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chronic pancreas kyu hota hai
१) क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस क्यों होता है ? पाचन तंत्र के अलग - अलग रोगों में से एक महत्वपूर्ण समस्या है पैन्क्रियाटाइटिस, जिसमें पैंक्रियास में सूजन हो जाती है। यह दो तरह का होता है: १)एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस २)क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस१)एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिसएक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस में दर्द अचानक से होता है और कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, यदि समय से इलाज न हो तो यह समस्या ज्यादा बढ़ सकती है २) क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिसक्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस लंबे समय तक हो सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं कड़ी कर सकता है। आज का लेख हम आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के कारणों के बारे में चर्चा करने वाले है २) क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के कारण ? * शराब का ज्यादा सेवन : करने से क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे आम और प्रमुख कारण शराब का सेवन है।  * आनुवंशिक कारण : कुछ लोग के परिवार के इतिहास में इस रोग का होना ही इसके विकास की संभावना को और भी बढ़ा सकता है। * ज्यादा चर्बी वाला आहार : लंबे समय तक के सेवन से अग्न्याशय की गतिविधियों में अड़चन कर सकता है, * धूम्रपान : यह अग्न्याशय को सीधे ही नुकसान पहुंचाता सकता है और सूजन भी बढ़ सकती है * कैल्शियम का स्तर : शरीर में अग्न्याशय की नलि में जमा होने से सूजन पैदा कर सकता है।  *** क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस गंभीर स्थिती है इसके बचाव के लिए सही समय पर उपचार करना जरुरी है। इसके लिए समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना जरुरी है
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bronchitis & colities ka ilaaj
१) ब्रोंकाइटिस & कोलाइटिस का इलाज़ ? ब्रोंकाइटिस और कोलाइटिस दो प्रमुख शारीरिक बीमारी की स्थितियां हैं ,जो की मनुष्य के फेफड़े और पाचन तंत्र को असर करती हैं। ये समस्याएं अक्सर असुविधाजनक हो सकती हैं और इनके लिए उचित उपचार जरुरी होता है। इस आर्टिकल में हम ब्रोंकाइटिस और कोलाइटिस के बारे में बात करने वाले है । २) ब्रोंकाइटिस का इलाज ? ब्रोंकाइटिस फेफड़ों की स्थिति है जिसमें ब्रॉन्कियल ट्यूब्स में सूजन होती है। यह एक श्वसन संक्रमण है जो वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है. इनके कारणों से गले में खांसी, और गले में खराश जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ३) ब्रोंकाइटिस का चिकित्सकीय उपचार? * एंटीबायोटिक्स : यदि डॉक्टर को संदेह है कि ब्रोंकाइटिस होने का कारण बैक्टीरियल संक्रमण है, तो एंटीबायोटिक्स लिख सकते है* स्टेरॉयड्स : सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर स्टेरॉयड्स भी लिख सकते हैं, जिससे लक्षणों में सुधार देखने को मिलता है। ४) कोलाइटिस का इलाज ? कोलाइटिस एक ऐसी स्थिति है जहां पर बड़ी आंत में सूजन आ जाती है। इसके कारण पेट में दर्द, दस्त और आंतों की समस्याएं भी हो सकती हैं।  ५) कोलाइटिस का घरेलू उपचार क्या है ? - आहार में परिवर्तन : उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, प्रोबायोटिक्स, और एलोवेरा जूस का सेवन कोलाइटिस के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है।  - योग : तनाव को कम करने के लिए योग प्रभावी हो सकते हैं, जिससे पेट की समस्याओं में कमी देखने को मिलती है
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ulcerative colitis ka homeopathic me ilaaj
१) अल्सरेटिव कोलाइटिस का असरकारक इलाज ? अल्सरेटिव कोलाइटिस आंतो से जुडी एक समस्या है, जो बड़ी आंत में सूजन और जलन की परेशानी होती है । कोलन में छाले हो जाने से उसकी समस्या होती है । इसका समय पर यदि इलाज न करे तो ये आगे चलकर बड़ी समस्या बन जाती है।    २) अल्सरेटिव कोलाइटिस होने के क्या लक्षण दिखाई देते है ? अल्सरेटिव कोलाइटिस के सामान्य लक्षण है, जो की की निचे बताये अनुसार हो सकते है  * दस्त  * पेट में ऐठन होना  * मल के साथ में खून आना * वज़न घट जाना   ३) अल्सरेटिव कोलाइटिस से बचने के लिए क्या करे ? अल्सरेटिव कोलाइटिस से बचने का कोई भी सटीक तरीका तो नहीं है,पर सही से ध्यान रखने से हम बच सकते है  -कम चर्बी वाले आहार का सेवन करना  - डेली kasarat करे  - एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं का सेवन से कुछ राहत मिल सकती है - तनाव को कम करने वाले योग करे
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mesenteric lymph nodes ka ilaaj
१) मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स का होमियोपैथी में इलाज ? मानव शरीर में पेट के अंदर स्थित होते हैं ,पाचन तंत्र का महत्वपूर्ण भाग हैं। लिम्फ नोड्स हेल्थ और इम्यून सिस्टम के फंक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब इनमें सूजन होती है, तो यह चिंता का कारण बन सकता है।२) मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के कौन से लक्षण होते है ?मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के कुछ लक्षण अपेंडिक्स जैसे हो सकते है , -पेट के निचले दाहिने हिस्से में दर्द का होना -बुखार -उल्टी या मतली  ३) मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के कारण कौन से है ? मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के कारण नीचे बताये अनुसार हो सकते है जैसे की , -पेट फ़्लू जैसा वायरल संक्रमण -श्वसन का संक्रमण -बैक्टीरियल का संक्रमण ४) मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स से बचने के उपाय ?-पर्याप्त मात्रा में आराम करें.- तरल पदार्थ पीएं -पेट पर गर्म,या नर्म कपड़ा लगाएं- सही से पच जाये ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं.
