तो उस समय आप अपने हिसाब से थोड़ी और डाइट ले सकते हैं।बेहतर होगा कि आप एमाइलेज लाइपेस की रिपोर्ट भी फॉलो करें।आप शुगर की रिपोर्ट भी कर सकते हैं।आप खाने के बाद शुगर या पीपीबीएस के लिए एचबीए1सी की रिपोर्ट भी कर सकते हैं।तो जजमेंट होगा कि शुगर का लेवल क्या है?एमाइलेज लाइपेस का लेवल क्या है?तो मौजूदा स्थिति आपके सामने होगी। इसे मैनेज करना आसान होगा। और इससे केस से बाहर निकला जा सकता है। एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस का अटैक बहुत असहनीय होता है।लेकिन इससे बाहर निकला जा सकता है। ये एपिसोड दूर हो जाते हैं।मरीज ठीक हो जाता है। अगर उसे सही दवा मिल जाए। और मरीज की रिकवरी भी हो जाती है।
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chronic pancreatitis ka homeopathic ilaaj
1.क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस क्या है ? क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस ऐसी स्थिति है जिसमें पैंक्रियास सूजन के कारण स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते है ,फिर ठीक से काम करना बंद कर देता है। पैंक्रियास पेट के पीछे स्थित एक छोटा अंग है जो पाचन में मदद करता है। क्रोनिक पैंक्रियास किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। यह पुरुषों में अधिक होते है। क्रोनिक पैंक्रियास से परेशान लोगों को एक्यूट पैंक्रियास के एक या एक से अधिक हमले हो चुके होते हैं। 2. क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के क्या क्या लक्षण दिखाई देते है ? - क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के लक्षण निचे बताये गए अनुसार हो सकते है।  1) पेट के ऊपरी भाग में सबसे ज्यादा दर्द होना  २) अधिक शराब का सेवन करना ३) धूम्रपान  ४) वजन घट जाना ५) भूख में कमी होना  3. एट्रोफी ऑफ़ पैंक्रियास क्या है? जब किसी को एट्रोफी ऑफ़ पैंक्रियास होता है, तो इसका अर्थ है कि उनका पैंक्रियास छोटा और कमजोर हो जाता है। पैंक्रियास हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो भोजन को पचाने और हमारे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। जब पैंक्रियास अच्छे से काम नहीं करता है, तो हमें बीमार जैसा लगता है  4. होमियोपैथी में क्रोनिक ,एट्रोफी ऑफ़ पैंक्रियास का बिना ऑपरेशन इलाज ? इस वीडियो में एक केस स्टडी को समझते हैं। यह एक केस है जिसमें एक पुरुष रोगी की आयु 25 वर्ष की है।वह कई वर्षो से क्रोनिक अग्नाशयशोथ से पीड़ित था ।वह शोष दिखा रहा है। उसके पैरेन्काइमल कैल्सीफिकेशन और नली में कई पत्थर हैं।लगातार दर्द के कारण उसने अपनी सर्जरी करवाई।उसकी नली में कई पत्थर हैं। वह लगातार दर्द से पीड़ित हो रहा हैं ।उसे पैंक्रियाटिको जेजुनोस्टॉमी है, जिसका अर्थ है अग्न्याशय को जेजुनम से जोड़ा जाता है।डक्टल सिस्टम जेजुनम से जुड़ा होता है। अब ऐसा करने से। 2-3 महीने बाद, उसका दर्द कम हो गया। फिर से 2-3 महीने बाद, उसे फिर से दर्द के दौरे पड़ने लगे। उसे हर 1 महीने, 2 महीने या 3 महीने में दर्द के दौरे पड़ने लगे।6 महीने बाद, उसने होम्योपैथिक उपचार की तलाश की।उसने ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में अपना इलाज शुरू किया। जैसे ही इलाज शुरू हुआ, उसका मामला बेहतर हो गया और उसका दर्द कम हो गया। और धीरे-धीरे वह सब ठीक हो गया, लक्षण भी कम हो गए और उसका शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होने लगा। उसका पाचन ठीक हो रहा था। अब मैं आपको यह मामला बता रहा हूँ, क्योंकि कई लोग मुझसे YouTube पर या व्यक्तिगत रूप से यह सवाल पूछते हैं, अगर कई नलिकाओं में पथरी है, तो क्या सर्जरी करवाने पर वे हमेशा के लिए ठीक हो जाएँगे? तो लोगों के दिमाग में अगर आप सर्जरी करवाते हैं तो आप हमेशा के लिए ठीक हो जाएँगे, इसलिए यह सही कथन नहीं है, यहाँ आपको इस मामले में स्पष्टता की आवश्यकता है, जहाँ कई नलिकाओं में पथरी है, वह पथरी निकल गई है, वह सिस्टम जेजुनम से जुड़ गया है, इसलिए नलिका प्रणाली में सभी पथरी, अगर इसे हटा दिया जाता है तो आपका दर्द ठीक हो जाएगा। लेकिन आपकी बीमारी क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस एक प्रगतिशील बीमारी है, प्रगतिशील बीमारी के कारण आपकी रोग संबंधी स्थिति जो बीमारी की प्रगति है, समय के साथ बढ़ेगी और पैरेन्काइमल कैल्सीफिकेशन भी दिखाई देगा। इसलिए कैल्सीफिकेशन भी बढ़ेगा और आपको इस मामले की तरह दर्द के एपिसोड होने की संभावना होगी। उसे दर्द के दौरे आने लगे, कुछ मामलों में 2 साल बाद भी दर्द के दौरे नहीं आते, और कुछ मामलों में 5 साल बाद भी। हमने देखा है कि दौरे नहीं आते, लेकिन अगर किसी को लगता है कि उसका अग्नाशयशोथ ठीक हो जाएगा तो ऐसा नहीं होगा, यहाँ आपको स्पष्टता की आवश्यकता है, आपको यह समझने की आवश्यकता है कि केवल नली में मौजूद पत्थर साफ हो गया है, नली प्रणाली जेजुनम से जुड़ी हुई है, इसलिए वह पत्थर साफ हो गया है। इसके अलावा, यह रोग प्रगति जारी रहेगी, पैरेन्काइमल कैल्सीफिकेशन अभी भी है, और भविष्य में एट्रोफिक परिवर्तन बढ़ेंगे। आपको मधुमेह हो सकता है और अधिकांश मामलों में यह आता है, अब इस मामले में जब होम्योपैथी शुरू होती है तो जिस मरीज की मैं यहाँ चर्चा कर रहा हूँ उसका पहला काम यह होगा कि जो बीमारी बढ़ रही है उसका बढ़ना रुक जाएगा दूसरा, नया कैल्सीफिकेशन रुक जाएगा तीसरा, मौजूदा कैल्सीफिकेशन कम होना शुरू हो जाएगा और चौथा केस का रिवर्सल जिस स्टेज में केस चला गया है वह रिवर्सल होना शुरू हो जाएगा यह होम्योपैथिक दवाओं की क्षमता है और अग्नाशयशोथ में हमारे वर्षों के शोध पर आधारित चिकित्सकीय रूप से सिद्ध दवाएँ जो बहुत प्रभावी हैं और यह प्रगति यह स्वस्थ स्थिति यह रिवर्सल बहुत महत्वपूर्ण है, तो दो चीजें अगर आपके मामले में बहुत दर्द है नली में बड़े पत्थर हैं, तो अगर आप अग्नाशय या जेजुनोस्टॉमी करवाते हैं तो आपको स्पष्ट होना चाहिए कि यह समाधान नहीं है आप उस अस्थायी समस्या से बाहर आ गए हैं लेकिन क्रोनिक अग्नाशयशोथ ठीक नहीं होता है। ऐसा नहीं होगा यह कथन गलत है और यहाँ आपके पास स्पष्टता नहीं है आपको इस स्पष्टता को ध्यान में लाने की आवश्यकता है। और दूसरा पैंक्रियाटिक या जेजुनम स्टोमी किया जाता है उसके बाद जब आप होम्योपैथी शुरू करते हैं तो आपको बहुत मदद मिलेगी कई लोगों को कई पथरी होती है और नली में दर्द होता है तब भी वे होम्योपैथी शुरू करते हैं और उन्हें बहुत लाभ मिलता है।
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pancreas granthi kya hai
1.पैंक्रियास ग्रंथि क्या है? पैंक्रियास का दूसरा नाम अग्न्याशय है। अग्न्याशय हमारे पेट में स्थित एक अंग है। जो की हमारे द्वारा खाया जाने वाला भोजन शरीर की कोशिकाओं के लिए ईंधन में बदलने का महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। - पैन्क्रियाटाइटिस एक ऐसी समस्या है, जो व्यक्ति को अचानक से परेशान कर सकते है और कुछ दिन तक तो लगातार भी परेशान कर सकते है।    2.पैन्क्रियाटाइटिस में सूजन होने से क्या होता है? आपके अग्न्याशय में सूजन होने के कारण से अंततः ऊतकों में निशान भी पड़ जाते हैं। पैन्क्रियाटाइटिस में फाइब्रोसिस ग्रंथि के रूप में कार्य करने की क्षमता में भी कमी होने लगती है। आपके शरीर के लिए आवश्यक एंजाइम और हार्मोन का भी कम उत्पादन करता है, जिससे आगे समस्या होते है|3.पैंक्रियाज में इन्फेक्शन कैसे होता है? जब पाचन एंजाइम अग्नाशय की कोशिकाओं में सूजन हो जाते हैं, तो ये अग्नाशय के संक्रमण का कारण भी बनता है। क्रोनिक अग्नाशय में सूजन के बार-बार तीव्र हमलों से विकसित होता है। खराब अग्नाशयी कार्य पाचन संबंधी समस्याओं और मधुमेह का कारण भी बनता है। 4.homeopathy me pancreas ka bina surgery ilaaj? मई 2022 में मुझे पहली बार सिरदर्द हुआ. उसके बाद मुझे 5-6 महीने के लिए अस्पताल जाना पड़ा. मुझे संभाजी नगर, चट्टोपाध्याय, संभाजी नगर जाना पड़ा. वहां मेरा ऑपरेशन भी हुआ. लेकिन जब उन्होंने मुझे भर्ती किया, तो उन्होंने मुझे 5-6 दिनों तक खाना देना बंद कर दिया. उस समय मुझे अच्छा लगता था. छुट्टियों के बाद मैं घर चला जाता था. अगर मुझे खाना नहीं मिलता था, तो मेरे पेट में दर्द होता था. फिर मेरी पत्नी ने यूट्यूब पर आपका वीडियो देखा. उसने आपको खोजा. आपका वीडियो देखने के बाद, फरवरी 2023 में, मैंने आपकी दवाइयाँ लीं. 3 महीने बाद, मुझे बेहतर महसूस होने लगा.मुझे बेहतर महसूस होने लगा. अब मैं अच्छा महसूस कर रहा हूँ. अपने जीवन के पहले 15 महीनों में, मैं चल भी नहीं सकता था.मैं शौचालय भी नहीं जा सकता था. मेरी हालत बहुत खराब थी. मैं बहुत परेशानी में था.लेकिन अब, मैं ठीक हूँ. अब मुझे बस अपने खान-पान का ध्यान रखना है और दवाइयां नियमित लेनी हैं। जब मैं गाड़ी चलाता था तो बहुत बढ़िया गाड़ी चलाता था। मेरा वजन 58 किलो हुआ करता था। जब बीमारी शुरू हुई तो मेरा वजन 33 किलो हुआ करता था। अब मेरा वजन 53 किलो है।अब मेरा वजन सिर्फ 4-5 किलो रह गया है। बहुत सारे बदलाव आए हैं। अब मुझे जीने का मन करता है।पहले मैं उम्मीद की तलाश करता था। मुझे नहीं पता था कि मैं जी पाऊंगा या नहीं। अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मेरी जिंदगी अच्छी है। मैं आपके सामने इतना आगे आ गया हूं। पहले मैं कार में बैठकर 15-20 किलोमीटर भी नहीं चल पाता था। जब मैं चलता था तो मेरे पैरों में दर्द होता था। जब मैं चलता था तो मेरे पैरों में दर्द होता था। जब मैं चलता था तो मेरे पैरों में दर्द होता था। मुझे पता है कि मुझे दवाइयां लेनी होंगी। मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि आप जहां भी जाएं, दवाइयां जरूर लें। जब वो खाना बंद कर देता था तो उसे अच्छा लगता था। जब वो खाना बंद कर देता था तो उसे अच्छा लगता था। वो अच्छा महसूस करता था मैं उससे कहता था कहीं मत जाओ क्योंकि तुम्हें पैसे तो मिल जाएंगे लेकिन बीमारी बढ़ती रहेगी और तुम्हारे पास पैसे नहीं हैं तुम्हारे पास पैसे नहीं हैं वो तुम्हें एक या दो दिन में एडमिट करने के बाद एक क्लीनिकल मेडिकल देंगे लेकिन तुम्हारे पास पैसे नहीं हैं और इलाज बहुत अच्छा है और तुम बहुत अच्छे से समझते हो तुम किसी को समय नहीं देते ये बहुत अच्छा है मैं अपनी जिंदगी में जो गलतियां की हैं वो नहीं दोहराऊंगा मैंने सब कुछ बंद कर दिया तुम समझ जाओगे जिंदगी क्या है और इस जवानी को कैसे जीना है अगर कुछ हो जाए तो बहुत मुश्किल है तुम नहीं होते तो कोई फर्क नहीं पड़ता एक साल मैं एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में एडमिट रहा कोई फर्क नहीं पड़ा अब ये बहुत अच्छा है बहुत अच्छा
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mesenteric lymph nodes kya hai
1.मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स क्या है ? मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स को मेडिकल की भाषा में मेसेंटेरिक एडेनाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। ये मेसेंटरी में लिम्फ नोड्स में सूजन की समस्या है। लिम्फ नोड्स ऐसे भाग हैं, जो हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं। यह बैक्टीरिया, वायरस जैसे हानिकारक पदार्थों को फ़िल्टर करते हैं जिससे वे हमारे शरीर के अन्य भागों में न फैलें। 2.मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के क्या क्या लक्षण होते है ? मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के लक्षण नीचे बताये गए निमानुसार है जैसे की  -बीमार महसूस होना  - भूख में कमी होना  -थकान या ऊर्जा की कमी लगना -मतली , उल्टी या दस्त होना 3.मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के कारण क्या है मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के कारण नीचे बताये गए निमानुसार है जैसे की -संक्रमण:: वायरल, बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण -आंतों की सूजन:: क्रोन बीमारी , अल्सरेटिव कोलाइटिस -पेट की चोट:: किसी भी प्रकार का चोट लगना 4.बढ़े हुए मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स का क्या मतलब है? मेसेंटेरिक एडेनाइटिस नार्मल रूप से खतरनाक नहीं होता है, पर लम्बे समय तक लिम्फ नोड्स में सूजन का रहना किसी अधिक गंभीर बीमारी का संकेत हो भी सकता है। संक्रमण के कारण ग्रंथियाँ सूज जाती हैं, और इसका उपचार नहीं किया जाता है, तो ये खतरनाक हो सकता है Chandan Kumar Pandey Cured Patient Report 5.mesenteric lymph node ka homeopathy me bina operation ilaaj ? यह रिपोर्ट चंदन कुमार पांडे की है और 10.3.2023 की है, यहां, जब आप सीटी स्कैन की रिपोर्ट देखते हैं तो टर्मिनल इलियल लूप की दीवार का हल्का मोटा होना और दाएं इलियाक फोसा में कुछ बढ़े हुए मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स होते हैं, तो इस मामले में, जब आप देखते हैं बढ़ा हुआ मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड दिख रहा है और उसी समय ब्रह्मा होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में उनका इलाज शुरू हुआ। किसी भी मामले में जहां बढ़े हुए मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड को दिखाया जाता है, ज्यादातर मामले पाचन संबंधी गड़बड़ी और पेट दर्द से जुड़े होते हैं। इलाज शुरू होने से समय के साथ धीरे-धीरे उनकी हालत में सुधार होता गया। आमतौर पर हमें हर 4 महीने पर रिपोर्ट मिलती है. मैंने आखिरी रिपोर्ट यहां रखी है. और एक साल बाद उनकी सोनोग्राफी कराई गई. जब आप दोबारा सोनोग्राफी की रिपोर्ट देखेंगे तो यह रिपोर्ट मई 2024 की है और यह अल्ट्रासोनोग्राफी की रिपोर्ट है, जहां रिपोर्ट पूरी तरह से सामान्य दिख रही है। जब आप इंप्रेशन देखेंगे तो सामान्य अध्ययन, पित्ताशय, अग्न्याशय, गुर्दे, आंत, सब कुछ सामान्य है और पूरी रिपोर्ट सामान्य हो गई है। शारीरिक तौर पर उन्हें कोई परेशानी नहीं है. इसलिए, किसी भी मामले में, यदि बच्चों या वयस्कों में बढ़े हुए मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड दिखाई दे रहे हैं और उस स्थिति में लगातार पाचन संबंधी गड़बड़ी या पेट में दर्द होता है, तो उस स्थिति को ब्रह्मा होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर की दवा से ठीक किया जा सकता है। अगर आप अहमदाबाद में हैं तो सेंटर पर आकर दिखा सकते हैं. यदि आप अहमदाबाद से बाहर हैं, तो आप हमारी टीम से ऑनलाइन संपर्क कर सकते हैं और अपना ऑनलाइन उपचार शुरू कर सकते हैं। ऐसे में सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त होता है. मैंने अब तक जो भी मरीज़ देखे हैं, उनमें से लगभग सभी मरीज़ जो बढ़े हुए मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स के कारण परेशान हैं, उनमें से लगभग सभी ठीक हो जाते हैं।
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lymph nodes ka homeopathy me ilaaj
1. लिम्फ नोड्स क्या है? लिम्फ नोड्स हमारे पूरे शरीर में मौजूद होते हैं। वे हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता हैं। लिम्फ नोड्स हमारे शरीर के कीटाणु, संक्रमण और अन्य पदार्थों को पहचानने में और उनसे लड़ने में भी मदद करते हैं। "सूजी हुई ग्रंथियाँ" का अर्थ = एक या एक से अधिक लिम्फ नोड्स का बढ़ना है। किसी भी बच्चे में लिम्फ नोड्स यदि 1 सेंटीमीटर 0.4 इंच से ज्यादा चौड़ा हो तो उसे बड़ा माना जाता है। 2. सूजे हुए लिम्फ नोड्स के लक्षण क्या हैं? सूजी हुई लिम्फ नोड्स मटर जितनी छोटी या चेरी जितनी बड़ी हो सकती हैं। अन्य लक्षणों में शामिल हो सकते हैं: -- गले में खरास या खांसी -बुखार -रात में पसीना होना -अस्पष्टीकृत वजन घटाने 3.सूजे हुए लिम्फ नोड्स के कारण क्या है ? किसी भी तरह के संक्रमण, बैक्टीरियल, लिम्फ नोड में सूजन का सबसे आम कारण है। - ऑटोइम्यून रोग, जैसे कि :: रुमेटी गठिया या ल्यूपस, सूजन पैदा कर सकता है जिससे लिम्फ नोड्स सूज जाते हैं। -कुछ दवाएं, जैसे कि फेनीटॉइन और एलोप्यूरिनॉल कभी-कभी एलर्जी प्रतिक्रिया भी उत्पन्न कर सकती हैं, जिसके कारण लिम्फ नोड्स में सूजन आ जाते है  -गैर-संक्रामक कारण, जैसे कि लिम्फ नोड के पास चोट लगना या आघात, भी लिम्फैडेनोपैथी का कारण बन सकते है  4.homeopathy me lymph nodes ka sahi ilaaj? 10 साल के छोटे बच्चों में अगर बढ़े हुए मेसेंटेरिक लिम्फ नोड दिख रहे हैं और बच्चे को बार-बार पेट में दर्द हो रहा है, इलाज करवाने के बाद भी बच्चा ठीक नहीं हो रहा है, तो उस बच्चे में यह कितना गंभीर है? यह सवाल अक्सर मरीज हमसे पूछते हैं। तो अगर आपको इसके लिए सही स्पष्टता चाहिए तो सबसे पहले आपको चीजों का और विस्तार से अध्ययन करना होगा। तो सबसे अच्छी बात है कि आप सीटी स्कैन करवा लें। जब आप सीटी स्कैन करवा लेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि यह सिर्फ बढ़े हुए मेसेंटेरिक लिम्फ नोड की समस्या है या कोई और पैथोलॉजी या समस्या भी इसके साथ जुड़ी हुई है।  हम हर चीज को विस्तार से स्टेप बाय स्टेप समझेंगे। सबसे पहले हम यह समझते हैं कि अगर केस में सिर्फ बढ़े हुए मेसेंटेरिक लिम्फ नोड दिख रहे हैं तो इसके पीछे मुख्य कारण संक्रमण है। तो आपकी आंत में बार-बार संक्रमण हो रहा है। इसमें खाने-पीने की बहुत बड़ी भूमिका है और आपको सही दवा नहीं मिल रही है। अगर आप अपने खान-पान में सुधार करें और उचित दवाई लेना शुरू करें, तो आप बढ़े हुए मेसेंटेरिक लिम्फ नोड की समस्या को हल कर सकते हैं। लेकिन कुछ मामले ऐसे भी होते हैं, जहाँ इसके साथ और भी जटिलताएँ होती हैं और पृष्ठभूमि में कोई और विकृति होती है और किसी और कारण से, बढ़े हुए मेसेंटेरिक लिम्फ नोड दिख रहे होते हैं। उस कारण से, यह संभव है कि बच्चे को पेट की टीबी, आंतों की तपेदिक या पेट की खांसी हो। यह संभव है कि कैंसर जैसी कोई और गंभीर बीमारी हो या छोटी या बड़ी आंत या किडनी या अग्न्याशय की कोई और बड़ी समस्या हो।या अंग में कुछ और संबंधित रोग संबंधी परिवर्तन हों और उसके कारण बढ़े हुए मेसेंटेरिक लिम्फ नोड दिख रहे हों। तो, जिस विकृति या स्थिति के कारण ऐसा हो रहा है, आप उस स्थिति का सही तरीके से इलाज करेंगे। और उसके लिए, जो भी आहार की आवश्यकता है, आप उस योजना का पालन करेंगे। तो, इस स्थिति से उबरा जा सकता है। तो, आपके बच्चे का मामला गंभीर है या नहीं, यह अंतर्निहित विकृति पर निर्भर करेगा। और आप इसे सीटी स्कैन के माध्यम से समझ सकते हैं। तो, आपके मामले में, यदि बढ़े हुए मेसेंटेरिक लिम्फ नोड दिखाई दे रहे हैं और कुछ भी नहीं दिख रहा है, तो यह बहुत गंभीर नहीं है। इससे मृत्यु, मृत्यु दर या कोई अन्य संलिप्तता नहीं होती है। केवल शर्त यह है कि कोई गहरी गंभीर विकृति रेखांकित नहीं होनी चाहिए। और अगर गहरी गंभीर विकृति है, तो मामले की गति अलग होगी और इसका प्रबंधन बदल जाएगा।और अगर केवल बढ़े हुए मेसेंटेरिक लिम्फ नोड हैं, तो इसका प्रबंधन बदल जाएगा।
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ulcerative colitis ka diet plan kya hai?
1.अल्सरेटिव कोलाइटिस क्या है? अल्सरेटिव कोलाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसे हम IBD के नाम से भी जानते है । अल्सरेटिव कोलाइटिस बीमारी में, बड़ी आंत (कोलन) और मलाशय की अंदरूनी परत में सूजन हो जाने से कोलन अल्सर हो जाता है, जिससे रक्तस्राव होता है। अल्सरेटिव कोलाइटिस सब कोलन को भी प्रभावित करते है, लेकिन ये आमतौर पर मलाशय और कोलन के निचले हिस्से में होते है। अल्सरेटिव कोलाइटिस सूजन के कारण से कोलन अक्सर खाली हो जाता है, जिससे दस्त भी हो सकता है। 2.अल्सरेटिव कोलाइटिस का क्या कारण है? -असामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएँ -बैक्टीरिया, वायरस और कवक -आस-पास का वातावरण और शरीर के बाहर के कारक  3.अल्सेरिटिव कोलाइटिस में किस तरह के डाइट का उपयोग करना है ? -अल्सेरिटिव कोलाइटिस के में साबुत अनाज का सेवन करना लाभदाई है। जैसे की ,चावल, ज्वार, बाजरा और रागी  - दालें : लाल चना, हरा चना, और काले चने की दाल आदि। -दुग्ध उत्पाद: दही,  पनीर | - बीज रहित फल का भी सेवन करना चाहिए जैसे की ,सेब, केला, पपीता, अनार, नाशपाती आदि।  -अल्सेरिटिव कोलाइटिस के मरीजों को पालक, मेथी के पत्ते, धनिया पत्ते आदि का सेवन भी काफी अच्छा माना गया है।  ** इस वीडियो में हम अल्सरेटिव कोलाइटिस के डाइट प्लान को समझेंगे। अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण तो आप जानते ही हैं। लेकिन सबसे जरूरी बात यह जानना है कि डाइट क्या चुनें। अगर आपको लगता है कि यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, और आपकी मानसिक स्थिति इस ऑटोइम्यून बीमारी में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है, तो सबसे पहले इसे बनाए रखने के लिए आपको अपनी भावनात्मक स्थिति, मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना होगा, अच्छे से रहना होगा, योग करना होगा, सुबह खुली हवा में टहलना होगा, अच्छे लोगों के साथ रहना होगा, खुशहाल जीवन जीना होगा। तो यह मानसिक स्वास्थ्य का एक हिस्सा है। और जब हम डाइट की बात करते हैं, तो इस मामले में आप सभी तरह की सब्जियां, सलाद, फल जैसे प्राकृतिक रूप में चीजें लेंगे। आप अनाज, दाल ले सकते हैं, इससे आपको बहुत मदद मिलेगी। और कोशिश करें कि आप ज्यादा से ज्यादा सब्जियां, सलाद, फल लें। लेकिन एक बात आपको हमेशा याद रखनी चाहिए कि इसे पूरा नहीं खाना है। आपको इसे 4-5 बार में खाना है। और बाहर की सारी चीजें जिसमें तेल, तला हुआ, मैदा, बेसन, टोस्ट, ब्रेड, नॉनवेज, शराब, धूम्रपान, होटल के आइटम हैं। आपको कोई भी पैकेज्ड या प्रोसेस्ड चीज़ नहीं लेनी चाहिए जिसमें प्रिज़र्वेटिव या केमिकल हो। कुछ मामलों में दही और छाछ पेट के लिए कोई समस्या नहीं होती। इसलिए हम उन्हें लेने की अनुमति देते हैं लेकिन हम दूध से बने उत्पाद को कुछ समय के लिए बंद कर देते हैं। तो आप अपने डाइट प्लान में भी ये बदलाव ला सकते हैं। लेकिन हर केस की तीव्रता और गंभीरता अलग-अलग होती है। कुछ केस प्राथमिक स्तर के होते हैं, कुछ मध्यम स्तर के होते हैं, कुछ चरम स्तर के होते हैं जहाँ पूरी तरह से भागीदारी होती है। डाइट प्लान मरीज की तीव्रता पर आधारित होता है। इसलिए जब कोई मरीज हमारे अस्पताल में, ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में इलाज शुरू करता है, तो केस की तीव्रता को समझकर मरीज का उचित डाइट प्लान बनाया जाता है। तो सटीक डाइट प्लान आपके केस और रिपोर्ट से समझाया जा सकता है। लेकिन मैंने आपको सटीक विवरण के लिए मूल विचार दिया है। आपको आपकी रिपोर्ट भेज दी जाएगी। और जब रिपोर्ट देखने के बाद इलाज शुरू होगा, तो आपको इन दोनों पहलुओं में मार्गदर्शन मिलेगा। आपको एक सटीक उचित आहार मिलेगा। और दूसरा, आपको भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बनाए रखना है, इसके लिए उचित मार्गदर्शन मिलेगा।
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pancreatitis ka bina surgery ilaaj in hindi
1.पैंक्रियास क्या होता है ? पैंक्रियास को हम अग्न्याशय के रूप में भी जाना जाता है ,जो कि एक एंजाइम का उत्पादन करते है, जिससे खाने को पचाने में मदद मिल सकती है। जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि , पैन्क्रियाटाइटिस एक ऐसी समस्या है, जो एक व्यक्ति को अचानक से परेशान कर सकती है और कुछ दिन तक तो लगातार भी परेशान कर सकती है। कितने समय से ये समस्या मरीज को परेशान कर रही है, इसी के आधार पर निर्णय लिया जाता है कि ये किस प्रकार के पैन्क्रियाटाइटिस से पीड़ित है। 2.पैंक्रियास में सूजन के प्रकार ? -पैंक्रियास में सूजन के दो प्रकार होते हैं जैसे 1. एक्यूट पैंक्रियास 2.क्रोनिक पैंक्रियास 1. एक्यूट पैंक्रियास :: एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस से पीड़ित मरीज को अचानक पैंक्रियास में सूजन आ जाती है ,यह एक गंभीर स्थिति है,यदि समय से मरीज का इलाज न हो सके तो रोगी को जान का खतरा भी होता है।  2.क्रोनिक पैंक्रियास :: क्रोनिक पैंक्रियास ऐसी समस्या है जो की एक्यूट पैंक्रियास के बाद ही होती है। इस स्थिति में पैंक्रियास में सूजन लंबे समय तक व्यक्ति को परेशान कर सकते है। इस स्थिति के उत्पन्न होने का कारण लंबे समय तक शराब पीना या धूम्रपान करना है। 3.पैंक्रियास में सूजन के क्या क्या कारण हो सकते है ? निम्नलिखित कारणों से पैंक्रियास व्यक्ति को परेशान कर सकता है जैसे की , - शराब का अधिक सेवन करना  - धूम्रपान करना  - खून में उच्च कैल्शियम का स्तर -पेट की सर्जरी या चोट -मोटापा 4.क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस का क्या कारण है? क्रोनिक अग्नाशयशोथ के कारणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: -पित्ताशय की पथरी -रक्त में कैल्शियम का उच्च स्तर -आनुवंशिकता (परिवार से प्राप्त) 5.क्या पैंक्रियास का होमियोपैथी में बिना ऑपरेशन इलाज हो सकता है ? - हाँ , पैंक्रियास का होमियोपैथी में बिना ऑपरेशन इलाज हो सकता है . जिस मरीज को क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस है और मरीज को लगातार दर्द हो रहा है, उसकी ज़िंदगी का ज़्यादातर हिस्सा अस्पताल में ही गुज़रता है। डिस्चार्ज होने के बाद वो घर आता है, उसे फिर से दर्द होता है, उसे फिर से भर्ती होना पड़ता है। और फिर वो 10 दिन, 5 दिन वहाँ रहता है और फिर डिस्चार्ज होने के बाद घर आता है, फिर उसे अस्पताल में बार-बार दर्द होता है। इसी तरह से उसकी ज़िंदगी चल रही है।और आख़िर में कोई उपाय नहीं होता और डॉक्टर ने आपको बता दिया है कि आपको सर्जरी करवानी पड़ेगी। पैन्क्रियास सर्जरी को प्रक्रिया कहते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि क्या मुझे ये प्रक्रिया करवानी चाहिए या सर्जरी के बाद मेरी बीमारी ठीक हो जाएगी? क्या क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस हमेशा के लिए ठीक हो जाएगा याबिना किसी सर्जरी के मैं इस बीमारी से बाहर निकल सकता हूँ। तो, जिन लोगों को इस सर्जरी के बारे में सलाह दी गई है, उनके मन में इस तरह के सवाल हैं। अब उलझन में पड़कर क्या करें? तो इस वीडियो में मैं आपको बताऊंगा कि यह प्रक्रिया कैसे की जाती है, इसके संकेत क्या हैं, इसके क्या लाभ हैं, इसकी जटिलताएं क्या हैं, इससे कितना लाभ मिलेगा और इससे क्या ठीक नहीं होगा। और अंत में मैं आपको यह भी बताऊंगा कि बिना सर्जरी के इसे कैसे किया जा सकता है। आइए देखते हैं।इस सर्जरी के संकेत तब होते हैं जब मरीज को बहुत दर्द होता है और उसके पीछे का कारण या तो सिर में ट्यूमर होता है या कोई बड़ा पत्थर, नली में कोई संरचना या मुख्य अग्नाशय नली में बड़े आकार के कई पत्थर या अग्नाशय विभाग होते हैं।और इस कारण से जब मरीज को लगातार दर्द हो रहा हो और मरीज उस दर्द से मुक्त नहीं हो पा रहा हो, उस स्थिति में डॉक्टर फ्रेज प्रक्रिया की सलाह देते हैं। इस प्रक्रिया में क्या होता है? अग्नाशय के सिर में जो भी विकृति है, ट्यूमर है या नली के अंदर बड़े पत्थर या पथरी है, तो उन चीजों को निकाल दिया जाता है और पूरे अग्नाशय में आगे की तरफ से कट किया जाता है।और अग्न्याशय की नली को उजागर किया जाता है। अगर उसमें कोई पत्थर है, तो उसे निकाल दिया जाता है। उसी तरह, छोटी आंत में एक ग्रहणी होती है। छोटी आंत में एक ग्रहणी होती है। छोटी आंत में एक तीसरा हिस्सा होता है जिसे एलियम कहा जाता है। इसलिए अग्न्याशय में जेजुनम के ठीक सामने वाले हिस्से को काटा जाता है। कट जेजुनम में किया जाता है और अग्न्याशय के उजागर क्षेत्र को एनास्टोमोज किया जाता है। अब अग्न्याशय की जल निकासी प्रणाली...पाचन तंत्र के पहले भाग को सूखाकर फिर ग्रहणी के दूसरे भाग में इस्तेमाल किया गया। अब पाचन तंत्र में जल निकासी प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है। इसके क्या लाभ हैं? पहला लाभ यह है कि पाचन तंत्र के ग्रहणी से सीधे जुड़ने से स्रावित एंजाइम सीधे छोटी आंत में जाते हैं और अपनी पाचन भूमिका निभाने लगते हैं।बिना किसी परेशानी या समस्या के सभी एंजाइम सीधे आंत में जा रहे हैं। दूसरा लाभ यह है किट्यूमर, पथरी और सभी जटिलताओं की विकृति दूर हो गई। यानी आप इससे मुक्त हो गए। तो ये इसके मुख्य लाभ हैं। तो क्या इससे आपकी बीमारी ठीक हो जाएगी? क्या आपका क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस हमेशा के लिए ठीक हो जाएगा? नहीं, ऐसा नहीं होगा। क्योंकि क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस एक प्रगतिशील बीमारी है। यह आगे बढ़ रही है।आपको कोई लक्षण नहीं हो रहे हैं, आपको पथरी हो रही है, आपको तीव्र, पुरानी, जटिलताएं हो रही हैं, ऐसा करने से आपका एंजाइम बहुत अच्छे से जा रहा है और आपने विकृति को दूर कर दिया है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपको फिर से पथरी नहीं होगी, आपकी बीमारी आगे नहीं बढ़ेगी। आपको पथरी बनने की प्रवृति है, ऐसा जरूर होगा। बीमारी भी बढ़ेगी, शोष भी हो सकता है।और आपका क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस जरूर बढ़ेगा। तो प्रक्रिया शब्द का मतलब आपकी बीमारी का अंत नहीं है। जिस समय आपकी जिंदगी समस्या की वजह से खराब हो रही थी, आप उससे दूर हो गए हैं। आप उस पल के लिए सरल हो गए हैं, लेकिन बीमारी बढ़ रही है। और एक और बात बहुत महत्वपूर्ण है। कई बार सर्जरी की वजह से मरीज को जटिलता के तौर पर रक्तस्राव हो सकता है। सर्जरी के बाद की गलतियां भी हो सकती हैं, यानी सर्जरी में कुछ गलतियां हो सकती हैं।फोड़ा बन सकता है और कभी-कभी आपको पैन्क्रियाज में फिस्टुला भी दिख सकता है। तो इसमें कुछ जटिलताएं और फायदे हैं। लेकिन निश्चित तौर पर यह सर्जरी आपका इलाज नहीं है। ऐसा करने से आपकी बीमारी ठीक नहीं होगी। जो प्रगति हो रही है, वह तब तक जारी रहेगी जब तक आपको ऐसा उपाय या दवा नहीं मिल जाती जो आपकी बीमारी को बढ़ने से रोक दे और आपकी विकृति को उलट दे। तो क्या...जब प्रक्रिया के बाद भी यह बीमारी ठीक नहीं हो रही है, तो क्या दवाओं से इलाज संभव है? बिल्कुल। हमारे पास बहुत से ऐसे मरीज हैं जिन्हें सर्जरी की सलाह दी गई है। और बिना सर्जरी के ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर की दवाइयां उन लोगों को मुक्ति दिलाएंगी जिन्होंने अपनी जिंदगी का ज्यादातर हिस्सा अस्पताल और दर्द में बिताया है। और उनकी जिंदगी आसान हो जाती है।ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर की दवा क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के मामले में, आपकी पैथोलॉजी इसे ठीक करने का काम करती है जो बीमारी को बढ़ने से रोकती है और इसे उलटने में मदद करती है। इस वीडियो में, मैं आपको एक ऐसा केस दिखाऊंगा जिसमें मरीज की हालत ऐसी थी कि उसकी जिंदगी का ज्यादातर हिस्सा अस्पताल में ही बीता वह हमेशा दर्द में रहता था और सर्जरी के अलावा कोई विकल्प नहीं थाऔर उसे एक फ्रैश प्रक्रिया से गुजरने की सलाह दी गई और वह बिना किसी सर्जरी के ब्रह्म होम्योपैथिक किलिंग एंड रिसर्च सेंटर की दवाओं से बहुत अच्छा है। उसका वजन बहुत बढ़ गया है, वह खा सकता है और वह अपनी सामान्य जिंदगी, दिन-प्रतिदिन के काम पर वापस आ गया है। 
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acute on chronic pancreas ka ilaaj
1.एक्यूट क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस क्या होता है ? रोगी पहले से ही पुरानी पैंक्रियाटाइटिस से परेशान है और पैंक्रियाटाइटिस का तीव्र हमला तुरंत होता है। इसे क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस पर तीव्र कहा जाता है। 2.)तीव्र या जीर्ण अग्नाशयशोथ के लक्षण? -अत्यधिक पेट दर्द होना . -पेट के ऊपरी भाग में दर्द होना -वजन कम हो जाना 3.पित्ताशय की थैली कीचड़ क्या है? पित्ताशय की थैली का जमाव एक ऐसी परिस्थिति जो तब उत्पन्न होती है, जब पित्ताशय पूरी तरह से खाली नहीं होता है, तथा पित्त अंग में जमा पित्त गाढ़ा होकर जेल जैसा पदार्थ बन जाता है। 4.पित्ताशय में कीचड़ के सबसे आम लक्षण ? पित्ताशय की थैली के आमतौर पर सामान्य लक्षण होते हैं, जैसे की  -छाती में दर्द होना , -मिट्टी जैसा मल , -उल्टी या पतली होना , -दाहिने कंधे ने दर्द होना    Mr. Sajen Molla Cured Patients Report 5.acute on chronic pancreatitis or gallbladder sludge ka homeopathy me ilaaj ? ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में भारत के लगभग सभी मरीज अलग-अलग राज्यों से हैं और दुनिया भर के लगभग सभी मरीज जुड़े हुए हैं। और सभी मरीजों की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी है और रिकवरी भी बहुत अच्छी है। मैं यहाँ जिस मामले पर चर्चा करने जा रहा हूँ, वह बांग्लादेश के रहने वाले श्री साजेन मोला का मामला है। वे अग्नाशयशोथ से पीड़ित थे और उन्होंने ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर से ऑनलाइन उपचार शुरू किया। हम इस रिपोर्ट के माध्यम से देखेंगे कि उनका मामला कैसे आगे बढ़ रहा है। यह रिपोर्ट श्री साजेन मोला की है और रिपोर्ट के अंत में आप ढाका, बांग्लादेश देखेंगे। यह रिपोर्ट MRCP की है। अग्नाशय अपेक्षाकृत सूजा हुआ, सूजन वाला, रूपरेखा में अनियमित और इसलिए विषम, अग्नाशयी पैरेन्काइमा के भीतर हाइपर-इंटेंस सिग्नल चार्ज अग्नाशय की पूरी लंबाई को शामिल करता है। इसका मतलब है कि रोगी तीव्र अग्नाशयशोथ के हमले से पीड़ित है और क्रोनिक अग्नाशयशोथ का प्रभाव पूरे अग्न्याशय में देखा जाता है। एमपीडी मध्यम रूप से फैला हुआ है। 5.3 का एमपीडी फैलाव दिखा रहा है। एमपीडी और इसकी साइड ब्रांच के लुमेन के भीतर कई हाइपो-इंटेंस फीलिंग डिफेक्ट देखे गए हैं।एमपीडी के अंदर और इसकी साइड ब्रांच में कई पत्थर दिखाई दे रहे हैं।सीबीडी सामान्य है और पित्ताशय की थैली हल्की फैली हुई है। पित्त गाढ़ा हो गया है। उच्च बिंदु 10 तलछट का मतलब है कि पित्ताशय की थैली के लुमेन में कीचड़ दिखाई दे रहा है।इसका मतलब है कि पित्ताशय की थैली कीचड़ है। फैली हुई एमपीडी के साथ क्रोनिक अग्नाशयशोथ की पृष्ठभूमि पर सुझाव देने वाला तीव्र एडेमेटस अग्नाशयशोथ में सूजन संबंधी परिवर्तनों के साथ सिर के क्षेत्र में कई पथरी होती है। इसका मतलब है कि तीव्र या जीर्ण अग्नाशयशोथ। एमपीडी फैला हुआ है। एमपीडी और इसकी साइड ब्रांच में कई पत्थर दिखाई देते हैं। पित्ताशय की थैली में कीचड़।उसका मामला समझा गया।उनकी जीवनशैली को समझा गया। उचित आहार, जीवनशैली में सुधार और दवा की योजना बनाई गई। नियमित आधार पर फॉलो-अप किया गया। यह रिपोर्ट 3-1-2024, जनवरी-2024 की है। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में उनका ऑनलाइन इलाज शुरू किया गया 8 महीने के फॉलो-अप के बाद, MRCP रिपोर्ट फिर से की गई। अग्नाशय और अग्नाशयी नलिकाएं आकार में थोड़ी बढ़ी हुई हैं। 8 महीने के फॉलो-अप के बाद, MRCP रिपोर्ट फिर से की गई। पैरेन्काइमल तीव्रता सामान्य दिखाई देती है। MPD लगभग 2.5 है जो लगभग सामान्य है। बढ़ी हुई होने के कारण सूजन दिखाई दे रही है। क्रोनिक अग्नाशयशोथ का कोई प्रभाव नहीं। MPD डायल किया गया सामान्य दिखाई दे रहा है। कई पथरी सामान्य दिखाई दे रही है। पित्ताशय भी सामान्य दिखाई दे रहा है। पित्ताशय में कोई कीचड़ नहीं दिखा। जब आप इंप्रेशन देखते हैं तो अग्न्याशय में हल्का इज़ाफ़ा दिखाई देता है। क्रोनिक अग्नाशयशोथ स्पष्ट है, नली में कई पत्थर स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं, साइड ब्रांच के पत्थर भी स्पष्ट हैं, एमपीडी पतला भी ठीक है और पित्ताशय में कीचड़ भी ठीक है। उसका 8 महीने तक इलाज चला और उसे एक बार भी नहीं देखा गया। इलाज ऑनलाइन किया गया है और रिपोर्ट बहुत अच्छी है। पहले एमआरसीपी रिपोर्ट थी, अब एमआरसीपी रिपोर्ट भी है। यह एमआरसीपी की तुलनात्मक रिपोर्ट है। अगर आप अहमदाबाद, भारत से बाहर से हैं, तो आप ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में आए बिना अच्छा इलाज पा सकते हैं।आपको बेहतरीन नतीजे मिलेंगे। यह मामला वास्तव में कैल्सीफिकेशन के साथ क्रोनिक अग्नाशयशोथ है।इस मरीज का इलाज केवल होम्योपैथी दवा से और बिना किसी सर्जरी के किया गया।पूरी तरह से सामान्य।हल्का फुल्का सूजन वाला बदलाव ही दिखता है, अन्यथा मामला पूरी तरह ठीक है।अन्यथा मामला पूरी तरह ठीक है। मरीज की सेहत भी अच्छी है।
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ige ka homeopathy ilaaj in hindi
1.रक्त परीक्षण क्या है? खून में कुछ पदार्थों की मात्रा को मापने या अलग प्रकार की रक्त कोशिका की गणना करने के लिए खून के द्वारा किया जाने वाला परीक्षण। रोग के लक्षण , रोग पैदा करने वाले कारक की जांच करने, एंटीबॉडी मार्कर की जांच करने या देखने के लिए कि उपचार कितने अच्छे तरह से काम कर रहा हैं, इसलिए खून का परीक्षण किया जा सकता है 2.आईजीई के लक्षण क्या हैं? 1)बार-बार त्वचा का संक्रमण होना 2)त्वचा पर फोड़े का बार-बार होना 3)खुजली वाली त्वचा (एक्जिमा)  4)निमोनिया होना 5)ऊंचा आईजीई 3.आईजीई टेस्ट क्यों किया जाता है? DR.ब्लड तब टेस्ट करते हैं कि कहीं किसी को किसी चीज से एलर्जी तो नहीं है। वे IgE एंटीबॉडी नामक की जांच करते हैं जो हमारा शरीर तब बनाता है जब हम को किसी चीज से एलर्जी होती है।  4.IGE ka homeopathy upchar kya hai? यह श्री अक्षय की रिपोर्ट है। उनकी आयु 20 वर्ष है। यह रिपोर्ट 24 सितम्बर, 2023 की है। IgE का कुल स्तर 565 है। सितम्बर, 2023 में। इस दौरान उनका इलाज ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में शुरू किया गया। 10 महीने के इलाज के बाद उनका IgE स्तर फिर से जांचा गया। यह श्री अक्षय की 4 जुलाई, 2024 की रिपोर्ट है। IgE का कुल स्तर 275 है। IgE का पिछला स्तर 565 था। 10 महीने के इलाज के बाद उनका IgE स्तर अब 275 है। इसलिए ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर से IgE के स्तर को ठीक किया जा सकता है। इसे सामान्य सीमा में लाया जा सकता है। IgE टेस्ट ज्यादातर एलर्जिक कंडीशन में किया जाता है। अगर एलर्जिक राइनाइटिस, ब्रोंकाइटिस, पित्ती या त्वचा या शरीर के किसी अन्य हिस्से पर किसी अन्य एलर्जिक रिएक्शन की वजह से यह बढ़ा है, तो उस स्थिति में IgE टेस्ट किया जाता है। यह बढ़ा हुआ होता है। यह IgE के स्तर को दर्शाता है। IgE का स्तर जितना ज़्यादा होगा, मरीज़ की संवेदनशीलता उतनी ही ज़्यादा होगी। IgE का स्तर जितना ज़्यादा होगा, परेशानी का स्तर उतना ही ज़्यादा होगा। कुल IgE स्तर 565 था। 10 महीने के इलाज के बाद, अब उनका IgE स्तर 275 है। उनकी हालत अच्छी है। अगर आपका IgE स्तर बढ़ा हुआ है, तो आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। आप ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर से इलाज करवा सकते हैं। नतीज़ा अच्छा है। इलाज मौजूद है। आप अपना जीवन बेहतर बना सकते हैं।
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fatty liver treatment in hindi
1.फैटी लिवर रोग क्या है? लीवर , हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग है। लीवर का मुख्य काम विषाक्त पदार्थों को निकाल देना और भोजन के पोषक तत्वों को संसाधित करना है। लीवर में कुछ चर्बी होना सामान्य है, पर लीवर के वजन का १०% से अधिक चर्बी है, तो आपको फैटी लीवर हो सकता है । और अधिक जटिलताएं हो सकती हैं। फैटी लीवर से कोई नुकसान तो नहीं हो सकता है, पर कभी-कभी ज्यादा चर्बी लीवर के सूजन का कारण बन सकती है। 2.फैटी लीवर रोग के क्या लक्षण होते है ? 1.थकान महसूस होना  2.वजन कम होना या भूख में कमी होना  3.कमजोरी लगना 4.जी मिचलाना  5.पेट के मध्य या दाहिने ऊपरी हिस्से में दर्द होना  3.फैटी लीवर का मुख्य कारण क्या है? जब ज़्यादा कैलोरी खाने से लीवर में चर्बी जमने लग जाती है, तब लीवर चर्बी को सामान्य रूप से विघटित नहीं कर पाता है, तो बहुत ज़्यादा चर्बी जमा हो जाती है। जिस से मोटापा , मधुमेह , जैसे कुछ स्थितियों से परेशान लोगों में फैटी लीवर विकसित होने की संभावना होती है । Reena Shah Cured Patient Report 4. फैटी लीवर का होमियोपैथी में इलाज ? फैटी लिवर आज के समय में एक बहुत ही आम समस्या है। जो लोग बाहर का खाना खाते हैं, तले हुए खाने का बहुत इस्तेमाल करते हैं, शराब का बहुत इस्तेमाल करते हैं, खाने का समय और शेड्यूल मेंटेन नहीं करते हैं, उन लोगों में धीरे-धीरे फैटी लिवर की समस्या विकसित होती है। और प्राथमिक स्तर पर ग्रेड 1 फैटी लिवर में ज्यादा समस्या नहीं होती है, लेकिन जैसे-जैसे ग्रेड बढ़ता है, ग्रेड 2, ग्रेड 3 होता है, फाइब्रोसिस होता है और एक समय के बाद आपका लिवर फेल हो सकता है, लिवर में सिरोसिस भी देखा जा सकता है। किसी भी केस में फैटी लिवर है, तो इस पर थोड़ा ध्यान रखें, आपको इसके प्रति जागरूकता होनी चाहिए, इस बात की स्पष्टता होनी चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है, और आप अपनी तरफ से इसे ठीक करने के लिए सबसे अच्छा क्या कर सकते हैं। तो इसके फिर से दो हिस्से हैं, पहला है आपकी दवा, आपको इसे ठीक करने के लिए सही दवा मिलनी चाहिए, और दूसरा है आपका खान-पान और जीवनशैली, आप अपने डॉक्टर के जरिए अपने खान-पान और जीवनशैली को समझ सकते हैं, और जब हम दवा के नजरिए से बात करते हैं, तो होम्योपैथिक दवा में यह कारगर है कि यह फैटी लिवर जैसे मामलों को भी ठीक कर देती है। तो चलिए मैं आपको यहाँ एक रिपोर्ट दिखाता हूँ, मरीज़ है रीना शाह, वो 34 साल की है, ये रिपोर्ट है 21-03-2023 की, लिवर का आकार सामान्य है, समरूप दिखता है, पैरेन्काइमल इको बढ़ा हुआ है, निष्कर्ष देखने पर ग्रेड 1 फैटी लिवर में बदलाव दिखता है, ग्रेड 1 फैटी लिवर का मामला है, और ज़्यादातर मामलों में जहाँ फैटी लिवर होता है, जैसे एडवांस स्टेज होता है, मरीज़ को अपच, पेट में भारीपन, जकड़न, ठीक से पाचन न होना, ऐसी समस्याएँ दिखती हैं, ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में उनका इलाज शुरू हुआ और समय के साथ उनकी शारीरिक समस्याओं में बहुत अच्छे परिणाम मिले, चीज़ें काफ़ी सुधर गईं, समय के साथ हमने जो रिपोर्ट्स कीं, वो भी ठीक थीं, इसमें आखिरी रिपोर्ट है 27-04-2024 की, रीना जी, जब आप सोनोग्राफी देखते हैं, निष्कर्ष में कोई ख़ास असामान्यता नहीं पाई गई, लिवर का आकार सामान्य दिखता है, पैरेन्काइमल इको सामान्य दिखता है, अब लीवर का पैरेन्काइमा सामान्य दिख रहा है, फैटी लीवर बिल्कुल साफ दिख रहा है, तो आपके केस में भी अगर फैटी लीवर है, और वो ग्रेड 1, 2, 3 में है, या फिर लीवर में फाइब्रोसिस भी है, या फिर उसमें सिरोसिस के बदलाव दिख रहे हैं, तो ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर की दवा से इस स्थिति को रिवर्स किया जा सकता है, केस टू केस, मरीज के केस के हिसाब से दवा का सही चयन किया जाता है, साथ ही स्टेज कितनी एडवांस है, सही डाइट प्लान बनाया जाता है, जब आप दोनों चीजों को सही तरीके से फॉलो करते हैं, और जब हम नियमित अंतराल पर रिपोर्ट करते हैं, तो नतीजे जरूर अनुकूल आते हैं, और केस में बहुत अच्छा सुधार होता है,
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exocrine pancreatitis insufficiency treatment in hindi
1.एक्सोक्राइन अग्नाशय अपर्याप्तता (ईपीआई) क्या है बच्चे का अग्न्याशय शरीर में दो भूमिकाएँ निभाता है। ये इंसुलिन का उत्पादन करके उसे शरीर में भेज कर खून को शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में बहुत मदद करता है। अग्न्याशय खुराक को तोड़ने में मदद करने के लिए छोटी आंत में एंजाइम भी भेजता है। एक्सोक्राइन अग्नाशयी अपर्याप्तता, जिसे हम ईपीआई के नाम से भी जानते है, वह स्थिति है जब अग्न्याशय पर्याप्त मात्रा में एंजाइम नहीं बना पाता जो भोजन को तोड़ने में मदद करते हैं। 2.एक्सोक्राइन अग्नाशय अपर्याप्तता (ईपीआई) के लक्षण क्या है? -सूजन होना -पेट में ऐंठन या दर्द -दस्त होना  -पेट फूल जाना -वजन घट जाना  3. ईपीआई का क्या कारण है? ईपीआई का कुछ सामान्य कारण है , -मधुमेय , -क्रोहन रोग  - जन्मजात असामान्यताएं  -सीलिएक रोग  -H। V EPI Patient Cured Report 4.ईपीआई का होम्योपैथी इलाज? अग्नाशयशोथ से पीड़ित लोगों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण वीडियो होने वाला है। इस वीडियो के माध्यम से आपको बहुत ही महत्वपूर्ण अंदरूनी जानकारी मिलेगी। एक मरीज़ है जिसने हमसे संपर्क किया और अपना इलाज शुरू किया। आइए मैं आपको चरण दर चरण उसके लक्षण बताता हूं। अंत में मैं जो कहना चाह रहा हूं उसकी पूरी स्पष्टता आपको मिल जाएगी। तो बस बने रहिए इस वीडियो के साथ। इसलिए वह हमारे साथ शामिल हो गए. और जब उसके लक्षणों को ट्रैक किया गया तो पेट में दर्द नहीं हुआ। उन्हें एसिडिटी, गैस की परेशानी, अपच और मल में तैलीय समस्या है। लेकिन उनकी मुख्य समस्या यह है कि उनका मल तैलीय होता है। उन्हें एसिडिटी, गैस की परेशानी, अपच और कब्ज की समस्या है। उसका वजन कम हो रहा है.  उसकी भूख कम हो रही है. इस मामले में उनकी कमजोरी मौजूद है. अब, जब आप समग्र मामले को देखते हैं, तो कोई दर्द मौजूद नहीं है। लेकिन मल में तैलीयपन होता है जिससे स्पष्ट होता है कि यह अग्नाशयशोथ का मामला है। और पैन्क्रियाटाइटिस की समस्या भी नहीं होनी चाहिए। जब आप उसकी यूएसजी रिपोर्ट देखेंगे, तो उसका अग्न्याशय आकार और आकृति में सामान्य है। उनकी पैरेन्काइमल इकोोजेनेसिटी सामान्य है। उनका अग्न्याशय समरूप है और कोई फोकल द्रव्यमान नहीं है। उनकी मुख्य अग्न्याशय वाहिनी फैली हुई नहीं है। और कोई स्यूडोसिस्ट नहीं है. सब कुछ सामान्य है. उनका अग्न्याशय पूरी तरह से सामान्य है। जब आप उसकी मल इलास्टेज रिपोर्ट देखते हैं, तो यह 31.4 है जो 200 से अधिक होनी चाहिए। 31.4 का मतलब गंभीर अग्नाशय एंजाइम की कमी है। उनका अग्न्याशय एंजाइम नहीं बना रहा है. यह मामला गंभीर अग्न्याशय एंजाइम की कमी का है, जहां एंजाइम नहीं बन रहा है। गंभीर अग्नाशयी बहिःस्रावी अपर्याप्तता। तो, यह एक ऐसा मामला है जहां अग्न्याशय के प्रारंभिक चरण में अग्न्याशय में कोई रोग संबंधी परिवर्तन नहीं होता है। भले ही आप एमआरसीपी या सीटी स्कैन कराएं लेकिन मल में इलास्टेज बहुत कम होगा। इससे अग्न्याशय में वसा पच नहीं पाती है और मल तैलीय हो जाता है। अग्न्याशय में पाचन एंजाइम की बहुत कमी हो जाती है इसलिए भोजन ठीक से पच नहीं पाता है। परिणामस्वरूप, आपका वजन कम होना, अपच, मल में तैलीयपन, भूख में कमी, कब्ज या पाचन संबंधी समस्याएं देखने को मिलेंगी। बहुत ही कम लोग इस रिपोर्ट तक पहुंचेंगे कि हमें फीकल इलास्टेज करना चाहिए। मरीज की रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी नहीं होगी. शुरुआती अवस्था में रोगी इधर-उधर घूमता रहेगा और एसिडिटी या गैस की दवा लेगा। समय के साथ, रोगी का मामला प्रगति करेगा और इसमें पुरानी अग्नाशयशोथ, कैल्सीफिकेशन और मधुमेह दिखाई देगा। तब मरीज समझ जाएगा कि यह मामला अग्न्याशय एक्सोक्राइन अपर्याप्तता का था। तो, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश है. यदि आपको अग्नाशयशोथ है या आपके आस-पास इसके लक्षण हैं, जैसा कि मैंने आपको बताया है, तो आप इसके बारे में सोच सकते हैं और मल इलास्टेज की एक रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं, यह देखने के लिए कि आपका अग्न्याशय एंजाइम कितना बना रहा है और उस पर आपके अग्न्याशय का पूर्वानुमान तय किया जाता है। लेकिन अगर आपका मामला है जहां अग्न्याशय एंजाइम कम बना रहा है, तो ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में एक दवा है जो इसे बढ़ाती है और समय के साथ एंजाइम भी बेहतर होने लगते हैं। अग्नाशयशोथ में क्रोनिक या कैल्सीफिकेशन के चरणों को भी रोका जा सकता है और मामले को उलटा भी किया जा सकता है। यह संभव है। लेकिन यह वीडियो विशेष रूप से इसलिए है क्योंकि यदि आप ध्यान दें तो इसमें तैलीय मल, अपच और वजन कम होना शामिल है। उसे ठीक से भूख नहीं लग रही है. इस मामले में, यदि आप लुइज़ी या सीटी करते हैं और अग्न्याशय सामान्य है, तो मल इलास्टेज के बारे में सोचें। इसमें कमी आएगी और कहीं न कहीं अग्न्याशय एक्सोक्राइन अपर्याप्तता का मामला है और लोग जल्दी पकड़ में नहीं आते हैं। 
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kya homeopathy dawa ka side effect hota hai
1.होम्योपैथिक क्या है ? यह एक प्रकार की पूरक चिकित्सा है जो अत्यधिक तनुकृत पदार्थों के प्रयोग पर आधारित है, जिसके बारे में चिकित्सकों का यह दावा है कि इससे शरीर अपने आप ही ठीक हो सकता है। होम्योपैथी चिकित्सकों का दावा है कि यह अलग अलग तरह के बीमारियों का इलाज कर सकता है, जिनमें अस्थमा जैसी शारीरिक बीमारियाँ और अवसाद जैसी मनोवैज्ञानिक बीमारियाँ भी शामिल होती हैं। 2.होम्योपैथिक में कौन-कौन सी बीमारी का इलाज होता है? होम्योपैथी एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है जो शरीर की स्वाभाविक उपचार क्षमता को बढ़ाने पर केंद्रित होती है। इसमें ऐसे उपचार दिए जाते हैं जो रोग के लक्षणों को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति की पूरी स्थिति को समझते हैं। होम्योपैथी कई बीमारियों के इलाज में सहायक हो सकती है,1.एलर्जीज़ 2.स्किन रोग 3.माइग्रेन और सिरदर्द 4.तनाव और मानसिक समस्याएँ 5.हड्डियों और मांसपेशियों के रोग  3.होम्योपैथिक दवा में क्या-क्या परहेज करें? 1.होम्योपैथिक दवा में कुछ बाते का ध्यान रखना होता है जैसे की अल्कोहल पीना, तंबाकू और धूम्रपान जारी नहीं रखा जाना चाहिए 2.डोज ओवरलैप न करें  3.दवाओं को हाथों से न छुएं 4.क्या होम्योपैथिक दवा रिएक्शन करती है? होम्योपैथिक दवाएं आम तौर पर प्राकृतिक अवयवों से बनाई जाती हैं और उनका उद्देश्य शरीर के संतुलन में सुधार करना होता है, इसलिए दुष्प्रभाव आमतौर पर कम गंभीर होते हैं। क्या लंबे समय तक होम्योपैथिक उपचार लेने से कोई दुष्प्रभाव होता है या इस पर कोई निर्भरता होती है? तो, यह एक बहुत अच्छा सवाल है। अगर आप इसे गहराई से समझेंगे, तो आप जानते हैं और चिकित्सकीय रूप से हम यह भी देखते हैं कि होम्योपैथिक दवा से मरीज को कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। मरीज का जीवन बहुत अच्छा होता है। लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो 5-10 साल तक होम्योपैथिक दवा पर रहते हैं और उनका जीवन बहुत सहज हो जाता है। उनका शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, जीवन की स्थिति, सब कुछ बेहतर हो रहा है। अब, इस बिंदु पर, 5 साल और 10 साल के बाद, हमें इसे बहुत ध्यान से समझने की जरूरत है। क्या होम्योपैथिक दवा उनके लिए निर्भरता बन गई है या उन्हें आजादी दे रही है? अगर इस समूह में ऐसा हो रहा है कि होम्योपैथिक दवा लेने से वे अपनी जिंदगी खुलकर जी पा रहे हैं, उनके लिए यह स्वास्थ्य का स्रोत है, तो यह बहुत अच्छी बात है। लेकिन, फिर से, मानसिक बीमारी के कारण वे पूरी तरह से होम्योपैथिक दवा पर निर्भर हैं। इसलिए, यह संभव है कि बहुत कम मामलों में, होम्योपैथिक दवा पर रोगी की निर्भरता 10 साल, 20 साल, 30 साल या उनके जीवन के बाकी हिस्से तक हो सकती है। इसलिए, कुल मिलाकर, यदि आप परिदृश्य को समझते हैं, तो होम्योपैथिक दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। कोई निर्भरता नहीं है और कोई दुष्प्रभाव नहीं है। आप 5-10 साल तक होम्योपैथिक दवा लेते हैं और कोई समस्या नहीं होती है। सिवाय, 10,000 में से 1 मरीज, जहां रोगी पूरी तरह से होम्योपैथिक दवा पर निर्भर होता है और उन्हें लगता है कि वे अपना जीवन केवल होम्योपैथिक दवा या इस दवा से जी पाएंगे। और फिर, वे लोग अपने पूरे जीवन के लिए होम्योपैथिक दवा लेते हैं। अगर आप इसे बहुत गहराई से देखें, तो यह भी अच्छा है क्योंकि ऐसा करने से उनका जीवन अच्छा हो जाता है। लेकिन, अगर आप इसकी दूसरी गुणवत्ता देखें, तो यह एक तरह की निर्भरता है। तो, आपको यह बात देखने को मिलती है। अन्यथा, कुल मिलाकर, होम्योपैथिक दवा सबसे अच्छी है। लंबे समय तक इलाज में भी कोई दुष्प्रभाव नहीं।
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ca 19 9 ka bina surgery ilaaj
CA 19. 9 का स्तर सर्जरी के बिना कैसे घटाए ? CA 19.9 क्या है? CA 19-9 एक बीमारी का ट्यूमर मार्कर है। ट्यूमर मार्कर कोशिकाओं या आपके शरीर में सामान्य कोशिकाओं द्वारा बनाए गए पदार्थ होते हैं। स्वस्थ लोगों के रक्त में CA 19-9 की थोड़ी मात्रा हो सकती है। CA 19-9 का उच्च स्तर अग्नाशय के कैंसर का संकेत है। यह एक विशिष्ट प्रोटीन है जो अक्सर कुछ प्रकार के कैंसर, विशेषकर अग्नाशय के कैंसर में अधिक मात्रा में पाया जाता है। CA 19.9 का उपचार कैसे करे ? यदि आपका CA 19-9 स्तर बढ़ा हुआ है, तो सबसे पहले आपको किसी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए। वे वृद्धि के अंतर्निहित कारण का पता लगा सकते हैं और उचित परीक्षण और उपचार सुझा सकते हैं।यदि 19-9 गैर-कैंसरजन्य स्थितियों (जैसे अग्नाशयशोथ या यकृत रोग) के कारण बढ़ा हुआ है, तो आपका डॉक्टर उस स्थिति के लिए विशिष्ट उपचार की सिफारिश करेगा।यदि आप किसी भी स्थिति के लिए होम्योपैथी पर विचार कर रहे हैं, तो किसी योग्य होम्योपैथ या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है जो व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान कर सके । यदि आपका CA 19.9 का स्तर तीव्र गति से बढ़ रहा हैं तो आपको अपने हेल्थ केयर से जल्द ही परामर्श करना चाहिए। होम्योपैथी अपने रोगी को कुछ दर्द निवारक उपचार सुझाती है।  CA 19.9 की होमियोपैथी ट्रीटमेंट | Homeopathy treatment for CA 19.9 Without any surgery CA 19.9 एक अग्नाशय कैंसर ट्यूमर मार्कर है और जब इसका स्तर बढ़ता है, तो यह संकेत देता है कि रोगी को कैंसर हो सकता है। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर पर लोगों का भरोसा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। और हजारों लोग जो लाइलाज निराशाजनक मामलों से पीड़ित हैं, जिन्हें बताया जाता है कि इनका कोई इलाज नहीं है, ऐसी बीमारी ठीक नहीं हो सकती, आप कभी ठीक नहीं होंगे, कोई रास्ता नहीं है, कोई उम्मीद नहीं है, पूरी दुनिया में इसका कोई इलाज नहीं है। ऐसे क्रॉनिक केस, चाहे वह क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस हो या उसकी जटिलताएं, किडनी फेलियर केस, लिवर डिजीज, हार्ट प्रॉब्लम या ब्रेन प्रॉब्लम, ऐसे निराशाजनक मामलों का ब्रह्म होम्योपैथी में बहुत अच्छे से इलाज किया जाता है। इसमें हजारों लोगों को बेहतरीन नतीजे मिले हैं। और हम सब, हमारी पूरी टीम, आपका दिल की गहराइयों से बहुत-बहुत शुक्रिया अदा करते हैं, क्योंकि आप सबका हम पर बहुत भरोसा है।  आइए, इस वीडियो में मैं आपको ऐसे ही निराशाजनक केस के बारे में बता रहा हूं, उसका विवरण विस्तार से दे रहा हूं। ये CA 19.9 की रिपोर्ट है, जिसमें एक मरीज को पैंक्रियाटिक कैंसर या क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस की जटिल स्थिति है। उस स्थिति में CA 19.9 बढ़ जाता है। इस मरीज की रिपोर्ट में पैंक्रियाटिक भी पाया गया है और CA 19.9 बढ़ा हुआ है। तो चलिए ये रिपोर्ट देखते हैं। चलिए ये रिपोर्ट देखते हैं। CA 19.9, मरीज का नाम मंजू देवी है, जो 55 साल की महिला है। और CA 19.9 की रिपोर्ट 413.05 है। इसमें 413 लेवल दिख रहा है। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में उसका इलाज शुरू हुआ। ये रिपोर्ट 29 अप्रैल, 2024 की है। जब वो इलाज कराने आया तो उसे पेट दर्द, अपच, उल्टी, वजन कम होना और पीलिया जैसी समस्याएँ थीं। और उसकी त्वचा बहुत पीली पड़ गई थी। खून बहुत कम था। ये एनीमिक कंडीशन थी। और बहुत कमजोरी के साथ उसने अपना केस पेश किया। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में इस केस का सही से अध्ययन किया गया है. और उनको सही दवा दी गई. समय के साथ उनके केस में शारीरिक सुधार देखने को मिला. जब हमने दोबारा CA 19.9 की रिपोर्ट की, तो ये रिपोर्ट 29 जुलाई 2024 की है. मंजू देवी. और CA 19.9 41 दिखा रहा है. 413 का लेवल कुछ महीनों में 41 पर आ गया है. तो उनको सिर्फ होम्योपैथिक दवा दी गई है.  होम्योपैथिक दवा से हमें इतना बदलाव देखने को मिला. और इस तरह से हमें सबसे अच्छा आउटपुट मिला. उनका शारीरिक स्वास्थ्य भी अच्छा है. और मरीज की रिपोर्ट भी बहुत अच्छी है. तो आप सभी जो पहले से ही इलाज पर हैं और जिन लोगों को ऐसी निराशाजनक स्थिति है, लाइलाज बीमारियाँ हैं. उनके लिए कहा जाता है कि इसका कोई इलाज नहीं है । उन सभी के लिए ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर उम्मीद की किरण है. यह उम्मीद की जगह है।और यहाँ इलाज करवाकर हज़ारों लोग पहले ही ठीक हो चुके हैं। और हज़ारों लोग इलाज करवा रहे हैं। वो सभी लोग जो हमसे इलाज करवा रहे हैं, हमारे सेंटर से जुड़े हुए हैं।हम उन सभी का शुक्रिया अदा करते हैं। और तहे दिल से, हमारी तरफ़ से, हमारी टीम की तरफ़ से, आपका शुक्रिया। और आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे। ऐसी शुभकामनाएँ। शुक्रिया।
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freys procedure treatment in homeopathic
फ्रे की प्रक्रिया (Freys's Procedure) क्यों करवाई जाती हैं ? फ्रे की प्रक्रिया क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस से पीड़ित दर्दी की सारवार करने के लिए की जाती हैं ,यह एक शल्य चिकित्सा तकनीक है जिसका उपयोग आप क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस से पीड़ित रोगियों में दर्द को कम करने और रोगी का स्वास्थ अच्छा करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया विशेष रूप से तब करवाई जाती है जब रोगियों को गंभीर रूप से क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस की बीमारी हो।इसमें भयानक दर्द का अनुभव होता है। इस प्रक्रिया से आपको पैंक्रिटाइटिस के रोग से आराम मिल सकता हैं पर इसका कोई अंदाजा नहीं हैं की वह रोग आपको वापस न हो। फ्रे की प्रक्रिया से बीमारी को दूर करने के लिए आपको सर्जिकल प्रक्रिया का सामना करना होता हैं । जिसमे आपको कई संभवित जोखिम की सम्भावना रहती हैं। होमियोपैथी में दवाई के इलाज से आप कई पैंक्रिआटाईटिस जैसे रोग जैसे की अट्रोफि ऑफ़ पैंक्रियास , क्रोनिक पैंक्रिआटाईटिस , नाइक्रोटाइज़िंग पैंक्रिआटाईटिस जैसी बीमारी को १००% इलाज दिया गया हैं। मेने मेरे मेडिकल लाइफ में कई पैंक्रिअटिक केस देखे हैं जिसमे दर्दी कई सालो से बीमारी से जुच रहा होता हैं। इस वीडियो में दि गई जानकारी के माध्यम से हम पैंक्रियास के दर्दीओ को बताना चाहते हैं की फ्रे की प्रक्रिया का तुरंत फैसला लेने के आलावा आपके पास दूसरा कोनसे विक्लप और रास्ते हैं जिससे आप अपनी बीमारी को मिटा सकते हैं। फ्रे की प्रक्रिया से आपको क्या रिजल्ट प्राप्त हो सकता हैं ? फ्रे की प्रक्रिया में कई जोखिम रह सकते हैं जैसे कि रक्तस्राव संक्रमण, अग्नाशय नालव्रण, पाचन या पोषक तत्वों के अवशोषण में परिवर्तन ,और गैस्ट्रिक खाली करने में देरी ,दर्दी को भारी से भारी दर्द भोगना हो सकता हैं । फ्रे की सर्जरी करवाने से आपको 2 से 2.5 महीना तक शायद कोई दर्द का अनुभव नहीं होता हैं। फ्रे की प्रक्रिया से आपको तुरंत आराम मिल जाता हैं लेकिन दर्द का संक्रमण 5 से 6 महीने में लागु होने की सम्भावना होती हैं। । फ्रे की प्रक्रिया से आपको तुरंत आराम मिल जाता हैं।लेकिन बहुत कम ही मरीज होंगे जो यह सर्जरी का दर्द भोग सके हो। क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के लिए होमियोपैथी दवाई क्यों चुने ? होमियोपैथी ट्रीटमेंट का यह दावा होता हैं के इनके इलाज के कोई जोखिम नहीं हैं। होमियोपैथी में यह क्षमता होती हैं की वह रोग को जड़ से ख़तम करता हैं। यहाँ आपकी स्तिथि पहले जैसे गंभीर न हो इसलिए दर्दी ने 1 से 2 साल होमियोपैथी की दवाई लेना शुरू कर दिया जिसके नतीजे से दर्दी की सारि रिपोर्ट्स नार्मल हैं और दर्दी को दर्द से आराम मिल पाया। उनको कोई अन्य पीड़ा नहीं हो रही। होमियोपैथी एक रिसर्च बेस्ड साइंस हैं जिसका उद्देश्य दर्दी को होमियोपैथी तरीके से योग्य और असरकारक इलाज दिलवाना हैं। फ्रे की प्रक्रिया के लिए कब संकेत मिलते हैं ? क्रोनिक अग्नाशयशोथ जैसी बीमारी में असह्य पीड़ा से छूटने के लिए कई डॉक्टर्स फ्रे की सर्जरी की सलाह देते हैं जिसमे आपको तुरंत दर्द से छुटकारा मिलेगा यह निर्देश दिए जाते हैं। यह सर्जरी का एक विकल्प हैं जिसमे आपको बहुत जोखिम मिलते हैं। अग्नाशयी वाहिनी संकुचन होने से आपको बहुत गंभीर पीड़ा का सामना करना पड़ सकता हैं। जिसके कारण आपको सर्जरी का विक्लप ध्यान में आ सकता हैं।  अग्नाशयी स्यूडोसिस्ट वाले रोगियों का इलाज फ्रे की प्रक्रिया से किया जा सकता है, खासकर जब स्यूडोसिस्ट लक्षणात्मक या आवर्तक हों। ब्रह्म होमियोपैथी के किस इलाज से पैन्क्रियाटाइटिस की बीमारी से छुटकारा मिला ? ब्रह्म होमियोपैथी में आपको बिलकुल सटीक इलाज मिलता हैं । ब्रह्म होमियोपैथी  एक होमियोपैथी हॉस्पिटल जो आपको नेचुरल इलाज के लिए जाना जाता हैं। होमियोपैथी में मिला इलाज आपको अच्छे रिजल्ट प्रदान करेगा। ब्रह्महोमेओ में रोगी के लक्षणों और प्रभाव को जांच कर दवाई का डोज़ तैयार होता हैं। होम्योपैथ न केवल Pancreatitis से संबंधित लक्षणों का मूल्यांकन करेगा, बल्कि सबसे उपयुक्त उपचार निर्धारित करने के लिए संबंधित शारीरिक और भावनात्मक लक्षणों का भी मूल्यांकन करेगा। होम्योपैथी अक्सर स्वास्थ्य के लिए एक समग्र दृष्टिकोण पर जोर देती है, जिसमें न केवल दवाएं शामिल होती हैं, बल्कि जीवनशैली में बदलाव, आहार संबंधी सिफारिशें और भावनात्मक समर्थन भी शामिल होते हैं जो समग्र कल्याण को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
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endometrial polyp treatment in hindi