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homeopathic me pancreas ka ilaaj
१) पैंक्रियास का होमियोपैथी में इलाज ? पैंक्रियास, जिसे अग्न्याशय के नाम से भी कहा जाता है, शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक भाग पैंक्रियास है। यह भोजन के पाचन में मदद करता है और हार्मोन का उत्पादन कर के ग्लूकोज स्तर को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।    २) पैंक्रियास स्वास्थ्य में सुधार के लिए होमियोपैथिक सुझाव? - पैंक्रियास को स्वास्थ्य बनाए रखने और होमियोपैथिक उपचार की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए, निम्नलिखित सुझावों का पालन करना चाहिए  * संतुलित आहार: * नियमित कसरत : * तनाव प्रबंधन: *नियमित डॉक्टर से जांच:   ३) पैंक्रियास ख़राब होने से शरीर में क्या-क्या लक्षण दिखने लगते है ? * वजन घट जाना * पेट में ज्यादा दर्द का होना  * मतली और उल्टी * डायरिया * हाई ब्लड शुगर * थकान और कुपोषण
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appendix ka bina surgery ilaj
1) अपेंडिक्स का बिना सर्जरी इलाज? अपेंडिक्स का अचानक से सूज जाना या उसमें संक्रमण होना एक गंभीर परीस्थिति हो सकती है, जिसे अपेंडिसाइटिस कहा जाता है। नार्मल रूप से चिकित्सा में अपेंडिसाइटिस का इलाज सामान्य रूप से सर्जरी के माध्यम से किया जाता है, जिसे अपेंडेक्टॉमी कहा जाता है। हालांकि, मेडिकल क्षेत्र में हो विकास के कारण अब कुछ वैकल्पिक और गैर-सर्जिकल उपचार भी उपलब्ध हो रहे हैं। आज का लेख अपेंडिक्स के बिना सर्जरी इलाज पर आधारित है 2. नए चिकित्सा के नए विकल्प? हाल ही के वर्षों में, मेडिसिनल थैरेपी के माध्यम से अपेंडिसाइटिस के पीछे संक्रमण के कारकों को कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है। अगर मरीज की स्थिति हल्की है और स्थिति इतनी गंभीर नहीं है तो तुरंत सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता हो, तो एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल से अपेंडिसाइटिस का इलाज संभव है। लेकिन इस उपचार पद्धति का चयन करने से पूर्व कॉन्सल्टेंट का अनुमति लेना भी जरुरी है। * एंटीबायोटिक्स का उपयोग : एंटीबायोटिक्स के उपयोग से संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है। एंटीबायोटिक्स सूजन को कम करती हैं और अपेंडिक्स में संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करती हैं। * जीवनशैली में परिवर्तन : * योग और ध्यान: तनाव और चिंता का शरीर की कई समस्याओं पर प्रतिकूल प्रभाव होता है। योग और ध्यान के माध्यम से मानसिक शांति बनी रहती है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।   3) अपेंडिक्स के लक्षण क्या है ? -पेट के दाहिने निचले हिस्से में दर्द -भूख कम लगना: -बुखार: -गैस और अपच   4. अपेंडिक्स के कारण क्या है ? - अपेंडिक्स में रुकावट (मल, लसीका ऊतक, या अन्य कारणों से)। - बैक्टीरियल संक्रमण। -पेट की चोट या किसी बाहरी दबाव के कारण सूजन।
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pancreatitis ka baar baar attack kyu hota hai
1.पैन्क्रियाटाइटिस का अटैक बार बार क्यों होता है ? अग्न्याशय पेट के पीछे स्थित एक ग्रंथि है जो पाचन एंजाइम और हार्मोन का निर्माण करते है। पैन्क्रियाटाइटिस तब होता है जब एंजाइम अग्न्याशय के अंदर ही सक्रिय हो जाते हैं, और परिणाम स्वरूप सूजन और क्षति होती है।    2. पैन्क्रियाटाइटिस के अटैक बार-बार होने के प्रमुख कारण? * वायरल संक्रमण,* शराब का अधिक सेवन* पित्ताशय की पथरी* आनुवांशिक कारक*अस्वास्थ्य आहार* अधिक दवाएं का सेवन 3. पैन्क्रियाटाइटिस अटैक से बचने के लिए सुझाव? - कम शराब का सेवन करना - स्वस्थ आहार का उपयोग - नियमित डॉक्टर से जाँच  -डॉक्टर के सलाह का पालन करना  - इन उपायों का पालन करके व्यक्ति पैन्क्रियाटाइटिस के बार-बार होने वाले अटैक से बच सकता है
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pancreatitis me tumor hone se jaundice kyu hota hai
१)पैन्क्रियाटाइटिस में ट्यूमर होने से जॉन्डिस क्यों होता है ? पैन्क्रियास शरीर का एक ऐसा भाग है , जो की शरीर में पाचन एंजाइम और हार्मोन जैसे इंसुलिन का उत्पादन करता है। यह पेट के पीछे स्थित होता है और इसके सामान्य कार्य में रुकावट कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। - ऐसी ही एक गंभीर समस्या है ट्यूमर के कारण पैन्क्रियाटाइटिस में जॉन्डिस का होना । २) पैन्क्रियास में ट्यूमर और जॉन्डिस का संबंध क्या है? पैन्क्रियास में ट्यूमर, इसके सिर वाले भाग में होता हैं, पित्त नली या बाइल डक्ट को संकुचित कर सकते हैं।  - बाइल डक्ट वह नलिका है , जिसके माध्यम से पित्त लिवर से छोटी आंत में जाता है। जब ट्यूमर इस नली को अवरुद्ध करते है, तो पित्त का प्रवाह बाधित होने लग जाता है, और यह लिवर में इकट्ठा होने लगता है। इस स्थिति में बिलीरुबिन का स्तर रक्त में बढ़ जाने से जॉन्डिस की स्थिति होती है।  ३) पैन्क्रियास में ट्यूमर के कारण हुए जॉन्डिस के लक्षण क्या हैं? -आंखों का पीलापन होना -खुजली -गहरे रंग का मूत्र -वजन घट जाना - पेट में दर्द का होना  - इन लक्षणों के दिखने से डॉक्टर अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई, जैसे परीक्षणों का सुझाव दे सकते हैं। ये परीक्षण ट्यूमर के स्थान, आकार और उसकी जॉन्डिस में भूमिका को समझने में मदद करते हैं।
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chronic calcific pancreas best treatment
१)क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस का असरकारक इलाज ? क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस एक लंम्बे समय की स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें पैंक्रियास में स्थायी रूप से सूजन और कैल्सिफिकेशन हो जाता है। यह स्थिति शराब के ज्यादा सेवन, आनुवंशिक कारणों, या कुछ चयापचय विकारों के कारण से विकसित होती है।  - इस रोग में पैंक्रियास अच्छे से एंजाइम और इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है , जिससे पाचन और रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में कठिनाई होती है। २) क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस के लक्षण ? * पेट के ऊपरी हिस्से में ज्यादा दर्द का होना , कब्ज या डायरिया,  * वजन घट जाना , * डायबिटीज    ३) क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस का निदान ? क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस का निदान करने के लिए डॉक्टर कई प्रकार के जाँच का सहारा लेते हैं। इनमें अल्ट्रासाउंड, -सी.टी. स्कैन, - एम.आर.आई., -रक्त परीक्षण प्रमुख हैं। इन जाँच के माध्यम से अग्न्याशय के कैल्सिफिकेशन और सूजन का पता लगाया जा सकता है
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pancreatitis se pareshan logo ko diabetes kyu hota hai
1) पैंक्रियाटाइटिस से पीड़ित लोगों को डायबिटीज़ क्यों होता है? पैंक्रियाटाइटिस और डायबिटीज़ दोनों ही स्वास्थ्य के लिए गंभीर स्थितियाँ हैं, जिनका उपचार समय पर होना ज़रूरी है। जहाँ पैंक्रियाटाइटिस मुख्य रूप से अग्न्याशय की सूजन से जुडा है, और डायबिटीज़ शरीर में इंसुलिन की कमी से संबंधित होती है। हालांकि ये दोनों स्थितियाँ अलग-अलग स्वास्थ्य के मुद्दे हैं, परंतु इनका एक-दूसरे के साथ गहरा संबंध है। 2) पैंक्रियाटाइटिस और ग्लूकोज मेटाबॉलिज़्म? अग्न्याशय का प्रमुख कार्य शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करना है। यह इंसुलिन और ग्लूकागोन जैसे हार्मोन बनाता है जो की ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित बनाये रखते हैं। जब पैंक्रियाटाइटिस की वजह से अग्न्याशय की कोशिका को नुकसान होता हैं, तो इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है। - इंसुलिन की कमी से हमारे शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करते है, जिससे ब्लड शुगर लेवल अधिक हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप डायबिटीज़ का खतरा बढ़ सकता है। 3 ) पैंक्रियाटाइटिस से डायबिटीज़ के कुछ जोखिम कारक ? * पारिवारिक इतिहास :- जिन लोगों के परिवार में पैंक्रियाटाइटिस या डायबिटीज़ का इतिहास होता है, उनमें इस बीमारी के विकसित होने की संभावना अधिक होती है।  * अधिक वजन और मोटापा  * अधिक शराब का सेवन करना
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bacho me pancreas ka ilaaj kse kre
१) बच्चो में पैंक्रियास का इलाज कैसे करे? पैंक्रियास यह गंभीर बीमारी है, जिसमें पैन्क्रियास में सूजन देखने को मिलती है यह समस्या बच्चों में कम देखने को मिलती है, लेकिन जब यह होता है , तो इसके इलाज की गंभीरता को समझना जरुरी है। - बच्चों में पैंक्रियास का कारण, लक्षण, और उपचार जानना बहुत जरूरी है ताकि माता-पिता सही समय पर उपचार करा सकें। २) बच्चो में पैंक्रियास के कारण क्या है ? बच्चो में पैंक्रियास के कई कारण हो सकते हैं। इनमें प्रभावशाली कारण देखने को मिलते है जैसे की , -जनेटिक म्यूटेशन, -वायरल इंफेक्शन, -दवा के दुष्प्रभाव, -पित्ताशय की पथरी कुछ मामलों में, कारण का पता लगाना मुश्किल होता है, और इसे इडियोपैथिक पैंक्रियास कहा जाता है। ३)बच्चो में पैंक्रियास के लक्षण की पहचान कैसे होती है ? बच्चों में पैंक्रियास के लक्षण बड़ों मरीज से अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण देखने को भी मिलते है जैसे की -पेट में तेज दर्द का होना , -उल्टी,  -भूख में कमी होना  ४) पैंक्रियास के उपचार की विधि? -पैंक्रियास वाले बच्चों के लिए लंबे समय तक देखभाल, उचित आहार पालन, और नियमित चिकित्सा जांच आवश्यक होती है। अग्न्याशय के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ये कदम जरूरी होते हैं:  * फॉलो-अप : डॉक्टर के साथ डेली जांच से किसी भी जटिलता को जाना जा सकता है * आहार का ध्यान रखना : कठिनाई से पचने वाले खाद्य पदार्थों से बचें, और संतुलित आहार ले । * शारीरिक गतिविधि : स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करना जरुरी है
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pancreatitis me kon se exercise kar sakte hai
१ ) पैंक्रियाटाइटिस में कौन से एक्सरसाइज कर सकते है? पैंक्रियाटाइटिस एक गंभीर बीमारी है, जिसमें पैंक्रियास में सूजन होती है। यह स्थिति अचानक से अक्यूट पैंक्रियास भी हो सकती है या लम्बे समय के बाद क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस के रूप में भी हो सकती है। -पैंक्रियाटाइटिस से ग्रस्त मरीज को अपने स्वास्थ्य का बहुत ही ध्यान रखना पड़ता है, जिसमें सही चिकित्सा, सही आहार और नियमित व्यायाम शामिल हैं। - पैंक्रियाटाइटिस के होने पर कौन से व्यायाम करना अच्छा है ,जो हम इस आर्टिकल के बारे में चर्चा करेंगे २) पैंक्रियाटाइटिस के लिए योग्य व्यायाम कौन सा है ? -भुजंगासन (Cobra Pose): यह आसन पेट के अंगों की मालिश करता है और सहनशक्ति को बढ़ाता है। -वज्रासन (Thunderbolt Pose):यह आसन पाचन क्रिया को सुधारता है और रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। - पैदल चलना ३) पैंक्रियाटाइटिस में योग्य करने से पहले कौन कौन से बातो का ध्यान रखना चाहिए ? - डॉक्टर से परामर्श : किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना जरुरी है। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि व्यायाम आपके स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति के अनुकूल है या नहीं  -नियंत्रित आहार: यह शरीर की ऊर्जा को सही बनाए रखने में मदद भी करेगा।  -हाइड्रेशन पर ध्यान: सही मात्रा में पानी पीने से शरीर में लिक्विड का संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है,जो व्यायाम के दौरान आवश्यक होता है।
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pancreatitis ka chamatkari ilaaj
१ ) पैंक्रियाटाइटिस का चमत्कारी इलाज ? पैंक्रियाटाइटिस यह शब्द सुनते ही लोगों के मन में एक भय हो सकता है । यह एक ऐसी स्थिति है, जो पैंक्रियाज के सूजन से जुड़ी होती है, अग्न्याशय जो हमारे पेट के पीछे स्थित होता है और यह पाचन में अहम रोल निभाता है। - यह इंसुलिन और ग्लूकागॉन जैसे हार्मोन्स का उत्पादन भी करता है, जो की शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करते हैं। जब अग्न्याशय में सूजन आ जाती है, तो यह उसके कार्य करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है और इससे पाचन और हार्मोनल संतुलन बाधित हो सकता है। २) पैंक्रियाटाइटिस होने पर कौन-कौन से लक्षण देखने को मिलते है ? पैंक्रिअटिटिस के लक्षण हल्के से गंभीर भी हो सकते हैं, आमतौर पर पैंक्रियाटाइटिस में पाए जाने वाले लक्षण निम्नलिखित हैं:  -पेट में सूजन और कोमलता -भूख भी कम लगना और अपच होना -वजन का घट जाना -आँतों की गति में कमी ३) पैंक्रियाटाइटिस से बचने के उपाय? पैंक्रियाटाइटिस से बचने के लिए कुछ उपाय बताये गए है ,जिसे की  -संतुलित आहार का सेवन करें, जिसमें फल, सब्जियाँ, और अनाज शामिल हों। - कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करें। -नियमित व्यायाम करें जिससे वजन नियंत्रित रहे।
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ovarian cyst fatne se kya hota hai?