एंडोमेट्रियल पॉलीप्स (गर्भाशय पॉलीप्स) का बिना सर्जरी के उपचार । एंडोमेट्रियल पॉलीप्स (गर्भाशय पॉलीप्स) की समस्या गर्भाशय की आंतरिक परत (एंडोमेट्रियम) पर होती हैं। इसके कारण महिलाओ को कई परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं जैसी की अनियमित मासिक धर्म, भारी मासिक धर्म या मासिक धर्म के बीच स्पॉटिंग जैसी परेशानी।  एंडोमेट्रियल पॉलीप्स (गर्भाशय पॉलीप्स) के लिए होमियोपैथी उपचार और द्रष्टिकोण :- होम्योपैथी में, उपचार अत्यधिक व्यक्तिगत होते हैं। होम्योपैथ एंडोमेट्रियल पॉलीप से संबंधित लक्षणों का मूल्यांकन करेगा । होम्योपैथी अक्सर स्वास्थ्य के लिए एक समग्र दृष्टिकोण पर जोर देती है, जिसमें न केवल दवाएं शामिल हैं, बल्कि जीवनशैली में बदलाव, आहार संबंधी सिफारिशें और भावनात्मक समर्थन भी शामिल हैं जो समग्र कल्याण को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। Endometrial Polyp Treatment-Without surgery 1.जीवनशैली और आहार में बदलाव : - एंडोमेट्रियल पॉलीप से स्वस्थ होने के लिए आपको स्वस्थ वजन बनाए रखना, संतुलित आहार खाना और नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होना जैसी हार्मोनल संतुलन की क्रिया का अपनी दैनिक जीवन में समावेश करना चाहिए। जिससे आपके पॉलीप्स के विकास को घटाने में मदद मिल सकती हैं। हालाँकि जीवनशैली में बदलाव पॉलीप्स को खत्म नहीं कर सकते हैं, लेकिन आपके स्वास्थय को अच्छा बनाने में मदद कर सकेगा।  2.नियमित निगरानी:- एंडोमेट्रियल पॉलीप के सहित किसी और भी रोग की प्रगति हो रही हो या चिकित्सक उपचार को ट्रैक करने के लिए नियमित चिकित्सा मूल्यांकन और रेगुलर परीक्षण महत्वपूर्ण होता हैं। होम्योपैथिक उपचार को करने से आपके कई असाधरण दुखाव और परेशानीया नियंत्रण में आ जाएगी। होमियोपैथी एक रिसर्च हैं जिसमे रोग की जड़ तक पंहुचा जाता हैं। रोगी को कई बीमारी से छुटकारा पाने में सहायक बनती हैं।  3.हार्मोनल परिवर्तन :- हार्मोनल परिवर्तन करना आपके प्रजनन स्वास्थ्य को अच्छी ऊर्जा प्राप्त होगी। होमियोपैथी में हम रोगी की हार्मोनल सकती को विकसित करते हैं जिससे रोगी की रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ावा मिलता हैं। हार्मोन स्तरों में उतार-चढ़ाव से एंडोमेट्रियल अस्तर में परिवर्तन हो सकता है। जिससे बीमारी और बढ़ने का खतरा रहता हैं। होमियोपैथी से दर्दी को सुविधा पूर्व इलाज प्राप्त हो सकता हैं। 4. होमियोपैथी दवाई :- होमियोपैथी दवाई आपको एंडोमेट्रियल पोलिप्स से छुटकारा दिला सकती हैं। होमियोपैथी दवाई से आपको कई लाभ मिल सकते हैं जैसे की जीवनशैली में बदलाव, आहार संबंधी सिफारिशें और भावनात्मक समर्थन और कई अन्य जरुरी बदलाव जो समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।  5. डाइट आहार की सलाह:- एंडोमेट्रियल पोलिप को नियंत्रित करने के लिए आपको योग्य मात्रा में खुराक और पानी लेना चाहिए। आपकी शरीर की प्रजनन तंत्र को नियमित रूप से चलाने के लिए आपको अधिक मात्रा में omega-3 फैटी एसिड को लेना चाहिए। आपका दैनिक खान पान आपके प्रजनन शक्ति पर प्रभाव दाल सकता हैं. इसलिए रोजाना सब्जी और फलो का सेवन करते रहिये। आपको तुरंत ही आराम मिल पायेगा।  6.साइट्रिक एसिड का सेवन :- निम्बू में सबसे ज्यादा साइट्रिक एसिड पाया जाता हैं। एंडोमेट्रियल पोलिप गर्भाशय को अधिकतर हानि पहुंचाता हैं। इसलिए स्वस्थ गर्भा अवस्था के लिए साइट्रिक एसिड युक्त खाना खाना चाहिए। यह एंडोमेट्रियल पोलिप को रोकने में भी सहायरूप साबित होगा।  7.स्वछता और सुरक्षा :- आपको बीमारी से बचने के लिए कई प्रकार के कदम लेना आवश्यक हैं। आप एंडोमेट्रियल पोलिप को रोक नहीं पर उसको पकड़ने का प्रयाश आपको उससे सुरक्षा दिलवा सकता हैं। आपको कई इलाज कारवाना आवश्यक नहीं हैं परन्तु सही इलाज करवाना ही सहायमंद कदम हैं। महिला को अपने मासिक धर्म के दौरान कई सफाई रखने की जरूरत हैं। आपको नियमित बॉडी वाश और बॉडी हायड्रेसशन करना चाहिए। जिससे आपको इन्फेक्शन होने का खतरा न रहे। 8. धूम्रपान और शराब छोड़े :- ध्रूमपान और शराब का कम सेवन करना ही एक बेहतर जीवन की प्रति आपका सहयोग होगा। धूमप्रान से शरीर में कई प्रकार के विषैले और कैंसर जैसे तत्व निर्माण होते हैं। होमियोपैथी नेचुरल एवं सुयोग्य इलाज का समर्थन करता हैं। होमियोपैथी दवाई रिसर्च के अनुशंधान पे बनाई गयी दवाई हैं जो दर्दी को अपने अच्छे स्वास्थ्य की और बढाती हैं। 9.विटामिन सी से भरपूर फल ले :- आपके गर्भाशय की अच्छे स्वास्थय के लिए विटामिन C से भरपूर फल या सब्जी कहानी चाहिए जिससे गर्भशय संक्रमण को रोकने में मदद मिले।आप नींबू, संतरे, गोभी, कीवी, अमरूद, ब्रोकोली ,अनार और शिमला मिर्च खा सकते हैं। यह सारे खाधपर्दाथ आपको प्रजनन प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। 10.बहुत देर तक न बैठें :- अगरआपको लंबे समय तक बैठने की स्थिति हैं , तो आपको सावचेती रखने की ज़रूरत है। बहुत देर तक बैठने की आदत से श्रोणि क्षेत्र में रक्त संचार प्रभावित हो सकता है। इससे गर्भाशय की दीवार मोटी होने का खतरा हैंऔर एंडोमेट्रियल पॉलीप (गर्भाशय पॉलीप्स) होने का खतरा हैं। इसलिए होमियोपैथी डॉक्टर यह निर्देश करते हैं की आपको लगातार बैठने की अवधि को कम करना चाहिए। आपकी मांसपेशियों की गति और शरीर में अच्छे रक्त संचार के लिए हर घंटे थोड़ा-थोड़ा चलना आपके लिए प्रतिकूल रहेगा । आप इस प्रकार एंडोमेट्रियल पॉलीप (गर्भाशय पॉलीप्स) के खतरे से बच सकते हैं।
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chronic calcification pancreas ka homeopathic upchar
होम्योपैथी में क्रोनिक कैल्सीफिकेशन अग्नाशयी का उपचार हिंदी में क्रोनिक कैल्सीफिकेशन के बारे में आप क्या जानते हैं? क्रोनिक कैल्सीफिकेशन भारी सूजन की स्थिति है जिसमें आप अग्न्याशय में सूजन, घाव और संभावित क्षति महसूस कर सकते हैं। पुरानी स्थिति में आपको अग्नाशयशोथ के विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए आप सर्जरी के स्थान पर सही उपचार पा सकते हैं। क्रोनिक अग्नाशयशोथ के मानक कारण:- क्रोनिक कैल्सिफिकेशन पैंक्रियाटाइटिस के कारण यह दर्शाते हैं के आपको कोनसे कारण से यह बीमारी हो सकती हैं। इसे ध्यान से पढ़ना आपके लिए उचित साबित होगा। आप अपनी रिपोर्ट डॉक्टर को दिखा कर ही कोई निर्णय ले। 1. बार-बार होने वाला अग्नाशयशोथ 2. आनुवंशिक उत्परिवर्तन 3. शराब के दुरुपयोग पर 4. विषाक्त पदार्थ और औषधियाँ 5. अग्न्याशय के ट्यूमर (पत्थर) 6. पुटीय तंतुशोथ 7. पित्ताशय की पथरी 8. स्व - प्रतिरक्षी रोग 9. चिकित्सा का इतिहास  क्रोनिक अग्नाशयशोथ के सही लक्षण:- क्रोनिक कैल्सिफिकेशन ऑफ़ पैंक्रियास के लक्षण के लिए आपको अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए। ऐसे ही कोई भी निष्कर्ष पर मत पहुंचे। 1. भूख कम होना 2. मधुमेह 3. सूजन 4. लंबे समय तक रहने वाली सूजन 5. खुजली और सूजन 6. चिड़चिड़ा स्वभाव 7. पेट में दर्द होना  "क्रोनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक उपचार" होम्योपैथी में अग्नाशयी कैल्सीफिकेशन की उपचारविधि : होमियोपैथी में आपको पैंक्रियाटाइटिस के लिए एकदम बेजोड़ इलाज मिल जाता हैं। आपको अपने शरीर के लंबे स्वास्थ्य के लिए सर्जरी का तरीका टालना चाहिए। हम होमियोपैथी उपचार के द्वारा रोगी को कुदरती स्वस्थय देना पसंद करते हैं। हमारे हॉस्पिटल में कई क्रोनिक कैल्सिफिएड पैंक्रियाटाइटिस के मरीज ठीक हो चुके हैं। हम लोगो को यही सलाह देते हैं की आपको अपने शरीर की परहेज खुद करना चाहिए और बाकि का काम आपको डॉक्टर और ट्रीटमेंट पर छोड़ देना चाहिए। लोगो के विश्वास से और होमियोपैथी दवाई से हम पैंक्रियाटाइटिस को ठीक करने में सफलता हासिल करते हैं। उपचार विधी :- 1) दवाईया :- दवाई का सेवन खूब ध्यान से करना चाहिए। होमियोपैथी में आपको दवाइया लेने से कोई भी अन्य दुख या पीड़ा नहीं होती हैं। आपको इसको लेने से कोई भी शारीरिक तकलीफ नहीं होगी। आपको अभी से डॉक्टर डाइट का निर्देशन कर देते हैं जिससे आपको अच्छी ट्रीटमेंट लागु हो पाए। नियमित दवाई का सेवन करना ही मरीज को आराम दे सकती हैं।  2) शराब का कम सेवन :- शराब का सबसे बड़ा हाथ होता हैं बीमारी होने के पीछे। आपको शराब को लम्बे समय पे नुकशान पहुँचती हैं। यह कैंसर जैसी स्थिति पे मरीज को ला सकती हैं। यह बहुत हानिकारक साबित हो सकती हैं। पैंक्रिअटिटिस को ख़तम करना हैं तो आपको शराब को छोड़ना और कम करना आवश्यक हैं। 3) नियमित आहार :- नियमित आहार सेवन एक स्वस्थ जीवन का पहला पहिया हैं। आपको आपने दैनिक जीवन में खाने पर पूरा ध्यान रखना चाहिए। आपको ज्यादा हानि दे वैसा आहार आपको छोड़ना चाहिए। पैंक्रियाटाइटिस में कम स्वाद या घर का स्वस्थ भोजन खाना आपके लिए उपुक्त होगा जिसमे कई विटामिन , कैल्सियम ,आयरन युक्त , ताजा और स्वाद होना आवश्यक होगा।  4) तनाव और चिंता: तनाव को काम करने के लिए आपको रोजाना मस्तस्क की कसरत करनी आवश्यक रहेगी। आपको कोई भी तनाव को छुटकारा पाने के लिए आप को आपने परिवार जनो से सहयता लेनी चाहिए। होमियोपैथी में तनाव या अनिद्रा का उपचार मिल जाता हैं।  5) बॉडी हायड्रेशन :- पैंक्रिअटिटिस की गंभीर स्थिति के पीछे कई बार पैंक्रियास में स्टोन होता हैं। यदि आपको पैंक्रियास में स्टोन या पथरी हैं तो आपको जायदा पानी पीना चाहिए जिससे आपकी बॉडी में पानी की कमी न हो। पैंक्रियास में स्टोन के कारण से आपको कई बीमारी होने का अनुमान हैं। आपको यही ध्यान रखना हैं की रोज कम से कम २.५ लीटर से ज्यादा पानी का सेवन करना हैं।
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uterine fibroids ka bina operation ilaaj
गर्भाशय फाइब्रॉएड किसी भी सर्जरी के बिना ठीक हो सकता है? गैर- सर्जिकल उपचार बीमारी के लक्षणों को खोजके और फाइब्रॉएड के आकार को कम करने में मदद कर सकते हैं। यदि आपको शुरूआत के स्तर का गर्भाशय फाइब्रॉएड हुआ हैं या आप सर्जरी करवाने का सोच रहे हे तो आपको होमियोपैथी इलाज को लेना और डॉक्टर के बताये गए तरीके करना फायदेकारक साबित हो सकता हैं । यदि आप अहमदाबाद में हे तो आप हमारे हॉस्पिटल में आ सकते हैं। डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेकर आपको ज्यादा मदद मिलेगी। यदि आप कही बहार रहते हे तो आप हमें ऑनलाइन सर्च कर कॉन्टेक्ट कर सकते हैं। हम ऑनलाइन भी दवाई भिजवाते हैं और हम ऑनलाइन मीटिंग भी करवा सकते हे आपके लिए। हमारा होमेओपेथी दवाई से इलाज आपको कोई भी तरीके का नुकशान नहीं पोहचायेगा। क्या आप गर्भाशय फाइब्रॉएड के बारे में जानते हैं? गर्भाशय फाइब्रॉएड मांसपेशी कोशिकाओं और संयोजी ऊतक से बनी वृद्धि होती है जो गर्भाशय की दीवार के भीतर विकसित होती है। वे एकल या एकाधिक हो सकते हैं, तथा गर्भाशय में आकार, आकृति और स्थान में भिन्न हो सकते हैं।गर्भाशय फाइब्रॉएड, जिसे लेयोमायोमास या फाइब्रोमायोमास भी कहा जाता है, गर्भाशय फाइब्रॉएड के लक्षण क्या हैं ? 1) भारी मासिक धर्म रक्तस्राव 2) पैल्विक दर्द या ऐंठन 3) पेट में सूजन 4) जल्दी पेशाब आना 5) यौन पीड़ा Patient Cured Report क्या आपको गर्भाशय फाइब्रॉएड की बीमारी हैं ? क्या करना चाहिए ? 1) डॉक्टर से मिलने का समय निर्धारित करें: यदि आपको भारी मासिक धर्म रक्तस्राव, पैल्विक दर्द या अन्य लक्षण महसूस हो रहे हैं जो गर्भाशय फाइब्रॉएड से संबंधित हो सकते हैं, तो अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से मिलने का समय निर्धारित करें।  2) अपने लक्षणों पर चर्चा करें: अपनी नियुक्ति के दौरान, अपने लक्षणों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए तैयार रहें, जिसमें यह शामिल है कि वे कब शुरू हुए, वे कितने समय तक चलते हैं, और कोई भी कारक जो उन्हें ट्रिगर या खराब करता है। 3) निदान प्राप्त करें: आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता शारीरिक परीक्षण कर सकता है, चिकित्सा इतिहास ले सकता है, और फाइब्रॉएड की उपस्थिति और स्थान की पुष्टि करने के लिए अल्ट्रासाउंड या एमआरआई जैसे इमेजिंग परीक्षण का आदेश दे सकता है।  4) उपचार विकल्पों का पता लगाएं: फाइब्रॉएड के आकार और स्थान के आधार पर, आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपके लक्षणों को प्रबंधित करने और असुविधा को कम करने के लिए दवाओं, सर्जरी या अन्य उपचार विकल्पों की सिफारिश कर सकता है।  5) जीवनशैली में बदलाव पर विचार करें: स्वस्थ वजन बनाए रखने, नियमित रूप से व्यायाम करने और तनाव को प्रबंधित करने जैसे जीवनशैली में बदलाव करने से भी गर्भाशय फाइब्रॉएड से जुड़े लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। गर्भाशय फाइब्रॉएड में महिलाओं को कौन सी सावचेती रखनी चाहिए ? 1) स्वस्थ वजन बनाए रखें: संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करने पर ध्यान दे। इससे वजन बढ़ेगा और भारी मासिक धर्म रक्तस्राव कम करने में मदद मिल सकती है।  2) संतुलित आहार लेना : फलों और सब्जी खाना चाहिए जिससे आपको अच्छी शक्ति मिलेगी। अनाज से भरपूर आहार सूजन को कम कर सकता हैं तभी आपको अच्छा निदान प्राप्त होगा।  3) हाइड्रेटेड बॉडी : भरपूर पानी पीने से मूत्र प्रतिधारण और कब्ज जैसी दिक्कते काम होगी और आप अच्छे से जीवन जी पाएंगे।  4) भारी वजन उठाने से बचें: भारी वजन उठाना आपको भरी पद सकता हैं इससे आपको कई बीमारी हो सकती हैं। पैल्विक दर्द और बेचैनी जैसे लक्षण बढ़ सकते हैं। भारी वजन उठाने या झुकने से जायदा से जयादातर बचें और अगर आपको कुछ भारी उठाने की ज़रूरत है तो आप मदद मांग कर काम कर सकते हैं।  5) ज्यादा तनाव को रोके : तनाव चिंता जैसे लक्षणों को बढ़ा सकता है। ध्यान, योग और कसरत से या गहरी साँस लेने से तनाव कम कर सकते हो
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pancreatic calcification ka bina operation ilaaj
शराब पीना कितना हानिकारक होगा ? कैसे क्रोनिक कैल्सीफिकेशन ऑफ़ पैंक्रियाटाइटिस जैसी बीमारी हो सकती हैं ? अत्यधिक और लंबे समय तक शराब का सेवन क्रोनिक अग्नाशयशोथ और अग्नाशयी कैल्सीफिकेशन का प्रमुख कारण है।शराब अग्नाशयी नलिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और अग्नाशय को प्रोटीन युक्त तरल पदार्थ का उत्पादन करने के लिए उत्तेजित करती है, जिससे समय के साथ कैल्शिफिकेशन हो जाता है। पुरुषो की शराब पिने की लत से क्रोनिक कैल्सीफिकेशन हो शकता हैं ? अधिकांश दिशानिर्देश शराब कम करने का सुजाव देते हैं .जिसमें अत्यधिक शराब पीने या अत्यधिक खपत को न्यूनतम करने पर ध्यान दिया जाता है। पुरुषों के लिए प्रति सप्ताह कुल 14 ड्रिंक्स, तथा महिलाओं के लिए प्रति सप्ताह 7 ड्रिंक्स से अधिक नहीं।एक मानक अल्कोहल पेय में लगभग 14 ग्राम शुद्ध अल्कोहल होता है,शराब का अत्यधिक सेवन लीवर रोग का कारण बन सकता है. लम्बे समय तक शराब के सेवन से लीवर में सूजन हो सकती है, जिससे एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस हो सकता है । सिरोसिस शराब के कारण होने वाली यकृत क्षति का सबसे गंभीर रूप है। शराब यकृत में सूजन-रोधी और सूजन-रोधी कारकों के बीच संतुलन को बिगाड़ देती है, जिससे दीर्घकालिक सूजन और यकृत कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। शराब से महिलाओं का लीवर कैसे प्रभावित होता है? अग्नाशयशोथ के क्रोनिक कैल्सीफिकेशन के लिए कौन सा उपचार है? शराब के चयापचय में अंतर के कारण, महिलाएं शराब से संबंधित यकृत रोग के प्रति पुरुषों की तुलना में अधिक संवेदनशील होती हैं, भले ही वे कम मात्रा में शराब पीती हों। महिलाओं के लिए प्रति दिन 1 पेय और पुरुषों के लिए प्रति दिन 2 पेय से अधिक नहीं लेने का सुझाव देते हैं।महिलाओं के शरीर में आमतौर पर पुरुषों की तुलना में पानी का प्रतिशत कम होता है। चूंकि शराब शरीर के पानी में फैलती है, इसका मतलब है कि समान मात्रा में शराब पीने के बाद, महिलाओं में आमतौर पर पुरुषों की तुलना में रक्त में अल्कोहल की मात्रा (BAC) अधिक होती है। यहां तक कि मध्यम मात्रा में शराब का सेवन भी महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। शराब लीवर के लिए खतरनाक क्यों है? यह अग्नाशयशोथ के क्रोनिक कैल्सीफिकेशन का कारण कैसे बनती है? शराब यकृत के लिए विशेष रूप से खतरनाक है, क्योंकि इसका यकृत के चयापचय, सूजन और कोशिकीय स्वास्थ्य पर जटिल प्रभाव पड़ता है। जब शराब का सेवन किया जाता है, तो लीवर मुख्य रूप से अल्कोहल डिहाइड्रोजनेज (ADH) और एल्डिहाइड डिहाइड्रोजनेज (ALDH) जैसे एंजाइमों का उपयोग करके इसे चयापचय करता है। ये प्रक्रियाएँ शराब को एसीटैल्डिहाइड में बदल देती हैं, जो एक अत्यधिक विषैला यौगिक है। शराब के चयापचय से मुक्त कण उत्पन्न होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव का कारण बनते हैं। यह ऑक्सीडेटिव तनाव यकृत कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और सूजन का कारण बनता है। शराब हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकती है, तथा यकृत की कार्यप्रणाली और वसा चयापचय को नियंत्रित करने वाले हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकती है, जिससे यकृत को क्षति पहुंचती है।
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ovarian cyst kya hota hai in hindi
ओवरिन सिस्ट क्या होता है ?क्या आपको ओवरियन सिस्ट का खतरा हैं ? कैसे पता करेगें ?सर्जरी की जरुरत कब हैं ? ओवरिन सिस्ट क्या होता है ? ओवरिन सिस्ट एक द्रव से भरी थैली होती है जो अंडाशय की सतह पर विकसित होती है, महिला में दो प्रजनन अंगों में से एक है। महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट तब होता है जब एक या दोनों अंडाशय पर तरल पदार्थ से भरी थैली विकसित हो जाती है। क्या आपको ओवरियन सिस्ट का खतरा हैं ? कैसे पता करेगें ? यदि महिला को ओवरियन सिस्ट की बीमारी हो और आपको जल्दी ही डॉक्टर को परामर्श करना चाहिए और उसके अनुशार रिपोर्ट्स और हॉस्पिटल की प्रक्रिया सुरु कर देनी चाहिए।  यदि आपके रिपोर्ट्स में ओवेरियन सिस्ट 5 cm x 5 cm साइज की बता रहे हैं तो आपको होमियोपैथी दवाई से जरूर मदद मिल सकती हैं। यदि ओवरियन सिस्ट की साइज ज्यादा हैं तो ठीक होने की सम्भावना 40%, 50%, 60% and 70%. हो सकती हैं।  यदि आपको ओवरियन किस्त होगा तो आपको अचानक पेट के निचले हिस्से या पीठ में तेज़ दर्द होगा और योनि से खून आ सकता हैं। पेट में भरी सूजन होना यह सभी कारण से ग्रसित हो तो आपको जल्द ही जाँच करवा लेनी चाहिए।  ओवरिन सिस्ट के प्रकार क्या हैं? कूपिक सिस्ट:- फॉलिक्यूलर सिस्ट डिम्बग्रंथि सिस्ट का सबसे आम प्रकार है, जो सभी डिम्बग्रंथि सिस्ट का लगभग 75% होता है। वे तरल पदार्थ से भरी थैली होती हैं जो अंडाशय की सतह पर विकसित होती हैं, आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के कूपिक चरण के दौरान।  कॉर्पस ल्यूटन सिस्ट: यह प्रकार मासिक धर्म चक्र के ओव्यूलेशन (14-28 दिन) के बाद विकसित होता है। यह द्रव, रक्त या मलबे से भरा हुआ होता हैं। आमतौर पर इसका आकार 2 से 6 सेमी व्यास तक होता है  यदि सिस्ट का उपचार न हो पाया तो पॉलिसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम होने की आशंका होती हैं।  ओवरियन सिस्ट में सर्जरी की जरुरत कब हैं ? जानिए पूरी जानकारी के ओवरियन सिस्ट होने पर आपको सर्जरी कब करवाना और क्यों करवाने की आवश्यक्ता होगी। यदि आप बहुत बड़े साइज के ओवरियन सिस्ट से ग्रसित हैं जैसे की 10 cm x 10 cm और उससे भी ज़्यादा तब आपको सर्जरी के बारे में ध्यान देना चाहिए।  यदि आपको 5 cm x 5 cm तक की ओवरियन सिस्ट की स्थिति हैं तब आपको होमियोपैथी में अच्छा इलाज मिल सकता हैं।
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kidney stones treatment without surgery in homeopathy
कैसे गुर्दे की पथरी (किडनी स्टोन )को सर्जरी के बिना भी मिटाया जा सकता हैं ? KIDNEY STONE TREATMENT-Without Surgery - होमियोपैथी डॉक्टर से दिए गए असरकारक १० उपाय जिससे आप अपनी गुर्दे की पथरी (KIDNEY STONE ) को मिटा सकते हो। - ये सभी उपाय को आजमा सकते हैं और आप हमारी होमियोपैथी मेडिसिन की मदद से भी इसे प्राकृतिक तरीके से जड़ से मिटा सकते हैं। मेने मेरे होमियोपैथी करियर में बड़ी से बड़ी कद की किडनी स्टोन को जड़ से मिटाया हैं। हम यहाँ रिपोर्ट को भी दिखा रहे हैं जिससे आपको अधिक जानकारी का लाभ मिल पाए।  1. बॉडी - हाइड्रेशन सर्जरी के बिना किडनी स्टोन को मिटाने में सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है की पहले आपको खूब पानी पीना चाहिए जिससे आपका सरीर में रक्त जुड़कर स्टोन का निर्माण न कर सके । यह सुनने में बहुत कठिन नहीं लगता हैं ,इसलिए जरुरत जितना हाइड्रेटेड रहना और निरंतर पानी का सेवन करना ही आपका सबसे अच्छा प्रयास हो सकता है। बहुत पानी पीने से लोहि में मिनरल्स पतला हो जाते हैं इसकी वजह से वे सरीर में एक दूसरे से जुड़ कर स्टोन नहीं निर्माण कर पाते । होमियोपैथी के इलाज में डॉक्टर भी यही निर्देश करते हैं की आपको प्रतिदिन और कम से कम 2 या 3 लीटर से जयादा पानी पीना चाहिए । 2. नींबू रस का सेवन - घरेलु उपाय जब आपकी किडनी में स्टोन की बात पता चलती है तो आप नींबू के रस और पानी का अत्यादिक़ सेवन करना चाहिए जिससे इस घरेलु उपाय से आपकी किडनी स्टोन को (गुर्दे की पथरी ) मिटाया जा सकता हैं। नींबू पानी के सेवन से उसमे मौजूद रहे साइट्रिक एसिड कैल्शियम तत्व से स्टोन को कमजोर कर तोड़ने में मदद मिल सकती है। आपको एक गिलास पानी में एक हरा नींबू निचोड़कर उसे प्रतिदिन पीते रहने से आपको किडनी के दर्द से भी रहत मिल सकती हैं । यह एक होमियोपैथी डॉक्टर की दी गयी जानकारी हैं जिसको रिसर्च के आधार पर प्रदान की गई हैं। 3. अनार की गुणवंता अनार का जूस से कई असरकारक फायदे होते है बल्कि इसको तो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए भी पहचान और माना जाना जाता है। यह किडनी स्टोन की बीमारी में बहुत असरकारक योगदान देता हैं। स्टोन के आकार को कम करने और स्टोन को बनने से रोकने में मदद करता हैं ।आप अपने नियम अनुसार नियमित रूप से अनार के जूस का सेवन कर सकते हैं ।  Kidney Stone Cured Patient Report 4. डंडेलियन रूट टी-अनोखा उपाय आप यह उपाय को भी अपना सकते हैं जिसमे आपको डंडेलियन रूट टी का सेवन करना होगा । यह एक साधारण और मजबूत उपाय रहा हैं , यह आप अक्सर आपके बगीचे में उपद्रव के रूप में देख सकते हो या कई और औषधालय जैसे क्षेत्र में भी देखा हो सकता हैं , गुर्दे की पथरी के इलाज और देखभाल में यह एक मूल्यवान और असरकारक उपाय हो सकता है। यह मूत्रवर्धक के लिए उपयोगी हैं ,यह मूत्र प्रवाह को बढ़ाने के लिए उपयुक्त सामग्री हैं , जिसका सेवन करने से आप शरीर में से छोटे पत्थरों को बाहर निकाल सकते हैं। बस यह ध्यान दीजिये पहले सूखी डंडेलियन रूट टी की जड़ को गर्म या गुनगुने पानी में भिगोएँ बाद में इसको एक एक घूंट लेकर आराम से पिएँ।  5. तुलसी - प्राचीनतम इलाज तुलसी का सेवन करने की सलाह प्राचीन काल से ही दी गयी हैं और सबसे उच्तम औषधि माना जाता था। इसके सेवन करने से बहुत तरह के प्रभावशाली औषधीय गुण प्राप्त होते हैं । माना गया हैं कि यह गुर्दे की पथरी को घोलने और उसके दर्द को कम करने में मदद करती है। आप तुलसी को चबा सकते हैं या तुलसी की चाय बना सकते हैं। इसे प्रतिदिन करने से आपको जल्द ही राहत मिल सकती हैं।  6. ऑक्सालेट से युक्त खाद्य चीज़े खाये :- ऑक्सालेट गुण से युक्त पाए जाने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन मात्र से गुर्दे की पथरी का कद मिटाया जा सकता हैं । आप अपने जीवनशैली में पालक,चुकंदर और चॉकलेट जैसे खाद्य पदार्थ जिसमे ऑक्सालेट का उच्च स्तर होता है। इन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से आप किडनी स्टोन को कम कर सकते हो और पथरी की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एक असरकारक कदम साबित हो सकता है।  7. एप्पल साइडर विनेगर :- एप्पल साइडर विनेगर का उपयोग आप कई स्वास्थ्य से जुडी समस्याओं का इलाज करने के लिए कर सकते हो ,और किडनी स्टोन को जड़ से गायब करने के लिए आप इसको थोड़ी मात्रा में रोजाना इस्तमाल कर सकते हो । ऐसा माना गया हैं की यह पथरी को जड़ से गायब और उसे तोड़ने या बनने से रोकने में मदद कर सकता है। बस आप बताये अनुसार रोजाना एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर को एक गिलास पानी में मिलाएँ और इसे तब तक पिएँ जब तक आपको किडनी स्टोन से छुटकारा ना मिल जाये ।  8. मैग्नीशियम -बेजोड़ खनिज मैग्नीशियम एक मत्वहपूर्ण खनिज है जो कई किडनी स्टोन के निर्माण या उसके कद के निर्माण को रोक सकता है। यदि आपको या आपके परिवार में किसीको किडनी स्टोन हैं तो स्वास्थ्य सेवा प्रदाता इसकी सलाह देता है, की मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेना ग़ैरफायदेमंद नहीं हैं और उसके लेने से आपको गंभीर दर्द से छुटकारा मिल सकता है।  9. कम सोडियम वाला आहार सेवन आप अपने किडनी के स्टोन को शरीर से बहार फेकने और उसे घोलने के लिए कम सोडियम वाला आहार या सोडियम मुक्त आहार खाना चालु कर सकते हो। ज्यादा सोडियम वाला खाना आपके किडनी की स्टोन का जोखिम बढ़ा सकता है। नमकीन खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना एक समझदारी भरा विकल्प है। आप कम सोडियम वाला आहार चुनेगे तो आपके स्वास्थय और किडनी के लिए भी अच्छा है।  10. स्टोन के बारे में सक्रिय रहना जब यहाँ किडनी स्टोन को मिटाने की बात होती है तो में एक डॉक्टर के रूप में यह चेतावनी और सूचन देना चाहुँगा जो शारीरिक गतिविधि और आपको सबसे अच्छा इलाज देने में मदद रूप साबित हो सकते हैं । व्यायाम और कसरत आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद कर सकते हैं , और आपके शरीर में पथरी बनने के जोखिम और प्रक्रिया को कम कर सकता है। इसलिए, आपको पहले से ही सुनिश्चित करना चाहता हु की आप किडनी स्टोन को बिना सर्जरी से भी मिटा सकते हैं। यदि आपको मेडिकल ट्रीटमेंट करवाना उचित लगे तो आप हमारे टीम या वेबसाइट पे अपनी रिपोर्ट्स को भेज सकते हो आपको उचित रास्ता दिखाना ही हमारा धर्म और कार्य हैं। इसी तरह बताये गए उपाय से और नियमित रूप से व्यायाम करने से आप अपनी किडनी की स्टोन को जल्द ही गायब कर पाएंगे।
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double marker treatment in homeopathy
डबल मार्कर टेस्ट हिंदी में | गर्भावस्था में डबल मार्कर टेस्ट डबल मार्कर टेस्ट यह पता करने में सहाय करता है कि अजन्मे बच्चे में न्यूरोलॉजिकल असामान्यताएं या मानसिक विकार का खतरा हैं या नहीं। यह डाउन सिंड्रोम या ट्राइसॉमी 21, ट्राइसॉमी 18 और ट्राइसॉमी 13 का पता लगाने का काम करता है, जो बच्चे में मानसिक और शारीरिक चुनौतियों का कारण बन सकते हैं | डबल मार्कर टेस्ट के फायदे क्या हैं ? डबल मार्कर टेस्ट अनिवार्य नहीं है ,हालाकि यह करवाना शिशु के लिए उपयुक्त हैं |  डबल मार्कर टेस्ट करवाने से शिशु को कोई गंभीर अवस्था हो तो तुरन्त इलाज करने में रहत मिलती हैं | शिशु को कोई कमजोरी हो तो उसकी जान की जा सकती हैं।शिशु को कोई अंगदोष हो तो उसका सचोट जानकारी प्राप्त की जा सकती हैं ।  गर्भावस्था में सहायता: परीक्षण के परिणाम डॉक्टरों को गर्भावस्था को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने, संकेतित जोखिम स्तरों के आधार पर आगे के परीक्षण या निगरानी का मार्गदर्शन करने में सहायता कर सकते हैं। प्रारंभिक चेतावनी: कई माता-पिता के लिए , यह परीक्षण आश्वस्त करता है कि परिणाम सामान्य हैं। यदि कोई असामान्यता पाई जाती है , तो यह गर्भावस्था के शुरुआती दौर में आगे की जांच या उपचार के विकल्प उपलब्ध कराता है। यदि डबल मार्कर टेस्ट पॉजिटिव या नेगेटिव आता है तो क्या होगा ? डबल मार्कर टेस्ट नेगेटिव होने पर बच्चे में क्रोमोसोमल असामान्यताएं होने की संभावना कम है। डबल मार्कर टेस्ट पॉजिटिव होने पर मध्यम या उच्च जोखिम का संकेत मिलता है, निदान की पुष्टि के लिए आगे के परीक्षण, जैसे कि गैर-आक्रामक प्रसवपूर्व परीक्षण की आवश्यकता पड़ सकती है। आम तौर पर डबल मार्कर टेस्ट करवाने के लिए संभवित कारन की पहले जांच करे , यदि शिशु के माता पिता को कोई बीमारी थी या हैं ! तब शिशु की स्वास्थय की पृष्टि करने के लिए यह टेस्ट करवाया जाता हैं !  डबल मार्कर टेस्ट कब होता है? आमतौर पर डबल मार्कर टेस्ट करवाने का संभावित कारण यह जांचना होता है कि बच्चे के माता-पिता को कोई बीमारी तो नहीं थी या है। फिर बच्चे के स्वास्थ्य की पुष्टि के लिए यह टेस्ट किया जाता है। यदि जोखिम स्कोर अधिक है, तो यह डाउन सिंड्रोम या ट्राइसॉमी 18 के बढ़ते जोखिम का संकेत हो सकता है। यदि जोखिम स्कोर कम है, तो यह इन स्थितियों के कम जोखिम का संकेत हो सकता है।
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necrotizing pancreas treatment in hindi
नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस क्या है? नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस एक प्रकार का तीव्र अग्नाशयशोथ है, जो एक सूजन संबंधी स्थिति है जो अग्न्याशय को प्रभावित करती है। यह तब होता है जब पित्त की पथरी, शराब का सेवन या आनुवंशिक उत्परिवर्तन जैसे विभिन्न कारकों के कारण अग्न्याशय में सूजन आ जाती है। नेक्रोटाइज़िंग कारण और जोखिम कारक: पित्त की पथरी: नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे आम कारण। शराब का सेवन: बहुत ज़्यादा शराब पीने से अग्न्याशय को नुकसान पहुँच सकता है और नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस का जोखिम बढ़ सकता है। आनुवांशिक उत्परिवर्तन: कुछ आनुवंशिक विकार, जैसे कि सिस्टिक फाइब्रोसिस, नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। अग्नाशयी विभाजन: एक दुर्लभ जन्मजात विसंगति जिसमें अग्न्याशय ठीक से फ़्यूज़ नहीं हो पाता। अन्य कारण: आघात, संक्रमण, ट्यूमर या ऑटोइम्यून विकार भी नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस का कारण बन सकते हैं।  नेक्रोटाइज़िंग लक्षण: गंभीर पेट दर्द: अक्सर गंभीर और लगातार के रूप में वर्णित किया जाता है। पेट में कोमलता: पेट छूने पर कोमल हो सकता है। बुखार: मरीजों को बुखार हो सकता है। उल्टी: मतली और उल्टी आम है। दस्त: छोटी आंत में सूजन और क्षति के कारण दस्त हो सकता है।  नेक्रोटाइज़िंग जटिलताएँ: सेप्सिस: बैक्टीरिया रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं और सेप्सिस का कारण बन सकते हैं, जो जीवन के लिए खतरा है।अग्नाशयी फोड़ा: अग्न्याशय में मवाद की थैली बन सकती है। बहु-अंग विफलता: यह स्थिति गुर्दे, यकृत और फेफड़ों सहित कई अंगों की विफलता का कारण बन सकती है। मृत्यु: नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस एक जीवन-धमकाने वाली स्थिति है जो अनुपचारित रहने पर मृत्यु का कारण बन सकती है।  इलाज: सहायक देखभाल: आपको संभवतः अस्पताल में सहायक देखभाल प्राप्त होगी, जिसमें शामिल हैं :- संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स। दर्द प्रबंधन दवा. पोषण संबंधी सहायता, जैसे संपूर्ण पैरेंट्रल पोषण (टीपीएन)।  गंभीर बीमारी पर अस्पताल में भर्ती: गहन देखभाल इकाई (आईसीयू): आपको करीबी निगरानी और उपचार के लिए आईसीयू में भर्ती किया जा सकता है। ठहरने की अवधि: आपकी स्थिति की गंभीरता के आधार पर आपका अस्पताल में रहना अलग-अलग हो सकता है, लेकिन यह कई दिनों से लेकर कई हफ्तों तक हो सकता है।
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sexual weakness homeopathic in hindi
योन दुर्बलता के कारण क्या हैं ? योन दुर्बलता का इलाज क्या हैं ? यौन दुर्बलता:- यौन दुर्बलता, जिसे स्तंभन दोष या नपुंसकता के रूप में भी जाना जाता है, एक आम स्थिति है जो कई पुरुषों को प्रभावित करती है। होम्योपैथी यौन दुर्बलता के उपचार के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है, जो केवल लक्षणों का उपचार करने के बजाय स्थिति के अंतर्निहित कारणों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित करती है। यौन कमज़ोरी के मुख्य कारणों को कई कक्षा में वर्गीकृत किया जा सकता है। कुछ सामान्य कारणों निचे दर्शाये गए हैं :- -एथेरोस्क्लेरोसिस -मधुमेह -उच्च रक्तचाप -गुर्दे की बीमारी -लिवर की बीमारी -धूम्रपान  यौन दुर्बलता के शीर्ष कारण :- -उम्र बढ़ना -अंतरंगता की कमी -तनाव और चिंता -हार्मोनल असंतुलन -शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं  होम्योपैथिक उपचार दृष्टिकोण: होमियोपैथी इलाज से सेक्सुएल वीकनेस की परेशानी को दूर किया जाता हैं। होमियोपैथी ट्रीटमेंट से रोगी को कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता हैं। होमियोपैथी को कई इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ मन गया हैं। हम रोगी को संभव इलाज देने में यकीन रखते हैं। इसलिए मरीज के मानसिक और शारीरिक दोनों समस्या का निदान करने में हमारी विशिस्टता ये हैं। स्थानीय अनुप्रयोग: कुछ होम्योपैथिक उपचार स्थानीय रूप से जननांग क्षेत्र पर लागू किए जा सकते हैं, जैसे कि क्रीम या मलहम के रूप में। मौखिक प्रशासन: कई होम्योपैथिक उपचार मौखिक रूप से लिए जाते हैं, या तो गोलियों, कैप्सूल या तरल घोल के रूप में। योन दुर्बलता के जोखिम:- व्यायाम की कमी: एक गतिहीन जीवनशैली ईडी में योगदान दे सकती है। खराब आहार: प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों, चीनी और संतृप्त वसा से भरपूर आहार ईडी में योगदान दे सकता है। अत्यधिक शराब का सेवन: अत्यधिक शराब पीने से रक्त वाहिकाओं को नुकसान हो सकता है और ईडी हो सकता है। रिश्तों से जुड़ी समस्याएं: रिश्तों में संघर्ष या समस्याएं ईडी का कारण बन सकती हैं। आनुवांशिक प्रवृत्ति: कुछ पुरुष अपनी आनुवंशिक संरचना के कारण ईडी के प्रति अधिक प्रवण हो सकते हैं।
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Child swollen feet treatment in homeopathy
बच्चों के पैर में सूजन कैसे कम करें? पेरो में सूजन होना कोई गंभीर समस्या नहीं हैं लेकिन उसे जल्दी ही ठीक करवाने की सलाह हे। में एक होमियोपैथी डॉक्टर हु इसलिए मेरा यही समर्थन हैं की कोई भी बीमारी को जड़ से मिटानी चाहिए | होमियोपैथी में बीमारी को जड़ से मिटाने का प्रयास करते हैं। यदि बचे के पेरो में सूजन हैं तो आप जल्दी ही अपने नजदीकी डॉक्टर को संपर्क करे और तुरंत ही निदान करवाए | होमियोपैथी ट्रीटमेंट से बचे को दर्द से जल्दी ही रहत मिल जाती हैं | बच्चे को टाइम पे दवाई मिलने से कोई खतरा रहता नहीं हैं।  1) पैरों को ऊपर उठाएं: अपने बच्चे को बैठते या लेटते समय अपने पैरों को उसके दिल के स्तर से ऊपर उठाने के लिए प्रोत्साहित करें। यह गुरुत्वाकर्षण को अतिरिक्त तरल पदार्थ को वापस हृदय की ओर ले जाने की अनुमति देकर सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। 2)बर्फ लगाएं: तौलिए में लपेटकर प्रभावित क्षेत्र पर दिन में तीन से चार बार 15-20 मिनट के लिए आइस पैक लगाएं। यह रक्त वाहिकाओं को संकुचित करके और सूजन को कम करके सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।  3)संपीड़न का उपयोग करें: हल्का दबाव डालकर सूजन को कम करने में मदद के लिए संपीड़न स्टॉकिंग्स या पट्टियों का उपयोग करें। हालाँकि, सावधान रहें कि बहुत अधिक दबाव न डालें, क्योंकि इससे और असुविधा हो सकती है। 4) पैरों को ऊपर उठाएं: जब आपका बच्चा लेटा हो या सो रहा हो, तो परिसंचरण को बढ़ावा देने और सूजन को कम करने के लिए तकिए या फोम वेजेज का उपयोग करके उनके पैरों को ऊपर उठाएं।  सूजन उतारने के लिए क्या करें? सूजन से राहात के लिए होमियोपैथी में त्वरित और असरकारक इलाज संभव हैं। हम रोग को जड़ के मिटने का प्रयास करते हैं। होमियोपैथी ट्रीटमेंट के दौरान आपको सरीर का कोई दूसरा रोग होने की कम सम्भावना हैं। हम मरीज के लक्षणों और बीमारी को गहराई से जानने के बाद दवाई और आगे की ट्रीटमेंट सुरु करते हैं।  सूजन को उतारने के लिए कुछ निम्नलिखित उपायों का प्रयोग करें: ऊपरी स्थिति: सूजन वाले हिस्से को ऊपर रखकर प्राणायाम करें या संडास की मदद से पानी का स्रवण करें। ठंडा पैक: ठंडा पैक सूजन वाले हिस्से पर लागू करें और 15-20 मिनट तक रखें। फिर इसे हटा दें और सूजन वाले हिस्से को सुलझा लें। संचलन: सूजन वाले हिस्से में circulation को बेहतर बनाने के लिए गुनगुनी मालिश करें। पानी का स्रवण: पानी का स्रवण करके सूजन वाले हिस्से में fluid retention को कम करें। पैरों की सूजन से तुरंत राहत कैसे मिलती है? पेरो की सूजन से जल्दी राहत पाने के लिए आपको कई तरह के उपाय करने पड़ सकते हैं। यदि आपको सभी उपायों को करने के बाद भी आराम नहीं मिल रहा हैं | तो होमियोपैथी ट्रीटमेंट से आपको राहत मिलने की पूरी सम्भावना हैं |  खुराक और प्रशासन: होम्योपैथिक उपचार लेबल के निर्देशानुसार या किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर की सलाह के अनुसार लें। पैकेज के निर्देशों के अनुसार उपाय को पानी में घोलें। तीव्र स्थितियों के लिए, या पुरानी स्थितियों के लिए आवश्यकतानुसार उपाय दिन में तीन बार लें। पैर में सूजन के मुख्य कारण क्या हैं ? फ्लैट पैर: फ्लैट पैर, जिसे गिरे हुए मेहराब के रूप में भी जाना जाता है, पैर की हड्डियों के असामान्य संरेखण के कारण पैरों में सूजन हो सकती है। अत्यधिक उपयोग या अत्यधिक परिश्रम: अत्यधिक दौड़ने, कूदने या खेलने से पैरों में जलन और सूजन हो सकती है। संक्रमण: फोड़े-फुंसी या फंगल संक्रमण जैसे संक्रमणों के कारण पैरों में सूजन हो सकती है। एलर्जी प्रतिक्रियाएं: कीड़े के काटने, डंक या अन्य पदार्थों से एलर्जी की प्रतिक्रिया से पैरों में सूजन हो सकती है। गर्मी या धूप में रहना: गर्म या धूप वाले मौसम में बहुत अधिक समय बिताने से गर्मी की थकावट या हीट स्ट्रोक के कारण पैरों में सूजन हो सकती है। होम्योपैथिक उपचार प्रोटोकॉल:- ‣ किसी लाइसेंस प्राप्त होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श लें जिसके पास एलर्जी के इलाज का अनुभव हो। ‣ अपने लक्षणों, चिकित्सा इतिहास और जीवनशैली सहित विस्तृत केस इतिहास प्रदान करें। ‣ एक अनुकूलित होम्योपैथिक नुस्खा प्राप्त करें जिसमें उपर्युक्त उपचारों में से एक या अधिक शामिल हों। ‣ अनुशंसित खुराक अनुसूची के अनुसार निर्धारित उपाय लें। ‣ नियमित रूप से अपने लक्षणों की निगरानी करें और अपनी उपचार योजना को आवश्यकतानुसार समायोजित करें। आपकी विशिष्ट स्थिति और आवश्यकताओं के लिए सर्वोत्तम उपचार योजना निर्धारित करने के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना आवश्यक है। वे आपको एक वैयक्तिकृत उपचार योजना विकसित करने में मदद करेंगे जो आपके चिकित्सा इतिहास, लक्षणों और जीवनशैली को ध्यान में रखेगी।
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pancreatitis disease treatment in hindi
पैन्क्रियाटाइटिस बीमारी हिंदी में |Pancreatitis disease in hindi पैन्क्रियाटाइटिस किसे कहते हैं ? पैंक्रियाटाइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट में स्थित अंग अग्नाशय में सूजन या जलन हो जाती है। अग्नाशय पाचन और ग्लूकोज विनियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और जब इसमें सूजन होती है, तो यह काफी दर्द, परेशानी और यहां तक कि जानलेवा जटिलताएं भी पैदा कर सकता है। पैंक्रियाटाइटिस के दो मुख्य प्रकार हैं: तीव्र पैंक्रियाटाइटिस जो अचानक और गंभीर सूजन है जिसके लिए अक्सर अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है, और क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस जो एक दीर्घकालिक स्थिति है जो स्थायी क्षति और निशान पैदा कर सकती है।  बेस्ट पैंक्रियास ट्रीटमेंट इन अहमदाबाद क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस (Chronic Pancreatitis hindi) :- क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के लक्षण: • तीक्ष्णता। • हरकत संबंधी बीमारी। • मल त्याग में ढीलापन। • सूजन और पेट में दर्द। • नाड़ी की तेज़ गति।  क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस कारण: • पित्ताशय की पथरी। • थोड़े समय के लिए शराब का सेवन। • आकस्मिक अग्नाशय की चोट। • संदूषण। • घर्षण।  क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस इलाज हिंदी में |Pancreatitis Treatment In Hindi • यदि आप एलकोहॉल की जयादा सेवन से क्रोनिक पैंक्रिअटिटिस के रोग से ग्रसित हैं तो आपको होमियोपैथी डॉक्टर से परामर्श करके ट्रीटमेंट करानी चाहिए | ताकि जल्दी से जल्दी आपको बीमारी से छुटकारा मिले | होमियोपैथी ये सुनिश्चित करता हैं की वह बीमारी को बिना सर्जरी के भी मिटा सकते हैं | उसके लिए होमियोपैथी में रिसर्च बेस्ड दवाइया हैं और उसकी कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं पाई गयी हैं | पेशेंट को एक्यूट या क्रोनिक जैसी बीमारी के कारन कोई गंभीर समस्या हैं तो उसको ठीक करने में समय की मर्यादा का सामना करना पड़ सकता हैं ,पर यक़ीनन इस बीमारी से आराम मिल सकता हैं |  क्या पैंक्रियाज का इलाज संभव है ? • हा , पैंक्रियास का होमियोपैथी में इलाज संभव हैं | होमियोपैथी में बीमारी के लक्षण और कारन को निरिक्षण करने के बाद रोगी को सही ट्रीटमेंट दी जाती हैं | यदि आपको पैंक्रियास की बीमारी हैं और इसका बहुत जगह इलाज करवाने के बाद भी उसका सही उपचार नहीं मिल रहा तो आपको होमियोपैथी इलाज करवाना उपयुक्त विचार हैं |  क्या पैन्क्रियाटाइटिस का बिना सर्जरी इलाज कर सकते हैं ? हां, पैन्क्रियाटाइटिस का अक्सर सर्जरी के बिना इलाज किया जा सकता है। वास्तव में, पैन्क्रियाटाइटिस के कई मामलों को दवा, जीवनशैली में बदलाव और सहायक देखभाल के साथ रूढ़िवादी तरीके से प्रबंधित किया जा सकता है। सर्जरी के साथ आगे बढ़ने का निर्णय पैन्क्रियाटाइटिस की गंभीरता, जटिलताओं की उपस्थिति और व्यक्तिगत रोगी की स्थिति पर निर्भर करता है।
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pancreatitis stones treatment in homeopathy
अग्न्याशय की पथरी को कैसे ठीक कर सकते हैं ? | होमियोपैथी में पैंक्रिअटिक स्टोन का इलाज संभव | ट्रीटमेंट से स्टोन को गायब किया अग्न्याशय की पथरी, जिसे अग्नाशयी पथरी भी कहा जाता है, छोटे, कठोर जमा होते हैं जो कैल्शियम और अन्य खनिजों के निर्माण के कारण अग्न्याशय में बनते हैं। हालांकि वे अपेक्षाकृत दुर्लभ हैं, लेकिन अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो वे महत्वपूर्ण असुविधा और जटिलताएं पैदा कर सकते हैं। घरेलू उपचार: ‣ हाइड्रेटेड रहें: पत्थरों को बाहर निकालने और आगे की जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए खूब पानी पिएं। ‣ फाइबर का सेवन बढ़ाएँ: मल त्याग को नियंत्रित करने और कब्ज को रोकने में मदद करने के लिए फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएँ। ‣ ट्रिगर से बचें: ऐसे खाद्य पदार्थों की पहचान करें और उनसे बचें जो लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं, जैसे कि वसायुक्त या मसालेदार भोजन। ‣ कम वसा वाला आहार आज़माएँ: कम वसा वाला आहार लक्षणों को कम करने और नए पत्थरों के विकास को धीमा करने में मदद कर सकता है।  आहार में बदलाव: वसायुक्त या मसालेदार भोजन से बचें: ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना जो लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं, असुविधा को कम करने और आगे की जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड बढ़ाएँ: सैल्मन या अलसी जैसे खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन को कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। पित्ताशय की थैली के अनुकूल आहार आज़माएँ: कम वसा और अधिक फाइबर वाला आहार लक्षणों को कम करने और नए पत्थरों के विकास को धीमा करने में मदद कर सकता है। अग्नाशय की पथरी को कैसे घोलें? हां होम्योपैथी में अग्नाशयशोथ पथरी का इलाज संभव है | होम्योपैथी वैकल्पिक चिकित्सा की एक प्रणाली है जिसका उद्देश्य रोगियों का उपचार अत्यधिक पतला पदार्थों से करना है, जो प्रायः छोटी गोलियों या बूंदों के रूप में होते हैं। जटिलताएँ: अग्नाशय की पथरी कई जटिलताएँ पैदा कर सकती है, जिनमें शामिल हैं: ‣ अग्नाशयशोथ: अग्न्याशय की सूजन जिससे पेट में दर्द, मतली और उल्टी हो सकती है। ‣ पित्त नली में रुकावट: पित्त नलिकाओं में रुकावट जिससे पीलिया और पेट में दर्द हो सकता है। ‣ अग्नाशयी स्यूडोसिस्ट: तरल पदार्थ से भरी थैलियाँ जो अग्न्याशय में बन सकती हैं और पेट में दर्द और बेचैनी पैदा कर सकती हैं। ‣ संक्रमण: अग्न्याशय या पित्त नलिकाओं में जीवाणु संक्रमण जो शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है।  अग्नाशयी पथरी के लक्षण :- ‣ पेट में दर्द: पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द जो पीठ या छाती तक फैल सकता है।  ‣ मतली और उल्टी: पेट में दर्द और उल्टी महसूस होना, जो अग्नाशयी नलिकाओं की सूजन या रुकावट के कारण हो सकता है। ‣ पेट में कोमलता: पेट छूने पर कोमल हो सकता है, खासकर ऊपरी दाएँ चतुर्थांश में। ‣ थकान: सूजन या संक्रमण के कारण थकावट और कमज़ोरी महसूस होना। ‣ बुखार: कुछ मामलों में हल्का बुखार हो सकता है। क्या अग्नाशय की पथरी दूर हो सकती है ? हां, कुछ मामलों में अग्नाशय की पथरी अपने आप ठीक हो सकती है या ठीक हो सकती है। हालांकि, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि अग्नाशय की पथरी का उपचार और प्रबंधन पत्थरों के आकार, संख्या और स्थान पर निर्भर करता है।  सामान्य स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए होम्योपैथिक उपचार : अग्नाशय की पथरी के लिए होम्योपैथिक उपचार: ‣ कैल्केरिया कार्बोनिका: इस उपाय का उपयोग अक्सर अग्नाशय की पथरी से जुड़े पेट दर्द, सूजन और गैस जैसे लक्षणों के इलाज के लिए किया जाता है। ‣ सिलिसिया: इस उपाय का उपयोग कभी-कभी अग्नाशय की पथरी से जुड़े पेट दर्द, दस्त और मूड स्विंग जैसे लक्षणों के इलाज के लिए किया जाता है। ‣ ग्रेफाइट्स: इस उपाय का उपयोग अक्सर अग्नाशय की पथरी से जुड़े पेट दर्द, सूजन और कब्ज जैसे लक्षणों के इलाज के लिए किया जाता है।
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chronic pancreatitis or amlyase lipase treatment
क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस का मुख्य कारण क्या है? • शराब का दुरुपयोग: अत्यधिक शराब का सेवन क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है, जो लगभग 70-80% मामलों के लिए जिम्मेदार है। बहुत ज़्यादा शराब पीने से पैन्क्रियास को नुकसान पहुँच सकता है और क्रॉनिक सूजन और फाइब्रोसिस हो सकता है। • आनुवांशिक उत्परिवर्तन: कुछ आनुवंशिक उत्परिवर्तन, जैसे कि CFTR जीन में उत्परिवर्तन, क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।  • सिस्टिक फाइब्रोसिस: सिस्टिक फाइब्रोसिस एक आनुवंशिक विकार है जो पैन्क्रियास में गाढ़े, चिपचिपे बलगम के जमा होने के कारण क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस का कारण बन सकता है। • अग्नाशयी नलिका अवरोध: अग्नाशयी नलिकाओं में रुकावट, जैसे कि अग्नाशयी पत्थरों या ट्यूमर के कारण, क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस का कारण बन सकती है।  • स्वप्रतिरक्षी विकार: कुछ ऑटोइम्यून विकार, जैसे कि टाइप 1 मधुमेह, रुमेटीइड गठिया और ल्यूपस, क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। • आघात: पेट पर गंभीर आघात, जैसे कार दुर्घटना या गिरना, अग्न्याशय को नुकसान पहुँचाकर क्रोनिक अग्नाशयशोथ का कारण बन सकता है। • आईट्रोजेनिक कारण: सर्जरी या विकिरण चिकित्सा जैसी कुछ चिकित्सा प्रक्रियाएँ क्रोनिक अग्नाशयशोथ का कारण बन सकती हैं।  • आवर्तक तीव्र अग्नाशयशोथ: तीव्र अग्नाशयशोथ के आवर्तक प्रकरण क्रोनिक अग्नाशयशोथ के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। अग्न्याशय में सूजन आ जाती है तो क्या होता है? सूजन: अग्न्याशय में सूजन हो जाती है, जिससे दर्द, सूजन और आस-पास के ऊतकों को नुकसान हो सकता है। एंजाइम रिसाव: सूजन वाला अग्न्याशय रक्तप्रवाह में पाचन एंजाइम छोड़ सकता है, जिससे गुर्दे, यकृत और फेफड़े जैसे अन्य अंगों को नुकसान हो सकता है। पित्त नली में रुकावट: सूजन पित्त नलिकाओं में रुकावट पैदा कर सकती है, जिससे पीलिया (त्वचा और आँखों का पीला पड़ना) और अन्य लक्षण हो सकते हैं। द्रव संचय: उदर गुहा में द्रव जमा हो सकता है, जिससे जलोदर (उदर गुहा में द्रव का निर्माण) हो सकता है। अंग क्षति: सूजन और एंजाइम रिसाव गुर्दे, यकृत और फेफड़ों सहित अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस: फाइब्रोसिस: अग्न्याशय में घाव हो जाता है और यह फाइब्रोटिक हो जाता है, जिससे स्थायी क्षति होती है और अग्न्याशय का कार्य कम हो जाता है। अग्नाशयी नलिका अवरोध: क्रोनिक सूजन अग्न्याशयी नलिकाओं में रुकावट पैदा कर सकती है, जिससे और अधिक क्षति और घाव हो सकते हैं। सिस्ट और स्यूडोसिस्ट: क्रोनिक सूजन अग्न्याशय में सिस्ट और स्यूडोसिस्ट के गठन का कारण बन सकती है। कुपोषण: क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस पोषक तत्वों के कुपोषण का कारण बन सकता है, जिससे दस्त, वजन कम होना और थकान जैसे लक्षण हो सकते हैं। यदि आपको तीव्र या जीर्ण अग्नाशयशोथ के लक्षण महसूस होते हैं, तो चिकित्सा सहायता लेना आवश्यक है। प्रारंभिक निदान और उपचार लक्षणों को प्रबंधित करने और जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है।  होम्योपैथी में क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस का उपचार :- आहार में बदलाव: कम वसा वाला आहार, फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लक्षणों को नियंत्रित करने और बीमारी की प्रगति को धीमा करने में मदद कर सकता है।  ट्रिगर से बचना: शराब का अत्यधिक सेवन, धूम्रपान और कुछ दवाओं जैसे ट्रिगर से बचना लक्षणों को कम करने और बीमारी की प्रगति को धीमा करने में मदद कर सकता है।  तनाव प्रबंधन: ध्यान और गहरी साँस लेने जैसी तनाव प्रबंधन तकनीकें लक्षणों को कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं। सावधानियाँ: किसी योग्य होम्योपैथ से सलाह लें: क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस एक गंभीर स्थिति है जिसके लिए पेशेवर ध्यान की आवश्यकता होती है। किसी योग्य होम्योपैथ से सलाह लें, जिसे क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के उपचार का अनुभव हो। संयुक्त चिकित्सा: होम्योपैथ इष्टतम परिणाम प्राप्त करने के लिए पारंपरिक उपचारों के साथ होम्योपैथिक उपचारों को जोड़ सकते हैं।  प्रगति की निगरानी: आवश्यकतानुसार उपचार को समायोजित करने के लिए प्रगति की नियमित निगरानी आवश्यक है।
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kya pcod ko puri tarah thik kiya ja sakta hai
क्या पीसीओडी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है? पीसीओएस को जड़ से ठीक करने में मदद के लिए यहां कुछ कदम दिए गए हैं: हार्मोनल असंतुलन और पोषण संबंधी कमियों का प्रबंधन • थायरॉयड डिसफंक्शन और एड्रेनल थकान जैसे हार्मोनल असंतुलन की पहचान करें और उनका समाधान करें। • विटामिन डी, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट जैसे आवश्यक पोषक तत्वों का पर्याप्त सेवन सुनिश्चित करें। • कीटनाशकों, भारी धातुओं और बीपीए जैसे पर्यावरण विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने से बचें।  जीवनशैली में बदलाव लागू करना • पत्तेदार साग, जामुन, वसायुक्त मछली, मेवे और बीज, साबुत अनाज, फलियां जैसे संपूर्ण, पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें।  • नियमित रूप से कम से कम 30 मिनट मध्यम-तीव्रता वाला व्यायाम करें।  • योग, ध्यान, गहरी साँस लेने के व्यायाम जैसी तनाव कम करने वाली तकनीकों का अभ्यास करें। • नींद और विश्राम तकनीकों को प्राथमिकता दें।  प्राकृतिक सप्लीमेंट और उपचार का उपयोग करना • ओमेगा-3 फैटी एसिड हृदय स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं और सूजन को कम करते हैं। • प्रोबायोटिक्स आंत के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और पाचन में सुधार करते हैं।  • विटामिन डी प्रतिरक्षा कार्य और समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करता है।  • हल्दी/कर्क्यूमिन सूजन को कम करता है • जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे रक्त शर्करा विनियमन का समर्थन करता है।  हार्मोनल थेरेपी पर विचार • हार्मोनल असंतुलन को दूर करने के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) आवश्यक हो सकती है। • मेटफ़ॉर्मिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकता है और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम कर सकता है।  प्रगति की निगरानी और उपचार को समायोजित करना • स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ नियमित जांच का समय निर्धारित करें।  • उपचार योजना को अनुकूलित करने के लिए जीवनशैली समायोजन के लिए तैयार रहें।  क्या पीसीओडी से पीड़ित लड़की गर्भवती हो सकती है? हाँ! होम्योपैथी में, पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं को गर्भवती होने में संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है, लक्षणों को नियंत्रित करके और सावधानी के साथ सही उपचार प्राप्त करके वे स्थिति में सुधार कर सकती हैं और सफलतापूर्वक गर्भधारण कर सकती हैं।  पीसीओडी/पीसीओएस से क्या क्या प्रॉब्लम होती है? पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) और इससे जुड़ी समस्याएं: पीसीओएस एक जटिल हार्मोनल विकार है जो कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है, जिनमें शामिल हैं:  प्रजनन संबंधी समस्याएं: • बांझपन: पीसीओएस के कारण अनियमित ओव्यूलेशन, अंडाशय पर सिस्ट और हार्मोनल असंतुलन के कारण गर्भवती होना मुश्किल हो सकता है।  • अनियमित मासिक धर्म चक्र: पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को अनियमित या अनुपस्थित मासिक धर्म का अनुभव हो सकता है, जिससे गर्भावस्था की योजना बनाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। • पॉलीसिस्टिक अंडाशय: अंडाशय पर कई सिस्ट की उपस्थिति दर्द, बांझपन और अन्य प्रजनन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है।  शारीरिक लक्षण: • वजन बढ़ना और मोटापा: हार्मोनल असंतुलन के कारण पीसीओएस वजन बढ़ने और मोटापे का कारण बन सकता है। • मुंहासे: हार्मोनल असंतुलन कारण मुंहासे हो सकते हैं, खासकर चेहरे, छाती और पीठ पर। • त्वचा के काले धब्बे: हार्मोनल असंतुलन के कारण गर्दन, बगल, कोहनी, घुटनों और पोर पर त्वचा के काले धब्बे।  होम्योपैथी में पीसीओडी का सबसे अच्छा इलाज? होम्योपैथी में पीसीओडी का सबसे आसानी से इलाज किया जाता है, होम्योपैथिक दवा का इस्तेमाल करने से कोई नुकसान नहीं होता है, और समस्या जड़ से खत्म हो जाती है। पीसीओडी को जड़ से मिटाया जा सकता है ? ब्रह्म शोध-आधारित, चिकित्सकीय रूप से सिद्ध, वैज्ञानिक उपचार मॉड्यूल इस बीमारी को ठीक करने में बहुत प्रभावी है। हमारी टीम में पर्याप्त रूप से योग्य डॉक्टरों का एक समूह शामिल है जो आपके मामले का अनुसरण करेंगे, बीमारी की उचित प्रगति के साथ हर संकेत और लक्षण को रिकॉर्ड पर रखेंगे, इसकी प्रगति, रोग का निदान और जटिलताओं के चरणों को समझेंगे।
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pcod ko kaise thik kare
पीसीओडी को केसे ठीक करें? | क्या पीसीओडी में गर्भावस्था संभव है? | पीसीओडी का इलाज क्या है? पीसीओडी ( पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज ) एक हार्मोनल विकार है जो प्रजनन आयु की 5-10% महिलाओं को प्रभावित करता है। इसकी विशेषता है: अनियमित मासिक धर्म अंडाशय पर सिस्ट शरीर में एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का उच्च स्तर पीसीओडी एक ऐसा शब्द है जिसे अक्सर पीसीओएस के साथ परस्पर उपयोग किया जाता है, लेकिन यह वास्तव में एक अधिक विशिष्ट शब्द है जो अंडाशय पर सिस्ट के साथ पॉलीसिस्टिक अंडाशय की उपस्थिति को संदर्भित करता है। पीसीओडी एक अलग चिकित्सा स्थिति नहीं है, बल्कि पीसीओएस वाली महिलाओं का एक उपसमूह है। पीसीओएस/पीसीओडी के कारण: 1) आनुवांशिकी: पीसीओएस/पीसीओडी में एक मजबूत आनुवंशिक घटक होता है, और यदि आपके परिवार में किसी एक महिला को यह स्थिति है, तो आपको इसके विकसित होने की अधिक संभावना हो सकती है। 2) हार्मोनल असंतुलन: हार्मोनल असंतुलन, विशेष रूप से एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) और पीसीओएस/पीसीओडी के विकास में योगदान कर सकते हैं।3) वजन बढ़ना: वजन बढ़ना और मोटापा पीसीओएस/पीसीओडी के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है।4) पर्यावरणीय कारक: कुछ पर्यावरणीय कारकों, जैसे अंतःस्रावी-विघटनकारी रसायनों के संपर्क में आना भी पीसीओएस/पीसीओडी के विकास में योगदान कर सकता है।5) जीवनशैली कारक: एक गतिहीन जीवन शैली, खराब आहार और तनाव भी पीसीओएस/पीसीओडी के विकास में योगदान कर सकते हैं। पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज) लक्षण: शारीरिक लक्षण: 1) अनियमित मासिक धर्म: मासिक धर्म का कम या लंबे समय तक आना, या बिल्कुल भी मासिक धर्म न आना। 2) मुहांसे: हार्मोनल असंतुलन के कारण चेहरे, छाती और पीठ पर मुंहासे।  3) हिर्सुटिज्म: चेहरे, छाती, पीठ और नितंबों पर अत्यधिक बाल उगना।  4) पुरुष पैटर्न गंजापन: सिर पर बालों का झड़ना या पतला होना। 5) सिस्ट: अंडाशय पर दिखने वाले सिस्ट जिन्हें अल्ट्रासाउंड के ज़रिए पहचाना जा सकता है।  पीसीओडी को होम्योपैथी से जड़ से मिटाया जा सकता है |  ब्रह्म शोध-आधारित, चिकित्सकीय रूप से सिद्ध, वैज्ञानिक उपचार मॉड्यूल इस बीमारी को ठीक करने में बहुत प्रभावी है। हमारी टीम में पर्याप्त रूप से योग्य डॉक्टरों का एक समूह शामिल है जो आपके मामले का अनुसरण करेंगे, बीमारी की उचित प्रगति के साथ हर संकेत और लक्षण को रिकॉर्ड पर रखेंगे, इसकी प्रगति, रोग का निदान और जटिलताओं के चरणों को समझेंगे। वे आपको बीमारी के बारे में स्पष्ट रूप से समझाते हैं, और फिर वे आपको उचित आहार चार्ट, व्यायाम योजना, जीवनशैली योजना, कई अन्य कारकों के बारे में मार्गदर्शन देते हैं जिसके माध्यम से आप होम्योपैथिक दवाओं के साथ अपनी बीमारी के व्यवस्थित प्रबंधन द्वारा अपनी सामान्य स्वास्थ्य स्थिति में सुधार कर सकते हैं जब तक कि यह ठीक न हो जाए।
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ulcerative colitis treatment in homeopathy
क्या अल्सरेटिव कोलाइटिस ठीक हो सकता है? • होम्योपैथी उपचार से प्रकोप की संख्या को कम करने तथा उन्हें कम गंभीर बनाने में मदद मिल सकती है। अल्सरेटिव कोलाइटिस का सबसे अच्छा इलाज क्या है? • होम्योपैथी अल्सरेटिव कोलाइटिस (यूसी) के इलाज के लिए एक सौम्य और प्राकृतिक तरीका है। • होम्योपैथी लक्षणों को कम करने, जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने और जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।  अल्सरेटिव कोलाइटिस के लिए होम्योपैथिक उपचार दृष्टिकोण: • संवैधानिक उपचार: इस दृष्टिकोण में व्यक्ति की शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए उसका संपूर्ण उपचार किया जाता है। • लक्षणात्मक उपचार: यह दृष्टिकोण पेट दर्द, दस्त या कब्ज जैसे विशिष्ट लक्षणों को कम करने पर केंद्रित है। • पाचन उपचार: नक्स वोमिका और लाइकोपोडियम जैसे होम्योपैथिक उपचार पाचन संबंधी समस्याओं को शांत करने और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। • सूजन-रोधी उपचार: मर्क्यूरियस सोलुबिलिस जैसे होम्योपैथिक उपचार सूजन को कम करने और पेट दर्द जैसे लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। अल्सरेटिव कोलाइटिस के लिए होम्योपैथिक चिकित्सक कैसे खोजें : • ऑनलाइन निर्देशिकाएँ देखें: नेशनल सेंटर फॉर होम्योपैथी या काउंसिल फॉर होम्योपैथिक सर्टिफिकेशन जैसी ऑनलाइन निर्देशिकाएँ देखें। • रेफ़रल के लिए पूछें: होम्योपैथी के साथ अनुभव रखने वाले दोस्तों, परिवार के सदस्यों या स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं से सिफ़ारिशें माँगें। • साख की जाँच करें: सुनिश्चित करें कि चिकित्सक के पास आपके राज्य या देश में होम्योपैथी का अभ्यास करने का वैध लाइसेंस है। • प्रारंभिक परामर्श का समय निर्धारित करें: उपचार शुरू करने से पहले, अपने लक्षणों, चिकित्सा इतिहास और उपचार लक्ष्यों पर चर्चा करने के लिए प्रारंभिक परामर्श का समय निर्धारित करें। सफलता दर: • अध्ययनों से पता चला है कि होम्योपैथिक उपचार यूसी से पीड़ित व्यक्तियों के लक्षणों को कम करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में प्रभावी हो सकता है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि होम्योपैथिक उपचार के परिणामस्वरूप यूसी से पीड़ित रोगियों के लक्षणों में उल्लेखनीय कमी आई और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर की प्रबंधन योजना:- ब्रह्म द्वारा विज्ञान-आधारित, चिकित्सकीय रूप से सिद्ध, वैज्ञानिक उपचार मॉड्यूल बीमारी के लिए प्रभावी है। हमारे पास ऐसे डॉक्टर हैं जो आपके मामले को व्यवस्थित तरीके से देखेंगे और उसका विश्लेषण करेंगे: सभी संकेत और लक्षण, बीमारी की प्रगति, प्रगति के चरण, रोग का निदान और इसकी जटिलताओं को रिकॉर्ड किया जाता है। फिर, विस्तार से, वे बीमारी का वर्णन करते हैं, एक उचित आहार चार्ट, एक व्यायाम योजना, एक जीवन योजना प्रदान करते हैं, और होम्योपैथिक दवाओं द्वारा आपकी बीमारी के व्यवस्थित प्रबंधन के साथ सामान्य स्वास्थ्य स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई और कारकों पर मार्गदर्शन करते हैं जब तक कि आप ठीक नहीं हो जाते।
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CA 19 9 ka sahi upchar kya hai?