१) ओवरी सिस्ट फटने से क्या होता है? महिलाओं के प्रजनन तंत्र का एक महत्वपूर्ण भाग हैं और यह हानिरहित होता हैं। हालांकि, कभी-कभी यह सिस्ट फट भी सकता हैं, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता हैं। इस आर्टिकल में, हम ओवरी सिस्ट के फटने के परिणाम स्वरूप होने वाली जटिलताओं, उनके लक्षणों और उपचार के तरीकों को विस्तार से समझेंगे। २) ओवरी सिस्ट क्या है? ओवरी सिस्ट (अंडाशय की पुटिका) तरल पदार्थ से भरी थैली होती हैं, जो अक्सर महिला के अंडाशय में बनती हैं। अधिकांश ओवरी सिस्ट हानिरहित होती हैं और समय के साथ ही गायब हो जाती हैं। -फॉलिक्रुलर सिस्ट: यह तब बनती है जब अंडाशय फॉलिकल टूटने में विफल रहता है और सीरम तरल पदार्थ से भर जाता है। -कॉर्पस ल्युटेम सिस्ट: यह तब बनती है जब फॉलिकल टूटने के बाद अंडाणु छोड़ता है और वह फॉलिकल तरल पदार्थ से भर जाता है। ३)ओवरी सिस्ट के फटने के कारण क्या है? ओवरी सिस्ट फटने के कई कारण हो सकते हैं, जोकि निचे बताये अनुसार है , -सिस्ट का आकार: बड़ी सिस्ट के फटने की संभावना अधिक होती है। -शारीरिक गतिविधि: भारी शारीरिक गतिविधि, व्यायाम, या संभोग के दौरान सिस्ट फट सकती हैं। -हार्मोनल परिवर्तन: मासिक धर्म चक्र के विभिन्न चरणों में हार्मोनल उतार-चढ़ाव भी इसे प्रभावित कर सकते हैं। ४) फटी हुई ओवरी सिस्ट के लक्षण क्या है ? जब एक ओवरी सिस्ट फटती है, तो यह निम्नलिखित लक्षण उत्पन्न कर सकती है: -तीव्र पेट दर्द: निचले पेट में अचानक और गंभीर दर्द महसूस हो सकता है। -सूजन और क्लेम्पिंग: पेट की सूजन या ऐंठन हो सकती है। -रक्तस्राव: योनि से असामान्य रक्तस्राव देखा जा सकता है।
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acute pancreatic pancreas treatment in hindi
१) तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ का असरकारक इलाज? -तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो पैंक्रियास के सूजन का ही परिणाम होता है। इस स्थिति में अग्नाशय के ऊतक नुकसान पहुंचते हैं और वे मरने लगते हैं (नेक्रोटाइज़िंग प्रक्रिया), जिससे मरीज को गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। यदि समय पर उचित इलाज इलाज न हो तो यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। २) तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ का परिक्षण और निदान? तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ कुछ टेस्ट को पहले प्राथमिकता दी जाती है जिसमे MRI या CT स्कैन द्वारा अंगों की स्थिति का पता लगया जाए। - रक्त परीक्षण और लिपेज या अमिलेस एंजाइम के स्तर की जांच भी करना आवश्यक होता है। यह निदान की प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण होती है ३) तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ के कारण ? - अनुवांशिक कारण -गॉलस्टोन्स -उच्च वसा वाले आहार -बहुत ही शराब का सेवन
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pancreas ke dard ko kse pata laga sakte hai
1) पैंक्रियास के दर्द को कैसे पहचाने ? अग्नाशयशोथ का दर्द आमतौर पर हमारे पेट के ऊपरी मध्य या बाएं हिस्से से शुरू होता है, और यह आपकी पीठ या बाएं कंधे की हड्डी तक फैल सकता है। यह आमतौर पर मरीज को अचानक से ही दर्द आता है और फिर लगातार बढ़ता जाता है, और यह कई दिनों तक दर्द रह भी सकता है। 2) अग्नाशयशोथ होने का कारण क्या -क्या हो सकता है ? अग्नाशयशोथ होने का कारण बताये अनुसार हो सकते है ,जैसे की  -अधिक दवा का सेवन करना- गैल्स्टोन-बहुत ज़्यादा शराब पीना 3) अग्नाशयशोथ के लक्षण कौन-कौन से है? अग्नाशयशोथ होने का लक्षण बताये अनुसार हो सकते है ,जैसे की-मतली और उल्टी- वजन कम होना -पेट में कोमलता-अधिक पेट में दर्द का होना 4 )अग्नाशयशोथ का होमियोपैथी में सही इलाज क्या है ? क्या अग्नाशयशोथ दर्द का कारण बनता है? और अगर ऐसा है, तो इसे दर्द के रूप में कैसे पहचाना जाए? यह सवाल आम तौर पर कई रोगियों द्वारा पूछा जाता है। तो, अगर आप विस्तार से समझें, तो अग्नाशयशोथ दो प्रकार का होता है, तीव्र और जीर्ण। और रोगी या तो तीव्र चरण या जीर्ण चरण में होता है।और यह दो तरह से जुड़ा हुआ है। ज्यादातर मामलों में, यह जीर्ण और तीव्र चरण में विकसित होता है। यह मानक तरीका है जिससे रोगी हमेशा दर्द से जुड़ा होता है। दर्द ज्यादातर अग्न्याशय के बाईं ओर होता है। यह केंद्र में भी हो सकता है। और यह यहाँ से शुरू होता है और पीछे की तरफ फैलता है।बाद उल्टी होती है। यह एक विशिष्ट प्रस्तुति है। पेट में दर्द और यह पीछे की तरफ फैलता है।और इसके बाद उल्टी होती है। आप तीव्र अग्नाशयशोथ के लगभग सभी मामलों में यह तस्वीर देख सकते हैं। और जीर्ण अग्नाशयशोथ के कुछ मामले हैं। मामलों में, रोगी कभी भी दर्द से जुड़ा नहीं होता है। लेकिन समय बीतने के साथ पता चलता है कि मरीज को क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस, एट्रोफी, डायबिटीज़ आदि है। यह एक ऐसा मामला है जिसमें पैन्क्रियाज़ एंजाइम नहीं बनाता है।और इसे एक्सोक्राइन इनसफीशिएंसी कहते हैं। और इसी वजह से क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस विकसित होता है। यह समूह बहुत कम लोगों में देखा जाता है।और ज़्यादातर मामलों में यह दर्द से जुड़ा नहीं होता है। वरना अगर आप ओवरऑल देखेंगे तो 90 में से 100 यानी 95% मामलों में मामला एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस से शुरू होता है। और यह हमेशा दर्द से जुड़ा होता है। और मैंने आपको इसके खास लक्षण भी बताए। और यह खास लक्षण पैन्क्रियाटाइटिस समूह में देखा जा सकता है।
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acute necrotizing pancreas hone ka karan kya hai
१) एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस होने का क्या कारण है ? नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस तब होता है जब आपके अग्न्याशय में सूजन या चोट लगती है, और अग्नाशयी एंजाइम लीक होने लग जाते हैं। यह अग्न्याशय के ऊतक को नुकसान पहुंचाते है। इस क्षति को उलटा नहीं किया जा सकता है, तो यह नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस का कारण बनते है। कुछ मामलों में, ऊतक संक्रमित हो सकते हैं। यह बैक्टीरिया से होता है जो की मृत ऊतक में फैल जाते हैं। *** एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस होने का कारण निचे बताये अनुसार हो सकता है जैसे की  -अधिक दवा का सेवन करना --खून में कैल्सियम का अधिक स्तर , पित्ताशय की पथरी होना ,और बहुत ज़्यादा शराब पीना २) एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस का खतरा किसे है?- यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है जो की अग्नाशयशोथ का कारण बन सकती है, तो आपको एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस का जोखिम अधिक हो सकता है। इसमें पित्त पथरी शामिल है। आप अपनी स्वास्थ्य स्थिति का इलाज करके एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस के जोखिम को कम भी कर सकते हैं। जिसमे कम शराब पीने से भी आपका जोखिम कम हो सकता है। 3) एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस में वजन न बढ़ने का कारण क्या है ? *** एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस में वजन न बढ़ने का कारण निचे अनुसार हो सकते है ,जैसे की , -पोषण की कमी-विटामिन अवशोषण में कमी संक्रमण और सूजन  ४) होमियोपैथी में एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस का सही इलाज ? यह कोलकाता का एक 35 वर्षीय पुरुष रोगी है, जिसे तीव्र नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस अटैक हुआ है।अटैक के बाद उसे 15 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।मलबे का भी निर्माण हुआ था।इसे WOPN वियर-आउट पैंक्रियाटिक नेक्रोसिस जैसा संग्रह कहा जाता है।उसका ड्रेनेज किया गया है और ड्रेनेज ट्यूब भी लगाई गई है। यह कहानी 3 महीने से चल रही है।3 महीने पहले हुआ था और ड्रेनेज ट्यूब 3 महीने से लगी हुई है।वियर-आउट पैंक्रियाटिक नेक्रोसिस को भी निकाल दिया गया है।ड्रेनेज ट्यूब में अभी भी कुछ संग्रह है।अब, हमें उसके परिवार ने पूछा है कि उसका वजन नहीं बढ़ रहा है।कृपया हमें उसका वजन बढ़ाने का कोई उपाय बताएं।तो, यहाँ आपको बहुत गहरी समझ की आवश्यकता है। अगर मामला एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस का है, घिसा हुआ संग्रह है, ड्रेनेज है, तो सबसे पहले आप समझिए कि आप खतरे से बाहर हैं।अब एक साल तक अपना वजन बढ़ाना भूल जाइए।वजन पर ध्यान मत दीजिए।किसी मरीज को एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस अटैक होता है, तो मृत्यु दर होती है।लोगों में से करीब 10% लोगों की मृत्यु दर होती है।इस मामले को बहुत हल्के में मत लीजिए। अगर आप यहां से पार करने के बाद ड्रेनेज ट्यूब के चरण में हैं, और वजन नहीं बढ़ रहा है, तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।अगले साल वजन के पीछे मत जाइए।वजन पर ध्यान मत दीजिए। आप सही इलाज लीजिए।अगर आप ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर से जुड़े हैं,तो इसकी दवा लीजिए। खान-पान का सही तरीके से पालन कीजिए। आराम कीजिए।मानसिक रूप से तनावमुक्त रहिए। किसी भी नकारात्मक चीज़ के संपर्क में न रहें या ऐसी चीज़ों को पसंद न करें जो आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।धैर्य रखें। क्योंकि इस चरण से बाहर आना पहली प्राथमिकता है।वजन बढ़ाना पहली प्राथमिकता नहीं है।अगले साल वजन बढ़ेगा।इसलिए, इस बात पर ध्यान दें कि क्या खाना है, कैसे जीना है, जीवन की गुणवत्ता कैसे सुधारनी है, अपने जीवन की देखभाल कैसे करनी है, कैसे आराम करना है।अब, जब आप सही दवाओं के साथ ऐसा करेंगे, तो धीरे-धीरे आपके मामले में सुधार होगा।4-6 महीने तक चलेगाइसके बाद, आपका स्वास्थ्य थोड़ा बेहतर दिखने लगेगा। और लगभग एक साल बाद, आपका वजन फिर से बढ़ना शुरू हो जाएगा। लेकिन मैं आपको इस वीडियो में यह ज़रूर बताऊँगा कि अगर एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस अटैक है, संग्रह है, और एक ड्रेनेज ट्यूब है, और आप इस बात को लेकर चिंतित हैं कि वजन कैसे बढ़ाया जाए, तो इस बिंदु के बारे में सोचें भी नहीं।आपको लग सकता है कि वजन बढ़ना स्वास्थ्य के बराबर है।तो, इस समय यह एक गलत गणना है। आप ऐसा तैलीय, वसायुक्त आहार देंगे जिससे दूसरा अटैक या ट्रिगर होगा, तो आप ज़्यादा ख़तरे में होंगे।तो, ऐसा मत करो। आराम से रहो।तुम्हारा वज़न बढ़ेगा।एक साल बाद, तुम्हारा वज़न बढ़ेगा।लेकिन इंसान हमारे साथ हैं।तो, सबसे पहले, ठीक हो जाओ।अग्नाशय को स्वस्थ होने दो।सिस्टम को ठीक होने दो। धीरे-धीरे, तुम्हारा वज़न बढ़ेगा।