CA 19.9 का सही उपचार क्या है? होम्योपैथी का उपयोग करके CA 19-9 के स्तर को कम करने के लिए, इन चरणों का पालन करें: • लाइसेंस प्राप्त होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श करें: कोई भी होम्योपैथिक उपचार शुरू करने से पहले, लाइसेंस प्राप्त होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है जो आपको एक व्यक्तिगत उपचार योजना बनाने में मदद कर सकता है। • सही उपाय चुनें: आपके व्यक्तिगत लक्षणों और ज़रूरतों के आधार पर, आपका चिकित्सक उचित उपाय सुझाएगा। • खुराक के निर्देशों का पालन करें: निर्दिष्ट आवृत्ति पर उपाय की अनुशंसित खुराक लें (उदाहरण के लिए, दिन में तीन बार)। • अपने लक्षणों की निगरानी करें: अपने लक्षणों और उपचार के दौरान आपके द्वारा अनुभव किए जाने वाले किसी भी बदलाव पर नज़र रखें। • आवश्यकतानुसार उपचार योजना को समायोजित करें: यदि उपचार के दौरान आपके लक्षण बेहतर नहीं होते हैं या बिगड़ जाते हैं, तो आपका चिकित्सक उपचार योजना को समायोजित कर सकता है या कोई अलग उपाय सुझा सकता है।  बढे हुए CA 19.9 को कैसे कम करे ? जीवनशैली में बदलाव: 1) आहार: फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर संतुलित आहार खाने से सूजन कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। 2) व्यायाम: नियमित व्यायाम, जैसे कि चलना या योग, तनाव को कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। 3) नींद: पर्याप्त नींद (7-8 घंटे) लेने से तनाव हार्मोन को नियंत्रित करने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। 4) तनाव प्रबंधन: ध्यान या गहरी साँस लेने जैसी तनाव कम करने वाली तकनीकों का अभ्यास करने से तनाव कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।  बढ़े हुए CA 19-9 के स्तरों के कारण: 1) बढ़े हुए CA 19-9 स्तर विभिन्न चिकित्सा स्थितियों का संकेत हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:  2) अग्नाशय कैंसर: CA 19-9 एक ट्यूमर मार्कर है जो अक्सर अग्नाशय कैंसर वाले रोगियों में बढ़ जाता है, विशेष रूप से अग्नाशय वाहिनी एडेनोकार्सिनोमा वाले रोगियों में।  3) कोलेंजियोकार्सिनोमा: CA 19-9 कोलेंजियोकार्सिनोमा वाले रोगियों में भी बढ़ जाता है, जो एक प्रकार का यकृत कैंसर है जो पित्त नलिकाओं में उत्पन्न होता है। 4) गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर: बढ़े हुए CA 19-9 स्तर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर, जैसे कोलन कैंसर, गैस्ट्रिक कैंसर और एसोफैगल कैंसर वाले रोगियों में देखे जा सकते हैं। 5) सूजन आंत्र रोग: सूजन आंत्र रोग (IBD) वाले रोगी, जैसे क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस, पुरानी सूजन और ऊतक क्षति के कारण CA 19-9 के स्तर को बढ़ा सकते हैं।  6) अग्नाशयशोथ: तीव्र या जीर्ण अग्नाशयशोथ अग्नाशयी ऊतक क्षति और सूजन के कारण CA 19-9 के स्तर को बढ़ा सकता है। जीर्ण यकृत रोग: सिरोसिस जैसे जीर्ण यकृत रोग वाले रोगियों में यकृत क्षति और घाव के कारण CA 19-9 का स्तर बढ़ सकता है।  7) जीवाणु संक्रमण: ई. कोलाई और क्लेबसिएला न्यूमोनिया जैसे कुछ जीवाणु संक्रमण, प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करने वाले एंटीजन के उत्पादन के कारण CA 19-9 के स्तर को बढ़ा सकते हैं।  8) क्षय रोग: सक्रिय तपेदिक वाले रोगियों में माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस एंटीजन की उपस्थिति के कारण CA 19-9 का स्तर बढ़ सकता है।
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best liver cirrhosis treatment in homeopathy
लिवर सिरोसिस:-उपचार, चरण, लक्षण लिवर सिरोसिस की पहचान क्या है? पाठ में शरीर में फाइब्रोमायल्गिया के लक्षणों का वर्णन किया गया है, जिसमें दर्द, सूजन और भूख की कमी, साथ ही सर्दी या फ्लू के लक्षण भी शामिल हैं। "यकृत शरीर के लिए क्या कर सकता है?" - यकृत, शरीर का सबसे बड़ा अंग, जहर को साफ करने, स्वस्थ रक्त शर्करा के स्तर का समर्थन करने और रक्त के थक्के को नियंत्रित करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य करता है। • पेट और आंतों से निकलने वाले रक्त को संसाधित करता है। • टूटता है, संतुलित होता है, और पोषक तत्व बनाता है। • दवाओं को गैर विषैले रूपों में चयापचय करता है।  लिवर सिरोसिस के 4 चरण:- 1.पहला चरण:-सूजन, यह प्रारंभिक चरण है जहां लीवर में अतिरिक्त वसा जमा हो जाती है। यह चरण तब होता है जब लीवर में सूजन और कोशिका क्षति होती है। पहले चरण के दौरान, पेट में दर्द होता है क्योंकि शरीर में बीमारी या संक्रमण से लड़ने के लिए सूजन बढ़ जाती है। 2 दूसरा चरण:-स्कारिंग, इस चरण में, लिवर में चल रही सूजन और क्षति के कारण निशान ऊतक विकसित होना शुरू हो जाता है। यह घाव यकृत के भीतर सामान्य रक्त प्रवाह को बाधित करना शुरू कर देता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हालांकि इस स्तर पर कुछ क्षति होती है, उचित उपचार और जीवनशैली में संशोधन के साथ, रोग की प्रगति को धीमा करना या उलटना अभी भी संभव है। 3 तीसरा चरण:- सिरोसिस, सिरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें लीवर में गंभीर, स्थायी घाव हो जाते हैं। इस स्तर पर, फाइब्रोसिस अपरिवर्तनीय हो जाता है, और स्वस्थ कोशिकाओं की कमी के कारण लीवर अब अपने ऊतकों को पुनर्जीवित नहीं कर सकता है। 4.चौथा चरण:-लिवर की विफलता, रोगियों को पीली त्वचा और आंखों, विकार, सूजन और सामान्य या स्थानीय दर्द जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। अंतिम चरण के लिवर रोग के लक्षण आम तौर पर कम हो जाते हैं क्योंकि रोगी की मृत्यु निकट आ जाती है। लीवर सिरोसिस के कारण: -हेपेटाइटिस का भयानक संक्रमण. - पुटीय तंतुशोथ -पित्त नलिकाओं का खराब विकसित होना। -शर्करा चयापचय का आनुवंशिक संक्रमण। -विरासत में मिली पाचन संबंधी समस्याएं. -शराब का अत्यधिक अनुचित सेवन। -लिवर में फैट का बढ़ना.  1} हेपेटाइटिस का भयानक संक्रमण:- हेपेटाइटिस एक शब्द है जिसका इस्तेमाल लीवर की सूजन का वर्णन करने के लिए किया जाता है। यह विभिन्न प्रकार के वायरस के साथ-साथ कुछ विषाक्त पदार्थों और ऑटोइम्यून स्थितियों के कारण होता है। हेपेटाइटिस के कई प्रकार होते हैं, जैसे हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी और सी, हेपेटाइटिस डी, हेपेटाइटिस ई। हेपेटाइटिस बी एक गंभीर यकृत संक्रमण है जो इसके कारण होता है। हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) यह रक्त-से-रक्त संपर्क, मां से बच्चे में संचरण, यौन संपर्क के माध्यम से वायरल होगा।  2} सिस्टिक फाइब्रोसिस:-सिस्टिक फाइब्रोसिस एक आनुवंशिक स्थिति है जिसके कारण शरीर में गाढ़ा, चिपचिपा बलगम उत्पन्न होता है, जिससे लीवर जैसे अंगों में रुकावट होती है। पित्त नलिकाओं के अवरुद्ध होने से लीवर में सूजन हो जाती है। गाढ़ा बलगम लीवर में पित्त नलिकाओं को अवरुद्ध कर देता है, यह सूजन घाव का कारण बनती है, जिसे फाइब्रोसिस के रूप में जाना जाता है। गंभीर मामलों में, फाइब्रोसिस व्यापक हो जाता है, जिससे सिरोसिस हो जाता है, जहां यकृत स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाता है।  3} विकसित पित्त नलिकाएं:- ये छोटी नलिकाएं होती हैं जो पित्त को यकृत से छोटी आंत तक ले जाती हैं। वसा को पचाने के लिए पित्त आवश्यक है। सिरोसिस में घाव पित्त नलिकाओं को अवरुद्ध कर सकता है, जिससे पित्त का सामान्य प्रवाह बाधित हो सकता है। इससे लीवर में पित्त का निर्माण हो सकता है, जिससे पीलिया और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।  4} शर्करा चयापचय का आनुवंशिक संक्रमण:-अंग वसा का उत्पादन करने के लिए फ्रुक्टोज का उपयोग करता है। कई विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक परिष्कृत चीनी और उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप यकृत रोग का कारण बन सकते हैं, सिरोसिस वाले व्यक्तियों को चीनी युक्त खाद्य पदार्थों द्वारा अपेक्षाकृत उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण चीनी का सेवन सीमित करने की सलाह दी जाती है, जो यकृत में वसा संचय में वृद्धि में योगदान कर सकता है।  5}आनुवंशिक पाचन संबंधी समस्याएं:- फैटी लीवर के कारण आंत-लिवर अक्ष के माध्यम से आंत्र गतिविधियों पर असर पड़ सकता है, जिससे आंत के कार्य में परिवर्तन हो सकता है और कब्ज और दस्त जैसी पाचन समस्याओं में योगदान हो सकता है।  6} शराब का अत्यधिक अनुचित सेवन:- अल्कोहलिक लिवर सिरोसिस के लक्षणों में बीमार महसूस करना, वजन कम होना, भूख कम लगना, सूजन, भ्रम, उनींदापन और उल्टी या मल में खून आना शामिल है। जब अत्यधिक शराब का सेवन करने वाले व्यक्ति में फैटी लिवर विकसित हो जाता है। इसे अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग (एएफएलडी) कहा जाता है।  7) लीवर में वसा का बढ़ना:- लीवर में अत्यधिक वसा सूजन का कारण बन सकती है, जिससे घाव हो सकते हैं और लीवर खराब हो सकता है। अतिरिक्त कैलोरी का सेवन करने से लीवर में वसा बढ़ने लगती है। जब लीवर वसा को संसाधित और विखंडित नहीं करता है जैसा कि उसे स्वाभाविक रूप से करना चाहिए, तो बहुत अधिक वसा जमा हो जाएगी।  ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एवं रिसर्च सेंटर की प्रबंधन योजना:- ब्रह्म द्वारा विज्ञान-आधारित, चिकित्सकीय रूप से सिद्ध, वैज्ञानिक उपचार मॉड्यूल बीमारी के लिए प्रभावी है। हमारे पास ऐसे डॉक्टर हैं जो व्यवस्थित तरीके से आपके मामले का निरीक्षण और विश्लेषण करेंगे: सभी लक्षण और लक्षण, रोग की प्रगति, प्रगति के चरण, रोग का निदान और इसकी जटिलताओं को दर्ज किया जाता है। फिर, वे बीमारी का विस्तार से वर्णन करते हैं, एक उचित आहार चार्ट, एक व्यायाम योजना, एक जीवन योजना प्रदान करते हैं, और आपके ठीक होने तक होम्योपैथिक दवाओं द्वारा आपके रोग के व्यवस्थित प्रबंधन के साथ सामान्य स्वास्थ्य स्थिति में सुधार करने वाले कई अन्य कारकों पर मार्गदर्शन करते हैं।
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अग्नाशयशोथ, स्यूडोसिस्ट और नेक्रोसिस के लिए होम्योपैथिक उपचार
अग्नाशयशोथ, स्यूडोसिस्ट और नेक्रोसिस के लिए होम्योपैथिक उपचार ! अग्नाशयशोथ: अग्नाशयशोथ अग्नाशय की सूजन है, जो पाचक रसों या एंजाइमों के कारण होती है, यह पेट के पीछे बाईं ओर, छोटी आंत के प्रथम भाग के पास स्थित होती है। ब्रोमियम: सूजन को कम करने और दर्द से राहत देने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है, ब्रोमियम का उपयोग अग्नाशयशोथ के लक्षणों को कम करने के लिए किया जा सकता है। कैल्केरिया कार्बोनिका: इस उपाय का उपयोग अक्सर पाचन संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है और यह अग्नाशय को शांत करने में मदद कर सकता है। लाइकोपोडियम: इस उपाय का उपयोग आमतौर पर पाचन संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है, जिसमें सूजन और पेट दर्द शामिल है, जो अग्नाशयशोथ से संबंधित हो सकता है। स्यूडोसिस्ट: स्यूडोसिस्ट, अग्नाशयी तरल पदार्थ का एक संग्रह, क्रोनिक अग्नाशयशोथ के बाद आम है, जिसके जोखिम कारकों में पित्त पथरी, शराब का सेवन और पेट में चोट शामिल हैं। फॉस्फोरस: इस उपाय का उपयोग अक्सर पाचन संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है, जिसमें सूजन और पेट दर्द शामिल है, जो स्यूडोसिस्ट से संबंधित हो सकता है। सिलिसिया: सिलिसिया सूजन को कम करने और उपचार को बढ़ावा देने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है, जो स्यूडोसिस्ट के लिए फायदेमंद हो सकता है। कैल्केरिया फॉस्फोरिकम: इस उपाय का उपयोग अक्सर पाचन संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है और यह पाचन तंत्र को शांत करने में मदद कर सकता है। स्थानीय उपचार:- • फॉस्फोरस: इस उपाय का उपयोग अक्सर पाचन संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है, जिसमें सूजन और पेट दर्द शामिल है, जो स्यूडोसिस्ट से संबंधित हो सकता है। • सिलिकिया: सिलिकिया सूजन को कम करने और उपचार को बढ़ावा देने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है, जो स्यूडोसिस्ट के लिए फायदेमंद हो सकता है। • कैल्केरिया फॉस्फोरिकम: इस उपाय का उपयोग अक्सर पाचन संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है और यह पाचन तंत्र को शांत करने में मदद कर सकता है। नेक्रोसिस:- नेक्रोसिस शरीर के किसी भी हिस्से में कोशिका या ऊतक की मृत्यु की प्रक्रिया है। • आर्सेनिकम एल्बम: इस उपाय का उपयोग अक्सर सूजन, लालिमा और सूजन की विशेषता वाली स्थितियों के लिए किया जाता है, जो नेक्रोसिस से संबंधित हो सकते हैं। • मर्क्युरियस सोलुबिलिस: यह उपाय सूजन को कम करने और उपचार को बढ़ावा देने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है, जो नेक्रोसिस के लिए फायदेमंद हो सकता है। • सिलिसिया: सिलिसिया का उपयोग अक्सर उपचार को बढ़ावा देने और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है, जो नेक्रोसिस के लिए फायदेमंद हो सकता है। होम्योपैथिक उपचार दृष्टिकोण:- • संवैधानिक उपचार: होम्योपैथ तनाव, चिंता या खराब पाचन जैसी स्थिति के अंतर्निहित कारणों को दूर करने के लिए संवैधानिक उपचारों का उपयोग कर सकते हैं। • स्थानीय उपचार: स्थानीय उपचारों का उपयोग विशिष्ट लक्षणों, जैसे पेट दर्द या सूजन को लक्षित करने के लिए किया जा सकता है। • सिमिलिमम: होम्योपैथ एक ऐसा उपाय खोजने की कोशिश करेगा जो रोगी के विशिष्ट लक्षणों और संवैधानिक प्रकार से मेल खाता हो। • खुराक और आवृत्ति: उपाय की खुराक और आवृत्ति व्यक्ति की ज़रूरतों और उपचार के प्रति प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगी। महत्वपूर्ण नोट:- • लाइसेंस प्राप्त होम्योपैथ से परामर्श करें: होम्योपैथी एक अत्यधिक व्यक्तिगत दृष्टिकोण है जिसके लिए सबसे प्रभावी उपचार योजना निर्धारित करने के लिए लाइसेंस प्राप्त होम्योपैथ की आवश्यकता होती है। • संयोजन चिकित्सा: होम्योपैथी का उपयोग अतिरिक्त सहायता और राहत प्रदान करने के लिए पारंपरिक चिकित्सा उपचार के साथ संयोजन में किया जा सकता है। • स्व-देखभाल के उपाय: अग्नाशयशोथ, स्यूडोसिस्ट या नेक्रोसिस वाले रोगियों को भी स्वस्थ आहार बनाए रखने, हाइड्रेटेड रहने और तनाव का प्रबंधन करने जैसे स्व-देखभाल उपायों का अभ्यास करना चाहिए। होम्योपैथिक दवा दिशानिर्देश: खुराक: प्रत्येक उपाय के लिए अनुशंसित खुराक निर्देशों का पालन करें। आवृत्ति: अपने होम्योपैथ द्वारा निर्देशित या पैकेजिंग लेबल पर दिए अनुसार उपाय लें। अवधि: अनुशंसित अवधि के लिए या लक्षणों में सुधार होने तक उपाय लें। प्रतिबंध: यदि आपको कोई अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति है या आप अन्य दवाएँ ले रहे हैं, तो कोई भी उपाय लेने से पहले लाइसेंस प्राप्त होम्योपैथ से परामर्श करें।  ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एवं रिसर्च सेंटर की उपचार योजना ब्रह्म अनुसंधान आधारित, चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित, वैज्ञानिक उपचार मॉड्यूल इस बीमारी को ठीक करने में बहुत प्रभावी है। हमारे पास सुयोग्य डॉक्टरों की एक टीम है जो आपके मामले का व्यवस्थित रूप से निरीक्षण और विश्लेषण करती है, रोग की प्रगति के साथ-साथ सभी संकेतों और लक्षणों को रिकॉर्ड करती है, इसकी प्रगति के चरणों, पूर्वानुमान और इसकी जटिलताओं को समझती है। उसके बाद वे आपको आपकी बीमारी के बारे में विस्तार से बताते हैं, आपको उचित आहार चार्ट [क्या खाएं या क्या न खाएं], व्यायाम योजना, जीवन शैली योजना प्रदान करते हैं और कई अन्य कारकों के बारे में मार्गदर्शन करते हैं जो व्यवस्थित प्रबंधन के साथ आपकी सामान्य स्वास्थ्य स्थिति में सुधार कर सकते हैं। जब तक यह ठीक न हो जाए तब तक होम्योपैथिक दवाओं से अपनी बीमारी का इलाज करें।
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ibs-vs-ibd difference in hindi
IBS (Irritable Bowel Syndrome): IBS is a functional disorder of the colon in which the large intestine develops symptoms such as recurrent abdominal discomfort, bloating, and an alteration of bowel habits. Symptoms of IBS can include: Abdominal pain— Cramping, bloating, or discomfort in the abdomen Bloating— Feeling of fullness or swelling in the abdomen Change in bowel movements— Diarrhea, constipation, or an alternating pattern between the two Straining during bowel movements— Difficulty passing stool Mucus in the stool— Mucus may be seen when a person has a bowel movement Feeling of incomplete evacuation— Bowels are not completely emptied Nausea and vomiting— Feeling queasy or vomiting IBD (Inflammatory Bowel Disease): IBD is a chronic inflammatory disorder of the gastrointestinal tract, which mainly consists of the small intestine and the large intestine. It is an inflammation and ulceration of the digestive tract. Symptoms: Abdominal pain refers to discomfort or cramping in the abdomen. Diarrhea: Frequent or urgent bowel movements Fever: An increase in body temperature Fatigue: Tiredness, exhaustion Weight loss: Unintentional loss of weight Loss of appetite: A disinterest in food Nausea and vomiting: Feeling queasy or vomiting Blood in stool or rectum: Blood in the stool or the rectum Bleeding from the rectum Common Symptoms between IBS and IBD: Abdominal pain Change in bowel movements Bloating Nausea and vomiting
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pancreatitis ka ilaj
What is Pancreatitis? Pancreatitis is a condition where the pancreas becomes inflamed, leading to severe abdominal pain, nausea, vomiting, and other symptoms. The condition can be acute or chronic, with acute pancreatitis typically resolving on its own within a few days. Understanding Pancreatitis Pancreatitis is a condition where the pancreas becomes inflamed, leading to severe abdominal pain, nausea, vomiting, and other symptoms. The condition can be acute or chronic, with acute pancreatitis typically resolving on its own within a few days. How to Remove Pancreatitis Permanently with Homeopathy: ► Consult a qualified homeopath: It's essential to consult a qualified homeopath who has experience in treating pancreatitis. ► Undergo a comprehensive evaluation: The homeopath will conduct a thorough evaluation of your medical history, symptoms, and overall health. ► Choose the right remedy: Based on your evaluation, the homeopath will choose the most appropriate remedy to help alleviate your symptoms and promote healing. ► Follow the treatment plan: It's essential to follow the treatment plan as recommended by your homeopath, including taking the remedy as directed and making lifestyle changes. ► Monitor your progress: Regularly monitor your progress with your homeopath to ensure that you're responding well to treatment. Tips for Managing Pancreatitis with Homeopathy: ► Make lifestyle changes: Quit smoking, reduce alcohol consumption, and adopt a healthy diet rich in fruits, vegetables, and whole grains. ► Manage stress: Stress can exacerbate pancreatitis; practice stress-reducing techniques such as meditation or yoga. ► Keep a symptom journal: Keep a symptom journal to track your symptoms and monitor your progress with treatment. ► Combine homeopathy with conventional medicine: If necessary, combine homeopathy with conventional medicine under the guidance of your homeopath. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research center:- Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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best pancreatitis treatment in homeoapthic
What is the relation between jaundice and pancreas? Jaundice is a condition characterized by yellowing of the skin and the whites of the eyes, caused by elevated levels of bilirubin in the bloodstream. Bilirubin is a yellow pigment produced during the normal breakdown of red blood cells. The pancreas is an organ located behind the stomach that plays a crucial role in digestion and blood sugar regulation. It produces digestive enzymes that help break down food in the small intestine and produces insulin and gluc@gon to regulate blood sugar levels. The relationship between jaundice and the pancreas can occur due to several factors: 1. Pancreatic Disorders: Certain disorders affecting the pancreas, such as pancreatitis (inflammation of the pancreas), pancreatic cancer, or pancreatic cysts, can cause obstruction of the bile ducts. When the bile ducts are blocked, bilirubin cannot properly drain into the intestines and is instead released into the bloodstream, leading to jaundice.  2. Gallstones: Gallstones are hardened deposits that can form in the gallbladder or bile ducts. If a gallstone becomes lodged in the common bile duct, it can obstruct the flow of bile from the liver and cause jaundice. The pancreas and the gallbladder share a common bile duct, so gallstones that obstruct this duct can affect both organs. 3. Biliary Obstruction: Conditions such as pancreatic tumors or inflammation can cause compression or obstruction of the bile ducts, leading to impaired bile flow and jaundice. 4. Alcohol-related Pancreatitis: Chronic alcohol consumption can lead to pancreatitis, which can in turn cause inflammation and scarring of the pancreas. This scarring can disrupt the normal flow of bile and lead to jaundice.  5. Autoimmune Pancreatitis: In some cases, autoimmune pancreatitis can lead to inflammation and scarring of the pancreas, causing obstruction of the bile ducts and subsequent jaundice. Can you fully recover from pancreatitis? The majority of people recover completely, however some experience repeated episodes. A tiny proportion of patients may develop persistent or chronic pancreatitis. If the damage is severe, patients may require additional digestive enzymes to help them digest meals. Can pancreatitis cause sudden death? Death can result from acute pancreatitis without bleeding; nevertheless, autopsy-based investigations usually reveal hemorrhagic pancreatitis in situations of unexpected death. The majority of instances of acute pancreatitis are caused by gallstones blocking the pancreatic duct or persistent alcohol usage.
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Is it safe to take homeopathic medicine in pregnancy
Is it safe to take homeopathic medicine in pregnancy? Pregnancy represents a significant physiological process in a woman's body, placing increased stress on both her physical well-being and immune system. Homeopathy stands out as an optimal form of medication for addressing the symptoms and complexities associated with pregnancy. Extensively proven effective in managing severe ailments such as morning sickness, headaches, digestive issues, muscle discomfort, and other common pregnancy-related discomforts, homeopathic treatment offers a safe approach. Utilizing minute quantities of active ingredients, homeopathy aids the body's innate healing capacities and fosters overall improvement. Having existed for centuries, homeopathy tailors its medicines based on specific symptoms, ensuring its safety during pregnancy. With a range of potencies typically advised, spanning from 3X to 30X, homeopathic remedies are available in liquid (mother tincture) and tablet forms, with tablets being the preferred option for pregnant women. Notably, there are no adverse effects associated with homeopathic medicines, and they can be used concurrently with conventional medications. A distinguishing feature of homeopathy is its avoidance of symptom suppression; instead, it collaborates with the body's natural immune mechanisms to facilitate healing. Furthermore, its condition-specific approach enhances efficacy in treating various issues. Opting for homeopathy during pregnancy not only benefits the expectant mother but also promotes the well-being of the unborn child by enhancing the entire system. In comparison to conventional drugs, homeopathy boasts a lack of side effects and non-addictive properties, ensuring its safety. What should avoid in homeopathic medicine? The NHMRC's Statement on Homeopathy says that Choosing homeopathy with proven treatments might be beneficial for your health. If you're thinking about using homeopathy, it's best to talk to a registered healthcare provider first. And if you do decide to use it, make sure to let your doctor know and keep taking any prescribed treatments. Is it OK to take allopathy and homeopathy together? The approach of homeopathy is to directly address the immune system without inducing reactions within the body. While we recommend minimizing the intake of allopathic medicines due to their potential for side effects, it's important to acknowledge that concurrently using both homeopathic and allopathic drugs may cause confusion within the body. How quickly does homeopathy work? How fast homeopathy works can differ a lot, depending on factors like a person's body, how severe and long-lasting their condition is, and if the chosen remedy is right for them. Sometimes, people feel better quickly after taking a homeopathic remedy, especially if their condition just started or isn't too severe. This is more likely for short-term or sudden problems.
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Pancreatic Parenchyma with Dilated MPD
What is the best treatment for fatty pancreas? Homeopathy is the most successful treatment for fatty pancreas without surgery. You will see significant benefits right away when you begin treatment for fatty pancreas. Brahm Homeopathy serves a vast number of patients, and their service is excellent. Brahm Homeopathy provides the simplest and safest treatments for fatty pancreas without surgery. What are symptoms of fatty pancreas? -Upper abdominal pain. -Upper belly pain extends to the back. -Tightness when touching the abdomen. -Fever. -Rapid pulse. -An upset stomach. -Gastrointestinal distress. How do you reduce fatty pancreas? Therapeutically, a healthy diet, weight loss, and exercise are the primary ways to minimize pancreatic fat development. Is fatty pancreas normal? Fatty infiltration in the pancreas can induce pancreatitis, diabetes, and may be a risk factor for pancreatic cancer. Pancreatic steatosis is now a common incidental finding on abdominal ultrasonography for a variety of causes, and it presents a new challenge in gastroenterology. What age do people get fatty pancreas? Men have a larger pancreatic fat content than women, and the prevalence of NAFPD is highest in those aged 40 to 49 years. Furthermore, the frequency of NAFLD in women is quite low until menopause (27,28). What is fatty parenchyma of the pancreas? Fatty pancreas is characterized by fatty tissue infiltrating the parenchyma in a scattered pattern (intralobular fat) or accumulating in the peri-lobular region. This pattern is typically seen surrounding major vessels (interlobular fat). Does fatty pancreas cause weight gain or loss? Pancreatitis can develop in persons who are overweight or have excessive levels of fat or cholesterol in their blood. However, once the pancreas becomes inflamed, nausea, vomiting, and malabsorption might result in weight loss rather than gain. What is a Grade 1 fatty pancreas? | What is a Grade 2 fatty pancreas? CT scans can classify fatty pancreas into five grades based on their location: Grade 0 (normal appearance without fatty replacement), Grade 1 (fatty infiltration involving less than 25% of a given pancreatic region), Grade 2 (fatty replacement involving 25%-50% of a given pancreatic region), Grade 3 (fatty replacement involving 50%-75% of a given pancreatic region), and Grade 4 (fatty infiltration involving more than 75% of a given pancreatic region). The correlation between fat concentration in the pancreas and attenuation indexes in CT scans shows that unenhanced CT is a non-invasive method for assessing pancreatic fat.
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pancreas divisum treatment in homeopathic
What is the best diet for pancreas divisum? Pancreas divisum is a condition where the pancreas fails to fuse during fetal development, leading to two separate pancreatic ducts instead of one. While diet alone cannot treat pancreas divisum, adopting certain dietary habits may help manage symptoms and support pancreatic health. Here are some dietary tips: 1. Low-Fat Diet: High-fat foods can exacerbate symptoms such as abdominal pain and discomfort in pancreas divisum. Opt for low-fat or non-fat versions of dairy products and lean cuts of meat. 2. Small, Frequent Meals: Eating smaller meals throughout the day instead of three large ones can reduce the burden on the pancreas and help manage symptoms like pain and bloating. 3. Limit Alcohol and Caffeine: Both alcohol and caffeine can stimulate the pancreas and exacerbate symptoms. Limit or avoid alcohol and caffeine-containing beverages. 4. High-Fiber Foods: Fiber-rich foods such as fruits, vegetables, and whole grains can aid digestion and promote overall gastrointestinal health. However, some individuals with pancreas divisum may find that high-fiber foods exacerbate symptoms, so it's essential to monitor how your body responds. 5. Hydration: Staying well-hydrated is crucial for overall health and can help prevent complications such as pancreatitis. Aim to drink plenty of water throughout the day. 6. Avoid Spicy Foods: Spicy foods may irritate the gastrointestinal tract and worsen symptoms in some individuals. If spicy foods trigger discomfort, it's best to avoid them. 7. Consult a Registered Dietitian: For personalized dietary recommendations tailored to your specific needs and symptoms, consider consulting a registered dietitian who can work with you to develop a nutrition plan that supports your pancreatic health. It's important to note that dietary recommendations may vary depending on individual factors such as the severity of symptoms, presence of other medical conditions, and personal preferences. Always consult with a healthcare provider or registered dietitian before making significant changes to your diet, especially if you have pancreas divisum or any other medical condition. How serious is pancreatic divisum? Pancreas divisum is generally not associated with complications in the majority of cases. However, individuals who choose to undergo endoscopic retrograde cholangiopancreatography (ERCP) to alleviate symptoms may potentially face the risk of developing acute pancreatitis, which in turn can result in kidney failure and even mortality.
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obstructive jaundice pancreatitis
Obstructive Jaundice Pancreatitis Treatment In Homeopathy Does pancreatic cancer cause jaundice? Pancreatic cancer, when it obstructs the bile duct in the liver, can lead to the development of jaundice. This condition is characterized by a noticeable yellowing of the skin and the whites of the eyes. In addition to these visible signs, jaundice can also result in the abnormal discoloration of urine, making it appear darker, as well as causing stools to become pale in color. It is worth noting that jaundice frequently manifests itself independently from any accompanying abdominal pain. how does pancreatitis cause jaundice? The occurrence of jaundice in patients with pancreatitis is typically attributed to damage to the liver cells or the presence of an underlying condition affecting the biliary tract. However, there are instances where the obstruction of the common duct occurs as a result of pancreatic fibrosis, edema, or the formation of a pseudocyst, even in the absence of any liver cell damage or biliary tract disease. Is jaundice common in pancreatitis? Autoimmune pancreatitis and chronic pancreatitis are both conditions that can cause biliary strictures, ultimately leading to the development of jaundice. When evaluating patients with relevant clinical symptoms, it is important to consider pancreatic cancer as a potential cause. While there is more extensive research on the relationship between jaundice and chronic pancreatitis as well as pancreatic cancer, the connection between jaundice and acute pancreatitis remains uncertain. Does alcoholic pancreatitis cause jaundice? Alcohol use syndrome is a prevalent factor contributing to the development of both acute and chronic pancreatitis, making it one of the leading causes of this condition.
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best treatment of pancreatic pseudocyst
What is the best treatment of pancreatic pseudocyst? Homeopathic medicine can treat pancreatic pseudocyst. The length of your illness has a significant impact on the treatment plan. Whether you have had your illness for a long time or just recently, anything can be cured with our help; however, you will recover more quickly if you catch it early. It will take longer to heal chronic ailments, conditions that are advanced in nature, or conditions that have been suffering for many years. As soon as they notice any indications or symptoms of this illness, intelligent people always begin treatment. Therefore, please get in touch with us as soon as you notice anything out of the ordinary. What is a pancreatic pseudocyst? An accumulation of tissue and fluids on your pancreas is called a pancreatic pseudocyst. You can find your pancreas underneath your stomach. The most common causes of pseudocysts are severe abdominal injuries or pancreatitis, an inflammation of the pancreas. "Pseudo" denotes falsity. Although a pseudocyst resembles a cyst, it is composed of different tissues than a real cyst. Compared to pseudocysts, real cysts are more likely to be malignant. What causes a pancreatic pseudocyst? Most frequently, a pancreatitis episode is followed by pancreatic pseudocysts. Pancreatitis is an uncomfortable and dangerous illness. The digestive enzymes in your body, called pancreatic enzymes, overreact and start breaking down the tissues of your pancreas. Your pancreatic tissues and blood vessels may be harmed in addition to swelling and bleeding as a result of this. Usually, when the ducts that deliver pancreatic secretions to the gut get clogged, cysts develop. What are the symptoms of a pancreatic pseudocyst? But you should also be on the lookout for these signs, particularly if you've recently experienced pancreatitis or a torso blowout: vomiting and nausea Upper abdominal ache that occasionally spreads to your back, along with a palpable lump in that region having trouble eating and digesting food These symptoms may also be indicative of other illnesses, such as malignant tumors or pancreatic cysts. Make sure to discuss all of your symptoms with your physician.  Is pseudocyst curable? yes pancreatic pseudocyst is curable with homeopathic treatment. Many pseudocysts will resolve with supportive treatment. Your healthcare practitioner may just observe your pseudocyst. Your healthcare professional will thoroughly examine you for problems. Another imaging test may also be required to determine whether or not your pseudocyst has resolved.
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mpd
Pancreatic Duct Stent Therapeutic stent implantation tries to restore normal pancreatic secretion flow in patients with stenoses, leaks, fistulas, or structural pancreatic duct malformations. Plastic stents or SEMSs are utilized depending on the cause. What is Pancreatic stent? A stent is a small tube that is utilized to expand a pancreatic duct and maintain its openness. The natural flow of pancreatic fluid occurs through these ducts, with smaller ones depositing fluid into the main duct. The placement of a stent can be beneficial in addressing issues such as a constricted, obstructed, or leaking duct, as well as facilitating the drainage of excess fluid. In certain instances, one or more stents may be positioned as a preventive measure before specific procedures to mitigate the risk of pancreatitis. The insertion of a pancreatic stent is typically performed during the course of endoscopic retrograde cholangiopancreatography (ERCP). Pancreatic stent removal time? It is recommended that pancreatic stents inserted for pancreatitis prophylaxis be removed within a timeframe of 24 hours to 2 weeks. In the case of pancreatic stents inserted for the treatment of pancreatic stricture, it is common practice to change them every 3-6 months. Sequential stent insertion should be performed until the stricture has resolved. If the patient does not experience any improvement in their symptoms, it may be advisable to consider surgical options. How long can a pancreatic stent stay in? It is recommended to consider changing stents regularly every 6-8 weeks in order to prevent potential issues such as clogging, infection, or pancreatitis. Stent in pancreas side effects? Pancreatic stent therapy may have some potential negative outcomes, such as acute pancreatitis, pancreatic infection, pseudocyst formation, duct injury, stone formation, and migration. ERCP pancreatic stent? ERCP stent placement is a treatment used to treat obstructive jaundice in patients who have difficulty draining bile or pancreatic fluids due to a dilated or clogged bile or pancreatic duct. why pancreatic stent is used? Biliary and pancreatic stents are plastic or metal devices used primarily to restore bile or pancreatic duct patency. They may also be used to treat biliary or pancreatic leaks, pancreatic fluid collections, and to prevent post-endoscopic retrograde cholangiopancreatography pancreatitis.
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acute necrotizing pancreatic
अपने पैंक्रियास को हेअल्थी रखने के लिए क्या क्या चाहिए? हमारे अग्न्याशय की देखभाल करना वास्तव में महत्वपूर्ण है। अग्न्याशय हमारे शरीर के लिए दो महत्वपूर्ण कार्य करता है। सबसे पहले, यह हार्मोन और एंजाइम बनाता है जो हमारे भोजन को पचाने में हमारी मदद करते हैं। यह यह नियंत्रित करने में भी मदद करता है कि हमारा शरीर चीनी कैसे बनाता है। दूसरा, यह विशेष एंजाइम बनाता है जो हमारे शरीर में वसा और प्रोटीन को तोड़ने में मदद करता है। ये एंजाइम वसा और कार्बोहाइड्रेट को तोड़ने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यदि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में ये एंजाइम नहीं हैं, तो इससे हमारा वजन तेजी से बढ़ सकता है और हर समय थकान महसूस हो सकती है। यह हमारे शरीर को कमजोर भी बना सकता है. इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि कौन से खाद्य पदार्थ हमारे अग्न्याशय के लिए अच्छे हैं और कौन से खाद्य पदार्थ नहीं हैं। पेनक्रियाज को ठीक करने के लिए क्या करना चाहिए? फूलगोभी, ब्रोकोली, पत्तागोभी, मूली, पालक और टमाटर जैसी कुछ सब्जियाँ वास्तव में हमारे अग्न्याशय के लिए अच्छी होती हैं। लहसुन अग्न्याशय के लिए भी बहुत अच्छा है क्योंकि यह सूजन में मदद करता है और हमारे रक्तचाप को सामान्य रखता है। जब हमारे शरीर में पर्याप्त पानी नहीं होता है, तो हमारे अग्न्याशय में सूजन हो सकती है। इसलिए हमारे अग्न्याशय को हाइड्रेटेड रखने के लिए हर दिन 8-10 गिलास पानी पीना महत्वपूर्ण है। खीरा, तरबूज, स्ट्रॉबेरी और कीवी जैसे फल खाना भी हमारे अग्न्याशय के लिए अच्छा है। अगर हमें एसिडिटी की समस्या है, तो बहुत अधिक चाय और कॉफी पीने से बचना चाहिए क्योंकि कैफीन इसे बदतर बना सकता है। इसके बजाय, हम हर्बल चाय या कैफीन रहित पेय पी सकते हैं। बहुत अधिक जंक फूड खाने से हमारे अग्न्याशय को इसे पचाने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, इसलिए जितना हो सके जंक फूड से बचना बेहतर है। घर का बना घी, एवोकैडो, नारियल तेल और जैतून का तेल हमारे अग्न्याशय के लिए अच्छे हैं। देर रात खाना खाने से हमारे अग्न्याशय पर दबाव पड़ सकता है और अपच हो सकता है। इससे हमारा वजन भी तेजी से बढ़ सकता है। पेनक्रियाज क्यों खराब होता है? अग्न्याशय आपके शरीर में एक विशेष कारखाने की तरह है जो पाचन में मदद करता है। यह आपके पेट के ऊपरी भाग में, आपकी पीठ की ओर स्थित होता है। अग्न्याशय एक विशेष रस बनाता है जिसमें विभिन्न एंजाइम और हार्मोन होते हैं। ये एंजाइम, जैसे लाइपेज, वसा को तोड़ने में मदद करते हैं। ऐसे एंजाइम भी होते हैं जो प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट को तोड़ने में मदद करते हैं। अग्न्याशय इंसुलिन भी बनाता है, जो आपके शरीर को चीनी का उचित उपयोग करने में मदद करता है। कभी-कभी, अगर हम स्वस्थ खान-पान और ठीक से दवा लेकर अपना ख्याल नहीं रखते हैं, तो हमारे अग्न्याशय को नुकसान हो सकता है। ऐसा तब भी हो सकता है जब हमें कुछ बीमारियाँ हों। लेकिन अगर हम ध्यान दें और हमारे अग्न्याशय में कुछ गड़बड़ी होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं, तो हम वास्तव में अग्नाशयशोथ या अग्नाशय के कैंसर से बीमार होने से बच सकते हैं। इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि किन संकेतों पर ध्यान देना चाहिए। पैंक्रियाज कमजोर होने पर कौन सा रोग होता है? क्रोनिक अग्नाशयशोथ एक ऐसी स्थिति है जिसमें लंबे समय तक कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है। लेकिन जब ऐसा होता है, तो यह गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। लक्षणों में से एक पेट दर्द है, जिसका मतलब है कि अग्न्याशय में कुछ गड़बड़ है। कभी-कभी, अग्न्याशय में एक ट्यूमर आस-पास के अन्य अंगों पर दबाव डालकर इस दर्द का कारण बन सकता है। पेनक्रियाज में इन्फेक्शन होने से क्या होता है? क्रोनिक अग्नाशयशोथ तब होता है जब आपका अग्न्याशय लंबे समय तक सूजन रहता है। यह आमतौर पर तब होता है जब आपको अग्नाशयशोथ की गंभीर समस्या हो। इसका एक बड़ा कारण लंबे समय तक बहुत अधिक शराब पीना है। भले ही आपके अग्न्याशय को बहुत अधिक शराब पीने से तुरंत बुरा न लगे, लेकिन बाद में इसमें अचानक बहुत दर्द होने लग सकता है।
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celiac treatment in homeopathic
सीलिएक रोग किसकी कमी से होता है? सीलिएक रोग ग्लूटेन नामक प्रोटीन के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया के कारण होता है। ग्लूटेन विशेषकर गेहूं, बार्ली, राइ, और ओट्स में पाया जाता है। इस रोग में व्यक्ति का शरीर ग्लूटेन को सही तरीके से पाचन नहीं कर पाता है, जिससे विभिन्न तंत्रिकाओं में क्षति होती है। ग्लूटेन के सेवन से शरीर में तीन प्रकार की कमी होती है ग्लूटेन इंटॉलरेंस यह एक अद्भिन्न रोग है जिसमें ग्लूटेन को पाचन करने में कठिनाई होती है, लेकिन इसमें इम्यून सिस्टम की सक्रियता नहीं होती है। सीलिएक रोग यह ग्लूटेन की पूर्णता के खिलाफ इम्यून प्रतिक्रिया के द्वारा होने वाला एक ऑटोइम्यून रोग है। इसमें शरीर की रक्त संचारित कोशिकाओं की उत्पत्ति होती है, जिससे विभिन्न अंगों में क्षति होती है। ग्लूटेन सेंसिटिविटी यह एक अन्य प्रकार की ग्लूटेन प्रतिक्रिया है, जिसमें ग्लूटेन के सेवन से समस्त स्वास्थ्य समस्याएं नहीं होती हैं, लेकिन कुछ लक्षण हो सकते हैं जो ग्लूटेन के सेवन के बाद दिखाई देते हैं। यदि किसी को सीलिएक रोग की संभावना है, तो वह डॉक्टर से संपर्क करें और उचित जाँच करवाएं। सही निदान और उपचार के लिए डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री का सुनिश्चित रूप से मूल्यांकन करेंगे। सीलिएक रोग किस उम्र में शुरू होता है? सीलिएक रोग की शुरुआत किसी भी आयु में हो सकती है, लेकिन यह आमतौर पर बचपन या युवावस्था में पहली बार स्थिति दिखाता है। इस रोग का प्रारंभ बच्चों और तीनेजर्स में हो सकता है, लेकिन किसी भी आयु में यह समस्या प्रकट हो सकती है। बच्चों में सीलिएक रोग की शुरुआत जीवन के किसी भी चरण में हो सकती है, जब वे ग्लूटेन-युक्त आहार को शुरू करते हैं। अधिकांश लोगों में यह रोग बचपन या किशोरावस्था में होता है, लेकिन कुछ लोगों में यह बड़ी आयु में भी प्रकट हो सकता है। सीलिएक रोग की आमतौर पर उत्पत्ति किशोरावस्था में होती है, लेकिन यह वयस्कों में भी प्रदर्शित हो सकता है, विशेषकर जब ग्लूटेन से पहले से ग्लूटेन-मुक्त आहार का सेवन हुआ हो। रोगी व्यक्ति किसी भी आयु में सीलिएक रोग से प्रभावित हो सकता है, और निदान और उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह का आदर्श है। स्टेज 4 सीलिएक रोग क्या है? सीलिएक रोग की चरणों को स्टेज कहा जाता है, और इसमें चार स्टेज होते हैं. ये स्टेज इस बीमारी की स्थिति को व्यक्ति के शारीरिक तंतु अंगों की चोटी में होने वाली क्षति के आधार पर बताए जाते हैं. निम्नलिखित हैं सीलिएक रोग के चार स्टेज स्टेज 1 - इस स्टेज में, शरीर में ग्लूटेन के सेवन के कारण आत्म-उपशोषण की प्रारंभिक संकेत होते हैं, लेकिन अभी तक कोई विशेष लक्षण प्रकट नहीं होते हैं। इस स्टेज में सीलिएक रोग का पता लगाना कठिन हो सकता है क्योंकि लक्षण अभी सुब्तिल होते हैं। स्टेज 2 इस स्टेज में, व्यक्ति को कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि पेट दर्द, दस्त, ओजन कमी, और अनेमिया। शरीर के तंतु अंगों में कुछ क्षति होती है, लेकिन यह अभी भी सामान्यत:रूप से सीलिएक रोग कहलाता है। स्टेज 3 इस स्टेज में, गंभीर लक्षण प्रकट होते हैं, और तंतु अंगों में अधिक क्षति होती है। इसमें व्यक्ति को सीलिएक रोग की स्थिति से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डीयों का कमजोरी) और आंतों की क्षति। स्टेज 4 इस स्टेज में, व्यक्ति की स्थिति सबसे गंभीर होती है। तंतु अंगों में अत्यधिक क्षति होती है और शरीर के विभिन्न हिस्सों में समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि कैंसर, आत्म-इम्यून समस्याएं, और संगत रोग। इस स्टेज में सीलिएक रोग के कारण होने वाली समस्याएं गंभीर हो सकती हैं और उच्चतम संभावना है कि डॉक्टर विचार करेंगे कि ग्लूटेन के सेवन से बचना आवश्यक है। सीलिएक रोग के प्रबंधन के लिए उचित इलाज के लिए एक डॉक्टर की सलाह और निदान आवश्यक हैं। आज ही बात करे या अपॉइंटमेंट बुक करे इस लिंक से https://www.brahmhomeo.com/book-appointment सीलिएक रोग के लिए एक ग्लूटेन-मुक्त डाइट बहुत महत्वपूर्ण है ताकि रोगी को ग्लूटेन से दूर रखा जा सके और उन्हें सहारा मिल सके। यहाँ एक सीलिएक रोग के लिए ग्लूटेन-मुक्त डाइट प्लान का एक उदाहरण दिया गया ह सीलिएक रोग के ग्लूटेन-मुक्त डाइट प्लान 1. अनाज (Grains): - गेहूं, बार्ली, राइ, और ओट्स से बने आहार का पूरा तरह से त्याग करें। - सुरक्षित अनाजों में शामिल करें: चावल, जौ, मक्का, किनुआ, और तिलहनी दालें। 2. फल और सब्जियां: - सभी स्वादिष्ट फल और सब्जियों का अनुकरण करें। - लहसुन और प्याज को बरतें, क्योंकि वे आमतौर पर सीलिएक रोग के लिए सुरक्षित होते हैं। 3. दुध उत्पाद: - गाय का दूध और उससे बने उत्पादों को त्याग करें। - बदले में, बादाम दूध, सोया दूध, और अन्य पौष्टिक दूध उत्पादों का उपयोग करें। 4. मांस और प्रोटीन - सीलिएक रोगी लोग मांस और मछली का सेवन कर सकते हैं, परन्तु स्याही, लाल मांस, और पाइपर में सीजनिंग न करें। - वेजिटेरियन विकल्प में, दाल, चना, सोया, और पनीर शामिल करें। 5. डेयरी उत्पाद: - ग्लूटेन से मुक्त डेयरी उत्पादों का सेवन करें, जैसे कि दही, छाछ, पनीर, और चीज़। 6. स्नायु तेल और अंडे: - स्नायु तेलों को सुरक्षित माना जाता है, जैसे कि ऑलिव ऑयल और कोकोनट ऑयल। - अंडे एक सुरक्षित प्रोटीन स्रोत हो सकते हैं। 7. बाह्यिक पैकेज़ आहार बाह्यिक पैकेज़ आहारों को सुरक्षितता के साथ सावधानीपूर्वक पढ़ें, क्योंकि इनमें छिपे ग्लूटेन की संभावना हो सकती है। सीलिएक रोगी को अपनी डाइट प्लान को डॉक्टर या पौष्टिक विशेषज्ञ से सुनिश्चित करने के लिए सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकताएं और सामग्री आपस में भिन्न हो सकती हैं। डॉक्टर या पौष्टिक विशेषज्ञ व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति और व्यक्तिगत आवश्यकताओं के आधार पर एक व्यक्तिगत डाइट प्लान तैयार कर सकते हैं।
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acute pancreatic treatment in homeopathy
अग्नाशयशोथ का अंतिम चरण क्या है? जब किसी को लंबे समय तक सीपी रहता है तो उसे कई समस्याएं हो सकती हैं। उन्हें बहुत दर्द महसूस हो सकता है, भोजन पचाने में परेशानी हो सकती है और उनकी हड्डियाँ स्वस्थ नहीं हो सकती हैं। उनके अग्न्याशय में एक प्रकार का कैंसर भी हो सकता है। ऐसे अन्य लेख हैं जो सीपी के कारण होने वाले दर्द से राहत पाने के तरीके के बारे में अधिक बताते हैं।Pancreatic Patient Cured Report क्या अग्नाशयशोथ बहुत गंभीर है? अधिकांश लोग जिन्हें तीव्र अग्नाशयशोथ होता है वे जल्द ही बेहतर महसूस करते हैं और उन्हें कोई बड़ी समस्या नहीं होती है। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह बहुत गंभीर हो सकता है और जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकता है। यदि जटिलताएँ होती हैं, तो इसकी बहुत अधिक संभावना है कि यह घातक हो सकता है। क्या आप अग्नाशयशोथ के साथ लंबा जीवन जी सकते हैं? क्रॉनिक पैंक्रिएटाइटिस नामक बीमारी के लिए सर्जरी कराने वाले 493 मरीजों का 20 साल तक अध्ययन करने के बाद, उन्होंने पाया कि ज्यादातर मरीज (95.5%) सर्जरी के बाद पहले साल तक जीवित रहे। हालाँकि, 10 वर्षों के बाद, जीवित रोगियों की संख्या गिरकर 63.5% हो गई। अग्न्याशय शोष को काम करने के लिए आहार क्या है? अग्नाशयशोथ से पीड़ित लोगों को बेहतर महसूस करने और स्वस्थ होने के लिए, उन्हें ऐसे खाद्य पदार्थ खाने चाहिए जिनमें बहुत अधिक प्रोटीन और पोषक तत्व हों। इसका मतलब है कि उन्हें बहुत सारे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, कम फैट वाले डेयरी उत्पाद और चिकन या मछली जैसे दुबले प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। उनके लिए यह भी वास्तव में महत्वपूर्ण है कि वे शराब न पियें या चिकना या तला हुआ भोजन न करें, क्योंकि इससे उन्हें बुरा महसूस हो सकता है। अग्न्याशय शोष किन कारणो से बनता है? अग्न्याशय की शिथिलता का विकास संपूर्ण अग्न्याशय में फैली नलिकाओं के भीतर श्लेष्म के संचय के परिणामस्वरूप होता है, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी नलिकाओं में रुकावट के कारण एक्सोक्राइन ग्रंथि का शोष होता है। शोष की अभिव्यक्ति, एमआरआई स्कैन के माध्यम से देखी जा सकती है, फैटी जमाओं की घुसपैठ या अग्न्याशय के भीतर फाइब्रोसिस की घटना से समझी जाती है। क्या पैंक्रियास के का होम्योपैथी में इलाज संभव है? हां, होम्योपैथिक उपचार चुनकर पैंक्रिअटिक का इलाज संभव है। होम्योपैथिक इलाज चुनने से आपको इन दवाइयों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा और यह समस्या को जड़ से खत्म कर देती है, इसलिए आपको अपनी बीमारी के इलाज के लिए होम्योपैथिक इलाज ही चुनना चाहिए। आप पैंक्रिअटिक कैसे छुटकारा पायेंगे? शुरुआती चरण में सर्वोत्तम उपचार चुनने से आपको पैंक्रियास के ट्यूमर से छुटकारा मिल जाएगा। होम्योपैथिक उपचार का चयन करके, ब्रह्म होम्योपैथी आपको पैंक्रियास के ट्यूमर के लिए सबसे अधिक विश्वसनीय उपचार देना सुनिश्चित करता है। पैंक्रियास के ट्यूमर के लिए होम्योपैथिक उपचार सबसे अच्छा इलाज है। जैसे ही आप साइटिका को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करेंगे, आपको निश्चित परिणाम मिलेंगे। होम्योपैथिक उपचार से पैंक्रियास के ट्यूमर का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, इसका उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एवं रिसर्च सेंटर की उपचार योजना ब्रह्म अनुसंधान आधारित, चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित, वैज्ञानिक उपचार मॉड्यूल इस बीमारी को ठीक करने में बहुत प्रभावी है। हमारे पास सुयोग्य डॉक्टरों की एक टीम है जो आपके मामले का व्यवस्थित रूप से निरीक्षण और विश्लेषण करती है, रोग की प्रगति के साथ-साथ सभी संकेतों और लक्षणों को रिकॉर्ड करती है, इसकी प्रगति के चरणों, पूर्वानुमान और इसकी जटिलताओं को समझती है। उसके बाद वे आपको आपकी बीमारी के बारे में विस्तार से बताते हैं, आपको उचित आहार चार्ट [क्या खाएं या क्या न खाएं], व्यायाम योजना, जीवन शैली योजना प्रदान करते हैं और कई अन्य कारकों के बारे में मार्गदर्शन करते हैं जो व्यवस्थित प्रबंधन के साथ आपकी सामान्य स्वास्थ्य स्थिति में सुधार कर सकते हैं। जब तक यह ठीक न हो जाए तब तक होम्योपैथिक दवाओं से अपनी बीमारी का इलाज करें। आप अग्नाशयी शोष को कैसे रोकते हैं?