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pancreas ka sarir me kya karya hota hai
१) पैंक्रियास का शरीर में क्या कार्य होता है ? पैंक्रियास हमारे शरीर पाचन तंत्र का मुख्या हिस्सा है। जो की इंसुलिन का उत्पादन करता है और तरल पदार्थ स्रावित करता है जो भोजन को पचाने में मदद करता है। २) एक्यूट पैंक्रियास क्यों होता है? -एक्यूट पैंक्रियास मरीज को अचानक से होने वाली सूजन है जो थोड़े समय तक तो रहती है। ज़्यादातर मरीज जो इससे पीड़ित होते हैं, यदि सही उपचार मिलने के बाद पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। गंभीर मामलों में, एक्यूट अग्नाशयशोथ रक्तस्राव, गंभीर ऊतक क्षति, संक्रमण और सिस्ट का कारण बन सकता है । 3) Acute Pancreas के लक्षण ? *** एक्यूट पैंक्रियास के लक्षण निचे बताये अनुसार हो सकते है जिसे की , -ऊंचे ब्लड शुगर का स्तर  -पेट दर्द, -उल्टी, ४) होमियोपैथी में एक्यूट पैंक्रियास का सही इलाज ? मुझे 23 मार्च, 2020 को पहला तीव्र अग्नाशयी दौरा पड़ा। मैं 6 दिनों तक आईसीयू में रहा। फिर मुझे एंजाइम और फैटी एसिड के लिए एलोपैथी दवाएँ दी गईं।एलोपैथी अग्नाशय की बीमारी का इलाज नहीं है। मुझे ये दवाएँ सहायता के लिए दी गईं। फिर मुझे ब्रह्म होम्योपैथी के बारे में पता चला।मैंने डॉक्टर प्रदीप से बात की। उन्होंने मुझे बताया कि यह एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है। हमने इसे शुरू किया।आज 1 अप्रैल, 2024 है। पिछले हफ़्ते मेरा MRI एक साल बाद किया गया था। अब मैं ऐसी स्थिति में हूँ जहाँ मेरा अग्न्याशय पूरी तरह से सामान्य है।मेरी सभी एलोपैथी दवाएँ बंद हैं। डॉक्टर प्रदीप का शुक्रिया, मुझे अपनी सभी होम्योपैथी दवाओं से मुक्ति मिल गई है। मैं कह सकता हूँ कि मुझे कभी दिल का दौरा नहीं पड़ा।लेकिन जहाँ तक मैंने देखा है, यह दिल के दौरे जैसा ही है। मुझे बहुत दर्द हो रहा था। मैं गाड़ी चला रहा था और अचानक मुझे यह दर्द हुआ।मुझे रास्ते में कार रोकनी पड़ी। मुझे एम्बुलेंस बुलानी पड़ी। मैं एम्बुलेंस में अस्पताल गया। मैं इतना चिल्ला रहा था कि मुझे कुछ भी याद नहीं था। मैं बहुत दर्द में था। उन्होंने मुझे दो दिन तक कुछ भी खाने को नहीं दिया।फिर मेरा अग्न्याशय फिर से सक्रिय हो गया। एक लक्षण यह था कि यह बहुत दर्दनाक था। उसके बाद भी, जब भी मैं खाता था, तो थोड़ा दर्द होता था।फिर आपने मुझे एक आपातकालीन दवा दी। जब भी मुझे थोड़ा दर्द महसूस होता था, मैं इसे ले लेता था। मैंने इसे पिछले 5-6 महीनों से नहीं लिया है।ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। लेकिन पहले, मुझे इसे महीने में दो बार लेना पड़ता था। अब, पिछले 5-6 महीनों से, कोई दर्द नहीं है। मैं पूरी तरह से सामान्य महसूस करता हूँ। हर कोई बहुत सहयोगी था। खासकर आप, प्रदीप कुशवाहा। जब भी मैं यहाँ से 3 घंटे के लिए बाहर रहता हूँ, तो आम तौर पर, मैं उनसे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बात करता था। और दवा मेल में आती थी। मुझे हमेशा समय पर दवा मिली है। जब भी मैं वीडियो कॉन्फ्रेंस में जल्दी में होता था, तो वे मेरी बात नहीं सुनते थे। चलो दवा जारी रखते हैं। उन्होंने मेरी बात सुनी। वो मेरे सारे सवालों के जवाब देते थे. वो मुझसे कहते थे कि धैर्य रखो. ये हो जाएगा. और ये हो रहा है. मेरी यात्रा बहुत सहज रही है. मुझे कभी कोई परेशानी नहीं हुई. मैं यहाँ दो बार व्यक्तिगत रूप से आ चुका हूँ. जब भी मुझे रिपोर्ट मिलती थी. पहली बार तब जब मैंने दवाई शुरू की थी. फिर 6 महीने बाद मुझे रिपोर्ट मिली. फिर मैं डॉक्टर को दिखाने आया. आज मैं एक साल बाद वापस आया हूँ. और हर बार मैंने आपसे वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए बात की है. मैं कहूँगा, आराम के स्तर पर, यानी दर्द का स्तर, अगर आप 1 से 10 तक पर विचार करें, पहले मेरा दर्द और असहजता का स्तर, ये 8 हुआ करता था. अब ये 2 पर आ गया है. मुझे अब ऐसा नहीं लगता कि मैं बीमार हूँ. मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं बीमार हूँ. आप मुझे दवाई शुरू करने के लिए कह रहे हैं. मैं कर रहा हूँ. मैं इस स्थिति में हूँ. मैं आपको इतना बता सकता हूँ. यानी, अभी मैं बिल्कुल सामान्य महसूस कर रहा हूँ. सामाजिक जीवन से, ईमानदारी से, सेक्स जीवन से, सब कुछ प्रभावित हुआ है. आज एक साल बाद मैं वही इंसान हूँ जो इस अटैक से पहले था। सब कुछ फिर से सामान्य हो गया है। मैं दो चीजों से सलाह लेता हूँ। पहली, एलोपैथी में पैंक्रियाटाइटिस की कोई दवा नहीं है। जहाँ तक, मैं जितने भी एलोपैथिक डॉक्टर से मिला, उनसे मुझे पता चला कि वे आपको एंजाइम देंगे, जो पैंक्रियाज को सपोर्ट करेंगे, एंजाइम बनाने के लिए। लेकिन, ऐसा नहीं है कि एक्टिव पैंक्रियाटाइटिस कभी नहीं होगा। मैं उस हिस्से को बहुत अच्छी तरह समझता हूँ कि अटैक कभी भी आ सकता है। इसके लिए मुझे डाइट, शराब से दूर रहना होगा। मैं यह सब जानता हूँ। और मुझे यह खुद ही करना होगा। लेकिन, साथ ही, होम्योपैथी जो मुझे सपोर्ट दे रही है, जो एलोपैथी नहीं दे पा रही है, वह बहुत मददगार है। अगर, 1 अच्छा स्वास्थ्य है, और 10 खराब स्वास्थ्य है, तो 2, नहीं, नहीं, 10 सबसे अच्छा स्वास्थ्य है। अगर 10 सबसे बढ़िया स्वास्थ्य है, तो मैं 8 हूँ। सबसे पहला श्रेय मैं खुद को दूँगा, कि मैं हर उस चीज़ को नियंत्रित करने में सक्षम था, जिसे नियंत्रित करने की ज़रूरत थी। मैंने पिछले एक साल से, और अब एक हफ़्ते से, शराब का एक घूँट भी नहीं पिया है। दूसरा, मैं अब बहुत जिद्दी हो गया हूँ, कि मुझे खाना है, घी, तेल, दूध, जो भी वसायुक्त है, मुझे उसे ध्यान से खाना है या नहीं। एक साल हो गया है, कि मैंने तला हुआ खाना खाया है। एक साल हो गया है। अगर मेरा मन करता है, तो मैं खा लेता हूँ।