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chronic pancreatic treatment
क्रोनिक पैंक्रियास को ठीक करने के लिए क्या करें? यदि आपके अग्न्याशय में क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस नामक समस्या है, तो आप सही उपचार प्राप्त करके इसे पूरी तरह से दूर कर सकते हैं। यदि आप इसे जल्दी पकड़ लेते हैं और डॉक्टर से मदद लेते हैं, तो वे बीमारी को बदतर होने से रोकने की कोशिश कर सकते हैं और आप तेजी से बेहतर महसूस करेंगे। होम्योपैथी एक प्रकार का उपचार है जो बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने में मदद कर सकता है। ब्रह्मा होम्योपैथी एक विशेष स्थान है जहां तीव्र अग्नाशयशोथ से पीड़ित कई लोग बेहतर हो गए हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के लक्षण? कुछ लोगों को पेट में दर्द होता है जो पीठ तक फैल सकता है।  यह दर्द मतली और उल्टी जैसी चीजों के कारण हो सकता है। खाने के बाद दर्द और बढ़ सकता है। कभी-कभी किसी के पेट को छूने पर दर्द महसूस हो सकता है।  व्यक्ति को बुखार और ठंड लगना भी हो सकता है। वे बहुत कमजोर और थका हुआ भी महसूस कर सकते हैं। क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के कारण? -पित्ताशय की पथरी -शराब -रक्त में उच्च ट्राइग्लिसराइड का स्तर  -रक्त में उच्च कैल्शियम का स्तर  -पेट की सर्जरी पैन्क्रियाटाइटिस के जोखिम कारक? भारी शराब पीने से आपको पैन्क्रियाटाइटिस होने की अधिक संभावना हो सकती है। धूम्रपान पुरानी पैन्क्रियाटाइटिस होने की संभावनाओं को बढ़ा सकता है, लेकिन धूम्रपान छोड़ने से आपके जोखिम को बहुत कम किया जा सकता है। मोटापा: यदि आप मोटे हैं, तो आपको पैन्क्रियाटाइटिस होने की अधिक संभावना है। यदि आपको मधुमेह है, तो आपके पैन्क्रियाटाइटिस होने का जोखिम अधिक है। क्रोनिक अग्न्याशय के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? खराब अग्न्याशय के इलाज के लिए होम्योपैथी वास्तव में एक अच्छा और प्रभावी तरीका हो सकता है। जो लोग इसके बारे में बहुत कुछ जानते हैं और जिनके पास काफी अनुभव है, वे अग्न्याशय को बेहतर बनाने में मदद के लिए होम्योपैथी का उपयोग कर सकते हैं। क्रोनिक अग्न्याशय का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका होम्योपैथिक उपचार है। जब आप यह उपचार शुरू करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। ब्रह्मा होम्योपैथी से कई मरीजों का इलाज हो रहा है और वे ठीक हो रहे हैं। ब्रह्मा होम्योपैथी आपके अग्न्याशय को ठीक करने के लिए तेज़ और सुरक्षित उपचार देने का वादा करती है। ब्रह्म होम्योपैथी एक विशेष स्थान है जहां डॉक्टर अग्न्याशय में समस्याओं वाले लोगों की मदद के लिए अध्ययन और शोध करते हैं। वे लोगों को बेहतर महसूस कराने, उनके दर्द को रोकने और बीमारी को बदतर होने से रोकने के लिए दवा और विशेष आहार का उपयोग करते हैं। इन समस्याओं का शीघ्र पता लगाना और सही उपचार प्राप्त करना वास्तव में महत्वपूर्ण है ताकि लोगों को बेहतर जीवन मिल सके। विभिन्न देशों के बहुत से लोग ब्रह्म होम्योपैथी में जाकर उन बीमारियों से ठीक हो गए हैं जिन्हें पहले ठीक नहीं किया जा सकता था। क्रोनिक अग्न्याशय के दर्द को कैसे दूर करें? होम्योपैथिक उपचार से आपका अग्न्याशय बेहतर हो सकता है। आपको यह बीमारी कितने समय से है, इससे यह प्रभावित होता है कि इसे ठीक होने में कितना समय लगेगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको यह बीमारी थोड़े समय के लिए है या लंबे समय के लिए - हम मदद कर सकते हैं। लेकिन अगर आप जल्दी इलाज शुरू कर देंगे तो आप जल्दी ठीक हो जाएंगे। यदि आपको यह बीमारी लंबे समय से है या यह बाद के चरण में है, तो इसे ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। जैसे ही आपको बीमारी का कोई लक्षण दिखे, तुरंत उपचार शुरू करना महत्वपूर्ण है।  क्रोनिक पैंक्रियास में क्या नहीं खाना चाहिए? यह आहार योजना उन लोगों के लिए बनाई गई है जिनके अग्न्याशय में एक विशिष्ट बीमारी है। डॉक्टर आपको बताएंगे कि आप क्या खा सकते हैं और क्या नहीं खाना चाहिए। यह पता लगाने के लिए कि आपके लिए कौन से खाद्य पदार्थ अच्छे हैं, आपको एक विशेष खाद्य एक्सपर्ट, जिसे आहार एक्सपर्ट कहा जाता है, से बात करनी चाहिए। प्रतिदिन 2 यूनिट से अधिक शराब न पियें। प्रतिदिन शराब का सेवन न करें। जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन करने से बचें। एस्प्रेसो या पेय से बचें. अधिक आहार योजनाओं के लिए कृपया ब्रह्मा होम्योपैथी से संपर्क करें।
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ige treatment
IgE बढ़ने से क्या होता है? जब IgE (इम्यूनोग्लोबुलिन ई) का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है, तो यह अलर्जी और संक्रामक रोगों के विकारों के संकेत का हो सकता है। IgE एंटीबॉडी होते हैं जो शरीर को विभिन्न प्रकार के विदेशी पदार्थों जैसे कि धूल, पॉलेन, धूम्रपान, पशुओं के धुले हुए स्केल, भूखंडों के दस्तावेज़ और कीड़े-मकोड़ों से बचाने में मदद करते हैं। इन्हें अन्य इम्यूनोग्लोबुलिनों के साथ मिलकर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ किया जाता है। लेकिन जब IgE का स्तर अनुचित रूप से उच्च होता है, तो यह बिना आवश्यकता के विदेशी पदार्थों के प्रति भारी विकार्य प्रतिक्रियाएं प्रारंभ कर सकता है, जिससे अलर्जी और अन्य संक्रामक रोग हो सकते हैं। IGE Cured Patient report IgE लक्षण क्या है? IgE लक्षण अलग-अलग विदेशी पदार्थों के साथ संपर्क करने पर विकसित होते हैं। इन लक्षणों में खांसी, जुकाम, आंखों में जलन, त्वचा में खुजली, छींकें, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, उच्च बढ़ती तापमान, चक्कराना, यानी उच्च तापमान में आचानक वृद्धि, गले में खराश, आदि शामिल हो सकते हैं। यह लक्षण आमतौर पर विदेशी पदार्थों से संपर्क के बाद कुछ समय में प्रकट होते हैं और अलर्जी के प्रकार और उसके कारण बारे में अधिक जानकारी प्रदान करते हैं। पॉजिटिव आईजीई टेस्ट का क्या मतलब है? जब किसी व्यक्ति के IgE टेस्ट का परिणाम उच्च होता है, तो इसे “पॉजिटिव आईजीई टेस्ट” कहते हैं। इसका मतलब होता है कि व्यक्ति के रक्त में IgE की मात्रा सामान्य से अधिक है, जिससे उन्हें विभिन्न प्रकार की अलर्जी और संक्रामक रोगों के खतरे का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति में, चिकित्सक रोगी के लक्षणों, इतिहास और अन्य जांचों के साथ मिलाकर सही निदान करते हैं और उच्च IgE स्तर के पीछे छिपे संभावित रोग को पहचानते हैं। खून में एलर्जी कैसे पता करें? खून में एलर्जी को जांचने के लिए IgE टेस्ट किया जाता है, जिसमें रक्त से IgE की मात्रा का मापन किया जाता है। यह परीक्षा चिकित्सक के संलग्न रोगी के लक्षणों और इतिहास के साथ मिलाकर किया जाता है और इससे अलर्जी या संक्रामक रोग के लिए संभावित निदान किया जाता है। चिकित्सक समय पर उचित निदान और उपचार के लिए इस परीक्षा का उपयोग करते हैं। एलर्जी के 3 लक्षण क्या हैं? एलर्जी के लक्षण व्यक्ति के अलर्जी के प्रति प्रतिक्रिया के अनुसार भिन्न होते हैं लेकिन निम्नलिखित कुछ आम लक्षण हो सकते हैं: खांसी, जुकाम, आंखों में जलन, त्वचा में खुजली आदि, जिससे एलर्जी के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। खांसी और सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, सांस की चपेट में तकलीफ, यानी दिल या फेफड़ों के संबंधित लक्षण भी हो सकते हैं। चक्कर आना, उच्च बढ़ती तापमान, चक्कराना, यानी उच्च तापमान में आचानक वृद्धि भी एलर्जी के लक्षणों में शामिल हो सकती हैं। सबसे अच्छा एलर्जी टेस्ट कौन सा है? सबसे अच्छा एलर्जी टेस्ट का चयन रोगी के लक्षणों, इतिहास और वैद्यकीय इतिहास के आधार पर किया जाता है। IgE टेस्ट, जो खून में IgE की मात्रा का मापन करता है, एलर्जी के निदान में सबसे आम प्रयोग किया जाने वाला टेस्ट है। इसके अलावा, अन्य टेस्ट जैसे कि एलर्जी टेस्ट एंडोस्कोपी और स्किन प्रिक टेस्ट भी एलर्जी के निदान में मदद करते हैं। चिकित्सक रोगी के विशेष परिस्थितियों के आधार पर सबसे उपयुक्त एलर्जी टेस्ट का चयन करेंगे। क्या एलर्जी से खतरा हो सकता है? हां, एलर्जी से खतरा हो सकता है, खासकर यदि व्यक्ति की एलर्जी गंभीर हो जाए। जब व्यक्ति किसी विदेशी पदार्थ के प्रति प्रतिक्रिया देता है, तो उसमें हिस्सा लेने वाले रासायनिक पदार्थ को शरीर एंटीबॉडी बनाता है जो उस विदेशी पदार्थ के साथ अपरिचित होते हैं। इस प्रक्रिया में जीवनशैली या खान-पान के कुछ बदलाव से व्यक्ति अपनी अलर्जी से बच सकता है, लेकिन गंभीर एलर्जी के मामूली संकेतों को नजरअंदाज न करें।  एलर्जी ठीक होने में कितना समय लगता है? एलर्जी का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। एलर्जी का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप एलर्जी को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको एलर्जी को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा एलर्जी उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर एलर्जी उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है।
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atrophy of pancreas without operation
पैंक्रियाटिक एट्रोफी क्या है? जब किसी को पैंक्रियाटिक एट्रोफी होता है, तो इसका मतलब है कि उनका पैंक्रियास छोटा और कमजोर हो जाता है। पैंक्रियास हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो भोजन को पचाने और हमारे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब पैंक्रियास अच्छी तरह से काम नहीं करता है, तो यह हमें बीमार महसूस करा सकता है और उतना स्वस्थ नहीं रह सकता जितना हमें होना चाहिए। पैंक्रियाटाइटिस का संक्षेप: पैंक्रियाटाइटिस एक रोग है जो पैंक्रियास, जिसे आपके शरीर में अग्नाशय कहा जाता है, को प्रभावित करता है। यह अग्नाशय अमाशय से होकर आयतित होता है और इसका मुख्य कारण आत्मप्रतिरक्षा प्रणाली की असमर्थन हो सकती है, जिससे अग्नाशय में सूजन और क्षय हो सकता है। यह रोग बार-बार अपाशय स्थिति को दूर करने वाले इंजेक्शन, अत्यधिक अल्कोहल सेवन, या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं। पैंक्रियाटाइटिस के प्रकार: 1. अकूट पैंक्रियाटाइटिस: - इसमें रोगी को तेज दर्द होता है और यह आकस्मिक रूप से शुरू होता है। - इसके कारणों में शामिल हो सकते हैं अत्यधिक अल्कोहल सेवन, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं, और गैस्ट्राइटिस जैसी बीमारियाँ। 2. क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस: - इसमें दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है और इसमें अधिक शिकायतें आती हैं। - इसके कारणों में शामिल हो सकते हैं अधिक अल्कोहल सेवन, डायबीटीज, और स्मोकिंग जैसी बीमारियाँ। पैंक्रियाटिक एट्रोफी के लक्षण: 1. दर्द उच्च पेट में जो लौटता रहता है 2. उल्टी या मतली 3. पेट में सूजन 4. त्वचा का पीला पड़ना क्या क्रोनिक एट्रोफी  पैन्क्रियाटाइटिस ठीक हो सकता है? आप एट्रोफी  से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर ऑट्रॉफिक स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। पैंक्रियाटिक एट्रोफी को कैसे दूर करें? पैंक्रियाटिक एट्रोफी के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है?एट्रोफी  पैन्क्रियाटाइटिस कैसे शुरू होता है? पैंक्रियाटिक एट्रोफी का उपचार: 1. दर्द की आपूर्ति: - डॉक्टर की सलाह पर दर्द नियंत्रण के लिए दवाएँ ली जाती हैं। 2. अत्यधिक अल्कोहल और स्मोकिंग से बचाव: - यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे रोग का उपचार किया जा सकता है। 3. आहार में परिवर्तन: - डॉक्टर द्वारा सुझाए गए आहार में परिवर्तन का पालन करें, जैसे कि तेल-मसाला से बचाव। पैंक्रियाटिक एट्रोफी के लिए आहार योजना: 1. साबुत अनाज़: - ब्राउन राइस, ओट्समील, और जोवार का रोटी जैसे साबुत अनाज़ का उपयोग करें। 2. लीन प्रोटीन: - सोया,दल, पनीर, और मौसमी जैसे लीन प्रोटीन स्रोतों का सेवन करें। 3. सब्जियाँ और फल: - सीताफल, लौकी, तरबूज, तरबूज, गाजर, और मौसमी जैसे फल और सब्जियाँ सेवन करें। 4. हेल्दी फैट्स: - ऑलिव ऑयल और अवोकाडो जैसे हेल्दी फैट्स का सेवन करें। 5. पानी: - पर्याप्त मात्रा में पानी पीना महत्वपूर्ण है। कृपया ध्यान दें कि यह एक सामान्य आहार योजना है और इसे अपने चिकित्सक से सुनिश्चित करने के लिए पहले सुनिश्चित करें। अधिक आहार योजना के लिए ब्रह्म होमियोपैथी संपर्क करें। इस नंबर पर 9429065457 / 9998770086 याह फिर अपॉइंटमेंट बुक करे इस लिंक पर https://www.brahmhomeo.com/book-appointment
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Cholecystitis with Cholelithiasis in Hindi
गॉल ब्लैडर स्टोन में क्या खाएं क्या न खाएं? गॉल ब्लैडर स्टोन (Gallbladder Stone) के रोगियों के लिए उपयुक्त आहार का चयन करना महत्वपूर्ण है, ताकि स्टोन का बढ़ना रुक सके और आपका स्वास्थ्य बना रहे। यहां कुछ सामान्य सुझाव दिए जा रहे हैं: खाने की सुझाव: 1. साबुत अनाज़ (Whole Grains): - ब्राउन राइस, ओट्समील, और कुट्टू का आटा जैसे साबुत अनाज़ का सेवन करें। 2. फल और सब्जियाँ: - मौसमी, सीताफल, लौकी, तरबूज, तरबूज, खीरा, और गाजर जैसे फल और सब्जियाँ सेवन करें। 3. लीन प्रोटीन: - दूध दूधउत्पाद, सोया प्रोटीन, छाछ, पनीर, और उरद की दाल जैसे लीन प्रोटीन स्रोतों का सेवन करें। 4. हेल्दी फैट्स: - ऑलिव ऑयल, कोकोनट ऑयल, और अवोकाडो जैसे हेल्दी फैट्स का सेवन करें। 5. पानी: - पानी पीने में बिना किसी परेशानी के अधिकांश लाभकारी हो सकता है। ना खाएं: 1. ऊबला हुआ और तला हुआ खाद्य: - ऊबला हुआ और तला हुआ खाद्य जैसे कि फ्राइड फूड और फास्ट फूड से बचें। 2. शक्कर और शर्करा से युक्त खाद्य: - शक्कर और शर्करा से युक्त खाद्यों का सीमित रूप से सेवन करें, क्योंकि यह वजन बढ़ा सकता है और स्टोन को बढ़ा सकता है। 3. हाई फैट और तली हुई चीजें: - हाई फैट और तली हुई चीजें जैसे कि प्रोसेस्ड मीट, बटर, और तला हुआ खाद्य से बचें। 4. अल्कोहल: - अल्कोहल से बचें, क्योंकि यह गॉल ब्लैडर की कोणिक्यूलस स्पैसिटी को बढ़ा सकता है और स्टोन को बढ़ा सकता है। कृपया ध्यान दें कि यह सामान्य सुझाव हैं और हर व्यक्ति के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते हैं। आपके डॉक्टर से सलाह प्राप्त करना सबसे अच्छा है। पित्ताशय की थैली फटने से क्या होता है? डॉक्टरों के मुताबिक, अगर पित्ताशय में पथरी हो तो आमतौर पर उसे पूरी तरह निकाल दिया जाता है। इसलिए ऐसी स्थिति में पेट में पथरी होने की संभावना बहुत कम होती है। यह घटना तभी हो सकती है जब ऑपरेशन के दौरान पित्ताशय फट जाए, जिससे पथरी पेट में गिर जाए। हालाँकि, यह स्थिति केवल दुर्लभ मामलों में ही उत्पन्न होती है जब तात्कालिकता की भावना होती है। इसके अतिरिक्त, डॉक्टर बताते हैं कि लीवर का फटना लीवर की चोट को संदर्भित करता है। क्या गॉलब्लैडर स्टोन बिना सर्जरी के ठीक हो सकता है? होम्योपैथिक उपचार से गॉलब्लैडर स्टोन का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, गॉलब्लैडर स्टोन का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। पित्त की थैली में स्टोन का इलाज? गॉलब्लैडर स्टोन का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। गॉलब्लैडर स्टोन का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप गॉलब्लैडर स्टोन को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको गॉलब्लैडर स्टोन को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा गॉलब्लैडर स्टोन उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर गॉलब्लैडर स्टोन उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है।
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mpd treatment in homeopathic
मायलोप्रोलिफेरेटिव नियोप्लाज्म क्या है? मायलोप्रोलिफेरेटिव नियोप्लाज्म बीमारियों का एक समूह है जहां अस्थि मज्जा बहुत अधिक लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कोशिकाएं या प्लेटलेट्स बनाता है। ये रोग 6 प्रकार के होते हैं। डॉक्टर यह पता लगाने के लिए रक्त और अस्थि मज्जा पर परीक्षण का उपयोग करते हैं कि क्या किसी को यह है। पैंक्रियाज के एट्रोफी का क्या अर्थ है? क्या एक एट्रोफिक पैंक्रियाज ठीक हो सकता है? क्रोनिक अग्नाशयशोथ के लक्षण ? क्रोनिक अग्नाशयशोथ के कारण ? क्रोनिक अग्नाशयशोथ के डायग्नोसिस ? क्रोनिक अग्नाशयशोथ के जोखिम कारक: क्या मायलोप्रोलिफेरेटिव डिसऑर्डर ठीक हो सकता है? आवश्यक थ्रोम्बोसाइटेमिया और पॉलीसिथेमिया वेरा वाले अधिकांश लोग बिना किसी समस्या के 10 से 15 साल से अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं। मायलोफाइब्रोसिस से पीड़ित लोग आमतौर पर लगभग पांच साल तक जीवित रहते हैं, लेकिन कभी-कभी यह बीमारी अधिक गंभीर प्रकार के कैंसर में बदल सकती है जिसे एक्यूट ल्यूकेमिया कहा जाता है। मायलोफिब्रोसिस वंशानुगत है? हम निश्चित रूप से नहीं जानते कि कुछ लोगों को मायलोफाइब्रोसिस या इसी तरह की अन्य बीमारियाँ क्यों होती हैं। आमतौर पर, यह कुछ ऐसा नहीं है जो आप अपने माता-पिता से प्राप्त करते हैं या अपने बच्चों को देते हैं, हालांकि कभी-कभी यह परिवारों में भी चल सकता है। मायलोप्रोलिफेरेटिव डिसऑर्डर को कैसे खत्म करें? आप मायलोप्रोलिफेरेटिव डिसऑर्डर से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर मायलोप्रोलिफेरेटिव डिसऑर्डर स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। क्रोनिक पैंक्रिअटिटिस का इलाज क्या है? क्रोनिक पैंक्रिअटिटिस अग्न्याशय की एक लंबे समय से चली आ रही सूजन है जो अंग की सामान्य संरचना और कार्यों को बदल देती है। यह पहले से घायल अग्न्याशय में तीव्र सूजन के एपिसोड के रूप में, या लगातार दर्द या कुअवशोषण के साथ पुरानी क्षति के रूप में उपस्थित हो सकता है। यह एक रोग प्रक्रिया है जिसमें अग्न्याशय को अपरिवर्तनीय क्षति होती है जो तीव्र पैंक्रिअटिटिस में प्रतिवर्ती परिवर्तनों से भिन्न होती है। क्रोनिक पैंक्रिअटिटिस में क्या खाये और क्या न खाये ? क्रोनिक पैंक्रिएटाइटिस के रोगियों के लिए उचित आहार का चयन करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मदद कर सकता है शरीर को आराम से खाना पचाने में। यहां कुछ सामान्य सुझाव दिए जा रहे हैं: खाने की सुझाव: 1. लीन प्रोटीन: - मांस, मछली, सोया, दल, और उनके उत्पादों की तुलना में लीन प्रोटीन का चयन करें। 2. सुपरफूड्स: - मौसमी और सुपरफूड्स, जैसे कि तरबूज, तरबूज, खीरा, लौकी, सीताफल, और केला, सेवन करें। 3. कार्बोहाइड्रेट्स: - चावल, स्वीट पोटेटो, ओट्समील, और ब्राउन राइस जैसे सामान्य कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन करें। 4. विटामिन्स और खनिज: - विटामिन D और कैल्शियम की सहायक सप्लीमेंट्स लें, लेकिन इस पर डॉक्टर की सलाह लें। - बी, सी, और ई विटामिन्स का सेवन करें। 5. आयरन: - अच्छी मात्रा में आयरन युक्त आहार लें।  ना खाएं: 1. तेल और तली हुई चीजें: - तला हुआ और तला हुआ खाद्य से बचें, जैसे कि चिप्स, फ्राइड फूड, और तला हुआ मांस। 2. ऊबला हुआ और मसालेदार खाद्य: - ऊबला हुआ और मसालेदार खाद्य से बचें, क्योंकि इससे पैंक्रियास को अधिक काम करना पड़ सकता है। 3. शक्कर और शर्करा से युक्त खाद्य: - शक्कर और शर्करा से युक्त खाद्यों का सीमित रूप से सेवन करें, ताकि इंसुलिन का स्तर बना रहे। 4. अधिक प्रोटीन: - अधिक प्रोटीन से बचें, खासकर जब यह तेलीय होता है। 5. अल्कोहल: - अल्कोहल का सेवन करना बंद करें, क्योंकि यह पैंक्रियास को अधिक बुरा कर सकता है। आपको अपने डॉक्टर से डाइट प्लान तैयार करने में मदद मिलेगी ताकि वह आपके विशिष्ट स्वास्थ्य स्थिति के हिसाब से एक उपयुक्त और सुरक्षित आहार की सलाह दे सके। अधिक जानकारी और अपने लिए स्पेशल डाइट प्लान के लिए आज ही कॉल करे और डॉक्टर से कौन्सिलिंग करे इस नंबर पर 9429065457 / 9998770086 याह फिर अपॉइंटमेंट बुक करे इस लिंक पर https://www.brahmhomeo.com/book-appointment
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multiple sclerosis treatment in homeopathic
मल्टीपल के स्केलेरोसिस का क्या मतलब है? मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis - MS) एक न्यूरोलॉजिकल (न्यूरोलॉजी से संबंधित) रोग है जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को (जिसमें ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड शामिल हैं) प्रभावित करता है। इसका नाम "मल्टीपल स्क्लेरोसिस" है, जो ग्रीक शब्द "स्क्लेरोसिस" से आता है, जिसका मतलब होता है "हार्डनेस" या "स्केल्ड"। यह इसलिए है क्योंकि इस रोग में न्यूरॉन्स (न्यूरॉन्स) के आस-पास की माइलिन शैली (जो न्यूरॉन को ढंकने में मदद करती है) में यहां तक कि उन्हें हानि पहुंच सकती है, जिससे किसी भी बारीक प्रणाली का कार्य करना कठिन हो सकता है। मल्टीपल स्क्लेरोसिस का मुख्य कारण आत्मिक प्रतिरक्षा की एक विफलता है, जिसके कारण अस्तित्व के खिलाफ न्यूरॉन को हानि हो सकती है। इससे विभिन्न स्थानों पर शब्दात्मक, सूचनात्मक, और लक्षण हो सकते हैं, और यह रोग किसी के जीवन और रोजगार को प्रभावित कर सकता है। इस रोग के लक्षण व्यक्ति के इरादे, चलने में कठिनाई, भूखमरी, तंतु क्रियाएं, और बदलते मूडों में से कुछ हो सकते हैं। यह एक बारेमे नैरोलॉजिस्ट की जांच और विशेषज्ञ की सलाह के साथ स्थापित किया जा सकता है और इसका इलाज विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके किया जा सकता है।मल्टीपल के स्केलेरोसिस का क्या मतलब है? मल्टीपल स्केलेरोसिस का मुख्य कारण क्या है? मल्टीपल एयर सेल रोग क्या है? मल्टीपल स्केलेरोसिस के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? मल्टीपल के लिए क्या गलत हो सकता है? मल्टीपल में क्या खाएं और क्या न खाएं ये डाइट प्लान आपको अपने बीमारी के स्टेज के हिसाब से बनाया जाता है जो डॉक्टर आपको रेकमेंड करते है और आपके डाइट में क्या शामिल हो सकता है की नहीं वह आपको अपने डायटीशियन से पूछना पड़ता है।  क्या मल्टीपल स्केलेरोसिस का इलाज किया जा सकता है? होम्योपैथिक उपचार से मल्टीपल स्केलेरोसिस का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, मल्टीपल स्केलेरोसिस का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। मल्टीपल स्केलेरोसिस का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। मल्टीपल स्केलेरोसिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप मल्टीपल स्केलेरोसिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको मल्टीपल स्केलेरोसिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा मल्टीपल स्केलेरोसिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर मल्टीपल स्केलेरोसिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है।
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10mm kidney stone treatment in hindi
क्या 10 mm के किडनी स्टोन होम्योपैथिक ट्रीटमेंट से ठीक हो सकता है ? 10mm के किडनी स्टोन का इलाज बिना सर्जरी: 10mm के किडनी स्टोन का इलाज बिना सर्जरी किये जा सकता है, लेकिन यह उपाय और इलाज आपके स्टोन के आकार, प्रकार, और उनके कारण पर निर्भर करते हैं। होम्योपैथिक दवा: होम्योपैथिक उपचार विशेष दवाओं की तरह हैं जो आपको बेहतर महसूस कराने और बीमारियों से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं। यदि किसी को किडनी स्टोन है, तो इसका इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका होम्योपैथिक उपचार है। जब आप यह उपचार लेना शुरू करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। ब्रह्मा होम्योपैथी में बहुत से लोग किडनी स्टोन का इलाज करा रहे हैं और उनका इलाज अच्छा चल रहा है। ब्रह्मा होम्योपैथी आपको किडनी स्टोन को ठीक करने के लिए सबसे सुरक्षित उपचार देने का वादा करती है। किडनी स्टोन क्या है ? किडनी स्टोन का पता कैसे चलेगा ? किडनी स्टोन के लक्षण क्या है ? किडनी स्टोन के कारण क्या होते है ? किडनी स्टोन होने पर किन चीज़ो का अपने खाने पे परहेज़ करना चाहिए ? किडनी स्टोन होने पर हमे क्या चीज़े ज्यादा खानी चाहिए ? यहां कुछ आम उपाय हैं जो किडनी स्टोन के इलाज में मदद कर सकते हैं: पानी पीना: अधिक मात्रा में पानी पीना सबसे महत्वपूर्ण है। यह किडनी स्टोन को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। पानी से आपके मूत्रमार्ग को छिड़कने में मदद होती है जिससे स्टोन बाहर निकल सकता है। लेमन जूस: नींबू का रस किडनी स्टोन को तोड़ने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें सिट्रिक एसिड होता है जो कैल्शियम स्टोन को घटित करने में मदद करता है। आमला रस: आमला रस भी कैल्शियम स्टोन को तोड़ने में मदद कर सकता है। अप्पल साइडर विनेगर: एक चम्च अप्पल साइडर विनेगर को पानी के साथ मिलाकर पीना भी स्टोन को छोड़ने में मदद कर सकता है। कौदी से पानी पीना: कौदी या कोकुम से बनाया गया पानी भी किडनी स्टोन को तोड़ने में मदद कर सकता है। योग और व्यायाम: कुछ योगासन और व्यायाम भी किडनी स्टोन को तोड़ने में मदद कर सकते हैं, लेकिन इस पर डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए। इन उपायों को आपके स्टोन के प्रकार और आपके स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर तय करना चाहिए। हमेशा यह याद रखें कि किडनी स्टोन का इलाज केवल वैद्यकीय सलाह और निरीक्षण के बाद ही किया जाना चाहिए, और किडनी स्टोन की जाँच के लिए डॉक्टर से मिलना चाहिए। 10 mm पथरी तोड़ने की होम्योपैथिक दवा: होम्योपैथिक उपचार से किडनी स्टोन का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, किडनी स्टोन का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। बिना ऑपरेशन के 10 mm के किडनी स्टोन कैसे निकाले? होम्योपैथिक उपचार से 10 mm के किडनी स्टोन का इलाज संभव है। 10 mm के किडनी स्टोन की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? होम्योपैथिक उपचार से 10mm के किडनी स्टोन का इलाज संभव है। आपको यह बीमारी कितने समय से है, इसका असर इस बात पर पड़ता है कि हम इसका इलाज कैसे करते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको यह बीमारी थोड़े समय के लिए है या लंबे समय के लिए - हम मदद कर सकते हैं। अगर आप जल्दी इलाज शुरू कर देंगे तो आप जल्दी ठीक हो जाएंगे। लेकिन अगर आपको यह समस्या लंबे समय से है तो इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। जैसे ही आपको कोई समस्या दिखे तो डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है। 10 मिमी की किडनी स्टोन होने पर बहुत दर्द हो सकता है, लेकिन इसे बेहतर बनाने के कई तरीके हैं। कुछ उपचार आपको नुकसान पहुंचाए बिना समस्या को ठीक कर सकते हैं। अगर आपको कोई परेशानी है तो उसे नजरअंदाज न करें. इससे पहले कि यह बदतर हो जाए और अधिक दर्द हो, मदद लेने के लिए डॉक्टर के पास जाएँ। आज ही डॉक्टर से बात कर ने के लिए इस नंबर पर कॉल करे 9429065457 / 9998770086 और अपॉइंटमेंट बुक करे https://www.brahmhomeo.com/book-appointment
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Gallbladder Treatment In hindi
क्या बिना ऑपरेशन के पित्त की थैली की पथरी निकल सकती है? आप पित्ताशय की पथरी से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर माइग्रेन स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। पित्ताशय की पथरी निकालने की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? पित्ताशय की पथरी का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। पित्ताशय की पथरी का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप पित्ताशय की पथरी को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको पित्ताशय की पथरी को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा पित्ताशय की पथरी उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर पित्ताशय की पथरी उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। क्या सर्जरी के बिना पित्त पथरी का इलाज करने का कोई तरीका है? होम्योपैथिक उपचार से पित्ताशय की पथरी का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, पित्ताशय की पथरी का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। क्या आप पित्त पथरी के साथ सामान्य जीवन जी सकते हैं? यदि आपके पेट में छोटे-छोटे पत्थर हैं जिन्हें पित्त पथरी कहा जाता है, लेकिन वे आपको बुरा महसूस नहीं कराते हैं, तो आप उन्हें रख सकते हैं और वे कोई परेशानी पैदा नहीं करेंगे। लेकिन अगर वे आपको बीमार महसूस कराने लगें, तो डॉक्टर आपकी पित्ताशय की थैली को बाहर निकालना चाह सकते हैं। हालाँकि, चिंता न करें, स्वस्थ रहने के लिए आपको वास्तव में इसकी आवश्यकता नहीं है। इसलिए जब इसे बाहर निकाला जाएगा, तो आपको ज्यादा अलग महसूस नहीं होगा।
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Mesenteric Lymph Nodes
बीमारी…जो किसी को भी अपना शिकार बना लेती है। कुछ बीमारी जेनेटिकल होती है, कुछ अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण या बैक्टीरिया , वायरस एवं पैरासाइट (Parasites) के कारण। ऐसी ही एक डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी हुई बीमारी है मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स , जो बच्चों को अपना शिकार बनती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स, मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के कारण एवं इससे जुड़े अन्य सवालों का जवाब जानेंगे। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स क्या है? मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स को मेडिकल टर्म में मेसेंटेरिक एडेनाइटिस भी कहा जाता है। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स, मेसेंटरी में लिम्फ नोड्स में सूजन की समस्या है। मेसेंटरी एब्डॉमिनल वॉल को होल्ड करने में सक्षम होता है। वहीं इंटेस्टाइन में इंफेक्शन की वजह से मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स की समस्या होती है। इंफेक्शन प्रायः हल्के होते हैं और कई बार आप समझने में लेट कर देते है। इसलिए मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के लक्षणों को समझना जरूरी जिससे इस पेट से जुड़ी बीमारी से बचने में मदद मिल सके। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के लक्षण -पेट के निचले हिस्से में दाहिने ओर दर्द होना. -पेट दर्द होना। -जी मिचलाने की समस्या होना। -उल्टी होना।-डायरिया की समस्या होना। -अपने आपको बीमार महसूस करना। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स क्यों होता है ? मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स सूजन का सबसे आम कारण वायरल संक्रमण होता है , जैसे गैस्ट्राटिक - जिसे अक्सर पेट का फ्लू कहा जाता है। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स आपके बीमारी से लड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। वे आपके शरीर में फैले होते है , जो वायरस , बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक जीवो को नष्ट करते है। कुछ बच्चों में मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के पहले या उसके दौरान ऊपरी श्वसन में संक्रमण विकसित हो जाता है। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स का इलाज कैसे होता है ? ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहाँ मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स का उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स का उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है।
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Atrophy Of Pancreas treatment in homeopathic
पैंक्रियाज के एट्रोफी का क्या अर्थ है? पैंक्रियाज के एट्रोफी का मतलब है कि एक व्यक्ति का पैंक्रियाज छोटा और कमजोर हो रहा है। एट्रोफी का मतलब है कि कोई चीज छोटी हो रही है, जैसे कोई खिलौना आकार में सिकुड़ रहा है। एट्रोफिक क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस तब होता है जब पैंक्रियाज छोटा हो जाता है क्योंकि यह लंबे समय तक बीमार रहता है। यदि इस स्थिति वाला कोई व्यक्ति बहुत पतला दिखता है, तो यह इस बात का संकेत है कि स्थिति बिगड़ने से पहले उन्हें मदद की आवश्यकता है।Atrophy Of Pancreas Patient Cured पैंक्रियाज किस उम्र में एट्रोफी करता है? पैंक्रियाज का एट्रोफी उम्र बढ़ने के साथ होता है, और इसका वजन सामान्य 60-100 ग्राम से 40 ग्राम या 85 वर्ष की आयु से कम हो सकता है। यह वास्तव में छोटे या सूक्ष्म पैंक्रियाज के द्रव्यमान का पता लगाने में मदद कर सकता है, जो इमेजिंग अध्ययनों पर अधिक प्रमुख हो सकता है। अवशेषी ग्रंथियों की तुलना में। पैंक्रियाज के एट्रोफी के लक्षण क्या हैं? -पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द -पेट दर्द जो आपकी पीठ तक जाता है -पेट को छूने पर कोमलता -बिना कोशिश किए वजन कम करना -तैलीय, बदबूदार मल पैंक्रिएटिक एट्रोफी का क्या कारण बनता है? -पित्ताशय की पथरी -पैंक्रियाज का कैंसर -संक्रमण -पेट की चोट -मोटापा -सदमा क्या एक एट्रोफिक पैंक्रियाज ठीक हो सकता है? हां, होम्योपैथी की मदद से पैंक्रियाज के एट्रोफी को ठीक किया जा सकता है. क्या होम्योपैथी पैंक्रियाज के एट्रोफी को ठीक कर सकती है?हाँ, होम्योपैथी पैंक्रियाज के एट्रोफी को ठीक कर सकती है। ब्रह्म होम्योपैथी आपको पैंक्रियाज के एट्रोफी के लिए सबसे भरोसेमंद उपचार देना सुनिश्चित करती है। पैंक्रियाज के एट्रोफी के लिए सबसे अच्छा उपचार क्या है? यदि पैंक्रियाज के एट्रोफी अच्छी तरह से काम नहीं कर रहा है तो होम्योपैथिक उपचार वास्तव में बेहतर होने में मदद करने का एक अच्छा तरीका है। जब आप उपचार शुरू करते हैं, तो आप जल्दी परिणाम देखेंगे। बहुत सारे लोग इस इलाज के लिए ब्रह्म होम्योपैथी जा रहे हैं और वे वास्तव में अच्छा कर रहे हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपके पैंक्रियाज के एट्रोफी को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए आपको सबसे तेज़ और सुरक्षित तरीका प्रदान करना सुनिश्चित करती है। यदि आपका पैंक्रियाज के एट्रोफी अच्छी तरह से काम नहीं कर रहा है, तो प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करके इसे बेहतर बनाने में मदद करने के तरीके हैं। आप कितने समय से बीमार हैं, यह प्रभावित करेगा कि आपको ठीक होने में कितना समय लगेगा। यदि आप जल्दी इलाज शुरू करते हैं, तो आप जल्द ही बेहतर महसूस करेंगे। लेकिन यदि आप लंबे समय से बीमार हैं तो ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। जैसे ही आप किसी समस्या को देखते हैं, तुरंत हमसे संपर्क करें। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर की उपचार योजना बीमार होने पर लोगों को बेहतर महसूस कराने में मदद करने के लिए हमारे पास एक विशेष तरीका है। हमारे पास वास्तव में स्मार्ट डॉक्टर हैं जो ध्यान से देखते हैं और नोट करते हैं कि बीमारी व्यक्ति को कैसे प्रभावित कर रही है। फिर, वे सलाह देते हैं कि क्या खाना चाहिए, व्यायाम करना चाहिए और स्वस्थ जीवन कैसे जीना चाहिए। वे व्यक्ति को ठीक होने में मदद करने के लिए विशेष दवा भी देते हैं। यह तरीका कारगर साबित हुआ है!
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keloid treatment un hindi
केलोइड क्या है? कभी-कभी जब हमें चोट लगती है और घाव हो जाता है, तो एक विशेष प्रकार का निशान बन जाता है जिसे केलॉइड कहा जाता है। यह निशान आवश्यकता से अधिक बढ़ता और फैलता है, हमारी त्वचा के सामान्य स्तर से चिपक जाता है। यह ऐसा है जैसे घाव को ठीक करने की कोशिश में निशान बहुत आक्रामक हो रहा है। केलोइड का सबसे अच्छा इलाज क्या है? केलोइड का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। केलोइडका सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप केलोइड को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको केलोइड को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा केलोइड उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर केलोइड उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। क्या केलोइड निशान दूर हो जाएंगे? काले लोगों की त्वचा में मेलेनिन नामक पदार्थ होता है जो त्वचा को काला बनाता है। जब उन्हें चोट लगती है और उनकी त्वचा क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो उनका शरीर उस स्थान पर और भी अधिक मेलेनिन बनाता है। यह कभी-कभी उभरे हुए निशान का कारण बन सकता है जिसे केलॉइड कहा जाता है। केलॉइड निशान का क्या कारण है? -शरीर छिदवाना (विशेषकर कान छिदवाना) -मुँहासे या चिकनपॉक्स से जूझना (आमतौर पर चेहरे, छाती या पीठ पर विकसित होना) -जलाना -काटना, खुरचना, या कीड़े का काटना -पंचर घाव जैसा गहरा घाव -त्वचा रोग जो फॉलिकुलिटिस जैसी सूजन का कारण बनता है -टटू सर्जरी, प्रक्रिया या इंजेक्शन के कारण हुआ घाव
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Pancreas kse thik kaise kare
पैंक्रियास को ठीक करने के लिए क्या करें?आप पेनक्रियाज से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर पेनक्रियाज स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। अग्न्याशय के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? पैंक्रियाज का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। पैंक्रियाज का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप पैंक्रियाज को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको पैंक्रियाज को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा पैंक्रियाज उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर पैंक्रियाज उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। अग्न्याशय के दर्द को कैसे दूर करें? होम्योपैथिक उपचार से अग्न्याशय का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, अग्न्याशय का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। पेनक्रियाज में क्या नहीं खाना चाहिए? कोलाइटिस में क्या खाएं और क्या न खाएं ये डाइट प्लान आपको अपने बीमारी के स्टेज के हिसाब से बनाया जाता है जो डॉक्टर आपको रेकमेंड करते है और आपके डाइट में क्या शामिल हो सकता है की नहीं वह आपको अपने डायटीशियन से पूछना पड़ता है।  दिन में 2 यूनिट से शराब का ज्यादा न पिएं। प्रतिदिन शराब का सेवन न करें। जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन बंद कर दें। एस्प्रेसो या पेय पदार्थों से बचें। अधिक आहार योजना के लिए ब्रह्म होमियोपैथी संपर्क करें।
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best chronic calcific pancreatic treatment in homeopathy
क्या क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस ठीक हो सकता है? क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस पैंक्रियास की सूजन है जो लंबे समय तक रह सकती है। इससे पैंक्रियास और अन्य जटिलताओं को स्थायी नुकसान हो सकता है। इस सूजन से निशान ऊतक विकसित हो सकते हैं, जो इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह पुरानी अग्नाशयशोथ वाले लगभग 45 प्रतिशत लोगों में मधुमेह का कारण बन सकता है। क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस कैसे शुरू होता है? लंबे समय तक बहुत अधिक शराब पीने से आपके अग्न्याशय को नुकसान पहुंच सकता है और वह बीमार हो सकता है। यह कई बार हो सकता है और तीव्र अग्नाशयशोथ नामक अल्पकालिक समस्याओं का कारण बन सकता है। यदि आप शराब पीना जारी रखते हैं, तो अग्नाशयशोथ फिर से वापस आ सकता है। अंततः, यह आपके अग्न्याशय को हर समय वास्तव में बीमार बना सकता है, और इसे क्रोनिक अग्नाशयशोथ कहा जाता है। क्या क्रोनिक कैल्सीफिक पैंक्रियाज का इलाज संभव है? क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। अग्न्याशय के लिए कौन सी दवा सबसे अच्छी है? क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है।
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chronic pancreas treatment homeopathic without operation
पैंक्रियास ठीक करने के उपाय अग्नाशयशोथ एक बीमारी है जो आपके अग्न्याशय में हो सकती है। अग्न्याशय आपके पेट में एक लंबी ग्रंथि है जो भोजन को पचाने में आपकी मदद करती है। यह आपके रक्त प्रवाह में हार्मोन भी जारी करता है जो आपके शरीर को ऊर्जा के लिए भोजन का उपयोग करने में मदद करता है। यदि आपका अग्न्याशय क्षतिग्रस्त हो गया है, तो पाचन एंजाइम सामान्य रूप से आपकी छोटी आंत में नहीं जा सकते हैं और आपका शरीर ऊर्जा के लिए भोजन का उपयोग नहीं कर सकता है।अग्न्याशय शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हार्मोन इंसुलिन का उत्पादन करके रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। यदि इस अंग को नुकसान होता है, तो इससे मानव शरीर में गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। ऐसी ही एक समस्या है जब अग्न्याशय में सूजन हो जाती है, जिसे तीव्र अग्नाशयशोथ कहा जाता है। क्रोनिक अग्नाशयशोथ अग्न्याशय की सूजन है जो लंबे समय तक रह सकती है। इससे अग्न्याशय और अन्य जटिलताओं को स्थायी नुकसान हो सकता है। इस सूजन से निशान ऊतक विकसित हो सकते हैं, जो इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह पुरानी अग्नाशयशोथ वाले लगभग 45 प्रतिशत लोगों में मधुमेह का कारण बन सकता है। भारी शराब का सेवन भी वयस्कों में अग्नाशयशोथ का कारण बन सकता है। ऑटोइम्यून और आनुवंशिक रोग, जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस, कुछ लोगों में पुरानी अग्नाशयशोथ का कारण बन सकते हैं। उत्तर भारत में, ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके पास पीने के लिए बहुत अधिक है और कभी-कभी एक छोटा सा पत्थर उनके पित्ताशय में फंस सकता है और उनके अग्न्याशय के उद्घाटन को अवरुद्ध कर सकता है। इससे उन्हें अपना खाना पचाने में मुश्किल हो सकती है। 3 हाल ही में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न देशों में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार दक्षिण भारत में पुरानी अग्नाशयशोथ की व्यापकता प्रति 100,000 जनसंख्या पर 114-200 मामले हैं। क्रोनिक अग्नाशयशोथ के लक्षण ? -कुछ लोगों को पेट में दर्द होता है जो पीठ तक फैल सकता है।  -यह दर्द मतली और उल्टी जैसी चीजों के कारण हो सकता है। -खाने के बाद दर्द और बढ़ सकता है। -कभी-कभी किसी के पेट को छूने पर दर्द महसूस हो सकता है। -व्यक्ति को बुखार और ठंड लगना भी हो सकता है। वे बहुत कमजोर और थका हुआ भी महसूस कर सकते हैं।  क्रोनिक अग्नाशयशोथ के कारण ? -पित्ताशय की पथरी -शराब -रक्त में उच्च ट्राइग्लिसराइड का स्तर  -रक्त में उच्च कैल्शियम का स्तरक्रोनिक अग्नाशयशोथ के जोखिम कारक: भारी शराब पीने से आपको अग्नाशयशोथ होने की अधिक संभावना हो सकती है। धूम्रपान पुरानी अग्नाशयशोथ होने की संभावनाओं को बढ़ा सकता है, लेकिन धूम्रपान छोड़ने से आपके जोखिम को बहुत कम किया जा सकता है। मोटापा: यदि आप मोटे हैं, तो आपको अग्नाशयशोथ होने की अधिक संभावना है। यदि आपको मधुमेह है, तो आपके अग्नाशयशोथ होने का जोखिम अधिक है। यदि आपके पास अग्नाशयशोथ का पारिवारिक इतिहास है, तो इसका मतलब है कि आपको स्थिति होने की अधिक संभावना है। यदि आपके पास अन्य जोखिम कारक हैं, तो आपके अग्नाशयशोथ होने की संभावना और भी अधिक है। हाँ अग्नाशयशोथ का योग्य इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। अग्नाशयशोथ का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप अग्नाशयशोथ को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपके अग्नाशयशोथ को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा आपके उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर आपके उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। ब्रह्म होमियोपैथी का लक्ष्य सिर्फ रोगों का इलाज करना ही नहीं है बल्कि हमारा आपके जीवन में बदलाव लाना है। क्रोनिक अग्नाशयशोथ के लिए आहार योजना: जब आप क्रोनिक अग्न्याशय से पीड़ित हों तो क्या करें: -आपको उचित आहार लेना चाहिए, जिसमें शामिल हैं; - एक दिन में कम से कम 5 सर्विंग ताजे फल और सब्जियां। - साबुत अनाज, फाइबर और पोषण। - ऐसा खाना लें जिसमें कोलेस्ट्रॉल कम हो। - योगा, एक्सरसाइज करें जिससे आपका वजन मेंटेन रहे।  जब आप क्रोनिक पेनक्रियटीज से पीड़ित हों तो क्या न करें: - दिन में 2 यूनिट से शराब का ज्यादा न पिएं। - प्रतिदिन शराब का सेवन न करें। - जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन बंद कर दें। - एस्प्रेसो या पेय पदार्थों से बचें। अधिक आहार योजना के लिए ब्रह्म होमियोपैथी संपर्क करें।
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bulky head of pancreas
What causes bulky head of pancreas? Pancreatitis occurs when digestive enzymes in the pancreas become active, irritating your pancreatic cells and causing inflammation. With repeated episodes of acute pancreatitis, the pancreas may be damaged and chronic pancreatitis may occur. Scar tissue can form in the pancreas, causing loss of its function. A poorly functioning pancreas can cause digestive problems and diabetes. -gallstones -Liquor -some medicines -High triglyceride levels in the blood -High calcium levels in the blood, which may be caused by an overactive parathyroid gland. Why is my pancreas bulky? Your pancreas might be bigger than it should be, or there could be something different about how it's shaped. Sometimes, the pancreas gets hurt when certain substances in our bodies start doing things they're not supposed to do. How serious is a mass on head on the pancreas? Most of the time, when there is a solid mass in the pancreas, it is cancerous. But sometimes, there can be other types of masses that are not cancer. One of these uncommon types is called granulomatosis with polyangiitis, and it can be hard to tell if it is cancer or not without other symptoms in the body. How can I reduce bulky pancreas? The best treatment for Bulky Pancreatitis is homeopathic treatment. As soon as you start your treatment to cure Bulky Pancreatitis, you will get definite results. There are patients taking treatment from Brahm Homeopathy, and their treatment is going very well. Brahm Homeopathy ensures you the fastest and safest treatment to cure Bulky Pancreatitis. Brahm Homeopathy is a science based research clinic where Bulky Pancreatitis treatment plays an important role in managing the symptoms, eliminating pain and stopping the progression of the disease and leading to complete cure. Early detection and timely Bulky Pancreatitis treatment for better quality of life. Is necessary. In Brahm Homeopathy, accurate treatment is given with the right medicine along with the right diet plan. Many people from all over the world are getting cured from incurable diseases by getting treatment from Brahm Homeopathy.
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Pseudocyst Of Pancreas Treatment without surgery
पैंक्रियाटिक स्यूडो सिस्ट क्या है?स्यूडोसिस्ट तरल पदार्थ से भरे बुलबुले की तरह होता है जो पैंक्रियास के बगल में बनता है। यह आमतौर पर तब होता है जब किसी को लंबे समय तक पैंक्रियास में कोई समस्या रहती है, लेकिन कभी-कभी यह अचानक किसी समस्या के बाद भी हो सकता है। कुछ चीजें जो इसके होने की अधिक संभावना बना सकती हैं, वे हैं पित्त पथरी होना, बहुत अधिक शराब पीना, या पेट क्षेत्र में चोट लगना।  क्या पैंक्रियाटिक सिस्ट फट सकता है?कभी-कभी, पैंक्रियास में एक सिस्ट फट सकता है और यह हमारे स्वास्थ्य के लिए वास्तव में बुरा हो सकता है। इससे हमारा पेट संक्रमित हो सकता है और यह अच्छा नहीं है। लेकिन चिंता न करें, ऐसा अक्सर नहीं होता है। पैंक्रियाटिक स्यूडो सिस्ट क्यों बनते हैं? अगर आप गंदी जगहों जैसे चाट, भेलपुरी, छोले भटूरे और चाउमीन बेचने वाले दुकानदारों का खाना खाते हैं तो आपको सिस्ट नामक बीमारी हो सकती है। लेकिन अगर आप साफ-सुथरे रहते हैं और स्वस्थ भोजन खाते हैं, तो आप सिस्ट होने से बच सकते हैं, खासकर फेफड़ों में।पैंक्रियाटिक स्यूडो सिस्ट के क्या लक्षण होते हैं? -खून की उल्टी होना -बेहोशी -कमजोर और तेज़ दिल की धड़कन -गंभीर पेट दर्द -चेतना में कमी  पैंक्रियाटिक स्यूडो सिस्ट का मुख्य कारण क्या है? -पैंक्रियास की चोट या आघात -पैंक्रियास संक्रमण -आपके रक्त में कैल्शियम का उच्च स्तर -रक्त में वसा (कोलेस्ट्रॉल) का बहुत उच्च स्तर -दवाओं से पैंक्रियास को क्षति -स्व - प्रतिरक्षित रोग -आपके परिवार में मौजूद ऐसी स्थितियाँ जो पैंक्रियास को नुकसान पहुँचाती हैं। इनमें सिस्टिक फाइब्रोसिस भी शामिल है।  क्या पैंक्रियाटिक सिस्ट ठीक हो सकता है? हाँ पैंक्रियाटिक सिस्ट को होम्योपैथिक उपचार से ठीक किया जा सकता है। क्या होम्योपैथी में पैंक्रियाटिक स्यूडो सिस्ट का इलाज संभव है? हां, होम्योपैथिक उपचार चुनकर पैंक्रियाटिक सिस्ट का इलाज संभव है। यदि आप होम्योपैथिक उपचार चुनते हैं, तो इन दवाओं से कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा और समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी। इसलिए, बीमारियों के इलाज के लिए होम्योपैथिक उपचार को ही चुना जाना चाहिए। आप पैंक्रियाटिक स्यूडो सिस्ट से कैसे छुटकारा पा सकते हैं? शुरुआत में ही सबसे अच्छा उपचार चुनने से आपको पैंक्रियाटिक सिस्ट से छुटकारा मिल जाएगा। होम्योपैथिक उपचार का चयन करके, ब्रह्म होम्योपैथी आपको पैंक्रियाटिक सिस्ट के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपचार देने की गारंटी देता है। पैंक्रियाटिक सिस्ट के लिए होम्योपैथिक उपचार सबसे अच्छा इलाज है। जैसे ही आप पैंक्रियाटिक सिस्ट को ठीक करने के लिए अपना उपचार शुरू करेंगे, आपको स्पष्ट परिणाम मिल सकते हैं। पैंक्रियाटिक सिस्ट को होम्योपैथिक उपचार से ठीक किया जा सकता है। आप बीमारी से कितने समय तक पीड़ित रहेंगे यह काफी हद तक आपके उपचार की व्यवस्था पर निर्भर करता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने समय से संक्रमण से पीड़ित हैं, चाहे वह थोड़े समय के लिए हो या कई लंबे समय के लिए। हम सब कुछ ठीक करने में सक्षम हैं, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण तेजी से ठीक हो जाते हैं। तीव्र या देर से चरण वाली या लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों को ठीक होने में अधिक समय लगता है। समझदार व्यक्ति इस संक्रमण के लक्षणों पर ध्यान देते ही उपचार शुरू कर देते हैं। इसलिए, यदि आपको मानक से कोई भिन्नता नज़र आती है, तो बेहतर होगा कि आप तुरंत हमसे संपर्क करें।
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Mesenteric Lymph Node
बीमारी…जो किसी को भी अपना शिकार बना लेती है। कुछ बीमारी जेनेटिकल होती है, कुछ अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण या बैक्टीरिया , वायरस एवं पैरासाइट (Parasites) के कारण। ऐसी ही एक डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी हुई बीमारी है मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स , जो बच्चों को अपना शिकार बनती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स, मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के कारण एवं इससे जुड़े अन्य सवालों का जवाब जानेंगे। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स क्या है? मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स को मेडिकल टर्म में मेसेंटेरिक एडेनाइटिस भी कहा जाता है। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स, मेसेंटरी में लिम्फ नोड्स में सूजन की समस्या है। मेसेंटरी एब्डॉमिनल वॉल को होल्ड करने में सक्षम होता है। वहीं इंटेस्टाइन में इंफेक्शन की वजह से मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स की समस्या होती है। इंफेक्शन प्रायः हल्के होते हैं और कई बार आप समझने में लेट कर देते है। इसलिए मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के लक्षणों को समझना जरूरी जिससे इस पेट से जुड़ी बीमारी से बचने में मदद मिल सके। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के लक्षण -पेट के निचले हिस्से में दाहिने ओर दर्द होना. -पेट दर्द होना। -जी मिचलाने की समस्या होना। -उल्टी होना।-डायरिया की समस्या होना। -अपने आपको बीमार महसूस करना। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स क्यों होता है ? मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स सूजन का सबसे आम कारण वायरल संक्रमण होता है , जैसे गैस्ट्राटिक - जिसे अक्सर पेट का फ्लू कहा जाता है। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स आपके बीमारी से लड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। वे आपके शरीर में फैले होते है , जो वायरस , बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक जीवो को नष्ट करते है। कुछ बच्चों में मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के पहले या उसके दौरान ऊपरी श्वसन में संक्रमण विकसित हो जाता है। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स का इलाज कैसे होता है ? ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहाँ मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स का उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स का उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है।
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lichen planus treatment in homeopathy
ओरल लाइकेन प्लेनस क्या है? ओरल लाइकेन प्लेनस एक लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है जो आपके मुंह को सफेद जैसे लक्षणों के साथ प्रभावित करती है धब्बे, लालिमा और सूजन। यह दूर नहीं जाता, लेकिन आप इसे नियंत्रण में रख सकते हैं। यह संक्रामक नहीं है, लेकिन यह किसी को भी हो सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इसके होने की संभावना अधिक होती है। यह 40 से अधिक उम्र के लोगों में सबसे आम है। लेकिन बच्चों और युवा वयस्कों को भी यह हो सकता है। ओरल लाइकेन प्लैनस के कारण? डॉक्टर निश्चित नहीं हैं कि ओरल लाइकेन प्लैनस का कारण क्या है, लेकिन कई चीज़ें इसमें भूमिका निभा सकती हैं: -यह आपके परिवार में चल सकता है. -यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ा हो सकता है। अधिकांश समय, आपकी प्रतिरक्षा कोशिकाएं बैक्टीरिया और वायरस पर हमला करके आप सुरक्षित हैं। कुछ डॉक्टरों का मानना है कि ओरल लाइकेन प्लेनस के साथ, वे कोशिकाएं भ्रमित हो जाती हैं और आपके मुंह की परत पर हमला करती हैं। -इसे हेपेटाइटिस सी से जोड़ा जा सकता है। वायरस से संक्रमित कई लोगों को यह हो जाता है। ओरल लाइकेन प्लैनस ट्रिगर कुछ चीजें पहली बार इस स्थिति को ट्रिगर कर सकती हैं, या यदि आपके पास पहले से ही यह स्थिति है तो वे इसे ट्रिगर कर सकती हैं। इसमे शामिल है: कुछ दवाएं, जैसे दर्दनिवारक, उच्च रक्तचाप के उपचार, मधुमेह दवाएं, और मलेरिया दवाएं आपके मुंह में धातु के प्रति प्रतिक्रिया, जैसे कि दांतों में भराव मुंह की अन्य समस्याएं, जैसे सिर का खुरदुरा होना या गालों या जीभ को काटने की -आदत-आपके मुँह पर चोट-खाने से एलर्जी-संक्रमण यह निश्चित है कि आप इसे किसी और को नहीं दे सकते और आपने इसे किसी से नहीं पाया है। ओरल लाइकेन प्लैनस लक्षण? -शुष्कता -आपके मुँह में धात्विक, जलन जैसा स्वाद -तब आप देख सकते हैं: -आपकी जीभ, गालों और मसूड़ों पर सफेद धब्बे। वे छोटे बिंदु या रेखाएं हो सकते हैं जो फीता जैसा पैटर्न बनाते हैं। -लाली और सूजन -छिलना या फफोला पड़ना -ये घाव जल सकते हैं और दर्दनाक हो सकते हैं। जब आप मसालेदार, नमकीन, अम्लीय (संतरे का रस, टमाटर), या अल्कोहल युक्त खाद्य पदार्थ खाते या पीते हैं तो उन्हें सबसे अधिक नुकसान होने की संभावना है। कैफ़ीन युक्त कुरकुरे व्यंजन और पेय भी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।  आपका डॉक्टर आपके मुंह के अंदर से त्वचा का एक छोटा सा टुकड़ा लेकर ओरल लाइकेन प्लेनस का निदान कर सकता है। इसे बायोप्सी कहा जाता है। समस्या क्या है यह देखने के लिए वे प्रयोगशाला में इसका परीक्षण करेंगे। अन्य स्थितियों का पता लगाने के लिए आपको रक्त परीक्षण की भी आवश्यकता हो सकती है।
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chronic pancreas
पैंक्रियास ठीक करने के उपाय अग्नाशयशोथ एक बीमारी है जो आपके अग्न्याशय में हो सकती है। अग्न्याशय आपके पेट में एक लंबी ग्रंथि है जो भोजन को पचाने में आपकी मदद करती है। यह आपके रक्त प्रवाह में हार्मोन भी जारी करता है जो आपके शरीर को ऊर्जा के लिए भोजन का उपयोग करने में मदद करता है। यदि आपका अग्न्याशय क्षतिग्रस्त हो गया है, तो पाचन एंजाइम सामान्य रूप से आपकी छोटी आंत में नहीं जा सकते हैं और आपका शरीर ऊर्जा के लिए भोजन का उपयोग नहीं कर सकता है।अग्न्याशय शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हार्मोन इंसुलिन का उत्पादन करके रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। यदि इस अंग को नुकसान होता है, तो इससे मानव शरीर में गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। ऐसी ही एक समस्या है जब अग्न्याशय में सूजन हो जाती है, जिसे तीव्र अग्नाशयशोथ कहा जाता है। क्रोनिक अग्नाशयशोथ अग्न्याशय की सूजन है जो लंबे समय तक रह सकती है। इससे अग्न्याशय और अन्य जटिलताओं को स्थायी नुकसान हो सकता है। इस सूजन से निशान ऊतक विकसित हो सकते हैं, जो इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह पुरानी अग्नाशयशोथ वाले लगभग 45 प्रतिशत लोगों में मधुमेह का कारण बन सकता है। भारी शराब का सेवन भी वयस्कों में अग्नाशयशोथ का कारण बन सकता है। ऑटोइम्यून और आनुवंशिक रोग, जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस, कुछ लोगों में पुरानी अग्नाशयशोथ का कारण बन सकते हैं। उत्तर भारत में, ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके पास पीने के लिए बहुत अधिक है और कभी-कभी एक छोटा सा पत्थर उनके पित्ताशय में फंस सकता है और उनके अग्न्याशय के उद्घाटन को अवरुद्ध कर सकता है। इससे उन्हें अपना खाना पचाने में मुश्किल हो सकती है। 3 हाल ही में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न देशों में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार दक्षिण भारत में पुरानी अग्नाशयशोथ की व्यापकता प्रति 100,000 जनसंख्या पर 114-200 मामले हैं।क्रोनिक अग्नाशयशोथ के लक्षण ? -कुछ लोगों को पेट में दर्द होता है जो पीठ तक फैल सकता है।  -यह दर्द मतली और उल्टी जैसी चीजों के कारण हो सकता है। -खाने के बाद दर्द और बढ़ सकता है। -कभी-कभी किसी के पेट को छूने पर दर्द महसूस हो सकता है। -व्यक्ति को बुखार और ठंड लगना भी हो सकता है। वे बहुत कमजोर और थका हुआ भी महसूस कर सकते हैं।  क्रोनिक अग्नाशयशोथ के कारण ? -पित्ताशय की पथरी -शराब -रक्त में उच्च ट्राइग्लिसराइड का स्तर  -रक्त में उच्च कैल्शियम का स्तरक्रोनिक अग्नाशयशोथ के जोखिम कारक: भारी शराब पीने से आपको अग्नाशयशोथ होने की अधिक संभावना हो सकती है। धूम्रपान पुरानी अग्नाशयशोथ होने की संभावनाओं को बढ़ा सकता है, लेकिन धूम्रपान छोड़ने से आपके जोखिम को बहुत कम किया जा सकता है। मोटापा: यदि आप मोटे हैं, तो आपको अग्नाशयशोथ होने की अधिक संभावना है। यदि आपको मधुमेह है, तो आपके अग्नाशयशोथ होने का जोखिम अधिक है। यदि आपके पास अग्नाशयशोथ का पारिवारिक इतिहास है, तो इसका मतलब है कि आपको स्थिति होने की अधिक संभावना है। यदि आपके पास अन्य जोखिम कारक हैं, तो आपके अग्नाशयशोथ होने की संभावना और भी अधिक है। हाँ अग्नाशयशोथ का योग्य इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। अग्नाशयशोथ का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप अग्नाशयशोथ को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपके अग्नाशयशोथ को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा आपके उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर आपके उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। ब्रह्म होमियोपैथी का लक्ष्य सिर्फ रोगों का इलाज करना ही नहीं है बल्कि हमारा आपके जीवन में बदलाव लाना है। क्रोनिक अग्नाशयशोथ के लिए आहार योजना: जब आप क्रोनिक अग्न्याशय से पीड़ित हों तो क्या करें: -आपको उचित आहार लेना चाहिए, जिसमें शामिल हैं; - एक दिन में कम से कम 5 सर्विंग ताजे फल और सब्जियां। - साबुत अनाज, फाइबर और पोषण। - ऐसा खाना लें जिसमें कोलेस्ट्रॉल कम हो। - योगा, एक्सरसाइज करें जिससे आपका वजन मेंटेन रहे।  जब आप क्रोनिक पेनक्रियटीज से पीड़ित हों तो क्या न करें: - दिन में 2 यूनिट से शराब का ज्यादा न पिएं। - प्रतिदिन शराब का सेवन न करें। - जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन बंद कर दें। - एस्प्रेसो या पेय पदार्थों से बचें। अधिक आहार योजना के लिए ब्रह्म होमियोपैथी संपर्क करें।
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ige treatment in homeopathy
IgE (immunoglobulin E) बढ़ने से क्या होता है? -IgE का पूरा नाम इम्मुनोग्लोबुलिं इ है। -यदि किसी के पास 200 से अधिक IgE इकाइयां हैं, तो उन्हें एलर्जी हो सकती है। इससे उन्हें सांस लेने में परेशानी हो सकती है या दाने निकल सकते हैं। यदि वे अपनी एलर्जी को नियंत्रित नहीं करते हैं, तो वे बदतर हो सकते हैं और उन्हें अस्थमा या हे फीवर की समस्या हो सकती है। इससे उनका सीना बैरल जैसा दिख सकता है। IgE के उच्च स्तर का क्या कारण है? कुछ बीमारियाँ हमारे रक्त के एक विशेष भाग IgE को बढ़ा सकती हैं। ये बीमारियाँ एलर्जी, हमारे शरीर में कीड़े, त्वचा की समस्या या यहाँ तक कि कैंसर जैसी चीज़ें भी हो सकती हैं। कुछ लोगों का शरीर उनके खून के इस हिस्से को पर्याप्त मात्रा में नहीं बना पाता, जिससे वे बीमार भी पड़ सकते हैं।IgE टेस्ट क्यों किया जाता है? डॉक्टर यह पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट करते हैं कि कहीं किसी को किसी चीज से एलर्जी तो नहीं है। वे IgE एंटीबॉडी नामक किसी चीज की जांच करते हैं जो हमारा शरीर तब बनाता है जब हमें किसी चीज से एलर्जी होती है। IgE की सामान्य सीमा क्या है? कभी-कभी हमारे रक्त में IgE नामक पदार्थ की मात्रा सामान्य मानी जाने वाली मात्रा से भिन्न हो सकती है। यह 150 और 1,000 यूनिट के बीच हो सकता है, लेकिन ज्यादातर डॉक्टर सोचते हैं कि यह 150 और 300 यूनिट के बीच होना चाहिए। IgE ब्लड एलर्जी टेस्ट कितना सही है? एक सकारात्मक एसपीटी की विश्वसनीयता लगभग 50 प्रतिशत है, हालांकि, एक नकारात्मक एसपीटी परिणाम लगभग 95 प्रतिशत पर अत्यधिक अनुमानित है। एक सकारात्मक परिणाम केवल एक विशिष्ट भोजन के प्रति IgE एंटीबॉडी के उत्पादन को इंगित करता है, जिसे संवेदीकरण के रूप में जाना जाता है, और इसे एक स्टैंडअलोन डायग्नोस्टिक टूल के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता है। हाई IgE का इलाज क्या है? हाई IgE का योग्य इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। हाई IgE का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप हाई IgE को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपके हाई IgE को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। हम Ige स्तर को कैसे कम कर सकते हैं? एक प्रॉपर प्लान और होम्योपैथी मेडिसिन के माध्यम से काम होता है। जिस मे आपका आई.जी.ई का टेस्ट कराकर पता किया जाएगा कि किस चीज की आपकी एलर्जी है और उसे रोकने का सूची दी जाएगी। जैसे कि कोई खाना (गेहू) या कुछ और तो उसको उसे 6 महीने से 1 साल तक कितना लेना है वो वह और उसके साथ ही साथ में कौन सी मेडिसिन लेना है वो बताया जाएगा जिसे आपकी बीमारी समय के साथ धीरे-धीरे कम हो जाएगा। और आप इस बिमारी से ठीक हो जायेगे।
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bachedani me tumor ka ilaj
गर्भाशय फाइब्रॉएड क्या है? गर्भाशय के अंदर बनने वाले मांसपेशियों के ट्यूमर को गर्भाशय फाइब्रॉएड कहा जाता है। आमतौर पर ऐसी कुछ गांठें हर महिला के गर्भाशय में हो सकती हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई परेशानी नहीं होती और न ही कोई लक्षण दिखते हैं, जिसके आधार पर इसकी जांच की जा सके। डिलीवरी के समय सबसे ज्यादा फाइब्रॉएड की समस्या देखने को मिलती है। हालाँकि इस समस्या को भूलकर भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। अगर सही समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह घातक बीमारी का कारण बन सकती है। गर्भाशय फाइब्रॉएड के लक्षण? -पेट के निचले हिस्से या कमर में भारीपन -मासिक धर्म के दौरान ऐंठन तेज दर्द -कई दिनों तक भारी रक्तस्राव -पीरियड्स ख़त्म होने के बाद बीच-बीच में अचानक रक्तस्राव होना सहवास दर्द -बार-बार पेशाब का दबाव महसूस होना गर्भाशय फाइब्रॉएड के कारण? -वंशागति -मोटापा -हार्मोन का बढ़ना -लंबे समय तक संतानहीनता -एस्ट्रोजन होम्योपैथी में गर्भाशय फाइब्रॉएड का निदान? होम्योपैथिक उपचार से गर्भाशय फाइब्रॉएड का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, इसका उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। बच्चेदानी में ट्यूमर का इलाज ब्रह्म अनुसंधान आधारित, चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित, वैज्ञानिक उपचार मॉड्यूल इस बीमारी को ठीक करने में बहुत प्रभावी है। हमारे पास सुयोग्य डॉक्टरों की एक टीम है जो आपके मामले का व्यवस्थित रूप से निरीक्षण और विश्लेषण करती है, रोग की प्रगति के साथ-साथ सभी संकेतों और लक्षणों को रिकॉर्ड करती है, इसकी प्रगति के चरणों, पूर्वानुमान और इसकी जटिलताओं को समझती है। उसके बाद वे आपको आपकी बीमारी के बारे में विस्तार से बताते हैं, आपको उचित आहार चार्ट [क्या खाएं या क्या न खाएं], व्यायाम योजना, जीवन शैली योजना प्रदान करते हैं और कई अन्य कारकों के बारे में मार्गदर्शन करते हैं जो व्यवस्थित प्रबंधन के साथ आपकी सामान्य स्वास्थ्य स्थिति में सुधार कर सकते हैं। जब तक यह ठीक न हो जाए तब तक होम्योपैथिक दवाओं से अपनी बीमारी का इलाज करें।.
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best chronic calcific pancreas treatment
क्या क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस ठीक हो सकता है? क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस पैंक्रियास की सूजन है जो लंबे समय तक रह सकती है। इससे पैंक्रियास और अन्य जटिलताओं को स्थायी नुकसान हो सकता है। इस सूजन से निशान ऊतक विकसित हो सकते हैं, जो इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह पुरानी अग्नाशयशोथ वाले लगभग 45 प्रतिशत लोगों में मधुमेह का कारण बन सकता है। क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस कैसे शुरू होता है? लंबे समय तक बहुत अधिक शराब पीने से आपके अग्न्याशय को नुकसान पहुंच सकता है और वह बीमार हो सकता है। यह कई बार हो सकता है और तीव्र अग्नाशयशोथ नामक अल्पकालिक समस्याओं का कारण बन सकता है। यदि आप शराब पीना जारी रखते हैं, तो अग्नाशयशोथ फिर से वापस आ सकता है। अंततः, यह आपके अग्न्याशय को हर समय वास्तव में बीमार बना सकता है, और इसे क्रोनिक अग्नाशयशोथ कहा जाता है। क्या क्रोनिक कैल्सीफिक पैंक्रियाज का इलाज संभव है? क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। अग्न्याशय के लिए कौन सी दवा सबसे अच्छी है? क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है।
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chronic pancreas treatment without operation
क्रोनिक पैंक्रियास को ठीक करने के लिए क्या करें? यदि आपके अग्न्याशय में क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस नामक समस्या है, तो आप सही उपचार प्राप्त करके इसे पूरी तरह से दूर कर सकते हैं। यदि आप इसे जल्दी पकड़ लेते हैं और डॉक्टर से मदद लेते हैं, तो वे बीमारी को बदतर होने से रोकने की कोशिश कर सकते हैं और आप तेजी से बेहतर महसूस करेंगे। होम्योपैथी एक प्रकार का उपचार है जो बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने में मदद कर सकता है। ब्रह्मा होम्योपैथी एक विशेष स्थान है जहां तीव्र अग्नाशयशोथ से पीड़ित कई लोग बेहतर हो गए हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। Chronic Pancreas Cured Patient Report क्रोनिक अग्न्याशय के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? खराब अग्न्याशय के इलाज के लिए होम्योपैथी वास्तव में एक अच्छा और प्रभावी तरीका हो सकता है। जो लोग इसके बारे में बहुत कुछ जानते हैं और जिनके पास काफी अनुभव है, वे अग्न्याशय को बेहतर बनाने में मदद के लिए होम्योपैथी का उपयोग कर सकते हैं। क्रोनिक अग्न्याशय का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका होम्योपैथिक उपचार है। जब आप यह उपचार शुरू करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। ब्रह्मा होम्योपैथी से कई मरीजों का इलाज हो रहा है और वे ठीक हो रहे हैं। ब्रह्मा होम्योपैथी आपके अग्न्याशय को ठीक करने के लिए तेज़ और सुरक्षित उपचार देने का वादा करती है। ब्रह्म होम्योपैथी एक विशेष स्थान है जहां डॉक्टर अग्न्याशय में समस्याओं वाले लोगों की मदद के लिए अध्ययन और शोध करते हैं। वे लोगों को बेहतर महसूस कराने, उनके दर्द को रोकने और बीमारी को बदतर होने से रोकने के लिए दवा और विशेष आहार का उपयोग करते हैं। इन समस्याओं का शीघ्र पता लगाना और सही उपचार प्राप्त करना वास्तव में महत्वपूर्ण है ताकि लोगों को बेहतर जीवन मिल सके। विभिन्न देशों के बहुत से लोग ब्रह्म होम्योपैथी में जाकर उन बीमारियों से ठीक हो गए हैं जिन्हें पहले ठीक नहीं किया जा सकता था। क्रोनिक अग्न्याशय के दर्द को कैसे दूर करें? होम्योपैथिक उपचार से आपका अग्न्याशय बेहतर हो सकता है। आपको यह बीमारी कितने समय से है, इससे यह प्रभावित होता है कि इसे ठीक होने में कितना समय लगेगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको यह बीमारी थोड़े समय के लिए है या लंबे समय के लिए - हम मदद कर सकते हैं। लेकिन अगर आप जल्दी इलाज शुरू कर देंगे तो आप जल्दी ठीक हो जाएंगे। यदि आपको यह बीमारी लंबे समय से है या यह बाद के चरण में है, तो इसे ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। जैसे ही आपको बीमारी का कोई लक्षण दिखे, तुरंत उपचार शुरू करना महत्वपूर्ण है। क्रोनिक पैंक्रियास में क्या नहीं खाना चाहिए? यह आहार योजना उन लोगों के लिए बनाई गई है जिनके अग्न्याशय में एक विशिष्ट बीमारी है। डॉक्टर आपको बताएंगे कि आप क्या खा सकते हैं और क्या नहीं खाना चाहिए। यह पता लगाने के लिए कि आपके लिए कौन से खाद्य पदार्थ अच्छे हैं, आपको एक विशेष खाद्य एक्सपर्ट, जिसे आहार एक्सपर्ट कहा जाता है, से बात करनी चाहिए। प्रतिदिन 2 यूनिट से अधिक शराब न पियें। प्रतिदिन शराब का सेवन न करें। जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन करने से बचें। एस्प्रेसो या पेय से बचें. अधिक आहार योजनाओं के लिए कृपया ब्रह्मा होम्योपैथी से संपर्क करें।
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best chronic pancreas Treatment In Hindi
पैंक्रियास ठीक करने के उपाय अग्नाशयशोथ एक बीमारी है जो आपके अग्न्याशय में हो सकती है। अग्न्याशय आपके पेट में एक लंबी ग्रंथि है जो भोजन को पचाने में आपकी मदद करती है। यह आपके रक्त प्रवाह में हार्मोन भी जारी करता है जो आपके शरीर को ऊर्जा के लिए भोजन का उपयोग करने में मदद करता है। यदि आपका अग्न्याशय क्षतिग्रस्त हो गया है, तो पाचन एंजाइम सामान्य रूप से आपकी छोटी आंत में नहीं जा सकते हैं और आपका शरीर ऊर्जा के लिए भोजन का उपयोग नहीं कर सकता है। अग्न्याशय शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हार्मोन इंसुलिन का उत्पादन करके रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। यदि इस अंग को नुकसान होता है, तो इससे मानव शरीर में गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। ऐसी ही एक समस्या है जब अग्न्याशय में सूजन हो जाती है, जिसे तीव्र अग्नाशयशोथ कहा जाता है। क्रोनिक अग्नाशयशोथ अग्न्याशय की सूजन है जो लंबे समय तक रह सकती है। इससे अग्न्याशय और अन्य जटिलताओं को स्थायी नुकसान हो सकता है। इस सूजन से निशान ऊतक विकसित हो सकते हैं, जो इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह पुरानी अग्नाशयशोथ वाले लगभग 45 प्रतिशत लोगों में मधुमेह का कारण बन सकता है। भारी शराब का सेवन भी वयस्कों में अग्नाशयशोथ का कारण बन सकता है। ऑटोइम्यून और आनुवंशिक रोग, जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस, कुछ लोगों में पुरानी अग्नाशयशोथ का कारण बन सकते हैं। उत्तर भारत में, ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके पास पीने के लिए बहुत अधिक है और कभी-कभी एक छोटा सा पत्थर उनके पित्ताशय में फंस सकता है और उनके अग्न्याशय के उद्घाटन को अवरुद्ध कर सकता है। इससे उन्हें अपना खाना पचाने में मुश्किल हो सकती है। 3 हाल ही में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न देशों में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार दक्षिण भारत में पुरानी अग्नाशयशोथ की व्यापकता प्रति 100,000 जनसंख्या पर 114-200 मामले हैं। क्रोनिक अग्नाशयशोथ के लक्षण ? -कुछ लोगों को पेट में दर्द होता है जो पीठ तक फैल सकता है।  -यह दर्द मतली और उल्टी जैसी चीजों के कारण हो सकता है। -खाने के बाद दर्द और बढ़ सकता है। -कभी-कभी किसी के पेट को छूने पर दर्द महसूस हो सकता है। -व्यक्ति को बुखार और ठंड लगना भी हो सकता है। वे बहुत कमजोर और थका हुआ भी महसूस कर सकते हैं।  क्रोनिक अग्नाशयशोथ के कारण ? -पित्ताशय की पथरी -शराब -रक्त में उच्च ट्राइग्लिसराइड का स्तर  -रक्त में उच्च कैल्शियम का स्तर  क्रोनिक अग्नाशयशोथ के जोखिम कारक: भारी शराब पीने से आपको अग्नाशयशोथ होने की अधिक संभावना हो सकती है। धूम्रपान पुरानी अग्नाशयशोथ होने की संभावनाओं को बढ़ा सकता है, लेकिन धूम्रपान छोड़ने से आपके जोखिम को बहुत कम किया जा सकता है। मोटापा: यदि आप मोटे हैं, तो आपको अग्नाशयशोथ होने की अधिक संभावना है। यदि आपको मधुमेह है, तो आपके अग्नाशयशोथ होने का जोखिम अधिक है। यदि आपके पास अग्नाशयशोथ का पारिवारिक इतिहास है, तो इसका मतलब है कि आपको स्थिति होने की अधिक संभावना है। यदि आपके पास अन्य जोखिम कारक हैं, तो आपके अग्नाशयशोथ होने की संभावना और भी अधिक है। हाँ अग्नाशयशोथ का योग्य इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। अग्नाशयशोथ का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप अग्नाशयशोथ को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपके अग्नाशयशोथ को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा आपके उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर आपके उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। ब्रह्म होमियोपैथी का लक्ष्य सिर्फ रोगों का इलाज करना ही नहीं है बल्कि हमारा आपके जीवन में बदलाव लाना है। क्रोनिक अग्नाशयशोथ के लिए आहार योजना: जब आप क्रोनिक अग्न्याशय से पीड़ित हों तो क्या करें: -आपको उचित आहार लेना चाहिए, जिसमें शामिल हैं; - एक दिन में कम से कम 5 सर्विंग ताजे फल और सब्जियां। - साबुत अनाज, फाइबर और पोषण। - ऐसा खाना लें जिसमें कोलेस्ट्रॉल कम हो। - योगा, एक्सरसाइज करें जिससे आपका वजन मेंटेन रहे।  जब आप क्रोनिक पेनक्रियटीज से पीड़ित हों तो क्या न करें: - दिन में 2 यूनिट से शराब का ज्यादा न पिएं। - प्रतिदिन शराब का सेवन न करें। - जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन बंद कर दें। - एस्प्रेसो या पेय पदार्थों से बचें। अधिक आहार योजना के लिए ब्रह्म होमियोपैथी संपर्क करें।
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piles treatment without surgery
बवासीर कैसे होता है और क्यों होता है?कब्ज के कारण पेट में अपशिष्ट जमा हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप शौच के दौरान जोर लगाना पड़ता है, जिससे अंततः बवासीर का विकास होता है। इसके अतिरिक्त, जो व्यक्ति अपने व्यवसाय के हिस्से के रूप में लंबे समय तक खड़े होकर समय बिताते हैं, उन्हें भी बवासीर का अनुभव होने का खतरा होता है। इसके अलावा, मोटापे को बवासीर के विकास में एक योगदान कारक के रूप में पहचाना गया है। इसके अलावा, यह ध्यान देने योग्य है कि गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को बवासीर का सामना करना पड़ता है, जो महिला आबादी के बीच इस मुद्दे की व्यापकता को उजागर करता है। बवासीर की शुरुआत में क्या होता है? बवासीर उस समय शुरू होता है जब गुदा और मलाशय क्षेत्र की नसें सूज और फूल जाती हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। बवासीर की शुरुआती अवस्था में, लोगों को गुदा क्षेत्र में दर्द, खुजली और सूजन जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है। कुछ मामलों में मल त्याग करते समय खून भी निकल सकता है। बवासीर के लक्षण? मल त्याग के दौरान रक्त का अनुभव टॉयलेट पेपर पर, टॉयलेट कटोरे में, या स्पष्ट रूप से आपके मल की सतह पर चमकीले लाल रक्त की उपस्थिति के रूप में प्रकट हो सकता है। इसके अतिरिक्त, आप अपने गुदा के भीतर या आसपास एक गांठ की उपस्थिति देख सकते हैं। एक अन्य संभावित लक्षण आपके गुदा से बलगम का पतला स्राव है, जो आपके अंडरवियर पर दाग छोड़ सकता है। इसके अलावा, आप अपने गुदा में "परिपूर्णता" और असुविधा की भावना का अनुभव कर सकते हैं, या शौचालय का उपयोग करने के बाद आपकी आंतें पूरी तरह से खाली नहीं होने की लंबे समय तक अनुभूति हो सकती है। शौचालय जाने के बाद दर्द और असुविधा भी मौजूद हो सकती है। बवासीर का कारण क्या है? -जब आप शौचालय जाते हैं तो आपको तनाव होता है, उदाहरण के लिए यदि आपको कब्ज या लंबे समय तक रहने वाला दस्त है -आपकी गुदा नलिका उम्र के साथ कमजोर हो जाती है, जिससे बवासीर होने की संभावना अधिक हो जाती है -आपको लगातार खांसी हो रही है -आप भारी वस्तुएं उठाते हैं बवासीर होने पर क्या क्या नहीं खाना चाहिए? यदि आप बवासीर का अनुभव कर रहे हैं, तो फ्रेंच फ्राइज़, तले हुए मोमोज, समोसा, कचौरी और अन्य फास्ट फूड का सेवन करने से बचने की सलाह दी जाती है। अधिक तेल और मसालों वाले खाद्य पदार्थों का सेवन आपके पाचन तंत्र पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है, जिससे कब्ज हो सकता है और सूजन का खतरा बढ़ सकता है। अपने संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने और आगे की जटिलताओं को रोकने के लिए तैलीय और मसालेदार भोजन के सेवन से बचना महत्वपूर्ण है। बवासीर के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? बवासीर का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप बवासीर को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको बवासीर को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा बवासीर उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर बवासीर उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। ब्रह्म होमियोपैथी का लक्ष्य सिर्फ रोगों का इलाज करना ही नहीं है बल्कि हमारा आपके जीवन में बदलाव लाना है।
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chronic calcific pancreas treatment without surgery
क्या क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस ठीक हो सकता है? क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस पैंक्रियास की सूजन है जो लंबे समय तक रह सकती है। इससे पैंक्रियास और अन्य जटिलताओं को स्थायी नुकसान हो सकता है। इस सूजन से निशान ऊतक विकसित हो सकते हैं, जो इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह पुरानी अग्नाशयशोथ वाले लगभग 45 प्रतिशत लोगों में मधुमेह का कारण बन सकता है। Chronic Calcific Pancreatitis Patient Cured Report क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस कैसे शुरू होता है? लंबे समय तक बहुत अधिक शराब पीने से आपके अग्न्याशय को नुकसान पहुंच सकता है और वह बीमार हो सकता है। यह कई बार हो सकता है और तीव्र अग्नाशयशोथ नामक अल्पकालिक समस्याओं का कारण बन सकता है। यदि आप शराब पीना जारी रखते हैं, तो अग्नाशयशोथ फिर से वापस आ सकता है। अंततः, यह आपके अग्न्याशय को हर समय वास्तव में बीमार बना सकता है, और इसे क्रोनिक अग्नाशयशोथ कहा जाता है। क्या क्रोनिक कैल्सीफिक पैंक्रियाज का इलाज संभव है? क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। अग्न्याशय के लिए कौन सी दवा सबसे अच्छी है? क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है।
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ulcerative colitis treatment in hindi
अल्‍सरेटिव कोलाइटिस क्या हैं?अल्‍सरेटिव कोलाइटिस, आंतो की संबंधित एक बीमारी हैं जो, बड़ी अंत व मलाशय में सूजन यह घाव के कारण होती है,जिसे अल्सर कहा जाता है। यह बीमारी इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज यानी ये सूजन आंत्र रोग के समूह में से एक है। वैसे तो अल्सरेटिव कोलाइटिस की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन सामान्य तौर पर 15 से 30 साल की उम्र के बीच में इसके होने की संभावना अधिक होती है। कई बार तो यह समस्या आनुवंशिक भी हो सकती है।   आईये जानते हैं अल्सरेटिव कोलाइटिस के कारणों और लक्षणों को और अल्सरेटिव कोलाइटिस का सार्थक होम्योपैथिक इलाज। अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण? -दस्त की समस्या  -मल या मलाशय से खून आना -पेट में ऐंठन और दर्द -मल के साथ मवाद आना -आंत खाली होने पर भी बार-बार मल त्याग की इच्छा महसूस करना -मल त्याग करने की तत्काल आवश्यकता  अल्सरेटिव कोलाइटिस के कारण? -आनुवंशिक -माइक्रोबायोम -वातावरण  क्या अल्सर कोलाइटिस जीवन के लिए खतरा है? अल्सरेटिव कोलाइटिस वास्तव में एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अधिकांश लोग इससे नहीं मरते। हालाँकि, कभी-कभी यह वास्तव में खतरनाक समस्याएं पैदा कर सकता है जो जीवन के लिए खतरा हो सकता है। क्या अल्सरेटिव कोलाइटिस पूरी तरह ठीक हो सकती है? ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा अल्सरेटिव कोलाइटिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर अल्सरेटिव कोलाइटिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है।  ब्रह्म होमियोपैथी सिर्फ रोगों का इलाज करना ही नहीं है बल्कि हमारा लक्ष्य आपके जीवन में बदलाव लाना है तो हम पर भरोसा करें और एक कुशल और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा के लिए हमारे साथ जुड़ें।
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liver cirrhosis treatment in hindi
लिवर सिरोसिस क्या है? लिवर सिरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर पर निशान पड़ जाते हैं और लिवर को लंबे समय तक नुकसान होने के कारण लिवर सामान्य रूप से काम करना बंद कर देता है। लिवर शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है, जिसमें शरीर से हानिकारक पदार्थों को निकालना, रक्त की सफाई करना और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का निर्माण करना शामिल है। लीवर खराब होने पर खुद को ठीक करने की कोशिश करता है। इस प्रक्रिया में निशान ऊतक बनते हैं। यह निशान ऊतक स्वस्थ यकृत ऊतक की जगह लेता है और यकृत में रक्त के प्रवाह को आंशिक रूप से अवरुद्ध करता है। जैसे-जैसे स्कार टिश्यू का निर्माण होता है, लिवर की ठीक से काम करने की क्षमता कम होने लगती है। जैसे-जैसे सिरोसिस बढ़ता है, अधिक निशान ऊतक बनते हैं और यकृत का कार्य अधिक कठिन हो जाता है। सिरोसिस कई कारणों से हो सकता है, सबसे आम लंबे समय तक शराब की लत और हेपेटाइटिस है। लिवर सिरोसिस के लक्षण: -आप वास्तव में थका हुआ महसूस कर सकते हैं और खाना नहीं चाहते हैं।  -आपके पेट में बहुत दर्द भी हो सकता है और ऐसा महसूस हो सकता है कि आपको उल्टी हो सकती है-आपकी त्वचा बहुत शुष्क हो सकती है और उस पर रैग्ड लुक हो सकता है। _और हो सकता है कि आप उसी दर से वजन कम नहीं कर रहे हों जैसा कि आप आमतौर पर करते हैं। लीवर सिरोसिस के कारण: हेपेटाइटिस लीवर का संक्रमण है। -सिस्टिक फाइब्रोसिस वाले लोगों में पित्त नलिकाएं खराब विकसित होती हैं। -इससे शरीर के लिए भोजन को तोड़ना मुश्किल हो सकता है, जिससे शरीर के अन्य हिस्सों में समस्या हो सकती है। -वंशानुगत पाचन संबंधी समस्याएं माता-पिता से बच्चों में भी जा सकती हैं।-  शराब भी किसी व्यक्ति को हेपेटाइटिस होने की अधिक संभावना बना सकती है, क्योंकि यकृत में बहुत अधिक वसा हो सकती है। लिवर सिरोसिस के जोखिम कारक: -अत्यधिक शराब पीने की आदत वाले व्यक्ति को अनुवांशिक यकृत रोग हो सकता है जिससे सिरोसिस हो सकता है। -यह लिवर की एक ऐसी समस्या है जिससे काम करना मुश्किल हो जाता है। -यदि आप मोटे या अधिक वजन वाले हैं और फैटी लिवर है, तो इसका मतलब है कि आपका लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है और आपको लिवर की बीमारी होने का अधिक खतरा हो सकता है। लिवर सिरोसिस का योग्य इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। लिवर सिरोसिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप लिवर सिरोसिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपके लिवर सिरोसिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है।  ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा आपके उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर आपके उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। ब्रह्म होमियोपैथी का लक्ष्य सिर्फ रोगों का इलाज करना ही नहीं है बल्कि हमारा आपके जीवन में बदलाव लाना है। लिवर सिरोसिस के मरीजों के लिए डाइट प्लान: लिवर सिरोसिस के रोगियों के लिए शामिल करने के लिए भोजन: जब स्वस्थ खाने की बात आती है तो चुनने के लिए कई खाद्य पदार्थ होते हैं। संतुलित आहार के लिए फल, सब्जियां, अनाज और प्रोटीन खाद्य पदार्थ सभी महत्वपूर्ण हैं। शामिल करने के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ अंडे, डेयरी उत्पाद, समुद्री भोजन, मांस और पोल्ट्री के दुबले कटौती, और फलियां हैं। इसके अतिरिक्त, हृदय-स्वस्थ वसा, जड़ी-बूटियाँ और मसाले, और पेय पदार्थ स्वस्थ आहार में शामिल करने के लिए अच्छे हैं। लिवर सिरोसिस के रोगियों को खाने से बचना चाहिए: ये ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो अक्सर प्रसंस्कृत सामग्री और अस्वास्थ्यकर वसा में उच्च होते हैं, जो आपको बीमार महसूस करा सकते हैं। इनमें से कुछ खाद्य पदार्थों में नमकीन स्नैक्स और प्रोसेस्ड मीट भी हो सकते हैं। ये खाद्य पदार्थ सोडियम में भी उच्च हो सकते हैं, जो आपके दिल की स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकते हैं। अंत में, कुछ खाद्य पदार्थ असुरक्षित हो सकते हैं यदि वे कच्चे या अधपके हैं, या यदि उन्हें शराब के साथ खाया जाता है।
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chronic calcific pancreatic treatment in homeopathy
क्या क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस ठीक हो सकता है? क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस पैंक्रियास की सूजन है जो लंबे समय तक रह सकती है। इससे पैंक्रियास और अन्य जटिलताओं को स्थायी नुकसान हो सकता है। इस सूजन से निशान ऊतक विकसित हो सकते हैं, जो इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह पुरानी अग्नाशयशोथ वाले लगभग 45 प्रतिशत लोगों में मधुमेह का कारण बन सकता है। Chronic Calcific Pancreatitis Patient Cured Report क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस कैसे शुरू होता है? लंबे समय तक बहुत अधिक शराब पीने से आपके अग्न्याशय को नुकसान पहुंच सकता है और वह बीमार हो सकता है। यह कई बार हो सकता है और तीव्र अग्नाशयशोथ नामक अल्पकालिक समस्याओं का कारण बन सकता है। यदि आप शराब पीना जारी रखते हैं, तो अग्नाशयशोथ फिर से वापस आ सकता है। अंततः, यह आपके अग्न्याशय को हर समय वास्तव में बीमार बना सकता है, और इसे क्रोनिक अग्नाशयशोथ कहा जाता है। क्या क्रोनिक कैल्सीफिक पैंक्रियाज का इलाज संभव है? क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। अग्न्याशय के लिए कौन सी दवा सबसे अच्छी है? क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है।
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vocal cord polyp treatment
क्या वोकल कॉर्ड पॉलीप्स ठीक हो सकता है? हाँ वोकल कॉर्ड पॉलीप्स का योग्य इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है।  वोकल कॉर्ड पॉलीप्स का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप वोकल कॉर्ड पॉलीप्स को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपके वोकल कॉर्ड पॉलीप्स को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा आपके उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर आपके उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है।  ब्रह्म होमियोपैथी का लक्ष्य सिर्फ रोगों का इलाज करना ही नहीं है बल्कि हमारा आपके जीवन में बदलाव लाना है। वोकल कॉर्ड डिसफंक्शन कितने समय तक रह सकता है? 28 संपर्क रोगियों में से 26 में लक्षणों की पूर्ण अनुपस्थिति, 1 सप्ताह से 5 वर्ष (औसत, 5 महीने) तक की रिपोर्ट की गई थी। निष्कर्ष: VCD को अक्सर अस्थमा के रूप में गलत निदान किया जाता है।पॉलीप्स किसकी कमी से होता है? ऐसा तब होता है जब शरीर में विटामिन बी-12 और बी कॉम्प्लेक्स की कमी हो जाती है। यह पूरी तरह से जीवनशैली में आए बदलाव का साइड इफेक्ट है। फिलहाल खान-पान में बदलाव इसका कारण माना जा रहा हैं। ठंड के समय में ब्रेन स्ट्रोक और लकवा के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। वोकल कॉर्ड्स को ठीक होने में कितना समय लगता है? पूर्ण आवाज उपयोग पर लौटने से पहले आपको अपने वोकल पॉलीप्स को ठीक होने के लिए समय देना होगा। यदि आप एक गायक हैं या अपनी आवाज़ का बहुत अधिक उपयोग करते हैं, तो आपको पूरी तरह से ठीक होने के लिए चार से छह सप्ताह के सावधान आवाज़ के उपयोग की आवश्यकता हो सकती है, वे कहते हैं। गले में पॉलीप्स होने का क्या कारण है? ज्यादातर समय, मुखर दुर्व्यवहार या दुरुपयोग नोड्यूल का कारण बनता है। लंबे समय तक मुखर दुरुपयोग भी पॉलीप्स का कारण बन सकता है। लेकिन पॉलीप्स मुखर दुर्व्यवहार के सिर्फ एक उदाहरण के बाद हो सकते हैं, जैसे किसी संगीत समारोह में चिल्लाना। लंबे समय तक सिगरेट पीने, थायराइड की समस्या और रिफ्लक्स भी पॉलीप्स का कारण बन सकते हैं। गले में क्या क्या बीमारी हो सकती है? गले का रोग किशोरों या वयस्कों में कम ही देखा जाता है. गले के रोग वायरस इंफेक्शन के कारण उत्पन्न होता है. इस रोग को गंभीर लैरिंगोट्रेकाइटिस, स्पैस्मोडिक क्रुप, लैरेन्जियल डिफ्थीरिया, बैक्टीरियल ट्रैन्काइटिस, लैरियेंगोट्राकियोब्रॉन्काइटिस और लैरियेंगोट्रैकोब्रॉन्कोन्यूमोनाइटिस के नाम से भी जानते हैं.
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chronic calcific pancreatitis treatment without surgery
क्या क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस ठीक हो सकता है? क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस पैंक्रियास की सूजन है जो लंबे समय तक रह सकती है। इससे पैंक्रियास और अन्य जटिलताओं को स्थायी नुकसान हो सकता है। इस सूजन से निशान ऊतक विकसित हो सकते हैं, जो इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह पुरानी अग्नाशयशोथ वाले लगभग 45 प्रतिशत लोगों में मधुमेह का कारण बन सकता है।Chronic Calcific Pancreatitis Cured Patient Report क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस कैसे शुरू होता है? लंबे समय तक बहुत अधिक शराब पीने से आपके अग्न्याशय को नुकसान पहुंच सकता है और वह बीमार हो सकता है। यह कई बार हो सकता है और तीव्र अग्नाशयशोथ नामक अल्पकालिक समस्याओं का कारण बन सकता है। यदि आप शराब पीना जारी रखते हैं, तो अग्नाशयशोथ फिर से वापस आ सकता है। अंततः, यह आपके अग्न्याशय को हर समय वास्तव में बीमार बना सकता है, और इसे क्रोनिक अग्नाशयशोथ कहा जाता है। क्या क्रोनिक कैल्सीफिक पैंक्रियाज का इलाज संभव है? क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। अग्न्याशय के लिए कौन सी दवा सबसे अच्छी है? क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है।
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pancreatic treatment without surgery
पैंक्रियास को ठीक करने के लिए क्या करें? आप पैंक्रियाज से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर पैंक्रियाज स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। अग्न्याशय के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? पैंक्रियाज का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। पैंक्रियाज का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप पैंक्रियाज को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको पैंक्रियाज को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा पैंक्रियाज उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर पैंक्रियाज उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। अग्न्याशय के दर्द को कैसे दूर करें? होम्योपैथिक उपचार से अग्न्याशय का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, अग्न्याशय का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। पैंक्रियाज में क्या नहीं खाना चाहिए? पैंक्रियाज में क्या खाएं और क्या न खाएं ये डाइट प्लान आपको अपने बीमारी के स्टेज के हिसाब से बनाया जाता है जो डॉक्टर आपको रेकमेंड करते है और आपके डाइट में क्या शामिल हो सकता है की नहीं वह आपको अपने डायटीशियन से पूछना पड़ता है।  -दिन में 2 यूनिट से शराब का ज्यादा न पिएं। -प्रतिदिन शराब का सेवन न करें। -जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन बंद कर दें। -एस्प्रेसो या पेय पदार्थों से बचें। अधिक आहार योजना के लिए ब्रह्म होमियोपैथी संपर्क करें।
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pancreatic neoplastic treatment in hindi
पैंक्रिअटिक नेओप्लास्टिक ट्यूमर क्या है? पैंक्रियास कैंसर एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैंक्रियास के ऊतकों में कैंसर कोशिकाएं होती हैं। पैंक्रियास पेट के पीछे उदर गुहा में स्थित एक अंग है। पैंक्रियास पाचक रस और अन्य हार्मोन स्रावित करता है, जो पाचन में सहायता करता है और रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है। कैंसर कोशिकाएं पैंक्रियास के किसी भी हिस्से में हो सकती हैं। हालाँकि, पैंक्रियास में कैंसर के विकास का सबसे आम हिस्सा ट्यूब की परत है जो पैंक्रियास से पाचन तंत्र तक पाचन रस ले जाती है। Neoplastic Pancreatitis Patient Cured Report पैंक्रिअटिक नेओप्लास्टिक ट्यूमर के लक्षण? -पेट दर्द या पीठ दर्द -पीलिया -यकृत या पित्ताशय का बढ़ना -समुद्री बीमारी और उल्टी -खून का जमना -अस्पष्टीकृत वजन घटाने  पैंक्रिअटिक नेओप्लास्टिक ट्यूमर के कारण? -पैंक्रियास कैंसर का पारिवारिक इतिहास -धूम्रपान -मोटापा -दैनिक आधार पर कुछ कीटनाशकों और रसायनों के संपर्क में आना  क्या पैंक्रियास के ट्यूमर का होम्योपैथी में इलाज संभव है? हां, होम्योपैथिक उपचार चुनकर पैंक्रिअटिक ट्यूमर का इलाज संभव है। होम्योपैथिक इलाज चुनने से आपको इन दवाइयों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा और यह समस्या को जड़ से खत्म कर देती है, इसलिए आपको अपनी बीमारी के इलाज के लिए होम्योपैथिक इलाज ही चुनना चाहिए। आप पैंक्रिअटिक नेओप्लास्टिक ट्यूमर कैसे छुटकारा पायेंगे? शुरुआती चरण में सर्वोत्तम उपचार चुनने से आपको पैंक्रियास के ट्यूमर से छुटकारा मिल जाएगा। होम्योपैथिक उपचार का चयन करके, ब्रह्म होम्योपैथी आपको पैंक्रियास के ट्यूमर के लिए सबसे अधिक विश्वसनीय उपचार देना सुनिश्चित करता है। पैंक्रियास के ट्यूमर के लिए होम्योपैथिक उपचार सबसे अच्छा इलाज है। जैसे ही आप साइटिका को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करेंगे, आपको निश्चित परिणाम मिलेंगे। होम्योपैथिक उपचार से पैंक्रियास के ट्यूमर का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, इसका उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एवं रिसर्च सेंटर की उपचार योजना ब्रह्म अनुसंधान आधारित, चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित, वैज्ञानिक उपचार मॉड्यूल इस बीमारी को ठीक करने में बहुत प्रभावी है। हमारे पास सुयोग्य डॉक्टरों की एक टीम है जो आपके मामले का व्यवस्थित रूप से निरीक्षण और विश्लेषण करती है, रोग की प्रगति के साथ-साथ सभी संकेतों और लक्षणों को रिकॉर्ड करती है, इसकी प्रगति के चरणों, पूर्वानुमान और इसकी जटिलताओं को समझती है। उसके बाद वे आपको आपकी बीमारी के बारे में विस्तार से बताते हैं, आपको उचित आहार चार्ट [क्या खाएं या क्या न खाएं], व्यायाम योजना, जीवन शैली योजना प्रदान करते हैं और कई अन्य कारकों के बारे में मार्गदर्शन करते हैं जो व्यवस्थित प्रबंधन के साथ आपकी सामान्य स्वास्थ्य स्थिति में सुधार कर सकते हैं। जब तक यह ठीक न हो जाए तब तक होम्योपैथिक दवाओं से अपनी बीमारी का इलाज करें।
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atrophied chronic pancreatitis treatment in hindi
क्या क्रोनिक एट्रोफी पैन्क्रियाटाइटिस ठीक हो सकता है? आप ऑट्रॉफिक से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर ऑट्रॉफिक स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। Atrophied Chronic Pancreatitis Patient Cured Report क्रोनिक एट्रोफी पैन्क्रियाटाइटिस का इलाज क्या है? क्रोनिक ऑट्रॉफिक पैन्क्रियाटाइटिस का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। क्रोनिक ऑट्रॉफिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा क्रोनिक ऑट्रॉफिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। क्रोनिक एट्रोफी पैन्क्रियाटाइटिस कैसे शुरू होता है? लंबे समय तक बहुत अधिक शराब पीने से आपका अग्न्याशय बीमार हो सकता है। कई बार ऐसा हो सकता है जब यह वास्तव में खराब हो जाए, लेकिन यदि आप शराब पीना बंद नहीं करते हैं तो यह दोबारा भी हो सकता है। यदि ऐसा होता रहा, तो आपका अग्न्याशय हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो सकता है और इसे क्रोनिक अग्नाशयशोथ कहा जाता है।
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acute-on-chronic-pancreas treatment in homeopathy without surgery
एक्यूट पैंक्रियास को ठीक करने के लिए क्या करें? यदि आपके अग्न्याशय में एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस नामक समस्या है, तो आप सही उपचार प्राप्त करके इसे पूरी तरह से दूर कर सकते हैं। यदि आप इसे जल्दी पकड़ लेते हैं और डॉक्टर से मदद लेते हैं, तो वे बीमारी को बदतर होने से रोकने की कोशिश कर सकते हैं और आप तेजी से बेहतर महसूस करेंगे। होम्योपैथी एक प्रकार का उपचार है जो बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने में मदद कर सकता है। ब्रह्मा होम्योपैथी एक विशेष स्थान है जहां तीव्र अग्नाशयशोथ से पीड़ित कई लोग बेहतर हो गए हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। एक्यूट अग्न्याशय के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? खराब अग्न्याशय के इलाज के लिए होम्योपैथी वास्तव में एक अच्छा और प्रभावी तरीका हो सकता है। जो लोग इसके बारे में बहुत कुछ जानते हैं और जिनके पास काफी अनुभव है, वे अग्न्याशय को बेहतर बनाने में मदद के लिए होम्योपैथी का उपयोग कर सकते हैं। तीव्र अग्न्याशय का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका होम्योपैथिक उपचार है। जब आप यह उपचार शुरू करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। ब्रह्मा होम्योपैथी से कई मरीजों का इलाज हो रहा है और वे ठीक हो रहे हैं। ब्रह्मा होम्योपैथी आपके अग्न्याशय को ठीक करने के लिए तेज़ और सुरक्षित उपचार देने का वादा करती है। ब्रह्म होम्योपैथी एक विशेष स्थान है जहां डॉक्टर अग्न्याशय में समस्याओं वाले लोगों की मदद के लिए अध्ययन और शोध करते हैं। वे लोगों को बेहतर महसूस कराने, उनके दर्द को रोकने और बीमारी को बदतर होने से रोकने के लिए दवा और विशेष आहार का उपयोग करते हैं। इन समस्याओं का शीघ्र पता लगाना और सही उपचार प्राप्त करना वास्तव में महत्वपूर्ण है ताकि लोगों को बेहतर जीवन मिल सके। विभिन्न देशों के बहुत से लोग ब्रह्म होम्योपैथी में जाकर उन बीमारियों से ठीक हो गए हैं जिन्हें पहले ठीक नहीं किया जा सकता था। एक्यूट अग्न्याशय के दर्द को कैसे दूर करें? होम्योपैथिक उपचार से आपका अग्न्याशय बेहतर हो सकता है। आपको यह बीमारी कितने समय से है, इससे यह प्रभावित होता है कि इसे ठीक होने में कितना समय लगेगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको यह बीमारी थोड़े समय के लिए है या लंबे समय के लिए - हम मदद कर सकते हैं। लेकिन अगर आप जल्दी इलाज शुरू कर देंगे तो आप जल्दी ठीक हो जाएंगे। यदि आपको यह बीमारी लंबे समय से है या यह बाद के चरण में है, तो इसे ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। जैसे ही आपको बीमारी का कोई लक्षण दिखे, तुरंत उपचार शुरू करना महत्वपूर्ण है। एक्यूट पैंक्रियाज में क्या नहीं खाना चाहिए? यह आहार योजना उन लोगों के लिए बनाई गई है जिनके अग्न्याशय में एक विशिष्ट बीमारी है। डॉक्टर आपको बताएंगे कि आप क्या खा सकते हैं और क्या नहीं खाना चाहिए। यह पता लगाने के लिए कि आपके लिए कौन से खाद्य पदार्थ अच्छे हैं, आपको एक विशेष खाद्य विशेषज्ञ, जिसे आहार विशेषज्ञ कहा जाता है, से बात करनी चाहिए। प्रतिदिन 2 यूनिट से अधिक शराब न पियें। प्रतिदिन शराब का सेवन न करें। जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन करने से बचें। एस्प्रेसो या पेय से बचें. अधिक आहार योजनाओं के लिए कृपया ब्रह्मा होम्योपैथी से संपर्क करें।
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pathri ka ilaj
किडनी स्टोन को कैसे खत्म करें? आप किडनी स्टोन से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर किडनी स्टोन स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। पथरी गलाने का दवा कौन सा है? किडनी स्टोन का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। किडनी स्टोन का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप किडनी स्टोन को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको किडनी स्टोन को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा किडनी स्टोन उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर किडनी स्टोन उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। पथरी का रामबाण इलाज क्या है? होम्योपैथिक उपचार से किडनी स्टोन का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, किडनी स्टोन का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें।   किडनी की पथरी के लिए सबसे अच्छी दवाई क्या है? किडनी स्टोन का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप किडनी स्टोन को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको गुर्दे की पथरी को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। गुर्दे की पथरी में क्या परहेज करना चाहिए? हम किडनी स्टोन को ठीक करने और हटाने में मदद कर सकते हैं, खासकर यदि अन्य उपचार काम नहीं कर रहे हों। यदि आपके पास कोई सिस्ट है जिसके कारण आपको दर्द, असुविधा, संक्रमण, सूजन हो रही है, या आपको कम आत्मविश्वास महसूस हो रहा है, तो हम इसे बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
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Crohn's Disease Treatment In Hindi
क्रोहन रोग क्या है? क्रोहन रोग एक अन्य प्रकार की सूजन आंत्र प्रणाली (आईबीएस) है। जब पाचन ग्रंथियों में द्रव्यमान की सूजन बढ़ जाती है तो क्रोहन रोग हो जाता है। यह असामान्य वजन घटाने, उल्टी, गंभीर पेट दर्द और कुपोषण को जन्म देता है। क्रोहन रोग कब शुरू होता है? सूजन पाचन तंत्र के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करने की क्षमता रखती है, जो मौखिक गुहा से लेकर पीछे के क्षेत्र तक फैली हुई है। हालाँकि, यह मुख्य रूप से छोटी आंत के अंतिम भाग में प्रकट होता है, जिसे इलियम या वैकल्पिक रूप से बड़ी आंत, विशेष रूप से बृहदान्त्र के रूप में जाना जाता है। यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि क्रोहन रोग सभी आयु समूहों के व्यक्तियों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। हालाँकि, यह अक्सर 15 से 40 की उम्र के बीच पहचाना जाता है, जिसके लिए अधिक जागरूकता और समझ की आवश्यकता होती है। क्रोहन रोग क्या है और लक्षण क्या हैं? -लगातार दस्त आना। -गुदा से रक्त निकलता है। -ऊपरी पेट में ऐंठन या दर्द। -कभी-कभी कब्ज.  क्रोहन रोग के कारण: -अनुचित आहार. -आनुवंशिक रूप से. -कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली.  क्रोहन का दर्द कैसा लगता है? क्रोहन रोग से पीड़ित लोगों को कभी-कभी पेट में तेज और अचानक दर्द महसूस होता है। दर्द पेट के विभिन्न हिस्सों में हो सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनके पाचन तंत्र में सूजन कहाँ हो रही है। क्या क्रोहन की बीमारी हमेशा खराब होती है? प्रारंभिक या हल्की अभिव्यक्तियों का अनुभव करने वाले व्यक्तियों को आमतौर पर हल्के लक्षणों का सामना करना पड़ता है। हालाँकि, यदि ध्यान न दिया जाए, तो क्रोहन रोग अनिवार्य रूप से बढ़ जाता है और गंभीर जटिलताएँ पैदा कर सकता है। क्रोहन का इलाज संभव है क्या? हाँ, होम्योपैथी में क्रोहन का इलाज बिना सर्जरी के किया जा सकता है। क्रोहन का इलाज क्या है? ब्रह्म होम्योपैथी एक विज्ञान आधारित अनुसंधान क्लिनिक है जहां क्रोहन का उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने और पूर्ण इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए क्रोहन का शीघ्र पता लगाना और समय पर उपचार करना क्रोहन का उपचार आवश्यक है। ब्रह्मा होम्योपैथी में सही इलाज सही दवा के साथ सही डाइट प्लान से किया जाता है। विश्व भर में कई लोग ब्रह्मा होम्योपैथी से इलाज कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे हैं। आप होम्योपैथी में क्रोहन का इलाज कैसे करते हैं? क्रोहन का इलाज होम्योपैथी से किया जा सकता है। आपको यह बीमारी जितने लंबे समय से है, उसे ठीक होने में उतना ही अधिक समय लगेगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप थोड़े समय से बीमार हैं या लंबे समय से, हम फिर भी आपकी मदद कर सकते हैं। यदि आप जल्दी इलाज शुरू कर देंगे तो आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। लेकिन अगर आपको यह बीमारी लंबे समय से है या यह अधिक गंभीर अवस्था में है, तो इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। जैसे ही आपको बीमारी का कोई लक्षण दिखाई दे, तुरंत उपचार शुरू करना महत्वपूर्ण है।
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ankylosing spondylitis treatment without surgery
क्या एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का कोई इलाज है? एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। आंक्यलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। स्पॉन्डिलाइटिस के लिए कौन सा फल सबसे अच्छा है? स्ट्रॉबेरी, रसभरी, ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी में एंटीऑक्सीडेंट नामक विशेष तत्व होते हैं जो वास्तव में हमारे शरीर के लिए अच्छे होते हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट सूजन को कम करके और मुक्त कणों नामक बुरी चीजों से लड़कर हमारे शरीर को मजबूत और स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। इन जामुनों के इतने चमकीले रंग होने का कारण एंथोसायनिन नामक एक विशेष प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है, जो वास्तव में हमारे शरीर को बेहतर महसूस कराने में अच्छा है। क्या व्यायाम से स्पोंडिलोसिस ठीक हो सकता है? स्पोंडिलोसिस एक ऐसी बीमारी है जो बहुत से लोगों को होती है, लेकिन चिंता न करें क्योंकि इसका इलाज किया जा सकता है और इसे बेहतर बनाया जा सकता है। हम आपकी गर्दन को हिलाने और इसे अधिक लचीला बनाने के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं, जिससे यह हमेशा बेहतर महसूस होती है। अपनी गर्दन को पूरी तरह हिलाने में सक्षम होना वास्तव में महत्वपूर्ण है।
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एक्यूट पैंक्रियास को ठीक करने के लिए क्या करें? यदि आपके अग्न्याशय में एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस नामक समस्या है, तो आप सही उपचार प्राप्त करके इसे पूरी तरह से दूर कर सकते हैं। यदि आप इसे जल्दी पकड़ लेते हैं और डॉक्टर से मदद लेते हैं, तो वे बीमारी को बदतर होने से रोकने की कोशिश कर सकते हैं और आप तेजी से बेहतर महसूस करेंगे। होम्योपैथी एक प्रकार का उपचार है जो बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने में मदद कर सकता है। ब्रह्मा होम्योपैथी एक विशेष स्थान है जहां तीव्र अग्नाशयशोथ से पीड़ित कई लोग बेहतर हो गए हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। एक्यूट अग्न्याशय के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? खराब अग्न्याशय के इलाज के लिए होम्योपैथी वास्तव में एक अच्छा और प्रभावी तरीका हो सकता है। जो लोग इसके बारे में बहुत कुछ जानते हैं और जिनके पास काफी अनुभव है, वे अग्न्याशय को बेहतर बनाने में मदद के लिए होम्योपैथी का उपयोग कर सकते हैं। तीव्र अग्न्याशय का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका होम्योपैथिक उपचार है। जब आप यह उपचार शुरू करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। ब्रह्मा होम्योपैथी से कई मरीजों का इलाज हो रहा है और वे ठीक हो रहे हैं। ब्रह्मा होम्योपैथी आपके अग्न्याशय को ठीक करने के लिए तेज़ और सुरक्षित उपचार देने का वादा करती है। ब्रह्म होम्योपैथी एक विशेष स्थान है जहां डॉक्टर अग्न्याशय में समस्याओं वाले लोगों की मदद के लिए अध्ययन और शोध करते हैं। वे लोगों को बेहतर महसूस कराने, उनके दर्द को रोकने और बीमारी को बदतर होने से रोकने के लिए दवा और विशेष आहार का उपयोग करते हैं। इन समस्याओं का शीघ्र पता लगाना और सही उपचार प्राप्त करना वास्तव में महत्वपूर्ण है ताकि लोगों को बेहतर जीवन मिल सके। विभिन्न देशों के बहुत से लोग ब्रह्म होम्योपैथी में जाकर उन बीमारियों से ठीक हो गए हैं जिन्हें पहले ठीक नहीं किया जा सकता था। एक्यूट अग्न्याशय के दर्द को कैसे दूर करें? होम्योपैथिक उपचार से आपका अग्न्याशय बेहतर हो सकता है। आपको यह बीमारी कितने समय से है, इससे यह प्रभावित होता है कि इसे ठीक होने में कितना समय लगेगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको यह बीमारी थोड़े समय के लिए है या लंबे समय के लिए - हम मदद कर सकते हैं। लेकिन अगर आप जल्दी इलाज शुरू कर देंगे तो आप जल्दी ठीक हो जाएंगे। यदि आपको यह बीमारी लंबे समय से है या यह बाद के चरण में है, तो इसे ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। जैसे ही आपको बीमारी का कोई लक्षण दिखे, तुरंत उपचार शुरू करना महत्वपूर्ण है। एक्यूट पैंक्रियाज में क्या नहीं खाना चाहिए? यह आहार योजना उन लोगों के लिए बनाई गई है जिनके अग्न्याशय में एक विशिष्ट बीमारी है। डॉक्टर आपको बताएंगे कि आप क्या खा सकते हैं और क्या नहीं खाना चाहिए। यह पता लगाने के लिए कि आपके लिए कौन से खाद्य पदार्थ अच्छे हैं, आपको एक विशेष खाद्य विशेषज्ञ, जिसे आहार विशेषज्ञ कहा जाता है, से बात करनी चाहिए। प्रतिदिन 2 यूनिट से अधिक शराब न पियें। प्रतिदिन शराब का सेवन न करें। जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन करने से बचें। एस्प्रेसो या पेय से बचें. अधिक आहार योजनाओं के लिए कृपया ब्रह्मा होम्योपैथी से संपर्क करें।
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पैंक्रियास को ठीक करने के लिए क्या करें?आप पैंक्रियाज से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर पैंक्रियाज स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। अग्न्याशय के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? पैंक्रियाज का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। पैंक्रियाज का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप पैंक्रियाज को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको पैंक्रियाज को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा पैंक्रियाज उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर पैंक्रियाज उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। अग्न्याशय के दर्द को कैसे दूर करें? होम्योपैथिक उपचार से अग्न्याशय का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, अग्न्याशय का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। पैंक्रियाज में क्या नहीं खाना चाहिए? पैंक्रियाज में क्या खाएं और क्या न खाएं ये डाइट प्लान आपको अपने बीमारी के स्टेज के हिसाब से बनाया जाता है जो डॉक्टर आपको रेकमेंड करते है और आपके डाइट में क्या शामिल हो सकता है की नहीं वह आपको अपने डायटीशियन से पूछना पड़ता है।  दिन में 2 यूनिट से शराब का ज्यादा न पिएं। प्रतिदिन शराब का सेवन न करें। जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन बंद कर दें। एस्प्रेसो या पेय पदार्थों से बचें। अधिक आहार योजना के लिए ब्रह्म होमियोपैथी संपर्क करें।
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Pseudocyst Of Pancreas Treatment In Hindi
पैंक्रियाटिक स्यूडो सिस्ट क्या है?स्यूडोसिस्ट तरल पदार्थ से भरे बुलबुले की तरह होता है जो पैंक्रियास के बगल में बनता है। यह आमतौर पर तब होता है जब किसी को लंबे समय तक पैंक्रियास में कोई समस्या रहती है, लेकिन कभी-कभी यह अचानक किसी समस्या के बाद भी हो सकता है। कुछ चीजें जो इसके होने की अधिक संभावना बना सकती हैं, वे हैं पित्त पथरी होना, बहुत अधिक शराब पीना, या पेट क्षेत्र में चोट लगना।  क्या पैंक्रियाटिक सिस्ट फट सकता है? कभी-कभी, पैंक्रियास में एक सिस्ट फट सकता है और यह हमारे स्वास्थ्य के लिए वास्तव में बुरा हो सकता है। इससे हमारा पेट संक्रमित हो सकता है और यह अच्छा नहीं है। लेकिन चिंता न करें, ऐसा अक्सर नहीं होता है। पैंक्रियाटिक स्यूडो सिस्ट क्यों बनते हैं? अगर आप गंदी जगहों जैसे चाट, भेलपुरी, छोले भटूरे और चाउमीन बेचने वाले दुकानदारों का खाना खाते हैं तो आपको सिस्ट नामक बीमारी हो सकती है। लेकिन अगर आप साफ-सुथरे रहते हैं और स्वस्थ भोजन खाते हैं, तो आप सिस्ट होने से बच सकते हैं, खासकर फेफड़ों में। पैंक्रियाटिक स्यूडो सिस्ट के क्या लक्षण होते हैं? -खून की उल्टी होना -बेहोशी -कमजोर और तेज़ दिल की धड़कन -गंभीर पेट दर्द -चेतना में कमी  पैंक्रियाटिक स्यूडो सिस्ट का मुख्य कारण क्या है? -पैंक्रियास की चोट या आघात -पैंक्रियास संक्रमण -आपके रक्त में कैल्शियम का उच्च स्तर -रक्त में वसा (कोलेस्ट्रॉल) का बहुत उच्च स्तर -दवाओं से पैंक्रियास को क्षति -स्व - प्रतिरक्षित रोग -आपके परिवार में मौजूद ऐसी स्थितियाँ जो पैंक्रियास को नुकसान पहुँचाती हैं। इनमें सिस्टिक फाइब्रोसिस भी शामिल है।  क्या पैंक्रियाटिक सिस्ट ठीक हो सकता है? हाँ पैंक्रियाटिक सिस्ट को होम्योपैथिक उपचार से ठीक किया जा सकता है। क्या होम्योपैथी में पैंक्रियाटिक स्यूडो सिस्ट का इलाज संभव है? हां, होम्योपैथिक उपचार चुनकर पैंक्रियाटिक सिस्ट का इलाज संभव है। यदि आप होम्योपैथिक उपचार चुनते हैं, तो इन दवाओं से कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा और समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी। इसलिए, बीमारियों के इलाज के लिए होम्योपैथिक उपचार को ही चुना जाना चाहिए। आप पैंक्रियाटिक स्यूडो सिस्ट से कैसे छुटकारा पा सकते हैं? शुरुआत में ही सबसे अच्छा उपचार चुनने से आपको पैंक्रियाटिक सिस्ट से छुटकारा मिल जाएगा। होम्योपैथिक उपचार का चयन करके, ब्रह्म होम्योपैथी आपको पैंक्रियाटिक सिस्ट के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपचार देने की गारंटी देता है। पैंक्रियाटिक सिस्ट के लिए होम्योपैथिक उपचार सबसे अच्छा इलाज है। जैसे ही आप पैंक्रियाटिक सिस्ट को ठीक करने के लिए अपना उपचार शुरू करेंगे, आपको स्पष्ट परिणाम मिल सकते हैं। पैंक्रियाटिक सिस्ट को होम्योपैथिक उपचार से ठीक किया जा सकता है। आप बीमारी से कितने समय तक पीड़ित रहेंगे यह काफी हद तक आपके उपचार की व्यवस्था पर निर्भर करता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने समय से संक्रमण से पीड़ित हैं, चाहे वह थोड़े समय के लिए हो या कई लंबे समय के लिए। हम सब कुछ ठीक करने में सक्षम हैं, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण तेजी से ठीक हो जाते हैं। तीव्र या देर से चरण वाली या लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों को ठीक होने में अधिक समय लगता है। समझदार व्यक्ति इस संक्रमण के लक्षणों पर ध्यान देते ही उपचार शुरू कर देते हैं। इसलिए, यदि आपको मानक से कोई भिन्नता नज़र आती है, तो बेहतर होगा कि आप तुरंत हमसे संपर्क करें।
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Mesenteric Lymph Nodes Treatment without surgery
बीमारी…जो किसी को भी अपना शिकार बना लेती है। कुछ बीमारी जेनेटिकल होती है, कुछ अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण या बैक्टीरिया , वायरस एवं पैरासाइट (Parasites) के कारण। ऐसी ही एक डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी हुई बीमारी है मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स , जो बच्चों को अपना शिकार बनती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स, मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के कारण एवं इससे जुड़े अन्य सवालों का जवाब जानेंगे। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स क्या है? मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स को मेडिकल टर्म में मेसेंटेरिक एडेनाइटिस भी कहा जाता है। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स, मेसेंटरी में लिम्फ नोड्स में सूजन की समस्या है। मेसेंटरी एब्डॉमिनल वॉल को होल्ड करने में सक्षम होता है। वहीं इंटेस्टाइन में इंफेक्शन की वजह से मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स की समस्या होती है। इंफेक्शन प्रायः हल्के होते हैं और कई बार आप समझने में लेट कर देते है। इसलिए मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के लक्षणों को समझना जरूरी जिससे इस पेट से जुड़ी बीमारी से बचने में मदद मिल सके। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के लक्षण -पेट के निचले हिस्से में दाहिने ओर दर्द होना. -पेट दर्द होना। -जी मिचलाने की समस्या होना। -उल्टी होना।-डायरिया की समस्या होना। -अपने आपको बीमार महसूस करना। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स क्यों होता है ? मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स सूजन का सबसे आम कारण वायरल संक्रमण होता है , जैसे गैस्ट्राटिक - जिसे अक्सर पेट का फ्लू कहा जाता है। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स आपके बीमारी से लड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। वे आपके शरीर में फैले होते है , जो वायरस , बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक जीवो को नष्ट करते है। कुछ बच्चों में मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के पहले या उसके दौरान ऊपरी श्वसन में संक्रमण विकसित हो जाता है। मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स का इलाज कैसे होता है ? ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहाँ मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स का उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स का उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है।
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kidney stone treatment in homeopathic
किडनी स्टोन?एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 8.83 करोड़ पुरुष और 3.97 करोड़ महिलाएं किडनी स्टोन से प्रभावित हैं। ये संख्याएँ विश्व की कुल जनसंख्या का में से 18% लोगो को प्रभावित करती हैं, इसलिए ये बहुत अधिक हैं। किडनी स्टोन तब बनता है जब आपके मूत्र में द्रव से अधिक क्रिस्टल होते हैं। उसी समय, आपके मूत्र में ऐसे पदार्थों की कमी हो सकती है जो क्रिस्टल को आपस में चिपकने से रोकते हैं, किडनी स्टोन बनने के लिए वातावरण बनाते हैं। किडनी की पथरी के प्रकार? आपके पास किडनी की पथरी के प्रकार को जानने से आपको यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि इसका कारण क्या है, और आपको भविष्य में और अधिक पथरी होने से बचने के बारे में कुछ संकेत मिल सकते हैं। किडनी की पथरी के प्रकारों में शामिल हैं? (1)कैल्शियम स्टोन। अधिकांश किडनी की पथरी कैल्शियम से बनी होती है। ऑक्सलेट एक ऐसा पदार्थ है जो लीवर द्वारा बनाया जाता है या जिसे आप भोजन से प्राप्त कर सकते हैं। कुछ खाद्य पदार्थ, जैसे फल और सब्जियां, ऑक्सलेट में उच्च होते हैं। (2)स्ट्रुवाइट स्टोन। यदि आपको मूत्र पथ का संक्रमण (यूटीआई) हो जाता है, तो आपके मूत्राशय में पथरी बनना शुरू हो सकती है। ये पत्थर तेजी से बढ़ सकते हैं और काफी बड़े भी हो सकते हैं। कभी-कभी, लोगों को पता भी नहीं चलता कि उन्हें यूटीआई है, जब तक कि वे इन पत्थरों का निर्माण शुरू नहीं करते। (3)यूरिक एसिड स्टोन। यदि आपको बहुत अधिक दस्त होते हैं या आप बहुत पतले हैं, या यदि आपको मधुमेह या चयापचय सिंड्रोम है, तो आपका शरीर यूरिक एसिड पथरी बना सकता है। यदि आप बहुत अधिक प्रोटीन खाते हैं या यदि आपके पास एक निश्चित जीन है तो ये पथरी बन सकती हैं। (4)सिस्टीन स्टोन। ये पथरी उन लोगों में बनती है जिन्हें सिस्टिनुरिया नामक विकार होता है, जिसका अर्थ है कि उनके किडनी एक विशिष्ट अमीनो एसिड को ठीक से निकालने में सक्षम नहीं होते हैं। किडनी स्टोन के लक्षण? -पेट और पीठ के एक हिस्से में तेज दर्द होता है। -दर्द जो पेट के निचले हिस्से और कमर के क्षेत्र में फैलता है। -पेशाब करते समय जलन महसूस होना -पेशाब के रंग में बदलाव -बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना -मतली और उल्टी  किडनी स्टोन का क्या कारण:? -दिन में बहुटी काम पानी का सेवन करना. -बहुत काम व्यायाम करना. -वजन घटाने की सर्जरी. -खाने में नमक या चीनी का अधिक प्रयोग. - किडनी की पथरी का पारिवारिक इतिहास.  किडनी की पथरी का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप किडनी की पथरी को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपके किडनी की पथरी को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा आपके उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर आपके उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है।  ब्रह्म होमियोपैथी का लक्ष्य सिर्फ रोगों का इलाज करना ही नहीं है बल्कि हमारा आपके जीवन में बदलाव लाना है।
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chronic calcific pancreatitis treatment in homeopathic
क्या क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस ठीक हो सकता है? क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस पैंक्रियास की सूजन है जो लंबे समय तक रह सकती है। इससे पैंक्रियास और अन्य जटिलताओं को स्थायी नुकसान हो सकता है। इस सूजन से निशान ऊतक विकसित हो सकते हैं, जो इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह पुरानी अग्नाशयशोथ वाले लगभग 45 प्रतिशत लोगों में मधुमेह का कारण बन सकता है। क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस कैसे शुरू होता है? लंबे समय तक बहुत अधिक शराब पीने से आपके अग्न्याशय को नुकसान पहुंच सकता है और वह बीमार हो सकता है। यह कई बार हो सकता है और तीव्र अग्नाशयशोथ नामक अल्पकालिक समस्याओं का कारण बन सकता है। यदि आप शराब पीना जारी रखते हैं, तो अग्नाशयशोथ फिर से वापस आ सकता है। अंततः, यह आपके अग्न्याशय को हर समय वास्तव में बीमार बना सकता है, और इसे क्रोनिक अग्नाशयशोथ कहा जाता है। क्या क्रोनिक कैल्सीफिक पैंक्रियाज का इलाज संभव है? क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। अग्न्याशय के लिए कौन सी दवा सबसे अच्छी है? क्रोनिक कैल्सीफिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है।
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ovarian cyst ka ilaj in hindi
ओवरी में सिस्ट कैसे ठीक हो सकता है? आप ओवेरियन सिस्ट से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर ओवेरियन सिस्ट स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है।Ovarian Cyst Patient Cured Report क्या ओवरियन सिस्ट में प्रेगनेंसी संभव है?ओवेरियन सिस्‍ट आमतौर पर किसी महिला को बच्चा पैदा करने में सक्षम होने से नहीं रोकते हैं। यदि किसी महिला को पहले भी एक बच्चा हो चुका है, तो इसकी अधिक संभावना है कि वह सिस्ट होने पर भी गर्भवती हो सकती है। ओवरियन सिस्ट की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? होम्योपैथिक उपचार से ओवरी में सिस्ट का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, ओवेरियन सिस्ट का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। ओवरियन सिस्ट का सबसे अच्छा इलाज क्या है? सिस्ट का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। सिस्ट का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप सिस्ट को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको सिस्ट को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा सिस्ट उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर सिस्ट उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। ओवरियन सिस्ट को हटा देना चाहिए? हम अधिकांश सिस्ट को ठीक करने और हटाने में मदद कर सकते हैं, खासकर यदि अन्य उपचार काम नहीं कर रहे हों। यदि आपके पास कोई सिस्ट है जिसके कारण आपको दर्द, असुविधा, संक्रमण, सूजन हो रही है, या आपको कम आत्मविश्वास महसूस हो रहा है, तो हम इसे बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
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Ankylosing Spondylitis Treatment In Homeopathic
क्या एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का कोई इलाज है? एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। स्पॉन्डिलाइटिस के लिए कौन सा फल सबसे अच्छा है? स्ट्रॉबेरी, रसभरी, ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी में एंटीऑक्सीडेंट नामक विशेष तत्व होते हैं जो वास्तव में हमारे शरीर के लिए अच्छे होते हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट सूजन को कम करके और मुक्त कणों नामक बुरी चीजों से लड़कर हमारे शरीर को मजबूत और स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। इन जामुनों के इतने चमकीले रंग होने का कारण एंथोसायनिन नामक एक विशेष प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है, जो वास्तव में हमारे शरीर को बेहतर महसूस कराने में अच्छा है। क्या व्यायाम से स्पोंडिलोसिस ठीक हो सकता है? स्पोंडिलोसिस एक ऐसी बीमारी है जो बहुत से लोगों को होती है, लेकिन चिंता न करें क्योंकि इसका इलाज किया जा सकता है और इसे बेहतर बनाया जा सकता है। हम आपकी गर्दन को हिलाने और इसे अधिक लचीला बनाने के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं, जिससे यह हमेशा बेहतर महसूस होती है। अपनी गर्दन को पूरी तरह हिलाने में सक्षम होना वास्तव में महत्वपूर्ण है।
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pancreatitis kaise thik kare in homeopathy
पैंक्रियास को ठीक करने के लिए क्या करें? यदि आपके पैन्क्रियाटाइटिस नामक समस्या है, तो आप सही उपचार प्राप्त करके इसे पूरी तरह से दूर कर सकते हैं। यदि आप इसे जल्दी पकड़ लेते हैं और डॉक्टर से मदद लेते हैं, तो वे बीमारी को बदतर होने से रोकने की कोशिश कर सकते हैं और आप तेजी से बेहतर महसूस करेंगे। होम्योपैथी एक प्रकार का उपचार है जो बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने में मदद कर सकता है। ब्रह्मा होम्योपैथी एक विशेष स्थान है जहां तीव्र अग्नाशयशोथ से पीड़ित कई लोग बेहतर हो गए हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। अग्न्याशय के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? खराब अग्न्याशय के इलाज के लिए होम्योपैथी वास्तव में एक अच्छा और प्रभावी तरीका हो सकता है। जो लोग इसके बारे में बहुत कुछ जानते हैं और जिनके पास काफी अनुभव है, वे अग्न्याशय को बेहतर बनाने में मदद के लिए होम्योपैथी का उपयोग कर सकते हैं। अग्न्याशय का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका होम्योपैथिक उपचार है। जब आप यह उपचार शुरू करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। ब्रह्मा होम्योपैथी से कई मरीजों का इलाज हो रहा है और वे ठीक हो रहे हैं। ब्रह्मा होम्योपैथी आपके अग्न्याशय को ठीक करने के लिए तेज़ और सुरक्षित उपचार देने का वादा करती है। ब्रह्म होम्योपैथी एक विशेष स्थान है जहां डॉक्टर अग्न्याशय में समस्याओं वाले लोगों की मदद के लिए अध्ययन और शोध करते हैं। वे लोगों को बेहतर महसूस कराने, उनके दर्द को रोकने और बीमारी को बदतर होने से रोकने के लिए दवा और विशेष आहार का उपयोग करते हैं। इन समस्याओं का शीघ्र पता लगाना और सही उपचार प्राप्त करना वास्तव में महत्वपूर्ण है ताकि लोगों को बेहतर जीवन मिल सके। विभिन्न देशों के बहुत से लोग ब्रह्म होम्योपैथी में जाकर उन बीमारियों से ठीक हो गए हैं जिन्हें पहले ठीक नहीं किया जा सकता था। अग्न्याशय के दर्द को कैसे दूर करें? होम्योपैथिक उपचार से आपका अग्न्याशय बेहतर हो सकता है। आपको यह बीमारी कितने समय से है, इससे यह प्रभावित होता है कि इसे ठीक होने में कितना समय लगेगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको यह बीमारी थोड़े समय के लिए है या लंबे समय के लिए - हम मदद कर सकते हैं। लेकिन अगर आप जल्दी इलाज शुरू कर देंगे तो आप जल्दी ठीक हो जाएंगे। यदि आपको यह बीमारी लंबे समय से है या यह बाद के चरण में है, तो इसे ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। जैसे ही आपको बीमारी का कोई लक्षण दिखे, तुरंत उपचार शुरू करना महत्वपूर्ण है। पैंक्रियास में क्या नहीं खाना चाहिए? यह आहार योजना उन लोगों के लिए बनाई गई है जिनके अग्न्याशय में एक विशिष्ट बीमारी है। डॉक्टर आपको बताएंगे कि आप क्या खा सकते हैं और क्या नहीं खाना चाहिए। यह पता लगाने के लिए कि आपके लिए कौन से खाद्य पदार्थ अच्छे हैं, आपको एक विशेष खाद्य एक्सपर्ट, जिसे आहार एक्सपर्ट कहा जाता है, से बात करनी चाहिए। प्रतिदिन 2 यूनिट से अधिक शराब न पियें। प्रतिदिन शराब का सेवन न करें। जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन करने से बचें। एस्प्रेसो या पेय से बचें. अधिक आहार योजनाओं के लिए कृपया ब्रह्मा होम्योपैथी से संपर्क करें।
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Adenomyosis treatment without surgery in homeopathy
एडिनोमायोसिस के लिए सबसे अच्छा इलाज क्या है?एडिनोमायोसिस का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। एडिनोमायोसिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप एडिनोमायोसिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको एडिनोमायोसिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। Adenomyosis Cured Patient Report ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा एडिनोमायोसिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर एडिनोमायोसिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। क्या एडिनोमायोसिस दवा से ठीक हो सकता है? होम्योपैथिक उपचार से एडिनोमायोसिस का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, एडिनोमायोसिस का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। एडिनोमायोसिस में क्या नहीं खाना चाहिए? एडिनोमायोसिस में क्या खाएं और क्या न खाएं ये डाइट प्लान आपको अपने बीमारी के स्टेज के हिसाब से बनाया जाता है जो डॉक्टर आपको रेकमेंड करते है और आपके डाइट में क्या शामिल हो सकता है वह आपको अपने डायटीशियन से पूछना पड़ता है।
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chronic atrophic pancreatitis treatment in hindi
क्या क्रोनिक ऑट्रॉफिक पैन्क्रियाटाइटिस ठीक हो सकता है? आप क्रोनिक ऑट्रॉफिक पैन्क्रियाटाइटिस से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर क्रोनिक ऑट्रॉफिक पैन्क्रियाटाइटिस स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है।Chronic Atrophic Pancreatitis Cured Patient Report क्रोनिक ऑट्रॉफिक पैन्क्रियाटाइटिस का इलाज क्या है? क्रोनिक ऑट्रॉफिक पैन्क्रियाटाइटिस का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। क्रोनिक ऑट्रॉफिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप क्रोनिक ऑट्रॉफिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। क्रोनिक ऑट्रॉफिक पैन्क्रियाटाइटिस कैसे शुरू होता है? लंबे समय तक बहुत अधिक शराब पीने से आपका अग्न्याशय बीमार हो सकता है। कई बार ऐसा हो सकता है जब यह वास्तव में खराब हो जाए, लेकिन यदि आप शराब पीना बंद नहीं करते हैं तो यह दोबारा भी हो सकता है। यदि ऐसा होता रहा, तो आपका अग्न्याशय हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो सकता है और इसे क्रोनिक अग्नाशयशोथ कहा जाता है।
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Gallbladder Treatment In Homeopathy