लेकिन, दूसरा, मैं कहूँगा, होम्योपैथी ने मुझे उस 8 तक पहुँचने में बहुत मदद की है। जैसा कि मैंने कई बार कहा है, इस साक्षात्कार के दौरान, और मैं इसे फिर से कहूँगा, कि ब्रह्मा होम्योपैथी, और डॉ. प्रदीप  ने, मेरे लेवल 2 स्वास्थ्य से, लेवल 8 स्वास्थ्य तक, यह बदलाव बहुत सहजता से किया है। और वे बहुत सहायक हैं। और उन्होंने न केवल होम्योपैथी के लाभों के बारे में बताया है, बल्कि यह भी बताया है कि मुझे कहाँ काम करना है, अपने आप से। कि सिर्फ़ दवाइयाँ मुझे नहीं बचा सकती, मुझे क्या करना है। उन्होंने साफ़-साफ़ समझाया है। और, इस वजह से, मैं उनका बहुत-बहुत शुक्रगुज़ार हूँ। आपकी टीम बहुत सहयोगी है। जब भी मैंने फ़ोन किया है, जब भी मुझे वीडियो कॉन्फ़्रेंस से बात करनी है, जब भी उन्होंने कहा है, कि आपको 1 से 2 बजे तक फ़ोन आएगा, उन्होंने कभी भी असभ्य व्यवहार नहीं किया है। आपकी टीम हमेशा सहयोगी रही है। मैं अपनी बात समाप्त करना चाहूँगा, एक हद तक कि, मेरी पत्नी होम्योपैथी में विश्वास नहीं करती है, और आज वो होम्योपैथी की मरीज़ है, मैं उसे यहाँ लाया हूँ। तो, मुझे लगता है कि कोई, अगर मैं अपनी पत्नी को लाऊँ, तो मुझे लगता है कि वो, सबसे ज़्यादा, मैं आपको इसके बारे में बता सकता हूँ।
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acute pancreas & necrotizing pancreas kyu hota hai
१) एक्यूट पैंक्रियास & नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास क्यों होता है ? -एक्यूट अग्नाशयशोथ अचानक से होने वाली सूजन है जो थोड़े समय तक रहती है। लेकर गंभीर, जानलेवा यह हल्की असुविधा सेबीमारी तक हो सकती है। ज़्यादातर लोग जो इससे पीड़ित होते हैं, सही उपचार मिलने के बाद पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। गंभीर मामलों में, एक्यूट अग्नाशयशोथ रक्तस्राव, गंभीर ऊतक क्षति, संक्रमण और सिस्ट का कारण बन सकता है ।  नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास - अल्कोहोल पीने से या अजीर्ण समस्याओं के कारण पैंक्रियास की शक्ति कमजोर हो जाती है, जो कि नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, अन्य विषाणुजन्य इंफेक्शन भी शरीर को कमजोर बना सकते हैं और पैंक्रियास को संक्रमण होने की संभावना बढ़ा सकते हैं। त्रैमात्मक चोटों के कारण भी पैंक्रियास पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास की संभावना बढ़ जाती है। २) एक्यूट पैंक्रियास & नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास होने के लक्षण क्या - क्या है ? अचानक से उत्पन्न हुई पेट की पित्ताशय समस्याएं अक्सर असहनीय होती हैं और सही समय पर इनका पता नहीं लगता है  -- एक्यूट पैंक्रिएटाइटिस के लक्षणों में -पेट का दर्द, -उल्टी,  -अधिक शराब पीना और दवाओं के अवयव में मिश्रण के कारण -तेजी से बढ़ता बुखार, -ऊंचे ब्लड शुगर का स्तर नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास के लक्षणों में -अल्कोहोल, -गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल इंफेक्शन -कैल्शियम का उच्च स्तर -कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर ४) होमियोपैथी में एक्यूट पैंक्रियास और नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास का इलाज ? एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस और एक्यूट नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाटाइटिस में क्या अंतर है? एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस में, इस स्थिति में, अग्न्याशय के सिर, शरीर या पूंछ में, या एक से अधिक स्थानों पर, सूजन संबंधी परिवर्तन होंगे। यह सूजन और सूजन की स्थिति है, और इस स्थिति को एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस कहा जाता है। लेकिन नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाटाइटिस एक बहुत ही खतरनाक और जानलेवा स्थिति है। और इस स्थिति में, अग्न्याशय में, ऊतकों में, कोशिकाओं में सूजन के साथ-साथ नेक्रोसिस भी शुरू हो जाता है। और वहाँ, रक्तस्राव, रक्त वाहिका से रक्तस्राव के कारण, वहाँ रक्त के थक्के दिखाई देंगे। और यह एक जानलेवा स्थिति है। अगर आप इसकी गहराई को देखें, तो इस स्थिति में लगभग 10% लोग मर सकते हैं। यह एक तरह का ऐसा मामला है जहाँ मृत्यु दर बहुत अधिक है। तो, अगर आप दोनों चीजों की तुलना करें, तो एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस एक्यूट नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाटाइटिस से ज्यादा खतरनाक, जानलेवा और बुरी स्थिति है।
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pancreas cysts kya hai?