क्या बिना ऑपरेशन के पित्त की थैली की पथरी निकल सकती है? आप पित्ताशय की पथरी से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर माइग्रेन स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। पित्ताशय की पथरी निकालने की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? पित्ताशय की पथरी का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। पित्ताशय की पथरी का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप पित्ताशय की पथरी को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको पित्ताशय की पथरी को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा पित्ताशय की पथरी उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर पित्ताशय की पथरी उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। क्या सर्जरी के बिना पित्त पथरी का इलाज करने का कोई तरीका है? होम्योपैथिक उपचार से पित्ताशय की पथरी का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, पित्ताशय की पथरी का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। क्या आप पित्त पथरी के साथ सामान्य जीवन जी सकते हैं? यदि आपके पेट में छोटे-छोटे पत्थर हैं जिन्हें पित्त पथरी कहा जाता है, लेकिन वे आपको बुरा महसूस नहीं कराते हैं, तो आप उन्हें रख सकते हैं और वे कोई परेशानी पैदा नहीं करेंगे। लेकिन अगर वे आपको बीमार महसूस कराने लगें, तो डॉक्टर आपकी पित्ताशय की थैली को बाहर निकालना चाह सकते हैं। हालाँकि, चिंता न करें, स्वस्थ रहने के लिए आपको वास्तव में इसकी आवश्यकता नहीं है। इसलिए जब इसे बाहर निकाला जाएगा, तो आपको ज्यादा अलग महसूस नहीं होगा।
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Acute Necrotizing pancreatitis treatment in hindi
एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियास को ठीक करने के लिए क्या करें? यदि आपके अग्न्याशय में एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस नामक समस्या है, तो आप सही उपचार प्राप्त करके इसे पूरी तरह से दूर कर सकते हैं। यदि आप इसे जल्दी पकड़ लेते हैं और डॉक्टर से मदद लेते हैं, तो वे बीमारी को बदतर होने से रोकने की कोशिश कर सकते हैं और आप तेजी से बेहतर महसूस करेंगे। होम्योपैथी एक प्रकार का उपचार है जो बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने में मदद कर सकता है। ब्रह्मा होम्योपैथी एक विशेष स्थान है जहां तीव्र अग्नाशयशोथ से पीड़ित कई लोग बेहतर हो गए हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग अग्न्याशय के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? खराब अग्न्याशय के इलाज के लिए होम्योपैथी वास्तव में एक अच्छा और प्रभावी तरीका हो सकता है। जो लोग इसके बारे में बहुत कुछ जानते हैं और जिनके पास काफी अनुभव है, वे अग्न्याशय को बेहतर बनाने में मदद के लिए होम्योपैथी का उपयोग कर सकते हैं। तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्न्याशय का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका होम्योपैथिक उपचार है। जब आप यह उपचार शुरू करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। ब्रह्मा होम्योपैथी से कई मरीजों का इलाज हो रहा है और वे ठीक हो रहे हैं। ब्रह्मा होम्योपैथी आपके अग्न्याशय को ठीक करने के लिए तेज़ और सुरक्षित उपचार देने का वादा करती है। ब्रह्म होम्योपैथी एक विशेष स्थान है जहां डॉक्टर अग्न्याशय में समस्याओं वाले लोगों की मदद के लिए अध्ययन और शोध करते हैं। वे लोगों को बेहतर महसूस कराने, उनके दर्द को रोकने और बीमारी को बदतर होने से रोकने के लिए दवा और विशेष आहार का उपयोग करते हैं। इन समस्याओं का शीघ्र पता लगाना और सही उपचार प्राप्त करना वास्तव में महत्वपूर्ण है ताकि लोगों को बेहतर जीवन मिल सके। विभिन्न देशों के बहुत से लोग ब्रह्म होम्योपैथी में जाकर उन बीमारियों से ठीक हो गए हैं जिन्हें पहले ठीक नहीं किया जा सकता था। एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग अग्न्याशय के दर्द को कैसे दूर करें? होम्योपैथिक उपचार से आपका अग्न्याशय बेहतर हो सकता है। आपको यह बीमारी कितने समय से है, इससे यह प्रभावित होता है कि इसे ठीक होने में कितना समय लगेगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको यह बीमारी थोड़े समय के लिए है या लंबे समय के लिए - हम मदद कर सकते हैं। लेकिन अगर आप जल्दी इलाज शुरू कर देंगे तो आप जल्दी ठीक हो जाएंगे। यदि आपको यह बीमारी लंबे समय से है या यह बाद के चरण में है, तो इसे ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। जैसे ही आपको बीमारी का कोई लक्षण दिखे, तुरंत उपचार शुरू करना महत्वपूर्ण है। एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाज में क्या नहीं खाना चाहिए? यह आहार योजना उन लोगों के लिए बनाई गई है जिनके अग्न्याशय में एक विशिष्ट बीमारी है। डॉक्टर आपको बताएंगे कि आप क्या खा सकते हैं और क्या नहीं खाना चाहिए। यह पता लगाने के लिए कि आपके लिए कौन से खाद्य पदार्थ अच्छे हैं, आपको एक विशेष खाद्य एक्सपर्ट, जिसे आहार एक्सपर्ट कहा जाता है, से बात करनी चाहिए। प्रतिदिन 2 यूनिट से अधिक शराब न पियें। प्रतिदिन शराब का सेवन न करें। जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन करने से बचें। एस्प्रेसो या पेय से बचें. अधिक आहार योजनाओं के लिए कृपया ब्रह्मा होम्योपैथी से संपर्क करें।
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migraine treatment in hindi homeopathy
माइग्रेन के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? माइग्रेन का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। माइग्रेन का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप माइग्रेन को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको माइग्रेन को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा माइग्रेन उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर माइग्रेन उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। क्या माइग्रेन हमेशा के लिए ठीक हो सकता है? आप माइग्रेन से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर माइग्रेन स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। माइग्रेन के मरीजों को क्या नहीं खाना चाहिए? माइग्रेन में क्या खाएं और क्या न खाएं ये डाइट प्लान आपको अपने बीमारी के स्टेज के हिसाब से बनाया जाता है जो डॉक्टर आपको रेकमेंड करते है और आपके डाइट में क्या दाल शामिल हो सकता है की नहीं वह आपको अपने डायटीशियन से पूछना पड़ता है। कौन सा भोजन माइग्रेन में मदद करता है? खरबूजा एक ऐसा फल है जिसमें मैग्नीशियम नामक तत्व होता है, जो हमारे रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। चेरी एक अन्य फल है जिसमें विशेष यौगिक होते हैं जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं, जैसे जब हम एस्पिरिन या इबुप्रोफेन जैसी दवा लेते हैं। सैल्मन और ट्यूना जैसी वसायुक्त मछली में विटामिन और अन्य अच्छी चीजें होती हैं जो सिरदर्द में भी मदद कर सकती हैं।
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Acute Pancreatitis treatment in without surgery
एक्यूट पैंक्रियास को ठीक करने के लिए क्या करें? यदि आपके अग्न्याशय में एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस नामक समस्या है, तो आप सही उपचार प्राप्त करके इसे पूरी तरह से दूर कर सकते हैं। यदि आप इसे जल्दी पकड़ लेते हैं और डॉक्टर से मदद लेते हैं, तो वे बीमारी को बदतर होने से रोकने की कोशिश कर सकते हैं और आप तेजी से बेहतर महसूस करेंगे। होम्योपैथी एक प्रकार का उपचार है जो बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने में मदद कर सकता है। ब्रह्मा होम्योपैथी एक विशेष स्थान है जहां तीव्र अग्नाशयशोथ से पीड़ित कई लोग बेहतर हो गए हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। एक्यूट अग्न्याशय के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? खराब अग्न्याशय के इलाज के लिए होम्योपैथी वास्तव में एक अच्छा और प्रभावी तरीका हो सकता है। जो लोग इसके बारे में बहुत कुछ जानते हैं और जिनके पास काफी अनुभव है, वे अग्न्याशय को बेहतर बनाने में मदद के लिए होम्योपैथी का उपयोग कर सकते हैं। तीव्र अग्न्याशय का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका होम्योपैथिक उपचार है। जब आप यह उपचार शुरू करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। ब्रह्मा होम्योपैथी से कई मरीजों का इलाज हो रहा है और वे ठीक हो रहे हैं। ब्रह्मा होम्योपैथी आपके अग्न्याशय को ठीक करने के लिए तेज़ और सुरक्षित उपचार देने का वादा करती है। ब्रह्म होम्योपैथी एक विशेष स्थान है जहां डॉक्टर अग्न्याशय में समस्याओं वाले लोगों की मदद के लिए अध्ययन और शोध करते हैं। वे लोगों को बेहतर महसूस कराने, उनके दर्द को रोकने और बीमारी को बदतर होने से रोकने के लिए दवा और विशेष आहार का उपयोग करते हैं। इन समस्याओं का शीघ्र पता लगाना और सही उपचार प्राप्त करना वास्तव में महत्वपूर्ण है ताकि लोगों को बेहतर जीवन मिल सके। विभिन्न देशों के बहुत से लोग ब्रह्म होम्योपैथी में जाकर उन बीमारियों से ठीक हो गए हैं जिन्हें पहले ठीक नहीं किया जा सकता था। एक्यूट अग्न्याशय के दर्द को कैसे दूर करें? होम्योपैथिक उपचार से आपका अग्न्याशय बेहतर हो सकता है। आपको यह बीमारी कितने समय से है, इससे यह प्रभावित होता है कि इसे ठीक होने में कितना समय लगेगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको यह बीमारी थोड़े समय के लिए है या लंबे समय के लिए - हम मदद कर सकते हैं। लेकिन अगर आप जल्दी इलाज शुरू कर देंगे तो आप जल्दी ठीक हो जाएंगे। यदि आपको यह बीमारी लंबे समय से है या यह बाद के चरण में है, तो इसे ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। जैसे ही आपको बीमारी का कोई लक्षण दिखे, तुरंत उपचार शुरू करना महत्वपूर्ण है। एक्यूट पैंक्रियाज में क्या नहीं खाना चाहिए? यह आहार योजना उन लोगों के लिए बनाई गई है जिनके अग्न्याशय में एक विशिष्ट बीमारी है। डॉक्टर आपको बताएंगे कि आप क्या खा सकते हैं और क्या नहीं खाना चाहिए। यह पता लगाने के लिए कि आपके लिए कौन से खाद्य पदार्थ अच्छे हैं, आपको एक विशेष खाद्य विशेषज्ञ, जिसे आहार विशेषज्ञ कहा जाता है, से बात करनी चाहिए। प्रतिदिन 2 यूनिट से अधिक शराब न पियें। प्रतिदिन शराब का सेवन न करें। जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन करने से बचें। एस्प्रेसो या पेय से बचें. अधिक आहार योजनाओं के लिए कृपया ब्रह्मा होम्योपैथी से संपर्क करें।
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hemorrhagic ovarian cyst in homeopathic
ओवरी में सिस्ट कैसे ठीक हो सकता है? आप ओवेरियन सिस्ट से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर ओवेरियन सिस्ट स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है।क्या हेमोरेजिक ओवरियन सिस्ट में प्रेगनेंसी संभव है?ओवेरियन सिस्‍ट आमतौर पर किसी महिला को बच्चा पैदा करने में सक्षम होने से नहीं रोकते हैं। यदि किसी महिला को पहले भी एक बच्चा हो चुका है, तो इसकी अधिक संभावना है कि वह सिस्ट होने पर भी गर्भवती हो सकती है। हेमोरेजिक ओवरियन सिस्ट की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? होम्योपैथिक उपचार से ओवरी में सिस्ट का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, ओवेरियन सिस्ट का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। हेमोरेजिक ओवरियन सिस्ट का सबसे अच्छा इलाज क्या है? सिस्ट का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। सिस्ट का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप सिस्ट को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको सिस्ट को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा सिस्ट उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर सिस्ट उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। हेमोरेजिक ओवरियन सिस्ट को हटा देना चाहिए? हम अधिकांश सिस्ट को ठीक करने और हटाने में मदद कर सकते हैं, खासकर यदि अन्य उपचार काम नहीं कर रहे हों। यदि आपके पास कोई सिस्ट है जिसके कारण आपको दर्द, असुविधा, संक्रमण, सूजन हो रही है, या आपको कम आत्मविश्वास महसूस हो रहा है, तो हम इसे बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
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endometriosis treatment in hindi
एंडोमेट्रियोसिस के लिए सबसे अच्छी दवा क्या है? होम्योपैथिक उपचार से एंडोमेट्रियोसिस का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, एंडोमेट्रियोसिस का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। Endometriosis Patient Cured Report एंडोमेट्रियोसिस में क्या परहेज करना चाहिए? एंडोमेट्रियोसिस में क्या खाएं और क्या न खाएं ये डाइट प्लान आपको अपने बीमारी के स्टेज के हिसाब से बनाया जाता है जो डॉक्टर आपको रेकमेंड करते है और आपके डाइट में क्या दाल शामिल हो सकता है की नहीं वह आपको अपने डायटीशियन से पूछना पड़ता है।  क्या एंडोमेट्रियोसिस का इलाज दवा से किया जा सकता है? आप एंडोमेट्रियोसिस से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर एंडोमेट्रियोसिस स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। एंडोमेट्रियोसिस के लिए कौन सा फल सबसे अच्छा है? एंडोमेट्रियोसिस में क्या खाएं और क्या न खाएं ये डाइट प्लान आपको अपने बीमारी के स्टेज के हिसाब से बनाया जाता है जो डॉक्टर आपको रेकमेंड करते है और आपके डाइट में क्या दाल शामिल हो सकता है की नहीं वह आपको अपने डायटीशियन से पूछना पड़ता है।
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Mesenteric Lymph Nodes Treatment in hindi
मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स का क्या कारण है? एक वायरल संक्रमण, जैसे पेट फ्लू, जिसे अक्सर गैस्ट्रिक फ्लू कहा जाता है, मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स का सबसे आम कारण है। इस संक्रमण के परिणामस्वरूप आपकी आंत को आपके पेट की दीवार के पीछे से जोड़ने वाले नाजुक ऊतक (मेसेंटरी) में लिम्फ नोड्स में सूजन हो जाती है। क्या मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स को सर्जरी की आवश्यकता है? नहीं, होम्योपैथी में मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स का इलाज बिना सर्जरी के किया जा सकता है। मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स का इलाज क्या है? ब्रह्म होम्योपैथी एक विज्ञान आधारित अनुसंधान क्लिनिक है जहां मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स का उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने और पूर्ण इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स का शीघ्र पता लगाना और समय पर उपचार करना लिम्फ नोड्स का उपचार आवश्यक है। ब्रह्मा होम्योपैथी में सही इलाज सही दवा के साथ सही डाइट प्लान से किया जाता है। विश्व भर में कई लोग ब्रह्मा होम्योपैथी से इलाज कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे हैं। आप होम्योपैथी में मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स का इलाज कैसे करते हैं? होम्योपैथी में मेसेन्टेरिक लिम्फ नोड्स का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, इसका उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें।
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gangrene treatment in hindi
गैंग्रीन क्या है और कैसे होता है? गैंग्रीन एक गंभीर स्थिति है जो तब विकसित होती है जब एक बड़े क्षेत्र में रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है, जिसमें शरीर के बहुत से टिश्यू नष्ट होने लगते हैं या टिश्यू मर जाते हैं जिसका कारण मुख्य रूप से चोट, इन्फेक्शन या शरीर के किसी भाग में रक्त का ना जा पाना आदि होता है। जिससे प्रभावित त्वचा हरी याह काली हो सकती है, और आंतरिक अंगों को नुकसान हो सकता है। गैंग्रीन एक ऐसी स्थिति है जो शरीर के एक हिस्से में शुरू होती है और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकती है। अगर गैंग्रीन का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह खतरनाक बन सकता है, जो मेडिकल इमरजेंसी की भी स्थिति बन सकती है। गैंग्रीन कितने प्रकार के होते हैं? गैस गैंग्रीन तब होता है जब संक्रमण शरीर के अंदर तक चला जाता है और बैक्टीरिया गैस बनाना शुरू कर देते हैं। गीला गैंग्रीन तब होता है जब कोई चोट लगती है और बैक्टीरिया उस क्षेत्र को संक्रमित कर देता है। गैंग्रीन के लक्षण क्या है? -त्वचा के रंग में परिवर्तन - हल्के भूरे से लेकर नीला, बैंगनी, काला, कांस्य या लाल तक -सूजन -फफोले -अचानक, गंभीर दर्द के बाद सुन्नता का एहसास होना -घाव से रिसने वाला दुर्गंधयुक्त स्राव -त्वचा जो छूने पर ठंडी या ठंडी महसूस होती है  गैंग्रीन का मुख्य कारण क्या है? रक्त की आपूर्ति में कमी. रक्त शरीर को ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्रदान करता है। यह संक्रमण से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीबॉडी भी प्रदान करता है।  गहरा ज़ख्म। बंदूक की गोली के घाव या कार दुर्घटना से कुचली हुई चोटें खुले घाव का कारण बन सकती हैं जो बैक्टीरिया को शरीर में प्रवेश कराती हैं। यदि बैक्टीरिया ऊतकों को संक्रमित करते हैं और इलाज नहीं किया जाता है, तो गैंग्रीन हो सकता है। गैंग्रीन का सबसे तेज इलाज क्या है ? गैंग्रीन का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप गैंग्रीन को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको गैंग्रीन को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है।
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Ovarian Cysts treatment in hindi
ओवरी में सिस्ट कैसे ठीक हो सकता है? आप ओवेरियन सिस्ट से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर ओवेरियन सिस्ट स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है।क्या ओवरियन सिस्ट में प्रेगनेंसी संभव है?ओवेरियन सिस्‍ट आमतौर पर किसी महिला को बच्चा पैदा करने में सक्षम होने से नहीं रोकते हैं। यदि किसी महिला को पहले भी एक बच्चा हो चुका है, तो इसकी अधिक संभावना है कि वह सिस्ट होने पर भी गर्भवती हो सकती है। ओवेरियन सिस्ट की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? होम्योपैथिक उपचार से ओवरी में सिस्ट का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, ओवेरियन सिस्ट का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। ओवेरियन सिस्ट का सबसे अच्छा इलाज क्या है? सिस्ट का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। सिस्ट का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप सिस्ट को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको सिस्ट को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा सिस्ट उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर सिस्ट उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। ओवेरियन सिस्ट को हटा देना चाहिए? हम अधिकांश सिस्ट को ठीक करने और हटाने में मदद कर सकते हैं, खासकर यदि अन्य उपचार काम नहीं कर रहे हों। यदि आपके पास कोई सिस्ट है जिसके कारण आपको दर्द, असुविधा, संक्रमण, सूजन हो रही है, या आपको कम आत्मविश्वास महसूस हो रहा है, तो हम इसे बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
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serum amylase treatment
एमाइलेज परीक्षण क्या है?एमाइलेज परीक्षण रक्त या पेशाब में एमाइलेज की मात्रा को मापता है। एमाइलेज एंजाइम या असामान्य प्रोटीन हैं, जो कार्बोहाइड्रेट को संसाधित करने में मदद करते हैं। शरीर के भीतर अधिकांश एमाइलेज अग्न्याशय और लार अंगों द्वारा निर्मित होता है। रक्त या मूत्र में एमाइलेज़ की थोड़ी मात्रा सामान्य है। किसी भी मामले में, इसका बहुत अधिक या बहुत कम होना अग्न्याशय या लार अंग की गड़बड़ी या अन्य बीमारियों का संकेत हो सकता है। एमाइलेज परीक्षण उपयोग किसके लिए होता है?रक्त या मूत्र में एमाइलेज़ के परीक्षण का उपयोग मूल रूप से अग्न्याशय संबंधी मुद्दों, जैसे अग्नाशयशोथ, अग्न्याशय की उत्तेजना का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग क्रोनिक (दीर्घकालिक) अग्नाशयशोथ की जांच के लिए भी किया जाता है। मूत्र एमाइलेज परीक्षण रक्त एमाइलेज परीक्षण के साथ ही या रक्त एमाइलेज परीक्षण के बाद किया जा सकता है, क्योंकि मूत्र के कुछ समय बाद रक्त में एमाइलेज का बढ़ा हुआ और घटा हुआ स्तर दिखाई देता है। एक या दोनों प्रकार के एमाइलेज परीक्षण का उपयोग अन्य स्थितियों के विश्लेषण और स्क्रीन उपचार के लिए भी किया जा सकता है जो एमाइलेज स्तर को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे: लार अंगों का संक्रमण और पेट से संबंधित कुछ अव्यवस्थाएं। मुझे एमाइलेज परीक्षण की आवश्यकता क्यों है? यदि आपके पास अग्नाशय रोग के लक्षण हैं, तो आपका डॉक्टर एमाइलेज रक्त परीक्षण और/या मूत्र परीक्षण का आदेश दे सकता है। लक्षण अचानक या धीरे-धीरे प्रकट हो सकते हैं और इसमें शामिल हो सकते हैं: आपके ऊपरी पेट में दर्द जो आपकी पीठ तक फैल सकता है या खाने के बाद खराब हो सकता है -भूख में कमी -समुद्री बीमारी और उल्टी -बुखार -तेजी से दिल धड़कना -पीलिया -चिकना, दुर्गंधयुक्त मल आपका फिजिशियन अग्न्याशय को प्रभावित करने वाली मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए एमाइलेज परीक्षण का भी आदेश दे सकता है, जिसमें शामिल हैं: क्रोनिक अग्नाशयशोथ भोजन विकार पुटीय तंतुशोथ शराब सेवन विकार अपने फिजिशियन को किसी भी नुस्खे या ओवर-द-काउंटर दवाओं के बारे में अवश्य बताएं जो आप ले रहे हैं क्योंकि वे आपके परीक्षण परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। अपने परिणामों के बारे में अधिक जानने के लिए, 9429065457 / 9998770086 पर कॉल करें और ब्रह्म होम्योपैथी के विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुशवाह से परामर्श लें।
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rheumatoid arthritis treatment
रुमेटीइड गठिया दर्द के लिए सबसे अच्छी दवा क्या है? रुमेटीइड गठिया का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। रुमेटीइड गठिया का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप रुमेटीइड गठिया को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको रुमेटीइड गठिया को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा रुमेटीइड गठिया उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर रुमेटीइड गठिया उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। क्या रुमेटीइड गठिया स्थायी रूप से दूर जा सकता है? आप रुमेटीइड गठिया से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर रुमेटीइड गठिया स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। क्या जल्दी रूमेटोइड गठिया ठीक हो सकता है? होम्योपैथिक उपचार से रुमेटीइड गठिया का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, रुमेटीइड गठिया का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। रूमेटोइड गठिया के लिए कौन सी दाल अच्छी है? रूमेटोइड गठिया में क्या खाएं और क्या न खाएं ये डाइट प्लान आपको अपने बीमारी के स्टेज के हिसाब से बनाया जाता है जो डॉक्टर आपको रेकमेंड करते है और आपके डाइट में क्या दाल शामिल हो सकता है की नहीं वह आपको अपने डायटीशियन से पूछना पड़ता है।
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Pancreas thik kaise kare
पैंक्रियास को ठीक करने के लिए क्या करें?आप पेनक्रियाज से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर पेनक्रियाज स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। अग्न्याशय के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? पैंक्रियाज का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। पैंक्रियाज का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप पैंक्रियाज को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको पैंक्रियाज को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा पैंक्रियाज उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर पैंक्रियाज उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। अग्न्याशय के दर्द को कैसे दूर करें? होम्योपैथिक उपचार से अग्न्याशय का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, अग्न्याशय का उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। पेनक्रियाज में क्या नहीं खाना चाहिए? कोलाइटिस में क्या खाएं और क्या न खाएं ये डाइट प्लान आपको अपने बीमारी के स्टेज के हिसाब से बनाया जाता है जो डॉक्टर आपको रेकमेंड करते है और आपके डाइट में क्या शामिल हो सकता है की नहीं वह आपको अपने डायटीशियन से पूछना पड़ता है।  दिन में 2 यूनिट से शराब का ज्यादा न पिएं। प्रतिदिन शराब का सेवन न करें। जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन बंद कर दें। एस्प्रेसो या पेय पदार्थों से बचें। अधिक आहार योजना के लिए ब्रह्म होमियोपैथी संपर्क करें।
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serum amylase treatment in hindi
एमाइलेज परीक्षण क्या है?एमाइलेज परीक्षण रक्त या पेशाब में एमाइलेज की मात्रा को मापता है। एमाइलेज एंजाइम या असामान्य प्रोटीन हैं, जो कार्बोहाइड्रेट को संसाधित करने में मदद करते हैं। शरीर के भीतर अधिकांश एमाइलेज अग्न्याशय और लार अंगों द्वारा निर्मित होता है। रक्त या मूत्र में एमाइलेज़ की थोड़ी मात्रा सामान्य है। किसी भी मामले में, इसका बहुत अधिक या बहुत कम होना अग्न्याशय या लार अंग की गड़बड़ी या अन्य बीमारियों का संकेत हो सकता है। एमाइलेज परीक्षण उपयोग किसके लिए होता है?रक्त या मूत्र में एमाइलेज़ के परीक्षण का उपयोग मूल रूप से अग्न्याशय संबंधी मुद्दों, जैसे अग्नाशयशोथ, अग्न्याशय की उत्तेजना का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग क्रोनिक (दीर्घकालिक) अग्नाशयशोथ की जांच के लिए भी किया जाता है। मूत्र एमाइलेज परीक्षण रक्त एमाइलेज परीक्षण के साथ ही या रक्त एमाइलेज परीक्षण के बाद किया जा सकता है, क्योंकि मूत्र के कुछ समय बाद रक्त में एमाइलेज का बढ़ा हुआ और घटा हुआ स्तर दिखाई देता है। एक या दोनों प्रकार के एमाइलेज परीक्षण का उपयोग अन्य स्थितियों के विश्लेषण और स्क्रीन उपचार के लिए भी किया जा सकता है जो एमाइलेज स्तर को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे: लार अंगों का संक्रमण और पेट से संबंधित कुछ अव्यवस्थाएं। मुझे एमाइलेज परीक्षण की आवश्यकता क्यों है? यदि आपके पास अग्नाशय रोग के लक्षण हैं, तो आपका डॉक्टर एमाइलेज रक्त परीक्षण और/या मूत्र परीक्षण का आदेश दे सकता है। लक्षण अचानक या धीरे-धीरे प्रकट हो सकते हैं और इसमें शामिल हो सकते हैं: आपके ऊपरी पेट में दर्द जो आपकी पीठ तक फैल सकता है या खाने के बाद खराब हो सकता है -भूख में कमी -समुद्री बीमारी और उल्टी -बुखार -तेजी से दिल धड़कना -पीलिया -चिकना, दुर्गंधयुक्त मल आपका फिजिशियन अग्न्याशय को प्रभावित करने वाली मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए एमाइलेज परीक्षण का भी आदेश दे सकता है, जिसमें शामिल हैं: क्रोनिक अग्नाशयशोथ भोजन विकार पुटीय तंतुशोथ शराब सेवन विकार अपने फिजिशियन को किसी भी नुस्खे या ओवर-द-काउंटर दवाओं के बारे में अवश्य बताएं जो आप ले रहे हैं क्योंकि वे आपके परीक्षण परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। अपने परिणामों के बारे में अधिक जानने के लिए, 9429065457 / 9998770086 पर कॉल करें और ब्रह्म होम्योपैथी के विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुशवाह से परामर्श लें।
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Pancreas treatment in hindi
शराबी अग्नाशयशोथ का निदान कैसे किया जाता है?डॉक्टर आपके पेट की सोनोग्राफी लेने के लिए एक विशेष मशीन का उपयोग करेंगे, यह देखने के लिए कि क्या आपके पेट में छोटे पत्थर हैं और क्या आपका पेट सूजा हुआ है। वे यह देखने के लिए एक अन्य मशीन का भी उपयोग करेंगे कि क्या आपके पेट में पथरी है और यह कितनी सूजी हुई है। अंत में, वे एक अलग मशीन का उपयोग करेंगे जो आपके पित्ताशय, अग्न्याशय और आपके पेट में ट्यूबों की तस्वीरें लेने के लिए चुंबक का उपयोग करती है। क्या पैंक्रियाज का इलाज संभव है? पैंक्रियाज का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। पैंक्रियाज का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप पैंक्रियाज को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको पैंक्रियाज को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा पैंक्रियाज उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर पैंक्रियाज उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। पेनक्रियाज को ठीक करने के लिए क्या करना चाहिए?आप पेनक्रियाज से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर पेनक्रियाज स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है।
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ulcerative colitis kaise thik kare homeopathy me
अल्‍सरेटिव कोलाइटिस क्या हैं?अल्‍सरेटिव कोलाइटिस, आंतो की संबंधित एक बीमारी हैं जो, बड़ी अंत व मलाशय में सूजन यह घाव के कारण होती है,जिसे अल्सर कहा जाता है। यह बीमारी इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज यानी ये सूजन आंत्र रोग के समूह में से एक है। वैसे तो अल्सरेटिव कोलाइटिस की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन सामान्य तौर पर 15 से 30 साल की उम्र के बीच में इसके होने की संभावना अधिक होती है। कई बार तो यह समस्या आनुवंशिक भी हो सकती है। अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण? -दस्त की समस्या  -मल या मलाशय से खून आना -पेट में ऐंठन और दर्द -मल के साथ मवाद आना -आंत खाली होने पर भी बार-बार मल त्याग की इच्छा महसूस करना -मल त्याग करने की तत्काल आवश्यकता  अल्सरेटिव कोलाइटिस के कारण? -आनुवंशिक -माइक्रोबायोम -वातावरण  क्या अल्सर कोलाइटिस जीवन के लिए खतरा है? अल्सरेटिव कोलाइटिस वास्तव में एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अधिकांश लोग इससे नहीं मरते। हालाँकि, कभी-कभी यह वास्तव में खतरनाक समस्याएं पैदा कर सकता है जो जीवन के लिए खतरा हो सकता है। अल्सरेटिव कोलाइटिस की सबसे अच्छी दवा कौन सी है? कोलाइटिस का सबसे अच्छी दवा होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप कोलाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको कोलाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। क्या कोलाइटिस के लिए चावल खराब है? कोलाइटिस में क्या खाएं और क्या न खाएं ये डाइट प्लान आपको अपने बीमारी के स्टेज के हिसाब से बनाया जाता है जो डॉक्टर आपको रेकमेंड करते है और चावल आपके डाइट में शामिल हो सकता है की नहीं वह आपको अपने डायटीशियन से पूछना पड़ता है।  क्या अल्सरेटिव कोलाइटिस पूरी तरह ठीक हो सकती है? ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा अल्सरेटिव कोलाइटिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर अल्सरेटिव कोलाइटिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है।  ब्रह्म होमियोपैथी सिर्फ रोगों का इलाज करना ही नहीं है बल्कि हमारा लक्ष्य आपके जीवन में बदलाव लाना है तो हम पर भरोसा करें और एक कुशल और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा के लिए हमारे साथ जुड़ें।
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Depression Treatment In hindi
डिप्रेशन क्या है?अवसाद एक मनोदशा संबंधी परेशानी है जो निरंतर उदासी की भावना और रुचि की कमी का कारण बनती है। प्रमुख अवसादग्रस्तता विकार या असंबद्ध अवसाद के रूप में भी जाना जाता है, यह आपके दिखने, अपेक्षा करने और कार्य करने के तरीके को प्रभावित करता है और विभिन्न प्रकार की मनोवैज्ञानिक और शारीरिक समस्याओं को प्रदर्शित कर सकता है। आपको सामान्य अभ्यस्त कार्य करने में कठिनाई हो सकती है, और कभी-कभी आपको ऐसा महसूस हो सकता है जैसे कि जीवन अमूल्य है। निराशा की एक अवधि से अधिक, अवसाद कोई बीमारी नहीं है और आप इसे आसानी से बढ़ावा नहीं दे सकते। अवसाद के लिए दीर्घकालिक दवा की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन निराश मत होइए. अवसाद से ग्रस्त बहुत से लोग नुस्खे, परामर्श या दोनों से स्वस्थ महसूस करते हैं। -तनाव। -शारीरिक स्वास्थ्य समस्या. -उत्पत्ति-संबंधी  डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?  -निराशा, रोना, बेकार या हताश महसूस करना। -छोटी-छोटी बातों पर भी चिड़चिड़ा, अधीर या निराश होना। -शौक या खेल जैसे अधिकांश या सभी सामान्य कार्यों में ध्यान या आकर्षण की हानि। -मरने, नरसंहार या आत्महत्या के प्रयासों के बार-बार विचार आना।  क्या डिप्रेशन को जड़ से खत्म किया जा सकता है? हाँ, होमियोपैथी में डिप्रेशन का इलाज मुमकिन है। डिप्रेशन का इलाज क्या है? ब्रह्म होम्योपैथी एक विज्ञान आधारित अनुसंधान क्लिनिक है जहां डिप्रेशन का उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने और पूर्ण इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए डिप्रेशन का शीघ्र पता लगाना और समय पर उपचार करना डिप्रेशन का उपचार आवश्यक है। ब्रह्मा होम्योपैथी में सही इलाज सही दवा के साथ सही डाइट प्लान से किया जाता है। विश्व भर में कई लोग ब्रह्मा होम्योपैथी से इलाज कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे हैं। आप होम्योपैथी में डिप्रेशन का इलाज कैसे करते हैं? ब्रह्म होमियोपैथी में आपको एक ऐसा माहौल मिलेगा जहा आप बिना हीच किचाये अपने मन की बात कर सकते हो और अपने सारी परेशानियों की उलझन का इलाज करवा सकते हो। डिप्रेशन का इलाज होम्योपैथी से किया जा सकता है। आपको यह बीमारी जितने लंबे समय से है, उसे ठीक होने में उतना ही अधिक समय लगेगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप थोड़े समय से बीमार हैं या लंबे समय से, हम फिर भी आपकी मदद कर सकते हैं। यदि आप जल्दी इलाज शुरू कर देंगे तो आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। लेकिन अगर आपको यह बीमारी लंबे समय से है या यह अधिक गंभीर अवस्था में है, तो इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। जैसे ही आपको बीमारी का कोई लक्षण दिखाई दे, तुरंत उपचार शुरू करना महत्वपूर्ण है।
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appendicitis treatments in hindi
क्या अपेंडिक्स बिना ऑपरेशन के ठीक हो जाता है?ब्रह्म होमियोपैथी में बिना सर्जरी के ऐसे बीमारियों को जड़ से ठीक किया जाता है जिन्हें सर्जरी की जरूरत होता है और होमियोपैथी मेडिसिन या दवाईयो के बिना किसी शारीरिक परेशानी से आपकी बीमारी को जड़ से खतम करने में आपकी सहायता करता है। अपेंडिक्स का रामबाण इलाज क्या है? अपेंडिक्स का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप अपेंडिक्स को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको अपेंडिक्स को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा अपेंडिक्स उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर अपेंडिक्स उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है।  ब्रह्म होमियोपैथी का लक्ष्य सिर्फ रोगों का इलाज करना ही नहीं है बल्कि हमारा आपके जीवन में बदलाव लाना है। अपेंडिक्स का समाधान क्या है? आप अपेंडिक्स से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर अपेंडिक्स स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। अपेंडिक्स दर्द के लिए कौन सी दवा सबसे अच्छी है? अपेंडिक्स का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप अपेंडिक्स को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको अपेंडिक्स को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है।
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enlarged prostate treatment in hindi
बढ़े हुए प्रोस्टेट ग्रंथि का इलाज कैसे करें?आप एंलार्जेद प्रोस्टेट से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर एंलार्जेद प्रोस्टेट स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। क्या प्रोस्टेटाइटिस अपने आप ठीक हो सकता है? कई बार प्रोस्टेटाइटिस अपने आप ठीक हो जाते है लेकिन डॉक्टर को बताना बहुत जरुरी है क्यों की किसी भी बीमारी में डॉक्टर की सलाह और इलाज के बिना आप कोई भी डिसीज़न नहीं ले सकते।  क्या प्रोस्टेट को बिना सर्जरी के ठीक किया जा सकता है? ब्रह्म होमियोपैथी में बिना सर्जरी के ऐसे बीमारियों को जड़ से ठीक किया जाता है जिन्हें सर्जरी की जरूरत होता है और होमियोपैथी मेडिसिन या दवाईयो के बिना किसी शारीरिक परेशानी से आपकी बीमारी को जड़ से खतम करने में आपकी सहायता करता है। क्या बढ़े हुए प्रोस्टेट को ठीक किया जा सकता है? प्रोस्टेट का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप प्रोस्टेट को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको प्रोस्टेट को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा प्रोस्टेट उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर प्रोस्टेट उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है।  ब्रह्म होमियोपैथी का लक्ष्य सिर्फ रोगों का इलाज करना ही नहीं है बल्कि हमारा आपके जीवन में बदलाव लाना है।
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tumor treatment in hindi
क्या  ट्यूमर ठीक हो सकता है?हाँ, होम्योपैथि में ट्यूमर का इलाज संभव है।  अगर आपको शुरुआती लक्षणों पे ही पता चल जाता है की आपको ट्यूमर है तो आप होम्योपैथिक ट्रीटमेंट चुन के बिना किसी साइड इफेक्ट्स के और जड़ से बीमारी को ठीक कर सकते। यदि ट्यूमर की समस्याएँ है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर आपकी स्थिति का मूल कारण जांचेंगे और उपयुक्त उपचार सुझाव देंगे, जो आपकी समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर ट्यूमर की समस्या बार-बार होती है, तो डॉक्टर से चिकित्सा सलाह लेना भी महत्वपूर्ण है यदि आपको लगता है कि ट्यूमर हो गया है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है, ताकि सही उपचार दिया जा सके। आमतौर पर  ट्यूमर का पहला लक्षण क्या होता है? -संतुलन में परेशानी. -वाणी की समस्या. -बहुत थकान महसूस हो रही है. -रोजमर्रा के मामलों में उलझन. -याददाश्त की समस्या. -सरल आदेशों का पालन करने में परेशानी हो रही है। -व्यक्तित्व या व्यवहार बदल जाता है. -दौरे, विशेषकर यदि दौरे का कोई इतिहास न हो। -चक्कर आना या ऐसा महसूस होना कि दुनिया घूम रही है, इसे वर्टिगो भी कहा जाता है।  ट्यूमर का निदान कैसे करें? ट्यूमर को रोकने का कोई तरीका नहीं है। यदि आपको ट्यूमर हो जाता है, तो आपने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जिसके कारण यह हुआ हो। ट्यूमर के बढ़ते जोखिम वाले लोग स्क्रीनिंग परीक्षणों पर विचार कर सकते हैं। स्क्रीनिंग ट्यूमर की रोकथाम नहीं है। लेकिन स्क्रीनिंग से ट्यूमर का पता लगाने में मदद मिल सकती है जब वह छोटा हो और उपचार सफल होने की अधिक संभावना हो। यदि आपके परिवार में ट्यूमर या वंशानुगत सिंड्रोम का इतिहास है जो ट्यूमर के खतरे को बढ़ाता है, तो अपने स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता से इस बारे में बात करें। आप आनुवांशिक परामर्शदाता या आनुवंशिकी में प्रशिक्षित अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता से मिलने पर विचार कर सकते हैं। यह व्यक्ति आपके जोखिम और इसे प्रबंधित करने के तरीकों को समझने में आपकी सहायता कर सकता है। ट्यूमर  होने की सबसे ज्यादा संभावना किसे है? ट्यूमर सभी उम्र के लोगों को हो सकता है, लेकिन यह दो समूहों में अधिक होता है: 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्क।
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Pseudocyst of pancreas treatment in hindi
क्या पैंक्रियाज स्यूडोसिस्ट का इलाज संभव है?पैंक्रियाज स्यूडोसिस्ट का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। पैंक्रियाज स्यूडोसिस्ट का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप पैंक्रियाज स्यूडोसिस्ट को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको पैंक्रियाज स्यूडोसिस्ट को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा पैंक्रियाज स्यूडोसिस्ट उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर पैंक्रियाज स्यूडोसिस्ट उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। क्या अग्नाशयी स्यूडोसिस्ट बढ़ते हैं? जब किसी को अग्न्याशय में अग्नाशयशोथ नामक समस्या होती है, तो उन्हें अग्न्याशय स्यूडोसिस्ट नामक बीमारी हो सकती है। इससे बड़ी समस्याएं हो सकती हैं और कभी-कभी इसे ठीक करने के लिए उन्हें सर्जरी की आवश्यकता होती है। सिस्ट पर नज़र रखने के लिए डॉक्टर पेट की विशेष तस्वीरों का उपयोग करते हैं। कभी-कभी यह अपने आप ठीक हो सकता है, लेकिन कभी-कभी यह बड़ा हो जाता है और अधिक सहायता की आवश्यकता होती है। अग्न्याशय पर सिस्ट क्यों बनते हैं? अग्न्याशय के अल्सर ज्यादातर दो चीजों के कारण होते हैं: चोट और अग्नाशयशोथ। अग्नाशयशोथ तब हो सकता है जब किसी को शराब जैसी बीमारी हो या जब उनकी पित्त नली में पित्त पथरी हो या उन्हें चोट लग जाए। कभी-कभी, बहुत ही कम, अग्नाशयी सिस्ट तपेदिक या टेपवर्म जैसी चीज़ों के संक्रमण के कारण हो सकते हैं। आप अग्नाशयी स्यूडोसिस्ट से कैसे छुटकारा पाते हैं? आप अग्नाशयी स्यूडोसिस्ट से बिलकुल छुटकारा प् सकते है सही और सटीक इलाज चुन के। और होमियोपैथी में अग्नाशयी स्यूडोसिस्ट का जड़ से इलाज किया जा सकता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक मात्रा ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहा कई पेशेंट्स अग्नाशयी स्यूडोसिस्ट से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है।
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PCOD Diet Plan in hindi
पीसीओडी के लिए कौन सा खाना सबसे अच्छा है?पीसीओडी का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। पीसीओडी का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप पीसीओडी को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको पीसीओडी को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा पीसीओडी उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर पीसीओडी उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। क्या पीसीओडी में दूध पी सकते हैं? पीसीओडी में क्या खाएं और क्या न खाएं ये डाइट प्लान आपको अपने बीमारी के स्टेज के हिसाब से बनाया जाता है जो डॉक्टर आपको रेकमेंड करते है और दूध आपके डाइट में शामिल हो सकता है की नहीं वह आपको अपने डायटीशियन से पूछना पड़ता है।  PCOD में क्या क्या नहीं खाना चाहिए ? जब कोई पेशेंट होम्योपैथिक हीलिंग रिसर्च सेंटर में अपना ट्रीटमेंट शुरू करता है तो यहां पर हर केस को अलग अलग इंडिविजुअल आस्पेक्ट से देखा जाता है। उसके डिजीज को अच्छे से समझा जाता है और बेस जो दैट पर्टिकुलर डिजीज प्रोग्रेस और साथ साथ में पेशेंट की लाइफ स्टाइल हर चीज को असेस करने के बाद जो मेडिसिन प्रोवाइड की जाती है उस मेडिसिन का इफैक्ट इतना बेहतर आता है कि पेशेंट को बहुत अच्छा रिस्पॉन्स आता है और उस इंडीविजुअल इंसान को समझने के बाद जो प्रॉपर डायट प्लान किया जाता है वह डायट प्लान उसके जीवन में बहुत इंपॉर्टेंट साबित होता है। तो एक होलिस्टिक अप्रोच जहां पर एक प्रॉपर मेडिसिन हो, आपकी लाइफस्टाइल हेल्दी हो, डायट अच्छा हो, एक बैलेंस जीवन हो, मेंटल हेल्थ अच्छा हो, ये सारे फैक्टरसाथ में जब मिलते हैं डेफिनेटली आप पीसीओडी से बाहर आ सकते हैं। पीसीओडी के लिए कौन सा खाना सबसे अच्छा है? डायट के रूप में आप कोशिश करिए कि आप जितना फ्रैश और शुद्ध खाना खा सके, इसके अंदर वेजिटेबल, फ्रूट सलाद, दूध हो गया दही, छास, सब्जियां हर तरह की आप ले सकते हैं। दाल, चावल, खिचड़ी, रोटी, सब्जी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। आप कोशिश करिए आपके डायट में फ्राइड आइटम, जंक फूड वह सारी चीजें जिसे बार बार एक ही तरह के तेल में तल करके बनाया जाता है जैसे समोसे, भजिए या इस तरह की चीजें जहां पर हाई कैलरी का इस्तेमाल होता है उसका इस्तेमाल ना करें। बाहर की चीजों को कम से कम खाएं। घर के आप सभी सादा खुराक को ले सकते हैं। ड्राय फ्रूट्स ले सकते हैं। आम, काजू, बादाम, किशमिश वगैरह। इसके साथ साथ यह बहुत ज़रूरी है कि यदि आपका वेट ज्यादा है तो ज्यादा वेट होना भी पीसीओडी को बढ़ावा देने में एक बहुत इम्पॉर्टेंट रोल प्ले करता है। इसलिए अपने वेट को घटाने के लिए आप नियमित व्यायाम करिए, कसरत करिए। खाने पीने में ऐसी चीजों का इस्तेमाल ना करें जैसे तल तेल वाली और घी वाली चीजें जिसकी वजह से आपका वेट बढ़े। इसके साथ अच्छी नींद लें। आठ घंटे की एक अच्छी नींद बहुत अच्छा रोल प्ले करेंगी। आपको ठीक करने में मेंटल हेल्थ का बहुत बड़ा रोल है। लेडीस के रीप्रोडक्टिव सिस्टम में चाहे वह पीसीओडी हो या अन्य कोई गायनिक समस्या हो तो मेंटल हेल्थ बहुत ज़रूरी है। एक अच्छा स्वस्थ जीवन हो, स्ट्रेस फ्री लाइफ हो। आप खुश रहें, अपने जीवन में यह बहुत मायने रखता है। इन सब चीजों के साथ साथ एक नियमितता जीवन में होना बहुत ज़रूरी है। एक अच्छा बैलेंस जीवन। समय पर सोना, समय पर उठना अपनी जो दिनचर्या है, उसको एक राइट में जीना ही एक अच्छी हेल्दी लाइफस्टाइल होगी। तो ये सारी चीजें साथ मिलकर के आपके पीसीओडी को ठीक करने में रोल प्ले करती है।
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Pancreas me Pathri ka ilaj
क्या अग्नाशय की पथरी को हटाया जा सकता है? ब्रह्म होमियोपैथी में बिना सर्जरी के ऐसे बीमारियों को जड़ से ठीक किया जाता है जिन्हें सर्जरी की जरूरत होता है और होमियोपैथी मेडिसिन या दवाईयो के बिना किसी शारीरिक परेशानी से आपकी बीमारी को जड़ से खतम करने में आपकी सहायता करता है। अग्न्याशय की पथरी के लिए कौन सी दवा सबसे अच्छी है? अग्न्याशय की पथरी का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप अग्न्याशय की पथरी को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको अग्न्याशय की पथरी को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा अग्न्याशय की पथरी उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर अग्न्याशय की पथरी उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। अग्न्याशय की पथरी का क्या कारण है? जब अग्न्याशय की नली में रुकावट होती है और पथरी फंस जाती है, तो हमें पथरी को बाहर निकालना होता है और यह सुनिश्चित करना होता है कि अग्न्याशय से रस आंतों में प्रवाहित हो सके। इससे बीमारी को बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है और हमारी स्वाद कलिकाएं ठीक से काम करती रहती हैं। ऐसा करने के लिए, डॉक्टर कैमरे के साथ एक विशेष ट्यूब का उपयोग कर सकते हैं जिसे एंडोस्कोप कहा जाता है या उन्हें सर्जरी करने की आवश्यकता हो सकती है। क्या आप पैंक्रियाटिक स्टोन पास कर सकते हैं? ब्रह्म होमियोपैथी में बिना सर्जरी के ऐसे बीमारियों को जड़ से ठीक किया जाता है जिन्हें सर्जरी की जरूरत होता है और होमियोपैथी मेडिसिन या दवाईयो के बिना किसी शारीरिक परेशानी से आपकी बीमारी को जड़ से खतम करने में आपकी सहायता करता है।
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acute pancreatitis treatment in hindi
अग्नाशयशोथ एक बीमारी है जो आपके अग्न्याशय में हो सकती है। अग्न्याशय आपके पेट में एक लंबी ग्रंथि है जो भोजन को पचाने में आपकी मदद करती है। यह आपके रक्त प्रवाह में हार्मोन भी जारी करता है जो आपके शरीर को ऊर्जा के लिए भोजन का उपयोग करने में मदद करता है। यदि आपका अग्न्याशय क्षतिग्रस्त हो गया है, तो पाचन एंजाइम सामान्य रूप से आपकी छोटी आंत में नहीं जा सकते हैं और आपका शरीर ऊर्जा के लिए भोजन का उपयोग नहीं कर सकता है। अग्न्याशय शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हार्मोन इंसुलिन का उत्पादन करके रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। यदि इस अंग को नुकसान होता है, तो इससे मानव शरीर में गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। ऐसी ही एक समस्या है जब अग्न्याशय में सूजन हो जाती है, जिसे तीव्र अग्नाशयशोथ कहा जाता है। उत्तर भारत में, ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके पास पीने के लिए बहुत अधिक है और कभी-कभी एक छोटा सा पत्थर उनके पित्ताशय में फंस सकता है और उनके अग्न्याशय के उद्घाटन को अवरुद्ध कर सकता है। इससे उन्हें अपना खाना पचाने में मुश्किल हो सकती है। 3 हाल ही में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न देशों में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार दक्षिण भारत में पुरानी अग्नाशयशोथ की व्यापकता प्रति 100,000 जनसंख्या पर 114-200 मामले हैं। एक्यूट अग्नाशयशोथ के लक्षण? -कुछ लोगों को पेट में दर्द होता है जो पीठ तक फैल सकता है। -यह दर्द मतली और उल्टी जैसी चीजों के कारण हो सकता है। -खाने के बाद दर्द और बढ़ सकता है। -कभी-कभी किसी के पेट को छूने पर दर्द महसूस हो सकता है।  -व्यक्ति को बुखार और ठंड लगना भी हो सकता है। वे बहुत कमजोर और थका हुआ भी महसूस कर सकते हैं।  एक्यूट अग्नाशयशोथ के कारण? -पित्ताशय की पथरी -शराब -रक्त में उच्च ट्राइग्लिसराइड का स्तर  -रक्त में उच्च कैल्शियम का स्तर   अग्नाशयशोथ के जोखिम कारक? भारी शराब पीने से आपको अग्नाशयशोथ होने की अधिक संभावना हो सकती है। धूम्रपान पुरानी अग्नाशयशोथ होने की संभावनाओं को बढ़ा सकता है, लेकिन धूम्रपान छोड़ने से आपके जोखिम को बहुत कम किया जा सकता है। मोटापा: यदि आप मोटे हैं, तो आपको अग्नाशयशोथ होने की अधिक संभावना है। यदि आपको मधुमेह है, तो आपके अग्नाशयशोथ होने का जोखिम अधिक है। यदि आपके पास अग्नाशयशोथ का पारिवारिक इतिहास है, तो इसका मतलब है कि आपको स्थिति होने की अधिक संभावना है। यदि आपके पास अन्य जोखिम कारक हैं, तो आपके अग्नाशयशोथ होने की संभावना और भी अधिक है। हाँ अग्नाशयशोथ का योग्य इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। अग्नाशयशोथ का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप अग्नाशयशोथ को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपके अग्नाशयशोथ को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा आपके उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर आपके उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। ब्रह्म होमियोपैथी का लक्ष्य सिर्फ रोगों का इलाज करना ही नहीं है बल्कि हमारा आपके जीवन में बदलाव लाना है।
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appendicitis treatment in hindi
अपेंडिक्स कब फटता है? जब आपके शरीर में कोई बुरा संक्रमण होता है, तो संभावना होती है कि आपका अपेंडिक्स फट जाए। यदि आपके पेट में दर्द बहुत बढ़ जाता है और बहुत अधिक दर्द होता है, तो आपको तुरंत डॉक्टर को बताना चाहिए। अपेंडिक्स होने का मुख्य कारण क्या है? अपेंडिसाइटिस आपके पाचन तंत्र में वायरस, बैक्टीरिया या परजीवी जैसे विभिन्न संक्रमणों के कारण हो सकता है। या यह तब हो सकता है जब आपकी बड़ी आंत और अपेंडिक्स को जोड़ने वाली नली मल द्वारा अवरुद्ध या फंस जाती है। कभी-कभी ट्यूमर एपेंडिसाइटिस का कारण बन सकता है। इसके बाद अपेंडिक्स में दर्द और सूजन हो जाती है। एपेंडिसाइटिस के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं: -अचानक दर्द जो पेट के निचले हिस्से में दाहिनी ओर शुरू होता है। -अचानक दर्द जो नाभि के आसपास शुरू होता है और अक्सर निचले दाएं पेट तक फैल जाता है। -दर्द जो खांसने, चलने या अन्य झटकेदार हरकत करने से बढ़ जाता है। - उल्टी -भूख में कमी। -निम्न श्रेणी का बुखार जो बीमारी बढ़ने पर बढ़ सकता है। -कब्ज या दस्त. -उदरीय सूजन। -गैस. अपेंडिसाइटिस के 5 चरण क्या हैं? एपेंडिसाइटिस के चरणों को प्रारंभिक, दमनकारी, गैंग्रीनस, छिद्रित, कफयुक्त, सहज समाधान, आवर्ती और क्रोनिक में विभाजित किया जा सकता है। अपेंडिक्स किस तरफ दर्द करता है? अपेंडिसाइटिस तब होता है जब आपका पेट बीच में दर्द करने लगता है और फिर दर्द निचले दाहिनी ओर बढ़ जाता है। दर्द बदतर हो जाता है और दूर नहीं होता। जब आप उस क्षेत्र पर दबाव डालते हैं, खांसते हैं या चलते हैं तो अधिक दर्द होता है। अपेंडिक्स फटने से क्या होगा? यदि टूटे हुए अपेंडिक्स को ठीक नहीं किया जाता है, तो इससे आपके पूरे शरीर में कीटाणु फैल सकते हैं, बड़ा घाव हो सकता है, आप बहुत बीमार हो सकते हैं और यहाँ तक कि आपकी मृत्यु भी हो सकती है। बिना सर्जरी के होम्योपैथी में अपेंडिक्स का इलाज: ब्रह्म होम्योपैथी सर्जरी की आवश्यकता के बिना अपेंडिक्स की समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है। अगर आपको स्टार्टिंग स्टेज पे पता लग जाता है की आपको अपेंडिक्स है तो आप तुरंत ही होम्योपैथिक ट्रीटमेंट चुन के अपेंडिक्स से मुक्त और वापस स्वस्थ हो सकते हो। डॉ. प्रदीप कुशवाहा अपेंडिक्स की समस्या का इलाज करने में सक्षम हैं और कई लोग उनसे इलाज कराकर अपेंडिक्स से छुटकारा दिला चुके हैं। यदि आपको भी ये लक्षण दिखते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाना चाहिए। होम्योपैथी दवा का उपयोग करके अपेंडिक्स के इलाज में कई लोगों को बेहतर महसूस करने में मदद की है। ब्रह्म होम्योपैथी में डॉ. प्रदीप कुशवाहा एक अच्छे डॉक्टर हैं जिन्होंने बहुत से लोगों की अपेंडिक्स के इलाज में मदद की है।
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bulky pancreas ko kese thik kare
Bulky Pancreas Ko Kese Thik Kare? Sandeep ji who is from Uttar Pradesh and has a report of 6 /12/2022 MRCP . He is 32 years old and he started treatment in Online Brahm Homeopathic Healing and Research Centre  Bulky Pancreas Patient Report? Pancreas is bulky showing mildly heterogeneous signal with associated peripancreatic inflammatory changes small collections in adjacent to pancreatic neck in the pancreatic eternal groove Measuring 2.4 x 1.2 showing slightly prominent MPD . and inflammatory changes extending into the anterior pararenal space with thickening of intercostal fascia Minimal light pleural effusion  . This is an acute pancreatitis case where there is an episode of acute pancreatitis along with a pseudocyst showing 24 x 12 mm or 2.4 x 1.2 cm and the MPD is slightly prominent of 3.4 mm . This is the case and his treatment started in the Brahm Homeopathic Healing and Research Centre After some time of treatment he started to feel comfortable and with the time there was a lot of improvement in his case and in the follow up when his report was made again . This is the report of MRCP which is of the 8th month of 2023 after about 8 months of treatment and when you see the report Pancreas is normal in size, contour and signal intensity of its parenchyma. -Pancreatic duct is not dilated. -No obvious peripancreatic free fluid seen. -No obvious & abnormality in pancreas. -When you see the impression No obvious peripancreatic fluid and no abnormalities detected where the acute pancreatitis episode was cleared. This is also a correlation with MRCP The old report was also of MRCP Acute pancreatitis was cleared Pseudocyst of 2.4 x 1.2 cm was cleared and the MPD dilated is also not showing Means the 3 problems of all 3 which were visible in the pancreas after 8 months of treatment it became completely normal
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fibroid uterus treatment in hindi
गर्भाशय में रसौली क्या है? गर्भाशय में रसौली को गर्भाशय में गांठ, गर्भाशय में फाइब्रॉइड्स, बच्चेदानी में रसौली, बच्चेदानी में गांठ, बच्चेदानी में फाइब्रॉइड्स और यूटेराइन फाइब्रॉइड्स के नाम भी जाना जाता है। गर्भाशय में रसौली को मेडिकल की भाषा में लियोमायोमा या मायोमा कहते हैं। रसौली गर्भाशय की मांसपेशियों में होने वाला एक ट्यूमर है जिसकी संख्या एक या एक से अधिक हो सकती है। गर्भाशय में रसौली का आकार एक अनार के दाने इतना छोटा और एक अंगूर के आकार इतना बड़ा हो सकता है। जैसे-जैसे रसौली का आकार बढ़ता है इसके लक्षणों की गंभीरता भी बढ़ती है। गर्भाशय में रसौली होने पर एक महिला को अनेको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे कि पेट में दर्द और पीरियड्स के दौरान असामान्य रक्स्राव आदि। विशेषज्ञ का कहना है कि वजन अधिक होने यानी मोटापे के कारण इस समस्या का खतरा बढ़ जाता है। जीवन में सकारात्मक बदलाव लाकर बचाया जा सकता है।  गर्भाशय में रसौली के लक्षण? -एनीमिया होना -थकावट होना -पैरों में दर्द होना -पेट में सूजन होना -ब्लैडर पर दबाव होना -योनि से ब्लीडिंग होना -बार-बार पेशाब लगना -कमजोरी महसूस होना -कब्ज की शिकायत होना -मल त्याग करते समय तेज दर्द होना -यौन संबंध बनाते समय योनि में दर्द होना -कभी-कभी पीरियड्स में खून के थक्के आना -पेट के निचले हिस्से में दबाव और भारीपन होना गर्भाशय में रसौली के कारण? आमतौर पर तो यह पाया गया है की गर्भाशय में रसौली के कारण कोई निश्चित नहीं हैं। लेकिन इसके होने के कुछ सामान्य कारण निचे दिए गए हैं। यह पाया गया हैं की जेनेटिक्स (genetics) भी गर्भाशय में रसौली के कारण हो सकते हैं यानि अगर आपके परिवार में किसी यह बीमारी हुई हो तो यह आपको होने का खतरा भी हो सकता है। कई बार यह भी पाया गया है की हार्मोन के बदलाव होने पर भी इसका खतरा पैदा हो सकता है। गर्भावस्था, बुढ़ापा या मोटापा भी गर्भाशय में रसौली के कारण हो सकते है। गर्भाशय में बिना ऑपरेशन रसौली का इलाज? ब्रह्म होमियोपैथी आपको गर्भाशय में रसौली का इलाज बिना ऑपरेशन प्रदान करते है। डॉक्टर प्रदीप कुशवाहा के द्वारा गर्भाशय में रसौली का सफल इलाज कर रहे है । जहा कई लोगो ने अपना इलाज करवा के गर्भाशय में रसौली के छुटकारा पाया है।  अगर आप भी दिए गए लक्षणों को महसूस कर रहे हो तो आपको इसकी तुरंत जाँच करवा लेनी चाहिए। इसके लिए आपको सबसे पहले टेस्टिंग करवा लेनी चाहिए जिससे की यह निश्चित होगा की कितने रसोली हैं और कहा पर है। रसोली के इलाज के लिए होमियोपैथी मेडिसिन को सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। जिससे की इसका इलाज सफलतापूर्ण और सरलता से हो जाता है ब्रह्म होमियोपैथी में डॉक्टर प्रदीप कुशवाहा द्वारा इलाज प्रदान की जाती है और इससे कई लोगों ने गर्भाशय में रसौली से मुक्ति पायी है। अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? गर्भाशय में रसौली का नार्मल साइज क्या है? गर्भाशय में रसौली का आकार एक अनार के दाने इतना छोटा और एक अंगूर के आकार इतना बड़ा हो सकता है। दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान महिलाओं में 5 सेंटीमीटर से बड़ी रसौली देखी जा सकती है।- छोटे फाइब्रॉइड्स का आकार 1-5 सेंटीमीटर- मध्य फाइब्रॉइड्स का आकार 5-10 सेंटीमीटर- बड़े फाइब्रॉइड्स का आकार 10+ सेंटीमीटर  फाइब्रॉएड का कौन सा आकार खतरनाक है? डॉक्टर का कहना है कि गर्भाशय में रसौली का आकार 5-10 सेंटीमीटर होने पर उसे तुरंत इलाज कराना चाहिए, क्योंकि यह खतरनाक माना जाता है। फाइब्रॉइड्स में क्या नहीं खाना चाहिए? गर्भाशय में रसौली होने पर आपको अपनी जीवनशैली और खान-पान पर ख़ास ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इससे पीड़ित होने पर आपको जंक फूड्स, कोल्ड ड्रिंक्स, सिगरेट, शराब, सैचुरेटेड वसायुक्त भोजन, कृत्रिम मिठास, लाल मांस, पशु वसा, सोया उत्पाद और प्लास्टिक में पैक चीजों को नहीं खाना चाहिए।
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kidney stone treatment in hindi
किडनी स्टोन? एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 8.83 करोड़ पुरुष और 3.97 करोड़ महिलाएं किडनी स्टोन से प्रभावित हैं। ये संख्याएँ विश्व की कुल जनसंख्या का में से 18% लोगो को प्रभावित करती हैं, इसलिए ये बहुत अधिक हैं। किडनी स्टोन तब बनता है जब आपके मूत्र में द्रव से अधिक क्रिस्टल होते हैं। उसी समय, आपके मूत्र में ऐसे पदार्थों की कमी हो सकती है जो क्रिस्टल को आपस में चिपकने से रोकते हैं, किडनी स्टोन बनने के लिए वातावरण बनाते हैं। Kidney Stone Cured Patient Report किडनी स्टोन के लक्षण? -पेट और पीठ के एक हिस्से में तेज दर्द होता है। -दर्द जो पेट के निचले हिस्से और कमर के क्षेत्र में फैलता है।  -पेशाब करते समय जलन महसूस होना-पेशाब के रंग में बदलाव -बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना  -मतली और उल्टी  किडनी स्टोन का क्या कारण? -दिन में बहुटी काम पानी का सेवन करना.  -बहुत काम व्यायाम करना.-खाने में नमक या चीनी का अधिक प्रयोग.  किडनी की पथरी का पारिवारिक इतिहास. किडनी की पथरी का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप किडनी की पथरी को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपके किडनी की पथरी को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा आपके उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर आपके उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। ब्रह्म होमियोपैथी का लक्ष्य सिर्फ रोगों का इलाज करना ही नहीं है बल्कि हमारा आपके जीवन में बदलाव लाना है।
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head injury treatment in hindi
Head Injury Treatment In Homeopathyसिर में मामूली चोट तब लगती है जब किसी के सिर पर चोट लगती है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं होती है और आमतौर पर थोड़ी देर के बाद उन्हें बेहतर महसूस होता है। कभी-कभी हम गलती से अपने सिर से टकरा जाते हैं या टकरा जाते हैं। अधिकांश समय, ये उभार बहुत गंभीर नहीं होते हैं और हमारे मस्तिष्क को स्थायी रूप से चोट नहीं पहुँचाते हैं। थोड़ा चक्कर आना या सिरदर्द होना जैसे लक्षण बहुत बुरे नहीं हैं और काफी जल्दी ठीक हो जाते हैं। जब ऐसा होता है, तब भी हम जाग रहे होते हैं और हमारे सिर पर कोई बड़ी चोट या गंभीर क्षति नहीं होती है। कभी-कभी जब कोई अपना सिर टकराता है, तो बहुत अधिक दर्द नहीं होता है और केवल उसके सिर के बाहरी हिस्से पर असर पड़ता है। उनके पास कुछ संकेत हो सकते हैं कि कुछ गड़बड़ है, जैसे थोड़ा चक्कर आना या सिरदर्द होना। जब आपको हल्का सिरदर्द होता है, तो इसका मतलब है कि आपका सिर थोड़ा दर्द करता है। चक्कर आने का मतलब है कि आपको ऐसा महसूस हो रहा है जैसे सब कुछ आपके चारों ओर घूम रहा है और आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आप नीचे गिरने वाले हैं। असंतुलन का मतलब है कि आपको सीधे चलने में परेशानी हो सकती है और आप लड़खड़ा सकते हैं या लड़खड़ा सकते हैं। समुद्री बीमारी और उल्टी का मतलब है कि आपको पेट में दर्द हो सकता है और उल्टी हो सकती है, खासकर जब आप नाव पर हों। मूड में बदलाव का मतलब है कि आपकी भावनाएँ बहुत तेज़ी से बदल सकती हैं, जैसे एक मिनट में आप खुश होते हैं और अगले ही मिनट आप दुखी या क्रोधित होते हैं। बेचैनी या चिड़चिड़ापन का मतलब है कि आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आप स्थिर नहीं बैठ सकते हैं और आसानी से परेशान हो सकते हैं। ध्यान केंद्रित करने, सोचने या याद रखने में परेशानी का मतलब है कि आपके लिए ध्यान देना, स्पष्ट रूप से सोचना या चीजों को याद रखना कठिन है। कानों में लगातार घंटी बजने का मतलब है कि आपको हर समय अपने कानों में घंटी बजने या भिनभिनाने जैसी आवाज सुनाई दे सकती है। उनींदापन का मतलब है कि आपको बहुत नींद आ रही है और आप झपकी लेना चाहते हैं। शारीरिक ऊर्जा की कमी का मतलब है कि आप थका हुआ महसूस करते हैं और आपके पास काम करने के लिए पर्याप्त ताकत नहीं है। नींद के पैटर्न में अचानक बदलाव का मतलब है कि आप अलग-अलग समय पर सोना शुरू कर सकते हैं या सोने या सोते रहने में परेशानी हो सकती है। यदि आपके सिर में थोड़ी सी भी चोट लग जाए तो सबसे पहले अपने परिवार में किसी को या किसी मित्र को बताएं। उन्हें पूरे दिन आपके साथ रहना चाहिए और यह देखना चाहिए कि आपका शरीर कैसा महसूस करता है। यदि आपके सिर में चोट लगने के बाद केवल कुछ छोटी समस्याएं हैं, तो आपको किसी विशेष देखभाल की आवश्यकता नहीं है। लेकिन आपको इस बात पर पूरा ध्यान देना चाहिए कि आप अगले एक या दो दिन कैसा महसूस करते हैं।
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Ovarian Cyst diet plan in Hindi
What is Hemorrhagic Cyst? A hemorrhagic cyst develops when one of the small blood vessels found in the wall of a recently formed cyst ruptures for any reason. Blood from the vessel then circulates through the cyst into the body, causing it to begin swelling at a fairly consistent pace. As the blood-filled cyst swells, it stretches the covering around the ovary, causing severe pain. Generally, the pain is felt from the abdominal area to the right side, although some women find that the pain radiates to the left side. Symptoms of Hemorrhagic Cyst: -abdominal swelling or bloating -pelvic pain -vaginal bleeding -painful intercourse Causes of Hemorrhagic Cyst: Hemorrhagic cysts develop during ovulation when an egg is released through an ovarian follicle on its surface, and that follicle swells into a cyst. Prognosis in homeopathy Can homeopathy Hemorrhagic Cyst cure ? Yes, homeopathy can cure Hemorrhagic Cyst. Brahm homeopathy ensure you to give the most reliable treatment for Hemorrhagic Cyst. So many patients are taking treatment from Brahm homeopathy, they are running very well. How are hemorrhagic cysts treated? Hemorrhagic cysts are treated from the root in the homeopathic treatment. Homeopathic treatment is the best treatment for hemorrhagic cysts. As soon as you start your treatment to heal hemorrhagic cysts you will get definite results. So many patients are taking treatment from Brahm homeopathy, they are running very well. Hemorrhagic cysts is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as he /she observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Pancreas Divisum Treatment
पैंक्रिअटिक डिविसम कैसे ठीक करे होमियोपैथी में?Pancreatic division is a condition that is by-born and A common question of people inside this condition is whether it can be completely cured?  The pancreatic division is a deformity thing that is coming by the born and the main pancreatic duct of your pancreas is not normally the same as it does in all people, but it divides the pancreas into two parts and that is why it is called pancreatic division. And this is the primary cause due to which the patient have attacks of acute pancreatitis, then and then there are more complications, so when you have a question whether it can be completely cured, then it is something like this. That God has replaced your five fingers with six fingers an extra finger, and in this situation, your question is can this be done from 6 finger back to 5 finger?  So there is a surgical procedure but if you want to recover without surgery, then there is a solution  Make your habit of eating your food 4 to 5 times. The underlying pathology that has been created before taking proper homeopathic medicine acute pancreatitis it cures chronic pancreatitis there is a different medicine for that And there is a different medicine for the one that happened due to pancreatic division. One you need proper homeopathic doctor and  second you should have fundamental knowledge that what is Pancreatic division? And because of that trigger, you don't get attack again and again How to adopt a lifestyle for that and it is a different topic. When he joins us as a patient, we make them understand their plan very well. And according to that plan, when the patients follow it, the results of pancreatic division are very good.