१) पैंक्रियास सिस्ट क्या है ? पैंक्रियास आपके शरीर को रक्त शर्करा को नियंत्रित और भोजन को पचाने में मदद करता है। कभी-कभी अग्न्याशय के अंदर सिस्ट विकसित होने लगते हैं। ये छोटी, तरल पदार्थ से भरी थैलियाँ आमतौर पर कोई लक्षण पैदा नहीं करती हैं, और ज़्यादातर लोगों को पता भी नहीं चलता कि उनमें ये हैं। "60 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 10% से 20% लोगों में अग्न्याशय सिस्ट होते हैं।" इनमें से अधिकांश सौम्य होते हैं और कभी समस्या उत्पन्न नहीं करते। लेकिन अगर आपको अग्न्याशय सिस्ट है, तो आपको अग्नाशय कैंसर होने की अधिक संभावना है । २) पैंक्रियास सिस्ट के लक्षण क्या है ? ज़्यादातर सिस्ट के कारण कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन कुछ ऐसे संकेत हैं जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है। इनमें मतली , उल्टी, पेट में सूजन और पेट में दर्द शामिल हैं। -यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दो सप्ताह से अधिक समय तक महसूस हो रहा है और उसमें कोई आराम नहीं मिल रहा है, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। ३) पैंक्रियाज के एट्रोफी का क्या अर्थ है? - एट्रोफी का मतलब है कि कोई चीज छोटी हो रही है, जैसे कोई खिलौना आकार में सिकुड़ रहा है। एट्रोफिक क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस तब होता है जब पैंक्रियाज छोटा हो जाता है क्योंकि यह लंबे समय तक बीमार रहता है। यदि इस स्थिति वाला कोई व्यक्ति बहुत पतला दिखता है, तो यह इस बात का संकेत है कि स्थिति बिगड़ने से पहले उन्हें मदद की आवश्यकता है। ४) होमियोपैथी में पैंक्रियास सिस्ट और एट्रोफी पैंक्रियास का इलाज ? आज, इस वीडियो में, हम आपको एट्रोफी केस के साथ क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस दिखाएंगे, जहां स्यूडोसिस्ट की एक बड़ी साइट भी है। और जब उनका इलाज ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में किया गया, तो एक आश्चर्यजनक परिणाम सामने आया। आइए इसे विस्तार से देखें. मरीज का नाम श्रीमान है. पंकज कुमार. और वह गुजरात के एक जिले महेसाणा से हैं. उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा और ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में इलाज शुरू किया।इलाज के समय सोनोग्राफी करायी गयी. सोनोग्राफी की रिपोर्ट से पता चलता है कि अग्न्याशय का सिर और शरीर हल्का शोष दिखाता है। एट्रोफिक परिवर्तन दिखाया गया है।यह शोष का एक बहुत प्रारंभिक मामला है, अर्थात। हल्का शोष और थोड़ा शोष। और पुरानी अग्नाशयशोथ का परिवर्तन. इसका मतलब है कि पुरानी अग्नाशयशोथ के साथ हल्का शोष होता है।56 गुणा 39 मिमी का एक अच्छी तरह से परिभाषित सिस्टिक घाव। यह मध्यम से बड़े आकार में आएगा। शरीर और पूंछ क्षेत्र में 56 गुणा 39 मिमी का एक स्यूडोसिस्ट दिखाया गया है। शरीर और पूंछ क्षेत्र में 56 गुणा 39 मिमी का एक स्यूडोसिस्ट दिखाया गया है। यानी आप पूरा मामला समझ जाएंगे. 27 जनवरी 2023 को श्री. पंकज कुमार, जो महेसाणा से हैं और 31 साल के हैं, उनकी रिपोर्ट में पुरानी अग्नाशयशोथ के साथ हल्का शोष दिखाया गया है।और मध्यम से बड़े आकार का स्यूडोसिस्ट भी होता है और इसका आकार 56 गुणा 49 मिमी होता है। जब उनका इलाज शुरू हुआ तो ये उस वक्त की रिपोर्ट है. और इलाज लेने के बाद कुछ ही दिनों में उन्हें बेहतर महसूस होने लगा।और उन्होंने करीब एक या डेढ़ महीने तक इलाज करवाया. इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं क्रॉस करके देखना चाहता हूं कि उनके इलाज का क्या रिस्पॉन्स आया है. हैरानी की बात यह है कि उन्होंने वहां महेसाणा में रिपोर्टिंग की।और जब उन्होंने अपनी रिपोर्ट भेजी तो उन्हें खुद पर यकीन नहीं हुआ. श्री। पंकज कुमार जो महेसाणा से हैं और 31 साल के हैं और करीब डेढ़ महीने बाद 1-3-2023 की रिपोर्ट है. आप रिपोर्ट देखेंगे. अग्न्याशय अग्नाशयशोथ का अनुवर्ती मामला है। अग्न्याशय न्यूनतम हाइपो-इकोइक इको पैटर्न दिखाता है। यानि क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस में परिवर्तन न्यूनतम स्तर पर दिखाई देते हैं।बहुत ही हल्का असर दिख रहा है. तीव्र अग्नाशयशोथ की कोई समस्या नहीं. कोई तरल पदार्थ नहीं, कोई फोड़ा नहीं.और एनबीएम के साथ अनुवर्ती कार्रवाई मददगार है। और वर्तमान में बड़े अग्न्याशय स्यूडोसिस्ट की कोई प्रस्तुति नहीं देखी गई है। कोई बड़ा स्यूडोसिस्ट दिखाई नहीं देता।जो पहले एक स्यूडोसिस्ट था। यानी पूरा मामला समझेंगे तो समझ जायेंगे. करीब डेढ़ माह तक इलाज चला। और जब रिपोर्ट हुई तो रिपोर्ट में शोष बिल्कुल सामान्य निकला. क्रोनिक अग्नाशयशोथ में भी कई प्रतिवर्ती परिवर्तन हुए। और हल्का असर दिखा रहा है. और तीसरा, जो मध्यम से बड़े आकार का 56x49 मिमी का एक स्यूडोसिस्ट था। वह पूरी तरह से हल हो गया। बस एक महीने में. तो यह जादुई रिपोर्ट ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर के इलाज से दिखाई देती है। यही कारण है कि आज दुनिया भर से मरीज यहां जुड़ रहे हैं। और लोगों का भरोसा बहुत है. उन्हें बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं. और हम उनकी रिपोर्ट में परिणाम दिखाते हैं। साथ ही साथ मरीज़ शारीरिक, मानसिक और जीवन में भी अच्छा महसूस करते हैं। और बिल्कुल सामान्य जीवन जीना शुरू करें। मैंने यह रिपोर्ट उन लोगों के लिए प्रस्तुत की है जो क्रोनिक पैंक्रिएटाइटिस, शोष, बड़े स्यूडोसिस्ट, सर्जरी की राय से पीड़ित हैं, या अपने जीवन से निराश हैं। इन सभी लोगों के लिए ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में आशा की किरण है। इस बीमारी से आप सिर्फ दवा से ही छुटकारा पा सकते हैं। धन्यवाद
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