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Acute Necrotizing pancreas
तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ ? आक्रामक अंतःशिरा द्रव पुनर्जीवन, दर्द प्रबंधन, और आंत्र भोजन की जल्द से जल्द संभव शुरुआत उपचार के मुख्य घटक हैं। जबकि उपरोक्त सावधानियों से बाँझ परिगलन में सुधार हो सकता है, संक्रमित परिगलन के लिए अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता होती है। Acute Necrotizing Pancreas Cured Patient Report तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ के लक्षण ? - बुखार - फूला हुआ पेट - मतली और दस्त तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ के कारण ?  - अग्न्याशय में चोट - उच्च रक्त कैल्शियम स्तर और रक्त वसा सांद्रता ऐसी स्थितियाँ जो अग्न्याशय को प्रभावित करती हैं और आपके परिवार में चलती रहती हैं, उनमें सिस्टिक फाइब्रोसिस और अन्य आनुवंशिक विकार शामिल हैं जिनके परिणामस्वरूप बार-बार अग्नाशयशोथ होता है| क्या एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रिएटाइटिस का इलाज होम्योपैथी से संभव है ? हां, होम्योपैथिक उपचार चुनकर एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस का इलाज संभव है। होम्योपैथिक उपचार चुनने से आपको इन दवाओं का कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा और यह समस्या को जड़ से खत्म कर देता है, इसीलिए आपको अपने एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस के इलाज के लिए होम्योपैथिक उपचार का ही चयन करना चाहिए। आप तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ से कैसे छुटकारा पा सकते हैं ? शुरुआती चरण में सर्वोत्तम उपचार चुनने से आपको एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस से छुटकारा मिल जाएगा। होम्योपैथिक उपचार का चयन करके, ब्रह्म होम्योपैथी आपको एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस के लिए सबसे विश्वसनीय उपचार देना सुनिश्चित करता है। एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस के लिए होम्योपैथिक उपचार सबसे अच्छा इलाज है। जैसे ही आप एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस को ठीक करने के लिए अपना उपचार शुरू करेंगे, आपको निश्चित परिणाम मिलेंगे। होम्योपैथिक उपचार से तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ का इलाज संभव है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, इसका उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एवं रिसर्च सेंटर की उपचार योजना ब्रह्म अनुसंधान आधारित, चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित, वैज्ञानिक उपचार मॉड्यूल इस बीमारी को ठीक करने में बहुत प्रभावी है। हमारे पास सुयोग्य डॉक्टरों की एक टीम है जो आपके मामले का व्यवस्थित रूप से निरीक्षण और विश्लेषण करती है, रोग की प्रगति के साथ-साथ सभी संकेतों और लक्षणों को रिकॉर्ड करती है, इसकी प्रगति के चरणों, पूर्वानुमान और इसकी जटिलताओं को समझती है। उसके बाद वे आपको आपकी बीमारी के बारे में विस्तार से बताते हैं, आपको उचित आहार चार्ट [क्या खाएं या क्या न खाएं], व्यायाम योजना, जीवन शैली योजना प्रदान करते हैं और कई अन्य कारकों के बारे में मार्गदर्शन करते हैं जो व्यवस्थित प्रबंधन के साथ आपकी सामान्य स्वास्थ्य स्थिति में सुधार कर सकते हैं। जब तक यह ठीक न हो जाए तब तक होम्योपैथिक दवाओं से अपनी बीमारी का इलाज करें। तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ के लिए आहार ? कुपोषण और पोषण संबंधी कमियों को रोकने के लिए, सामान्य रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने और मधुमेह, गुर्दे की समस्याओं और पुरानी अग्नाशयशोथ से जुड़ी अन्य स्थितियों को रोकने या बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए, अग्नाशयशोथ की तीव्र घटना से बचना महत्वपूर्ण है। यदि आप एक स्वस्थ आहार योजना की तलाश में हैं, तो ब्रह्म होम्योपैथी से संपर्क करें। हमारे विशेषज्ञ आपकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुरूप एक योजना बनाने में आपकी सहायता कर सकते हैं
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पैंक्रियास ट्रीटमेंट
पैंक्रियास? जब पैंक्रियास में सूजन और संक्रमण हो जाता है तो इससे पैंक्रियास नामक रोग हो जाता है। पैंक्रियास एक लंबा, चपटा अंग है जो पेट के पीछे पेट के शीर्ष पर छिपा होता है। पैंक्रियास उत्तेजनाओं और हार्मोन का उत्पादन करके पाचन में मदद करता है जो आपके शरीर में ग्लूकोज के प्रसंस्करण को विनियमित करने में मदद करते हैं। पैंक्रियास के लक्षण ? -पेट के ऊपरी भाग में दर्द होना। -बेकार वजन घटाना. -पेट का ख़राब होना. -शरीर का असामान्य रूप से उच्च तापमान। -पेट को छूने पर दर्द होना। -तेज़ दिल की धड़कन. -हाइपरटोनिक निर्जलीकरण. पैंक्रियास के कारण: -पित्ताशय में पथरी. -भारी शराब का सेवन. -भारी खुराक वाली दवाएँ। -हार्मोन का असंतुलन. -रक्त में वसा जो ट्राइग्लिसराइड्स का कारण बनता है। -आनुवंशिकता की स्थितियाँ. -पेट में सूजन ।  क्या होम्योपैथी पैंक्रियाज को ठीक कर सकती है? हाँ, होम्योपैथी पैंक्रियाज को ठीक कर सकती है। ब्रह्म होम्योपैथी आपको पैंक्रियाज के लिए सबसे भरोसेमंद उपचार देना सुनिश्चित करती है। पैंक्रियाज के लिए सबसे अच्छा उपचार क्या है? यदि पैंक्रियाज अच्छी तरह से काम नहीं कर रहा है तो होम्योपैथिक उपचार वास्तव में बेहतर होने में मदद करने का एक अच्छा तरीका है। जब आप उपचार शुरू करते हैं, तो आप जल्दी परिणाम देखेंगे। बहुत सारे लोग इस इलाज के लिए ब्रह्म होम्योपैथी जा रहे हैं और वे वास्तव में अच्छा कर रहे हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपके पैंक्रियाज के को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए आपको सबसे तेज़ और सुरक्षित तरीका प्रदान करना सुनिश्चित करती है। यदि आपका पैंक्रियाज अच्छी तरह से काम नहीं कर रहा है, तो प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करके इसे बेहतर बनाने में मदद करने के तरीके हैं। आप कितने समय से बीमार हैं, यह प्रभावित करेगा कि आपको ठीक होने में कितना समय लगेगा। यदि आप जल्दी इलाज शुरू करते हैं, तो आप जल्द ही बेहतर महसूस करेंगे। लेकिन यदि आप लंबे समय से बीमार हैं तो ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। जैसे ही आप किसी समस्या को देखते हैं, तुरंत हमसे संपर्क करें। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर की उपचार योजना? बीमार होने पर लोगों को बेहतर महसूस कराने में मदद करने के लिए हमारे पास एक विशेष तरीका है। हमारे पास वास्तव में स्मार्ट डॉक्टर हैं जो ध्यान से देखते हैं और नोट करते हैं कि बीमारी व्यक्ति को कैसे प्रभावित कर रही है। फिर, वे सलाह देते हैं कि क्या खाना चाहिए, व्यायाम करना चाहिए और स्वस्थ जीवन कैसे जीना चाहिए। वे व्यक्ति को ठीक होने में मदद करने के लिए विशेष दवा भी देते हैं। यह तरीका कारगर साबित हुआ है!
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Atrophy Of Pancreas
पैंक्रियाज के एट्रोफी का क्या अर्थ है? पैंक्रियाज के एट्रोफी का मतलब है कि एक व्यक्ति का पैंक्रियाज छोटा और कमजोर हो रहा है। एट्रोफी का मतलब है कि कोई चीज छोटी हो रही है, जैसे कोई खिलौना आकार में सिकुड़ रहा है। एट्रोफिक क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस तब होता है जब पैंक्रियाज छोटा हो जाता है क्योंकि यह लंबे समय तक बीमार रहता है। यदि इस स्थिति वाला कोई व्यक्ति बहुत पतला दिखता है, तो यह इस बात का संकेत है कि स्थिति बिगड़ने से पहले उन्हें मदद की आवश्यकता है।Atrophy Of Pancreas Patient Cured पैंक्रियाज किस उम्र में एट्रोफी करता है? पैंक्रियाज का एट्रोफी उम्र बढ़ने के साथ होता है, और इसका वजन सामान्य 60-100 ग्राम से 40 ग्राम या 85 वर्ष की आयु से कम हो सकता है। यह वास्तव में छोटे या सूक्ष्म पैंक्रियाज के द्रव्यमान का पता लगाने में मदद कर सकता है, जो इमेजिंग अध्ययनों पर अधिक प्रमुख हो सकता है। अवशेषी ग्रंथियों की तुलना में। पैंक्रियाज के एट्रोफी के लक्षण क्या हैं? -पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द -पेट दर्द जो आपकी पीठ तक जाता है -पेट को छूने पर कोमलता -बिना कोशिश किए वजन कम करना -तैलीय, बदबूदार मल पैंक्रिएटिक एट्रोफी का क्या कारण बनता है? -पित्ताशय की पथरी -पैंक्रियाज का कैंसर -संक्रमण -पेट की चोट -मोटापा -सदमा क्या एक एट्रोफिक पैंक्रियाज ठीक हो सकता है? हां, होम्योपैथी की मदद से पैंक्रियाज के एट्रोफी को ठीक किया जा सकता है. क्या होम्योपैथी पैंक्रियाज के एट्रोफी को ठीक कर सकती है?हाँ, होम्योपैथी पैंक्रियाज के एट्रोफी को ठीक कर सकती है। ब्रह्म होम्योपैथी आपको पैंक्रियाज के एट्रोफी के लिए सबसे भरोसेमंद उपचार देना सुनिश्चित करती है। पैंक्रियाज के एट्रोफी के लिए सबसे अच्छा उपचार क्या है? यदि पैंक्रियाज के एट्रोफी अच्छी तरह से काम नहीं कर रहा है तो होम्योपैथिक उपचार वास्तव में बेहतर होने में मदद करने का एक अच्छा तरीका है। जब आप उपचार शुरू करते हैं, तो आप जल्दी परिणाम देखेंगे। बहुत सारे लोग इस इलाज के लिए ब्रह्म होम्योपैथी जा रहे हैं और वे वास्तव में अच्छा कर रहे हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपके पैंक्रियाज के एट्रोफी को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए आपको सबसे तेज़ और सुरक्षित तरीका प्रदान करना सुनिश्चित करती है। यदि आपका पैंक्रियाज के एट्रोफी अच्छी तरह से काम नहीं कर रहा है, तो प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करके इसे बेहतर बनाने में मदद करने के तरीके हैं। आप कितने समय से बीमार हैं, यह प्रभावित करेगा कि आपको ठीक होने में कितना समय लगेगा। यदि आप जल्दी इलाज शुरू करते हैं, तो आप जल्द ही बेहतर महसूस करेंगे। लेकिन यदि आप लंबे समय से बीमार हैं तो ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। जैसे ही आप किसी समस्या को देखते हैं, तुरंत हमसे संपर्क करें। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर की उपचार योजना बीमार होने पर लोगों को बेहतर महसूस कराने में मदद करने के लिए हमारे पास एक विशेष तरीका है। हमारे पास वास्तव में स्मार्ट डॉक्टर हैं जो ध्यान से देखते हैं और नोट करते हैं कि बीमारी व्यक्ति को कैसे प्रभावित कर रही है। फिर, वे सलाह देते हैं कि क्या खाना चाहिए, व्यायाम करना चाहिए और स्वस्थ जीवन कैसे जीना चाहिए। वे व्यक्ति को ठीक होने में मदद करने के लिए विशेष दवा भी देते हैं। यह तरीका कारगर साबित हुआ है!
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pancreatitis ka diet plan
क्या पैंक्रियाज का इलाज संभव है ?ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एवं रिसर्च सेंटर में पैंक्रियाटाइटिस का इलाज संभव है | अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए आर्टिकल को पढ़े।पैंक्रियाटाइटिस क्या है?वह स्थिति जहां अग्न्याशय में सूजन या सूजन हो जाती है उसे अग्नाशयशोथ कहा जाता है। आमतौर पर, अग्न्याशय एक विशाल ग्रंथि है जो आपके पेट के ठीक पीछे छोटी आंत के पास स्थित होती है। अग्न्याशय की भूमिका बड़े खाद्य कणों को छोटे टुकड़ों में तोड़ने के लिए पाचन एंजाइमों का स्राव करना है। यह रक्तप्रवाह में हार्मोन भी उत्सर्जित करता है जो भोजन और ऊर्जा का कुशलतापूर्वक उपयोग करने में मदद करता है। हालाँकि, छोटी आंत में पाचन एंजाइमों के अनियमित उत्सर्जन के कारण अग्न्याशय सूज जाता है या क्षतिग्रस्त हो जाता है।What Are The Types of Pancreatitis?1. Acute Pancreatitis2. Chronic Pancreatitis3. Acute on Chronic Pancreatitis4. Calcification Parenchymal5. Intraductal Calculi/Calcification6. Dilated Main Pancreatitis Duct7.Atrophy Of Pancreatitis8. Necrosis Of Pancreatitis9. Pseudocyst Of Pancreatitis/Collection Of Fluid10. Perip@ncre@tic F@t Str@nding11. Aneurysm Of Arteries of P@ncre@titis12. Fistula Of P@ncre@titis13. C@ncer Of P@ncre@titis14. Met@st@sis   पैंक्रियाटाइटिस में क्या खाना चाहिए ? आपको उचित आहार लेना चाहिए, जिसमें शामिल हैं;- एक दिन में कम से कम 5 सर्विंग ताजे फल और सब्जियां।- साबुत अनाज, फाइबर और पोषण।- ऐसा खाना लें जिसमें कोलेस्ट्रॉल कम हो।- योगा, एक्सरसाइज करें जिससे आपका वजन मेंटेन रहे।पैंक्रियाटाइटिस में नहीं क्या खाना चाहिए ?- दिन में 2 यूनिट से शराब का ज्यादा न पिएं।- प्रतिदिन शराब का सेवन न करें।- जितना हो सके डेयरी उत्पादों का सेवन बंद कर दें।- एस्प्रेसो या पेय पदार्थों से बचें।संकेत और लक्षण?पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द जो पीठ तक जाता है और असहनीय होता है। विशेष रूप से उच्च वसायुक्त आहार खाने से यह और भी खराब हो जाता है।-पाचन गड़बड़ी-तैलीय मल और दस्त-सूजन-रक्त शर्करा के स्तर को असंतुलित करना-मधुमेहकारण और जोखिम कारक ?बहुत अधिक शराब का सेवनबाहर का खाना, जंक फूड खानाउच्च वसायुक्त भोजनस्व - प्रतिरक्षी रोगसंक्रमणसदमाकुछ मामलों में पित्त पथरी। होम्योपैथी  में पैंक्रियाटाइटिस रोग का निदानहोम्योपैथिक में पैंक्रियाटाइटिस का इलाज संभव  है  |आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, इसका उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें।ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एवं रिसर्च सेंटर की उपचार योजनाब्रह्म अनुसंधान आधारित, चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित, वैज्ञानिक उपचार मॉड्यूल इस बीमारी को ठीक करने में बहुत प्रभावी है। हमारे पास सुयोग्य डॉक्टरों की एक टीम है जो आपके मामले का व्यवस्थित रूप से निरीक्षण और विश्लेषण करती है, रोग की प्रगति के साथ-साथ सभी संकेतों और लक्षणों को रिकॉर्ड करती है, इसकी प्रगति के चरणों, पूर्वानुमान और इसकी जटिलताओं को समझती है। उसके बाद वे आपको आपकी बीमारी के बारे में विस्तार से बताते हैं, आपको उचित आहार चार्ट [क्या खाएं या क्या न खाएं], व्यायाम योजना, जीवन शैली योजना प्रदान करते हैं और कई अन्य कारकों के बारे में मार्गदर्शन करते हैं जो आपके रोग के ठीक होने तक होम्योपैथिक दवाओं के साथ व्यवस्थित प्रबंधन के साथ आपकी सामान्य स्वास्थ्य स्थिति में सुधार कर सकते हैं।
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Gallstone Pancreatitis Treatment Without Surgery In Homeopathy
पित्ताशय की पथरी क्या है ? पित्ताशय की पथरी, जिसे पित्त पथरी के रूप में भी जाना जाता है, पाचन द्रव के छोटे, सख्त जमा होते हैं जो पित्ताशय में बनते हैं। पित्ताशय एक नाशपाती के आकार का अंग है जो शरीर के दाहिनी ओर यकृत के ठीक नीचे स्थित होता है। इसका मुख्य कार्य पित्त को संग्रहित करना है, जो यकृत द्वारा निर्मित एक पाचक द्रव है। पित्ताशय की पथरी तब बन सकती है जब पित्त बनाने वाले पदार्थों, जैसे कोलेस्ट्रॉल और पित्त लवणों का असंतुलन होता है। वे रेत के छोटे दानों से लेकर गोल्फ की गेंद से बड़े आकार के हो सकते हैं। हो सकता है कि पित्त पथरी के कोई लक्षण न हों, लेकिन वे पेट के ऊपरी हिस्से में गंभीर दर्द, मतली, उल्टी और पीलिया का कारण बन सकती हैं। उपचार विकल्पों में दवा, आहार परिवर्तन, या पित्ताशय की थैली को सर्जिकल हटाने शामिल हो सकते हैं।Gallbradder Stone Cured Patient पित्ताशय की पथरी के लक्षण ? पित्ताशय की पथरी, जिसे पित्त पथरी भी कहा जाता है, ठोस कण होते हैं जो पित्ताशय की थैली के अंदर बनते हैं। लक्षणों में ऊपरी दाहिने पेट में दर्द, मतली, उल्टी, बुखार और त्वचा और आंखों का पीला होना (पीलिया) शामिल हो सकते हैं। पित्त पथरी से जुड़ा दर्द खाना खाने के बाद हो सकता है, विशेष रूप से वह जो वसा में उच्च हो। कुछ मामलों में, पित्त पथरी बिना किसी लक्षण के मौजूद हो सकती है। पित्त पथरी के विकास के जोखिम कारकों में महिला होना, अधिक वजन, 40 वर्ष से अधिक आयु और पित्त पथरी का पारिवारिक इतिहास होना शामिल है। उपचार लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है और इसमें दवा, जीवनशैली में बदलाव या पित्ताशय की थैली को हटाने के लिए सर्जरी शामिल हो सकती है। यदि आप पित्त पथरी के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो एक सटीक निदान और उचित उपचार के लिए एक चिकित्सा पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। पित्ताशय की पथरी के कारण ? - मधुमेह - मोटापा - कोलेस्ट्रॉल का अत्यधिक स्राव पित्ताशय की पथरी का इलाज कैसे होता है ? ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहाँ पित्ताशय की पथरी, का उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर पित्ताशय की पथरी, का उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है।
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Pancreatic Tumor Treatment
What is Pancreatic tumor?Pancreatic cancer is a condition in which pancreatic tissue contains cancer cells. The pancreas is an organ located in the abdominal cavity behind the stomach. The pancreas secretes digestive juices and other hormones, which aid in digestion and regulate blood sugar. Cancer cells can be in any part of the pancreas. However, the most common part of cancer development in the pancreas is the lining of the tube that carries digestive juices from the pancreas to the digestive tract. Pancreatic Tumor Cured Patient Report Symptoms of Pancreatic tumor?-stomach pain or back pain -Jaundice -enlargement of the liver or gallbladder -nausea and vomiting -blood clotting -unexplained weight loss Causes of Pancreatic tumor?-family history of pancreatic cancer -smoking -obesity -exposure to certain pesticides and chemicals on a daily basis Prognosis in homeopathy Is Pancreatic tumor Curable in homeopathy? Yes, Pancreatic tumor is Curable by choosing homeopathic treatment. By choosing homeopathic treatment, you will not have any side effects of these medicines and it eliminates the problem from the root, that is why you should choose only homeopathic treatment for the treatment of your disease. How do you get rid of ?By choosing the best treatment at a starting stage would get you rid of pancreatic tumor. By choosing homeopathic treatment, Brahm homeopathy ensure you to give the most relaibe treatment for Pancreatic tumor. Homeopathic treatment is the best treatment for Pancreatic tumor. As soon as you start your treatment to heal Sciatica you will get definite results. Pancreatic tumor is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as he /she observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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acute necrotizing pancreatitis
Acute Necrotizing Pancreatitis? Aggressive intravenous fluid resuscitation, pain management, and the earliest feasible start of enteral feeding are the main components of treatment. While sterile necrosis may improve with the aforementioned precautions, infected necrosis necessitates additional treatment.Acute Necrotizing Pancreatitis Cured Patient Symptoms of Acute Necrotizing Pancreatitis? Fever Bloated Abdomen Nausea And Diarrhea Causes of Acute Necrotizing Pancreatitis? An Injury To The Pancreas An Endocrine Tumor High blood calcium levels and blood fat concentrations Conditions that affect the pancreas and run in your family, include cystic fibrosis and other genetic disorders that result in recurrent pancreatitis Prognosis In Homeopathy Is Acute Necrotizing Pancreatitis Curable In Homeopathy? Yes, Acute Necrotizing pancreatitis is Curable by choosing homeopathic treatment. By choosing homeopathic treatment, you will not have any side effects of these medicines and it eliminates the problem from the root, that is why you should choose only homeopathic treatment for the treatment of your Acute Necrotizing pancreatitis . How do you get rid of Acute Necrotizing pancreatitis? By choosing the best treatment at a starting stage would get you rid of Acute Necrotizing pancreatitis. By choosing homeopathic treatment, Brahm homeopathy ensure you to give the most reliable treatment for Acute Necrotizing pancreatitis. Homeopathic treatment is the best treatment for Acute Necrotizing pancreatitis. As soon as you start your treatment to heal Acute Necrotizing pancreatitis you will get definite results. Acute Necrotizing pancreatitis is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as he /she observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research center Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured. Diet for Acute Necrotizing pancreatitis: To prevent malnutrition and nutritional deficiencies, maintain normal blood sugar levels, and prevent or optimally manage diabetes, kidney problems, and other conditions associated with chronic pancreatitis, it is important to avoid causing an acute episode of pancreatitis. If you're looking for a healthy diet plan, contact Brahm Homeopathy. Our experts can help you create a plan that is tailored to your individual needs.
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Ankylosing Spondylitis Treatment In Homeopathy
क्या एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का कोई इलाज है? एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। स्पॉन्डिलाइटिस के लिए कौन सा फल सबसे अच्छा है? स्ट्रॉबेरी, रसभरी, ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी में एंटीऑक्सीडेंट नामक विशेष तत्व होते हैं जो वास्तव में हमारे शरीर के लिए अच्छे होते हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट सूजन को कम करके और मुक्त कणों नामक बुरी चीजों से लड़कर हमारे शरीर को मजबूत और स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। इन जामुनों के इतने चमकीले रंग होने का कारण एंथोसायनिन नामक एक विशेष प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है, जो वास्तव में हमारे शरीर को बेहतर महसूस कराने में अच्छा है। क्या व्यायाम से स्पोंडिलोसिस ठीक हो सकता है? स्पोंडिलोसिस एक ऐसी बीमारी है जो बहुत से लोगों को होती है, लेकिन चिंता न करें क्योंकि इसका इलाज किया जा सकता है और इसे बेहतर बनाया जा सकता है। हम आपकी गर्दन को हिलाने और इसे अधिक लचीला बनाने के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं, जिससे यह हमेशा बेहतर महसूस होती है। अपनी गर्दन को पूरी तरह हिलाने में सक्षम होना वास्तव में महत्वपूर्ण है।
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Chronic Pancreatitis
It is a condition where chronic inflammation of pancreas gradually continues which does not heal until proper medication is not given. Patient gradually reduce his/her ability to digest food. Pancreatic hormones and enzymes get affected.Brahm homeopathic Healing & Research Centre which is the Biggest Homeopathic Centre of Gujarat state (INDIA), Provides research based scientific treatment protocol with proper diet plan for chronic pancreatitis. Chronic pancreatitis can be cured without surgery with Brahm Homeopathy medicines. Dr. Pradeep Kushwaha is the best homeopathic doctor in Ahmedabad, Gujarat, INDIA for Chronic Pancreatitis. Dr. Pradeep Kushwaha is Pancreatitis Specialist Homeopathic doctor of India, who is highly qualified, skilled and experienced.Chronic Pancreatitis Symptoms1. Intense abdomen pain.2. Pain in Upper parts of abdomen which spreads to back.3.Pain in abdomen get worse after eating or drinking Alcohol.4.Oily stool.5.Nausea and vomiting.6.Weight loss.DIET PLANAs you all know alcohol consumption, unhealthy diet and improper life style is the main cause of pancreatitis. some of important healthy diet is explained here and rest will be explain at Brahm homeopathic hospital.Don't take alcoholAvoiding outsideunhealthy, high fat junk foodAvoiding sedentary lifeRegular exerciseEat lots of green vegUse of more fruitsDrink lots of waterUse of more juice and liquid dietPROGNOSIS IN HOMEOPATHYIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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heel spur treatment in homeopathy
बढ़ी हुई हड्डी को कैसे कम करें? आप बढ़ी हुई हड्डी से बिल्कुल छुटकारा पा सकते हैं सही और सटीक इलाज चुन के। अगर बढ़ी हुई हड्डी स्टार्टिंग और ग्रोइंग स्टेज पे है तो बेहतर होगा की आप तुरंत डॉक्टर को दिखा दे क्युकी बीमारी को बढ़ने से पहले ही, उसी स्टेज पे ख़तम करने की कोशिश करेंगे और आपको रिजल्ट्स और भी तेज़ी से मिलेनेगे और होमियोपैथी में बीमारी का जड़ से इलाज किया जा सकता है।ब्रह्म होम्योपैथी एक मात्र ऐसा होम्योपैथिक केंद्र है जहां कई पेशेंट्स इस बामारी से छुटकारा पा चुके है और ट्रीटमेंट ले रहे है। हड्डी बढ़ने का इलाज क्या है? हड्डी बढ़ने का योग्य और सबसे अच्छा इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। हड्डी बढ़ने का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप हड्डी बढ़ने को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपको हड्डी बढ़ने को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा हड्डी बढ़ने उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर हड्डी बढ़ने उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। हड्डी कब बढ़ना बंद हो जाती है? जब कोई हड्डी उस क्षेत्र के पास टूटती है जहां वह बढ़ती है, तो यह समस्या पैदा कर सकती है। हो सकता है कि हड्डी ठीक से विकसित न हो पाए या फिर अजीब तरीके से बढ़े। यदि ब्रेक किसी जोड़ के पास होता है, तो इससे जोड़ को चोट लग सकती है और हिलना-डुलना मुश्किल हो सकता है। इससे गठिया नामक स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे जोड़ों में दर्द होता है और वे ठीक से काम नहीं कर पाते हैं।
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Dilated Main Pancreatic Duct Treatment In Homeopathy
Dilated pancreatic duct: Slight dilatation of the main pancreatic duct seems to be a sign of severe risk for pancreatic cancer. The main pancreatic duct originates in the bottom of pancreatic tail and runs near the head of the pancreas, with gradually increasing size from ~ 1–2 mm in the tail, 2–3 mm in the body, and 3–4 mm in the head. Under most situations, pancreatic juice is emptied into the small bowel through the main pancreatic duct. Symptoms of Dilated pancreatic duct: -Stones in the Gallbladder. -Contamination. -Abrasion. -Plumpness of blood is high. -Infections like measles. Causes of Dilated pancreatic duct: -chronic pancreatitis  Prognosis in homeopathy Dilated pancreatic duct is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as he /she observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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dilated main pancreatic duct
Dilated pancreatic duct: Slight dilatation of the main pancreatic duct seems to be a sign of severe risk for pancreatic cancer. The main pancreatic duct originates in the bottom of pancreatic tail and runs near the head of the pancreas, with gradually increasing size from ~ 1–2 mm in the tail, 2–3 mm in the body, and 3–4 mm in the head. Under most situations, pancreatic juice is emptied into the small bowel through the main pancreatic duct. Symptoms of Dilated pancreatic duct: -Stones in the Gallbladder. -Contamination. -Abrasion. -Plumpness of blood is high. -Infections like measles. Causes of Dilated pancreatic duct: -chronic pancreatitis  Prognosis in homeopathy Dilated pancreatic duct is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as he /she observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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psoriasis treatment
What Is Psoriasis?Psoriasis is a chronic skin disease, which is basically an immune system problem. Psoriasis usually affects the skin of the elbows, knees and scalp; Psoriasis spreads to red, inflamed skin affecting the entire body. Psoriasis can occur in people of any age, from infants to seniors, with patients usually diagnosed in their early adult years. People's quality of life is often reduced because of the appearance of their skin.What Are The Symptoms Of Psoriasis?The symptoms of psoriasis are as follows, whose list is given belowSkin PainSwollen SkinPatchy SkinItchingJoint PainWhat Are The Cause Of Psoriasis?The causes of psoriasis are as follows, whose list is given belowAnxietySmokingConstant MedicationPrognosis In Homeopathy?Psoriasis treatment in homeopathy is curable. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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psoriasis Best treatment
What Is Psoriasis?Psoriasis is a chronic skin disease, which is basically an immune system problem. Psoriasis usually affects the skin of the elbows, knees and scalp; Psoriasis spreads to red, inflamed skin affecting the entire body. Psoriasis can occur in people of any age, from infants to seniors, with patients usually diagnosed in their early adult years. People's quality of life is often reduced because of the appearance of their skin.What Are The Symptoms Of Psoriasis?The symptoms of psoriasis are as follows, whose list is given belowSkin PainSwollen SkinPatchy SkinItchingJoint PainWhat Are The Cause Of Psoriasis?The causes of psoriasis are as follows, whose list is given belowAnxietySmokingConstant MedicationPrognosis In Homeopathy?Psoriasis treatment in homeopathy is curable. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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warts treatment
मस्से निकलने का क्या कारण है? मस्से ह्यूमन पेपिलोमा वायरस या संक्षेप में एचपीवी नामक रोगाणु के कारण होते हैं। इस वायरस के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ को विकसित होने में काफी समय लगता है। एचपीवी और मस्सों के सबसे आम प्रकार यहां सूचीबद्ध हैं। किस विटामिन की कमी से मस्से होते हैं? वैज्ञानिकों ने पाया है कि जिन लोगों को मस्से होते हैं उनके शरीर में अक्सर पर्याप्त बी12 नहीं होता है। इसका मतलब यह है कि यदि आपके पास पर्याप्त बी12 नहीं है, तो यह मस्से होने का एक कारण हो सकता है। मस्से का आकार क्यों बढ़ता है? मस्से छोटे उभारों की तरह होते हैं जो एचपीवी नामक एक विशेष रोगाणु के कारण आपकी त्वचा पर उग आते हैं। वे आमतौर पर कटने या खरोंचने पर दिखाई देते हैं क्योंकि रोगाणु आसानी से अंदर जा सकते हैं। एक बार जब आप रोगाणु को पकड़ लेते हैं, तो आपकी त्वचा की ऊपरी परत पर दाने तेज़ी से बढ़ने लगते हैं। क्या मस्सा कैंसर का लक्षण है? अगर आपको किसी तिल या मस्से में कोई बदलाव नजर आए तो उसे नजरअंदाज न करें। ये बदलाव त्वचा कैंसर का संकेत हो सकते हैं। यदि कोई नया मस्सा दिखाई देता है या पुराना मस्सा अलग दिखता है, तो आपको ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, अगर आपको अपने पेशाब में खून दिखाई देता है, तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है। मस्से होने का क्या कारण है? - विटामिन की कमी - यह एचपीवी वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से हो सकता है।- अगर आप किसी दूसरे का तौलिया या रेजर इस्तेमाल करते हैं तो आपको भी मस्से हो सकते हैं।- घाव की त्वचा का संक्रमण. मस्से को कौन सी दवा ठीक कर सकती है? मस्से का योग्य इलाज हो सकता है। होमियोपैथी में इसका इलाज संभव है। मस्से का सबसे अच्छा इलाज होम्योपैथिक उपचार है। जैसे ही आप मस्से को ठीक करने के लिए अपना इलाज शुरू करते हैं, आपको निश्चित परिणाम मिलेगा। इतने मरीज ब्रह्म होम्योपैथी से इलाज ले रहे हैं, उनका इलाज बहुत अच्छा चल रहा हैं। ब्रह्म होम्योपैथी आपके मस्से को ठीक करने के लिए सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित उपचार देना सुनिश्चित करता है। ब्रह्म होमियोपैथी एक साइंस बेस रिसर्च क्लीनिक है जहा आपके उपचार लक्षणों के प्रबंधन, दर्द को खत्म करने और रोग की प्रगति को रोकने तथा पूर्ण निदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए शुरुआती पहचान और समय पर आपके उपचार आवश्यक है। ब्रह्म होमियोपैथी में सही डाइट प्लान के साथ सही मेडिसिन से सटीक इलाज किया जाता है। दुनिया भर से अनेको लोगों ने ब्रह्म होमियोपैथी से उपचार कराकर असाध्य रोगों से ठीक हो रहे है। ब्रह्मा होम्योपैथी आपको बीमारियों से उबरने में मदद करना चाहती है और आपके जीवन को बेहतर बनाना चाहती है।
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body weakness treatment in homeopathy
शरीर के अंदर की कमजोरी को कैसे दूर करें? शरीर के अंदर की कमजोरी को होम्योपैथिक उपचार से ठीक किया जा सकता है। आप कितने समय से बीमारी से पीड़ित हैं, इसका उपचार योजना पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब से अपनी बीमारी से पीड़ित हैं, या तो हाल ही में या कई वर्षों से - हमारे पास सब कुछ ठीक है, लेकिन बीमारी के शुरुआती चरण में, आप तेजी से ठीक हो जाएंगे। पुरानी स्थितियों के लिए या बाद के चरण में या कई वर्षों की पीड़ा के मामले में, इसे ठीक होने में अधिक समय लगेगा। बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा इस बीमारी के किसी भी लक्षण को देखते ही तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं, इसलिए जैसे ही आपमें कोई असामान्यता दिखे तो तुरंत हमसे संपर्क करें। जब आपका शरीर कमजोर लगता है तो क्या गलत है? कभी-कभी लोग शारीरिक बीमारी या शरीर में किसी समस्या के कारण कमजोरी महसूस कर सकते हैं। ऐसा तब हो सकता है जब उन्हें मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी दीर्घकालिक बीमारी हो या जब उनका थायरॉयड ठीक से काम नहीं कर रहा हो। यह तब भी हो सकता है जब उन्हें कोई अल्पकालिक समस्या हो जैसे कि नस का दब जाना या उनके पेशाब क्षेत्र में संक्रमण। शरीर में कमजोरी क्यों बनी रहती है? यदि आप लंबे समय से अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं, तो यह एनीमिया, हाइपरथायरायडिज्म, मधुमेह, गठिया या स्लीप एपनिया जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है। हो सकता है कि आपके शरीर में पर्याप्त ऊर्जा न हो क्योंकि आप पर्याप्त पानी नहीं पी रहे हैं। इसलिए, हाइड्रेटेड रहने के लिए आपके लिए बहुत सारा पानी पीना वास्तव में महत्वपूर्ण है। मेरा शरीर थका हुआ और कमजोर क्यों लगता है? जब आप वास्तव में थके हुए होते हैं, तो आपका शरीर ऐसे खाद्य पदार्थ खाना चाहता है जिनमें बहुत अधिक वसा और कार्बोहाइड्रेट होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब आप थके हुए होते हैं, तो आपका शरीर कोर्टिसोल नामक हार्मोन का अधिक उत्पादन करता है जो आपको तनाव महसूस कराता है। आपका शरीर सेरोटोनिन नामक हार्मोन की चाहत में खुद को बेहतर महसूस कराने की कोशिश करता है, जो आपको शांत महसूस करने में मदद करता है।
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Uterine Fibroid treatment
Uterine fibroids are benign tumors that originate in the uterus (womb). Although they are composed of the same smooth muscle fibers as the uterine wall (myometrium), they are much denser than normal myometrium. Uterine fibroids are usually round. In most cases, fibroids do not cause pain or other symptoms. However, exceptionally large fibroids may cause pressure on the bladder or other organs, leading to specific symptoms .Uterine fibroids are often described based upon their location within the uterus.      Subserosal fibroids are located beneath the serosa (the lining membrane on the outside of the uterus). These often appear localized on the outside surface of the uterus or may be attached to the outside surface by a pedicle.      Submucosal (submucous) fibroids are located inside the uterine cavity beneath the inner lining of the uterus.      Intramural fibroids are located within the muscular wall of the uterus.     edunculated fibroids grow on a stalk of tissue known as a pedical (like a mushroom), extending either inside the cavity of the uterus or outside the uterus from its outer surfaceSymptoms of uterine fibroidsMost of the time, uterine fibroids do not cause symptoms or problems, and a woman with a fibroid is usually unaware of its presence.However, abnormal uterine bleeding is the most common symptom of a fibroid. If the tumors are near the uterine lining, or interfere with the blood flow to the lining, they can cause heavy periods, painful periods, prolonged periods or spotting between menses. Women with excessive bleeding due to fibroids may develop iron deficiency anemia. Uterine fibroids that are degenerating can sometimes cause severe, localized pain.Fibroids can also cause a number of symptoms depending on their size, location within the uterus, and how close they are to adjacent pelvic organs. Large fibroids can cause:      pressure,      pelvic pain, including pain during sex,      pressure on the bladder with frequent or even obstructed urination, and      pressure on the rectum with painful or difficult defecation.While fibroids do not interfere with ovulation, some studies suggest that they may impair fertility and lead to poorer pregnancy out comes. In particular, submucosal fibroids that deform the inner uterine cavity are most strongly associated with decreases in fertility. Occasionally, fibroids are the cause of recurrent miscarriages. If they are not cured in these cases, the woman may not be able to sustain a pregnancy.causes of uterine fibroids-       We do not know exactly why women develop these tumors. Genetic abnormalities, alterations in growth factor (proteins formed in the body that direct the rate and extent of cell proliferation) expression, abnormalities in the vascular (blood vessel) system, and tissue response to injury have all been suggested to play a role in the development of fibroids.-       Family history is a key factor, since there is often a history of fibroids developing in women of the same family. -       Race also appears to play a role. Women of African descent are two to three times more likely to develop fibroids than women of other races. -       Early pregnancy decreases the likelihood that fibroids will develop. Fibroids have not been observed in girls who have not reached puberty, but adolescent girls may rarely develop fibroids. -       Other factors that researchers have associated with an increased risk of developing fibroids include having the first menstrual period (menarche) prior to age 10, -       consumption of alcohol (particularly beer), Overall, these tumors are fairly common and occur in about 70% to 80% of all women by the time they reach age 50. Prognosis It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. How we work on this diseaseBrahm  research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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psoriasis Best treatment in homeopathy
What Is Psoriasis? Psoriasis is a chronic skin disease, which is basically an immune system problem. Psoriasis usually affects the skin of the elbows, knees and scalp; Psoriasis spreads to red, inflamed skin affecting the entire body. Psoriasis can occur in people of any age, from infants to seniors, with patients usually diagnosed in their early adult years. People's quality of life is often reduced because of the appearance of their skin. What Are The Symptoms Of Psoriasis? The symptoms of psoriasis are as follows, whose list is given below Skin Pain Swollen Skin Patchy Skin Itching Joint Pain What Are The Cause Of Psoriasis? The causes of psoriasis are as follows, whose list is given below Anxiety Smoking Constant Medication Prognosis In Homeopathy? Psoriasis treatment in homeopathy is curable. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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acute pancreatitis
What Is A Acute Pancreatitis? It is a condition where inflammation of pancreatitis develop quickly which associate with intense abdomen pain.What Are The Symptoms Of Acute Pancreatitis? There are many symptoms of acute pancreatitis, which are listed below. Vomiting Diarrhea A Rapid Pulse Nausea Fever Swelling & Tenderness Of The Abdomen Oily stool Weight Loss What Causes Acute Pancreatitis? There are many cause of acute pancreatitis, which are listed below. Alcohol Injury to the abdomen Trauma Infection hypertriglyceridemia What to eat if you have acute pancreatitis? What to eat if you have acute pancreatitis, which is mentioned in the list below. Whole grains and cereals should be consumed as they work to protect your digestion and fight the free radicals that damage your pancreas. Low fat yogurt should be an important part of your daily diet, whether you have it with your meals or as a light snack. Veggie soups are great as well. Vitamin B is important, so keep foods such as dark leafy veggies, whole grains, etc. in stock. Fluids are a must. Water, juices, and soups are a big yes. What not to eat if you have acute pancreatitis? What not to eat if you have acute pancreatitis, which is mentioned in the list below. Alcohol Sour - Fruits Cabbage Sodas Fast-Foods For Full Diet Plan Talk Experts: + 91 9429065457 Notes:: If you also have problems with acute pancreatitis , then contact pancreatitis specialist Dr. Pradeep Kushwaha today. + 91 9429065457
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Pancreatitis Kya hai?
What Is Pancreatitis?The condition where the pancreas gets inflamed or swollen is called pancreatitis. Usually, the pancreas is a massive gland located just behind your belly near the small intestine. The role of the pancreas is to secrete digestive enzymes to break the large food particles into smaller chunks. It also ejects  hormones into the bloodstream that helps in utilizing food and energy efficiently. However, the pancreas gets swollen or damaged because of irregular ejection of digestive enzymes into the small intestine.What Are The Types of Pancreatitis?1. Acute Pancreatitis2. Chronic Pancreatitis3. Acute on Chronic Pancreatitis4. Calcification Parenchymal5. Intraductal Calculi/Calcification6. Dilated Main Pancreatitis Duct7.Atrophy Of Pancreatitis8. Necrosis Of Pancreatitis9. Pseudocyst Of Pancreatitis/Collection Of Fluid10. Perip@ncre@tic F@t Str@nding11. Aneurysm Of Arteries of P@ncre@titis12. Fistula Of P@ncre@titis13. C@ncer Of P@ncre@titis14. Met@st@sis   Sign and symptom-pain in upper part of belly that goes into back and its intolerable. Eating makes it worse especially high fat diet.nausea and vomitingdigestive disturbanceoily stool and diarrheabloating imbalance blood sugar level diabetesScroll down for reviewCause and Risk factors of pancreatitisUse of lots of alcoholEating outside food , junk food high fat foodsedentary habitsautoimmune diseaseinfectionall0pathic medicationsurgerytraumagall stone in some cases. Prognosis in homeopathyIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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chronic pancreatic disease treatment
Chronic Pancreatitis It is a condition where chronic inflammation of pancreas gradually continues which does not heal until proper medication is not given. Patient gradually reduce his/her ability to digest food. Pancreatic hormones and enzymes get affected. Brahm homeopathic Healing & Research Centre which is the Biggest Homeopathic Centre of Gujarat state (INDIA), Provides research based scientific treatment protocol with proper diet plan for chronic pancreatitis. Chronic pancreatitis can be cured without surgery with Brahm Homeopathy medicines. Dr. Pradeep Kushwaha is the best homeopathic doctor in Ahmedabad, Gujarat, INDIA for Chronic Pancreatitis. Dr. Pradeep Kushwaha is Pancreatitis Specialist Homeopathic doctor of India, who is highly qualified, skilled and experienced. Chronic Pancreatitis Symptoms 1. Intense abdomen pain. 2. Pain in Upper parts of abdomen which spreads to back. 3.Pain in abdomen get worse after eating or drinking Alcohol. 4.Oily stool. 5.Nausea and vomiting. 6.Weight loss. DIET PLAN As you all know alcohol consumption, unhealthy diet and improper life style is the main cause of pancreatitis. some of important healthy diet is explained here and rest will be explain at Brahm homeopathic hospital. Don't take alcohol Avoiding outside unhealthy, high fat junk food Avoiding sedentary life Regular exercise Eat lots of green veg Use of more fruits Drink lots of water Use of more juice and liquid diet PROGNOSIS IN HOMEOPATHY It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Vocal Cord Nodule treatment in homeopathy
Vocal Cord Nodules Treatment in Homeopathy A polyp is a growth (usually benign) protruding from a mucous membrane. When polyps are seen over vocal cords they are called as vocal polyps or vocal nodules. Nodules affect girls and boys of any age, and are a common cause of voice issues in both children and adults. Vocal cord nodules are also called “Singer’s nodules,” as people who use their voice regularly may inadvertently ‘abuse’ their vocal cords and cause the formation of these growths and related voice issues. Signs and symptoms:The most common symptom of vocal cord nodules is a raspy or hoarse voice. You may also hear straining and pitch breaks in your child’s voice when he talks or sings. Causes:Vocal cord nodules usually develop due to chronic abuse of the voice over time, such as straining, yelling and frequent singing. Ongoing friction between the vocal cords creates callous-like growths. Gastroesophageal reflux disease (GERD) can cause additional swelling and inflammation, worsening symptoms of vocal cord nodules. Treatment:The Homeopathic approach towards vocal nodules is more totalistic and holistic. Rather than considering nodules as a local problem, they are considered to be an affection of the constitution. Homeopathy helps in resolving the nodules , it also helps in preventing the recurrence of the vocal nodules. Best Homeopathic Doctor & Treatment for Vocal Cord Nodule in India. Just Call us: +91 9429065457 and make an appointment with Dr.Pradeep kushwaha, and get Homeopathic Treatment. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre:Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Pancreatitis Specialist treatment in homeopathy
What Is Pancreatitis?The condition where the pancreas gets inflamed or swollen is called pancreatitis. Usually, the pancreas is a massive gland located just behind your belly near the small intestine. The role of the pancreas is to secrete digestive enzymes to break the large food particles into smaller chunks. It also ejects  hormones into the bloodstream that helps in utilizing food and energy efficiently. However, the pancreas gets swollen or damaged because of irregular ejection of digestive enzymes into the small intestine.What Are The Types of Pancreatitis?1. Acute Pancreatitis2. Chronic Pancreatitis3. Acute on Chronic Pancreatitis4. Calcification Parenchymal5. Intraductal Calculi/Calcification6. Dilated Main Pancreatitis Duct7.Atrophy Of Pancreatitis8. Necrosis Of Pancreatitis9. Pseudocyst Of Pancreatitis/Collection Of Fluid10. Perip@ncre@tic F@t Str@nding11. Aneurysm Of Arteries of P@ncre@titis12. Fistula Of P@ncre@titis13. C@ncer Of P@ncre@titis14. Met@st@sis   Sign and symptom-pain in upper part of belly that goes into back and its intolerable. Eating makes it worse especially high fat diet.nausea and vomitingdigestive disturbanceoily stool and diarrheabloating imbalance blood sugar level diabetesScroll down for reviewCause and Risk factors of pancreatitisUse of lots of alcoholEating outside food , junk food high fat foodsedentary habitsautoimmune diseaseinfectionall0pathic medicationsurgerytraumagall stone in some cases. Prognosis in homeopathyIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Best treatment kidney stones
Day by day kidney stones problem are increasing and people are turning towards surgery. Even after surgery some complications remains and stone formation takes place. there is a precise medicated treatment for kidney stones which cures stones and also prevent its formation. renal calculi/kidney stones are the solid mass made up of crystals originate in kidneys result into intense pain around kidney region or/and along the line of urinary tract. lets understand urinary tract system before understanding kidney stone. urinary system is made up of following.beans shaped 2 kidneys2 uretersurinary bladderurethra    Main function of kidneys are followingfilteration of bloodabsorbs nutritionsend purified blood to heartsexcrete waste product as urine through urinary tract system.lets understand how does stone forms in kidneys.  when this filtration is affected by following reasons oxalate or other crystals do not pass through urinary system, stone formations takes place in kidneys.Cause and Risk group people diet high in calcium oxalatehabit of drinking less waterkidney infectionspolyp in kidneystrauma to kidneys.bowel disease where more calcium is absorbed.sedentary lifeperson who are always busy in life past history of kidney stonefamily history of kidney stonesome of all0pathic medication.Types of stonescalcium oxalateuratesstruvitcrystineSign and symptom of kidney stoneintense pain along the line of urinary system whenever stone tries to move from its location anywhere from this four location kidney-ureter-bladder-urethra.blood in urinefrequent urge to urinateurinating small amount of urinediscoloured or foul smelling urinenausea, vomitingdigestive disturbancefever and chillDiagnosisthrough clinical presentationUSG whole abdomen will reveal exact size, number and location of stones.X-RAY KUBCT scan MRIPrognosisif the stone is of small size prognosis is better.if the stone is of bigger size it produces obstruction and result into collection of urine in kidney because of back pressure and result into kidney damage or failure if not treated in time.people who have already gone for surgery may result into some minor or major complication from surgery.even after surgery stone formation takes place againmild to severe kidney infectionTreatment of kidney stone/renal calculiPeople these days turning towards surgery for short cut and from advertisements but those who have gone through surgery they might feel some or more complication from surgery and they also suffer from again and again stone formation. so surgery is not a right solution for all kidney stones. treatment should involve cure of stone along with prevention of formation of stone thats what we do at Brahm Homeopathic healing and research centre. Kidney Stone Treatment Without SurgeryBrahm homeopathy research based scientific treatment protocol involves cure of stoneprevention of formation of stonecorrection of proper diet and life styleBrahm Homeopathic healing and research centre strengthhighly experience team of doctorshigh quality medicine from helios homeopathy pharmacy -LONDON.Guided treatment with 24 hours availability for our patients for helping them.proper follow up management till he get cured.diet plan and life style correction according to disease he is suffering.There are many homeopathic medicines in homeopathy namely berberis vulgariscantharissarsaparillalycopodiumcalcarea carbcalcarea renalissepia and many more , this list will go up to 200 and even more. but we can not give all 200 medicines in one patients. homeopathic fundamentals are different than other modes medical sciences. if 10 people have fever than you will prescribe same medicine to all patients but in homoeopathy, all 10 people will receive 10 different medicines. At Brahm Homeopathy we understand person's disease in detail, his life style , life situation , stress in life along with understanding his nature and personality and then final we select exact medicine for him which will cure his kidney stones and also prevent it to come back. Diet and life style correctiondrink more water reduce calcium oxalate rich dietavoid sedentary liferegular assessment of stone while you are on treatment till you get curedmore about diet will be explained at our centre Brahm homeopathic healing and research centre. CURE AND PREVENTION OF KIDNEY STONE/RENAL CALCULI IS VERY SIMPLE THROUGH BRAHM HOMOEPATHIC MEDICINES.
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chronic pancreas disease treatment in homeopathy
Chronic Pancreatitis It is a condition where chronic inflammation of pancreas gradually continues which does not heal until proper medication is not given. Patient gradually reduce his/her ability to digest food. Pancreatic hormones and enzymes get affected. Brahm homeopathic Healing & Research Centre which is the Biggest Homeopathic Centre of Gujarat state (INDIA), Provides research based scientific treatment protocol with proper diet plan for chronic pancreatitis. Chronic pancreatitis can be cured without surgery with Brahm Homeopathy medicines. Dr. Pradeep Kushwaha is the best homeopathic doctor in Ahmedabad, Gujarat, INDIA for Chronic Pancreatitis. Dr. Pradeep Kushwaha is Pancreatitis Specialist Homeopathic doctor of India, who is highly qualified, skilled and experienced. Chronic Pancreatitis Symptoms 1. Intense abdomen pain. 2. Pain in Upper parts of abdomen which spreads to back. 3.Pain in abdomen get worse after eating or drinking Alcohol. 4.Oily stool. 5.Nausea and vomiting. 6.Weight loss. DIET PLAN As you all know alcohol consumption, unhealthy diet and improper life style is the main cause of pancreatitis. some of important healthy diet is explained here and rest will be explain at Brahm homeopathic hospital. Don't take alcohol Avoiding outside unhealthy, high fat junk food Avoiding sedentary life Regular exercise Eat lots of green veg Use of more fruits Drink lots of water Use of more juice and liquid diet PROGNOSIS IN HOMEOPATHY It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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acute pancreatitis specialist
What Is A Acute Pancreatitis? It is a condition where inflammation of pancreatitis develop quickly which associate with intense abdomen pain.What Are The Symptoms Of Acute Pancreatitis? There are many symptoms of acute pancreatitis, which are listed below. Vomiting Diarrhea A Rapid Pulse Nausea Fever Swelling & Tenderness Of The Abdomen Oily stool Weight Loss What Causes Acute Pancreatitis? There are many cause of acute pancreatitis, which are listed below. Alcohol Injury to the abdomen Trauma Infection hypertriglyceridemia What to eat if you have acute pancreatitis? What to eat if you have acute pancreatitis, which is mentioned in the list below. Whole grains and cereals should be consumed as they work to protect your digestion and fight the free radicals that damage your pancreas. Low fat yogurt should be an important part of your daily diet, whether you have it with your meals or as a light snack. Veggie soups are great as well. Vitamin B is important, so keep foods such as dark leafy veggies, whole grains, etc. in stock. Fluids are a must. Water, juices, and soups are a big yes. What not to eat if you have acute pancreatitis? What not to eat if you have acute pancreatitis, which is mentioned in the list below. Alcohol Sour - Fruits Cabbage Sodas Fast-Foods For Full Diet Plan Talk Experts: + 91 9429065457 Notes:: If you also have problems with acute pancreatitis , then contact pancreatitis specialist Dr. Pradeep Kushwaha today. + 91 9429065457
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HEMORRHAGIC OVARIAN CYST Treatment
What is Adenomyosis?Increased blood flow, severe pain during adenomyosis have a negative effect on a women's life. Adenomyosis often develops in young women. Adenomyosis is a disease like endometrium, which affects the inner lining of the pelvis or the wall of the muscles of the pelvis. Due to Adenomyosis, there is no time for periods, there is pain in the lower part of the abdomen or there is a problem of swelling. Also there can be problem of heavy periods. Adenomyosis is kept in the category of serious problems. Symptoms of Adenomyosis:The longer it takes for heavy periods to happen.During menstruation, there is pain in the knee.Pain is felt during intercourse.Blood clots occur during periods.Acne on the skin of the face.Causes of Adenomyosis:Growth of invasive tissues.developmental factors.Origin of Steam Sales.Prognosis in homeopathyWhat is the best treatment for adenomyosis?Homeopathic treatment is the best treatment for Adenomyosis. As soon as you start your treatment to heal an Adenomyosis you will get definite results. So many patients are taking treatment from Brahm homeopathy, they are running very well. Brahm homeopathy ensure you to give the fastest and safest treatment to cure an Adenomyosis.Adenomyosis is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as he /she observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Sciatica treatment in homeopathy
Sciatica is pain in the lower extremity resulting from irritation of the sciatic nerve. The pain of sciatica is typically felt from the low back (lumbar area) to behind the thigh and can radiate down below the knee. The sciatic nerve is the largest nerve in the body and begins from nerve roots in the lumbar spinal cord in the low back and extends through the buttock area to send nerve endings down the lower limb. The pain of sciatica is sometimes referred to as sciatic nerve pain Causes of sciatica-      While sciatica is most commonly a result of a lumbar disc herniation directly pressing on the nerve, any cause of irritation or inflammation of the sciatic nerve can produce the symptoms of sciatica. -      Osteoarthritis lumbar spine-      Slip disc-      Injury or trauma to lumbar spine-      Tumor in that area-      Pregnancy sometime Sign and symptoms of sciatica-      Pain, -      A burning sensation, -      Numbness, or tingling radiating from the lower back and upper buttock down the back of the thigh to the back of the leg. -      The result into pain in lumbar , buttock region. -      Low back pain in some case-      Severe sciatica can make walking difficult . -      Sometimes the symptoms of sciatica are aggravated by walking or bending at the waist and relieved by lying down. -      The pain relief by changing positions can be partial or complete. DiagnosisA well qualified doctor will diagnose from clinical examination.X-ray and MRI lumbar spinePrognosisIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as he /she observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.How we work on this diseaseBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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acute pancreas treatment in homeopathy
What Is A Acute Pancreatitis? It is a condition where inflammation of pancreatitis develop quickly which associate with intense abdomen pain.What Are The Symptoms Of Acute Pancreatitis? There are many symptoms of acute pancreatitis, which are listed below. Vomiting Diarrhea A Rapid Pulse Nausea Fever Swelling & Tenderness Of The Abdomen Oily stool Weight Loss What Causes Acute Pancreatitis? There are many cause of acute pancreatitis, which are listed below. Alcohol Injury to the abdomen Trauma Infection hypertriglyceridemia What to eat if you have acute pancreatitis? What to eat if you have acute pancreatitis, which is mentioned in the list below. Whole grains and cereals should be consumed as they work to protect your digestion and fight the free radicals that damage your pancreas. Low fat yogurt should be an important part of your daily diet, whether you have it with your meals or as a light snack. Veggie soups are great as well. Vitamin B is important, so keep foods such as dark leafy veggies, whole grains, etc. in stock. Fluids are a must. Water, juices, and soups are a big yes. What not to eat if you have acute pancreatitis? What not to eat if you have acute pancreatitis, which is mentioned in the list below. Alcohol Sour - Fruits Cabbage Sodas Fast-Foods For Full Diet Plan Talk Experts: + 91 9429065457 Notes:: If you also have problems with acute pancreatitis , then contact pancreatitis specialist Dr. Pradeep Kushwaha today. + 91 9429065457
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9mm Kidney stones Treatment
Day by day kidney stones problem are increasing and people are turning towards surgery. Even after surgery some complications remains and stone formation takes place. there is a precise medicated treatment for kidney stones which cures stones and also prevent its formation. renal calculi/kidney stones are the solid mass made up of crystals originate in kidneys result into intense pain around kidney region or/and along the line of urinary tract. lets understand urinary tract system before understanding kidney stone. urinary system is made up of following.beans shaped 2 kidneys2 uretersurinary bladderurethra    Main function of kidneys are followingfilteration of bloodabsorbs nutritionsend purified blood to heartsexcrete waste product as urine through urinary tract system.lets understand how does stone forms in kidneys.  when this filtration is affected by following reasons oxalate or other crystals do not pass through urinary system, stone formations takes place in kidneys.Cause and Risk group people diet high in calcium oxalatehabit of drinking less waterkidney infectionspolyp in kidneystrauma to kidneys.bowel disease where more calcium is absorbed.sedentary lifeperson who are always busy in life past history of kidney stonefamily history of kidney stonesome of all0pathic medication.Types of stonescalcium oxalateuratesstruvitcrystineSign and symptom of kidney stoneintense pain along the line of urinary system whenever stone tries to move from its location anywhere from this four location kidney-ureter-bladder-urethra.blood in urinefrequent urge to urinateurinating small amount of urinediscoloured or foul smelling urinenausea, vomitingdigestive disturbancefever and chillDiagnosisthrough clinical presentationUSG whole abdomen will reveal exact size, number and location of stones.X-RAY KUBCT scan MRIPrognosisif the stone is of small size prognosis is better.if the stone is of bigger size it produces obstruction and result into collection of urine in kidney because of back pressure and result into kidney damage or failure if not treated in time.people who have already gone for surgery may result into some minor or major complication from surgery.even after surgery stone formation takes place againmild to severe kidney infectionTreatment of kidney stone/renal calculiPeople these days turning towards surgery for short cut and from advertisements but those who have gone through surgery they might feel some or more complication from surgery and they also suffer from again and again stone formation. so surgery is not a right solution for all kidney stones. treatment should involve cure of stone along with prevention of formation of stone thats what we do at Brahm Homeopathic healing and research centre. Kidney Stone Treatment Without SurgeryBrahm homeopathy research based scientific treatment protocol involves cure of stoneprevention of formation of stonecorrection of proper diet and life styleBrahm Homeopathic healing and research centre strengthhighly experience team of doctorshigh quality medicine from helios homeopathy pharmacy -LONDON.Guided treatment with 24 hours availability for our patients for helping them.proper follow up management till he get cured.diet plan and life style correction according to disease he is suffering.There are many homeopathic medicines in homeopathy namely berberis vulgariscantharissarsaparillalycopodiumcalcarea carbcalcarea renalissepia and many more , this list will go upto 200 and even more. but we can not give all 200 medicines in one patients. homeopathic fundamentals are different than other modes medical sciences. if 10 people have fever than you will prescribe same medicine to all patients but in homeopathy, all 10 people will receive 10 different medicines. At Brahm Homeopathy we understand person's disease in detail, his life style , life situation , stress in life along with understanding his nature and personality and then final we select exact medicine for him which will cure his kidney stones and also prevent it to come back. Diet and life style correctiondrink more water reduce calcium oxalate rich dietavoid sedentary liferegular assessment of stone while you are on treatment till you get curedmore about diet will be explained at our centre Brahm homeopathic healing and research centre. CURE AND PREVENTION OF KIDNEY STONE/RENAL CALCULI IS VERY SIMPLE THROUGH BRAHM HOMOEPATHIC MEDICINES.
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Uterine Fibroids treatment in homeopathy
Uterine fibroids are benign tumors that originate in the uterus (womb). Although they are composed of the same smooth muscle fibers as the uterine wall (myometrium), they are much denser than normal myometrium. Uterine fibroids are usually round. In most cases, fibroids do not cause pain or other symptoms. However, exceptionally large fibroids may cause pressure on the bladder or other organs, leading to specific symptoms .Uterine fibroids are often described based upon their location within the uterus.       Subserosal fibroids are located beneath the serosa (the lining membrane on the outside of the uterus). These often appear localized on the outside surface of the uterus or may be attached to the outside surface by a pedicle.       Submucosal (submucous) fibroids are located inside the uterine cavity beneath the inner lining of the uterus.       Intramural fibroids are located within the muscular wall of the uterus.      edunculated fibroids grow on a stalk of tissue known as a pedical (like a mushroom), extending either inside the cavity of the uterus or outside the uterus from its outer surface Symptoms of uterine fibroids Most of the time, uterine fibroids do not cause symptoms or problems, and a woman with a fibroid is usually unaware of its presence. However, abnormal uterine bleeding is the most common symptom of a fibroid. If the tumors are near the uterine lining, or interfere with the blood flow to the lining, they can cause heavy periods, painful periods, prolonged periods or spotting between menses. Women with excessive bleeding due to fibroids may develop iron deficiency anemia. Uterine fibroids that are degenerating can sometimes cause severe, localized pain. Fibroids can also cause a number of symptoms depending on their size, location within the uterus, and how close they are to adjacent pelvic organs. Large fibroids can cause:       pressure,       pelvic pain, including pain during sex,       pressure on the bladder with frequent or even obstructed urination, and       pressure on the rectum with painful or difficult defecation. While fibroids do not interfere with ovulation, some studies suggest that they may impair fertility and lead to poorer pregnancy out comes. In particular, submucosal fibroids that deform the inner uterine cavity are most strongly associated with decreases in fertility. Occasionally, fibroids are the cause of recurrent miscarriages. If they are not cured in these cases, the woman may not be able to sustain a pregnancy. causes of uterine fibroids -       We do not know exactly why women develop these tumors. Genetic abnormalities, alterations in growth factor (proteins formed in the body that direct the rate and extent of cell proliferation) expression, abnormalities in the vascular (blood vessel) system, and tissue response to injury have all been suggested to play a role in the development of fibroids. -       Family history is a key factor, since there is often a history of fibroids developing in women of the same family.  -       Race also appears to play a role. Women of African descent are two to three times more likely to develop fibroids than women of other races.  -       Early pregnancy decreases the likelihood that fibroids will develop. Fibroids have not been observed in girls who have not reached puberty, but adolescent girls may rarely develop fibroids.  -       Other factors that researchers have associated with an increased risk of developing fibroids include having the first menstrual period (menarche) prior to age 10,  -       consumption of alcohol (particularly beer),  Overall, these tumors are fairly common and occur in about 70% to 80% of all women by the time they reach age 50.  Prognosis It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. How we work on this diseaseBrahm  research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Best Pancreatitis Treatment
What Is Pancreatitis?The condition where the pancreas gets inflamed or swollen is called pancreatitis. Usually, the pancreas is a massive gland located just behind your belly near the small intestine. The role of the pancreas is to secrete digestive enzymes to break the large food particles into smaller chunks. It also ejects  hormones into the bloodstream that helps in utilizing food and energy efficiently. However, the pancreas gets swollen or damaged because of irregular ejection of digestive enzymes into the small intestine.What Are The Types of Pancreatitis?1. Acute Pancreatitis2. Chronic Pancreatitis3. Acute on Chronic Pancreatitis4. Calcification Parenchymal5. Intraductal Calculi/Calcification6. Dilated Main Pancreatitis Duct7.Atrophy Of Pancreatitis8. Necrosis Of Pancreatitis9. Pseudocyst Of Pancreatitis/Collection Of Fluid10. Perip@ncre@tic F@t Str@nding11. Aneurysm Of Arteries of P@ncre@titis12. Fistula Of P@ncre@titis13. C@ncer Of P@ncre@titis14. Met@st@sis   Sign and symptom-pain in upper part of belly that goes into back and its intolerable. Eating makes it worse especially high fat diet.nausea and vomitingdigestive disturbanceoily stool and diarrheabloating imbalance blood sugar level diabetesScroll down for reviewCause and Risk factors of pancreatitisUse of lots of alcoholEating outside food , junk food high fat foodsedentary habitsautoimmune diseaseinfectionall0pathic medicationsurgerytraumagall stone in some cases. Prognosis in homeopathyIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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gbs treatment
Treatment of Motor neuron disease at Brahm Homeopathy involves a specially developed treatment protocol that includes customized homeopathic medicines. Our speciality homeopathy Treatment for Motor neuron disease can help in stopping and relieving. The symptoms of Motor neuron disease like muscle achesclumsiness, stumbling.weakness or changes in handslegs and voice.slurred speechswallowing or chewing difficulty.fatigue.muscle wasting, weight loss. What is Motor neuron disease ? Motor neurons control important muscle activity, such as:grippingwalkingspeakingswallowingBreathing.As the condition progresses, people with motor neuron disease will find some or all of these activities increasingly difficult. Eventually, they may become impossible.The condition can affect adults of all ages, including teenagers, although this is extremely rare. It’s usually diagnosed in people over 40, but most people with the condition first develop symptoms in their 60s. It affects slightly more men than women. Causes The causes of motor neuron disease are not yet known, but ongoing research throughout the world is looking for causes. There are many theories, including exposure to environmental toxins and chemicals, infection by viral agents, immune mediated damage, premature ageing of motor neurones, and loss of growth factors required to maintain motor neurone survival and genetic susceptibility. Most cases of MND occur spontaneously. These are said to be sporadic – meaning occurring in scattered or isolated instances without clearly identifiable causes. Prognosis in homeopathy It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proven, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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back pain treatment in homeopathy
Lumbar osteoarthritis (lumbar spondylosis)  is a very common condition these day globally.  joint is where two bones come together. The ends of these bones are covered with protective tissue called cartilage. Cartilage is a protein substance that serves as a "cushion" between the bones of the joints.  Osteoarthritis is a form of arthritis that features the breakdown and eventual loss of the cartilage . This can cause pain, stiffness, and other symptoms. . OA is called degenerative joint disease, degenerative arthritis, and wear-and-tear arthritis. When this condition occurs in lumbar spine, this is called osteoarthritis lumbar spine or spondylosis of lumbar spine.The most common symptoms of  lumbar osteoarthritis (lumbar spondylosis) include:      pain      tenderness (discomfort when pressing on the area with your fingers)      stiffness      inflammation      The main symptom is pain, causing loss of ability and often stiffness. The pain is typically made worse by prolonged activity and relieved by rest.     Numbness and tingling around that area and also radiates to both lower limb. Causes of osteoarthritis kneeLumbar osteoarthritis (lumbar spondylosis) is caused by joint damage. This damage can accumulate over time, which is why age is one of the main causes of the joint damage leading to Lumbar osteoarthritis (lumbar spondylosis). The older you are, the more wear and tear you've had on your joints.Other causes of Lumbar osteoarthritis (lumbar spondylosis) include:     torn cartilage     dislocated joints     ligament injuries     life style error    obesity    lack of exercise    lack of nutrition DiagnosisA well qualified doctor will diagnose from clinical examination.X RAY and MRI knee will tell about osteoarthritis.PrognosisIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as he /she observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.How we work on this diseaseBrahm  research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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acute pancreatitis treatment in homeopathy
What Is A Acute Pancreatitis? It is a condition where inflammation of pancreatitis develop quickly which associate with intense abdomen pain.What Are The Symptoms Of Acute Pancreatitis? There are many symptoms of acute pancreatitis, which are listed below. Vomiting Diarrhea A Rapid Pulse Nausea Fever Swelling & Tenderness Of The Abdomen Oily stool Weight Loss What Causes Acute Pancreatitis? There are many cause of acute pancreatitis, which are listed below. Alcohol Injury to the abdomen Trauma Infection hypertriglyceridemia What to eat if you have acute pancreatitis? What to eat if you have acute pancreatitis, which is mentioned in the list below. Whole grains and cereals should be consumed as they work to protect your digestion and fight the free radicals that damage your pancreas. Low fat yogurt should be an important part of your daily diet, whether you have it with your meals or as a light snack. Veggie soups are great as well. Vitamin B is important, so keep foods such as dark leafy veggies, whole grains, etc. in stock. Fluids are a must. Water, juices, and soups are a big yes. What not to eat if you have acute pancreatitis? What not to eat if you have acute pancreatitis, which is mentioned in the list below. Alcohol Sour - Fruits Cabbage Sodas Fast-Foods For Full Diet Plan Talk Experts: + 91 9429065457 Notes:: If you also have problems with acute pancreatitis , then contact pancreatitis specialist Dr. Pradeep Kushwaha today. + 91 9429065457
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Oligospermia treatment in homeopathy
Semen that is ejaculated during orgasm contains sperms. This sperms help in fertilisation of ova, and because of healthy sperm and healthy ova pregnancy occurs. When there is low amount of sperm count in semen that condition is called oligospermia. When there is oligospermia, chance to become father decreases. But homeopathy has full hope for this condition. Chances for correction of sperm count is almost 90 to 100%.Sign and symptomsDifficulty in conceive child,May be in some case problem with sexual intercourse,May be in some case- pain, swelling,  or lump in the testicle area.DiagnosisSemen analysis Prognosis in homeopathyhomeopathy has full hope for this condition. Chances for correction of sperm count is almost 90 to 100%. Intelligent person always start treatment as early as he observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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paralysis treatment in homeopathy
Loss of function of muscle is called paralysis. one muscle or group of muscle can be involved. It can affected either some part or one side of body or both side of body. Sometime it also associates with loss of sensory function. It is most often caused by damage to nervous system, specially spinal cord.Cause of paralysisstroke,trauma with nerve injury,poliomyelitis,cerebral palsy,peripheral neuropathy,Parkinson’s disease,ALS,multiple sclerosis.gullain-barren syndrome.Sign and symptomsloss of muscle function,loss of muscle power,unable to move that part,stiffness in that muscle,loss of sensation sometime,pain in affected area.depressionDiagnosisA well qualified doctor will diagnose from clinical examination and investigation.Prognosis in homeopathy It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm’s research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Pancreas treatment
What Is Pancreatitis?The condition where the pancreas gets inflamed or swollen is called pancreatitis. Usually, the pancreas is a massive gland located just behind your belly near the small intestine. The role of the pancreas is to secrete digestive enzymes to break the large food particles into smaller chunks. It also ejects  hormones into the bloodstream that helps in utilizing food and energy efficiently. However, the pancreas gets swollen or damaged because of irregular ejection of digestive enzymes into the small intestine.What Are The Types of Pancreatitis?1. Acute Pancreatitis2. Chronic Pancreatitis3. Acute on Chronic Pancreatitis4. Calcification Parenchymal5. Intraductal Calculi/Calcification6. Dilated Main Pancreatitis Duct7.Atrophy Of Pancreatitis8. Necrosis Of Pancreatitis9. Pseudocyst Of Pancreatitis/Collection Of Fluid10. Perip@ncre@tic F@t Str@nding11. Aneurysm Of Arteries of P@ncre@titis12. Fistula Of P@ncre@titis13. C@ncer Of P@ncre@titis14. Met@st@sis   Sign and symptom-pain in upper part of belly that goes into back and its intolerable. Eating makes it worse especially high fat diet.nausea and vomitingdigestive disturbanceoily stool and diarrheabloating imbalance blood sugar level diabetesScroll down for reviewCause and Risk factors of pancreatitisUse of lots of alcoholEating outside food , junk food high fat foodsedentary habitsautoimmune diseaseinfectionall0pathic medicationsurgerytraumagall stone in some cases. Prognosis in homeopathyIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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kidney stone disease treatment
Day by day kidney stones problem are increasing and people are turning towards surgery. Even after surgery some complications remains and stone formation takes place. there is a precise medicated treatment for kidney stones which cures stones and also prevent its formation. renal calculi/kidney stones are the solid mass made up of crystals originate in kidneys result into intense pain around kidney region or/and along the line of urinary tract. lets understand urinary tract system before understanding kidney stone. urinary system is made up of following.beans shaped 2 kidneys2 uretersurinary bladderurethra    Main function of kidneys are followingfilteration of bloodabsorbs nutritionsend purified blood to heartsexcrete waste product as urine through urinary tract system.lets understand how does stone forms in kidneys.  when this filtration is affected by following reasons oxalate or other crystals do not pass through urinary system, stone formations takes place in kidneys.Cause and Risk group people diet high in calcium oxalatehabit of drinking less waterkidney infectionspolyp in kidneystrauma to kidneys.bowel disease where more calcium is absorbed.sedentary lifeperson who are always busy in life past history of kidney stonefamily history of kidney stonesome of all0pathic medication.Types of stonescalcium oxalateuratesstruvitcrystineSign and symptom of kidney stoneintense pain along the line of urinary system whenever stone tries to move from its location anywhere from this four location kidney-ureter-bladder-urethra.blood in urinefrequent urge to urinateurinating small amount of urinediscoloured or foul smelling urinenausea, vomitingdigestive disturbancefever and chillDiagnosisthrough clinical presentationUSG whole abdomen will reveal exact size, number and location of stones.X-RAY KUBCT scan MRIPrognosisif the stone is of small size prognosis is better.if the stone is of bigger size it produces obstruction and result into collection of urine in kidney because of back pressure and result into kidney damage or failure if not treated in time.people who have already gone for surgery may result into some minor or major complication from surgery.even after surgery stone formation takes place againmild to severe kidney infectionTreatment of kidney stone/renal calculiPeople these days turning towards surgery for short cut and from advertisements but those who have gone through surgery they might feel some or more complication from surgery and they also suffer from again and again stone formation. so surgery is not a right solution for all kidney stones. treatment should involve cure of stone along with prevention of formation of stone thats what we do at Brahm Homeopathic healing and research centre. Kidney Stone Treatment Without SurgeryBrahm homeopathy research based scientific treatment protocol involves cure of stoneprevention of formation of stonecorrection of proper diet and life styleBrahm Homeopathic healing and research centre strengthhighly experience team of doctorshigh quality medicine from helios homeopathy pharmacy -LONDON.Guided treatment with 24 hours availability for our patients for helping them.proper follow up management till he get cured.diet plan and life style correction according to disease he is suffering.There are many homeopathic medicines in homeopathy namely berberis vulgariscantharissarsaparillalycopodiumcalcarea carbcalcarea renalissepia and many more , this list will go upto 200 and even more. but we can not give all 200 medicines in one patients. homeopathic fundamentals are different than other modes medical sciences. if 10 people have fever than you will prescribe same medicine to all patients but in homoepathy, all 10 people will receive 10 different medicines. At Brahm Homeopathy we understand person's disease in detail, his life style , life situation , stress in life along with understanding his nature and personality and then final we select exact medicine for him which will cure his kidney stones and also prevent it to come back. Diet and life style correctiondrink more water reduce calcium oxalate rich dietavoid sedentary liferegular assessment of stone while you are on treatment till you get curedmore about diet will be explained at our centre Brahm homeopathic healing and research centre. CURE AND PREVENTION OF KIDNEY STONE/RENAL CALCULI IS VERY SIMPLE THROUGH BRAHM HOMOEPATHIC MEDICINES.
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migraine treatment in homeopathic
Migraine is a primary headache disorder characterized by recurrent attacks. If you have migraines or a family history of migraines, a doctor trained in treating headaches (neurologist) will likely diagnose migraines based on your medical history, symptoms, and a physical and neurological examination. What Is a Migraine? A migraine is a strong headache that often comes with nausea, vomiting, and sensitivity to light. It can last hours or days. Migraine Symptoms Migraines are different in everyone. In many people, they happen in stages. Prognosis in homeopathyIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Infertility Treatment
Infertility Treatment  In Homeopathy  A common condition, female infertility is an inability to get pregnant and have a successful pregnancy. This is typically diagnosed after a woman has tried to get pregnant (through unprotected sex) for 12 months without a pregnancy.  SYMPTOMS :- Problems with the uterusProblems with the fall0pian tubesProblems with ovulationProblems with egg number and quality DIAGNOSIS AND TESTS What will my doctor ask during an appointment to diagnose female infertility? Your healthcare provider will need to know about your menstrual periods, any past pregnancies, miscarriages, pelvic pain, unusual vaginal bleeding or discharge. You may also be asked about any past pelvic infections or sexually transmitted infections (STIs). Some questions may include: Have you had any previous pregnancies or miscarriages? Is your menstrual cycle normal and regular or painful and irregular?Do you have heavy bleeding or abnormal discharge?Do you have any pelvic pain?Have you had any abdominal surgeries in the past? Infertility Treatment: Best Homeopathic Doctor  for Infertility treatment in India.  call for your health : 9429065457 and book an Appointment with Dr.Pradeep kushwaha, and get Homeopathic Treatment. Prognosis in homeopathy It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.  Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proven, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.  
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Kidney Stones Disease Treatment
Day by day kidney stones problem are increasing and people are turning towards surgery. Even after surgery some complications remains and stone formation takes place. there is a precise medicated treatment for kidney stones which cures stones and also prevent its formation. renal calculi/kidney stones are the solid mass made up of crystals originate in kidneys result into intense pain around kidney region or/and along the line of urinary tract. lets understand urinary tract system before understanding kidney stone. urinary system is made up of following.beans shaped 2 kidneys2 uretersurinary bladderurethra    Main function of kidneys are followingfilteration of bloodabsorbs nutritionsend purified blood to heartsexcrete waste product as urine through urinary tract system.lets understand how does stone forms in kidneys.  when this filtration is affected by following reasons oxalate or other crystals do not pass through urinary system, stone formations takes place in kidneys.Cause and Risk group people diet high in calcium oxalatehabit of drinking less waterkidney infectionspolyp in kidneystrauma to kidneys.bowel disease where more calcium is absorbed.sedentary lifeperson who are always busy in life past history of kidney stonefamily history of kidney stonesome of all0pathic medication.Types of stonescalcium oxalateuratesstruvitcrystineSign and symptom of kidney stoneintense pain along the line of urinary system whenever stone tries to move from its location anywhere from this four location kidney-ureter-bladder-urethra.blood in urinefrequent urge to urinateurinating small amount of urinediscoloured or foul smelling urinenausea, vomitingdigestive disturbancefever and chillDiagnosisthrough clinical presentationUSG whole abdomen will reveal exact size, number and location of stones.X-RAY KUBCT scan MRIPrognosisif the stone is of small size prognosis is better.if the stone is of bigger size it produces obstruction and result into collection of urine in kidney because of back pressure and result into kidney damage or failure if not treated in time.people who have already gone for surgery may result into some minor or major complication from surgery.even after surgery stone formation takes place againmild to severe kidney infectionTreatment of kidney stone/renal calculiPeople these days turning towards surgery for short cut and from advertisements but those who have gone through surgery they might feel some or more complication from surgery and they also suffer from again and again stone formation. so surgery is not a right solution for all kidney stones. treatment should involve cure of stone along with prevention of formation of stone thats what we do at Brahm Homeopathic healing and research centre. Kidney Stone Treatment Without SurgeryBrahm homeopathy research based scientific treatment protocol involves cure of stoneprevention of formation of stonecorrection of proper diet and life styleBrahm Homeopathic healing and research centre strengthhighly experience team of doctorshigh quality medicine from helios homeopathy pharmacy -LONDON.Guided treatment with 24 hours availability for our patients for helping them.proper follow up management till he get cured.diet plan and life style correction according to disease he is suffering.There are many homeopathic medicines in homeopathy namely berberis vulgariscantharissarsaparillalycopodiumcalcarea carbcalcarea renalissepia and many more , this list will go upto 200 and even more. but we can not give all 200 medicines in one patients. homeopathic fundamentals are different than other modes medical sciences. if 10 people have fever than you will prescribe same medicine to all patients but in homoepathy, all 10 people will receive 10 different medicines. At Brahm Homeopathy we understand person's disease in detail, his life style , life situation , stress in life along with understanding his nature and personality and then final we select exact medicine for him which will cure his kidney stones and also prevent it to come back. Diet and life style correctiondrink more water reduce calcium oxalate rich dietavoid sedentary liferegular assessment of stone while you are on treatment till you get curedmore about diet will be explained at our centre Brahm homeopathic healing and research centre. CURE AND PREVENTION OF KIDNEY STONE/RENAL CALCULI IS VERY SIMPLE THROUGH BRAHM HOMOEPATHIC MEDICINES.
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kidney failure treatment
Kidneys are one very vital organ of our body. It helps body in absorption of nutrition, filtration of blood, and excretion of waste product. They are also involved in regulation of blood pressure, electrolyte balance and red cell production in the body.Sign and symptoms of Kidney FailureLethargy,weakness,shortness of breath,generalised swelling (oedema),anemia,loss of appetite,arrhythmias,high blood pressure,fatigue,congestive heart failure,metabolic acidosis,rising urea level in blood,brain encephalopathy,pericarditis Chronic Kidney Disease Treatment-Prognosis In HomeopathyIt can be managed with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is manageable with us but in early stage of disease, you will be managed faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be managed. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahms research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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pancreatic treatment in homeopathy
What Is Pancreatitis?The condition where the pancreas gets inflamed or swollen is called pancreatitis. Usually, the pancreas is a massive gland located just behind your belly near the small intestine. The role of the pancreas is to secrete digestive enzymes to break the large food particles into smaller chunks. It also ejects  hormones into the bloodstream that helps in utilizing food and energy efficiently. However, the pancreas gets swollen or damaged because of irregular ejection of digestive enzymes into the small intestine.What Are The Types of Pancreatitis?1. Acute Pancreatitis2. Chronic Pancreatitis3. Acute on Chronic Pancreatitis4. Calcification Parenchymal5. Intraductal Calculi/Calcification6. Dilated Main Pancreatitis Duct7.Atrophy Of Pancreatitis8. Necrosis Of Pancreatitis9. Pseudocyst Of Pancreatitis/Collection Of Fluid10. Perip@ncre@tic F@t Str@nding11. Aneurysm Of Arteries of P@ncre@titis12. Fistula Of P@ncre@titis13. C@ncer Of P@ncre@titis14. Met@st@sis   Sign and symptom-pain in upper part of belly that goes into back and its intolerable. Eating makes it worse especially high fat diet.nausea and vomitingdigestive disturbanceoily stool and diarrheabloating imbalance blood sugar level diabetesScroll down for reviewCause and Risk factors of pancreatitisUse of lots of alcoholEating outside food , junk food high fat foodsedentary habitsautoimmune diseaseinfectionall0pathic medicationsurgerytraumagall stone in some cases. Prognosis in homeopathyIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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migraine treatments in homeopathy
Migraine is a primary headache disorder characterized by recurrent attacks. If you have migraines or a family history of migraines, a doctor trained in treating headaches (neurologist) will likely diagnose migraines based on your medical history, symptoms, and a physical and neurological examination. What Is a Migraine? A migraine is a strong headache that often comes with nausea, vomiting, and sensitivity to light. It can last hours or days. Migraine Symptoms Migraines are different in everyone. In many people, they happen in stages. Prognosis in homeopathyIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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pancreatitis treatment
What Is Pancreatitis?The condition where the pancreas gets inflamed or swollen is called pancreatitis. Usually, the pancreas is a massive gland located just behind your belly near the small intestine. The role of the pancreas is to secrete digestive enzymes to break the large food particles into smaller chunks. It also ejects  hormones into the bloodstream that helps in utilizing food and energy efficiently. However, the pancreas gets swollen or damaged because of irregular ejection of digestive enzymes into the small intestine.What Are The Types of Pancreatitis?1. Acute Pancreatitis2. Chronic Pancreatitis3. Acute on Chronic Pancreatitis4. Calcification Parenchymal5. Intraductal Calculi/Calcification6. Dilated Main Pancreatitis Duct7.Atrophy Of Pancreatitis8. Necrosis Of Pancreatitis9. Pseudocyst Of Pancreatitis/Collection Of Fluid10. Perip@ncre@tic F@t Str@nding11. Aneurysm Of Arteries of P@ncre@titis12. Fistula Of P@ncre@titis13. C@ncer Of P@ncre@titis14. Met@st@sis   Sign and symptom-pain in upper part of belly that goes into back and its intolerable. Eating makes it worse especially high fat diet.nausea and vomitingdigestive disturbanceoily stool and diarrheabloating imbalance blood sugar level diabetesScroll down for reviewCause and Risk factors of pancreatitisUse of lots of alcoholEating outside food , junk food high fat foodsedentary habitsautoimmune diseaseinfectionall0pathic medicationsurgerytraumagall stone in some cases. Prognosis in homeopathyIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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GBS Treatment In Homeopathy
Treatment of Motor Neuron Disease Treatment of Motor neuron disease at Brahm Homeopathy involves a specially developed treatment protocol that includes customized homeopathic medicines. Our speciality homeopathy Treatment for Motor neuron disease can help in stopping and relieving. The symptoms of Motor neuron disease like muscle achesclumsiness, stumbling.weakness or changes in handslegs and voice.slurred speechswallowing or chewing difficulty.fatigue.muscle wasting, weight loss. What is Motor neuron disease ? Motor neurons control important muscle activity, such as:grippingwalkingspeakingswallowingBreathing.As the condition progresses, people with motor neuron disease will find some or all of these activities increasingly difficult. Eventually, they may become impossible.The condition can affect adults of all ages, including teenagers, although this is extremely rare. It’s usually diagnosed in people over 40, but most people with the condition first develop symptoms in their 60s. It affects slightly more men than women. Causes The causes of motor neuron disease are not yet known, but ongoing research throughout the world is looking for causes. There are many theories, including exposure to environmental toxins and chemicals, infection by viral agents, immune mediated damage, premature ageing of motor neurones, and loss of growth factors required to maintain motor neurone survival and genetic susceptibility. Most cases of MND occur spontaneously. These are said to be sporadic – meaning occurring in scattered or isolated instances without clearly identifiable causes. Prognosis in homeopathy It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proven, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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migraine treatment
Migraine Treatment in homeopathy Migraine is a primary headache disorder characterized by recurrent attacks. If you have migraines or a family history of migraines, a doctor trained in treating headaches (neurologist) will likely diagnose migraines based on your medical history, symptoms, and a physical and neurological examination. What Is a Migraine? A migraine is a strong headache that often comes with nausea, vomiting, and sensitivity to light. It can last hours or days. Migraine Symptoms Migraines are different in everyone. In many people, they happen in stages. Prognosis in homeopathyIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Gangrene treatment in homeopathy
What is Gangrene?Gangrene occurs when your body's tissues die because of lack of  blood supply due to illness, injury, or infection. It usually occurs in the fingers, toes, and limbs, but you can also get gangrene in your limbs and muscles. There are different types of gangrene, and they all require immediate medical care.Brahm homeopathy can design a treatment plan that’s best for you. Symptoms of Gangrene: skin discoloration – from yellow to blue, purple, black, bronze or red, depending on the type of gangrene you have.Swelling.Blisters.Sudden, severe pain followed by a feeling of numbness.A foul-smelling discharge leaking from a sore.Thin, shiny skin, or skin without hair Gangrene is a serious condition and requires treatment. Precise treatment is possible in Homeopathy without amputation of legs by the best Dr. Pradeep Kushwaha with 11+ years of experience in Ahmedabad, Gujarat, India.Call us: +919429065457 Causes of Gangrene: Vascular problems: Usually due to poor health of the arteries and veins in the feet and toes. It usually develops over time due to conditions such as diabetes, peripheral artery disease and high blood pressure.Severe burns, scabs and colds: Heat, chemical agents, and extreme cold, including frostbite, can all cause dry gangrene. Wet gangrene may develop later.Raynaud’s disease: There is impaired circulation to the ends of fingers and toes, especially in cold weather. Raynaud’s is implicated in some cases of gangrene.Diabetes: Unbalanced blood sugar levels can damage blood vessels and nerves, reducing the supply of oxygen to the extremities. Prognosis in homeopathy: It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre: Brahm research based, clinically proven, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, lifestyle plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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liver cirrhosis treatment in homeopathy
What is cirrhosis of the liver? Cirrhosis is a late-stage liver disease in which healthy liver tissue is replaced with scar tissue and the liver is permanently damaged. Scar tissue keeps your liver away from working properly. Many types of liver diseases and conditions injure healthy liver cells, causing cell death and inflammation .This is followed by cell repair and finally tissue scarring as a result of the repair process.Late-stage cirrhosis is life-threatening. Symptoms: Cirrhosis often has no signs or symptoms until liver damage is extensive. When signs and symptoms do occur, they may include:FatigueEasily bleeding or bruisingLoss of appetiteNauseaSwelling in your legs, feet or ankles (edema)Weight lossItchy skinYellow discoloration in the skin and eyes (jaundice)Fluid accumulation in your abdomen (ascites)Spiderlike blood vessels on your skinRedness in the palms of the handsFor women, absent or loss of periods not related to menopauseFor men, loss of sex drive, breast enlargement (gynecomastia) or testicular atrophyConfusion, drowsiness and slurred speech (hepatic encephalopathy) #Best homeopathic doctor for "Liver Cirrhosis" is Dr. Pradeep Kushwaha in Ahmedabad, Gujarat India. Contact us:+91 9429065457 Risk factors: Drinking too much alcohol: Excessive alcohol consumption is a risk factor for cirrhosis.Being overweight: Being obese increases your risk of conditions that may lead to cirrhosis, such as nonalcoholic fatty liver disease and nonalcoholic steatohepatitis.Having viral hepatitis: Not everyone with chronic hepatitis will develop cirrhosis, but it's one of the world's leading causes of liver disease. Cause: chronic alcohol abuseviral hepatitis( hepatitis B, C, D)cystic fibrosiscopper accumulation in liverimmune dysfunctioninfection of livergenetic disorders Diagnosis: A well qualified doctor will diagnose from clinical examination.USG AbdomenCT scan whole abdomen.Liver function test Prognosis in homeopathy: It is manageable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is manageable with us but in early stage of disease, you will be managed faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time. Intelligent person always start treatment as early as he /she observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre: Brahm research based, clinically proven, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, lifestyle plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Kidney Failure Treatment In Homeopathy
Kidneys are one very vital organ of our body. It helps body in absorption of nutrition, filtration of blood, and excretion of waste product. They are also involved in regulation of blood pressure, electrolyte balance and red cell production in the body.Sign and symptoms of Kidney FailureLethargy,weakness,shortness of breath,generalised swelling (oedema),anemia,loss of appetite,arrhythmias,high blood pressure,fatigue,congestive heart failure,metabolic acidosis,rising urea level in blood,brain encephalopathy,pericarditis Kidney disease treatment-Prognosis in homeopathyIt can be managed with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is manageable with us but in early stage of disease, you will be managed faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be managed. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahms research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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ankylosis spondylosis treatment in homeopathy
It is a type of arthritis where it causes pain and stiffness in spine. It starts from low back region and gradually spreads upwards and many parts of the body.  " ankylosis " meaning fused bones or other hard tissues, "spondylitis" meaning inflammation in spinal bone or vertebra. Pain and stiffness can be felt in low backshoulderalong spinebuttockrib cagefeetthighhipSign and symptomsPain and stiffnessRigid spine that curves forwardtirednessswelling in jointstrouble taking deep breath.CauseIts an autoimmune disease , it means our own immune system attacks and damage our spine and joints by mistake.DiagnosisA well qualified doctor will diagnose from clinical examination.X-ray and MRI  PrognosisIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as he /she observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.How we work on this diseaseBrahm’s research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Knee Pain
What Is Knee Pain ? Knee pain is a most common affliction seen in all age group people. Mostly knee pain occurs like a sudden stroke or constantly. A major injury, weak bones can cause knee pain. Sometimes knee pain also cause due to infections.Symptoms Of Knee Pain? Continuous pain in knee Knee swelling Sudden stroke while walking Crunching noise from knee Knee becomes weak Causes Of Knee Pain? Major injury near or on knee Muscles exertion Certain exercises Prognosis In Homeopathy Knee Pain Treatment in homeopathy is curable . Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Best Pancreatitis Treatment In Homeopathy
What Is Pancreatitis?The condition where the pancreas gets inflamed or swollen is called pancreatitis. Usually, the pancreas is a massive gland located just behind your belly near the small intestine. The role of the pancreas is to secrete digestive enzymes to break the large food particles into smaller chunks. It also ejects  hormones into the bloodstream that helps in utilizing food and energy efficiently. However, the pancreas gets swollen or damaged because of irregular ejection of digestive enzymes into the small intestine.What Are The Types of Pancreatitis?1. Acute Pancreatitis2. Chronic Pancreatitis3. Acute on Chronic Pancreatitis4. Calcification Parenchymal5. Intraductal Calculi/Calcification6. Dilated Main Pancreatitis Duct7.Atrophy Of Pancreatitis8. Necrosis Of Pancreatitis9. Pseudocyst Of Pancreatitis/Collection Of Fluid10. Perip@ncre@tic F@t Str@nding11. Aneurysm Of Arteries of P@ncre@titis12. Fistula Of P@ncre@titis13. C@ncer Of P@ncre@titis14. Met@st@sis   Sign and symptom-pain in upper part of belly that goes into back and its intolerable. Eating makes it worse especially high fat diet.nausea and vomitingdigestive disturbanceoily stool and diarrheabloating imbalance blood sugar level diabetesScroll down for reviewCause and Risk factors of pancreatitisUse of lots of alcoholEating outside food , junk food high fat foodsedentary habitsautoimmune diseaseinfectionall0pathic medicationsurgerytraumagall stone in some cases. Prognosis in homeopathyIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Pancreas treatment in homeopathy
What Is Pancreatitis?The condition where the pancreas gets inflamed or swollen is called pancreatitis. Usually, the pancreas is a massive gland located just behind your belly near the small intestine. The role of the pancreas is to secrete digestive enzymes to break the large food particles into smaller chunks. It also ejects  hormones into the bloodstream that helps in utilizing food and energy efficiently. However, the pancreas gets swollen or damaged because of irregular ejection of digestive enzymes into the small intestine.What Are The Types of Pancreatitis?1. Acute Pancreatitis2. Chronic Pancreatitis3. Acute on Chronic Pancreatitis4. Calcification Parenchymal5. Intraductal Calculi/Calcification6. Dilated Main Pancreatitis Duct7.Atrophy Of Pancreatitis8. Necrosis Of Pancreatitis9. Pseudocyst Of Pancreatitis/Collection Of Fluid10. Perip@ncre@tic F@t Str@nding11. Aneurysm Of Arteries of P@ncre@titis12. Fistula Of P@ncre@titis13. C@ncer Of P@ncre@titis14. Met@st@sis   Sign and symptom-pain in upper part of belly that goes into back and its intolerable. Eating makes it worse especially high fat diet.nausea and vomitingdigestive disturbanceoily stool and diarrheabloating imbalance blood sugar level diabetesScroll down for reviewCause and Risk factors of pancreatitisUse of lots of alcoholEating outside food , junk food high fat foodsedentary habitsautoimmune diseaseinfectionall0pathic medicationsurgerytraumagall stone in some cases. Prognosis in homeopathyIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Pancreatitis Best Homeopathic treatment
What Is Pancreatitis?The condition where the pancreas gets inflamed or swollen is called pancreatitis. Usually, the pancreas is a massive gland located just behind your belly near the small intestine. The role of the pancreas is to secrete digestive enzymes to break the large food particles into smaller chunks. It also ejects  hormones into the bloodstream that helps in utilizing food and energy efficiently. However, the pancreas gets swollen or damaged because of irregular ejection of digestive enzymes into the small intestine.What Are The Types of Pancreatitis?1. Acute Pancreatitis2. Chronic Pancreatitis3. Acute on Chronic Pancreatitis4. Calcification Parenchymal5. Intraductal Calculi/Calcification6. Dilated Main Pancreatitis Duct7.Atrophy Of Pancreatitis8. Necrosis Of Pancreatitis9. Pseudocyst Of Pancreatitis/Collection Of Fluid10. Perip@ncre@tic F@t Str@nding11. Aneurysm Of Arteries of P@ncre@titis12. Fistula Of P@ncre@titis13. C@ncer Of P@ncre@titis14. Met@st@sis   Sign and symptom-pain in upper part of belly that goes into back and its intolerable. Eating makes it worse especially high fat diet.nausea and vomitingdigestive disturbanceoily stool and diarrheabloating imbalance blood sugar level diabetesScroll down for reviewCause and Risk factors of pancreatitisUse of lots of alcoholEating outside food , junk food high fat foodsedentary habitsautoimmune diseaseinfectionall0pathic medicationsurgerytraumagall stone in some cases. Progression of pancreatitis             in the beginning there is inflammation then gradually after recurrent episodic attacks, pancreas atrophies, calcification and stone formation takes place. As disease progress diabetes comes in the picture. in the end , in cases cancer is the out come.  Prognosis in homeopathyIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Best treatment kidney stone
Day by day kidney stones problem are increasing and people are turning towards surgery. Even after surgery some complications remains and stone formation takes place. there is a precise medicated treatment for kidney stones which cures stones and also prevent its formation. renal calculi/kidney stones are the solid mass made up of crystals originate in kidneys result into intense pain around kidney region or/and along the line of urinary tract. lets understand urinary tract system before understanding kidney stone. urinary system is made up of following.beans shaped 2 kidneys2 uretersurinary bladderurethra    Main function of kidneys are followingfilteration of bloodabsorbs nutritionsend purified blood to heartsexcrete waste product as urine through urinary tract system.lets understand how does stone forms in kidneys.  when this filtration is affected by following reasons oxalate or other crystals do not pass through urinary system, stone formations takes place in kidneys.Cause and Risk group people diet high in calcium oxalatehabit of drinking less waterkidney infectionspolyp in kidneystrauma to kidneys.bowel disease where more calcium is absorbed.sedentary lifeperson who are always busy in life past history of kidney stonefamily history of kidney stonesome of all0pathic medication.Types of stonescalcium oxalateuratesstruvitcrystineSign and symptom of kidney stoneintense pain along the line of urinary system whenever stone tries to move from its location anywhere from this four location kidney-ureter-bladder-urethra.blood in urinefrequent urge to urinateurinating small amount of urinediscoloured or foul smelling urinenausea, vomitingdigestive disturbancefever and chillDiagnosisthrough clinical presentationUSG whole abdomen will reveal exact size, number and location of stones.X-RAY KUBCT scan MRIPrognosisif the stone is of small size prognosis is better.if the stone is of bigger size it produces obstruction and result into collection of urine in kidney because of back pressure and result into kidney damage or failure if not treated in time.people who have already gone for surgery may result into some minor or major complication from surgery.even after surgery stone formation takes place againmild to severe kidney infectionTreatment of kidney stone/renal calculiPeople these days turning towards surgery for short cut and from advertisements but those who have gone through surgery they might feel some or more complication from surgery and they also suffer from again and again stone formation. so surgery is not a right solution for all kidney stones. treatment should involve cure of stone along with prevention of formation of stone thats what we do at Brahm Homeopathic healing and research centre. Kidney Stone Treatment Without SurgeryBrahm homeopathy research based scientific treatment protocol involves cure of stoneprevention of formation of stonecorrection of proper diet and life styleBrahm Homeopathic healing and research centre strengthhighly experience team of doctorshigh quality medicine from helios homeopathy pharmacy -LONDON.Guided treatment with 24 hours availability for our patients for helping them.proper follow up management till he get cured.diet plan and life style correction according to disease he is suffering.There are many homeopathic medicines in homeopathy namely berberis vulgariscantharissarsaparillalycopodiumcalcarea carbcalcarea renalissepia and many more , this list will go upto 200 and even more. but we can not give all 200 medicines in one patients. homeopathic fundamentals are different than other modes medical sciences. if 10 people have fever than you will prescribe same medicine to all patients but in homoepathy, all 10 people will receive 10 different medicines. At Brahm Homeopathy we understand person's disease in detail, his life style , life situation , stress in life along with understanding his nature and personality and then final we select exact medicine for him which will cure his kidney stones and also prevent it to come back. Diet and life style correctiondrink more water reduce calcium oxalate rich dietavoid sedentary liferegular assessment of stone while you are on treatment till you get curedmore about diet will be explained at our centre Brahm homeopathic healing and research centre. CURE AND PREVENTION OF KIDNEY STONE/RENAL CALCULI IS VERY SIMPLE THROUGH BRAHM HOMOEPATHIC MEDICINES.
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किडनी स्टोन कैसे ठीक करे ?
What Is A Kidney Stone? A stone in a kidney is an unevenly-shaped hard mass or lucid that can be as tiny as a cereal of sand up to the size of a bogey ball. Hanging on the width of your kidney ,stone you can't even notice that you have one. Even minute stones can cause severe ache as they exit your body via your urinary gland. Drinking more fluids may help the process, which could take as long as 21 days. Symptoms Of Kidney Stones? Extreme pain on back side of abdomen Blood within urine. Vomiting Bad smell of urineCauses Of Kidney Stones? Consuming very less water a day Weight loss More usage of salt or sugar in food Family history of kidney stones Prognosis In Homeopathy Kidney Stone treatment in homeopathy is curable . Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research Centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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kidney stones treatment in homeopathy
Day by day kidney stones problem are increasing and people are turning towards surgery. Even after surgery some complications remains and stone formation takes place. there is a precise medicated treatment for kidney stones which cures stones and also prevent its formation. renal calculi/kidney stones are the solid mass made up of crystals originate in kidneys result into intense pain around kidney region or/and along the line of urinary tract. lets understand urinary tract system before understanding kidney stone. urinary system is made up of following.beans shaped 2 kidneys2 uretersurinary bladderurethra    Main function of kidneys are followingfilteration of bloodabsorbs nutritionsend purified blood to heartsexcrete waste product as urine through urinary tract system.lets understand how does stone forms in kidneys.  when this filtration is affected by following reasons oxalate or other crystals do not pass through urinary system, stone formations takes place in kidneys.Cause and Risk group people diet high in calcium oxalatehabit of drinking less waterkidney infectionspolyp in kidneystrauma to kidneys.bowel disease where more calcium is absorbed.sedentary lifeperson who are always busy in life past history of kidney stonefamily history of kidney stonesome of all0pathic medication.Types of stonescalcium oxalateuratesstruvitcrystineSign and symptom of kidney stoneintense pain along the line of urinary system whenever stone tries to move from its location anywhere from this four location kidney-ureter-bladder-urethra.blood in urinefrequent urge to urinateurinating small amount of urinediscoloured or foul smelling urinenausea, vomitingdigestive disturbancefever and chillDiagnosisthrough clinical presentationUSG whole abdomen will reveal exact size, number and location of stones.X-RAY KUBCT scan MRIPrognosisif the stone is of small size prognosis is better.if the stone is of bigger size it produces obstruction and result into collection of urine in kidney because of back pressure and result into kidney damage or failure if not treated in time.people who have already gone for surgery may result into some minor or major complication from surgery.even after surgery stone formation takes place againmild to severe kidney infectionTreatment of kidney stone/renal calculiPeople these days turning towards surgery for short cut and from advertisements but those who have gone through surgery they might feel some or more complication from surgery and they also suffer from again and again stone formation. so surgery is not a right solution for all kidney stones. treatment should involve cure of stone along with prevention of formation of stone thats what we do at Brahm Homeopathic healing and research centre. Kidney Stone Treatment Without SurgeryBrahm homeopathy research based scientific treatment protocol involves cure of stoneprevention of formation of stonecorrection of proper diet and life styleBrahm Homeopathic healing and research centre strengthhighly experience team of doctorshigh quality medicine from helios homeopathy pharmacy -LONDON.Guided treatment with 24 hours availability for our patients for helping them.proper follow up management till he get cured.diet plan and life style correction according to disease he is suffering.There are many homeopathic medicines in homeopathy namely berberis vulgariscantharissarsaparillalycopodiumcalcarea carbcalcarea renalissepia and many more , this list will go upto 200 and even more. but we can not give all 200 medicines in one patients. homeopathic fundamentals are different than other modes medical sciences. if 10 people have fever than you will prescribe same medicine to all patients but in homoepathy, all 10 people will receive 10 different medicines. At Brahm Homeopathy we understand person's disease in detail, his life style , life situation , stress in life along with understanding his nature and personality and then final we select exact medicine for him which will cure his kidney stones and also prevent it to come back. Diet and life style correctiondrink more water reduce calcium oxalate rich dietavoid sedentary liferegular assessment of stone while you are on treatment till you get curedmore about diet will be explained at our centre Brahm homeopathic healing and research centre. CURE AND PREVENTION OF KIDNEY STONE/RENAL CALCULI IS VERY SIMPLE THROUGH BRAHM HOMOEPATHIC MEDICINES.
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Knee Pain Treatment
What Is Knee Pain ? Knee pain is a most common affliction seen in all age group people. Mostly knee pain occurs like a sudden stroke or constantly. A major injury, weak bones can cause knee pain. Sometimes knee pain also cause due to infections.Symptoms Of Knee Pain? Continuous pain in knee Knee swelling Sudden stroke while walking Crunching noise from knee Knee becomes weak Causes Of Knee Pain? Major injury near or on knee Muscles exertion Certain exercises Prognosis In Homeopathy Knee Pain Treatment in homeopathy is curable . Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Depression Treatment
It is a condition that causes persistent feeling of sadness and loss of interest. It is a mood disorder that affects feeling, thinking, and behaviour of person that leads to variety of emotional and physical disturbance. It is called as major depressive disorder.Sign and symptom of depressionFeeling sadness, tearful, emptiness and hopelessness,irritable, angry at small matters,loss of interest and indifference to normal activities,sleep disturbance,sometime too much sleepy,anxiety with restlessness,slowness of thinking,feeling worthless,suicidal thoughts,Prognosis in homeopathyIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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पेन्क्रियाटाइटिस को कैसे ठीक करे?
What is a Pancreatitis? The pancreas is a long, flat gland that sits tucked behind the stomach in the upper abdomen. The pancreas produces enzymes that help digestion and hormones that help regulate the way your body processes (glucose). What are the causes of pancreatitis?Inflammation in the pancreas is the biggest problem of pancreatitis. There are many reasons for this, which are mentioned in the list below. Drinking too much alcohol Gall bladder stones side effects of medicinesWhat to eat if you have pancreatitis?What should we eat if we have pancreatitis, which is mentioned in the list belowTo get your pancreas healthy, focus on foods that are rich in protein Soy & Soy by Products Fruits & Green Vegetables Honey Sorbet Beans Juices    For Full Diet Plan Talk Experts: + 91 9429065457 low in animal fats, and contain antioxidants. Try lean meats, beans and lentils, clear soups, and dairy alternatives (such as flax milk and almond milk).  Spinach, blueberries, cherries and whole grains may work to protect your digestion and fight free radicals that damage your organs. If you're craving something sweet, reach for fruits instead of added sugars as people with pancreas have a higher risk of developing diabetes. Have cherry tomatoes, cucumbers and hummus, and fruits as your snack. Foods To Avoid With Pancreatitis Alcohol High-Sugar Foods Wafers (Fried food) Beef & Pork Packaged Juices Pizza , Junks-Food Notes:: If are you diabetic patients than first meet to doctors. If you also have problems with pancreas, then contact your specialist doctor today. For Full Diet Plan Talk Experts: + 91 9429065457
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घुटने के दर्द को कैसे ठीक करे?
What Is Knee Pain ? Knee pain is a most common affliction seen in all age group people. Mostly knee pain occurs like a sudden stroke or constantly. A major injury, weak bones can cause knee pain. Sometimes knee pain also cause due to infections.Symptoms Of Knee Pain? Continuous pain in knee Knee swelling Sudden stroke while walking Crunching noise from knee Knee becomes weak Causes Of Knee Pain? Major injury near or on knee Muscles exertion Certain exercises Prognosis In Homeopathy Knee Pain Treatment in homeopathy is curable . Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Acute on Chronic Pancreas
It is a condition where Patient is already suffering from chronic Pancreatitis and Acute attacks of pancreatitis is present. This condition is called as acute on chronic pancreatitis.  Brahm homeopathic Healing & Research Centre which is the Biggest Homeopathic Centre of Gujarat state (INDIA), Provides research based scientific treatment protocol with proper diet plan for chronic pancreatitis. Chronic pancreatitis can be cured without surgery with Brahm Homeopathy medicines. Dr. Pradeep Kushwaha is the best homeopathic doctor in Ahmedabad, Gujarat, INDIA for Chronic Pancreatitis. Dr. Pradeep Kushwaha is Pancreatitis Specialist Homeopathic doctor of India, who is highly qualified, skilled and experienced.  Acute On Chronic Pancreatitis Symptoms  1. Intense abdomen pain. 2. Pain in Upper parts of abdomen which spreads to back. 3.Pain in abdomen get worse after eating or drinking Alcohol. 4.Oily stool. 5.Nausea and vomiting. 6.Weight loss. DIET PLAN As you all know alcohol consumption, unhealthy diet and improper life style is the main cause of pancreatitis. some of important healthy diet is explained here and rest will be explain at Brahm homeopathic hospital. Don't take alcohol Avoiding outside unhealthy, high fat junk food Avoiding sedentary life Regular exercise Eat lots of green veg Use of more fruits Drink lots of water Use of more juice and liquid diet.PROGNOSIS IN HOMEOPATHY It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Calcification Of Pancreas Treatment
Calcification Of Pancreas Treatment It is a condition of further progression of chronic pancreatitis where Parenchyma of pancreas start forming calcification at head, body and tail region of pancreas. Patient’s condition become worse. Brahm homeopathic Healing & Research Centre which is the Biggest Homeopathic Centre of Gujarat state (INDIA), Provides research based scientific treatment protocol with proper diet plan for calcification of pancreas. Calcification of pancreas can be cured without surgery with Brahm Homeopathy medicines. Dr. Pradeep Kushwaha is the best homeopathic doctor in Ahmedabad, Gujarat, INDIA for Calcification of pancreas. Dr. Pradeep Kushwaha is Pancreatitis Specialist Homeopathic doctor of India, who is highly qualified, skilled and experienced.  Calcification Of Pancreas Symptoms 1. Intense abdomen pain. 2. Pain in Upper parts of abdomen which spreads to back. 3.Pain in abdomen get worse after eating or drinking Alcohol. 4.Oily stool. 5.Nausea and vomiting. 6.Weight loss. PROGNOSIS IN HOMEOPATHY It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. DIET PLAN As you all know alcohol consumption, unhealthy diet and improper life style is the main cause of pancreatitis. some of important healthy diet is explained here and rest will be explain at Brahm homeopathic hospital. Don't take alcohol, Avoiding outside, unhealthy, high fat junk food Avoiding sedentary life Regular exercise Eat lots of green veg Use of more fruits Drink lots of water Use of more juice and liquid diet Avoiding spicy food. NOTE:  If you are a diabetic patient or/and suffering from other systemic disease or/and failure disease then consult our doctor's team for appropriate diet plan. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Intraductal calculi - calcification Pancreatitis Treatment
Intraductal Calculi - Calcification  Pancreatitis Treatment It is a condition where stones or calculi start forming within the duct of pancreas, it is further more progression of disease. Brahm homeopathic Healing & Research Centre which is the Biggest Homeopathic Centre of Gujarat state (INDIA), Provides research based scientific treatment protocol with proper diet plan for Intraductal calcification / stone of pancreas. Intraductal calcification / stone of pancreas can be cured without surgery with Brahm Homeopathy medicines. Dr. Pradeep Kushwaha is the best homeopathic doctor in Ahmedabad, Gujarat, INDIA for Intraductal calcification / stone. Dr. Pradeep Kushwaha is Pancreatitis Specialist Homeopathic doctor of India, who is highly qualified, skilled and experienced. Intraductal calculi - calcification Pancreatitis Symptoms 1. Intense abdomen pain. 2. Pain in Upper parts of abdomen which spreads to back. 3.Pain in abdomen get worse after eating or drinking Alcohol. 4.Oily stool. 5.Nausea and vomiting. 6.Weight loss. PROGNOSIS IN HOMEOPATHY It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. DIET PLAN As you all know alcohol consumption, unhealthy diet and improper life style is the main cause of pancreatitis. some of important healthy diet is explained here and rest will be explain at Brahm homeopathic hospital. Don't take alcohol Avoiding outside, unhealthy, high fat junk food Avoiding sedentary life Regular exercise Eat lots of green veg Use of more fruits Drink lots of water Use of more juice and liquid diet Avoiding spicy food. NOTE: If you are a diabetic patient or/and suffering from other systemic disease or/and organ failure disease then consult our doctor's team for appropriate diet plan. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Pancreatitis Treatments
What Is Pancreatitis?The condition where the pancreas gets inflamed or swollen is called pancreatitis. Usually, the pancreas is a massive gland located just behind your belly near the small intestine. The role of the pancreas is to secrete digestive enzymes to break the large food particles into smaller chunks. It also ejects  hormones into the bloodstream that helps in utilizing food and energy efficiently. However, the pancreas gets swollen or damaged because of irregular ejection of digestive enzymes into the small intestine.What Are The Types of Pancreatitis?1. Acute Pancreatitis2. Chronic Pancreatitis3. Acute on Chronic Pancreatitis4. Calcification Parenchymal5. Intraductal Calculi/Calcification6. Dilated Main Pancreatitis Duct7.Atrophy Of Pancreatitis8. Necrosis Of Pancreatitis9. Pseudocyst Of Pancreatitis/Collection Of Fluid10. Perip@ncre@tic F@t Str@nding11. Aneurysm Of Arteries of P@ncre@titis12. Fistula Of P@ncre@titis13. C@ncer Of P@ncre@titis14. Met@st@sis   Sign and symptom-pain in upper part of belly that goes into back and its intolerable. Eating makes it worse especially high fat diet.nausea and vomitingdigestive disturbanceoily stool and diarrhoeabloating imbalance blood sugar level diabetesScroll down for reviewCause and Risk factors of pancreatitisUse of lots of alcoholEating outside food , junk food high fat foodsydentory habitsautoimmune diseaseinfectionall0pathic medicationsurgerytraumagall stone in some cases. Prognosis in homeopathyIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Acute Pancreatitis Treatment
It is a condition where inflammation of pancreatitis develop quickly which associate with intense abdomen pain.Brahm homeopathic Healing & Research Centre which is the Biggest Homeopathic Centre of Gujarat state (INDIA), Provides research based scientific treatment protocol with proper diet plan for Acute Pancreatitis. Acute Pancreatitis can be cured without surgery with Brahm Homeopathy medicines. Dr. Pradeep Kushwaha is the best homeopathic doctor in Ahmedabad, Gujarat, INDIA for Acute Pancreatitis. Dr. Pradeep Kushwaha is Pancreatitis Specialist Homeopathic doctor of India, who is highly qualified, skilled and experienced.Acute Pancreatitis Symptoms1. Intense abdomen pain.2. Pain in Upper parts of abdomen which spreads to back.3.Pain in abdomen get worse after eating or drinking Alcohol.4.Oily stool.5.Nausea and vomiting.6.Weight loss.DIET PLANAs you all know alcohol consumption, unhealthy diet and improper life style is the main cause of pancreatitis. some of important healthy diet is explained here and rest will be explain at Brahm homeopathic hospital.Don't take alcoholAvoiding outsideunhealthy, high fat junk foodAvoiding sedentary lifeRegular exerciseEat lots of green vegUse of more fruitsDrink lots of waterUse of more juice and liquid dietPROGNOSIS IN HOMEOPATHYIt is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centreBrahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Chronic Pancreatitis Treatment
Chronic Pancreatitis It is a condition where chronic inflammation of pancreas gradually continues which does not heal until proper medication is not given. Patient gradually reduce his/her ability to digest food. Pancreatic hormones and enzymes get affected. Brahm homeopathic Healing & Research Centre which is the Biggest Homeopathic Centre of Gujarat state (INDIA), Provides research based scientific treatment protocol with proper diet plan for chronic pancreatitis. Chronic pancreatitis can be cured without surgery with Brahm Homeopathy medicines. Dr. Pradeep Kushwaha is the best homeopathic doctor in Ahmedabad, Gujarat, INDIA for Chronic Pancreatitis. Dr. Pradeep Kushwaha is Pancreatitis Specialist Homeopathic doctor of India, who is highly qualified, skilled and experienced. Chronic Pancreatitis Symptoms 1. Intense abdomen pain. 2. Pain in Upper parts of abdomen which spreads to back. 3.Pain in abdomen get worse after eating or drinking Alcohol. 4.Oily stool. 5.Nausea and vomiting. 6.Weight loss. DIET PLAN As you all know alcohol consumption, unhealthy diet and improper life style is the main cause of pancreatitis. some of important healthy diet is explained here and rest will be explain at Brahm homeopathic hospital. Don't take alcohol Avoiding outside unhealthy, high fat junk food Avoiding sedentary life Regular exercise Eat lots of green veg Use of more fruits Drink lots of water Use of more juice and liquid diet PROGNOSIS IN HOMEOPATHY It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Acute On Chronic Pancreatitis
It is a condition where Patient is already suffering from chronic Pancreatitis and Acute attacks of pancreatitis is present. This condition is called as acute on chronic pancreatitis.  Brahm homeopathic Healing & Research Centre which is the Biggest Homeopathic Centre of Gujarat state (INDIA), Provides research based scientific treatment protocol with proper diet plan for chronic pancreatitis. Chronic pancreatitis can be cured without surgery with Brahm Homeopathy medicines. Dr. Pradeep Kushwaha is the best homeopathic doctor in Ahmedabad, Gujarat, INDIA for Chronic Pancreatitis. Dr. Pradeep Kushwaha is Pancreatitis Specialist Homeopathic doctor of India, who is highly qualified, skilled and experienced. Acute On Chronic Pancreatitis Symptoms  1. Intense abdomen pain. 2. Pain in Upper parts of abdomen which spreads to back. 3.Pain in abdomen get worse after eating or drinking Alcohol. 4.Oily stool. 5.Nausea and vomiting. 6.Weight loss. DIET PLAN As you all know alcohol consumption, unhealthy diet and improper life style is the main cause of pancreatitis. some of important healthy diet is explained here and rest will be explain at Brahm homeopathic hospital. Don't take alcohol Avoiding outside unhealthy, high fat junk food Avoiding sedentary life Regular exercise Eat lots of green veg Use of more fruits Drink lots of water Use of more juice and liquid diet.PROGNOSIS IN HOMEOPATHY It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Tuberculosis treatment in homeopathic
Tuberculosis  Tuberculosis(TB) is a contagious infection that usually attacks your lungs.It can also spread to other parts of your body, like your brain and spine, intestine , bones.Tuberculosis (TB) is a potentially serious infectious disease that primarily affects the lungs. The bacteria that cause tuberculosis are spread from person to person through tiny droplets released into the air through coughs and sneezes.Brahm homeo design best treatment plan for you. Signs & Symptoms of TB: -A bad cough that lasts 3 weeks or longer.-pain in the chest.-coughing up blood or sputum.-weakness or fatigue-weight loss-no appetite-chills-fever-sweating at night causes of TB: TB bacteria are transmitted through infected droplets in the air. Once these droplets enter the air, anyone nearby can inhale them. Someone with TB can transmit bacteria by: -sneezing-coughing-speaking-singing "Tuberculosis" is a serious disease, it worsens the problem over time. Get it treated at the earliest by Dr. Pradeep Kushwaha, a homeopathy specialist from Ahmedabad, Gujarat,India.Call us: +91 9429065457 Risk Factor: -HIV/AIDS.-Diabetes.-Severe kidney disease.-Certain cancers.-Cancer treatment, such as chemotherapy.-Malnutrition or low body weight.-Very young or advanced age. Treatment: A well qualified doctor will diagnose from clinical examination and investigation. Prognosis in homeopathy: It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre: Brahm research based, clinically proven, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, lifestyle plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.  
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Crohn’s Disease Best Treatment in Homeopathy
Crohn’s disease is an inflammatory bowel disease (IBD). It causes inflammation of your digestive tract, which can lead to abdominal pain, severe diarrhea, fatigue, weight loss and malnutrition. Inflammation caused by Crohn’s disease can involve different areas of the digestive tract in different people. Crohn’s disease can be both painful and debilitating, and sometimes may lead to life-threatening complications. Signs and symptoms of Crohn’s disease: Can range from mild to severe. They usually develop gradually, but sometimes will come on suddenly, without warning. You may also have periods of time when you have no signs or symptoms (remission). When the disease is active, signs and symptoms may include: Diarrhea Fever Fatigue Abdominal pain and cramping Blood in your stool Mouth sores Reduced appetite  Unexplained weight lossTreatment: Prognosis in homeopathy It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as he /she observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.  Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.  
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Vocal cord nodules Best Treatment
Vocal Cord Nodules Treatment in Homeopathy A polyp is a growth (usually benign) protruding from a mucous membrane. When polyps are seen over vocal cords they are called as vocal polyps or vocal nodules. Nodules affect girls and boys of any age, and are a common cause of voice issues in both children and adults. Vocal cord nodules are also called “Singer’s nodules,” as people who use their voice regularly may inadvertently ‘abuse’ their vocal cords and cause the formation of these growths and related voice issues. Signs and symptoms:The most common symptom of vocal cord nodules is a raspy or hoarse voice. You may also hear straining and pitch breaks in your child’s voice when he talks or sings. Causes:Vocal cord nodules usually develop due to chronic abuse of the voice over time, such as straining, yelling and frequent singing. Ongoing friction between the vocal cords creates callous-like growths. Gastroesophageal reflux disease (GERD) can cause additional swelling and inflammation, worsening symptoms of vocal cord nodules. Treatment:The Homeopathic approach towards vocal nodules is more totalistic and holistic. Rather than considering nodules as a local problem, they are considered to be an affection of the constitution. Homeopathy helps in resolving the nodules , it also helps in preventing the recurrence of the vocal nodules. Best Homeopathic Doctor & Treatment for Vocal Cord Nodule in India. Just Call us: +91 9429065457 and make an appointment with Dr.Pradeep kushwaha, and get Homeopathic Treatment. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre:Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Epilepsy permanent cure treatment in homeopathy
Epilepsy can be treated with homeopathy which helps treat acute fits as well as eliminates the tendency to have seizures. An inquiry is to be made regarding the type of seizure, aura, triggering factors, finding other causes and individual dominant symptoms in each and every case.The results of the Homeopathy vary in every case depending upon the duration and type of seizure.1. Cicuta: Where there are Distortions of Body.2. Artemisia Vulgaris: For Epilepsy with Petit Mal Seizure.3. Stramonium: For Epileptic Convulsions Triggered by Bright Light.4. Cuprum Met: When Aura for Seizure Attack is felt in Knees.5. Bufo Rana: For Epileptic Fit during Sleep.6. Hyoscyamus: For Deep Sleep following Epileptic Attack.Sign and symptoms: Uncontrollable jerking movements of arms and legs.loss pf consciousness or awareness.A starring spell.Temporary confusion.Psychic symptoms such as anxiety. Cause of epilepsy: Head injury.Genetic disorder.Infectious disease.Prenatal injury,Developmental disorders.Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre: Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Varicose vein cure without surgery in Homeopathy
Varicose Veins:Varicose veins, also known as varicose or varicosities, occur when your veins become enlarged, dilated, and overfilled with blood. Varicose veins typically appear swollen and raised, and have a bluish-purple or red colour. They are often painful. The veins have certain valve like mechanism which allows the blood to move upwards toward the heart. The valves have leaflets. When the leaflets loose their elasticity, the valves loose their capacity to push blood upwards; hence there is a back pressure which leads to further elongation of the veins. The veins also have reduced elasticity. As a result, the veins get ‘tortuous’ or twisted; as well as hardened. The veins, thus, become visible as zigzag vascular tubes, especially on legs. The condition is very common, especially in women. Around 25 percent of all adults have varicose veins. In most cases, varicose veins appear on the lower legs. People in the business of standing for long, such as sales people, policemen, plastic surgeon (tend to stand for hours during surgery), etc. are risk of developing varicose veins Causes of Varicose veins: Occupational: Standing long hours Genetic tendency Deep vein thrombosis: A condition which affects the valves of veins It might get triggered during pregnancy and due to obesity Symptoms of Varicose veins: Painfulness of legs Visible tortuous veins on the legs (of affected parts) (See photo.) Swelling of legs and ankle Restless leg syndrome (due to pain.) Bleeding due to minor injury Homeopathic Treatment:Homeopathy works very well for mild to moderate cases of varicose veins. It helps to reduce pain, control further varicosity, reduces swelling. Homeopathy also helps significantly in the cases which have varicose ulcers. Homeopathic treatment is strongly recommended for all cases of varicose veins except for those which are truly surgical in nature. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.    
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Sinusitis homeopathic medicine
Sinusitis / sinus infection homeopathic medicine What is Sinusitis / sinus infection? Sinusitis or sinus infection is inflammation of the air cavities within the passages of the nose.Sinusitis can be caused by infection, allergies and chemical or particulate irritation of the sinuses.Sinusitis may be classified as acute sinus infection, subacute sinus infection, chronic sinus infection, infected sinusitis, and noninfectious sinusitis.#Brahmhomeopthic best treatment plan for you. Symptoms:Nasal inflammation:Thick, discolored discharge from the nose (runny nose).Drainage down the back of the throat (postnasal drainage).Blocked or stuffy (congested) nose causing difficulty breathing through your nose.Pain, tenderness and swelling around your eyes, cheeks, nose or forehead.Reduced sense of smell and taste. Other signs and symptoms can include:Ear painHeadacheAching in your upper jaw and teethCough or throat clearingSore throatBad breathFatigue Complete "Sinusitis" treatment can be done in homeopathy by Dr. Pradeep Kushwaha - Best homeopathy in Ahmedabad, gujarat, india. Contact us: +919429065457 Causes of Sinusitis:The common coldNasal and seasonal allergies, including allergies to mold.Polyps (growths).A deviated septum. The septum is the line of cartilage that divides your nose. A deviated septum means that it is not straight, so that it is too close to the nasal passages on one side of your nose, causing a blockage.A weak immune system from illness or medications.Treatment of Sinusitis:Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre:Brahms research based, clinically proven, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Anxienty disorder Treatment in Homeopathy
What is an anxiety disorder? Anxiety is a normal emotion. It’s your brain’s way of reacting to stress and alerting you of potential danger ahead.Everyone feels anxious now and then. For example, you may worry when faced with a problem at work, before taking a test, or before making an important decision.Occasional anxiety is OK. But anxiety disorders are different. They’re a group of mental illnesses that cause constant and overwhelming anxiety and fear. The excessive anxiety can make you avoid work, school, family get-togethers, and other social situations that might trigger or worsen your symptoms.  Brahm homeopathy can design a treatment plan that’s best for you. Anxienty disorder Symptoms: -Feeling nervous, restless or tense.-Having a sense of impending danger, panic or doom.-Breathing rapidly (hyperventilation).-Trouble concentrating or thinking about anything other than the present worry.-Having trouble sleeping. Types of Anxiety Disorder: Generalized anxiety disorder (GAD).Panic disorder.Phobias.Separation anxiety.Agoraphobia. Causes of Anxiety Disorder: Genetics- Anxiety disorders can run in families.Brain chemistry- Some research suggests anxiety disorders may be linked to faulty circuits in the brain that control fear and emotions.Drug withdrawal or misuse-Certain drugs may be used to hide or decrease certain anxiety symptoms. Anxiety disorder often goes hand in hand with alcohol and substance use. Medical conditions-Some heart, lung, and thyroid conditions can cause symptoms similar to anxiety disorders or make anxiety symptoms worse. It’s important to get a full physical exam to rule out other medical conditions when talking to your doctor about anxiety. Every year more than 10 million cases of anxiety disorder are reported in india, which indicates a very serious condition. Its correct treatment is possible in Homeopathy by the best dr. Pradeep kushwaha of ahmedabad, gujarat, india.contact us: +91 9429065457 Anxiety Disorder Treatments: Prognosis in Homeopathy:It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre:Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.  
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Piles Treatment in Homeopathy
What are piles? Piles(hemorrhoids) are swellings that develop inside and around the back passage (anal canal).There is a network of small veins (blood vessels) within the lining of the anal canal.These veins sometimes become wider and engorged with more blood than usual.The engorged veins and the overlying tissue may then form into one or more swellings (piles). Piles often don't cause any problems but can cause bleeding and sometimes pain. Symptoms of piles: bright red blood after you poo.an itchy anus.feeling like you still need to poo after going to the toilet.slimy mucus in your underwear or on toilet paper after wiping your bottom.lumps around your anus.pain around your anus. Types of piles: Internal haemorrhoids: Internal haemorrhoids lie inside the rectum and are difficult to see with naked eye or feel with hand.They don't usually hurt because there are less pain-sensing nerves in the rectum. Bleeding may be the only sign in many cases. Sometimes internal haemorrhoids prolapse or enlarge and protrude outside the anal sphincter. External haemorrhoids: External haemorrhoids lie within the anus and are often uncomfortable. If an external hemorrhoid prolapse to the outside (usually in the course of passing a stool), it can be seen or felt.Blood clots sometimes form within prolapsed external haemorrhoids, causing an extremely painful condition called a thrombosis. contact Dr. Pradeep Kushwaha, the eminent of homeopathy in Ahmedabad, Gujarat, India and get homeopathic treatment. Call us :+91 9429065457 Diagnosis of piles: Prognosis in homeopathy: It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan.No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as he /she observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre: Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications.After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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kidney stone Treatment in homeopathy
What is Kidney Stones: Usually, your kidneys remove waste from your blood to make urine (pee). When there is too much waste in your blood and your body is not producing enough urine, crystals begin to form in your kidneys.These crystals attract other wastes and chemicals to form a solid object (a kidney stone) that will get larger unless it is passed out of your body in your urine.Kidney stones can be as small as a grain of sand or as large as a golf ball. Symptoms & Causes of Kidney Stones: sharp pains in your back, side, lower abdomen,or groin.pink, red, or brown blood in your urine, also called hematuria.a constant need to urinate.pain while urinating.inability to urinate or can only urinate a small amount.bad-smelling urine. Risk Factors of Kidney Stones: Blockage of your urinary tract.Chronic inflammation of your bowel.Cystic kidney disease – Disorder that causes fluid-filled sacs to form on your kidneys.Cystinuria – Condition in which your urine contains high levels of the amino acid cystine.Family history of kidney stones.History of gastrointestinal tract surgery. Complete kidney stone treatment can be done in homeopathy without surgery Dr. Pradeep Kushwaha Best homeopathy in Ahmedabad, gujarat, india. Diagnosis of Kidney Stones: Lab testsUrinalysisBlood tests Imaging testsAbdominal x-rayUSG  whole abdomen Computed tomography (CT) scans  Types of Kindey stones: Calcium Oxalate Stones:The most common type of kidney stone is a calcium oxalate stone. These result when the urine contains low levels of citrate and high levels of calcium and either oxalate or uric acid.Calcium Phosphate Stones:Calcium phosphate kidney stones are caused by abnormalities in the way the urinary system functions. Struvite Stones:More common in women, struvite stones form as a result of certain types of urinary tract infections. These stones tend to grow quickly and become large, sometimes occupying the entire kidney.Uric Acid Stones:More common in men, uric acid stones tend to occur in people who don’t drink enough water or have a diet high in animal protein.Cystine Stones:Cystine stones are caused by a hereditary genetic disorder called cystinuria that can lead to excessive amounts of the amino acid cystine collecting in the urine. Treatment of Kindey Stones without surgery:Treatment depends on the type of stone, how bad it is and the length of time you have had symptoms. There are different treatments to choose from. It is important to talk to your health care provider about what is best for you.Kidney stone treatment is possible without surgery also. Infact as many as 72% of the kidney stones that report to us can be managed with medications or without surgery. Kidney stone treatment includes medications and diet modifications. Stones that are small are managed with a combination of stone inhibitors and other modalities of treatment as outline below:
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Homeopathic medicines for old age problems
Aging is a normal biological process and not a progressive disease. In India around 90 million people are over the age of 60 currently and as per the 60th National Sample Survey 25% reported poor health. Homeopathy medicine is well advised for seniors as it provides a constitutional treatment that is gentle , safe and free of side effects. Elderly care products⦁ Osteoporosis⦁ prostate⦁ diabetes⦁ heart diseases⦁ cataract⦁ anxiety⦁ insomnia Old Age weakness treatmentThe weakness in senior citizens manifests in two promaryl forms 1. Physical weakness ⦁ General neurasthenia/ Weakness in legs/ Sexual Weakness 2. Mental weakness⦁ Failing memory & concentration / Alzheimer’s disease/ Parkinson’ disease Old age problemsHealth risks associated with old age are as follows ⦁ The risk of having at least one chronic disease, such as hypertension, diabetes and osteo-muscular conditions like osteoporosis or arthritis increases.⦁ Risk for developing most types of cancer increases with age – prostate cancer, cervical cancer, lung cancer , breast cancer and colon cancer are common cancers associated with advanced age.⦁ Cardiovascular diseases – heart failure, heart disease, arrhythmia, hypertension, orthostatic hypotension, stroke, congenital heart disease.⦁ Poor Mental health – dementia, depression is common in old age⦁ Impaired vision and Hearing Loss Treatment: Brahm Homeopathy offers best  health care choices that aims to prevent physical disability and increase active life expectancy through holistic care.   Prognosis in homeopathy It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proved, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.  
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Infertility treatment in homeopathy
A common condition, female infertility is an inability to get pregnant and have a successful pregnancy. This is typically diagnosed after a woman has tried to get pregnant (through unprotected sex) for 12 months without a pregnancy.  SYMPTOMS :- Problems with the uterusProblems with the fall0pian tubesProblems with ovulationProblems with egg number and quality DIAGNOSIS AND TESTS What will my doctor ask during an appointment to diagnose female infertility? Your healthcare provider will need to know about your menstrual periods, any past pregnancies, miscarriages, pelvic pain, unusual vaginal bleeding or discharge. You may also be asked about any past pelvic infections or sexually transmitted infections (STIs). Some questions may include: Have you had any previous pregnancies or miscarriages? Is your menstrual cycle normal and regular or painful and irregular?Do you have heavy bleeding or abnormal discharge?Do you have any pelvic pain?Have you had any abdominal surgeries in the past? Infertility Treatment: Best Homeopathic Doctor  for Infertility treatment in India.  call for your health : 9429065457 and book an Appointment with Dr.Pradeep kushwaha, and get Homeopathic Treatment. Prognosis in homeopathy It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you.  Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proven, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.  
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Treatment of Motor neuron disease
Treatment of Motor neuron disease at Brahm Homeopathy involves a specially developed treatment protocol that includes customized homeopathic medicines. Our speciality homeopathy Treatment for Motor neuron disease can help in stopping and relieving. The symptoms of Motor neuron disease like muscle achesclumsiness, stumbling.weakness or changes in handslegs and voice.slurred speechswallowing or chewing difficulty.fatigue.muscle wasting, weight loss. What is Motor neuron disease ? Motor neurons control important muscle activity, such as:grippingwalkingspeakingswallowingBreathing.As the condition progresses, people with motor neuron disease will find some or all of these activities increasingly difficult. Eventually, they may become impossible.The condition can affect adults of all ages, including teenagers, although this is extremely rare. It’s usually diagnosed in people over 40, but most people with the condition first develop symptoms in their 60s. It affects slightly more men than women. Causes The causes of motor neuron disease are not yet known, but ongoing research throughout the world is looking for causes. There are many theories, including exposure to environmental toxins and chemicals, infection by viral agents, immune mediated damage, premature ageing of motor neurones, and loss of growth factors required to maintain motor neurone survival and genetic susceptibility. Most cases of MND occur spontaneously. These are said to be sporadic – meaning occurring in scattered or isolated instances without clearly identifiable causes. Prognosis in homeopathy It is curable with homeopathic treatment. Since how long you are suffering from disease, has to do a lot with treatment plan. No matter, since when are you suffering from your disease either from recent time or since many years -everything is curable with us but in early stage of disease, you will be cured faster. For chronic conditions or in later stage or in case of many years of suffering, it will take longer time to be cured. Intelligent person always start treatment as early as observe any sign and symptom of this disease, so immediately contact us as soon as you observe any abnormality in you. Treatment Plan of Brahm Homeopathic Healing & Research centre Brahm research based, clinically proven, scientific treatment module is very effective in curing this disease. We have a team of well qualified doctors who observe and analysis your case systematically, record all the signs and symptoms along with progress of disease, understand its stages of progression, prognosis and its complications. After that they clear you about your disease in details, provide you proper diet chart [what to eat or what not to eat], exercise plan, life style plan and guide you about many more factors that can improve your general health condition with systematic management of your disease with homeopathic medicines till it get cured.
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Kidney Stone Treatment Without Surgery
Day by day kidney stones problem are increasing and people are turning towards surgery. Even after surgery some complications remains and stone formation takes place. there is a precise medicated treatment for kidney stones which cures stones and also prevent its formation. renal calculi/kidney stones are the solid mass made up of crystals originate in kidneys result into intense pain around kidney region or/and along the line of urinary tract. lets understand urinary tract system before understanding kidney stone. urinary system is made up of following.beans shaped 2 kidneys2 uretersurinary bladderurethra    Main function of kidneys are followingfilteration of bloodabsorbs nutritionsend purified blood to heartsexcrete waste product as urine through urinary tract system.lets understand how does stone forms in kidneys.  when this filtration is affected by following reasons oxalate or other crystals do not pass through urinary system, stone formations takes place in kidneys.Cause and Risk group people diet high in calcium oxalatehabit of drinking less waterkidney infectionspolyp in kidneystrauma to kidneys.bowel disease where more calcium is absorbed.sedentary lifeperson who are always busy in life past history of kidney stonefamily history of kidney stonesome of all0pathic medication.Types of stonescalcium oxalateuratesstruvitcrystineSign and symptom of kidney stoneintense pain along the line of urinary system whenever stone tries to move from its location anywhere from this four location kidney-ureter-bladder-urethra.blood in urinefrequent urge to urinateurinating small amount of urinediscoloured or foul smelling urinenausea, vomitingdigestive disturbancefever and chillDiagnosisthrough clinical presentationUSG whole abdomen will reveal exact size, number and location of stones.X-RAY KUBCT scan MRIPrognosisif the stone is of small size prognosis is better.if the stone is of bigger size it produces obstruction and result into collection of urine in kidney because of back pressure and result into kidney damage or failure if not treated in time.people who have already gone for surgery may result into some minor or major complication from surgery.even after surgery stone formation takes place againmild to severe kidney infectionTreatment of kidney stone/renal calculiPeople these days turning towards surgery for short cut and from advertisements but those who have gone through surgery they might feel some or more complication from surgery and they also suffer from again and again stone formation. so surgery is not a right solution for all kidney stones. treatment should involve cure of stone along with prevention of formation of stone thats what we do at Brahm Homeopathic healing and research centre. Kidney Stone Treatment Without SurgeryBrahm homeopathy research based scientific treatment protocol involves cure of stoneprevention of formation of stonecorrection of proper diet and life styleBrahm Homeopathic healing and research centre strengthhighly experience team of doctorshigh quality medicine from helios homeopathy pharmacy -LONDON.Guided treatment with 24 hours availability for our patients for helping them.proper follow up management till he get cured.diet plan and life style correction according to disease he is suffering.There are many homeopathic medicines in homeopathy namely berberis vulgariscantharissarsaparillalycopodiumcalcarea carbcalcarea renalissepia and many more , this list will go upto 200 and even more. but we can not give all 200 medicines in one patients. homeopathic fundamentals are different than other modes medical sciences. if 10 people have fever than you will prescribe same medicine to all patients but in homoepathy, all 10 people will receive 10 different medicines. At Brahm Homeopathy we understand person's disease in detail, his life style , life situation , stress in life along with understanding his nature and personality and then final we select exact medicine for him which will cure his kidney stones and also prevent it to come back. Diet and life style correctiondrink more water reduce calcium oxalate rich dietavoid sedentary liferegular assessment of stone while you are on treatment till you get curedmore about diet will be explained at our centre Brahm homeopathic healing and research centre. CURE AND PREVENTION OF KIDNEY STONE/RENAL CALCULI IS VERY SIMPLE THROUGH BRAHM HOMOEPATHIC MEDICINES.
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Pancreatitis Treatment in Homeopathy|Without Surgery cured
Pancreas is a very important organ of digestive system , situated in upper abdomen just behind stomach and close to duodenum. it is 6 to 8 inches long and around 2 to 3 inches wide. It has mainly two type of functions exocrine and endocrine. exocrine function regulate blood sugar level by secreting endocrine function helps in digestion by secreting digestive enzymes called amylase, lipase, protease. amylase helps in digestion of carbohydrates, lipase helps in digestion of fat and protease helps in digestion of protein. Inflammation of pancreas called pancreatitis. Acute episodes are called acute pancreatitis and if it become chronic, recurrent this condition called chronic pancreatitis.   Pancreatitis Treatment in Homeopathy and review Sign and symptom-   pain in upper part of belly that goes into back and its intolerable. Eating makes it worse especially high fat diet. nausea and vomiting digestive disturbance oily stool and diarrhoea bloating  imbalance blood sugar level  diabetes  Cause and Risk factors of pancreatitis Use of lots of alcohol Eating outside food , junk food  high fat food sydentory habits autoimmune disease infection all0pathic medication surgery trauma gall stone in some cases.   Diagnosis of pancreatitis Clinical history  USG abdomen CT scan abdomen.     Progression of pancreatitis               in the beginning there is inflammation then gradually after recurrent episodic attacks, pancreas atrophies, calcification and stone formation takes place. As disease progress diabetes comes in the picture. in the end , in cases cancer is the out come.    Brahm Homeopathic Treatment for acute and chronic pancreatitis.            This condition is progressive in nature and gradually atrophies pancreas ,calcification and stone formation takes place and in the end in some case result into cancer. doctors advice for surgery by removal of affected areas. even after surgery condition remains the same in most cases and patient suffers life long for this disease but Brahm homeopathy has its own treatment protocol where COMPLETE CURE OF PANCREATITIS takes place. some of qualities and curative procedure is explained here and rest will be explain at our hospital.  there are many homeopathic medicines for pancreatitis but selecting which one is the best for each cases is the artistic part of homeopathy and for that experienced and expertise doctors are needed. expertise team of doctors precise, focused and patient centric curative approach. treatment includes high quality medicine from LONDON. diet plan   Diet plan / Tips As you all know alcohol consumption, unhealthy diet  and improper life style is the main cause of pancreatitis.  some of important healthy diet is explained here and rest will be explain at Brahm homeopathic hospital. dont take alcohol if you are a sufferer and take list if you want prevent pancreatitis. avoiding outside, unhealthy, high fat junk food. avoiding sedentary life regular exercise eat lots of green veg use of more fruits drink lots of water use of more juice and liquid diet avoiding spicy food   
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